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Update 29
"कहा है वो ?"
"मुझे नही पता"
"अगर उसे लेट ही आना था तो उसने हमे इतना अर्जेंटली क्यू बुलाया"
"स्वरा रिलैक्स, वो ट्राफिक में फस गया होगा"
"कैसे रिलैक्स करू रोहन, कितने काम है अभी घंटे भर में ऑफिस में इंपोर्टेंट मीटिंग है, अक्षु का कुछ पता नहीं चल रहा, हमारा बॉस ऑफिस से गायब है और क्यों है इसकी ऑफिस वालो को खबर भी नही है और हम भी नही रहे तो नुकसान तगड़ा हो जायेगा"
"स्वरा हम एकांश को दोष नही दे सकते वो किस कंडीशन में है हम जानते है"
"इसीलिए तो सब मैनेज कर रहे है" स्वरा ने कहा
"खैर उसने हमे बुलाया है तो जरूर कुछ न कुछ बहुत ही जरूरी बात होगी लेट्स वेट"
ये लोग बात कर ही रहे थे वही कैफे में इन्ही के टेबल के पास एक लड़की बैठी थी जो बस इन लोगो को ही देखे जा रही थी,
एक पल को उसकी और स्वरा की नजरे भी मिली लेकिन स्वरा ने उसे इग्नोर कर दिया लेकिन उसने अपनी नजरे उनपर बनाए रखी
थोड़े ही समय के बाद एकांश भी वहा पहुंच गया और उनलोगो के सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठा था,
स्वरा टेबल तब सर टिकाए बैठी और एकांश के आने की आवाज सुन वो सीधी बैठ गई वही रोहन भी एकांश को देखने लगा
एकांश कुछ नही बोल रहा था वो बस अपने फोन में लगा हुआ था और किसी को बार बार कॉल लगा रहा था लेकिन सामने वाला जवाब नही दे रहा था
जब कुछ समय तक एकांश कुछ नही बोला तो स्वरा ने पूछा
"एकांश क्या हुआ है ? क्या अर्जेंट बात है? अक्षू के बारे में कुछ पता चला?" स्वरा ने पूछा बदले में एकांश ने बस हा में सर हिलाया
"एकांश प्लीज बताओगे बात क्या है, देखो हमे ऑफिस पहुंचना है तुम नही हो ऐसे में वहा का काम भी बिखरा हुआ है"
"मैं जानता हूं रोहन, बस एक बार अक्षिता मिले सब सही हो जायेगा, अरे यार ये फोन क्यों नही उठा रही??" एकांश ने थोड़ा जोर से कहा
"कौन?" रोहन और स्वरा ने एकसाथ पूछा
"मैं"
सबने ये आवाज सुनी और उसकी ओर देखा जिसने 'मैं' कहा था , ये वही लड़की थी जो उन्हे देख रही थी
"क्या?" स्वरा ने सवालिया नजरो से पूछा
"मैं ही वो हु जिसका आपलोग इंतजार कर रहे थे" उस लड़की ने कहा,
स्वरा और रोहन को कुछ समझ नही आ रहा था क्युकी उन्हें पूरी बात बता ही नही थी एकांश ने तो उनसे बस वहा आने कहा था लेकिन एकांश उसे पहचान गया और उसने उसे बैठने कहा
"तो आप है डिटेक्टिव अमृता?" एकांश ने उस लड़की को देखते हुए या यू कर एक उसका एक्सरे करते हुए कहा
वैसे वो लड़की भी एक पल को एकांश की आंखो में खो गई थी, वो रियल में ज्यादा अच्छा दिखता था
"जी हा" उसने कहा
"रोहन, स्वरा ये वो डिटेक्टिव है जिन्हे हमने अक्षु को ढूंढने हायर किया था और मिस अमृता ये मेरे दोस्त है" एकांश ने फॉर्मल इंट्रोडक्शन कराया स्वरा और रोहन ने भी अमृता से हाथ मिलाया
"अब अहम बात पर आते है, मिस अमृता आपने कहा था आपको अक्षिता के बारे में कोई लीड मिली है, क्या पता चला?" एकांश ने कहा
"क्या?" स्वरा ने कहा
"क्या पता चला?" रोहन ने भी जल्दी पूछ लिया
"बताती हु, एक्चुअली उसे ट्रेस करना बहुत ही मुश्किल है क्युकी उसने अपने आप को बहुत बढ़िया तरीके से छिपाया हुआ है, she is keeping a very low profile, वो ना तो अपना पुराना फोन या न्यूज यूज कर रही है ना ही पुराना कोई भी कार्ड जिससे उस तक पहुंचा जाए" अमृता ने कहा
"ये मुझे पुलिस भी बता चुकी है, आगे?" एकांश ने कहा
