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Adultery Bhai behan ki majburi

ABHINEH

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Bhai behan ki majburi me shaadhi.
Update 7

ये देख कर नेहा शॉक हो जाती है उसके गले से लेकर उसके बूब्स तक लव बाइट्स के निशान होते है। उससे बहुत शर्म आ रही है या सबसे बड़ी टेंशन तो इस बात की होती है कि घर वाले जब लव बाइट्स देखेंगे तो उनका क्या रिएक्शन होगा। मम्मी, पापा या चाचा और चाची सब क्या सोचेंगे मेरे बारे में, यही सब सोच अभी नेहा के दिमाग में चल रही थी।
तभी तो नेहा को थोड़ा मेकअप के साथ अपने लव बाइट्स पर थोड़ा पाउडर या क्रीम कलर के फाउंडेशन से उनको कवर करने की कोशिश करती है।


नीचे का दृश्य (माँ और ताई )
ताई - कितनी देर हो गई नेहा अभी तक आई नहीं उसे शगुन की रसोई भी बनानी है।
माँ - हाँ मैं उसे ऊपर जाकर लेकर आती हूँ।
ताई - उससे क्या पहनने को बोलेगी।
माँ - क्या बोलू।
ताई - साडी ठीक रहेगी।
माँ - ठीक है एक लाल रंग की साड़ी है मेरे पास उसी के लिए ख़रीदी थी उसको अभी दे देती हूँ उसे या तैयार करके ही ले आती हूँ ठीक है।
फिर माँ ऊपर दीदी के कमरे में जाती है। ऊपर नेहा अभी भी अपनी लव बाइट्स को छुपने की कोशिश में लगी होती है।
कमरा अभी बंद होता है। इसलिए माँ गेट पर आकर दस्तक देती है।
संगीता - बेटा नेहा नहा ली कया।

नेहा एकदम हडबडा जाती है क्योंकि अभी बस उसने एक तौलिया ही लपेटा होता है या उसके लव बाइट्स के निशान अभी भी साफ साफ दिख रहे थे।
नेहा - हाँ चाची।

माँ - ले मै तेरे कपड़े लाई हूँ तुझे आज यहीं पहनना है गेट खोल।
नेहा - हाँ चाची अभी खोलती हूँ ।
फिर कोमल फटाफट ब्रा और पेंटी पहनती है और फिर बाथ टोवेल को पहन लेती है एवं बालों को आगे की तरफ कर लेती है कि जिस से उसके निशान नहीं दिखे।
फिर नेहा गेट खोलती है।
और माँ के पैर छुती है।
माँ - हम्म्म इतना टाइम कैसे लगा ।
नेहा (शर्मा के) - वो चाची मैं कपड़े पहन रही थी।
माँ - चल आज क्या पहनेगी।
नेहा - कया पहनू।
तभी माँ साडी आगे कर देती है।
नेहा - पर चाची मुझे सारी पहननी नहीं आती है।

माँ - चल मैं पहना देती हूँ ।
माँ साड़ी के साथ ब्लाउज और पेटीकोट भी मैचिंग वाली लाई थी।
फिर वो नेहा को पेटीकोट देती है कपड़े ने के लिए।
नेहा अभी शर्मा रही थी कि कैसे चाची के सामने बाथ तौलिया हटाये क्योंकि अभी वह केवल ब्रा या पेंटी में ही होती है।

नेहा - चाची वो मैंने अंदर बस ब्रा और पेंटी ही पहनी है।
माँ - तो, क्या हुआ ।
नेहा (हश के) मुझे शर्म आती है।

माँ - अच्छा बोल तो ऐसे रही है जैसे मैंने तुझे कभी वैसे देखा ही नहीं। बचपन में बिना कपड़ों के खेली है तू मेरी गोद में।
नेहा - पर तब मैं छोटी थी।

माँ - अभी बड़ी हो गई अभी भी मेरे लिए तो मेरी बच्ची ही है।
(दोस्तों वैसे माँ एवं नेहा का बॉन्ड बहुत मजबूत है इसलिए नेहा ज्यादा परवाह नहीं करती है और अपना तौलिया हटा देती है। या वैसे भी नेहा बस इसके लिए घबरा रही थी कि कहीं माँ उसके लव बाइट्स ना देख ले।)

इसके बाद नेहा ब्रा और पैंटी में खड़ी होती है।

माँ फिर नेहा को पेटी कोट देती है या वो पहन लेती है या ब्लाउज भी। या फिर उसके ब्लाउज को एडजस्ट कर रही होती है।
माँ नेहा के बालों को हटा देती है या फिर नेहा के लव बाइट्स के निशान माँ के सामने होते हैं।

माँ - नेहा ये निशान कैसे पड़े बेटा।
(अभी माँ समझ चुकी थी कि ये किस चीज के निशान है या वो अब नेहा को तंग करना चाहती थी)

नेहा ( घबराहट में ) - कौन से निशान चाची।

माँ - ये जो तुम्हारी गर्दन पर है।
नेहा - हाँ, ये तो कल रात को मच्छर खा गया था।
माँ - हम्म, मच्छर इतने सारे या इतना बड़ा मच्छर।

नेहा - वो अब...
माँ - हा हा जैसे हमारी तो शादी हुई ही नहीं हमने तो जमाना देखा ही नहीं है।
दीदी अभी बहुत जयदा शर्मा जाती है।

माँ भी अभी कोमल के मजे लेने के पूरे मूड में होती है। आखिर ये बंता भी है क्योंकि अब नेहा उसकी भतीजी नहीं बहू बन चुकी थी या अब वो चाची से सास बन गई थी। या सास अगर बहू को तंग न करे तो कैसी सास ।

माँ - चल कोई नहीं वैसे भी इसमें तेरी कोई गलती नहीं है। अभी को आने दे उसको डांट लगाऊंगी कैसे मेरी फुल सी बच्ची के साथ क्या किया है।

फिर माँ नेहा को तैयार करती है या मेकअप भी करती है या उसके लव बाइट्स के निशान को भी काफी हद तक मेकअप या पाउडर से ढक देती है पर अभी भी थोड़े थोड़े निशान दिखा रहे थे।

नेहा तैयार होकर ऐसी लग रही थी जैसे कोई अप्सरा हो।

नेहा - धन्यवाद चाची ।

माँ - किस लिए।

नेहा - वो इन निशान को छुपाने के लिए वर्ना मुझे नीचे मम्मी या पापा के सामने भी शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा।
माँ - और कल अभी ने जबरदस्ती तो नहीं की तेरे साथ।
नेहा शर्माते हुए अभी कुछ नहीं वो मेरे को कम्फर्ट कर रहे थे।
तो वैसे ही होना चाहिए।
नेहा - चाची....

माँ - आज से तुम मुझ को माँ बुलाया कर ऐसे भी तुम भाभी को (मम्मी) बुलाती हो
क्या बोल रही है बता...
नेहा - नहीं कुछ नहीं
माँ - बता क्या है कसम है मेरी मुझ से खुल कर बात कर...
नेहा - माँ आपने कसम क्यों दी अभिषेक को पता चलेगा तो नाराज हो जाएगा।
माँ उसकी ये मजाल मेरे होते वो तेरे से नाराज होगा
बता क्या बोल रही है।
नेहा - शर्माते हुए माँ मेरी
सु सू तो बहुत छोटी है और आज सुबह नहाते समय मैंने देखा था की अभी का लन्ड काफी मोटा और लंबा है
आज सुबह नहाते समय वो मेरी सु सू मे जबरदस्ती घुसा रहा था और घूस नहीं रहा था बहुत दर्द हो रहा था डर लग रहा है।


माँ - अरे कुछ नहीं कोई डरने की बात नहीं है
अभी के पापा का भी काफी मोटा और लंबा था धीरे धीरे सब घूस जता है।
में अभिषेक को इसारो में समझा दूंगी।
मजाक नहीं मेरी बच्ची कितनी प्यारी लग रही है किसी की नजर ना लगे।

माँ - अभी 2 मिनट रुकना है।
नेहा - जी चाची जी।

माँ अपने कमरे में जाकर दो कंगन लेकर वापस ऊपर आती है।और वो दो कंगन नेहा को दे देती है .
नेहा - ये क्यों चाची जी।
माँ नेहा के गालो को हाथ में लेती है या बड़े ही प्यार से कहती है।
माँ - बेटा अब तू मेरी बहू बन चुकी है या ये है मेरी बहू के लिए है
या फिर उन कंगन नेहा को पहनना देती है या फिर दीदी को नीचे ले कर आती है।

