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Adultery Bhai behan ki majburi

ABHINEH

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दोस्तो ये मेरी पहेली कहानी होने जा रही है। मैं इसमे आपसे एक घटना शेयर करने जा रहा हूं जो कि मेरी जिंदगी में हुई है । तो सबसे पहले समझते हैं कि कौन कौन शामिल है इस कहानी में. तो आइए देखते हैं चरित्र परिचय को. 1. अभिषेक जैन - सबसे पहले मैं यानी अभिषेक कहानी का हीरो या मैं पात्र। मैं 20 साल का हूँ या अंतिम वर्ष की तैयारी कर रहा हूँ। मेरा रंग रूप भी ठीक है, किसी बिल्कुल हीरो की तरह नहीं है । 2. मेरी छोटी बहन स्नेहा जैन जिसकी उम्र 18 साल है वो कॉलेज मे पढ़ती है वो बिल्कुल रश्मीका मन्दाना के जैसे लगती है। 3. संगीता जैन - मेरी मां उम्र 46 साल, एक टिपिकल भारतीय गृहिणी है और मैं मेरी मां से बहुत प्यार करता हूं। 4. विजय जैन - मेरे पिताजी उम्र 48 वर्ष और वे इंडस्ट्रियलिस्ट हैं। ये भी स्वभाव से अच्छे हैं बस थोड़े सा गुस्से वाले हैं। फिर बारी आती है मेरे ताऊ जी के परिवार की । 5. सुरेंद्र जैन - (ताऊ जी) उम्र 51 वर्ष ये भी इंडस्ट्रियलिस्ट है। 6. नीरोज जैन (ताई जी) - उम्र 49 वर्ष ये भी मेरी मम्मी की तरह हाउस वाइफ ही है। 7. नेहा जैन (नायिका) - ये है मेरी चचेरी बहन, उम्र 21 साल, दिखने में अच्छी है, बिल्कुल सिंपल फिगर भी अच्छा बना रखा है। बिलकुल ऐश्वर्य राय की जैसे लगती है। ये एमबीए की पढ़ाई कर रही है। 8. आदित्य जैन जिसकी उम्र 19 साल है और वो कॉलेज मे पढ़ता है। हम दोनो परिवार अभी संयुक्त परिवार है। एक ही घर में रहते है। हमारा व्यापार 50000 करोड़ का है। हमारा अपना 4 बेडरूम वाला याट्च एवं अपना छोटा प्लेन है। । अभी हम दुबई मे रहते हैं। दीदी मुझे पढाई में मदद भी करती है।
 

ABHINEH

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Update 1.
कहानी शुरू होती है अब हुआ यूं कि ताऊ जी को एक चिंता सता रही थी कि अगर वो नेहा की शादी किसी और लड़के से करवाएंगे तो पता नहीं वो कैसा होगा हमारी जायदाद के लालच में कोई गलत लड़का मिल गया तो वो दीदी को बहुत प्यार करते हैं। इस चिंता के कारण उनका स्वास्थ खराब रहने लग गया था। अपनी यह परेशानी वो एक दिन ताई जी को बता देते हैं ताई जी कोई घर जमाई खोजने के लिए कहती है। ताऊ जी ने ताई जी को कहा की इस बिजनेस ईम्पायर को उन्होंने अपने भाई के साथ मिल के बहुत मेहनत से खड़ा किया है। अगर कोई गलत लड़का पैसे के लालच मे आ कर नेहा की जिंदगी और उनके इस व्यापार को बर्बाद नहीं कर दे। दीदी सुन्दर भी बहुत है एईस्वरया राय हिरोइन से भी ज्यादा कोमल सी अगर कोई जोर से उसके हाथो को पकड़ ले तो उसके हाथो मे लाल पड़ जाता है। इस चिंता के चलते ताऊ जी की भूख भी खत्म हो गई थी और उनका स्वास्थ गिर रहा था। उनके स्वास्थ्य को लेकर पिता जी माँ दीदी घर के सभी परेशान हैं। पिता जी ने ताऊ जी से पूछा तो उन्होनें अपनी चिंता की बात उनसे शेयर की। अब इसका सोलुउटसन चारो साथ बैठ कर निकाल रहे है। और ताई एवं माँ ने एक साथ कहा की नेहा की शादी घर मे ही अभिषेक के साथ एवं आगे स्नेहा की शादी आदित्य ( जब वो बड़े हो जाएंगे तो कर देंगे)
 

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Uptade 2
Bhai ki Behan Shaadhi Majburi.
यह सुनकर ताऊ जी एवं पिता जी दोनों चौंक कर अक्का बक्का हो गए।
दोनों सोच मे पड़ गए और यह तय हुआ कि आगे दुबारा बात करेंगे।
और मेडिकल इशू धर्म को भी समझना पड़ेगा।
तभी पापा ताऊ जी एक पंडित के पास संपर्क कर के उसके पास जाते हैं।
पंडित जी ने कहा कि इसमे कोई दिक्कत नहीं है
पहले महाभारत काल मे भाई बहन की शादी होती थी।
क्या कह रहे हैं आप भाई बहन की शादी में तो घोर पाप है छि छि।
पंडित जी - पाप देखिए, कुछ भी नहीं है क्योंकि दोनों की कुंडली देखने के लगता है कि ये बने ही एक दूसरे के लिए है।
ताऊ जी - पर पंडित जी ये कैसे हो सकता है हमारे समाज में तो ये गलत ही रहेगा।
पंडित जी - गलत तो कुछ भी नहीं है महाशय आज भी दक्षिण भारत में बहुत सी जगह हमारे ही धर्म में चचेरे भाई की शादी होती है। या रही बात समाज की तो समाज को बताओ ही मत थोड़े दिनों के लिए। या बच्चों को जहां रह रहे हो वहां से दूर सेटल कर दो सब सुलझ जायेगा।
अभी कमरे में सन्नाटा छाया रहता है, तभी ताऊ जी कहते हैं।
ताऊ जी - पर पंडित जी ये कैसा होगा।
पंडित जी - चट मंगनी पट शादी दो ही दिन में शादी निपटा देंगे वो भी मंदिर में या फिर आप जहाँ चाहे
भव शादी कीजिए
आप 7 दिन के बाद कोर्ट से मैरिज सर्टिफिकेट भी बनवा लीजियेगा।
मेडिकल प्रॉब्लम का सोल्यूशन डॉ से कर लीजियेगा
इनके समागम से जो औलाद पैदा होगा वो बहुत सुन्दर एवं बुद्धिमान होगा।
पापा - पर बच्चे कैसे मानेंगे, पंडित जी
पंडित जी - वो आपका जाति मामला है उसमें मैं कुछ भी नहीं कर सकता हूँ। ये काम तो आपको ही करना पड़ेगा।
 

ABHINEH

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Update 3
इसके बाद दोनों डॉ. से अपोईन्टमेन्ट ले कर पूरी बात बताई तो डॉ. ने बताया कि यहा दुबई मे ज्यादा शादी कजीन के बीच होती है। और कामयाब होती है
बच्चे भी तेज सुन्दर होते हैं
फिर भी कुछ ब्लड टेस्ट करवा लेंगे अगर कोई प्रॉब्लम हुई तो ईनजेक्सन से ठीक हो जाती है।
अब दोनों ने घर आ कर ताई एवं माँ को बताया और एक मीटिंग पूरे परिवार के साथ करने की बात हुई।
माँ ताई जी दोनों ने एक साथ आ कर मेरे से एवं दीदी और दोनों छोटो को
नीचे ड्रॉइंग रूम मे आने के लिए बोला।
दीदी ने मेरे से पूछा क्या बात है क्यों बुलाया गया है।
मैंने कहा मुझे नहीं पता चलिए चल के सुनते हैं।
शाम का समय 7 बजे होता है, हम डिनर कर चुके होते हैं या फिर ताऊ जी ये बात वहीं बैठे-बैठे सब को बताते हैं। या हमेशा की तरह जैसा होना था मैं या नेहा दीदी और चारो दोनो छोटे ही शॉक में रहते हैं कि ये क्या हुआ। भाई बहन की शादी छी छी । नेहा दीदी को बहुत गुस्सा आ जाता है वो सब पर चिल्लाने भी लगती है। पर ताऊ जी उससे या गुस्से से डांट देते हैं (ताऊ जी खतरा थे हम सबको उनसे डर लगता है) दीदी अब थोड़ा शांत होती है क्योंकि ताऊजी के पैर सातवे आसमान पर होता है। ताऊजी कहते हैं - मैं तुम दोनो की राय नहीं ले रहा हूँ तुमको ऑर्डर दे रहा हूँ कि तुमको क्या करना है। मुझे जो सही लगेगा वो ही तुम चारो को मानना पड़ेगा समझ लो सात दिन के बाद कि शादी बेहतर है कि तुम मानसिक रूप से तैयार हो जाओ। शादी पूरे जोर से धूम धाम से होगी सारे रित रिवाजों से होगी।
बात ख़त्म होती है या सब अपने कमरों में चले जाते हैं अम्मी हम सब साथ बैठ कर टीवी देखते या बातें करते पर आज ऐसा नहीं हुआ या हो भी कैसे सकता था।
नेहा अपने कमरे में होती है उदास निराशा की ये क्या अनर्थ होने जा रहा है भगवान में तो आपकी बहुत मानती हूँ आप फिर ये कैसे एक भाई बहन की शादी है भगवान ये अनर्थ होने से रोक दो।
मैं भी अपने कमरे में होता हूँ मुझे भी ये सब अच्छा नहीं लगता है तो मैं मोबाइल में भाई बहन की शादी के बारे में सर्च करने लग जाता हूँ या मुझे बहुत सारी भाई बहन इस श्रेणी में सेक्स कहानियां या पोर्न मिलती है। मैं उन्हें देखने लग जाता हूं। पता नहीं कैसे मैं नेहा दीदी के लिए मन में वासना ले आता हूँ या सोचता हूँ कि नेहा दीदी तो मस्त है या ताऊ जी ने कहा है कि शादी तो होगी या मैं इसे जितना जल्दी स्वीकार कर लूं अच्छा रहेगा या दीदी को अब एक पत्नी के कमरे में देखो। पर कहीं ना कहीं मेरे दिल में दीदी के लिए एक भाई-बहन का सॉफ्ट कॉर्नर भी था क्योंकि कुछ भी हो सकती थी तो मेरी बड़ी बहन ही थी। फिर हमारी शादी सम्पन्न हो जाती है। या इसी के साथ मैं एवं दीदी पति पत्नी बन जाते है। (यहाँ मैं आपको बता दु की भले ही मैं या मेरी दीदी चचेरे भाई बहन हो पर हम एक असली भाई बहन की तरह रहते हैं क्योंकि हम बचपन से साथ ही रहते थे तो हमारी वो बॉन्डिंग बन गई थी)।
 

