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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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मैंने ये कहानी यूँ ही पढ़नी शुरू करी, लेकिन वाक़ई इतनी मज़ेदार लगी कि पढ़ गया।
मैंने ये भी देखा कि कैसे एक दो लोगों ने बड़े passion से कहानी के मोड़ पर अपनी आपत्ति भी दर्ज़ करी।
वो शायद इसीलिए कि उनको कहानी में मज़ा आ रहा था! लेकिन, चमत्कार पर आधारित कहानी में reason ढूँढना वो सच में बेबुनियाद है!
पूरी कहानी में spelling में हुई भीषण गड़बड़ी मज़ा ख़राब तो करती है, लेकिन शायद शायद आपको देवनागरी में लिखने का अभ्यास नहीं है!
हाँ, लेकिन gender पर आधारित क्रिया (verb) के शब्द ठीक लिखें (e.g. स्त्री करती है - करता नहीं)!
ख़ैर, लिखते रहें। यह सब धीरे धीरे ठीक हो जाएगा।
 

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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3,343
144
मैंने ये कहानी यूँ ही पढ़नी शुरू करी, लेकिन वाक़ई इतनी मज़ेदार लगी कि पढ़ गया।
मैंने ये भी देखा कि कैसे एक दो लोगों ने बड़े passion से कहानी के मोड़ पर अपनी आपत्ति भी दर्ज़ करी।
वो शायद इसीलिए कि उनको कहानी में मज़ा आ रहा था! लेकिन, चमत्कार पर आधारित कहानी में reason ढूँढना वो सच में बेबुनियाद है!
पूरी कहानी में spelling में हुई भीषण गड़बड़ी मज़ा ख़राब तो करती है, लेकिन शायद शायद आपको देवनागरी में लिखने का अभ्यास नहीं है!
हाँ, लेकिन gender पर आधारित क्रिया (verb) के शब्द ठीक लिखें (e.g. स्त्री करती है - करता नहीं)!
ख़ैर, लिखते रहें। यह सब धीरे धीरे ठीक हो जाएगा।
बोहोत बोहोत बोहोत ही धन्यवाद आपका अनुभवी महादय । जान कर बोहोत खुशी हुई आपको अच्छा लगा । हा वो speling मिस्टेक हुई है एक तो मोबाइल के कीबोर्ड में कुछ अक्सर ठीक से जुड़ते नही है और मेरी भी लिखते समय सायेद ध्यान हट जाता है । में सुधार की पूरी कशिश कर रहा हूं । और हिंदी फोंट में पहली बार लिख रहा हूं तो अभिज्ञता इतना नहीं है ......... आपका स्वागतम कभी वक्त मिले तो इस छोटे से लेखक का मनबल बढ़ा के जायेगा । धन्यवाद 🙏🙏🙏
 

Destiny

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Update 35





Tania's room view




तपन और तानिया दोनो कंबल के अंदर बिस्तर पर जैसे नया जोड़ा हो । जैसे शुरू के रातों में एक दूसरे के बिना नींद ना आता हो ना चैन मिलता हो । बिस्तर में दोनो एक दूसरे की सामने करवट में एक दूसरी की आखों में खोए हुए एक दूसरे की मीठी बातों में प्यार जताते हुए । हर नजर में प्यार मेहसूस करती हुई दोनो एक दूसरे के सासों को महसूस करते हुए कभी गाल सेहलाते हुए कभी एक दूसरे जिस्म को छू के प्यार जताते हुए । कभी बिन बातों से ही मुस्कान निकाल जाती थी दोनो की । मीठी छेड़ छाड़ करते हुए ।


लेकिन दोनो की नंगे बदन साफ़ बता रहा था की दोनो ने अब तक तो कामक्रीड़ा का आनंद ले चुका हे अभी हाल फिलहाल में । लेकिन दोनों मस्ती अभी तक सुस्त नही हुई थी । यौन क्रीड़ा के कीड़े अभी तक जिस्मों पे रेंग रही थी ।