नीचे स्नेहा ताई जी के पास बैठी थी वो लाल रंग का ढीला टी शर्ट और टाइट लेंगींग पहने मेरा इन्तेज़ार कर रही थी।
मेरे को देख कर मेरे से लिपट कर मेरे को कोन्गरेटस भाभी बोलती है।
पूछती है कैसे रही सुहागरात भैया के साथ।
नेहा - स्नेहा के कान मे
मारून्गी ठहर जब आदित्य प्यार करेगा तो में पूछूँगी।
 

monty sharma

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Lovely update 💗❤️♥️
 

ABHINEH

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Bhai behen ki Majburi मे shaadhi
Update 8
माँ और नेहा दोनो नीचे आ जाते हैं।) नेहा नीचे आते ही अपने पापा या चाचा को बैठ कर टीवी देखते हुए देखती है और फिर वो पापा एवं चाचा दोनो के पांव छूती है। दोनो ही कहते है कि हमारी बच्ची बड़ी प्यारी लग रही है किसी की नजर ना लगे। या फिर रसोई में जाकर अपनी मम्मी के जो खाना बनाने में व्यस्त थी। उनके पैर छूती है।
नीरोज- आ गई मेरी बच्ची, सदा सुहागन रहो। .. चल अब खाना बना कितनी देर लगा दी। नेहा - पर खाना तो आपने एवं कुक ने बना लिया है। चाची - हाँ बेटू पर तुझे भी बनाना है जो कि लड़की की पहली रसोई होती है या उसका पति सबसे पहले वही खाता है। नेहा - पर अभी ने तो नाश्ता कर लिया। नीरोज- अब इतना देर मे उठेगी तो कोई बिना खाए रहेगा, चल वो तो उसकी मनपसंद सब्जी बनी थी फिर भी हमने उसको खाने नहीं दिया।
नेहा - ठीक है क्या बनाऊ। चाची - देख खाना तो हमने बना लिया है तू खीर बना ले। या तुझे तो इतनी अच्छी खीर आती नहीं इसलिए मैं सिखाती हूँ चल। (या फ़िर नेहा खीर बनाने लग जाती है।)
रसोई में आते ही वो नेहा को देखता है आज पहली बार वो अपनी बहनों को साड़ी में देख रहा था उसका मुँह खुला का खुला रह जाता है। नीरोज - अभी चल खाना खा ले बैठ। अभिषेक - हाँ बहुत भूख लगी है चलो। फिर अभिषेक डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता है। अभिषेक - आप ने खा लिया क्या। मां - तेरे पापा या बड़े पापा ने तो खा लिया है हम बाद में खा लेंगे पहले तू खा ले। अभिषेक - ठीक है. संगीता - नेहा बेटा आजा तू भी।

अभिषेक घर के अंदर आता है उसके पापा या ताऊ उसे नहीं दिखते तो वो समझ जाता है कि वो किसी काम से घर के बाहर चला गया है। अभिषेक अंदर आकर.. मम्मी मैं आ गया कहां हो। माँ - हाँ आ गया यहाँ किचन में ले आ जा । अभिषेक रसोई में आते ही वो नेहा को देखता है आज पहली बार वो अपनी बहन को साड़ी में देख रहा था उसका मुँह खुला का खुला रह जाता है। ताई - अभी चल खाना खा ले बैठ। अभिषेक - हाँ बहुत भूख लगी है चलो। फिर में डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता हूँ । अभिषेक - आप ने खा लिया क्या। माँ - तेरे पापा और बड़े पापा ने तो खा लिया है हम बाद में खा लेंगे पहले तू खा ले। अभिषेक - ठीक है ।
संगीता - नेहा बेटा आजा तू भी। नेहा भी आ जाती है किचन से बाहर पता नहीं उससे अभिषेक से अलग सी शर्म आ रही थी। जैसे ही नेहा बाहर आती है अभिषेक उसे देखता ही रह जाता है। फिर दीदी अपने हाथो से अभिषेक को खाना परोसती है। माँ - देख सबसे पहले खीर खाना।
में - क्यों? माँ - (गुस्से में) क्योंकि ये बहु ने बनाई है चल अब सवाल नहीं कर । फिर अभिषेक खीर का एक चम्मच से लेता है और फिर अजीब सा मुँह बनाता है, फिर पानी पीता है। दीदी - क्या हुआ अच्छी नहीं बनी क्या । ?

नेहा बड़ी ही मासूमियत से पूछती है। अभिषेक - बिलकुल नहीं, आपको खाना बनाना नहीं आता है। बिल्कुल नहीं आता इतनी चीनी कौन डालता है।

नीरोज - अच्छा ऐसा है हमें तो चाहिए भी नहीं ये तेरे लिए ही है। पर हमने तो सब कुछ बराबर डाला था। अभिषेक - (नेहा से) आपने खाया! नेहा ना में सर हिलाती है। अभिषेक - चलें बैठिये इधर । नेहा संगीता एव नीरोज की तरफ देखती है या वो दोनो ही उनको बैठने का इशारा करती है। नेहा फिर अभिषेक की पास वाली कुर्सी पर बैठ जाती है। या अभिषेक अपने हाथ से नेहा को खीर खिलाता है। खीर खाके नेहा कहती है। नेहा - इसमें चीनी तो नॉर्मल है।

अभिषेक - ऐसा है तो मेरे साथ बैठ कर खाओ या माँ या ताईजी आप भी बैठो या खाओ वरना मैं नहीं खाऊँगा। वरना मैं यहां से चला. फिर अभिषेक की बात सुनकर संगीता और नीरोज भी खाने की टेबल पर बैठ जाती है। नेहा दूसरी प्लेट में खाना लेती रहती है इतने में ही अभिषेक कहता है। अभिषेक - ये क्या कर रही है एक पत्नी को पति की प्लेट में से खाना चाहिए, अलग से नहीं। माँ और ताई ये देख कर मन ही मन मुस्कुराती है या एक दूसरे की तरफ देखती है। नेहा भी ये समझ जाती है इसलिए वो शरम से पानी पानी हो जाती है। फिर नेहा अभिषेक के साथ बैठकर खाना खाती है कभी-कभी अभिषेक भी नेहा को अपने हाथों से खिला रहा था।

नेहा मन मैं सोचती है कि कल इसने मेरे बदन पर लव बाइट्स की अपनी छाप छोड़ दी या अब मुझे अपने हाथ से खाना खिला रहा है वह भगवान कितना रोमांटिक है ये सब पर जब ये सोचती है कि ये मेरा ही भाई है तो ना जाने क्यूं अजीब सा लगने लगता है कि कहीं कुछ गलत तो नहीं पर इसके सामने मैंने कुछ कह क्यों नहीं पाती हूं। फिर नेहा और अभिषेक खाना ख़त्म कर लेते है। नेहा खाने के बाद अपने कमरे में चली जाती है वह अपनी परीक्षा की तैयारी कर रही थी तो उसको पढाई भी करनी होती है इसलिए वो पढाई करने चली जाती है।