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Update. 4

दीदी अभी भी परेशान सी दिख रही थी, लग रहा था कि वह इस शादी से बिलकुल भी खुश नहीं है। या मुझ से शर्मा भी रही थी।
दीदी को सुहागरात के सूईट जो की मेरा है में ले जाया जाता है।अंदर का सुईट (नेहा दीदी और ताई जी) कमरे के अंदर ताई जी दीदी को समझ रही है कि अब अभिषेक ही तेरा पति है अब तुझे उसकी हर बात मनानी पड़ेगी अब तू अपनी बड़ी बहन होने का रबाब छोड़ दे तू उसकी पत्नी है और तुझे उसकी पत्नी की तरह ही रहना है। और एक सुखी जीवन जीना है और हमारे यहां की पत्नियां पति को परेशान नहीं करती है तो तू भी अभिषेक को परेशान मत करना। यह सब कह के ताई जी कमरे से बाहर चली जाती है। मेरे कमरे को बिल्कुल सजाया हुआ होता है। या फिर कुछ देर बाद मुझे भी कमरे के अंदर जाना होता है। तभी मम्मी पापा आके मुझे कहते है।
मम्मी - देख बेटा अब नेहा तेरी पत्नी बन गई है उसे बहुत खुश रखना किसी भी बात का दुख मत देना ठीक है।मै - ठीक है पापा - अब जा वो तेरा इंतज़ार कर रही होगी। मैं जाने लगता हूं तभी पापा बोलते हैं।
पापा- हाँ एक बात सुन ऐसा ना हो कि पहेली ही रात में तू अपने अंदर के जानवर को बाहर निकाल दे थोड़ा संभालना क्योंकि वो (नेहा ) भी दुखी है तो आराम से करना। (पापा मुझे सेक्स आराम से करने को बोल रहे थे या मैं भी समझ रहा था)
फिर मैं कमरे के अंदर चला जाता हूँ। कमरा अच्छा सजाया होता है या दीदी वहा बिस्तर पर बैठी मेरा इंतजार कर रही होती है। फिर मै दीदी के पास जाके बैठता हू। दीदी घूँघट में होती है। या मैं फिर दीदी का घूँघट उठाती हूँ। कया मस्त लग रही थी दीदी उफ्फ पर दी मुझे गुस्से से देख रही थी। तफी मैं पुछता हू। मैं - क्या हुआ, आप इतना गुस्सा क्यों हो। दीदी - गुस्सा क्यों ना हो तू मेरा भाई है कजिन ही सही पर मैंने कभी भी रियल से काम नहीं समझा .या अब तुझे मेरा पति बना दिया . बचपन से साथ खेले है तुझे छोटे को खिला है या अब देखो। पति पत्नी बना दिया. या फिर रोने लगती है। मै - दीदी अब कया कर सकते है अब जो रिश्ता है उसे निभाना पड़ेगा ना हम को । दीदी फिर चुप चाप रोती रहती है। फिर मै साइड में पड़ा हुआ दूध का गिलास पीता हुआ या फिर से बिस्तर पर आ जाता हूँ। सबसे पहले मैं दीदी को गले लगा लेता हूँ या उनके बालों में हाथ फेरता रहता हूँ उनको चुप करवाने के लिए। या फिर दीदी के गाल को पकड़ता हूँ । दीदी मुझे देख रही होती है। या फिर मैं दीदी को होठों पर किस कर देता हूं। दीदी को कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ क्योंकि वह इसके लिए तैयार नहीं थी। इसलिए वह थोड़े पीछे हटना चाहता है। चाहती है पर मैं उनको नहीं हटने देता या किस करता रहता हूँ। फिर 5 मिनट तक लिप किस करने के बाद मैं दीदी को छोड देता हूं। मेरे हटते ही दीदी मुझे गाल पर एक थप्पड़ मारती है। मैं भी भोचका रह जाता हूं या कहता हूं। मै - मुझे थप्पड़ क्यों मारा । नेहा दीदी - तूने मुझे किस क्यों किया, कोई अपनी बहनों को किस करता है क्या। मैं - तभी मुझे गुस्सा आ जाता है और मैं दीदी के बाल पकड़ कर बोलता हूँ अब आप मेरी बहन नहीं हैं आप मेरी बीवी हैं और एक पति अपनी पत्नी के साथ कुछ भी कर सकता है आपको यह बात मनानी ही पड़ेगी। दीदी यह सब सुनकर मुझे घुर रही होती है क्योंकि मैंने आज से पहले कभी दीदी से ऐसा बर्ताव नहीं किया था। तब से मैं अपने गुस्से पर कंट्रोल करता हूं और नॉर्मल होकर कहता हूं दीदी आप बड़ी ही प्यारी हैं और मुझे बहुत अच्छी लगती हैं अब जब हमारी शादी हो गई है तो मैं आपको अपनी पत्नी मानने लगा हूं और अगर आप मुझसे ऐसा व्यवहार करेगी तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा. आज हमारी सुहागरात है आप इसको बर्बाद मत करो। आपको मेरी कसम है। चाहे कुछ भी हो अभिषेक पर अब नेहा की पति थी तो उसकी कसम नहीं तोड़ सकती थी। क्योंकि वह अपने भाई से बहुत प्यार करती थी बहन भाई वाला। इसलिए अब उसने यह फैसला लिया है कि उसका भाई उसके साथ जो भी करेगा उसे मंजूर होगा। मै दीदी को फिर से गले लगा लेता हूं। और उनसे रिक्वेस्ट करता हूं की वो शांत रहे अपना भारी कपड़ा और जेवर खोल के नाइटी पहन लीजिए मैंने भी अपना कपड़ा चेंज कर लिया। दीदी ने कहा मेरा कपड़ा यहा नहीं है मेरे सूउईट मे है। मे ले कर आती हूं। अगर कोई इशू नहीं हो तो मे वहीं सो जाती हूँ।
रात के 10:30 बज रहे है।
आखिर उनके माँ बाप ने ही उनकी शादी करवाई है। लेकिन अभी भी नेहा का उसके भाई अभिषेक को तन मन से अपना पति मन लेना मुश्किल था।
 

