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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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144
Update 38





Hospital



शीतल वार्ड में डोरी भागी चली जाती है लेकिन एक नर्स ने उसे रोक लिया । शीतल को दीपाली और तराली समझती हे चारा कुछ लेकिन एक नजर जो शीतल को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी । शीतल को उस नज़र का एहसास होती है की उसने उसकी बेटे की ये हालत कर दी है । शीतल को एहसास होता है जिशू का दोषी वो है । वो तानिया को माफी की नजर से देखती है लेकिन तानिया उससे मुंह फेर लेती है एक शब्द भी नहीं बोलती । तानिया दुख में थी और वो जिशू का दुर्दासा की जमीदार शीतल को समझ रही थी ।


दीपाली नर्स से कहती हे ।" प्लीज इसे एक बार मिलने दीजिए ।"

नर्स ।" देखिए आप लोगो को पहले से कह दिया है इतने लोगो को हॉस्पिटल एलाऊ नही करती है मिलने को । और आप है की यही डेरा जमाए बैठे हे । बार बार कह रही हूं कमसे कम आप हॉस्पिटल के बाहर जा के रुकिए । कैफेटेरिया में भी आप लोग रूक सकते हे ।"


खेर काफी निवेदन करने के बाद शीतल को जिशू से मिलने दिया जाता है । तपन , विशू , और शेतन एक दूसरे को इशारा करता है वो इस बात समझते हे अब तोता मैना को अकेला छोड़ देना चाहिए और तानिया, तराली,दीपाली को हॉस्पिटल के बाहर ले जाता है ।


शीतल जिशू को बेड पे अध लिया देखती हे जिसके शिर की ऊपरी हिस्से में मोती बेंदेज बंधा गया था । लेकिन जिशू के चेहरे पे ये क्या । शीतल को देखते ही बड़ी सी मुस्कान ।



शीतल की आसू निकल जाती हे और जिशू के बेड पे बैठ जाती है । जिशू को बस निहारने लगती है प्यार से ।

जिशु मुस्कुरा कर ।" आपकी आखों में आसू अच्छे नही लगती ।"

शीतल भावुक हो कर ।" तो फिर आसू आने क्यूं देते हो । क्या बिगाड़ा मेने तुम्हारा जो मुझे इतना छटा रहे हो । क्यूं किया ऐसा खुद को छोट पोहोछा के क्या साबित करना चाहता था । कबीर सिंग बनना चाहता था तू दारा रांग दारा रांग करना चाहता था तू हा । दिखा दी ना अपनी सड़क छाप आशिकी । तुम्हे क्या लगा मुझे खुशी होगी और में मान जाऊंगी हा । मेरे दिल से पूछ क्या महसूस कर रही हूं में । जब तू मिला था अपनी मम्मी की गोद * बसर का मिला था । यूं कर के गोद में लिया था तुझे और शर्मा के बापच अपनी मम्मी के गोद में गया था तू लेकिन मैने भी हार नही मानी और तुझे चॉकलेट डे के माना के अपनी गोद में खिलाया तेरे कमल गालों को दबाया । वो एहसास आज भी याद है मुझे जब तू मेरे गोद में खुशी से मुस्कुराया तब कितनी खुश हुई थी में । और आज ये सिला दिया मेरे प्यार का हा खुद को छोट पोहोचा के मेरे दिल में घाव भर दिया और ऊपर से एक मां की नाराजगी । तेरी मम्मी भी अब मुझसे नाराज़ हो गई हे ।"

जिशु पहले कबीर सिंह वाली बात पे मुस्कुराया और गंभीर हो के दिल की अल्फाज बयां किया ।" गलती हो गई क्या करू आप जैसा समझदार जो नही हूं । सही कहा में बस आपको दुख पोहचाना जानता हूं आपकी होंठो पे हसी लाने का जनता ही नही में । इसलिए तो आप मुझसे नाराज़ है माफ नही कर पा रही हे मुझे ।बोहोत दुख दिया है मैने आपको पर और दुख नही दूंगा में आपको ये मेरा वादा हे आपसे । में कभी आपको अपना चेहरा तक नहीं दिखाऊंगा । "