तानिया ।" बेबी तुम ये सब बाते जिशू और बाकी दोस्तों के साथ शेयर तो नहीं करते हो ।"

तपन सरारत से ।" किस बात की बताने की बात कर रही हो आप ।"

तानिया ।" बदमाश । और आप आप क्यू करते रहते हो । जब प्यार करने में उम्र का लिहाज नहीं करते हो तो निभाने में क्यू लिहाज करते हो । कितनी बार कहा है कि आप मत कहा करो ।तुम सुनने में अपना लगता है ।"

तपन माफी की लिहाज से ।" Ok तुम । और वो सब बाते में क्यूं बताऊंगा । दोस्ती अपनी जगह और प्यार अपनी जगह । हर चीज का मिश्रण थोड़ी होता है । हमारी प्यार की निजी बाते उनको क्यू बताऊंगा । भूलो मत में तुम्हारी कितनी इत्ज्जत करता हूं ।"

तानिया उसके होंठ चूम के ।" उमआह्हह मेरा बेबी । I love you ..... "

तपन उसकी शीर हाथो में ले के गाल खा जाता हे ।" मन करता है तुम्हारी गाल खा जाऊं । कितनी soft है एक दम मक्खन honey जैसा । "

तानिया ।" बेबी एक बात करनी थी अगर बुरा ना मानो तो ।"

तपन उसके ऊपर चढ़ कर उसकी गर्दन चूमने लगता है ।" हा बोलो ना बिंदास मेरी प्यारी जान "

तानिया ।" आह्ह्ह अगर जिशु और तुम्हारी मम्मी एक हो जाय हमारी तरह तो तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही होगी ना ।"

तपन ।" नही जान मुझे अब कोई प्राब्लम नही होगा मुझमें समझ आ गई है । हा अगर मम्मी भी मान जाय तो अच्छा है लेकिन मम्मी तो हम सबको ठीक से माफ भी नही कर रही है ।"


तानिया ।" करेगी करेगी थोड़ा समय लगेगा । माफ कर दिया कहती है पर दिल में अब भी मलाल है । में भी तुमसे प्यार करने लगी हूं अब तो तुम मेरी एक लत बन चुके हो । तुम्हारे बिना मुझे चैन नही मिलता । तुम्हारे मैसेज हर घंटे ना मिले तो में पागल हो जाती हूं ।"


तपन ने उसकी कंधा चाटते हुए जवाब दिया ।" अच्छा । मेरी भी यही हालत हो जाती है लगता है हम दोनों ही प्यार के भूखे है ।"

तानिया ।" हा सही कहा इसलिए मुझे जी भर के प्यार करो ।"

तपन ।" मन करता है की तुम्हे थका दू । इतना प्यार करू की बिस्तर से ना उठ पाओ तुम ।"

तानिया मुस्कुराती है ।" मौका है 20 दिन मिले है तुम्हे ।"


तपन सरारती मुस्कान देता है और तानिया टांगो के बीच कमर रख के धक्का मारता है । तानिया आंख बंद कर के गहरी सांस की आन्ह्ह्ह निकालती है और सुखद मुस्कान से अपनी कामुक भाव से तपन को खुशी देती है ।



तपन ।" आज काल तुम्हे ज्यादा दर्द नही होता है ।"

तानिया ।" उन्न्ह्ह तुम्हारे पप्पू ने आह्ह्ह्ह जगह बना लिया है आह्ह्ह्ह ।"


दोनो एक दूसरे को भरपूर सुख देने की प्रयास करते है । एक दूसरे को बाहों में कस लेते है । तपन धक्कों की बरसात कर देते है जिससे उसकी जांघ तानिया की बड़ी चूतड़ से टकराने की आवाज गूंजने के साथ उसकी बेइंतेहा सिसकारियों के साथ मधुर कामुक धुन गुनगुनाते हे ।


" बेबी इतनी आवाज मत करो कोई सुन लेगा "