ABHINEH

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Update 5
नेहा जब कमरे के बाहर निकली तो वहां वो अपनी माँ और चाची जी को फ्लोर लाबी मे बैठी हुई थी।
दोनों नेहा को देख कर चौंक गए और उससे पूछा क्या हुआ कहा जा रही हो।
नेहा ने बताया अपने कमरे में। माँ ने घबराते हुए पूछा क्या हुआ क्या झगड़ा हुआ अभिषेक से।नेहा ने बोला नहीं उदास हो कर बोली मे कपड़े बदलने जा रही हूं।
ताई जी ने कहा कि तुम्हारा जरूरत के एवं सभी कपड़े अभिषेक के कमरे मे शिफ्ट कर दिए हैं और आज से
वोही कमरा तुम्हारा भी है।
साथ ही साथ उदास क्यों हो
आज तो तुम्हारी सुहागरात है अभिषेक के साथ ही रहना है प्यार के साथ।
जो अभिषेक बोले उसको मानना एवं जैसा वो बोले वो उसके साथ करना है। माँ ने मेरे को अवाज लगा कर बाहर बुलाया और पूछा नेहा को क्यों बाहर जाने के लिए दिया आंख दिखाते हुए।
इसको (नेहा को ) प्यार से अंदर ले कर जाओ। नेहा उदास मन से मेरे साथ वापस कमरे मे आ गई
और सुईट मे कपड़े वाले कमरे मे जाने लगी मे भी उसके साथ वहाँ चला गया उसके कपड़े मे से कॉटन हाफ पैंट और कॉटन
सिविलेष टॉप पिंक रंग का उसको दिया और बोला इसको पहन लो और मे भी अपना नाइट्स हाफ पैंट एवं टी शर्ट पहन लिया। नेहा ने भी अपना ड्रेस चेंज कर लिया। ग़ज़ब की खूबसूरत और सेक्स अपीलईन्ग लग रही थी। मंगलसूत्र एवं जेवर वो पहने हुए थी। मैंने उसे पूछा की उसने जेवर क्यों नहीं उतारा तो उसने कहा की चाची ने कहा कि इसे तुम उतारोगे रस्म होती है और मुहं दिखाई मे
तुम मुझे कुछ गिफ्ट दोगे।
मैंने कहा की पहला लीप किस का गिफ्ट मुहं दिखाई मे मैने आपको दिया।
उसने नन कोअपरेषन लीप किस के समय के लिय सॉरी बोला। और पास आ कर मेरे लीप पर दुबारा किस कर दिया। नेहा को पानी पीने की इच्छा हुई तो उसने फ्रिज को खोला तो देखा की वहाँ बियर के कैन पड़े हुए हैं। उसने मुझ से पूछा की क्या में ड्रिंक करता हूं।
मैंने कहा कभी कभी।
चलो अब सो जाते है ओर मैं रूम मे बने सोफा के रेस्ट सेट पर सोने लगा। तो दीदी ने कहा कि मैंने सॉरी बोल दिया है बेड पर सो जाओ।
और मेरे पास आ कर हाथ पकड़ कर मुझे बिस्तर तक ले गई। और उसने कहा की माँ ने कहा है तुमको नाराज नहीं करने के लिए इस लिए तुम जो चाहते हो उसके लिए में तैय्यार हूं। ऐसा कह कर वो शर्म से लाल हो गई और जमीन के तरफ देखने लगी। हम दोनों बिस्तर पर आ गयेऔर मैंने उनके बदन से जेवर उतार दिया।
एक वाइप नेपकिन ले कर उनका मेकउप उतारने का कोशिष करने लगा तो दीदी ने रोकते हुए पूछा क्या कर हो। उसने बताया की वो मेकअप नहीं करती है लिपस्टिक भी नहीं लगाती है। मैं सोच कर बहुत प्राउड महसूस कर रहा था की ऐसी
नेचुरल सुंदर है। मैंने दीदी के पैर हाथ की तरफ गौर से देखा कहीं भी बाल का नाम भी नहीं है। मैंने कहा की कभी कभी आप लिपस्टिक लगाया करो तो उन्होंने कहा मेरे पास नहीं है स्नेहा से या बाजार से ले आऊंगी।
हम बिस्तर में सोने की तैयारी करने लगे और मैंने नेहा दीदी की तरफ देखा वो अनजान भय से सहमी हुई थी। मैंने उनको लेटते हुए अपने पास खींच लिया और अपने सीने से लगा लिया वो जोर से मेरे से लिपट गई।
मैंने कहा सो जाइए तो उन्होंने उनका एक पैर मेरे शरीर पर चढ़ा दिया इस कारण मेरा लन्ड खड़ा हो गया और दीदी के पैर मे चुभने लगा। इस कारण दीदी को नींद नहीं आ रही थी।दीदी नजर उठा के मेरे तरफ देखने लगी की क्या मे सो गया हूं। उन्होंने मुझे देखते हुए सॉरी बोला और मेरे गाल पर एक हल्का किस कर दिया। जब उन्होंने देखा की में सो रहा हूं तो उन्होंने अपने हाथ से मेरे लन्ड को पकड़ कर किनारे करने की कोशिश की लेकिन इस प्रयास में लन्ड ज्यादा उत्तेजित हो कर बड़ा हो गया। दीदी डर के आंखे बंद कर ली। नींद में मेरा भी एक हाथ उनके बॉबे के ऊपर था। दीदी जोर से मेरे को अपने तरफ खींच लेती है। इस क्रम मे सुबह के 5 बज जाते हैं। में रोज 5 बजे उठ कर योगा वैगरह करता हूँ। मे उठने के क्रम मे दीदी को हटाने का प्रयास करता हूं लेकिन दीदी मेरे को जोर से अपने तरफ खींच लेती है। मेरे को प्रेशर हो जाता हूँ तो में दीदी को किस करके डार्लिंग बोलते हुए अलग होने के लिए बोलता हूं।
उठ के बाथरूम मे जा कर फ्रेश हो जाता हूँ।
बाहर आ कर देखता हूं की नेहा उदास बैठी हुई है।
मैंने उससे उदासी कारण पूछा तो उसने कहा की कल के लिए सॉरी।
 

ABHINEH

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Bhai behan ki Majburi me shaadhi

Update 6

मैंने कहा की फ्रेश हो जाइए मे नीचे जा के आता हूं।
तो मैं नीचे सीधे किचन में पहुंच जाता हूँ क्योंकि मुझे भूख लगी थी और किचन से बहुत अच्छी खुशबू भी आ रही थी। रसोई में पहले से ही मम्मी या ताईजी होती है। तो मैं सबसे पहले इधर उधर घूमता हूं। मम्मी एवं ताई जी को गुड मॉर्निंग बोलता हूं। माई - गुड मॉर्निंग मम्मी और गुड मॉर्निंग ताई जी। या दोनो भी मुझे फिर गुड मॉर्निंग बोलती है। मैं - बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है खाने में क्या बना है। ताई जी - आलू के पराठा बनाया है। सैंडविच है।
ठोकला है।

मैं - बहुत बढिया मिलेगा हमको या इंतज़ार करना पड़ेगा। तो आप भी चलके डाइनिंग टेबल पर बैठे कर मिलेंगा।
मम्मी - नेहा उठ गई क्या बेटा। मैं - नहीं मम्मी अभी तो सो रही है। मम्मी - चल ठीक है तू नाश्ता कर में उठा देती हूँ। मां वो मैं ये कह रहा था कि आप क्यों तकलीफ कर रही हो मैं ही चला जाता हूं और साथ में ही नाश्ता कर लेंगे हम ऊपर ।
ताई जी - हम्म, ये भी ठीक है ना तेरा या नेहा का नाश्ता ऊपर भेज देती हूं और वही नाश्ता कर लेना। फिर मैं नौकर के साथ नाश्ता लेकर ऊपर कमरे में चला जाता हूँ। और नौकर से चाय एवं नाश्ता की ट्रॉली ले कर उसको वापस भेज देता हूं। नीचे ताई जी एवं मम्मी आपस में ये बाते कर रहे थे। मम्मी - क्या दीदी आपने क्यों बोला कि नाश्ता ऊपर ले जा यहीं कर लेता और मैं अपनी बहू को भी देख कर इस बहाने बन जाती। ताई जी - बात तो सही है पर सोचो कि जैसे ही तुमने ऊपर जाने की कहीं तो उसका मुँह लाल हो गया था जरूर ऊपर कुछ तो गड़बड़ है।फिर में उपर कमरे मे
पहुंचता हूँ। दीदी अभी फिर से बिस्तर पर सो रही होती है। मेरा उन को जगाने का मन तो न कर रहा था पर अब नास्ता आ गया था तो उनको जगाना भी था। फिर में बेड के उपर दीदी के पास जाता हूँ। दीदी को बोलता हूँ । गुड मॉर्निंग जान उठ जाओ सुबह हो गई है। धडी में अभि 7: 30 बज रहे हैं । दीदी थोडा सा हिलती है बस, वो बड़ी ही सुस्त हो कर लेती है। उसे उठाने के क्रम में में देखता हूं कि उनके ऊपर के उभार सिलिवलेष टॉप से कड़े हो कर उनके निप्पल के धुन्डी दिख रही थी। जिसके कारण मेरा लन्ड अब बिलकुल अकड चुका था या माई दीदी के उभार को देख रहा था। बड़े ही कड़क या सक्त थे। इसी लिए कि मैं उनके नंगे बदन को देखना चाह रहा था पर अब क्यों ना देखूँ अब वो मेरी बहन नहीं मेरी बीवी बन चुकी है। फिर मैं उनको अपने हाथों में पकड़ता हूं या उनके गर्दन पर एक चुंबन कर देता हूं। जिससे गर्दन नीला पड जाता है। फिर हटके में दीदी से कहता हूँ की। मैं - अब नाराज कोई जरूरत नहीं है अब हम पति पत्नी हैं हमारे बीच कैसा नाराजगी ।
फिर दीदी के होटो को पूरी तरह से चुम लेता हू जब भी मैं दीदी को किस करता मुझे उनके होटो में से एक अलग सा रस आता ऐसा लगता कि बस इन्हें चुमता रहू या कभी ना चोदू।
किस खत्म होन के बाद मैं उठाता हूँ या दीदी को एक चाई का कप देटा हू। दीदी की शकल से लगा रहा था था की वो अब तक शॉक मे अभी जो हुआ हम से बैक टू बैक 2 किस्स। माई दीदी के हाथो में चाय का कप पकड़ा देटा हू या दीदी उसमे से चाय पीने लागती है।
नेहा - में अभी चाय पि रही थी या सोच रही थी की अभी कयों मेरे भाई ने मुझे किस किया ।
चाय पीने के बाद मुझे प्रेशर आने लगा था तो मैं चाय के कप को बगल में रख कर खड़ी हो जाती हूँ।
नेहा - नहीं वो, मुझे प्रेशर बना है तो मैं पहले वहां जाऊंगी। तभी मैं खड़ा होता हूं या दीदी को गोद में उठा लेता हूं।नेहा - अरे अरे ये क्या कर रहे हो। अभिषेक - आपकी मदद। फिर मेरी दीदी को बाथरूम के गेट के पास तक ले जाता हूं।
नेहा - बस अब मैं खुद चली जाउंगी। (अभी मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि मेरा भाई मुझे टॉयलेट में पेशाब करवाने के लिए उठा के लाया है ) मैं(अभिषेक ) फिर अपनी दीदी को गोद से उतार देता हूँ। या दीदी फिर बाथरूम के अंदर चली जाती है। प्रेशर बहुत तेज था तो कमोड तक गई और फिर प्रेशर हल्का किया)।
ताई एवं माँ ने मेरे को नीचे कुछ जरूरी बात के लिए बुलाया और कहा बहु को भी नीचे आने के लिए कहा।
मैंने बताया की दीदी अभी बाथरूम मे है तो ताई ने कहा की मैं पहले नीचे आऊँ
मैंने कहा आ रहा हूँ। मैंने दीदी को बताया की में नीचे ताई जी से मिल कर आ रहा हूँ। जब में नीचे पहुंचा तो ताई एवं माँ ने कहा की जल्दी तैय्यार हो के नीचे आ जाओ कुछ रस्मे जैसे
नेहा की पहली रसोई,
माया का विसर्जन,
मुहँ दिखाई,
जुआ जुईं,
इत्यादी।
मैंने कहा हम नहा कर तैय्यार हो कर आते हैं माँ ने कहा नेहा को लाल साडी पहनने बोलना।

