Hot updateBhai behen ki majburi me shaadhi
Update 9
दीदी सोने के लिए कमरे मैं आ जाती है और गेट अंदर से बंद कर लेती है।
और मेरे तरफ देख के बोलती है में नहाने जा रही हूँ। में सुन कर वापस लैपटॉप मे भाई बहन के sex की कहानी पढ़ने लगता हूँ।
दीदी वापस जोर से बोलती है कि में नहाने जा रही हूँ और मेरी तरफ देखती है
और आँखों से साथ मे नहाने का निमंत्रण देती है।
मे लैपटॉप बंद करके दीदी को जोर से हग करने की कोशिस करता हूँ तब दीदी बोलती है पहले नहा लेते हैं
मतलब उनका साथ मे नहाने की इच्छा है।
दीदी अपने कपड़े मेरी अलमारी से लेती है और फिर बाथरूम की तरफ जाती है।
मैं - क्या मे भी आ जाऊँ
तो दीदी ने हंसते हुए तुमारी मर्जी और बाथरूम की तरफ बड़ जाती हैं।
में भी बाथरूम की तरफ़ जाता हूँ और देखता हूँ की दीदी अपने कपड़े उतार रही है। में आगे बड़ कर उनके हाथो से साड़ी ले ले कर रख देता हूं और उनके ब्लाउज के हूक को खोलने लग जाता हूँ। और ब्लाउज खोल देता हूँ। अब पेटीकोट की नाड़ा खोल देता हूँ और पेटीकोट नीचे गिर जाता है और मे उनके पैरों से पेटीकोट निकाल देता हूँ।
अब दीदी केवल ब्रा पेन्टी मे रह जाती है।
दीदी मेरे को देख के इशारे मे कपड़े उतारने के लिए बोलती है। में दीदी को बोलता हूँ मैं आप के कपड़े में उतार रहा हूँ आप मेरी उतारिए। दीदी आगे बढ़ कर मेरे टी शर्ट को खोलने लग जाती है और मेरे पैट को भी खोल देती है। अब मे भी केवल अन्डरवियर में रहता हूँ। अब हम दोनों शावर के नीचे आ जाते हैं और नहाने लग जाते हैं साबुन हाथ में लेकर दीदी मेरे छाती पीठ पर साबुन लगाती है।
दीदी बोलती है अन्डरवियर खोलो। में दीदी को खोलने को बोलता हूँ।
और में दीदी का ब्रा एवं पेन्टी खोल देता हूँ और दीदी मेरा अन्डरवियर खोल देती है और साबुन मेरे लन्ड पर लगाने लगाने लग जाती है। दीदी के मसाज के कारण मेरा लन्ड ज्यादा टाइट और बड़ा हो जाता है
दीदी जोर जोर से मेरे लन्ड को आगे पीछे करती है। और साबुन मेरे तरफ बढ़ा देती है।
में साबुन ले के दीदी को लगाने लगता हूँ।
उसके पीठ पर तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मै
बोबै पर लगवाती है।
और मे जोश मे आ जाता हूँ। और जोर जोर से दीदी के मम्मै को मसलता हूँ और दीदी के लिप्स पर अपने होंठ से जोर से किस करने लगता हूँ।
दीदी भी जोश मे आ जाती है। और मेरे हाथ को पकड़ कर अपने चुत पर रगडती है, और फिर अपने हाथो से मेरे लन्ड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगती है।
इस कारण हम दोनों होश खोने लगते हैं।
अब शावर को तेज करके साबुन उतारने कर नहाना का काम पूरा कर के एक दूसरे के शरीर को पोछते है।
फिर मे दीदी को गोद मे उठा कर बिस्तर बिना कपड़े के ले आता हूँ ।
और रिमोट से म्यूजिक चला देता हूँ ताकि माहौल लव्वेबल हो जाए लाइट भी पिंक कलर मे कन्वर्ट कर देता हूं। और लिपस्टिक मे से पिंक कलर का निकाल कर बिस्तर के साइड टेबल पर रख देता हूँ।
दीदी - जानू मूछे ठंड लग रही है ऐसी का टेम्परेटर बडा दो।
में बेड पर पड़े चादर को दीदी के बदन पर डाल देता हूँ और साथ मे आ के लेट जाता हूं।
और दीदी को बोलता हूँ आज आपने मुझे जानूँ कह कर बात की बहुत अच्छा लगा और मैंने दीदी के गाल पर जोर से किस करता हूँ तो दीदी बोली की गाल पे दाग पड़ जाएगा प्लीज़...