" आह्ह्ह्हह कोई नही सुनेगा उन्न्ह्ह्ह । "

" उम्म्म फिर भी तुम बोहोत आवाज करती हो ।कभी कभी दर लगता है तुम्हारे सात ।"

" उम्मम्म उह्ह्ह्ह तुम मेरे जगह आ के आअह्ह्ह देखो और रोक पाते हो की नही आह्ह्ह । "

" इतना मजा आता है क्या आह्ह्ह्ह्ह "

" हांहह बोहोत ज्यादा युन्ह्ह ही चोदो मुझे आह्ह्हह "

" जब तुम चोदो बोलती हो तो मेरे बदन में और ताकत आ जाती है "


तानिया जवाब नही दे पाती क्यू की तपन ताबड़ तोड़ धक्के लगाने चूरू कर देते है जिससे लन्ड चूत की गेहराई के जड़ तक नाप ले आता है और बापच रफ्तार से घुसता है । तानिया बिलबिला उठती है लेकिन दर्द या तकलीफ से नही बल्कि आनंद से हलकी थोड़ी तकलीफ तो होती थी कभी कभी जब लन्ड बेधंगा जाता था । चूत तो पहले क्रीड़ा की गीली थी और इस क्रीड़ा में भी तानिया की चूत पानी छोड़ती जा रही थी जिससे यौन क्रीड़ा आनंद दायक और आसान पद्धति हो गया था ।



कमरे में तपन के हाफने की आवाज जो उसकी जोश में दम लगाने की वजह से निकल रहा था और तानिया की चिंखे जो उसकी जिस्म की आनंद कह रही थी की उसे स्वर्ग की सुख प्रदान हो रही है ।




तपन की रफ्तार कुछ देर बाद कम हो जाती है और उसी वक्त तानिया झाड़ जाति हे । वो फिर एक बार थक जाती है ।

" उफ्फफ्फ मर गई और कितनी देर आह्ह्हह्ह "

तपन मुस्कुराया " थोड़ी देर और । ज्यादा खुश मत हो इसके बाद फिर शुरू हो जाऊंगा । सुबह होने तक राउंड मरता रहूंगा ।"

तानिया मुस्कुराती है ।" हिहिही । तुम्हारे साथ वो खुशी भी झेल लुंगी में बस तुम खुश रहो ।"

तपन ।" अंकल भी ऐसे राउंड लेता था ।"

तानिया ।" अरे नही अब तो उनका 4 मिनट टिकना मुस्किल हो गया है बोहोत कमजोर हो गए है "

तपन ।" मतलब अभी भी देती हो माना किया था ना मैने तुम्हे जान ।"


तपन गुस्से में आता है और लंड निकाल के बोहोत जोर से घुसा देता हे । तानिया जोर से चिल्लाती है आई ओ होह्ह हो हो फट गई ।

तपन फिर एक बार दात पिंच के धक्का मारता है जोर दार इस बार भी तानिया चिंख पड़ती है और तपन के कमर में अपनी टांगे कस के बांध लेती है ताकि वो दुबारा ऐसा हमला ना कर सकें ।

तानिया प्यार से बोलती हे ।" मंगल सूत्र उसने बंधा है तो निभानी तो पड़ेगी लेकिन उस मंगल सूत्र की प्यार तुम्हे दे रही हू । कुछ तो त्याग देना पड़ेगा ऐसे कांटे भरे प्यार के लिए । क्यू नेहीं समझते बुद्धू राम ।"

तपन शांत हो जाता है और तानिया की गर्दन पर मुंह छुपाता है और बच्चो की तरह बोलने लगा ।" पर तुम सिर्फ मेरी हो "

तानिया उसकी पीठ सेहलाती हे उसके बाल से खेलती है " कहा ना मैने में बस तुम्हारी हूं ।सिर्फ तुम्हारी बाकी की जिंदगी तुम्हारे नाम कर दी हे मैंने । पर क्या तुम मेरे साथ बाकी की जिंदगी गुजार पाओगे क्यू की दस पंधरा साल बाद तो में बुद्धि ही हो जाऊंगी । कभी कभी लगता है में तुम्हारी जिंदगी बरबाद कर रही हूं ।"