में वापस उपर अपने कमरे मे आ गया जिसका गेट डिजिटल लॉक लगा था।
को खोल कर अन्दर आ गया तो देखा कि दीदी बाथरूम मे नहा रही है।
बाथरूम का गेट मे डिजिटल लॉक है जो मेरे से खुल जाता है को मेने खोल कर अंदर गया तो मे देखता हूँ की नेहा दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी नहा रही है।
उनका पूरा बदन पानी से भीगा होता है या शुद्ध बदन पर साबुन लगी होती है। उफ्फ क्या बताऊ क्या लग रही थी दीदी मुझे उस समय । बाल शुद्ध पानी में भीगे हुए। बूब्स गोल मटोल मस्त या दीदी ना ही बिल्कुल पटकी थी या ना ही जयदा मोटी बिल्कुल मस्त हॉट फिगर था उनका तो क्या मस्त कमाल की जलपरी लग रही थी। दीदी को पहली बार नंगा देख रहा था पर क्या बताया जब भी उनको देखता हूँ तो एक नया अहसास होता है। अभी तो वो पानी या साबुन में भीगी हुई काफ़ी मस्त लग रही थी। अब मेरे बाथरूम में एंटर होते ही जो अपने बदन पर साबुन लगा रही होती है उसकी नजर मेरे ऊपर पर पड़ती है या वो भी कुछ सेकंड के लिए वैसे ही खड़ी रह जाती है, उसको (नेहा ) को अंदाज़ा नहीं होता की उसका भाई अंदर आ जाएगा। फिर वो सीधे अपने स्तनों को अपने हाथों से छुपा लेती है। नेहा - तू यहां क्यों आया है, पता नहीं तुझे मैं नहा रही हूं। (दीदी अभी ऐसे अपने आप को छुपा रही थी कि कहीं उसका भाई उसे देख ना ले वो अपने बूब्स को पूरी तरह से अपने हाथ से छुपा लेती है।) नेहा - तू यहाँ क्यों आ रहा है या ये तौलिया का काम हैं।
मैं - हम्म्म्म.... बाथरूम में क्या करने आते हैं नहाने आया हूँ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना, तू अभी बाहर चला जा।मैं - मुझे अभी नहाना है ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना ।
मैं - (छेडते हुए) तो क्या हुआ हम साथ में नहा सकते है।नेहा - तू फिर मुझे परेशान करने आ गया ना ।
मै - नहीं..बिलकुल नहीं। मैं तो अपनी प्यारी धरम पत्नी के साथ नहाने आया हूं।
नेहा कुछ जवाब नहीं देती बस गुस्से से मेरी तरफ़ घूरती है। ये कहते हुए मैं अपने कपड़े उतारने लग जाता हूँ। फिर सिर्फ मुझमें चड्डी होती है या फिर मैं अपनी चड्डी भी उतार देता हूँ। मेरा लंड अभी बिलकुल तना हुआ होता है. नेहा दीदी की नज़र उस पर जाती है और वो अपना मुँह दूसरी तरफ़ से मोड़ लेती है उससे बहुत शर्म आ रही है कि उसका भाई उसके साथ नंगा बाथरूम में नहा ने की बात कर रहा है। फिर मैं शावर के नीचे आ जाता हूँ या शावर चालू करके नहाने लग जाता हूँ। मुझे पता था कि दीदी अभी गुस्सा है। इसीलिए वह दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी रहती है। फिर झनक झनक के मुझे पीछे देख रही होती है। या अपने शरीर पर साबुन लगाती रहती है। फिर साबुन टांगो के बीच चुत पर भी साबुन लगाता थी या फिर उसे अच्छे से रगड़ती है। अपने बॉबे पर हाथ के कांख पर जहां का बाल साफ होता है।

तभी तो मैं दीदी को बोलता हूं - दी वो मेरा हाथ पीठ तक नहीं पहुंचा रहा है। काया आप वहा साबुन लगा दूंगी। नेहा - नहीं . मैं घूम के कोमल दीदी की तरफ देखता हूँ। या वो भी मेरी तरफ देखती है . मैं - कितनी उम्मीद थी मुझे कि जब शादी होगी तो अपनी बीवी के साथ नहाना करूंगा वो मेरी पीठ पर साबुन लगाएगी। दीदी फिर मुझे घुसे से देखती है। में - प्लीज लगा दो पीठ में पूरे दिन खुजली चलती है वरना। नेहा - मैंने कहा न, मैं नहीं लगाऊँगी। मैं तो ठीक हूं ये एक पति का आदेश है कि अपने पति के साबुन लगाओ। या साबुन नेहा दी की तरफ़ कर देता हूँ। नेहा दीदी साबुन को नहीं लेती है। नेहा - मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ, मैं ये नहीं करुँगी। मैं फिर दीदी के करीब जाता हूँ। या फिर दीदी को बहो में भर लेता हूं । में - आप अब मेरी बीवी है, में जो बोलूंगा आपको करना पड़ेगा समझे।
और मैंने दीदी की चुत पर अपने हाथो से साबुन लगाने लगता हूँ तो मुझे एहसास होता है की दीदी के चुत पर हल्के हल्के रोएँ है। दीदी रोने जैसा चेहरा बना लेती है
यह देख कर में उसे छोड देता हूं। और उदास होने का नाटक करने लगता हूँ।
तब दीदी आगे बड कर मेरा लन्ड पकड़ लेती है और साबुन लगाती है जो लगभग 9 इंच लंबा और 3inch मोटा है।
और मेरे को बोलती है सॉरी। और लन्ड को छोड देती है।
में अपने लन्ड को अपने एक हाथ से पकड़ कर उसके चुट में घुसाने का प्रयास करता हूं दूसरे हाथ से उसके बोबे को दबाता हूँ।
वो झटका मार कर अलग होने का प्रयास करती है।
इस कारण मेरा लन्ड दीदी की चूत के थोड़ा ऊपर चला जाता है दीदी की हाइट मुझसे थोड़ी सी कम है।
में दीदी को जोर से अपने से लिपटा लेता हूँ तो मेरा लन्ड
दीदी के चुत से टकरा कर और लंबा मोटा होने लगता है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगता है।
नेहा - ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे ।
हाँ वैसे मैं ही पागल हूँ जो आपसे इतना प्यार करता हूँ, आपकी हर बात मानता हूँ।

(अभी मुझे समझ आ गया था कि गुस्से से कम शायद नहीं चलेगा दीदी को इमोशनल ब्लैकमेल करना पड़ेगा) मैं - सच है वैसे भी आप ये शादी करना ही नहीं चाहती थी ना ही मुझसे प्यार करती है। मैं ही बेवकूफ हूं जो ये समझ बैठा है कि अब आप मेरी बीवी हो या आपसे उस तरीके से बात करुं।वैसे सच तो ये है कि आप मुझसे प्यार ही नहीं करती हैं। या इतना कहकर दीदी को अपने से दूर कर देता हूँ या पीठ घुमा कर खड़ा हो जाता हूँ। या ऐसा दिखता हूँ जैसे कि मैं दीदी से नाराज हूँ।
तभी दीदी साबुन उठाती है और मेरी पीठ पर मलना शुरू कर देती है। मैं मन ही मन खुश होता हूं कि मेरा इमोशनल ड्रामा काम कर गया। नेहा - लो हो गया पीठ पे साबुन, नोटंकी बाज। अब मेरे लन्ड पर भी लगाओ तो दीदी मेरे लन्ड पर साबुन लगाते लगाते आगे पीछे करती है जिससे में जोश में आने लगता हूँ। मैं घूम के फिर से दीदी को बहो में भर लेता हूँ। में - मेरा तो हो गया पर आपका क्या । दीदी - मेरा मतलब, में - आपने मेरी पीठ पर साबुन लगाई अब मैं भी आपकी पीठ पर साबुन लगाऊंगा। नेहा - पर.. में - पर वर कुछ नहीं या फिर में दीदी की पीठ पर साबुन लगाने लग जाता हूँ । सबसे पहले पीठ पर साबुन लगाता हूँ या फिर दीदी के कुल्हो पर भी साबुन लगाता हूँ। नेहा अभी अभिषेक (अपने भाई) को कुछ नहीं बोलती बस अपनी आंखें बंद करके रखती है। फिर 5 मिनट बाद जब साबुन लग जाती है तब मैं शॉवर ऑन कर लेता हूँ। या फ़िर पूरा नहा लेता हू . शॉवर में नेहा दीदी भी नहाती है या अपने बदन से साबुन उतार लेती है। नहाने के बाद मैंने तौलिया से अपने बदन को पंछता हूं। लेकिन नेहा दीदी अभी भी खड़ी थी। में - क्या हुआ आप भी पोछ लो।