"देखिए मैने अमर सर से उसके बारे में और डिटेल्स जानी उसके फैमिली के बारे में पता किया और अमर सर ने भी उन्हें जो जो पता था सब बताया, जो सब भी जो आपलोगों ने पता किया था, एड्रेस और जहा ट्रीटमेंट चल रहा है सब और फिर मैंने खोज शुरू की, मैने उसने पड़ोसियों से पूछा लेकिन जैसी उम्मीद थी उन्हें कुछ नही पता था बस इतना पता चला के अक्षिता के पिता एक रिटायर्ड गवर्मेंट ऑफिशियल है, मैने फिर उनके बारे में भी पता करना चाहा लेकिन वो लोग बहुत ही कम लोगो से कॉन्टैक्ट रखे हुए थे और बस आपस में ही खुश थे किसिसे या किसी बात में ज्यादा इन्वॉल्व नही होते थे और इसीलिए उन्हें ढूंढना ज्यादा मुश्किल काम है, मैने ये भी पता करने की कोशिश की के शायद ही सकता हो उनकी कोई दूसरी प्रॉपर्टी को जहा वो गए हो या किसी दूसरे शहर में कुछ हो लेकिन ऐसा भी कुछ पता नहीं चल पाया तो मिलाजुलाकार बस हॉस्पिटल और उसका घर ही था जहा से कुछ पता चल सकता था, वो घर नही आने वाले थे मुझे पता था इसीलिए मैं हॉस्पिटल पर अपनी नजरे बनाए हुए थे और जब अमर सर ने मुझे बताया के वो हॉस्पिटल में चेकअप के लिए आई थी तब मैं वही पास में ही थी और जब तक मैं वहा पहुंची तब तक या तो वो जा चुकी थी या फिर उसने अपने आप को कवर कर लिया था ताकि कोई उसे ना पहचाने या हो सकता है सब क्लीयर होने तक कही छिप गई हो, खैर मुझे लगता है उसे शक तो है के कोई पीछा कर सकता है इसीलिए वो चेकअप के बाद बगैर दवाइया लिए वहा से चली गई थी, उसने हॉस्पिटल ले मेडिकल से दवाइया नही ली थी जहा से वो हर बार लेती थी" अमृता बोलते बोलते रुकी और उसने उन लोगो को देखा जो उसकी बात ध्यान से सुन रहे थे
"तुम्हे हॉस्पिटल वाली बात कैसे पता?" रोहन ने पूछा
"अमर सर ने बताया था आप लोग डॉक्टर से मिले थे और शायद डॉक्टर ने आपको prescription की कॉपी भी दी थी मैंने उन्हें वाली कॉपी मांगी और उसी से आगे को छानबीन की, सबसे पहले तो मैंने हॉस्पिटल के ही मेडिकल हॉल में। इंक्वायरी की, उन्होंने बताया के अक्षिता नाम को पेशेंट हर महीने उन्हीं के पास से दवाइया लेती है लेकिन इस बार उसने वहा से दवाइया नही ली थी इसीलिए फिर मैने हॉस्पिटल के आसपास के भी सभी मेडिकल्स में पूछा और मेरे कॉन्टैक्ट के थ्रू मुझे ऐसी जगह का पता चला जहा से शहर के कई मेडिकल में दवाइया जाति थी, वहा से मुझे पता चला के एक छोटे से मेडिकल ने अभी रिसेंटली ही यही दवाइया ऑर्डर की थी और जब मैने चेक किया तो पाया के ये वो एक्जैक्ट दवाइया थी जो उस प्रिस्क्रिप्शन में थी" अमृता ने बात खतम की
"तो तुम्हारा मतलब है के वो अक्षिता ही है जिसने ये दवाइया मंगवाई है" स्वरा ने पूछा
"हा, क्युकी कोई भी दूसरा पेशेंट एक्जैक्ट सेम प्रिस्क्रिप्शन ऑर्डर नही कर सकता था"
"सही है" रोहन ने कहा
वहा एकांश इस पूरे वाकए में एकदम ही शांत था, पहले तो वो खुश हुआ के कुछ तो पता चला है लेकिन फिर उसके मन में ये डर भी था के कही से सब गलत ना हो
"वो मेडिकल कहा है?" एकांश ने पूछा
"वो ये छोटा सा मेडिकल है ठाणे में" अमृता ने कहा
"ठीक है तुम दोनो ऑफिस के लिए निकलो मैं वहा उस मेडिकल पर जाकर देखता हु वहा आसपास देखता हु" एकांश ने वहा से उठते हुए रोहन और स्वरा से कहा
"क्या? हम तुमको अकेला नही जाने देंगे" स्वरा ने कहा
"हा हम भी साथ चलेंगे" रोहन ने भी स्वरा की बात में हामी भरी
"अगर तुम लोग साथ चलोगे तो ऑफिस कौन संभालेगा?" एकांश ने कहा
"लेकिन...."