शीतल थप्पड़ की इशारा करती हुई ।" मारूंगी एक रख के । खुद को बोहोत बड़ा एहसानमंद हीरो समझ रहा है । "


जिशु आसू पोछ के उसका माथा चूम लेती हे । उसकी जुल्फे जिशू के चेहरे पे रोनौक लाने का काम करती है । दोनो की नजरे मिलती है करीब से और धीरे धीरे शीतल उसे देखती हुई सीधी हो जाती है । " बोहोत दर्द हो रहा है ।"

जिशु मुस्कुरा के अपनी दिल पे हाथ रख के बोला ।" पर यहां ज्यादा दर्द हो रहा है । इसका मलहम मुझे नही मिल रहा है ।"

शीतल सरारत से ।" मलहम बताओ में ला के दे देती हूं ।"

जिशु ।" ये तो इस दर्द की इलाज करने वाली ही जानती हे की कौनसा मलहम लगाना है । "

शीतल की मुस्कान बड़ी हो जाती हे और प्यार से उसे देख के उसकी तरफ झुकी चली जाती है और जिशु के होंठो के करीब होंठ रख देती है और चूमने का भाव कर के नीचे सड़क के जिशू के दिल पर चूम लेती है । जहा जिशू की धड़कन बढ़ गई थी की शीतल उसके लबों को पीने वाली है वोही शीतल की सरारत देख के हांसी निकल जाती हे । और शीतल को भी हांसी आ जाती हे अपनी शरारत पर ।


जिशू ।" यही हांसी तो में देखना चाहता था कब से पाता नहीं कहा गायब हो गई थी । "

शीतल ।" बस अब यहीं हसी देखने को मिलेगी । आखिर मेरा दिल जीत ही लिया तूने जिद्दी कही का ।"


दोनों बस आखों में आखों डाल के देखते रहते हे होंठो में मुस्कान लिए । जैसे आखों से दिल की हजारों बाते कह रहा हो ।




जिशू प्यार से शीतल की गाल सेहला देता हे जिससे शीतल को उसकी मजबूत हाथों का एहसास से उसकी आंखे बंद हो जाती हे एक पल के लिए ।


शीतल उसका हाथ थाम लेती है और चूम लेती है ।" सॉरी "

जिशु ।" प्लीज मत कहो ऐसा । मुझे शर्मिंदा ना करो । "

शीतल ।" पर आज हद पार कर दी मैंने ।"

जिशू ।" कुछ ना कहो । बस मेरी छीने में शीर रख दो आप मुझे आपको महसूस करना है दिल से लगा कर ।"


शीतल झुक जाती हे और जिशु छोड़ी छाती पे गाल रख के जिशू की दिल की धड़कनों को सुनती रहती है । जिशु उसकी एक पीठ पे रख देता है और दूसरा हाथ रेशमि बालो पे उंगलियां फिराने लगता हे । तभी उसकी नजर शीतल की सुन्न गले पर पड़ता हे ।(आंटी ने मंगलसूत्र नहीं पहनी है आज)


जिशु ।" आंटी आपने मंगलसूत्र नही पहना है आज ।"

शीतल कुछ पल रूक के ।" उस दिन के बाद कभी पहनी नही जो तूने उतारा था ।"

जिशु ।" अगर में आपको नया मंगलसूत्र पहनाऊँ तो पहनोगी ।"

शीतल उसके तरफ देखने लगती है प्यार से ।" क्यूं ।"

जिशू ।" में आपका नया पति जो बन जाऊंगा । पहनाने दोगी मुझे ।"

शीतल मुस्कुराती है ।" मुझे ऐसा अकरू पति नहीं चाहिए ।"