तपन फिर से कमर हिलाने लगता है और आखों से आंख मिलता है तानिया भी उसकी आखों में आंखे डाल के डूब जाती है ।

" बरबाद नही आबाद कर रहे हो मुझे प्यार दे के खुशी दे के ।अब बस करो । मजा लो ।"

" हाय इस मजे के लिए तो पूरी रात तेरे साथ गुजरने को तयार हूं । आह्ह्हह तुम्हारे लंड का स्वाद उन्ह्ह्ह क्या बताऊं बेबी आन्ह्ह्ह । चोदो बेबी चोदो आह्ह्हह्ह "


" तुम्हारी ये गठीला भरी हुई कमल बदन को कस के बाहों में भर के तुम्हे चोदने में बोहोत मजा आता है जान ।"

" आन्ह्ह्ह तो चोदो ना आह्ह्ह्ह्ह तोड़ दो मुझे यूफफ्फ्फ आह्ह्ह । "

" ऐसे बोलो मत कच्चा चबा जाऊंगा तुझे "

" अच्छा । ऐसा हे तो उन्ह्ह्ह्ह मेरी चूची को पियो ना और काटो ओह बोहोत मन करता हे उन्ह्ह्ह इन्हे मसलवाने को । मसलों नाहःह "

तपन बैंड हो जाता है और तानिया की चूची जो तरबूज जैसी बड़ी और गूंथा हुए आते जैसी नर्म थी उसको दोनों हाथो में मसलते हुए चूसने लगता है दात भी दबा देता हे चूसने की लय में ।


तानिया मस्ती में तड़प जाति है एक चुदवाते हुए चूची मसलवाने का चुसवाने का सुख दुगनी महसूस करती है और झड़ती है । तपन के बाल खींच खींच के चिल्लाती है ।



ये कामुक रात भर चलता रहा ।और सुबह 4 बजे तपन अपने कमरे में दोस्तो के साथ सो जाता है ।




("ऐसे अपडेट रात को देनी चाहिए थी" हे की नही) :lol: :roflol: :lol1: just joking

Vaha tono dost aram se so rahe hai aor idhar tapan Taniya ki baho mi pyaar bhri bate karte huye कामकिड़ा ka maza le raha tha. Dono ke bich pyaar ka ek adbhut rishta sa banta ja raha hai jisme umr ka koyi lihaj nehi n hi samjh ke bandhno ki koyi parvaha hai. Agar kuch hai to tan ki bhuk jo dono ek dusre se mita rahe hai. Pyaar ki piyas jo Taniya ki abhi tak bujhi nehi aur tapan me perm piyas abhi jagna shooroo hua hai.

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exactly me yahi soch raha tha ab subah subah mood ban gaya tho kya karenge tum bi na bhai koi bi update kabhi bi dedethe ho ab is khade hue lund ka kya karu me dukan pe baitke hilana tho door hath bi nahi laga paa raha hu
Thap thapa ke kaho bete so ja abhi uchal kud karne ka samay nehi hai. Rat me tujhe tanda kar dunga. Abhi phir se so ja.
 
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Update 36




The next morning







हर सुबह नई ताजगी लेकर आती है । हर सुबह दरवाजा खटखटाएगी लेकिन आप सोते रहोगे तो वो निकल जायेगी । आज वो सुबह जिशू के बड़ी ही महत्वपूर्ण था जिसके लिए बेकार था । आज की सुबह यू बेबाजा खामोश हो कर बैठ है नाजाने ख्वाइशों की पतन पतन को ढील देने वाले है या नही । डाली पर चिड़िया कबसे चहचहा रही है अपनी गीत से दुनिया को बोल रही है आपके एक और सुबह एक और दिन पैदा हो गई है । हर सुबह की किरण से फूल खिलते हे लेकिन आज क्या फुल खिलेगा । क्या हर सूर्य की किरणों की तरह अवसरों का प्रकाश होगा आज का दिन ।