मैने दीदी को बोला की लेकिन में तुमको दीदी बोलूंगा और आप मुझे भाई या भैया कह कर बात करे अकेले मे कम से कम बिस्तर पर नेहा ने कहा ठीक है।
अभिषेक - क्या दीदी आज आप मुझको अपना पूरा जिस्म सौंप देंगे मै भी आपको आज से पूरा जिस्म सौपता हूँ।
दीदी ने कहा मे भी।
और दीदी ने मेरे छाती पर जोर से किस करदिया जिससे मेरे छाती पर नीला पड़ गया।
अब दीदी ने रिमोट से लाइट को तेज कर दिया और कहा मुझे अपने भाई के बदन का एक एक इंच देखना है साथ ही साथ वो मेरे लोडे को हाथ मे लेकर मोईसचर क्रीम लगाने लगती है। जिससे मेरा लन्ड टाइट हो कर फनफनाने लगा और टाइट हो कर दर्द करने लगा।
दीदी मेरे को उल्टा लेटने को बोलती है और मेरे पिठ पर किस लव बाईट का जान मूछ कर करती है फिर मेरे गांड को किस करते हुए मेरे को सीधा करती है।
और मेरे और देखने लगती है।
में भी दीदी दोनों बॉबे को हाथ मे ले कर दबाने लगता हूं दीदी के मुह से सिसकारी निकलने लगती है।
बॉब्बे की घुन्डी को मुहँ मे लेकर जोर जोर से चुस्ता हूँ।
इसके बाद में दीदी के पेट मे नाभि के पास किस कर नीला कर देता हूँ।
दीदी के चूत के ऊपर कुछ रोएदा रबाल थे वह बड़े ही सेक्सी लग रहे थे। उनकी टांगों को खोलकर उनकी चूत को देखने लगा उनकी चूत ऐसी दिख रही थी।
अब मे आगे बढ़ कर दीदी के चुत को किस करता हूं और बटका काट लेता हूँ दीदी जोर से चिल्लाती है।
अब मे दीदी के चुत के दोनों भग को अलग अलग कर के देखने लगता हूँ।
नेहा की चुत का छेद बहुत छोटा होता है 1.1/2 इंच से ज्यादा मोटा लन्ड अंदर नहीं जायगा।
मे दीदी के चुत को चाटने लगता हूँ दीदी जोर जोर से सिस्काने लगती हैं और अपने बदन को अकडने लगती है और मेरे को अपने उपर खिंचने का प्रयास करती है। फिर मैंने चूत को थोड़ा खोल कर देखा कि दीदी वर्जिन है पहले किसी से चुद चुकी है। वैसे मुझे पता था कि दीदी वर्जिन ही होगी क्योंकि उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और दीदी ऐसी गंदी भी नहीं थी कि बॉयफ्रेंड रखे। दीदी की चूत को खोलने के बाद मुझे ऐसा दृश्य देखने को मिलता है दीदी की हाइमन को देख कर मैं बहुत खुश होता हूँ कि दीदी कुंवारी है और मैं आज पहली बार उनको एक औरत बनाऊंगा और में अपनी जीभ से दीदी की चूत को फिर से चाटना शुरू कर देता हूँ। नेहा - नहीं भैया नहीं ये बहुत गंदी जगह होती है यहां अपनी जुबान मत लगाओ। अभी - दीदी आपकी कोई भी चीज मेरे लिए गंदी नहीं है इसमें बहुत मजा आएगा आप केवल मजा लो। और फिर में दीदी की चूत को लागातार चूसता रहता हूँ दीदी तेज तेज सिसकारियां लेती रहती है। नेहा - आह.. उम्म...... उफ्फ़. नहीं ओह....हाये । उफ्फ.... भई... बस करो ओ बस। या नहीं नहीं तो मैं आह... दीदी की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थी और मैं दीदी की चूत को अच्छे से चाट चाट कर गीला करता हूं जब मुझे लगता है कि चूत अब अच्छे से गीली हो गई है तब मैं अपनी जीभ को हटा लेता हूं
फिर मैं दीदी को बैठने को बोलता हूं। और कहता हूँ अभिषेक - दीदी इसे अपने मुँह में लो। फिर दीदी धीरे-धीरे मेरे लैंड को अपने मुंह में लेती है और चुस्ती रहती है। वैसे बस मेरे लैंड का टोपा ही उनके मुंह में गया था मैं अपना पूरा लैंड उनके मुंह में डालना चाहता था और मैं उन्हें अभी गुस्सा नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। फिर कुछ देर ऐसे ही लन्ड चूसाई के बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लेटने को कहा और दीदी बिस्तर पर लेट गई।
दीदी को बिस्तर पर लेटा देने के बाद।
फिर में अपना लन्ड पकड़ कर दीदी की चूत के सामने लेकर आता हूं दीदी अभी थोड़ा सा डर रही हैं। मैं अपना लन्ड चूत के छेद पर सेट करता हूं। तभी दीदी मुझसे कहती हैं अभिषेक मेरा पहेली बार है प्लीज धीरे से घुसाना।
अभिषेक - आप चिंता मत करो दी मैं बड़े आराम से करूंगा। वैसे मेरा भी यह पहली बार ही है।
नेहा मन में (हे भगवान यह इतना बड़ा लिंग मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा प्लीज मुझे शक्ति दो और मुझे बचा लेना कहीं इतने बड़े से मैं मर न जाऊं और मन में भगवान को याद करने लग जाती है)
फिर मैने अपना लंड चूत पर सेट करके के हल्का सा जोर लगा था हू या मेरा लंड फिसल जाता है।
मैं फिर से अपना लंड चूत पर सेट करती हूँ या फिर धीरे-धीरे जोर लगाना शुरू करती हूँ। लंड अभी अंदर नहीं जा रहा था। इसलिए मैं जोर जोर से दीदी के बोब्बे मसलने लगता हूँ जिसके कारण दीदी नीचे चुट पर जोर लगाने लगती है जिससे चुट फैलने लगती है और मेरे लन्ड का टोपा चुत के मुह मे फस जाता है।
दीदी अभी केवल मुझे देख रही थीं या उनकी सास तेज तेज चल रही थीं या चेहरे पर भी दर्द के भाव आ रहे थे।
फिर मैं या तो दम लगाता हूँ और फिर मेरे लंड का टोपा दीदी की चूत के अंदर घुसने लगता है और दीदी जोर से हाथ से मेरे को पीछे धकेलती का प्रयास करती है लेकिन कामयाब नहीं होती है।
और में लन्ड अंदर की तरफ धीरे धीरे घुसाने की कोशिश करता हूँ
दीदी जोर जोर से चिल्लाती है उसके आँखों से आंसू निकलने लगता है। और लन्ड हिमेन को फाड़ते हुए अंदर घुसता है।
नेहा - बहुत गंदे हो बहन पर दया नहीं आई।
में जब नीचे चुट के पास देखता हूं तो वहां खून निकल रहा होता है
सील टूट चुकी होती है। लन्ड करीब 2 इंच ही घुसा होता है और दीदी रो रो कर बोलती है मेरे भाई बाहर निकाल लो।
में थोड़ा बाहर निकाल के जोर से झटका मारता हूँ और लंड 9 इंच अंदर जाता है उधर दीदी की जोर दार चीख निकल जाती है।
नेहा - आआह्ह........आआह्ह..... ओह..........माँ .....