नेहा - ये सब क्यों कर रहे हो. माई - ये सब, कया सब किसकी बात कर रही हो। नेहा - मुझे परेशान न करो. मैं - तो अब मैं अपनी बीवी को परेशान भी नहीं कर सकता, इतना भी हक नहीं है मुझे।

नेहा - अब जाओ मुझे बाल धोने है।

मैं -ओह, ठीक है।

या इतना कह कर मैं दीदी को बाहर निकाल कर रखता हूँ।

नेहा - अब जाओ लेट हो रही है ना चाची बुला रही थी ना।

में -चाची नहीं, सासू माँ।
दीदी नाराज़गी से मेरी छाती पर एक मुक्का मारती है धीरे से।

नेहा - फिर वही सब, मैंने बोला ना अभी मैं तैयार नहीं हूँ मुझे थोड़ा और टाइम चाहिए अभी प्लीज। मेरे लिए इतना जल्दी स्वीकार करना बहुत मुश्किल है कि जो मेरा भाई था अब वो मेरा पति है।

मैं - मैं जानती हूँ आपके लिए ये आसान नहीं है पर मैं भी आपको एक बात कह देता हूँ कि अब आप मेरी बीवी हैं या मैं अपनी बीवी से जैसा प्यार करूँगा। पर हां इतना कह सकता हूं कि जो भी करूंगा बस आपके साथ ही करूंगा। तुम मेरी एकमात्र लड़की हो। पर ये दूरी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी।

या इतना कहते ही मैं दीदी के होटो को चूम लेता हूं। चुंबन करीब 2 मिनट चलती है, मैं बड़े ही भावुक तरीके से दीदी के होटो को चुम रहा था। किस के बाद दीदी फिर से बस मेरी आँखों में देखती है। मैं - ठीक है मैं जा रहा हूँ मेरी एक और केवल एक। आप बस अपनी ये लाइव बाइट्स छुपा लेना कहीं नीचे आ और शर्मिंदा ना होना पड़े। या इतना कहकर मैं बाथरूम से बाहर निकल जाता हूँ।
 

Premkumar65

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Bhai behan ki Majburi me shaadhi

Update 6

मैंने कहा की फ्रेश हो जाइए मे नीचे जा के आता हूं।
तो मैं नीचे सीधे किचन में पहुंच जाता हूँ क्योंकि मुझे भूख लगी थी और किचन से बहुत अच्छी खुशबू भी आ रही थी। रसोई में पहले से ही मम्मी या ताईजी होती है। तो मैं सबसे पहले इधर उधर घूमता हूं। मम्मी एवं ताई जी को गुड मॉर्निंग बोलता हूं। माई - गुड मॉर्निंग मम्मी और गुड मॉर्निंग ताई जी। या दोनो भी मुझे फिर गुड मॉर्निंग बोलती है। मैं - बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है खाने में क्या बना है। ताई जी - आलू के पराठा बनाया है। सैंडविच है।
ठोकला है।

मैं - बहुत बढिया मिलेगा हमको या इंतज़ार करना पड़ेगा। तो आप भी चलके डाइनिंग टेबल पर बैठे कर मिलेंगा।
मम्मी - नेहा उठ गई क्या बेटा। मैं - नहीं मम्मी अभी तो सो रही है। मम्मी - चल ठीक है तू नाश्ता कर में उठा देती हूँ। मां वो मैं ये कह रहा था कि आप क्यों तकलीफ कर रही हो मैं ही चला जाता हूं और साथ में ही नाश्ता कर लेंगे हम ऊपर ।
ताई जी - हम्म, ये भी ठीक है ना तेरा या नेहा का नाश्ता ऊपर भेज देती हूं और वही नाश्ता कर लेना। फिर मैं नौकर के साथ नाश्ता लेकर ऊपर कमरे में चला जाता हूँ। और नौकर से चाय एवं नाश्ता की ट्रॉली ले कर उसको वापस भेज देता हूं। नीचे ताई जी एवं मम्मी आपस में ये बाते कर रहे थे। मम्मी - क्या दीदी आपने क्यों बोला कि नाश्ता ऊपर ले जा यहीं कर लेता और मैं अपनी बहू को भी देख कर इस बहाने बन जाती। ताई जी - बात तो सही है पर सोचो कि जैसे ही तुमने ऊपर जाने की कहीं तो उसका मुँह लाल हो गया था जरूर ऊपर कुछ तो गड़बड़ है।फिर में उपर कमरे मे
पहुंचता हूँ। दीदी अभी फिर से बिस्तर पर सो रही होती है। मेरा उन को जगाने का मन तो न कर रहा था पर अब नास्ता आ गया था तो उनको जगाना भी था। फिर में बेड के उपर दीदी के पास जाता हूँ। दीदी को बोलता हूँ । गुड मॉर्निंग जान उठ जाओ सुबह हो गई है। धडी में अभि 7: 30 बज रहे हैं । दीदी थोडा सा हिलती है बस, वो बड़ी ही सुस्त हो कर लेती है। उसे उठाने के क्रम में में देखता हूं कि उनके ऊपर के उभार सिलिवलेष टॉप से कड़े हो कर उनके निप्पल के धुन्डी दिख रही थी। जिसके कारण मेरा लन्ड अब बिलकुल अकड चुका था या माई दीदी के उभार को देख रहा था। बड़े ही कड़क या सक्त थे। इसी लिए कि मैं उनके नंगे बदन को देखना चाह रहा था पर अब क्यों ना देखूँ अब वो मेरी बहन नहीं मेरी बीवी बन चुकी है। फिर मैं उनको अपने हाथों में पकड़ता हूं या उनके गर्दन पर एक चुंबन कर देता हूं। जिससे गर्दन नीला पड जाता है। फिर हटके में दीदी से कहता हूँ की। मैं - अब नाराज कोई जरूरत नहीं है अब हम पति पत्नी हैं हमारे बीच कैसा नाराजगी ।
फिर दीदी के होटो को पूरी तरह से चुम लेता हू जब भी मैं दीदी को किस करता मुझे उनके होटो में से एक अलग सा रस आता ऐसा लगता कि बस इन्हें चुमता रहू या कभी ना चोदू।
किस खत्म होन के बाद मैं उठाता हूँ या दीदी को एक चाई का कप देटा हू। दीदी की शकल से लगा रहा था था की वो अब तक शॉक मे अभी जो हुआ हम से बैक टू बैक 2 किस्स। माई दीदी के हाथो में चाय का कप पकड़ा देटा हू या दीदी उसमे से चाय पीने लागती है।
नेहा - में अभी चाय पि रही थी या सोच रही थी की अभी कयों मेरे भाई ने मुझे किस किया ।
चाय पीने के बाद मुझे प्रेशर आने लगा था तो मैं चाय के कप को बगल में रख कर खड़ी हो जाती हूँ।

नेहा - नहीं वो, मुझे प्रेशर बना है तो मैं पहले वहां जाऊंगी। तभी मैं खड़ा होता हूं या दीदी को गोद में उठा लेता हूं।नेहा - अरे अरे ये क्या कर रहे हो। अभिषेक - आपकी मदद। फिर मेरी दीदी को बाथरूम के गेट के पास तक ले जाता हूं।
नेहा - बस अब मैं खुद चली जाउंगी। (अभी मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि मेरा भाई मुझे टॉयलेट में पेशाब करवाने के लिए उठा के लाया है ) मैं(अभिषेक ) फिर अपनी दीदी को गोद से उतार देता हूँ। या दीदी फिर बाथरूम के अंदर चली जाती है। प्रेशर बहुत तेज था तो कमोड तक गई और फिर प्रेशर हल्का किया)।
ताई एवं माँ ने मेरे को नीचे कुछ जरूरी बात के लिए बुलाया और कहा बहु को भी नीचे आने के लिए कहा।
मैंने बताया की दीदी अभी बाथरूम मे है तो ताई ने कहा की मैं पहले नीचे आऊँ
मैंने कहा आ रहा हूँ। मैंने दीदी को बताया की में नीचे ताई जी से मिल कर आ रहा हूँ। जब में नीचे पहुंचा तो ताई एवं माँ ने कहा की जल्दी तैय्यार हो के नीचे आ जाओ कुछ रस्मे जैसे
नेहा की पहली रसोई,
माया का विसर्जन,
मुहँ दिखाई,
जुआ जुईं,
इत्यादी।
मैंने कहा हम नहा कर तैय्यार हो कर आते हैं माँ ने कहा नेहा को लाल साडी पहनने बोलना।