जिशु एक बड़े से बरगर पेड़ के आड़ में चुप के मन से प्राथना कर रहा था ।" इतनी शक्ति देना दाता मुझे की मन का विश्वास कोमजोर ना हो ।भूल कर भी कोई भूल होने ना देना हमसे आज़ ।"


अभी भी कोरहा सुबह था सुरज की किरणों की बारिश अभी तक नही हुई थी । अक्सर ऐसी सुबह में लोग शुभकाम के लिए निकलते है या दूर यात्रा पर । लेकिन आज जिशू का जिंदगी का नया पेहलू लिखने जा रहा था जिंदगी की ऐसी परीक्षा जिसमे ना तो किताबी ज्ञान का एतबार था ना हीं रट्टा मारने का उपयोग । कुछ था तो अपने दिल को दर्शाना और मेहसूस करवाना ।



खिलखिलाती सुबाह में ताजगी भरा सवेरा फूलो और बहारो के साथ साथ जिशु की दिल में भी रंग भर रहा था । बस सुबाह के चारे चार बजे उठ के ट्रैक सूट शूज और टोपी पहन के तैयार था शीतल से मुलाकात करने । खाली रास्ते पर उसकी नाजाने कब से नजर गढ़ी हुई थी ।




आखिर वो लम्हा आ ही गया । उसके दिल की रानी मॉर्निंग वॉक करती हुई आ रही थी । पेड़ो मे मोजे पहने फ्लेट जुटी रात की वोही नाइटी और बदन पे सॉल ओढ़े इधर उधर नजारे को देखती हुई और खुश नुमा प्रकृति का एहसास करती हुई ।



जिशू ने उसे थोड़ी कदमे आगे जाने दी । और 50 मीटर की पीछे से जॉगिंग स्टार्ट किया और दौड़ते हुए शीतल की बराबर में चलने लगा ।



शीतल उसे देख के सोक गई और अहसहेज हो गई ।(ये कहा से आ गया । क्या मेरा पीछा कर रहा है । है भगवान इसे दूर कर दे इसके चेहरे से ही चिढ़ होती है । नजाने कहां से ये मेरे पीछे पड़ गया । और दिन याद आ गया जो उसके दर्दनाक लम्हों में एक दिन का लम्हा था । )


जिशु शीतल को देख के मुस्कुराने लगा ।" आप इस ठंड में भी मॉर्निंग वॉक के पे निकली है ।"

शीतल तंज कश के ।" क्यूं नही निकालना चाहिए था । तो फिर तू क्यों निकला है ।"


जिशु मुस्कान लाते हुए ।" वो में हफ्ते में 4 दिन जोगिंग करता हूं । सैटरडे और सन्डे को छोड़ के (जूठ । थोड़ा तो जूठ बनता है यारा नहीं तो मजा कैसे आएगा ) अब आप पूछेगी क्यू वीक में चार दिन ही क्यू तो में बता दूं कि में दो दिन बॉडी की मांसपेशियों को आराम देता हूं । आपका पता है हमारी बॉडी को अगर सही मात्रा में आराम ना मिले तो हमारी बॉडी में जो एंटीबॉडी होती है वो ठीक से काम नही करता हे इसलिए ज्यादा मेहनती लोगो को बड़ी बड़ी बीमारी होती है । (साला कमीना कितना फेकता है ) आप रोज उठती है ना जोगिंग करने ।"


शीतल बेचारी देहाती भली भाली सच में उसकी बाते विश्वाश कर बैठी थी लेकिन चिढ़ भी गई थी खास कर जिशू की कातिलाना मुस्कान से ।( मुझे क्या तू दो आराम कर चार दिन आराम करे मर भी जाओ तो भी मुझे क्या ) " तुम जोगिंग कर रहे हो ना तो जाओ ना आगे दौरों । मेरा दिमाग क्यू खा रहे हो ।"