दीदी की ये चीख बड़ी ही जोर से निकली थी इतना कि शायद पूरे घर में गूंज जाए। मैं भी अभी रुक जाता हूँ या लंड को थोड़ा बाहर निकाल कर दुबारा अंदर बाहर करता हूँ बार बार और में दीदी को लीप लॉक किस करता हूँ
और लिपस्टिक लगा लगा के लीप को चुस्ता हूँ।
और लगातार अंदर बाहर करता रहता हूँ।
मुझे भी लंड में थोड़ा दर्द हो रहा था दीदी की चूत बड़ी टाइट थी या मैंने कोई चिकनाई भी इस्तेमाल नहीं की थी इसलिए मेरे लंड को चूत में डालने में ज्यादा दम लगाना पड़ा या अब ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड किसी टाइट भट्टी में हो जो की गन्ने की मशीन की तरह मेरे लंड का जूस निकाल रही हो। इसलिए मैं भी धीरे-धीरे ही मूव कर रहा था क्योंकि मुझे भी लंड के टोपे के आस-पास दर्द हो रहा था। पर आज दर्द सहना तो करना ही था आखिर अब मैं अपनी ही विवि का मर्द जो हूं। फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेते लेते दीदी को धीरे धीरे चोद रहा था। पर हर धक्के के साथ दीदी बड़ी ही तेज सिसकारी लेती है।
नेहा - आह...आह...... उफ्फ्फ.... ह्ह्ह.... ओह......
मुझे ये बड़ा अच्छा लग रहा था। या पहले जो लंड को अंदर बाहर करने में दिक्कत हो रही थी वह अब थोड़ी काम थी शायद दीदी की चूत भी अंदर से गीली होने लग गई थी। या अब मेरा भी दर्द छू मंतर हो गया था या मुझे मजा आने लगा था या मैं अब अपनी हवस के चरम पर था। दीदी आंखे बंद किए मेरा लौड़ा ले रही थी या सिसकारिया ले रही थी। फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ा लेता हूँ या तेज तेज दीदी को चोदने लग जाता हूँ। दीदी की सिसकारी फिर तेजी में बदल जाती है। दीदी तेज तेज आवाजे निकालने लगती है।
नेहा - आआह..... ओह.... माँ...... धीरे........भाई.....ओह माई.. मर गई....गे... उफ्फ . .. ओह..... उम्मम्मम....
दीदी की बात सुन सुन के मेरे अंदर जोश या बढ़ता जा रहा था या मैंने दीदी की टांगे ऊपर करके जोर दार चुदाई करनी शुरू कर दी। या फिर मैं तेज तेज चोदने लगा बहुत स्पीड में. कोई दूर से देखता है तो ऐसा लगता है जैसे कोई ड्रिल मशीन जमीन में गड्ढा कर रही हो।
फिर करीब ऐसे ही 25 मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद मैं थोड़ा थक जाता हूँ या मेरा निकालने वाला भी होता है तो मैं नेहा दी को चोदना बंद कर देता हूँ या अपना लंड बाहर निकाल लेता हूँ। लंड बाहर निकलते ही मुझे दिखता है कि मेरे लंड के टोपे पर खून लगा हुआ है। या कोमल दीदी की चूत से भी खून निकल रहा है या कुछ खून की बूंदे बेडशीट पर भी गिर गई है जिसकी सफेद बेडशीट लाल हो गई थी।
नेहा मन में (मेरे भाई ने अभी मेरी जोर से दार ठुकाई कर दी थी बिच बिच में मैं उसे मना करने वाली थी पर मै एक हिंदुस्तानी लड़की हूं या एक हिंदुस्तानी लड़की अपने पति को सेक्स करते समय मना नहीं करती, पर मेरी हालत अभी बहुत खराब थी। मेरे नीचे मतलब चूत में बहुत दर्द हो रहा है। ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने मेरी चूत में मसल डाल दिया हो । दर्द तो अब भी है पर दर्द के साथ थोड़ा अच्छा भी लगने लगा था।
फिर मै दीदी को बोलता हूं कि आप उलटे लेट जाओ या दीदी वैसे ही करती है या मैं भी इसमें उनकी मदद करता हूं। फिर दीदी उल्टी लेट जाती है या मैं भी उनके ऊपर लेट जाता हूँ या फिर लंड दीदी की चूत में फिर से डाल देता हूँ।
नेहा की फिर से आह निकल जाती है। नेहा - आह...... आह..... ओह...... उम्म......