अभिषेक भी नेहा के पीछे पीछे अपने कमरे में आ जाता है। वो एक दम से नेहा को पीछे से जाकर हग कर लेता है। नेहा एक दम से चौक जाती है या अभिषेक को अपने से दूर कर देती है ये कहते हुए की। नेहा - मेरा बनाया खाना तो तुम्हें पसंद नहीं आता ना। अभिषेक नेहा को पकड़ कर दीवार से शटा देता है। अभिषेक - खाना तो अच्छा था या हमारी बीवी बने या वो अच्छा ना बने ऐसा हो सकता है वो तो बस मैंने ऐसा ही कहा था कि कहीं नजर ना लगे जाए। नेहा नाराज़गी में अपना मुँह फेर लेती है। अभिषेक फिर से मुँह को अपने सामने कर के। अभिषेक - पहले तो आप इस बात का जवाब दो कि आपको सजा दी जाए जो आपने हमारी ये हालत करके रखी है। दीदी - मैंने क्या किया है । अभिषेक - अच्छा जी आपको पता है कि आप इस साड़ी में कितनी हॉट लग रही हैं। इतनी खूबसूरत और प्यारी है आप कि मेरा कंट्रोल करना अपना मुश्किल है, पता है यार मैं क्या क्या चल रहा है। नेहा अभिषेक की तरफ देखती रहती है बस या फिर कहती है। नेहा - वो मुझे पढाई करनी है और तुम्हारा भी कॉलेज का टाइम हो गया है।
अभिषेक - बात मत पलटो जाने तो मैं दूंगा नहीं।
एक बात बताओ मंगल सूत्र क्यों नहीं पहना आपने एवं ये सिंदूर भी इतना सा लगाया है क्यों। नेहा - वो... अगर कोई बाहर से घर आएगा तो उसे अजीब ना लगे इसलिए सिंदूर नहीं लगाया वो मंगल सूत्र बहुत बड़ा है साफ साफ दिखेगा कोई देख लेता तो क्या कहती। अभिषेक फिर नेहा की आँखों में देखता रहता है और अभी उसका लंड कठोर हो चुका था वो बस चाहता था कि नेहा को पकड़ कर चोद दे पर वो हडबडाना नहीं चाहता है।
मैंने नेहा का हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर लगा दिया और जोर से दबा दिया।
नेहा नाराज होते हुए...
नेहा - अभी मुझे पढना भी है जाने दो ना। अभिषेक - अच्छा चले जाना पर आप जो इतनी हॉट लग रही है इसका रिवॉर्ड तो देते जाइये। नेहा - कैसा इनाम . अभिषेक - एक चुम्बन . नेहा गुस्से से अभिषेक को देखने लग जाती है। मेरे से भी अब नहीं रहा जाता है वो नेहा की गर्दन के पीछे हाथ डालता है या उसको किस करना शुरू कर देता है।
अभी नेहा के होटो का पूरा रस निचोड़ के पी जाता है या नेहा भी अपने भाई को कुछ नहीं कहती बस जो वो करता है उसको करने देती है। किस के बाद अभिषेक थोड़ा पीछे हट जाता है या नेहा की आंखों में देखता है नेहा शरम के मारे आंखों को झुका लेती है। अभिषेक - ठीक है आप कर लो पढ़ाई मैं कॉलेज जाता हू शाम को मिलते है। हां यही ड्रेस पहन कर रखना शाम तक जब मैं आउ आप मुझे साड़ी में ही मिलना चेंज मत करना। नेहा तो घूर कर मेरे को देखती है जाते हुए टेढ़ी नजरो से।
या इतना बोलकर अभिषेक वहां से चला जाता है स्टडी वाले कमरे से अपना बैग उठाता है एवं फोन लेता है या फिर अपनी मम्मी को बोलकर कार लेकर कॉलेज के लिए निकल जाता है।

अभिषेक कॉलेज पर पहुंचता है।
अभिषेक के सारे दोस्त.
अरे भाई आओ कैसे 3 दिन कहाँ गायब थे ।

अभिषेक - अरे कुछ नहीं यार ऐसे ही कोई काम था, कुछ खास नहीं।

मार्केट मे रुक कर में कुछ लिपस्टिक खरीद लेता हूं।

फिर लौट के घर आ जाता है।

घर पर कार खड़ी करता है या अंदर आता है। अंदर पापा और ताऊजी बैठे थे।
अभिषेक चुप चाप अंदर आता है।
ताऊ जी पिता जी वो इस बात से उनकी भतीजी या बेटी है नेहा घर की लड़की है और सब उससे बहुत प्यार करते है इसलिए अभिषेक के पापा को उस पर गुस्सा आ रहा था कि नालायक कहीं का कहीं नेहा से जबरदस्ती तो नहीं किया।

अभिषेक के पापा - अभी रुक इतनी देर कैसे लगी कॉलेज की छुट्टी तो पहले ही हो जाती है।

अभिषेक - वो पापा मेरे पास 3 दिन से छुट्टी पे था तो दोस्त ने बोला चल बाहर घूमते है तो मैं वहां चला गया।

पापा - हाँ घुमता रह बस बहु का तो टाइम मत दे नई नई शादी है बहु के साथ घूम पर कुछ ऐसे के लिए टाइम नहीं है।
ताऊजी - तू क्यों चिल्ला रहा है इसके पे चला गया घूमने के दोस्त ले गए होंगे या पढ़ायी में तो अच्छा है ।
मैं - अच्छा - अच्छा ठीक है । नेहा दीदी को खोजता हूँ तो वो नीचे कहीं नजर नहीं आ रही है।
अपने रूम में कपड़े बदलनें गई है ताऊ जी ने बताया।
पापा फिर शांत हो जाते हैं या कुछ नहीं कहते।
पर वहा दीदी माँ के कमरे के गेट के पास खड़ी हुई ये देख कर हँस रही थी जैसा कि मानो मेरा मजाक उड़ा रही हो।

अभिषेक के पापा उनको घूर कर देख रहे थे क्योंकि उन्हें शक था की कल रात को उन्होंने नेहा को रुला रुला के चोदा होगा।
माँ ये सोच कर पापा को अपने पास बुला कर बताती है की अभी तक दोनों का जिस्म का समागम नहीं हुआ है और अभिषेक पर गुस्सा नहीं कीजिए।
तब पिताजी ने माँ को कहा की नेहा को सेक्स के बारे मे समझा दो।
माँ ने कहा ठीक है।
मैं अभी गुस्से में था क्योंकि पापा ने मुझे बे मतलब में दांत दिया था तो मैं दीदी के पास जाकर बोलता हूँ।

अभिषेक - आपको बड़ी हंसी आ रही है ना, मुझे डांट पड़ रही हैं तो मजा आ रहा है वाह एक बीवी होने के नाते ये कर रही हैं आप, साला मैं ही चूतिया हूं जो आपकी केयर करता हूं आपको कोई परवाह नहीं है कोई पति नहीं मानती है आप मुझे या ना ही प्यार करती है।

नेहा - अभी तुम गलत हो ।

अभिषेक - कितना गलत, कैसी गलत मुझे बात ही नहीं करनी आपसे। एवं इतना कह कर मैं ऊपर चला जाता हूं ।

ऊपर जाके अपना किताब वैगरह बिस्तर पर फेंक देता हूँ। पीछे पीछे दीदी भी आ जाती है। मैं यहीं बिस्तर पर बैठ जाता हूं अपना मुँह फेर के ।

नेहा भी कमरे में आती है कि उसका भाई गुस्से में ऊपर आ गया।

नेहा - क्या हुआ अभिषेक।

अभिषेक (जोर से) - आपको नहीं पता क्यों गुस्सा हुआ सच बात तो ये है कि आप को मुझसे मतलब ही नहीं है मैंने क्या किया था नीचे या आप मजे ले रही हो।

( अभी अभी भी गुस्से में था इसलिए इतनी बचकानी बातें कर रहा था )

नेहा - अच्छा तो मैं बिलकुल प्यार नहीं करती , मैं तुम्हारी बहन हूँ फिर भी कल रात और आज सुबह नहाते हुए वो सब । मैं अपने ही भाई की बीवी हूं अब या तुम कह रहे हो मुझे परवा नहीं है । अगर ऐसा नहीं होता तो मैं तुम्हारे पीछे नहीं आती या तुम्हारे गुस्सा होने पर।

अभिषेक नेहा के बस पास आ जाता है मतलब आपको हमसे प्यार है।
नेहा अपना मुँह नीचे कर लेती है।
अभिषेक - तो फिर आज आप मेरे को रात मे प्यार करेंगी ।
नेहा - वो तुम भी तो मुझे परेशान करते हो, मैंने कहा था ना अभी मुझे थोड़ा टाइम चाहिए।
तब मैंने कहा कि जो भी करूंगा अपनी बीवी के साथ करूंगा किसी के साथ नहीं। या फिर हाँ अभी तक सॉरी भी नहीं बोला आपने।

नेहा - अच्छा ठीक है सॉरी .

अभिषेक - ऐसे नहीं कान पकड़ के ।

दीदी कान पकड़ कर अभिषेक को सॉरी बोलती है।
नेहा - चलो अब खाना खा लो, खाना बन गया।
अभिषेक - पर माफ़ी में क्या मिलेगा ।
नेहा - कया मतलब।
अभिषेक - आज रात को मेरे साथ पति पत्नी का धर्म निभाना होगा।
नेहा शर्मा कर फिर उठ कर कमरे से बाहर चली जाती है। अभिषेक - कहा जा रही हो। नेहा - माफ़ी का मतलब ये नहीं कि तुम अपने आदमी की चलाओ। मैंने सॉरी कहा, दिया या दिल से कहा है।
अभिषेक - ठीक है तो मैं भी खाना नहीं खा रहा, जाओ आप खा लो।
नेहा - ऐसे खाने पर गुस्सा क्यों हो?

अभिषेक - ना ना ना.....मैं नहीं मानता पहले जवाब दो हाँ या नहीं बोलो क्या करना है।
नेहा फिर से गुस्से में बिस्तर पर बैठ जाती है या अपनी आंखें बंद कर लेती है।
नेहा - लो कर लो जो करना है ।अभिषेक - करना मुझे नहीं है आपको पहल करना है। नेहा फिर घुरके मेरे को देखती है और अपना मुँह नीचे कर लेती है। में दीदी के बहुत करीब जाता हूँ ।
अभिषेक - मुझे माफ करना जो पापा का गुस्सा आप पर उतार रहा हूँ। चलो खाना खाते हैं।नेहा इमोशनल हो कर मेरे तरफ़ देखती है।
फिर दोनो खाना खाने के लिए नीचे आते है।
माँ - चलो सब खाना खाओ, आज सब कुछ नेहा ने बनाया है।
फिर सब लोग पापा, ताऊ जी या ताई जी मम्मी या दीदी स्नेहा आदित्य भी खाने की टेबल पर बैठ जाते हैं या मैं भी टेबल पर बैठ जाती हूँ। दीदी मेरे बगल में आकर बैठ जाती है।
फिर हम लोग खाना शुरू करते हैं। खाना वकई में स्वादिष्ट था । फिर हम सब ने खाना खाया में खाना खाते वक़्त भी पापा मुझे घुर घुर के देख रहे थे। जैसे मेरे से कोई अपराध हुआ हो।
खाने खाने के बाद मैं अपने कमरे में आ जाता हूँ। दीदी अभी नीचे ही होती है शायद मम्मी या ताई जी ने रोका होगा। माँ - नेहा मेरे कमरे मे आना कुछ बात करनी है।
नेहा - चलिए और अपनी मम्मी (नीरोज) से कहती है मम्मी मे चाची के कमरे हूँ।
नेहा - बोलिए माँ।
माँ नेहा से कहती है बेटा अभी जो करना चाहता है उसे करने दो बेटा (सेक्स) शादी का यही धर्म है।
फिर रात में थोड़ा टाइम पास करती है माँ एवं ताई जी के साथ करीब 9 बज जाते है। अब माँ दीदी से कमरे में जाने बोलती है और आंख से इशारे से सेक्स के लिए समझाती है
 

monty sharma

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Mind blowing update 🌹
 

ABHINEH

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Update 9
दीदी सोने के लिए कमरे मैं आ जाती है और गेट अंदर से बंद कर लेती है।
और मेरे तरफ देख के बोलती है में नहाने जा रही हूँ। में सुन कर वापस लैपटॉप मे भाई बहन के sex की कहानी पढ़ने लगता हूँ।
दीदी वापस जोर से बोलती है कि में नहाने जा रही हूँ और मेरी तरफ देखती है
और आँखों से साथ मे नहाने का निमंत्रण देती है।
मे लैपटॉप बंद करके दीदी को जोर से हग करने की कोशिस करता हूँ तब दीदी बोलती है पहले नहा लेते हैं
मतलब उनका साथ मे नहाने की इच्छा है।
दीदी अपने कपड़े मेरी अलमारी से लेती है और फिर बाथरूम की तरफ जाती है।

मैं - क्या मे भी आ जाऊँ
तो दीदी ने हंसते हुए तुमारी मर्जी और बाथरूम की तरफ बड़ जाती हैं।
में भी बाथरूम की तरफ़ जाता हूँ और देखता हूँ की दीदी अपने कपड़े उतार रही है। में आगे बड़ कर उनके हाथो से साड़ी ले ले कर रख देता हूं और उनके ब्लाउज के हूक को खोलने लग जाता हूँ। और ब्लाउज खोल देता हूँ। अब पेटीकोट की नाड़ा खोल देता हूँ और पेटीकोट नीचे गिर जाता है और मे उनके पैरों से पेटीकोट निकाल देता हूँ।
अब दीदी केवल ब्रा पेन्टी मे रह जाती है।
दीदी मेरे को देख के इशारे मे कपड़े उतारने के लिए बोलती है। में दीदी को बोलता हूँ मैं आप के कपड़े में उतार रहा हूँ आप मेरी उतारिए। दीदी आगे बढ़ कर मेरे टी शर्ट को खोलने लग जाती है और मेरे पैट को भी खोल देती है। अब मे भी केवल अन्डरवियर में रहता हूँ। अब हम दोनों शावर के नीचे आ जाते हैं और नहाने लग जाते हैं साबुन हाथ में लेकर दीदी मेरे छाती पीठ पर साबुन लगाती है।
दीदी बोलती है अन्डरवियर खोलो। में दीदी को खोलने को बोलता हूँ।
और में दीदी का ब्रा एवं पेन्टी खोल देता हूँ और दीदी मेरा अन्डरवियर खोल देती है और साबुन मेरे लन्ड पर लगाने लगाने लग जाती है। दीदी के मसाज के कारण मेरा लन्ड ज्यादा टाइट और बड़ा हो जाता है
दीदी जोर जोर से मेरे लन्ड को आगे पीछे करती है। और साबुन मेरे तरफ बढ़ा देती है।
में साबुन ले के दीदी को लगाने लगता हूँ।
उसके पीठ पर तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मै
बोबै पर लगवाती है।
और मे जोश मे आ जाता हूँ। और जोर जोर से दीदी के मम्मै को मसलता हूँ और दीदी के लिप्स पर अपने होंठ से जोर से किस करने लगता हूँ।
दीदी भी जोश मे आ जाती है। और मेरे हाथ को पकड़ कर अपने चुत पर रगडती है, और फिर अपने हाथो से मेरे लन्ड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगती है।
इस कारण हम दोनों होश खोने लगते हैं।
अब शावर को तेज करके साबुन उतारने कर नहाना का काम पूरा कर के एक दूसरे के शरीर को पोछते है।

फिर मे दीदी को गोद मे उठा कर बिस्तर बिना कपड़े के ले आता हूँ ।

और रिमोट से म्यूजिक चला देता हूँ ताकि माहौल लव्वेबल हो जाए लाइट भी पिंक कलर मे कन्वर्ट कर देता हूं। और लिपस्टिक मे से पिंक कलर का निकाल कर बिस्तर के साइड टेबल पर रख देता हूँ।

दीदी - जानू मूछे ठंड लग रही है ऐसी का टेम्परेटर बडा दो।

में बेड पर पड़े चादर को दीदी के बदन पर डाल देता हूँ और साथ मे आ के लेट जाता हूं।
और दीदी को बोलता हूँ आज आपने मुझे जानूँ कह कर बात की बहुत अच्छा लगा और मैंने दीदी के गाल पर जोर से किस करता हूँ तो दीदी बोली की गाल पे दाग पड़ जाएगा प्लीज़...

मैने दीदी को बोला की लेकिन में तुमको दीदी बोलूंगा और आप मुझे भाई या भैया कह कर बात करे अकेले मे कम से कम बिस्तर पर नेहा ने कहा ठीक है।
अभिषेक - क्या दीदी आज आप मुझको अपना पूरा जिस्म सौंप देंगे मै भी आपको आज से पूरा जिस्म सौपता हूँ।
दीदी ने कहा मे भी।
और दीदी ने मेरे छाती पर जोर से किस करदिया जिससे मेरे छाती पर नीला पड़ गया।
अब दीदी ने रिमोट से लाइट को तेज कर दिया और कहा मुझे अपने भाई के बदन का एक एक इंच देखना है साथ ही साथ वो मेरे लोडे को हाथ मे लेकर मोईसचर क्रीम लगाने लगती है। जिससे मेरा लन्ड टाइट हो कर फनफनाने लगा और टाइट हो कर दर्द करने लगा।
दीदी मेरे को उल्टा लेटने को बोलती है और मेरे पिठ पर किस लव बाईट का जान मूछ कर करती है फिर मेरे गांड को किस करते हुए मेरे को सीधा करती है।

और मेरे और देखने लगती है।
में भी दीदी दोनों बॉबे को हाथ मे ले कर दबाने लगता हूं दीदी के मुह से सिसकारी निकलने लगती है।
बॉब्बे की घुन्डी को मुहँ मे लेकर जोर जोर से चुस्ता हूँ।
इसके बाद में दीदी के पेट मे नाभि के पास किस कर नीला कर देता हूँ।
दीदी के चूत के ऊपर कुछ रोएदा रबाल थे वह बड़े ही सेक्सी लग रहे थे। उनकी टांगों को खोलकर उनकी चूत को देखने लगा उनकी चूत ऐसी दिख रही थी।

अब मे आगे बढ़ कर दीदी के चुत को किस करता हूं और बटका काट लेता हूँ दीदी जोर से चिल्लाती है।

अब मे दीदी के चुत के दोनों भग को अलग अलग कर के देखने लगता हूँ।
नेहा की चुत का छेद बहुत छोटा होता है 1.1/2 इंच से ज्यादा मोटा लन्ड अंदर नहीं जायगा।
मे दीदी के चुत को चाटने लगता हूँ दीदी जोर जोर से सिस्काने लगती हैं और अपने बदन को अकडने लगती है और मेरे को अपने उपर खिंचने का प्रयास करती है। फिर मैंने चूत को थोड़ा खोल कर देखा कि दीदी वर्जिन है पहले किसी से चुद चुकी है। वैसे मुझे पता था कि दीदी वर्जिन ही होगी क्योंकि उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और दीदी ऐसी गंदी भी नहीं थी कि बॉयफ्रेंड रखे। दीदी की चूत को खोलने के बाद मुझे ऐसा दृश्य देखने को मिलता है दीदी की हाइमन को देख कर मैं बहुत खुश होता हूँ कि दीदी कुंवारी है और मैं आज पहली बार उनको एक औरत बनाऊंगा और में अपनी जीभ से दीदी की चूत को फिर से चाटना शुरू कर देता हूँ। नेहा - नहीं भैया नहीं ये बहुत गंदी जगह होती है यहां अपनी जुबान मत लगाओ। अभी - दीदी आपकी कोई भी चीज मेरे लिए गंदी नहीं है इसमें बहुत मजा आएगा आप केवल मजा लो। और फिर में दीदी की चूत को लागातार चूसता रहता हूँ दीदी तेज तेज सिसकारियां लेती रहती है। नेहा - आह.. उम्म...... उफ्फ़. नहीं ओह....हाये । उफ्फ.... भई... बस करो ओ बस। या नहीं नहीं तो मैं आह... दीदी की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थी और मैं दीदी की चूत को अच्छे से चाट चाट कर गीला करता हूं जब मुझे लगता है कि चूत अब अच्छे से गीली हो गई है तब मैं अपनी जीभ को हटा लेता हूं
फिर मैं दीदी को बैठने को बोलता हूं। और कहता हूँ अभिषेक - दीदी इसे अपने मुँह में लो। फिर दीदी धीरे-धीरे मेरे लैंड को अपने मुंह में लेती है और चुस्ती रहती है। वैसे बस मेरे लैंड का टोपा ही उनके मुंह में गया था मैं अपना पूरा लैंड उनके मुंह में डालना चाहता था और मैं उन्हें अभी गुस्सा नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। फिर कुछ देर ऐसे ही लन्ड चूसाई के बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लेटने को कहा और दीदी बिस्तर पर लेट गई।
दीदी को बिस्तर पर लेटा देने के बाद।
फिर में अपना लन्ड पकड़ कर दीदी की चूत के सामने लेकर आता हूं दीदी अभी थोड़ा सा डर रही हैं। मैं अपना लन्ड चूत के छेद पर सेट करता हूं। तभी दीदी मुझसे कहती हैं अभिषेक मेरा पहेली बार है प्लीज धीरे से घुसाना।
अभिषेक - आप चिंता मत करो दी मैं बड़े आराम से करूंगा। वैसे मेरा भी यह पहली बार ही है।

नेहा मन में (हे भगवान यह इतना बड़ा लिंग मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा प्लीज मुझे शक्ति दो और मुझे बचा लेना कहीं इतने बड़े से मैं मर न जाऊं और मन में भगवान को याद करने लग जाती है)

फिर मैने अपना लंड चूत पर सेट करके के हल्का सा जोर लगा था हू या मेरा लंड फिसल जाता है।
मैं फिर से अपना लंड चूत पर सेट करती हूँ या फिर धीरे-धीरे जोर लगाना शुरू करती हूँ। लंड अभी अंदर नहीं जा रहा था। इसलिए मैं जोर जोर से दीदी के बोब्बे मसलने लगता हूँ जिसके कारण दीदी नीचे चुट पर जोर लगाने लगती है जिससे चुट फैलने लगती है और मेरे लन्ड का टोपा चुत के मुह मे फस जाता है।
दीदी अभी केवल मुझे देख रही थीं या उनकी सास तेज तेज चल रही थीं या चेहरे पर भी दर्द के भाव आ रहे थे।
फिर मैं या तो दम लगाता हूँ और फिर मेरे लंड का टोपा दीदी की चूत के अंदर घुसने लगता है और दीदी जोर से हाथ से मेरे को पीछे धकेलती का प्रयास करती है लेकिन कामयाब नहीं होती है।
और में लन्ड अंदर की तरफ धीरे धीरे घुसाने की कोशिश करता हूँ
दीदी जोर जोर से चिल्लाती है उसके आँखों से आंसू निकलने लगता है। और लन्ड हिमेन को फाड़ते हुए अंदर घुसता है।
नेहा - बहुत गंदे हो बहन पर दया नहीं आई।
में जब नीचे चुट के पास देखता हूं तो वहां खून निकल रहा होता है
सील टूट चुकी होती है। लन्ड करीब 2 इंच ही घुसा होता है और दीदी रो रो कर बोलती है मेरे भाई बाहर निकाल लो।
में थोड़ा बाहर निकाल के जोर से झटका मारता हूँ और लंड 9 इंच अंदर जाता है उधर दीदी की जोर दार चीख निकल जाती है।
नेहा - आआह्ह........आआह्ह..... ओह..........माँ .....

दीदी की ये चीख बड़ी ही जोर से निकली थी इतना कि शायद पूरे घर में गूंज जाए। मैं भी अभी रुक जाता हूँ या लंड को थोड़ा बाहर निकाल कर दुबारा अंदर बाहर करता हूँ बार बार और में दीदी को लीप लॉक किस करता हूँ
और लिपस्टिक लगा लगा के लीप को चुस्ता हूँ।
और लगातार अंदर बाहर करता रहता हूँ।

मुझे भी लंड में थोड़ा दर्द हो रहा था दीदी की चूत बड़ी टाइट थी या मैंने कोई चिकनाई भी इस्तेमाल नहीं की थी इसलिए मेरे लंड को चूत में डालने में ज्यादा दम लगाना पड़ा या अब ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड किसी टाइट भट्टी में हो जो की गन्ने की मशीन की तरह मेरे लंड का जूस निकाल रही हो। इसलिए मैं भी धीरे-धीरे ही मूव कर रहा था क्योंकि मुझे भी लंड के टोपे के आस-पास दर्द हो रहा था। पर आज दर्द सहना तो करना ही था आखिर अब मैं अपनी ही विवि का मर्द जो हूं। फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेते लेते दीदी को धीरे धीरे चोद रहा था। पर हर धक्के के साथ दीदी बड़ी ही तेज सिसकारी लेती है।

नेहा - आह...आह...... उफ्फ्फ.... ह्ह्ह.... ओह......
मुझे ये बड़ा अच्छा लग रहा था। या पहले जो लंड को अंदर बाहर करने में दिक्कत हो रही थी वह अब थोड़ी काम थी शायद दीदी की चूत भी अंदर से गीली होने लग गई थी। या अब मेरा भी दर्द छू मंतर हो गया था या मुझे मजा आने लगा था या मैं अब अपनी हवस के चरम पर था। दीदी आंखे बंद किए मेरा लौड़ा ले रही थी या सिसकारिया ले रही थी। फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ा लेता हूँ या तेज तेज दीदी को चोदने लग जाता हूँ। दीदी की सिसकारी फिर तेजी में बदल जाती है। दीदी तेज तेज आवाजे निकालने लगती है।

नेहा - आआह..... ओह.... माँ...... धीरे........भाई.....ओह माई.. मर गई....गे... उफ्फ . .. ओह..... उम्मम्मम....

दीदी की बात सुन सुन के मेरे अंदर जोश या बढ़ता जा रहा था या मैंने दीदी की टांगे ऊपर करके जोर दार चुदाई करनी शुरू कर दी। या फिर मैं तेज तेज चोदने लगा बहुत स्पीड में. कोई दूर से देखता है तो ऐसा लगता है जैसे कोई ड्रिल मशीन जमीन में गड्ढा कर रही हो।

फिर करीब ऐसे ही 25 मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद मैं थोड़ा थक जाता हूँ या मेरा निकालने वाला भी होता है तो मैं नेहा दी को चोदना बंद कर देता हूँ या अपना लंड बाहर निकाल लेता हूँ। लंड बाहर निकलते ही मुझे दिखता है कि मेरे लंड के टोपे पर खून लगा हुआ है। या कोमल दीदी की चूत से भी खून निकल रहा है या कुछ खून की बूंदे बेडशीट पर भी गिर गई है जिसकी सफेद बेडशीट लाल हो गई थी।

नेहा मन में (मेरे भाई ने अभी मेरी जोर से दार ठुकाई कर दी थी बिच बिच में मैं उसे मना करने वाली थी पर मै एक हिंदुस्तानी लड़की हूं या एक हिंदुस्तानी लड़की अपने पति को सेक्स करते समय मना नहीं करती, पर मेरी हालत अभी बहुत खराब थी। मेरे नीचे मतलब चूत में बहुत दर्द हो रहा है। ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने मेरी चूत में मसल डाल दिया हो । दर्द तो अब भी है पर दर्द के साथ थोड़ा अच्छा भी लगने लगा था।

फिर मै दीदी को बोलता हूं कि आप उलटे लेट जाओ या दीदी वैसे ही करती है या मैं भी इसमें उनकी मदद करता हूं। फिर दीदी उल्टी लेट जाती है या मैं भी उनके ऊपर लेट जाता हूँ या फिर लंड दीदी की चूत में फिर से डाल देता हूँ।

नेहा की फिर से आह निकल जाती है। नेहा - आह...... आह..... ओह...... उम्म......
या फिर मेरे लंड को अंदर डाल के फिर से अंदर बाहर करना शुरू कर देता हूँ तेज तेज। दीदी लगातर चीखे जा रही थी।

नेहा - आआह...आह...आह....धीरे भाई प्लीज प्लीज। अभिषेक - आई लव यू दी बस थोड़ी देर या बस। नेहा - ओह. .... अब नहीं आह ... अब सहन नहीं होता ...
पर मैं रुकता नहीं या अपनी स्पीड या बढ़ा देता हूँ या नेहा दीदी चादर को कस के पकड़ लेती है या उसे नोचने लगती है। या फिर मैं धमा धम नेहा दीदी को चोद रहा था।

पूरे कमरे में हच हच, या दीदी की दर्द भरी चीखों की आवाज गूंज रही थी। फिर ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद अब मेरा स्पर्म निकलने वाला होता है तभी मैं अपनी स्पीड बढ़ा लेता हूँ।

( नेहा की जुबानी - मेरा भाई मुझे लेटने को कहता है या मैं उलटे लेट जाती हूँ या फिर वो मुझे चोदना शुरू करता है इस पोजीशन में ना जाने क्यू पहेली वाली पोजीशन से भी ज्यादा दर्द हो रहा था। पर क्या करती मैं बस उसे कह रही थी कि धीरे-धीरे पर वो नहीं मानता उल्टा वो स्पीड या बढ़ा लेता है अब मेरी तो जान ही निकलने वाली होती है क्योंकि इतना दर्द हो रहा था या अब तो बिलकुल भी जान नहीं बची थी मुझमें क्योंकि शायद मेरा ऑर्गैज़्म भी हो गया था)

फिर मैं (अभिषेक ) ऐसे ही दीदी की चूत में अपना माल, अपने शुक्राणु डाल देता हूँ।
 

ABHINEH

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Bhai behan ki majburi me shaadhi
Update 10.
अभिषेक - आह... आह.. दीदी मैं आने वाली हूँ... आह....

ऐसे ही आवाज़ लगाता हुआ मैं दीदी की चूत में झड़ जाता हूँ। ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपने शरीर से सारी जान निकाल दी हो क्योंकि मैंने अपने जीवन में पहली बार सेक्स किया था या किसी के अंदर अपना माल चोदा था।

फिर अपने वीर्य को छोडने के बाद मैं दीदी पर लेट जाता हूँ। दीदी की सांसे भी तेज चल रही थी। मैंने अपना लोड़ा अभी भी चूत में ही डाले रखता हुं पर अब लोड़ा धीरे धीरे ढीला पड़ रहा था। फिर मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला।

लंड चूत से बाहर निकलते ही मेरे शुक्राणु और खून दीदी की चूत से बाहर बहने लगे। बहुत गाडे शुक्राणु थे या बहुत जयदा । ( इतने शुक्राणु एक लड़की को प्रेग्नेंट करने के लिए काफी है )

फिर मैं दीदी के बगल में ले जाता हूं। दीदी अभी भी वैसे ही उल्टी लेती थी। फिर मैं चादर ओढ़ लेता हूं। दीदी को भी अपनी बाहों में भर लेता हूं। या उनका सर अपनी छाती पर रख लेता हूं।

तभी तो मैं दीदी से पूछता हूं। दी आप ठीक है ना। कोमल - हा। अभिषेक - दर्द तो नहीं है। दीदी - पता नहीं। फिर ऐसे ही दोनो शांत रहते है। मेरा लंड फिर खड़ा हो जाता है। तभी दीदी मेरे से कहती है। नेहा - अभिषेक। अभिषेक - हाँ दी ।

नेहा - मुझे नींद आ रही है,
या इतना कह के मेरे को जोर से बहो में कस लेती है।
मैं भी दीदी को बहो में कस लेता हू या माथे पर चुमता हू या कहता हू। अभिषेक - मैं तुमसे प्यार करता हूँ। फिर सो जाता हूँ . वही सीन नेहा की जुबानी -
मेरा भाई मेरे अंदर झड़ जाता है मुझे मेरे पेट पूरा भरा हुआ लग रहा था ऐसा लगा जैसा किसी ने मानो गरम लावा से भरी पिचकारी मेरे अंदर मार दी हो। मुझे महसस हो रहा था कि मेरी पूरी चूत शुक्राणुओं से भर गई है। या एक तो उसका लंड इतना बड़ा मेरी बच्चेदानी तक चला जाता है अभी तो ऐसा लग रहा था मानो सीधे उसने मेरी बच्चे दानी में अपना माल डाल दिया हो। मैं अभी ऐसी ही लेटी हूँ या फिर मेरा छोटा भाई भी मेरे बगल में लेट जाता है बिल्कुल नंगा या फिर चादर भी ऊपर डाल लेता है। या फिर मुझे अपनी बाहो में भी भर लेता है। अभी मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था कि कैसे अपने ही छोटे भाई की बीवी बन गई उसके साथ सुहागरात मनाई या अब उसके साथ नंगी बिना कपड़ों के सो रही हूं।
फिर मेरा भाई बड़ी क्यूटनेस के साथ सवाल पूछता है कि मुझे दर्द तो नहीं हुआ। अब क्या बताया उसको कि उसने मेरी जान ही निकाल दी है या शायद 2 या 3 दिन तक ढंग से चल भी ना पाऊ।
पर तभी मुझे उसका लंड कडा महसस होता है अपने पैर पर क्योंकि मैंने एक टांग उसके ऊपर डाल रखी थी। मुझे डर लगता है मुझमें दूसरे राउंड की हिम्मत नहीं है।
और फिर ये फिर से खड़ा हो गया अगर मेरे भाई ने फिर से करने को कहा तो मैं मना नहीं कर पाऊंगी या मुझमें हिम्मत भी नहीं बची है एक या राउंड करने की क्योंकि नींद भी आ रही है है . तभी मैं उसे बोलती हूँ कि मुझे नींद आ रही है तो वो मुझे माथे पर किस करके आई लव यू बोल देता है।
सच बताओ तो पता नहीं क्यों जब उसने आई लव यू बोला तो मुझे अच्छा लगने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कोई कपल लेते हो जैसा की फिल्मों में दिखते है। लड़की सेक्स करने के बाद अपने पति के साथ नंगी लेती हो। वो भी उसका माल अपने पेट में लेके जो कि अब मेरी जांगो पर भी लग चुका था। तभी तो मैं उसको बहो में भर लेती हूँ और मैं भी सो जाती हूँ।

फिर सुबह हो जाती है या मेरी आंख खुलती है, कमरे में थोड़ी थोड़ी रोशनी आ रही थी तो मुझे उसमें 4 बज के 30 मिनट हो रहे थे। फिर मैंने अपनी बहनों को सोती हुई देखा जो अब मेरी बीवी बन चुकी थी। दीदी बिल्कुल नंगी मेरी बहनो में लेती हुई थी। या उनके स्तन मेरी छाती पर लग रहे थे।

तभी मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगता है। फिर मैं खड़ा होना चाहा पर दीदी ने मुझे कस के जकड़ रखा था या मैं उठ नहीं पा रहा था। मै- हाय कितनी प्यारी लग रही है सोती हुई जगाने का मन ही नहीं कर रहा या उनके माथे पर चुम्बन कर देता हूँ ।

और उसे में सहलाने लगता हूँ। मेरा तो लन्ड बहुत ज्यादा उत्तेजित हो कर दीदी के जांग पर रगड़ता है।
दीदी भी उत्तेजित हो कर जोर से अपने तरफ खिंचने लगती है।
नेहा उत्तेजित हो कर मेरे को किस करने लगती है और एक हाथ से मेरे लन्ड को पकड़ कर अपने चुत पर दबाने लगती है।
नेहा - भाई मेरे चुत के पास बहुत जोरों से दर्द हो रहा है
मे चल नहीं पाऊँगी। और दीदी मेरे लन्ड पर बैठ कर लन्ड को अपनी चुत के अंदर घुसाती है।
अब में मैदान सम्हाल लेता हूँ और नीचे से जोर लगाता हूँ दीदी जोर जोर से सिसकारी लेती है और उसके चेहरे पर खुशी और दर्द का भाव आ जाता है।
दीदी लन्ड पर ऊपर नीचे होने लगती है अह अह ओह अह ओह......
मैं भी पूरा आनंद लेते हुए नीचे से पूरा जोर से बार बार धक्का लगाता हूँ।
मेरा लन्ड लम्बा होने के कारण दीदी के बच्चे दानी तक जोर से चोट करता है तो दीदी जोर जोर से अवाज निकालती है
क्योंकि म्यूजिक सुबह बंद था तो अवाज कमरे के बगल मे स्नेहा के कमरे मे पहुंचती है तो स्नेहा बाहर गेट (सुईत) के गेट का बेल बजाती है घबरा कर।
हम गेट नहीं खोलते है।

तो स्नेहा नेहा के मोबाइल मे रिंग करती हैं।
बिस्तर के साइड टेबल पर मोबाइल पड़ा होने के कारण दीदी मेरे को मोबाइल उठा कर देने को बोलती है और जोर जोर से उपर नीचे होना जारी रखती है।
में मोबाइल नेहा के तरफ बढ़ा देता हूं और सीधे बैठ कर दीदी को अपने झांग पर खींच कर जोर से झटका देता हूँ तो नेहा के मुहँ से चीख निकल जाती है।
लेकिन वो अंदर बाहर करना बंद नहीं करती है क्योंकि एक्साइटमेन्ट चरम पर होता है।
नेहा फोन उठा कर स्नेहा से बात करती है और धीरे धीरे सिसकाते हुए स्नेहा से पूछती है की
नेहा - बोल
स्नेहा - दीदी सब ठीक है न
नेहा - ऊहं उहं बोल हाँ सब ठीक है।
स्नेहा - तो आपकी चीखै क्यों।
नेहा - अभिषेक मुझे छेड़ रहा था आह आह सिसकाते
हुए।
और फोन काट देती है और मेरे को जोर से पकड़ कर वापस मुझे बिस्तर पर सुला कर मेरे कमर पर चढ़ जाती है और जोर जोर से उपर नीचे होने लगती है उसका ऑर्गस्म आने वाला है तो मेरे से कहती है मे आ रही हूँ। और जोर से मुझे हग कर के अपने और खिंच लेती है।
लेकिन मेरा ऑर्गस्म अभी नहीं हो रहा था।
अभी - दीदी मेरा तो अभी तक निकला नहीं तो दीदी कहती है मे क्या करूँ अब में थक गई हूँ तुम भी अपना निकाल कर हल्के हो जाओ।
अभी - दीदी आप घोड़ी बन जाओ तो मेरे को भी सन्तुष्टि मिल जाएगी।
नेहा - ठीक है।
और दीदी बिस्तर से नीचे उतर कर जमीन मे सर्विस टेबल को अपने तरफ खिंच कर उसपे तकिया लगा कर पेट के बल लेट जाती है।

में अब उसके पीछे से खड़ा हो कर अपने हथियार जो की नेहा के ऑर्गस्म के रस से गिला हो गया था को अपने हाथो से नेहा के चुट में घुसाता हूँ तो गिला होने के कारण पहले से थोड़ा आराम से घुस जाता है लेकिन टाइट होने के कारण दीदी सिसका जाती है।
मे जोर जोर से अंदर बाहर करता हूँ 30-40 बार के बाद मेरा भी ऑर्गस्म के कारण जोश आ जाता है।

तो मे दीदी को वापस बिस्तर पर सीधा लेटने के लिए बोलता हूं दीदी सीधा बिस्तर पर लेट जाती है।
अब में दीदी का टांग अलग कर के अपने लन्ड को जोर से दीदी के चुत मे धुसा देता हूँ।
और दीदी के दोनों मम्मौ को दबाने खींचने लगता हूँ दीदी कहती है धीरे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज।

मैं स्पीड बढ़ा देता हूँ और दीदी स्पीड के चलते जोर जोर से आवाज करने लगती है।
मैं आ रहा हूँ मेरा निकलने वाला है और में जोर से पिचकारी छोड देता हूँ और दीदी मेरे को अपने से लिपटा कर सारा गरम वीर्य अपने बूर मे लेने लगी ।

और दीदी जोर से मुझे अपने सीने से लिपटा लेती है और मेरे गाल पर किस करती है।
मैं दीदी से पूछता हूँ कैसा लग रहा है दीदी - अपने चेहरे पर स्माइल लाते हुए बोलती है सो जाओ डार्लिंग सुबह के 5:30 बज रहे है।
दीदी - सुबह स्नेहा का सामना करना पड़ेगा क्या बोलून्गी ?

मैंने नेहा को बोला की अपन ने सैफ्टी तो नहीं की तो नेहा ने बताया कि जब मे डॉ. से शादी के पहले ईन्जेकष्न लगवाई थी तो डॉ. साहेब से तीन महीने के लिए मैंने ईन्जेकष्न लगवा लिया था माँ के साथ अब चिंता मत करो और थोड़ी देर सो जाओ।
मेरा लन्ड अभी भी दीदी के बुर मे घुसा हुआ था और ढीला हो कर बाहर निकल रहा था और मेरा सीमेन दीदी के बुर से हल्के हल्के बाहर निकल कर दीदी के जांग मे फैल रहा था।
 

monty sharma

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Fantastic update ❤️💗♥️
 

Ek number

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Bhai behan ki majburi me shaadhi.
Update 7

ये देख कर नेहा शॉक हो जाती है उसके गले से लेकर उसके बूब्स तक लव बाइट्स के निशान होते है। उससे बहुत शर्म आ रही है या सबसे बड़ी टेंशन तो इस बात की होती है कि घर वाले जब लव बाइट्स देखेंगे तो उनका क्या रिएक्शन होगा। मम्मी, पापा या चाचा और चाची सब क्या सोचेंगे मेरे बारे में, यही सब सोच अभी नेहा के दिमाग में चल रही थी।
तभी तो नेहा को थोड़ा मेकअप के साथ अपने लव बाइट्स पर थोड़ा पाउडर या क्रीम कलर के फाउंडेशन से उनको कवर करने की कोशिश करती है।