जिशू उसकी तीखी बाते शरबत की तरह पि जाता है । और वोही मुस्कान लिए बोला ।" अरे में 4 किलोमीटर दोर के आया इसलिए थक गया हूं । तो आपके साथ पेडल ही चलूं तो अच्छा है ।"

शीतल मुंह फेर लेती है (उसे चिढ़ तो रही थी लेकिन जिशू के मुस्कान उसकी दिल में उतर रही थी जो सायेद उसे एहसास ही नही था)

जिशू ।" कितनी अच्छी view है ना सूरज दिखाई देते तो और अच्छा नजारा आता । हमारे शहर में ऐसा नजारा कभी नही दिखते । बस पार्क में ही थोड़ी बोहोत हरियाली दिखाई देती है वो भी एक तरह से आर्टिफिशियल बोला जा सकता हे जितना पढ़ो पे कट कूट के डिजाईन के साथ साथ मेडिसिन चिड़कती है कहा उन पधो में प्रकृति रंग ही गायब कर देते हे । हैं ना आंटी मैंने सही कहा ना ।"


शीतल की मुंह में ताला लगी हुई थी मानो बस कोहनी नजरो से घूरती हे और सीधे देख के चलने लगती हे । लेकिन जिशू मायूस नहीं होता है फिर भी कशिश जारी रखता है वो ।


जिशू ।" आंटी आपको तो गांव के बारे में पता ही होगा थोड़ा अपने गांव के बारे में बताओ ना । "

शीतल चुप ।

जिशू ।" आंटी आपने एक बार बताया था की जब आपके घर में लड़की की बॉक्स बॉक्स वाला ब्लैक एंड व्हाइट tv ले आया था तो आपके घर में मेला लग गया था । हाहा हां हां "(जिशू खुद ही बुर्बक की तरह हसने लगा)



सायेद शीतल की सेहन शक्ति जवाब दे रही थी । और वो फ्रस्ट्रेशन निकल के चिंखी ।" बस्स्स । बस बोहोत हो गया जब में तुमसे बात नही कर रही तो क्यूं मुझसे जबरदस्ती बात कर रहे हो ।"


जिशू का कलीजा रो पड़ता है बस आखों पे आसू आना बाकी था । उसके कदम वोही थाम जाता है गर्दन झुकाए दर्द से मायूस हो जाता है । शीतल आगे बढ़ जाती है गुस्से में बरबराती हुई ।



कुछ पल जिशू की दिमाग में उलझन आ जाती है आखिर शीतल की हसी को बापच से लाए तो लाए कैसे । हर प्लान फैल होते हुए नजर आ रहा है । हर तरफ निराशा ही निराशा ।



जिशु अपनी जूते रगड़ने लगता है मिट्टी पे और दिमाग के घोड़े डोरने लगता है । और उसकी दिमाग से नही दिल की अंदर आवाज आती हे जिस तरह से तूने उसे चोट दिया हे उसी तू चोट खा तभी वो तुझे समझ पाएगी । जिशु मन में बोलता है हा में तयार हूं चोट के बदले चोट खाने के लिए ।


शीतल कुछ 100 मीटर ही दूर चली थी । जिशू एक हाथ में पत्थर उठता है और घुटनों पे खड़े हो के चिल्लाता है ।" आंटी रूक जाओ नहीं तो में अपने शीर पर पत्थर मार लूंगा ।"


शीतल की कदम बस थामने ही वाली होती है लेकिन दिमाग में आता हे ये एक और इसका नया ड्रामा । और बिना रुके चली जाती रहती हे ।


जिशू फिर चिल्ला के बोलता है ।" आंटी रुको वरना में सच में शीर फोड़ लूंगा ।"


लेकिन शीतल नेही रुकती या फिर एक कान से सुन के दूसरी कान से निकल देती है ।

जिशू ।" आंटी एक कदम भी आगे बढ़ाया तो में अपना शीर फोड़ लूंगा जूठ नहीं बोल रहा हूं ।"