जिशू मुस्कुरा कर ।" आप सीधी कर देना मुझे बेलन से मार मार के ।"

हिहिहिही ।


दोनो एक दूसरे से प्यार भरी बातें करती रहती है ऐसे ही ।
 

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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Update 35





Tania's room view




तपन और तानिया दोनो कंबल के अंदर बिस्तर पर जैसे नया जोड़ा हो । जैसे शुरू के रातों में एक दूसरे के बिना नींद ना आता हो ना चैन मिलता हो । बिस्तर में दोनो एक दूसरे की सामने करवट में एक दूसरी की आखों में खोए हुए एक दूसरे की मीठी बातों में प्यार जताते हुए । हर नजर में प्यार मेहसूस करती हुई दोनो एक दूसरे के सासों को महसूस करते हुए कभी गाल सेहलाते हुए कभी एक दूसरे जिस्म को छू के प्यार जताते हुए । कभी बिन बातों से ही मुस्कान निकाल जाती थी दोनो की । मीठी छेड़ छाड़ करते हुए ।


लेकिन दोनो की नंगे बदन साफ़ बता रहा था की दोनो ने अब तक तो कामक्रीड़ा का आनंद ले चुका हे अभी हाल फिलहाल में । लेकिन दोनों मस्ती अभी तक सुस्त नही हुई थी । यौन क्रीड़ा के कीड़े अभी तक जिस्मों पे रेंग रही थी ।



तानिया ।" बेबी तुम ये सब बाते जिशू और बाकी दोस्तों के साथ शेयर तो नहीं करते हो ।"

तपन सरारत से ।" किस बात की बताने की बात कर रही हो आप ।"

तानिया ।" बदमाश । और आप आप क्यू करते रहते हो । जब प्यार करने में उम्र का लिहाज नहीं करते हो तो निभाने में क्यू लिहाज करते हो । कितनी बार कहा है कि आप मत कहा करो ।तुम सुनने में अपना लगता है ।"

तपन माफी की लिहाज से ।" Ok तुम । और वो सब बाते में क्यूं बताऊंगा । दोस्ती अपनी जगह और प्यार अपनी जगह । हर चीज का मिश्रण थोड़ी होता है । हमारी प्यार की निजी बाते उनको क्यू बताऊंगा । भूलो मत में तुम्हारी कितनी इत्ज्जत करता हूं ।"

तानिया उसके होंठ चूम के ।" उमआह्हह मेरा बेबी । I love you ..... "

तपन उसकी शीर हाथो में ले के गाल खा जाता हे ।" मन करता है तुम्हारी गाल खा जाऊं । कितनी soft है एक दम मक्खन honey जैसा । "

तानिया ।" बेबी एक बात करनी थी अगर बुरा ना मानो तो ।"

तपन उसके ऊपर चढ़ कर उसकी गर्दन चूमने लगता है ।" हा बोलो ना बिंदास मेरी प्यारी जान "

तानिया ।" आह्ह्ह अगर जिशु और तुम्हारी मम्मी एक हो जाय हमारी तरह तो तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही होगी ना ।"

तपन ।" नही जान मुझे अब कोई प्राब्लम नही होगा मुझमें समझ आ गई है । हा अगर मम्मी भी मान जाय तो अच्छा है लेकिन मम्मी तो हम सबको ठीक से माफ भी नही कर रही है ।"


तानिया ।" करेगी करेगी थोड़ा समय लगेगा । माफ कर दिया कहती है पर दिल में अब भी मलाल है । में भी तुमसे प्यार करने लगी हूं अब तो तुम मेरी एक लत बन चुके हो । तुम्हारे बिना मुझे चैन नही मिलता । तुम्हारे मैसेज हर घंटे ना मिले तो में पागल हो जाती हूं ।"


तपन ने उसकी कंधा चाटते हुए जवाब दिया ।" अच्छा । मेरी भी यही हालत हो जाती है लगता है हम दोनों ही प्यार के भूखे है ।"

