आदि भाई , ऐसे इमोशनल अपडेट मत दो कि पढ़कर आंसू ही न रूके !
पढ़कर ऐसा लग रहा है जैसे किसी खास की मौत चंद दिनों मे होनी है और हम आंसू बहाने के सिवाय कुछ नही कर सकते ।
मौत अवश्यंभावी है , मौत अटल है , मौत दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है फिर भी हम मौत की सच्चाई से मुंह फेरते हैं । शायद यही इस कलयुग की लीला है ।
बहुत खुशनसीब होते हैं वह लोग जिन्हें प्रेम नसीब होता है । इस युग मे हर रिश्ते को तार तार होते देखा है हमने । अगर कोई रिश्ता वास्तव मे प्रेम का बनता है तो उस रिश्ते को एप्रीसिएट करना चाहिए , गले लगाकर आलिंगन करना चाहिए , सम्मान करना चाहिए , उसके हाथ को थामना चाहिए ; भले ही वह रिश्ता कुछ पल या कुछ दिन का ही क्यों न हो ।
अक्षिता का पल पल मृत्यु की ओर बढ़ना और इस दौरान उसकी दैनिक एक्टिविटी , उसके हाव-भाव , उसके जज्बात जब हमारे दिल को अत्यंत ही आहत कर रहे हैं तो उसके मां-बाप और एकांश के दिल पर क्या बीत रही होगी यह हम कल्पना भी नही कर सकते ।
मै बहुत ही आशावादी हूं । मेरी सोच सदैव ही सकारात्मक रही है । मै विश्वास करता हूं अपने माता रानी और परमेश्वर पर । और यही कारण है कि हर समस्याओं का मैने बहादुरी के साथ सामना किया ।
मै अब भी विश्वास करता हूं कि अंत भला तो सब भला ।
अक्षिता पुरी तरह स्वस्थ्य होगी ।
खुबसूरत अपडेट आदि भाई ।