में वापस उपर अपने कमरे मे आ गया जिसका गेट डिजिटल लॉक लगा था।
को खोल कर अन्दर आ गया तो देखा कि दीदी बाथरूम मे नहा रही है।
बाथरूम का गेट मे डिजिटल लॉक है जो मेरे से खुल जाता है को मेने खोल कर अंदर गया तो मे देखता हूँ की नेहा दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी नहा रही है।
उनका पूरा बदन पानी से भीगा होता है या शुद्ध बदन पर साबुन लगी होती है। उफ्फ क्या बताऊ क्या लग रही थी दीदी मुझे उस समय । बाल शुद्ध पानी में भीगे हुए। बूब्स गोल मटोल मस्त या दीदी ना ही बिल्कुल पटकी थी या ना ही जयदा मोटी बिल्कुल मस्त हॉट फिगर था उनका तो क्या मस्त कमाल की जलपरी लग रही थी। दीदी को पहली बार नंगा देख रहा था पर क्या बताया जब भी उनको देखता हूँ तो एक नया अहसास होता है। अभी तो वो पानी या साबुन में भीगी हुई काफ़ी मस्त लग रही थी। अब मेरे बाथरूम में एंटर होते ही जो अपने बदन पर साबुन लगा रही होती है उसकी नजर मेरे ऊपर पर पड़ती है या वो भी कुछ सेकंड के लिए वैसे ही खड़ी रह जाती है, उसको (नेहा ) को अंदाज़ा नहीं होता की उसका भाई अंदर आ जाएगा। फिर वो सीधे अपने स्तनों को अपने हाथों से छुपा लेती है। नेहा - तू यहां क्यों आया है, पता नहीं तुझे मैं नहा रही हूं। (दीदी अभी ऐसे अपने आप को छुपा रही थी कि कहीं उसका भाई उसे देख ना ले वो अपने बूब्स को पूरी तरह से अपने हाथ से छुपा लेती है।) नेहा - तू यहाँ क्यों आ रहा है या ये तौलिया का काम हैं।
मैं - हम्म्म्म.... बाथरूम में क्या करने आते हैं नहाने आया हूँ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना, तू अभी बाहर चला जा।मैं - मुझे अभी नहाना है ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना ।
मैं - (छेडते हुए) तो क्या हुआ हम साथ में नहा सकते है।नेहा - तू फिर मुझे परेशान करने आ गया ना ।
मै - नहीं..बिलकुल नहीं। मैं तो अपनी प्यारी धरम पत्नी के साथ नहाने आया हूं।
नेहा कुछ जवाब नहीं देती बस गुस्से से मेरी तरफ़ घूरती है। ये कहते हुए मैं अपने कपड़े उतारने लग जाता हूँ। फिर सिर्फ मुझमें चड्डी होती है या फिर मैं अपनी चड्डी भी उतार देता हूँ। मेरा लंड अभी बिलकुल तना हुआ होता है. नेहा दीदी की नज़र उस पर जाती है और वो अपना मुँह दूसरी तरफ़ से मोड़ लेती है उससे बहुत शर्म आ रही है कि उसका भाई उसके साथ नंगा बाथरूम में नहा ने की बात कर रहा है। फिर मैं शावर के नीचे आ जाता हूँ या शावर चालू करके नहाने लग जाता हूँ। मुझे पता था कि दीदी अभी गुस्सा है। इसीलिए वह दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी रहती है। फिर झनक झनक के मुझे पीछे देख रही होती है। या अपने शरीर पर साबुन लगाती रहती है। फिर साबुन टांगो के बीच चुत पर भी साबुन लगाता थी या फिर उसे अच्छे से रगड़ती है। अपने बॉबे पर हाथ के कांख पर जहां का बाल साफ होता है।


तभी तो मैं दीदी को बोलता हूं - दी वो मेरा हाथ पीठ तक नहीं पहुंचा रहा है। काया आप वहा साबुन लगा दूंगी। नेहा - नहीं . मैं घूम के कोमल दीदी की तरफ देखता हूँ। या वो भी मेरी तरफ देखती है . मैं - कितनी उम्मीद थी मुझे कि जब शादी होगी तो अपनी बीवी के साथ नहाना करूंगा वो मेरी पीठ पर साबुन लगाएगी। दीदी फिर मुझे घुसे से देखती है। में - प्लीज लगा दो पीठ में पूरे दिन खुजली चलती है वरना। नेहा - मैंने कहा न, मैं नहीं लगाऊँगी। मैं तो ठीक हूं ये एक पति का आदेश है कि अपने पति के साबुन लगाओ। या साबुन नेहा दी की तरफ़ कर देता हूँ। नेहा दीदी साबुन को नहीं लेती है। नेहा - मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ, मैं ये नहीं करुँगी। मैं फिर दीदी के करीब जाता हूँ। या फिर दीदी को बहो में भर लेता हूं । में - आप अब मेरी बीवी है, में जो बोलूंगा आपको करना पड़ेगा समझे।
और मैंने दीदी की चुत पर अपने हाथो से साबुन लगाने लगता हूँ तो मुझे एहसास होता है की दीदी के चुत पर हल्के हल्के रोएँ है। दीदी रोने जैसा चेहरा बना लेती है
यह देख कर में उसे छोड देता हूं। और उदास होने का नाटक करने लगता हूँ।
तब दीदी आगे बड कर मेरा लन्ड पकड़ लेती है और साबुन लगाती है जो लगभग 9 इंच लंबा और 3inch मोटा है।

और मेरे को बोलती है सॉरी। और लन्ड को छोड देती है।
में अपने लन्ड को अपने एक हाथ से पकड़ कर उसके चुट में घुसाने का प्रयास करता हूं दूसरे हाथ से उसके बोबे को दबाता हूँ।
वो झटका मार कर अलग होने का प्रयास करती है।
इस कारण मेरा लन्ड दीदी की चूत के थोड़ा ऊपर चला जाता है दीदी की हाइट मुझसे थोड़ी सी कम है।
में दीदी को जोर से अपने से लिपटा लेता हूँ तो मेरा लन्ड
दीदी के चुत से टकरा कर और लंबा मोटा होने लगता है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगता है।
नेहा - ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे ।
हाँ वैसे मैं ही पागल हूँ जो आपसे इतना प्यार करता हूँ, आपकी हर बात मानता हूँ।

(अभी मुझे समझ आ गया था कि गुस्से से कम शायद नहीं चलेगा दीदी को इमोशनल ब्लैकमेल करना पड़ेगा) मैं - सच है वैसे भी आप ये शादी करना ही नहीं चाहती थी ना ही मुझसे प्यार करती है। मैं ही बेवकूफ हूं जो ये समझ बैठा है कि अब आप मेरी बीवी हो या आपसे उस तरीके से बात करुं।वैसे सच तो ये है कि आप मुझसे प्यार ही नहीं करती हैं। या इतना कहकर दीदी को अपने से दूर कर देता हूँ या पीठ घुमा कर खड़ा हो जाता हूँ। या ऐसा दिखता हूँ जैसे कि मैं दीदी से नाराज हूँ।
तभी दीदी साबुन उठाती है और मेरी पीठ पर मलना शुरू कर देती है। मैं मन ही मन खुश होता हूं कि मेरा इमोशनल ड्रामा काम कर गया। नेहा - लो हो गया पीठ पे साबुन, नोटंकी बाज। अब मेरे लन्ड पर भी लगाओ तो दीदी मेरे लन्ड पर साबुन लगाते लगाते आगे पीछे करती है जिससे में जोश में आने लगता हूँ। मैं घूम के फिर से दीदी को बहो में भर लेता हूँ। में - मेरा तो हो गया पर आपका क्या । दीदी - मेरा मतलब, में - आपने मेरी पीठ पर साबुन लगाई अब मैं भी आपकी पीठ पर साबुन लगाऊंगा। नेहा - पर.. में - पर वर कुछ नहीं या फिर में दीदी की पीठ पर साबुन लगाने लग जाता हूँ । सबसे पहले पीठ पर साबुन लगाता हूँ या फिर दीदी के कुल्हो पर भी साबुन लगाता हूँ। नेहा अभी अभिषेक (अपने भाई) को कुछ नहीं बोलती बस अपनी आंखें बंद करके रखती है। फिर 5 मिनट बाद जब साबुन लग जाती है तब मैं शॉवर ऑन कर लेता हूँ। या फ़िर पूरा नहा लेता हू . शॉवर में नेहा दीदी भी नहाती है या अपने बदन से साबुन उतार लेती है। नहाने के बाद मैंने तौलिया से अपने बदन को पंछता हूं। लेकिन नेहा दीदी अभी भी खड़ी थी। में - क्या हुआ आप भी पोछ लो।

नेहा - ये सब क्यों कर रहे हो. माई - ये सब, कया सब किसकी बात कर रही हो। नेहा - मुझे परेशान न करो. मैं - तो अब मैं अपनी बीवी को परेशान भी नहीं कर सकता, इतना भी हक नहीं है मुझे।


नेहा - अब जाओ मुझे बाल धोने है।

मैं -ओह, ठीक है।

या इतना कह कर मैं दीदी को बाहर निकाल कर रखता हूँ।

नेहा - अब जाओ लेट हो रही है ना चाची बुला रही थी ना।

में -चाची नहीं, सासू माँ।
दीदी नाराज़गी से मेरी छाती पर एक मुक्का मारती है धीरे से।