तानिया ।" हा सही कहा इसलिए मुझे जी भर के प्यार करो ।"

तपन ।" मन करता है की तुम्हे थका दू । इतना प्यार करू की बिस्तर से ना उठ पाओ तुम ।"

तानिया मुस्कुराती है ।" मौका है 20 दिन मिले है तुम्हे ।"


तपन सरारती मुस्कान देता है और तानिया टांगो के बीच कमर रख के धक्का मारता है । तानिया आंख बंद कर के गहरी सांस की आन्ह्ह्ह निकालती है और सुखद मुस्कान से अपनी कामुक भाव से तपन को खुशी देती है ।



तपन ।" आज काल तुम्हे ज्यादा दर्द नही होता है ।"

तानिया ।" उन्न्ह्ह तुम्हारे पप्पू ने आह्ह्ह्ह जगह बना लिया है आह्ह्ह्ह ।"


दोनो एक दूसरे को भरपूर सुख देने की प्रयास करते है । एक दूसरे को बाहों में कस लेते है । तपन धक्कों की बरसात कर देते है जिससे उसकी जांघ तानिया की बड़ी चूतड़ से टकराने की आवाज गूंजने के साथ उसकी बेइंतेहा सिसकारियों के साथ मधुर कामुक धुन गुनगुनाते हे ।


" बेबी इतनी आवाज मत करो कोई सुन लेगा "

" आह्ह्ह्हह कोई नही सुनेगा उन्न्ह्ह्ह । "

" उम्म्म फिर भी तुम बोहोत आवाज करती हो ।कभी कभी दर लगता है तुम्हारे सात ।"

" उम्मम्म उह्ह्ह्ह तुम मेरे जगह आ के आअह्ह्ह देखो और रोक पाते हो की नही आह्ह्ह । "

" इतना मजा आता है क्या आह्ह्ह्ह्ह "

" हांहह बोहोत ज्यादा युन्ह्ह ही चोदो मुझे आह्ह्हह "

" जब तुम चोदो बोलती हो तो मेरे बदन में और ताकत आ जाती है "


तानिया जवाब नही दे पाती क्यू की तपन ताबड़ तोड़ धक्के लगाने चूरू कर देते है जिससे लन्ड चूत की गेहराई के जड़ तक नाप ले आता है और बापच रफ्तार से घुसता है । तानिया बिलबिला उठती है लेकिन दर्द या तकलीफ से नही बल्कि आनंद से हलकी थोड़ी तकलीफ तो होती थी कभी कभी जब लन्ड बेधंगा जाता था । चूत तो पहले क्रीड़ा की गीली थी और इस क्रीड़ा में भी तानिया की चूत पानी छोड़ती जा रही थी जिससे यौन क्रीड़ा आनंद दायक और आसान पद्धति हो गया था ।



कमरे में तपन के हाफने की आवाज जो उसकी जोश में दम लगाने की वजह से निकल रहा था और तानिया की चिंखे जो उसकी जिस्म की आनंद कह रही थी की उसे स्वर्ग की सुख प्रदान हो रही है ।




तपन की रफ्तार कुछ देर बाद कम हो जाती है और उसी वक्त तानिया झाड़ जाति हे । वो फिर एक बार थक जाती है ।

" उफ्फफ्फ मर गई और कितनी देर आह्ह्हह्ह "

तपन मुस्कुराया " थोड़ी देर और । ज्यादा खुश मत हो इसके बाद फिर शुरू हो जाऊंगा । सुबह होने तक राउंड मरता रहूंगा ।"

तानिया मुस्कुराती है ।" हिहिही । तुम्हारे साथ वो खुशी भी झेल लुंगी में बस तुम खुश रहो ।"

तपन ।" अंकल भी ऐसे राउंड लेता था ।"

तानिया ।" अरे नही अब तो उनका 4 मिनट टिकना मुस्किल हो गया है बोहोत कमजोर हो गए है "

तपन ।" मतलब अभी भी देती हो माना किया था ना मैने तुम्हे जान ।"


तपन गुस्से में आता है और लंड निकाल के बोहोत जोर से घुसा देता हे । तानिया जोर से चिल्लाती है आई ओ होह्ह हो हो फट गई ।

तपन फिर एक बार दात पिंच के धक्का मारता है जोर दार इस बार भी तानिया चिंख पड़ती है और तपन के कमर में अपनी टांगे कस के बांध लेती है ताकि वो दुबारा ऐसा हमला ना कर सकें ।

तानिया प्यार से बोलती हे ।" मंगल सूत्र उसने बंधा है तो निभानी तो पड़ेगी लेकिन उस मंगल सूत्र की प्यार तुम्हे दे रही हू । कुछ तो त्याग देना पड़ेगा ऐसे कांटे भरे प्यार के लिए । क्यू नेहीं समझते बुद्धू राम ।"

तपन शांत हो जाता है और तानिया की गर्दन पर मुंह छुपाता है और बच्चो की तरह बोलने लगा ।" पर तुम सिर्फ मेरी हो "

तानिया उसकी पीठ सेहलाती हे उसके बाल से खेलती है " कहा ना मैने में बस तुम्हारी हूं ।सिर्फ तुम्हारी बाकी की जिंदगी तुम्हारे नाम कर दी हे मैंने । पर क्या तुम मेरे साथ बाकी की जिंदगी गुजार पाओगे क्यू की दस पंधरा साल बाद तो में बुद्धि ही हो जाऊंगी । कभी कभी लगता है में तुम्हारी जिंदगी बरबाद कर रही हूं ।"


तपन फिर से कमर हिलाने लगता है और आखों से आंख मिलता है तानिया भी उसकी आखों में आंखे डाल के डूब जाती है ।

" बरबाद नही आबाद कर रहे हो मुझे प्यार दे के खुशी दे के ।अब बस करो । मजा लो ।"

" हाय इस मजे के लिए तो पूरी रात तेरे साथ गुजरने को तयार हूं । आह्ह्हह तुम्हारे लंड का स्वाद उन्ह्ह्ह क्या बताऊं बेबी आन्ह्ह्ह । चोदो बेबी चोदो आह्ह्हह्ह "


" तुम्हारी ये गठीला भरी हुई कमल बदन को कस के बाहों में भर के तुम्हे चोदने में बोहोत मजा आता है जान ।"

" आन्ह्ह्ह तो चोदो ना आह्ह्ह्ह्ह तोड़ दो मुझे यूफफ्फ्फ आह्ह्ह । "

" ऐसे बोलो मत कच्चा चबा जाऊंगा तुझे "

" अच्छा । ऐसा हे तो उन्ह्ह्ह्ह मेरी चूची को पियो ना और काटो ओह बोहोत मन करता हे उन्ह्ह्ह इन्हे मसलवाने को । मसलों नाहःह "

तपन बैंड हो जाता है और तानिया की चूची जो तरबूज जैसी बड़ी और गूंथा हुए आते जैसी नर्म थी उसको दोनों हाथो में मसलते हुए चूसने लगता है दात भी दबा देता हे चूसने की लय में ।


तानिया मस्ती में तड़प जाति है एक चुदवाते हुए चूची मसलवाने का चुसवाने का सुख दुगनी महसूस करती है और झड़ती है । तपन के बाल खींच खींच के चिल्लाती है ।



ये कामुक रात भर चलता रहा ।और सुबह 4 बजे तपन अपने कमरे में दोस्तो के साथ सो जाता है ।




("ऐसे अपडेट रात को देनी चाहिए थी" हे की नही) :lol: :roflol: :lol1: just joking
laajawab update bhai
 

Abhi32

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Bhai awesome update .khushi ki baat hai ki Sheetal me jishu ke pyar ko accept kar liya .Ab ek update inke milan ka banta hai
 