"बस मैं जा रहा हु और कोई बहस नही"
"एक मिनट मिस्टर रघुवंशी, मैं भी आपके साथ चलती हु" अमृता ने भी अपना पर्स उठते हुए कहा
"नही मैं अकेला ही जाऊंगा आप बस मुझे उस मेडिकल का एड्रेस बताए" एकांश ने कहा
"देखिए हो सकता है उसने वही से दवाइया ली हो लेकिन ये जरूरी नहीं के वो वही उसी इलाके में रहती हो, मैं उस एरिया को जानती हू और मेरे पास कुछ लोकेशन है जहा हम उसे ढूंढ सकते है, मेरे साथ रहने से आपको उसे ढूंढने में आसानी होगी" अमृता ने कहा
एकांश ने एक पल सोचा और फिर बोला
"ठीक है"
जिसके बाद एकांश और अमृता निकल गए, अमृता बस इस बात से खुश थी के वो एकांश के साथ थी, उसने उसकी तस्वीर एक बिजनेस मैगजीन में देखी थी तभी से उसे उसपर क्रश था और याहा साथ साथ उसका काम भी हो रहा था
वो लोग एकांश की कार के पास आए, एकांश ने उसे आगे ड्राइवर के बाजू में पैसेंजर सीट पे बैठने कहा और खुद पीछे बैठ गया, एकांश अब जहा भी जाता ड्राइवर साथ होता था जो की अमर ने कहा था क्युकी इस डिप्रेस्ड हालत में वो एकांश की ड्राइविंग पर भरोसा नहीं कर सकते थे
अमृता ने ड्राइवर को एड्रेस बताया और कार चल पड़ी, अमृता ने पीछे देखा तो पाया के एकांश की पढ़ रहा था, एक डायरी..
मुझे इस जगह से प्यार हो गया है
क्या सही जगह है यार, ये ऑफिस यहा का वातावरण, यहा के लोग सबकुछ अच्छा है, यहा तक की बॉस भी फ्रेंडली है
आज मैं दो अमेजिंग लोगो से मिली, रोहन और स्वरा, हमने साथ में ही आज ऑफिस ज्वाइन किया है बढ़िया लोग है, लगता है हम अच्छे दोस्त बन सकते है
मुझे लगता है ये लोग, ये ऑफिस ये माहोल कुछ वक्त के लिए ही सही मुझे मेरे दर्द से निकलने में बहुत मदद करेगा
और इस सब में भी मैं तुम्हे बहुत मिस करती ही अंश
आई लव यू
एकांश ने डायरी बंद की और अपनी आंखों से निकलती आंसू की बूंद साफ की और खिड़की के बाहर देखने लगा, अमृता अपना फोन चलाते हुए बीच बीच में एकांश को देख रही थी, उसने तो खबर भी नही थी के एकांश के मन में क्या चल रहा था
कुछ समय बाद एकांश वापिस डायरी के कुछ पन्ने पढ़ने लगा जिसमे अक्षिता के नए दोस्तो के बारे में लिखा हुआ है जिसे पढ़कर उसे भी हसी आई क्युकी स्वरा और रोहन थे भी वैसे, पक्के दोस्त लेकिन हर पन्ने में एक बार कॉमन थी, अक्षिता का उसे लिखा आई लव यू
एकांश ने डायरी बंद की और मन ही मन अक्षिता ने कहा
आई लव यू टू....
क्रमश: