हमारे अमर भाई साहब , क्या ही बात करें इनकी ! एक इंग्लिश मे शब्द है हाइबरनेशन । इसका हिंदी अनुवाद हुआ शीत निद्रा या फिर शीत निष्क्रियता । कुछ जीव जंतु होते हैं जो मौसम के अनुकूल शीत निद्रा मे चले जाते हैं और जब लगता है उनको कि उनके अनुकूल मौसम आया है तो फुल एक्टिव हो जाते हैं ।
ये साहब ऐसे ही है जिन्होने किया - धरा कुछ नही पर जब अचानक से अवतरित हुए तो हरकतें हाइबरनेशन की हो गई । कहानी मे जो रोल मिला है उसे जस्टीफाई करने को हो गई , अपनी प्राथमिकता सिद्ध करने को हो गई ।
अक्षिका के घर की चाबी स्वरा के पास थी , वह चाबी जो खुद अक्षिका ने स्वरा को दी थी फिर भी अमर भाई को डर लगता था कि पड़ोसी उन्हे चोर न समझ ले ! ऐसी बात हरगिज नही हो सकती कि स्वरा को पड़ोस के लोग जानते या पहचानते नही होंगे ! वह कई बार आ चूकी होगी अक्षिता के घर पर ।
स्वरा ने एक आस की किरण तो अवश्य दिखाई है । वह न सिर्फ एक अच्छी दोस्त है बल्कि जेहनी तौर पर अकलमंद भी है और एक शानदार इंसान भी है । यह इस अपडेट मे भी देखने को मिला ।
अक्षिता अपनी दिनचर्या पर एक डायरी भी लिखती है जो एक पोजिटिव लक्षण दिखाई दे रहा है । ऐसे लोग हर बात , हर चीज अपनी डायरी मे लिखते हैं । इस चीज की संभावना प्रबल दिखाई दे रही है कि उसने अपनी बीमारी के बारे मे भी बहुत कुछ लिखा होगा । शायद अपनी मौजूदा प्रजेंट स्थल के बारे मे भी !
बेहतरीन और खुबसूरत अपडेट आदि भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।