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MomLuV

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Update 38





Hospital



शीतल वार्ड में डोरी भागी चली जाती है लेकिन एक नर्स ने उसे रोक लिया । शीतल को दीपाली और तराली समझती हे चारा कुछ लेकिन एक नजर जो शीतल को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी । शीतल को उस नज़र का एहसास होती है की उसने उसकी बेटे की ये हालत कर दी है । शीतल को एहसास होता है जिशू का दोषी वो है । वो तानिया को माफी की नजर से देखती है लेकिन तानिया उससे मुंह फेर लेती है एक शब्द भी नहीं बोलती । तानिया दुख में थी और वो जिशू का दुर्दासा की जमीदार शीतल को समझ रही थी ।


दीपाली नर्स से कहती हे ।" प्लीज इसे एक बार मिलने दीजिए ।"

नर्स ।" देखिए आप लोगो को पहले से कह दिया है इतने लोगो को हॉस्पिटल एलाऊ नही करती है मिलने को । और आप है की यही डेरा जमाए बैठे हे । बार बार कह रही हूं कमसे कम आप हॉस्पिटल के बाहर जा के रुकिए । कैफेटेरिया में भी आप लोग रूक सकते हे ।"


खेर काफी निवेदन करने के बाद शीतल को जिशू से मिलने दिया जाता है । तपन , विशू , और शेतन एक दूसरे को इशारा करता है वो इस बात समझते हे अब तोता मैना को अकेला छोड़ देना चाहिए और तानिया, तराली,दीपाली को हॉस्पिटल के बाहर ले जाता है ।


शीतल जिशू को बेड पे अध लिया देखती हे जिसके शिर की ऊपरी हिस्से में मोती बेंदेज बंधा गया था । लेकिन जिशू के चेहरे पे ये क्या । शीतल को देखते ही बड़ी सी मुस्कान ।



शीतल की आसू निकल जाती हे और जिशू के बेड पे बैठ जाती है । जिशू को बस निहारने लगती है प्यार से ।

जिशु मुस्कुरा कर ।" आपकी आखों में आसू अच्छे नही लगती ।"

शीतल भावुक हो कर ।" तो फिर आसू आने क्यूं देते हो । क्या बिगाड़ा मेने तुम्हारा जो मुझे इतना छटा रहे हो । क्यूं किया ऐसा खुद को छोट पोहोछा के क्या साबित करना चाहता था । कबीर सिंग बनना चाहता था तू दारा रांग दारा रांग करना चाहता था तू हा । दिखा दी ना अपनी सड़क छाप आशिकी । तुम्हे क्या लगा मुझे खुशी होगी और में मान जाऊंगी हा । मेरे दिल से पूछ क्या महसूस कर रही हूं में । जब तू मिला था अपनी मम्मी की गोद * बसर का मिला था । यूं कर के गोद में लिया था तुझे और शर्मा के बापच अपनी मम्मी के गोद में गया था तू लेकिन मैने भी हार नही मानी और तुझे चॉकलेट डे के माना के अपनी गोद में खिलाया तेरे कमल गालों को दबाया । वो एहसास आज भी याद है मुझे जब तू मेरे गोद में खुशी से मुस्कुराया तब कितनी खुश हुई थी में । और आज ये सिला दिया मेरे प्यार का हा खुद को छोट पोहोचा के मेरे दिल में घाव भर दिया और ऊपर से एक मां की नाराजगी । तेरी मम्मी भी अब मुझसे नाराज़ हो गई हे ।"

जिशु पहले कबीर सिंह वाली बात पे मुस्कुराया और गंभीर हो के दिल की अल्फाज बयां किया ।" गलती हो गई क्या करू आप जैसा समझदार जो नही हूं । सही कहा में बस आपको दुख पोहचाना जानता हूं आपकी होंठो पे हसी लाने का जनता ही नही में । इसलिए तो आप मुझसे नाराज़ है माफ नही कर पा रही हे मुझे ।बोहोत दुख दिया है मैने आपको पर और दुख नही दूंगा में आपको ये मेरा वादा हे आपसे । में कभी आपको अपना चेहरा तक नहीं दिखाऊंगा । "