या फिर मेरे लंड को अंदर डाल के फिर से अंदर बाहर करना शुरू कर देता हूँ तेज तेज। दीदी लगातर चीखे जा रही थी।
नेहा - आआह...आह...आह....धीरे भाई प्लीज प्लीज। अभिषेक - आई लव यू दी बस थोड़ी देर या बस। नेहा - ओह. .... अब नहीं आह ... अब सहन नहीं होता ...
पर मैं रुकता नहीं या अपनी स्पीड या बढ़ा देता हूँ या नेहा दीदी चादर को कस के पकड़ लेती है या उसे नोचने लगती है। या फिर मैं धमा धम नेहा दीदी को चोद रहा था।
पूरे कमरे में हच हच, या दीदी की दर्द भरी चीखों की आवाज गूंज रही थी। फिर ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद अब मेरा स्पर्म निकलने वाला होता है तभी मैं अपनी स्पीड बढ़ा लेता हूँ।
( नेहा की जुबानी - मेरा भाई मुझे लेटने को कहता है या मैं उलटे लेट जाती हूँ या फिर वो मुझे चोदना शुरू करता है इस पोजीशन में ना जाने क्यू पहेली वाली पोजीशन से भी ज्यादा दर्द हो रहा था। पर क्या करती मैं बस उसे कह रही थी कि धीरे-धीरे पर वो नहीं मानता उल्टा वो स्पीड या बढ़ा लेता है अब मेरी तो जान ही निकलने वाली होती है क्योंकि इतना दर्द हो रहा था या अब तो बिलकुल भी जान नहीं बची थी मुझमें क्योंकि शायद मेरा ऑर्गैज़्म भी हो गया था)
फिर मैं (अभिषेक ) ऐसे ही दीदी की चूत में अपना माल, अपने शुक्राणु डाल देता हूँ।
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Update 10.
अभिषेक - आह... आह.. दीदी मैं आने वाली हूँ... आह....
ऐसे ही आवाज़ लगाता हुआ मैं दीदी की चूत में झड़ जाता हूँ। ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपने शरीर से सारी जान निकाल दी हो क्योंकि मैंने अपने जीवन में पहली बार सेक्स किया था या किसी के अंदर अपना माल चोदा था।
फिर अपने वीर्य को छोडने के बाद मैं दीदी पर लेट जाता हूँ। दीदी की सांसे भी तेज चल रही थी। मैंने अपना लोड़ा अभी भी चूत में ही डाले रखता हुं पर अब लोड़ा धीरे धीरे ढीला पड़ रहा था। फिर मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला।
लंड चूत से बाहर निकलते ही मेरे शुक्राणु और खून दीदी की चूत से बाहर बहने लगे। बहुत गाडे शुक्राणु थे या बहुत जयदा । ( इतने शुक्राणु एक लड़की को प्रेग्नेंट करने के लिए काफी है )
फिर मैं दीदी के बगल में ले जाता हूं। दीदी अभी भी वैसे ही उल्टी लेती थी। फिर मैं चादर ओढ़ लेता हूं। दीदी को भी अपनी बाहों में भर लेता हूं। या उनका सर अपनी छाती पर रख लेता हूं।
तभी तो मैं दीदी से पूछता हूं। दी आप ठीक है ना। कोमल - हा। अभिषेक - दर्द तो नहीं है। दीदी - पता नहीं। फिर ऐसे ही दोनो शांत रहते है। मेरा लंड फिर खड़ा हो जाता है। तभी दीदी मेरे से कहती है। नेहा - अभिषेक। अभिषेक - हाँ दी ।
नेहा - मुझे नींद आ रही है,
या इतना कह के मेरे को जोर से बहो में कस लेती है।
मैं भी दीदी को बहो में कस लेता हू या माथे पर चुमता हू या कहता हू। अभिषेक - मैं तुमसे प्यार करता हूँ। फिर सो जाता हूँ . वही सीन नेहा की जुबानी -
मेरा भाई मेरे अंदर झड़ जाता है मुझे मेरे पेट पूरा भरा हुआ लग रहा था ऐसा लगा जैसा किसी ने मानो गरम लावा से भरी पिचकारी मेरे अंदर मार दी हो। मुझे महसस हो रहा था कि मेरी पूरी चूत शुक्राणुओं से भर गई है। या एक तो उसका लंड इतना बड़ा मेरी बच्चेदानी तक चला जाता है अभी तो ऐसा लग रहा था मानो सीधे उसने मेरी बच्चे दानी में अपना माल डाल दिया हो। मैं अभी ऐसी ही लेटी हूँ या फिर मेरा छोटा भाई भी मेरे बगल में लेट जाता है बिल्कुल नंगा या फिर चादर भी ऊपर डाल लेता है। या फिर मुझे अपनी बाहो में भी भर लेता है। अभी मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था कि कैसे अपने ही छोटे भाई की बीवी बन गई उसके साथ सुहागरात मनाई या अब उसके साथ नंगी बिना कपड़ों के सो रही हूं।
फिर मेरा भाई बड़ी क्यूटनेस के साथ सवाल पूछता है कि मुझे दर्द तो नहीं हुआ। अब क्या बताया उसको कि उसने मेरी जान ही निकाल दी है या शायद 2 या 3 दिन तक ढंग से चल भी ना पाऊ।
पर तभी मुझे उसका लंड कडा महसस होता है अपने पैर पर क्योंकि मैंने एक टांग उसके ऊपर डाल रखी थी। मुझे डर लगता है मुझमें दूसरे राउंड की हिम्मत नहीं है।
और फिर ये फिर से खड़ा हो गया अगर मेरे भाई ने फिर से करने को कहा तो मैं मना नहीं कर पाऊंगी या मुझमें हिम्मत भी नहीं बची है एक या राउंड करने की क्योंकि नींद भी आ रही है है . तभी मैं उसे बोलती हूँ कि मुझे नींद आ रही है तो वो मुझे माथे पर किस करके आई लव यू बोल देता है।
सच बताओ तो पता नहीं क्यों जब उसने आई लव यू बोला तो मुझे अच्छा लगने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कोई कपल लेते हो जैसा की फिल्मों में दिखते है। लड़की सेक्स करने के बाद अपने पति के साथ नंगी लेती हो। वो भी उसका माल अपने पेट में लेके जो कि अब मेरी जांगो पर भी लग चुका था। तभी तो मैं उसको बहो में भर लेती हूँ और मैं भी सो जाती हूँ।
फिर सुबह हो जाती है या मेरी आंख खुलती है, कमरे में थोड़ी थोड़ी रोशनी आ रही थी तो मुझे उसमें 4 बज के 30 मिनट हो रहे थे। फिर मैंने अपनी बहनों को सोती हुई देखा जो अब मेरी बीवी बन चुकी थी। दीदी बिल्कुल नंगी मेरी बहनो में लेती हुई थी। या उनके स्तन मेरी छाती पर लग रहे थे।
तभी मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगता है। फिर मैं खड़ा होना चाहा पर दीदी ने मुझे कस के जकड़ रखा था या मैं उठ नहीं पा रहा था। मै- हाय कितनी प्यारी लग रही है सोती हुई जगाने का मन ही नहीं कर रहा या उनके माथे पर चुम्बन कर देता हूँ ।
और उसे में सहलाने लगता हूँ। मेरा तो लन्ड बहुत ज्यादा उत्तेजित हो कर दीदी के जांग पर रगड़ता है।
दीदी भी उत्तेजित हो कर जोर से अपने तरफ खिंचने लगती है।
नेहा उत्तेजित हो कर मेरे को किस करने लगती है और एक हाथ से मेरे लन्ड को पकड़ कर अपने चुत पर दबाने लगती है।
नेहा - भाई मेरे चुत के पास बहुत जोरों से दर्द हो रहा है
मे चल नहीं पाऊँगी। और दीदी मेरे लन्ड पर बैठ कर लन्ड को अपनी चुत के अंदर घुसाती है।
अब में मैदान सम्हाल लेता हूँ और नीचे से जोर लगाता हूँ दीदी जोर जोर से सिसकारी लेती है और उसके चेहरे पर खुशी और दर्द का भाव आ जाता है।
दीदी लन्ड पर ऊपर नीचे होने लगती है अह अह ओह अह ओह......
मैं भी पूरा आनंद लेते हुए नीचे से पूरा जोर से बार बार धक्का लगाता हूँ।
मेरा लन्ड लम्बा होने के कारण दीदी के बच्चे दानी तक जोर से चोट करता है तो दीदी जोर जोर से अवाज निकालती है
क्योंकि म्यूजिक सुबह बंद था तो अवाज कमरे के बगल मे स्नेहा के कमरे मे पहुंचती है तो स्नेहा बाहर गेट (सुईत) के गेट का बेल बजाती है घबरा कर।
हम गेट नहीं खोलते है।
तो स्नेहा नेहा के मोबाइल मे रिंग करती हैं।
बिस्तर के साइड टेबल पर मोबाइल पड़ा होने के कारण दीदी मेरे को मोबाइल उठा कर देने को बोलती है और जोर जोर से उपर नीचे होना जारी रखती है।
में मोबाइल नेहा के तरफ बढ़ा देता हूं और सीधे बैठ कर दीदी को अपने झांग पर खींच कर जोर से झटका देता हूँ तो नेहा के मुहँ से चीख निकल जाती है।
लेकिन वो अंदर बाहर करना बंद नहीं करती है क्योंकि एक्साइटमेन्ट चरम पर होता है।
नेहा फोन उठा कर स्नेहा से बात करती है और धीरे धीरे सिसकाते हुए स्नेहा से पूछती है की
नेहा - बोल
स्नेहा - दीदी सब ठीक है न
नेहा - ऊहं उहं बोल हाँ सब ठीक है।
स्नेहा - तो आपकी चीखै क्यों।
नेहा - अभिषेक मुझे छेड़ रहा था आह आह सिसकाते
हुए।
और फोन काट देती है और मेरे को जोर से पकड़ कर वापस मुझे बिस्तर पर सुला कर मेरे कमर पर चढ़ जाती है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगती है उसका ऑर्गस्म आने वाला है तो मेरे से कहती है मे आ रही हूँ। और जोर से मुझे हग कर के अपने और खिंच लेती है।
लेकिन मेरा ऑर्गस्म अभी नहीं हो रहा था।
अभी - दीदी मेरा तो अभी तक निकला नहीं तो दीदी कहती है मे क्या करूँ अब में थक गई हूँ तुम भी अपना निकाल कर हल्के हो जाओ।
अभी - दीदी आप घोड़ी बन जाओ तो मेरे को भी सन्तुष्टि मिल जाएगी।
नेहा - ठीक है।
और दीदी बिस्तर से नीचे उतर कर जमीन मे सर्विस टेबल को अपने तरफ खिंच कर उसपे तकिया लगा कर पेट के बल लेट जाती है।
में अब उसके पीछे से खड़ा हो कर अपने हथियार जो की नेहा के ऑर्गस्म के रस से गिला हो गया था को अपने हाथो से नेहा के चुट में घुसाता हूँ तो गिला होने के कारण पहले से थोड़ा आराम से घुस जाता है लेकिन टाइट होने के कारण दीदी सिसका जाती है।
मे जोर जोर से अंदर बाहर करता हूँ 30-40 बार के बाद मेरा भी ऑर्गस्म के कारण जोश आ जाता है।
तो मे दीदी को वापस बिस्तर पर सीधा लेटने के लिए बोलता हूं दीदी सीधा बिस्तर पर लेट जाती है।
अब में दीदी का टांग अलग कर के अपने लन्ड को जोर से दीदी के चुत मे धुसा देता हूँ।
और दीदी के दोनों मम्मौ को दबाने खींचने लगता हूँ दीदी कहती है धीरे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज।
मैं स्पीड बढ़ा देता हूँ और दीदी स्पीड के चलते जोर जोर से आवाज करने लगती है।
मैं आ रहा हूँ मेरा निकलने वाला है और में जोर से पिचकारी छोड देता हूँ और दीदी मेरे को अपने से लिपटा कर सारा गरम वीर्य अपने बूर मे लेने लगी ।
और दीदी जोर से मुझे अपने सीने से लिपटा लेती है और मेरे गाल पर किस करती है।
मैं दीदी से पूछता हूँ कैसा लग रहा है दीदी - अपने चेहरे पर स्माइल लाते हुए बोलती है सो जाओ डार्लिंग सुबह के 5:30 बज रहे है।
दीदी - सुबह स्नेहा का सामना करना पड़ेगा क्या बोलून्गी ?