शीतल को कोई फर्क नही पड़ता अपनी कदम और तेज कर देती हे । चेहरे पे कठिन भाव जैसे बिन दया की दिल लिए जा रही थी । जरा भी रहम नही आ रही थी जिशू के ऊपर ।




जिशू अपना हाथ ऊपर उठता है और तेज़ी से अपने शीर पर पत्थर मरता है । फिर एक बार और एक ऐसे उसने पांच बार जब पत्थर मारा तो अपने आप ही कोमजोर हो गया । खून तेजी से वेहने लगे थे । शिर से ऊपर से खून बेह के पूरे ट्रैक सूट भिगोने लगे ।


दर्द से कराह उठा बेचारा ।" आंटी रूक जाओ "


लेकिन शीतल अगले मोड़ ले चुकी थी उसकी कदम नहीं रुक रही थी । वो अब मुड़ कर देखे भी तो जिशू को देख नहीं पाएगी । इधर जिशू की दर्द से मारा जा रहा था ऐसा लग रहा था उसे जैसे जिस्म ठंडा पड़ रहा है जान निकल रही हे धीरे धीरे आंखे बंद हुई जा रही थी ।


तभी एक मच्छी वाला साइकिल पे आते हुए दिखाई दिया कैरियर पे मच्छी का हांडी बांध के साइकिल चला के आ रहा था और आज पास के घरों में आवाज लगा रहा था ।" ए मच्छी ले ले मच्छी मच्छी । ताज़ी ताज़ी मच्छी ताजी ताज़ी पोथी मच्छी "


वो आवाज़ लगाते लगाते देखा एक लड़का रास्ते पे लहू लुहान हुए गिरने की हालत मे है । वो मच्छी वाला किस्मत से एक दयालु इंसान निकला । वो तुरंत ही साइकिल खड़ा कर के उतरता हे और जीशू के पास जा के जिशू संभालने लगा और उसे दर भी लग रहा था ।


मच्छी वाला ।" या खुदा ये क्या । तुमहरी ये हालत कैसे हुई ।"

जिशु की आंखे आधी खुली आंखे बस उसे एक नज़र देखता है ।

मच्छी वाला छूट बूट खो देता है वो क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे ।" लड़के तुम कहां रहते हो । इस गांव के तो नही लगते हो ।"


जिशु बस इतना ही बोल पाता है "कोठी" और वो बेहूस हो जाता है मच्छी वाले के गोद में


मच्छी वाला दर जाता है और उसे हिलाते हुए आवाज देने लगता है लेकिन जिशू होश में नही था । वोही उस रास्ते से एक सब्जी वाला ठेला गाड़ी ले के बाजार में सब्जी मंडी लगने जा रहा था वो भी जिशू को देख के जिशु के पास आया ।

सब्जीब्वाला ।" ये भाई ये क्या हे इसका इतना खून कैसे निकल रहा है । हे भगवान कही इसे किसी ने एक्सीडेंट कर के तो नही भाग गया ।"

मच्छी वाला ।" भाई जरा मदद करो ना बेचारा मार जायेगा ।"

सब्जीवाला ।" मदद तो कर दूं ऐसे किसी की जान कैसे जाने दूं । पर ये हे कोन कुछ बोला क्या ।"

मच्छी वाला ।" बस कोठी बोला और बेहूस हो गया है । आस पास कोई हॉस्पिटल भी नही हे क्या करू अब । मेरे ही गोद में बेहूस हो गया ।"


सब्जी वला दिमाग पे जोर देते हुए ।" याद आया वो स्कूल के पास पुरानी कोठी हे ना सायेद वाहा लोग आए होंगे और ये उन्ही में से ये एक लड़का होगा । "

मच्छी वाला ।" हो सकता है आते वक्त मेने कोठी पे एक गाड़ी भी देखा था । एक काम करते है इसे वाहा ले जाते है वो लोग हॉस्पिटल में ले जायेंगे गाड़ी से ।"