शीतल थप्पड़ की इशारा करती हुई ।" मारूंगी एक रख के । खुद को बोहोत बड़ा एहसानमंद हीरो समझ रहा है । "


जिशु आसू पोछ के उसका माथा चूम लेती हे । उसकी जुल्फे जिशू के चेहरे पे रोनौक लाने का काम करती है । दोनो की नजरे मिलती है करीब से और धीरे धीरे शीतल उसे देखती हुई सीधी हो जाती है । " बोहोत दर्द हो रहा है ।"

जिशु मुस्कुरा के अपनी दिल पे हाथ रख के बोला ।" पर यहां ज्यादा दर्द हो रहा है । इसका मलहम मुझे नही मिल रहा है ।"

शीतल सरारत से ।" मलहम बताओ में ला के दे देती हूं ।"

जिशु ।" ये तो इस दर्द की इलाज करने वाली ही जानती हे की कौनसा मलहम लगाना है । "

शीतल की मुस्कान बड़ी हो जाती हे और प्यार से उसे देख के उसकी तरफ झुकी चली जाती है और जिशु के होंठो के करीब होंठ रख देती है और चूमने का भाव कर के नीचे सड़क के जिशू के दिल पर चूम लेती है । जहा जिशू की धड़कन बढ़ गई थी की शीतल उसके लबों को पीने वाली है वोही शीतल की सरारत देख के हांसी निकल जाती हे । और शीतल को भी हांसी आ जाती हे अपनी शरारत पर ।


जिशू ।" यही हांसी तो में देखना चाहता था कब से पाता नहीं कहा गायब हो गई थी । "

शीतल ।" बस अब यहीं हसी देखने को मिलेगी । आखिर मेरा दिल जीत ही लिया तूने जिद्दी कही का ।"


दोनों बस आखों में आखों डाल के देखते रहते हे होंठो में मुस्कान लिए । जैसे आखों से दिल की हजारों बाते कह रहा हो ।




जिशू प्यार से शीतल की गाल सेहला देता हे जिससे शीतल को उसकी मजबूत हाथों का एहसास से उसकी आंखे बंद हो जाती हे एक पल के लिए ।


शीतल उसका हाथ थाम लेती है और चूम लेती है ।" सॉरी "

जिशु ।" प्लीज मत कहो ऐसा । मुझे शर्मिंदा ना करो । "

शीतल ।" पर आज हद पार कर दी मैंने ।"

जिशू ।" कुछ ना कहो । बस मेरी छीने में शीर रख दो आप मुझे आपको महसूस करना है दिल से लगा कर ।"


शीतल झुक जाती हे और जिशु छोड़ी छाती पे गाल रख के जिशू की दिल की धड़कनों को सुनती रहती है । जिशु उसकी एक पीठ पे रख देता है और दूसरा हाथ रेशमि बालो पे उंगलियां फिराने लगता हे । तभी उसकी नजर शीतल की सुन्न गले पर पड़ता हे ।(आंटी ने मंगलसूत्र नहीं पहनी है आज)


जिशु ।" आंटी आपने मंगलसूत्र नही पहना है आज ।"

शीतल कुछ पल रूक के ।" उस दिन के बाद कभी पहनी नही जो तूने उतारा था ।"

जिशु ।" अगर में आपको नया मंगलसूत्र पहनाऊँ तो पहनोगी ।"

शीतल उसके तरफ देखने लगती है प्यार से ।" क्यूं ।"

जिशू ।" में आपका नया पति जो बन जाऊंगा । पहनाने दोगी मुझे ।"

शीतल मुस्कुराती है ।" मुझे ऐसा अकरू पति नहीं चाहिए ।"