मैंने नेहा को बोला की अपन ने सैफ्टी तो नहीं की तो नेहा ने बताया कि जब मे डॉ. से शादी के पहले ईन्जेकष्न लगवाई थी तो डॉ. साहेब से तीन महीने के लिए मैंने ईन्जेकष्न लगवा लिया था माँ के साथ अब चिंता मत करो और थोड़ी देर सो जाओ।
मेरा लन्ड अभी भी दीदी के बुर मे घुसा हुआ था और ढीला हो कर बाहर निकल रहा था और मेरा सीमेन दीदी के बुर से हल्के हल्के बाहर निकल कर दीदी के जांग मे फैल रहा था।
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Update 11
मेरी नींद खुल गयी लेकिन दीदी चैन की नींद मेरे छाती पर सर रख कर सो रही है।
उसके चेहरे पर सेक्स के बाद की सैटीफैक्टन साफ दिख रही थी और वो शायद सपना देख रही थी।
मेरे को प्रेशर हो रहा था जिस कारण मे दीदी को थोड़ा अलग करने की कोशिश करता हूँ तो दीदी उठ जाती है और वो मेरे को देख कर एक किस करते हुए ई लव यू बोलती है।
मैं बिस्तर से उठता हूँ तो दीदी के नंगे बदन को देखता हूं जिस कारण मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो जाता है और इस का पता दीदी को चल जाता है।
नेहा की जुबानी सुबह का एहसास।
नेहा - जब में भईया को नंगा और उसके खड़े फुंकारते लन्ड को देखती हूँ तो मुझे अजीब सी सिहरन होती है। मैं भी अभिषेक के पीछे पीछे नंग अवस्था में बाथरूम आ जाती हूँ चलने मे काफी दर्द हो रहा था चुत के पास चाल मे लगंडापन था।
अभी भी फ्रेश हो कर बाहर
आ रहा था।
अभी - क्यों दीदी बाथरूम
भी नहीं जाने दोगी क्या।
नेहा - अभी बहुत दर्द हो रहा है ठीक से चल नहीं पा रही हूँ।
और अपने चुत पर हाथ रख कर बोलती है सूजन भी आ गया है और फ्रेश हो कर आ रही हूँ और लड़खड़ाने लगती है।
तो में आगे बढ़ कर दीदी को सम्हाल लेता हूँ और टोयलेट की सीट पर बैठा देता हूँ।
बाहर कमरे में आ कर ईन्टरकोम पर किचन सैफ को 2 कप चाय ब्रेड बिस्किट प्लेट भेजने के लिए बोलता हूँ।
हम दोनों लोंग बाथरूम टावेल पहन लेते है।
टी ब्रेकफास्ट ले कर नौकर
रूम बेल बजाता है।
और सूईट के लिवीन्ग रूम मे ट्रॉली रखता है और वापस चला जाता है।
मैं ट्रॉली को बेडरूम मे ले आता हूँ और ईजी चेयर के पास रखता हूँ और दीदी को बुला कर दोनों का बाथ गाउन हटा कर दीदी को अपने जांग पर बैठा कर एक कप से दोनों चाय पीते है दीदी बोलती है कि मैं बहुत नऊटी हूँ मैं बोलता हूँ आप बहुत सेक्सी हो।
दीदी शर्मा के मेरे लन्ड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगती है और बोलती है यह शांत नहीं होता है।
दीदी के लन्ड पकडने से लन्ड और टाइट हो कर उपर नीचे होने लगता है।
चाय खत्म करके कप टेबल मे रख देता हूं।और दीदी के बुर के पंखुड़ि को सहलाने लगता हूँ। जिसके कारण दीदी फिर से मॉर्मीगं करने लगती है और बोलती है अभी नहीं पहले नहा लेते है
मेरे को यूनिवर्सिटी (एमबीए) सेंटर भी जाना है।
तुम्हारा रिजल्ट भी निकलने वाला है।
लेकिन में दीदी को बोलता हूँ पहले आप बिस्तर पर लेट जाओ मुझे आपके चुत के सूजन को देखना है और दीदी को गोद मे उठा कर बिस्तर पर लेता देता हूं।
और उनके दोनों टांगों को अलग करके जब में दीदी की चुत को देखता हूँ तो मैंने देखा की वहाँ लाल हो कर सूजन आ गया है और छेद पहले से ढीला हुआ है एकदम थोड़ा सा।
अब दीदी उठ कर बैठ जाती है और मेरे लन्ड को हाथ मे लेकर आगे से पीछे धिसका के मेरे लन्ड के टोपे पर आए सूजन को देखती है।
मैं दीदी को बोलता हूं नहा लेते हैं।
उसके बाद में नीचे जा कर देख लेता हूं अगर कोई भी ताई ताऊ पापा मम्मी नहीं हुआ तो तुम नीचे आ जाना यूनिवर्सिटी और कॉलेज एक साथ जा आयेंगे।
नेहा - ठीक है।
अब मे दीदी को गोद मे उठा कर बाथरूम मैं नहाने के लिए ले कर आता हूँ
चूंकि हम दोनों नंगे होते है
तो सीधे बाथ टब मे उतर जाते हैं।
अब नेहा मेरे ऊपर पानी हाथो से भेकती है मैं दीदी को पकड़ कर अपने तरफ खिंच लेता हूँ। दीदी मेरे जांग पर आ जाती है और सीने पर अपना सर रख देती है
मैं दीदी के हैयर टाई बैन्ड को अलग करके उनके बालो से खेलने लगता हूँ और उनके बालो की तारीफ करता हूं।
नेहा - और क्या क्या पसंद आया मेरे डार्लिंग को बताओ....
अभिषेक - आपके होंठ, आंख, गाल, चुत, गान्ड पुरा शरिर।
दीदी मेरे लन्ड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगती है और में दीदी के दोनों ऊरेजो
को जोर जोर से मसलता हूँ।
अब हम दोनों फिर से गरम हो जाते हैं।
नेहा - क्या फिर से करना है
अभी - मेरे से बर्दास्त नहीं हो रहा है और में दीदी को अपने सामने से दोनों जांग पर बैठा लेता हूँ और अपने लन्ड को दीदी के बुर मे घुसाने का कोशिश करता हूँ और दीदी को जांग के पास से पकड़ कर अपनी तरफ खिंचता हूँ। दीदी जोर जोर से मॉर्मीगं करने लगती है और अपने दोनों हाथो से मेरे पीठ को जोर से टाइट करती है।
अब दीदी अपने टांगों के मदद और हाथ के प्रेशर से आगे पीछे जोर जोर से करती हैं अभी हम दोनों
टब मे पानी मे है।
मैं दीदी को लीप लॉक किस करने लगता हूँ दीदी भी कोओपरेट करने लगती है और जोर जोर से आवाज निकालती है....
नेहा - जोर से भैया और जोर से खा जाओ मेरा पूरा फाड दो जोर जोर मज़ा आ गया अब मे वादा करती हूं में केवल तुमसे ही शारीरिक सम्बंध बनाऊँगी।
रिजल्ट के बाद हम हनीमून पर चलेंगे।
ओह ऊह ऊह आ करके सेक्स को एंजॉय कर रही थी और उसने मेरे से पूछा क्या तुमको अच्छा नहीं लग रहा है। मैंने कहा में तुमसे ज्यादा एंजॉय कर रहा हूँ और जोर से झटका देता हूँ तो दीदी के मुख से चीख निकल जाती है।
अब में दीदी को बोला चलो टब से बाहर निकल कर करते है यहा ज्यादा समय लग जाएगा।
नेहा - बिस्तर गिला हो जाएगा?
अभिषेक - पोंछ लेंगे चलो।
हम दोनों बाहर निकल आते हैं में दीदी को वही बाथरूम के फरष पर लेटा कर उसके ऊपर चढ़ जाता हूँ।
और अपना हथियार उसके चुट मे जोर से घुसा देता हूँ और जोर जोर से अंदर बाहर करने लगता हूँ।
थोड़ी देर बाद दीदी उठने का प्रयास करके मेरे को जमीन मे सुला कर मेरे लन्ड पर बैठ जाती है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगती है और तरह तरह के अवाज निकालती है।
50 बार अपर नीचे करने के बाद वो बोलती है की उसका निकलने वाला है और जोर से मेरे कंधे को पकड़ कर डिस्चार्ज हो जाती है और मेरे छाती से लिपट जाती है।
अब में दीदी को उठा कर उसको उल्टा लेटने के लिए बोलता हूँ।
दीदी अब उल्टा लेट जाती है और मे उसके पीछे से उसके बुर मे अपने लन्ड को घुसा देता हूँ और जोर जोर से अंदर बाहर करता हूँ और अपने दोनों हाथो को उसके बोबे को जोर जोर से नोचने दबाने लगता हूं।
50-60 बार अंदर बाहर करने के कारण दीदी फिर से स्खलित होने लगती है।
नेहा - में आ रही हूँ भैया आप भी अपना गिरा लो और मूछ पर स्पीड बढ़ाने के लिए बोलती है।
मैं अपना स्पीड बढ़ा देता हूं।
और मेरा भी चरम सीमा पर पहुंच जाता है और निकलने लगता है गरम गरम वीर्य जिसके कारण दीदी बहुत बहुत आनंद का अनुभूति करती है।
नेहा - थैंक्स।
हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर आराम करने लग
जाते हैं। थोड़ी देर बाद में दीदी को थैंक्स बोलता हूँ और कहता हूँ आज अभी तक कितना बार हुआ ।
नेहा-तुम बोलो हँसते हुए और पास आ कर मेरे को गाल पर किस करते हुए रात को गिनेगे।
चलो नहा लेते है और मेरे लण्ड को हाथ से पकड कर बोलेती अभी इसको शान्त रखो।
दोनों दुबारा नहाने बाथरूम मे चले जाते हैं।
दीदी शावर चालू करके मेरे को बुला कर साबुन लगाने बोलती है में साबुन हाथ मे लेकर दीदी के चुत मे साबुन लगाता हुंँ दीदी हल्का हल्का मोरमीगं शुरू कर देती है।