नेहा - फिर वही सब, मैंने बोला ना अभी मैं तैयार नहीं हूँ मुझे थोड़ा और टाइम चाहिए अभी प्लीज। मेरे लिए इतना जल्दी स्वीकार करना बहुत मुश्किल है कि जो मेरा भाई था अब वो मेरा पति है।

मैं - मैं जानती हूँ आपके लिए ये आसान नहीं है पर मैं भी आपको एक बात कह देता हूँ कि अब आप मेरी बीवी हैं या मैं अपनी बीवी से जैसा प्यार करूँगा। पर हां इतना कह सकता हूं कि जो भी करूंगा बस आपके साथ ही करूंगा। तुम मेरी एकमात्र लड़की हो। पर ये दूरी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी।

या इतना कहते ही मैं दीदी के होटो को चूम लेता हूं। चुंबन करीब 2 मिनट चलती है, मैं बड़े ही भावुक तरीके से दीदी के होटो को चुम रहा था। किस के बाद दीदी फिर से बस मेरी आँखों में देखती है। मैं - ठीक है मैं जा रहा हूँ मेरी एक और केवल एक। आप बस अपनी ये लाइव बाइट्स छुपा लेना कहीं नीचे आ और शर्मिंदा ना होना पड़े। या इतना कहकर मैं बाथरूम से बाहर निकल जाता हूँ।
Good romantic story.
 

monty sharma

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Bhai behan ki Majburi me shaadhi

Update 6

मैंने कहा की फ्रेश हो जाइए मे नीचे जा के आता हूं।
तो मैं नीचे सीधे किचन में पहुंच जाता हूँ क्योंकि मुझे भूख लगी थी और किचन से बहुत अच्छी खुशबू भी आ रही थी। रसोई में पहले से ही मम्मी या ताईजी होती है। तो मैं सबसे पहले इधर उधर घूमता हूं। मम्मी एवं ताई जी को गुड मॉर्निंग बोलता हूं। माई - गुड मॉर्निंग मम्मी और गुड मॉर्निंग ताई जी। या दोनो भी मुझे फिर गुड मॉर्निंग बोलती है। मैं - बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है खाने में क्या बना है। ताई जी - आलू के पराठा बनाया है। सैंडविच है।
ठोकला है।

मैं - बहुत बढिया मिलेगा हमको या इंतज़ार करना पड़ेगा। तो आप भी चलके डाइनिंग टेबल पर बैठे कर मिलेंगा।
मम्मी - नेहा उठ गई क्या बेटा। मैं - नहीं मम्मी अभी तो सो रही है। मम्मी - चल ठीक है तू नाश्ता कर में उठा देती हूँ। मां वो मैं ये कह रहा था कि आप क्यों तकलीफ कर रही हो मैं ही चला जाता हूं और साथ में ही नाश्ता कर लेंगे हम ऊपर ।
ताई जी - हम्म, ये भी ठीक है ना तेरा या नेहा का नाश्ता ऊपर भेज देती हूं और वही नाश्ता कर लेना। फिर मैं नौकर के साथ नाश्ता लेकर ऊपर कमरे में चला जाता हूँ। और नौकर से चाय एवं नाश्ता की ट्रॉली ले कर उसको वापस भेज देता हूं। नीचे ताई जी एवं मम्मी आपस में ये बाते कर रहे थे। मम्मी - क्या दीदी आपने क्यों बोला कि नाश्ता ऊपर ले जा यहीं कर लेता और मैं अपनी बहू को भी देख कर इस बहाने बन जाती। ताई जी - बात तो सही है पर सोचो कि जैसे ही तुमने ऊपर जाने की कहीं तो उसका मुँह लाल हो गया था जरूर ऊपर कुछ तो गड़बड़ है।फिर में उपर कमरे मे
पहुंचता हूँ। दीदी अभी फिर से बिस्तर पर सो रही होती है। मेरा उन को जगाने का मन तो न कर रहा था पर अब नास्ता आ गया था तो उनको जगाना भी था। फिर में बेड के उपर दीदी के पास जाता हूँ। दीदी को बोलता हूँ । गुड मॉर्निंग जान उठ जाओ सुबह हो गई है। धडी में अभि 7: 30 बज रहे हैं । दीदी थोडा सा हिलती है बस, वो बड़ी ही सुस्त हो कर लेती है। उसे उठाने के क्रम में में देखता हूं कि उनके ऊपर के उभार सिलिवलेष टॉप से कड़े हो कर उनके निप्पल के धुन्डी दिख रही थी। जिसके कारण मेरा लन्ड अब बिलकुल अकड चुका था या माई दीदी के उभार को देख रहा था। बड़े ही कड़क या सक्त थे। इसी लिए कि मैं उनके नंगे बदन को देखना चाह रहा था पर अब क्यों ना देखूँ अब वो मेरी बहन नहीं मेरी बीवी बन चुकी है। फिर मैं उनको अपने हाथों में पकड़ता हूं या उनके गर्दन पर एक चुंबन कर देता हूं। जिससे गर्दन नीला पड जाता है। फिर हटके में दीदी से कहता हूँ की। मैं - अब नाराज कोई जरूरत नहीं है अब हम पति पत्नी हैं हमारे बीच कैसा नाराजगी ।
फिर दीदी के होटो को पूरी तरह से चुम लेता हू जब भी मैं दीदी को किस करता मुझे उनके होटो में से एक अलग सा रस आता ऐसा लगता कि बस इन्हें चुमता रहू या कभी ना चोदू।
किस खत्म होन के बाद मैं उठाता हूँ या दीदी को एक चाई का कप देटा हू। दीदी की शकल से लगा रहा था था की वो अब तक शॉक मे अभी जो हुआ हम से बैक टू बैक 2 किस्स। माई दीदी के हाथो में चाय का कप पकड़ा देटा हू या दीदी उसमे से चाय पीने लागती है।
नेहा - में अभी चाय पि रही थी या सोच रही थी की अभी कयों मेरे भाई ने मुझे किस किया ।
चाय पीने के बाद मुझे प्रेशर आने लगा था तो मैं चाय के कप को बगल में रख कर खड़ी हो जाती हूँ।
नेहा - नहीं वो, मुझे प्रेशर बना है तो मैं पहले वहां जाऊंगी। तभी मैं खड़ा होता हूं या दीदी को गोद में उठा लेता हूं।नेहा - अरे अरे ये क्या कर रहे हो। अभिषेक - आपकी मदद। फिर मेरी दीदी को बाथरूम के गेट के पास तक ले जाता हूं।
नेहा - बस अब मैं खुद चली जाउंगी। (अभी मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि मेरा भाई मुझे टॉयलेट में पेशाब करवाने के लिए उठा के लाया है ) मैं(अभिषेक ) फिर अपनी दीदी को गोद से उतार देता हूँ। या दीदी फिर बाथरूम के अंदर चली जाती है। प्रेशर बहुत तेज था तो कमोड तक गई और फिर प्रेशर हल्का किया)।
ताई एवं माँ ने मेरे को नीचे कुछ जरूरी बात के लिए बुलाया और कहा बहु को भी नीचे आने के लिए कहा।
मैंने बताया की दीदी अभी बाथरूम मे है तो ताई ने कहा की मैं पहले नीचे आऊँ
मैंने कहा आ रहा हूँ। मैंने दीदी को बताया की में नीचे ताई जी से मिल कर आ रहा हूँ। जब में नीचे पहुंचा तो ताई एवं माँ ने कहा की जल्दी तैय्यार हो के नीचे आ जाओ कुछ रस्मे जैसे
नेहा की पहली रसोई,
माया का विसर्जन,
मुहँ दिखाई,
जुआ जुईं,
इत्यादी।
मैंने कहा हम नहा कर तैय्यार हो कर आते हैं माँ ने कहा नेहा को लाल साडी पहनने बोलना।