सब्जी वाला ।" हा हा सही कहा इतना तो हम कर सकते हे । देखो तो कितना खून बह रहा हे । चलो एक काम करो मेरे हाथ गाड़ी पे इसे लिटा दो ।"



सब्जी वाला अपना चारा सब्जी एक पेड़ के नीचे रख देता है और मच्छी वाला भी अपना साइकिल पेड़ के नीचे रख के जिशु को हाथ गाड़ी में लिया देता है और दोनो डोरते हुए कोठी पोहोचाने हाथ गाड़ी को धक्का दे के ले जाता । जिशू अज्ञान हो कर पड़ा रहा ठेलें के ऊपर ।





5 मिनट में दोनो कोठी के गेट पे हाथ गाड़ी रोक कर दोनो गेट पे हाथ मारता हे और जोर से चिल्लाता है ।" दरवाजा खोलो । जल्दी खोलो । खोलो दरवाजा ।"



शामू गेट पे ढांग धांग आवाज सुन के जाग जाता है ।" कौन आया इतनी सुबह सुबह और दरवाजा काहे पीट रहा है ।"


शानू अपने कमरे से निकल कर गेट का एक पल्ला खुलता हे और जिशू को लहू लुहान देख के मुंह से " इसे क्या हुआ । कैसे हुआ ।?"


और मालकिन मालकिन चिल्लाते हुए कोठी की ऊपरी मंजिल पे जाता हे और सबको चिल्ला चिल्ला के आवाज दे के उठा देता है और डरते हुए बस " जिशु जिशू जिशू को जिशु को बोलता है"


सभी लोग नींद से उठ के आती हे और " क्या हुआ जिशू जिशू को ।"

शामू ।" जिशू बाबा नीचे । नीचे ।" घबराहट के मारे वो कुछ बोल ही नहीं पा रहा था ।


और वो नीचे दोरता है बाकी सभी नीचे आ जाता है । और जिशू को लहू लुहान देख के सबकी चीख निकल जाती है " जिशू " तीनों औरते रो पड़ती है । और तीनो दोस्त उसे जगाने में लगते है ।

शामू ।" मालकिन जिशु बाबा को हॉस्पिटल ले चलो ।"

तानिया रो रो के ।" हा हा जल्दी ले चलो मेरा बेटा ।"

विशु ।" पर काका यहां हॉस्पिटल कहा है ।"

शामू ।" गांव में नहीं है गांव में सिर्फ दबाखाना है हॉस्पिटल गांव से बाहर मिलेगा ।"


तपन गुस्से से चिल्लाता है ।" तो तू भी चल ना बोल क्या रहा हे ।"


सामू सोक जाता है बस हा में शीर हिलाता है । मच्छी वाला और सब्जी वाला दोनो बस तमाचा देख रहे थे । वो लोग भी क्या करे उनसे कोइ गुना ज्यादा उनके अपने फिक्र कर रहे थे ।


आखिर में जिशु को गाड़ी में बिठा के ले जाता है हॉस्पिटल । कोठी खाली रह जाता है । मच्छी वाला और सब्जी वाला खुद ही गेट बंद कर के अपने काम को निकल जाते है ।
Bada hi ajab dhang nikala maafi kabul karvane ka baharo jo bhi ho jishu ke samjh me n aaya ki Shital ko manaye kaise. Tab jakar ye kamd oothaya pagle ne itna bhi na socha uski ma ka kiya hoga uske dost kiya rect karenge.khair jo karna tha vo kar diya lekin agar masia ban sabji Bala aur machhli wala nehi aata to jashu ka kaam tamam ho jana tha.

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Destiny

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Better to kill tanya son so she can enjoy with her son friendsfriend and get the power of money so she needs only that not son happiness and she never wants her son to live
O bhai aap kis prifix me pahuch gaye ye koyi thriller story nehi hai jo Taniya apne bete ko marne dega aor paise aur uske dost se maje lega
 
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