अब मे दीदी के दोनों ऊरेजो पर साबुन लगाता हूं और हल्के हाथ से गोल गोल घुमाता हूँ और लास्ट मे गुणडी को मसल देता हूँ।
दीदी मेरे को रोकते हुए बोलती है कॉलेज एवं इंस्टिट्यूट जाना है जल्दी तैय्यार हो जाओ।
और शावर को तेज कर के साबुन धोने लगती है। साथ मे मैं भी नहा लेता हूँ।
दीदी को चलने मे दर्द होता है जिसके कारण वो थोड़ा लंगड़ा के चलती है तो में दीदी को पैन किलर देता हूं।
मैं दीदी को टाइट टॉप (सेक्सी) और टाइट जीन्स पहनने को बोलता हूँ
नेहा - हूं रुक कर देख लो।
मैं भी टी शर्ट और जीन्स पहन लेता हूँ।
दीदी पिंक कलर की टाइट टॉप एवं व्हाइट जीन्स पहन कर तैयार हो जाती है साथ मे व्हाइट हिजाब (दुबई मे ल़डकियों को हिजाब पहनना जरूरी है) साथ मे रख लेती और बोलती है दर्द तो कम है और वो चल के दिखाती है लेकिन हल्का लडकडाना अभी भी जारी नहीं था।
दीदी थोड़ा सा चिंता मे बोलती है माँ और मम्मी पापा कॉलेज मे फ्रेंड्स क्या सोचेंगे।
अभिषेक - जो होगा देखा जाएगा टेंशन मत करो मैं नीचे जा रहा हूँ मिस कॉल करूंगा तो नीचे आ जाना।
नेहा - ठीक है।
में जीने हॉल मे पहुंचता हूँ दिन के 10:00 बज रहे हैं हॉल मे स्नेहा, ताई, माँ, बैठी है।
मैं माँ से पूछता हूँ पापा ताऊ जी एवं आदित्य कहाँ है।। स्नेहा बोलती है सब ऑफिस चले गए है जीजू।
ताई पूछती है नेहा नहीं उठी क्या।
अभी - स्नेहा को आंख दिखाते हुए ताई जी उठ गई है मुझे और नेहा को रिजल्ट लेने एमबीए इंस्टिट्यूट और कॉलेज जाना हैं।
स्नेहा - मैं भी चलूँगी।
अभी - क्या काम है हमे काफी टाइम लगेगा तुम साथ मे दूसरी गाड़ी ड्राइवर ले लो।
ताई जी - क्या जरूरत है जाने दो दोनों को।
अभी - चलो जल्दी तैय्यार हो के आओ, ताई जी जाने दीजिये भैया के साथ नहीं जीजा जी भाभी के साथ जाना चाह रही हैं। स्नेहा फटाफट तैयार होने चली जाती है।।
नेहा नीचे हाल मे आ जाती है।
नेहा के चाल को ताई एवं माँ गौर से नोट करती है नेहा बहुत बचा के चलती है लेकिन फिर भी हल्का लड़खड़ाती है।
नेहा ने माँ और ताई दोनों को पैर छुआ और आशिर्वाद लिया
ताई ने आशीर्वाद मे कहा दूधो नहाओ पुतो फ़्लो
माँ ने कहा जल्दी जल्दी पोते पौती का मुहँ दिखाओ।
नेहा - माँ - मम्मी प्लीज अभी नहीं।
ताई अभी अपने रूम में चली जाती है और मेरे को पीछे आने के लिए बोलती है। अब माँ और नेहा हॉल मे अकेली है माँ नेहा से पूछा की हुआ क्या।
नेहा - हाँ।
माँ - क्या वहाँ पर दर्द हो रहा है। क्या पूरी रात सोये नहीं कितना राउन्ड हुआ। अच्छा लगा।
नेहा - हाँ। नहीं सो गए थे।
माँ - में अभी के पापा से आज तुम लोग के हनीमून के बारे मे बात करूंगी। थोड़ा अकेले मे समय गुज़रो। स्नेहा गेट पर आ जाती है और दीदी और मां की बात सुन लेती है।
स्नेहा - वोउ में भी साथ जाऊँगी भाभी हम स्वीटजरलैन्ड चलेंगे।
माँ - गुस्साते हुए तेरा क्या काम है इनके हनीमून मे बस अपने भाई को बोल कर तू भी सट जाएगी।
मैं भी हॉल मे लौट आता हूं। ताई ने मुझे एक हीरे का ऊ लॉकेट सोने के चैन मे डाल कर पहनाई और बताया की यह वो अपने दामाद को पहना रही है।
अभिषेक - स्नेहा से पापा ताऊजी से परमिशन मिलने दे तू भी साथ चलना।
माँ अपना सिर पकड़ के बैठ जाती है और मेरे को बोलती है पूरा परिवार को ले चल।
अभी - माँ से स्नेहा बहन के साथ शाली भी तो है। साथ जाएगी।