में वापस उपर अपने कमरे मे आ गया जिसका गेट डिजिटल लॉक लगा था।
को खोल कर अन्दर आ गया तो देखा कि दीदी बाथरूम मे नहा रही है।
बाथरूम का गेट मे डिजिटल लॉक है जो मेरे से खुल जाता है को मेने खोल कर अंदर गया तो मे देखता हूँ की नेहा दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी नहा रही है।
उनका पूरा बदन पानी से भीगा होता है या शुद्ध बदन पर साबुन लगी होती है। उफ्फ क्या बताऊ क्या लग रही थी दीदी मुझे उस समय । बाल शुद्ध पानी में भीगे हुए। बूब्स गोल मटोल मस्त या दीदी ना ही बिल्कुल पटकी थी या ना ही जयदा मोटी बिल्कुल मस्त हॉट फिगर था उनका तो क्या मस्त कमाल की जलपरी लग रही थी। दीदी को पहली बार नंगा देख रहा था पर क्या बताया जब भी उनको देखता हूँ तो एक नया अहसास होता है। अभी तो वो पानी या साबुन में भीगी हुई काफ़ी मस्त लग रही थी। अब मेरे बाथरूम में एंटर होते ही जो अपने बदन पर साबुन लगा रही होती है उसकी नजर मेरे ऊपर पर पड़ती है या वो भी कुछ सेकंड के लिए वैसे ही खड़ी रह जाती है, उसको (नेहा ) को अंदाज़ा नहीं होता की उसका भाई अंदर आ जाएगा। फिर वो सीधे अपने स्तनों को अपने हाथों से छुपा लेती है। नेहा - तू यहां क्यों आया है, पता नहीं तुझे मैं नहा रही हूं। (दीदी अभी ऐसे अपने आप को छुपा रही थी कि कहीं उसका भाई उसे देख ना ले वो अपने बूब्स को पूरी तरह से अपने हाथ से छुपा लेती है।) नेहा - तू यहाँ क्यों आ रहा है या ये तौलिया का काम हैं।
मैं - हम्म्म्म.... बाथरूम में क्या करने आते हैं नहाने आया हूँ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना, तू अभी बाहर चला जा।मैं - मुझे अभी नहाना है ।नेहा - पर अभी मैं नहा रही हूँ ना ।
मैं - (छेडते हुए) तो क्या हुआ हम साथ में नहा सकते है।नेहा - तू फिर मुझे परेशान करने आ गया ना ।
मै - नहीं..बिलकुल नहीं। मैं तो अपनी प्यारी धरम पत्नी के साथ नहाने आया हूं।
नेहा कुछ जवाब नहीं देती बस गुस्से से मेरी तरफ़ घूरती है। ये कहते हुए मैं अपने कपड़े उतारने लग जाता हूँ। फिर सिर्फ मुझमें चड्डी होती है या फिर मैं अपनी चड्डी भी उतार देता हूँ। मेरा लंड अभी बिलकुल तना हुआ होता है. नेहा दीदी की नज़र उस पर जाती है और वो अपना मुँह दूसरी तरफ़ से मोड़ लेती है उससे बहुत शर्म आ रही है कि उसका भाई उसके साथ नंगा बाथरूम में नहा ने की बात कर रहा है। फिर मैं शावर के नीचे आ जाता हूँ या शावर चालू करके नहाने लग जाता हूँ। मुझे पता था कि दीदी अभी गुस्सा है। इसीलिए वह दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी रहती है। फिर झनक झनक के मुझे पीछे देख रही होती है। या अपने शरीर पर साबुन लगाती रहती है। फिर साबुन टांगो के बीच चुत पर भी साबुन लगाता थी या फिर उसे अच्छे से रगड़ती है। अपने बॉबे पर हाथ के कांख पर जहां का बाल साफ होता है।

तभी तो मैं दीदी को बोलता हूं - दी वो मेरा हाथ पीठ तक नहीं पहुंचा रहा है। काया आप वहा साबुन लगा दूंगी। नेहा - नहीं . मैं घूम के कोमल दीदी की तरफ देखता हूँ। या वो भी मेरी तरफ देखती है . मैं - कितनी उम्मीद थी मुझे कि जब शादी होगी तो अपनी बीवी के साथ नहाना करूंगा वो मेरी पीठ पर साबुन लगाएगी। दीदी फिर मुझे घुसे से देखती है। में - प्लीज लगा दो पीठ में पूरे दिन खुजली चलती है वरना। नेहा - मैंने कहा न, मैं नहीं लगाऊँगी। मैं तो ठीक हूं ये एक पति का आदेश है कि अपने पति के साबुन लगाओ। या साबुन नेहा दी की तरफ़ कर देता हूँ। नेहा दीदी साबुन को नहीं लेती है। नेहा - मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ, मैं ये नहीं करुँगी। मैं फिर दीदी के करीब जाता हूँ। या फिर दीदी को बहो में भर लेता हूं । में - आप अब मेरी बीवी है, में जो बोलूंगा आपको करना पड़ेगा समझे।
और मैंने दीदी की चुत पर अपने हाथो से साबुन लगाने लगता हूँ तो मुझे एहसास होता है की दीदी के चुत पर हल्के हल्के रोएँ है। दीदी रोने जैसा चेहरा बना लेती है
यह देख कर में उसे छोड देता हूं। और उदास होने का नाटक करने लगता हूँ।
तब दीदी आगे बड कर मेरा लन्ड पकड़ लेती है और साबुन लगाती है जो लगभग 9 इंच लंबा और 3inch मोटा है।
और मेरे को बोलती है सॉरी। और लन्ड को छोड देती है।
में अपने लन्ड को अपने एक हाथ से पकड़ कर उसके चुट में घुसाने का प्रयास करता हूं दूसरे हाथ से उसके बोबे को दबाता हूँ।
वो झटका मार कर अलग होने का प्रयास करती है।
इस कारण मेरा लन्ड दीदी की चूत के थोड़ा ऊपर चला जाता है दीदी की हाइट मुझसे थोड़ी सी कम है।
में दीदी को जोर से अपने से लिपटा लेता हूँ तो मेरा लन्ड
दीदी के चुत से टकरा कर और लंबा मोटा होने लगता है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगता है।
नेहा - ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे ।
हाँ वैसे मैं ही पागल हूँ जो आपसे इतना प्यार करता हूँ, आपकी हर बात मानता हूँ।

(अभी मुझे समझ आ गया था कि गुस्से से कम शायद नहीं चलेगा दीदी को इमोशनल ब्लैकमेल करना पड़ेगा) मैं - सच है वैसे भी आप ये शादी करना ही नहीं चाहती थी ना ही मुझसे प्यार करती है। मैं ही बेवकूफ हूं जो ये समझ बैठा है कि अब आप मेरी बीवी हो या आपसे उस तरीके से बात करुं।वैसे सच तो ये है कि आप मुझसे प्यार ही नहीं करती हैं। या इतना कहकर दीदी को अपने से दूर कर देता हूँ या पीठ घुमा कर खड़ा हो जाता हूँ। या ऐसा दिखता हूँ जैसे कि मैं दीदी से नाराज हूँ।
तभी दीदी साबुन उठाती है और मेरी पीठ पर मलना शुरू कर देती है। मैं मन ही मन खुश होता हूं कि मेरा इमोशनल ड्रामा काम कर गया। नेहा - लो हो गया पीठ पे साबुन, नोटंकी बाज। अब मेरे लन्ड पर भी लगाओ तो दीदी मेरे लन्ड पर साबुन लगाते लगाते आगे पीछे करती है जिससे में जोश में आने लगता हूँ। मैं घूम के फिर से दीदी को बहो में भर लेता हूँ। में - मेरा तो हो गया पर आपका क्या । दीदी - मेरा मतलब, में - आपने मेरी पीठ पर साबुन लगाई अब मैं भी आपकी पीठ पर साबुन लगाऊंगा। नेहा - पर.. में - पर वर कुछ नहीं या फिर में दीदी की पीठ पर साबुन लगाने लग जाता हूँ । सबसे पहले पीठ पर साबुन लगाता हूँ या फिर दीदी के कुल्हो पर भी साबुन लगाता हूँ। नेहा अभी अभिषेक (अपने भाई) को कुछ नहीं बोलती बस अपनी आंखें बंद करके रखती है। फिर 5 मिनट बाद जब साबुन लग जाती है तब मैं शॉवर ऑन कर लेता हूँ। या फ़िर पूरा नहा लेता हू . शॉवर में नेहा दीदी भी नहाती है या अपने बदन से साबुन उतार लेती है। नहाने के बाद मैंने तौलिया से अपने बदन को पंछता हूं। लेकिन नेहा दीदी अभी भी खड़ी थी। में - क्या हुआ आप भी पोछ लो।

नेहा - ये सब क्यों कर रहे हो. माई - ये सब, कया सब किसकी बात कर रही हो। नेहा - मुझे परेशान न करो. मैं - तो अब मैं अपनी बीवी को परेशान भी नहीं कर सकता, इतना भी हक नहीं है मुझे।

नेहा - अब जाओ मुझे बाल धोने है।

मैं -ओह, ठीक है।

या इतना कह कर मैं दीदी को बाहर निकाल कर रखता हूँ।

नेहा - अब जाओ लेट हो रही है ना चाची बुला रही थी ना।

में -चाची नहीं, सासू माँ।
दीदी नाराज़गी से मेरी छाती पर एक मुक्का मारती है धीरे से।

नेहा - फिर वही सब, मैंने बोला ना अभी मैं तैयार नहीं हूँ मुझे थोड़ा और टाइम चाहिए अभी प्लीज। मेरे लिए इतना जल्दी स्वीकार करना बहुत मुश्किल है कि जो मेरा भाई था अब वो मेरा पति है।

मैं - मैं जानती हूँ आपके लिए ये आसान नहीं है पर मैं भी आपको एक बात कह देता हूँ कि अब आप मेरी बीवी हैं या मैं अपनी बीवी से जैसा प्यार करूँगा। पर हां इतना कह सकता हूं कि जो भी करूंगा बस आपके साथ ही करूंगा। तुम मेरी एकमात्र लड़की हो। पर ये दूरी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी।

या इतना कहते ही मैं दीदी के होटो को चूम लेता हूं। चुंबन करीब 2 मिनट चलती है, मैं बड़े ही भावुक तरीके से दीदी के होटो को चुम रहा था। किस के बाद दीदी फिर से बस मेरी आँखों में देखती है। मैं - ठीक है मैं जा रहा हूँ मेरी एक और केवल एक। आप बस अपनी ये लाइव बाइट्स छुपा लेना कहीं नीचे आ और शर्मिंदा ना होना पड़े। या इतना कहकर मैं बाथरूम से बाहर निकल जाता हूँ।

Lovely update 💗♥️❤️
 
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