नीचे का दृश्य (माँ और ताई )
ताई - कितनी देर हो गई नेहा अभी तक आई नहीं उसे शगुन की रसोई भी बनानी है।
माँ - हाँ मैं उसे ऊपर जाकर लेकर आती हूँ।
ताई - उससे क्या पहनने को बोलेगी।
माँ - क्या बोलू।
ताई - साडी ठीक रहेगी।
माँ - ठीक है एक लाल रंग की साड़ी है मेरे पास उसी के लिए ख़रीदी थी उसको अभी दे देती हूँ उसे या तैयार करके ही ले आती हूँ ठीक है।
फिर माँ ऊपर दीदी के कमरे में जाती है। ऊपर नेहा अभी भी अपनी लव बाइट्स को छुपने की कोशिश में लगी होती है।
कमरा अभी बंद होता है। इसलिए माँ गेट पर आकर दस्तक देती है।
संगीता - बेटा नेहा नहा ली कया।

नेहा एकदम हडबडा जाती है क्योंकि अभी बस उसने एक तौलिया ही लपेटा होता है या उसके लव बाइट्स के निशान अभी भी साफ साफ दिख रहे थे।
नेहा - हाँ चाची।

माँ - ले मै तेरे कपड़े लाई हूँ तुझे आज यहीं पहनना है गेट खोल।
नेहा - हाँ चाची अभी खोलती हूँ ।
फिर कोमल फटाफट ब्रा और पेंटी पहनती है और फिर बाथ टोवेल को पहन लेती है एवं बालों को आगे की तरफ कर लेती है कि जिस से उसके निशान नहीं दिखे।
फिर नेहा गेट खोलती है।
और माँ के पैर छुती है।
माँ - हम्म्म इतना टाइम कैसे लगा ।
नेहा (शर्मा के) - वो चाची मैं कपड़े पहन रही थी।
माँ - चल आज क्या पहनेगी।
नेहा - कया पहनू।
तभी माँ साडी आगे कर देती है।
नेहा - पर चाची मुझे सारी पहननी नहीं आती है।

माँ - चल मैं पहना देती हूँ ।
माँ साड़ी के साथ ब्लाउज और पेटीकोट भी मैचिंग वाली लाई थी।
फिर वो नेहा को पेटीकोट देती है कपड़े ने के लिए।
नेहा अभी शर्मा रही थी कि कैसे चाची के सामने बाथ तौलिया हटाये क्योंकि अभी वह केवल ब्रा या पेंटी में ही होती है।

नेहा - चाची वो मैंने अंदर बस ब्रा और पेंटी ही पहनी है।
माँ - तो, क्या हुआ ।
नेहा (हश के) मुझे शर्म आती है।

माँ - अच्छा बोल तो ऐसे रही है जैसे मैंने तुझे कभी वैसे देखा ही नहीं। बचपन में बिना कपड़ों के खेली है तू मेरी गोद में।
नेहा - पर तब मैं छोटी थी।

माँ - अभी बड़ी हो गई अभी भी मेरे लिए तो मेरी बच्ची ही है।
(दोस्तों वैसे माँ एवं नेहा का बॉन्ड बहुत मजबूत है इसलिए नेहा ज्यादा परवाह नहीं करती है और अपना तौलिया हटा देती है। या वैसे भी नेहा बस इसके लिए घबरा रही थी कि कहीं माँ उसके लव बाइट्स ना देख ले।)

इसके बाद नेहा ब्रा और पैंटी में खड़ी होती है।

माँ फिर नेहा को पेटी कोट देती है या वो पहन लेती है या ब्लाउज भी। या फिर उसके ब्लाउज को एडजस्ट कर रही होती है।
माँ नेहा के बालों को हटा देती है या फिर नेहा के लव बाइट्स के निशान माँ के सामने होते हैं।

माँ - नेहा ये निशान कैसे पड़े बेटा।
(अभी माँ समझ चुकी थी कि ये किस चीज के निशान है या वो अब नेहा को तंग करना चाहती थी)

नेहा ( घबराहट में ) - कौन से निशान चाची।

माँ - ये जो तुम्हारी गर्दन पर है।
नेहा - हाँ, ये तो कल रात को मच्छर खा गया था।
माँ - हम्म, मच्छर इतने सारे या इतना बड़ा मच्छर।

नेहा - वो अब...
माँ - हा हा जैसे हमारी तो शादी हुई ही नहीं हमने तो जमाना देखा ही नहीं है।
दीदी अभी बहुत जयदा शर्मा जाती है।

माँ भी अभी कोमल के मजे लेने के पूरे मूड में होती है। आखिर ये बंता भी है क्योंकि अब नेहा उसकी भतीजी नहीं बहू बन चुकी थी या अब वो चाची से सास बन गई थी। या सास अगर बहू को तंग न करे तो कैसी सास ।

माँ - चल कोई नहीं वैसे भी इसमें तेरी कोई गलती नहीं है। अभी को आने दे उसको डांट लगाऊंगी कैसे मेरी फुल सी बच्ची के साथ क्या किया है।

फिर माँ नेहा को तैयार करती है या मेकअप भी करती है या उसके लव बाइट्स के निशान को भी काफी हद तक मेकअप या पाउडर से ढक देती है पर अभी भी थोड़े थोड़े निशान दिखा रहे थे।

नेहा तैयार होकर ऐसी लग रही थी जैसे कोई अप्सरा हो।

नेहा - धन्यवाद चाची ।

माँ - किस लिए।

नेहा - वो इन निशान को छुपाने के लिए वर्ना मुझे नीचे मम्मी या पापा के सामने भी शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा।
माँ - और कल अभी ने जबरदस्ती तो नहीं की तेरे साथ।
नेहा शर्माते हुए अभी कुछ नहीं वो मेरे को कम्फर्ट कर रहे थे।
तो वैसे ही होना चाहिए।
नेहा - चाची....

माँ - आज से तुम मुझ को माँ बुलाया कर ऐसे भी तुम भाभी को (मम्मी) बुलाती हो
क्या बोल रही है बता...
नेहा - नहीं कुछ नहीं
माँ - बता क्या है कसम है मेरी मुझ से खुल कर बात कर...
नेहा - माँ आपने कसम क्यों दी अभिषेक को पता चलेगा तो नाराज हो जाएगा।
माँ उसकी ये मजाल मेरे होते वो तेरे से नाराज होगा
बता क्या बोल रही है।
नेहा - शर्माते हुए माँ मेरी
सु सू तो बहुत छोटी है और आज सुबह नहाते समय मैंने देखा था की अभी का लन्ड काफी मोटा और लंबा है
आज सुबह नहाते समय वो मेरी सु सू मे जबरदस्ती घुसा रहा था और घूस नहीं रहा था बहुत दर्द हो रहा था डर लग रहा है।


माँ - अरे कुछ नहीं कोई डरने की बात नहीं है
अभी के पापा का भी काफी मोटा और लंबा था धीरे धीरे सब घूस जता है।
में अभिषेक को इसारो में समझा दूंगी।
मजाक नहीं मेरी बच्ची कितनी प्यारी लग रही है किसी की नजर ना लगे।

माँ - अभी 2 मिनट रुकना है।
नेहा - जी चाची जी।

माँ अपने कमरे में जाकर दो कंगन लेकर वापस ऊपर आती है।और वो दो कंगन नेहा को दे देती है .
नेहा - ये क्यों चाची जी।
माँ नेहा के गालो को हाथ में लेती है या बड़े ही प्यार से कहती है।
माँ - बेटा अब तू मेरी बहू बन चुकी है या ये है मेरी बहू के लिए है
या फिर उन कंगन नेहा को पहनना देती है या फिर दीदी को नीचे ले कर आती है।

नीचे स्नेहा ताई जी के पास बैठी थी वो लाल रंग का ढीला टी शर्ट और टाइट लेंगींग पहने मेरा इन्तेज़ार कर रही थी।
मेरे को देख कर मेरे से लिपट कर मेरे को कोन्गरेटस भाभी बोलती है।
पूछती है कैसे रही सुहागरात भैया के साथ।
नेहा - स्नेहा के कान मे
मारून्गी ठहर जब आदित्य प्यार करेगा तो में पूछूँगी।
Nice update
 
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