जिशू मुस्कुरा कर ।" आप सीधी कर देना मुझे बेलन से मार मार के ।"

हिहिहिही ।


दोनो एक दूसरे से प्यार भरी बातें करती रहती है ऐसे ही ।
Jawab nehi tarif ka...... Very good one
 

Paromita

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Hospital



शीतल वार्ड में डोरी भागी चली जाती है लेकिन एक नर्स ने उसे रोक लिया । शीतल को दीपाली और तराली समझती हे चारा कुछ लेकिन एक नजर जो शीतल को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी । शीतल को उस नज़र का एहसास होती है की उसने उसकी बेटे की ये हालत कर दी है । शीतल को एहसास होता है जिशू का दोषी वो है । वो तानिया को माफी की नजर से देखती है लेकिन तानिया उससे मुंह फेर लेती है एक शब्द भी नहीं बोलती । तानिया दुख में थी और वो जिशू का दुर्दासा की जमीदार शीतल को समझ रही थी ।


दीपाली नर्स से कहती हे ।" प्लीज इसे एक बार मिलने दीजिए ।"

नर्स ।" देखिए आप लोगो को पहले से कह दिया है इतने लोगो को हॉस्पिटल एलाऊ नही करती है मिलने को । और आप है की यही डेरा जमाए बैठे हे । बार बार कह रही हूं कमसे कम आप हॉस्पिटल के बाहर जा के रुकिए । कैफेटेरिया में भी आप लोग रूक सकते हे ।"


खेर काफी निवेदन करने के बाद शीतल को जिशू से मिलने दिया जाता है । तपन , विशू , और शेतन एक दूसरे को इशारा करता है वो इस बात समझते हे अब तोता मैना को अकेला छोड़ देना चाहिए और तानिया, तराली,दीपाली को हॉस्पिटल के बाहर ले जाता है ।


शीतल जिशू को बेड पे अध लिया देखती हे जिसके शिर की ऊपरी हिस्से में मोती बेंदेज बंधा गया था । लेकिन जिशू के चेहरे पे ये क्या । शीतल को देखते ही बड़ी सी मुस्कान ।



शीतल की आसू निकल जाती हे और जिशू के बेड पे बैठ जाती है । जिशू को बस निहारने लगती है प्यार से ।

जिशु मुस्कुरा कर ।" आपकी आखों में आसू अच्छे नही लगती ।"

शीतल भावुक हो कर ।" तो फिर आसू आने क्यूं देते हो । क्या बिगाड़ा मेने तुम्हारा जो मुझे इतना छटा रहे हो । क्यूं किया ऐसा खुद को छोट पोहोछा के क्या साबित करना चाहता था । कबीर सिंग बनना चाहता था तू दारा रांग दारा रांग करना चाहता था तू हा । दिखा दी ना अपनी सड़क छाप आशिकी । तुम्हे क्या लगा मुझे खुशी होगी और में मान जाऊंगी हा । मेरे दिल से पूछ क्या महसूस कर रही हूं में । जब तू मिला था अपनी मम्मी की गोद * बसर का मिला था । यूं कर के गोद में लिया था तुझे और शर्मा के बापच अपनी मम्मी के गोद में गया था तू लेकिन मैने भी हार नही मानी और तुझे चॉकलेट डे के माना के अपनी गोद में खिलाया तेरे कमल गालों को दबाया । वो एहसास आज भी याद है मुझे जब तू मेरे गोद में खुशी से मुस्कुराया तब कितनी खुश हुई थी में । और आज ये सिला दिया मेरे प्यार का हा खुद को छोट पोहोचा के मेरे दिल में घाव भर दिया और ऊपर से एक मां की नाराजगी । तेरी मम्मी भी अब मुझसे नाराज़ हो गई हे ।"

जिशु पहले कबीर सिंह वाली बात पे मुस्कुराया और गंभीर हो के दिल की अल्फाज बयां किया ।" गलती हो गई क्या करू आप जैसा समझदार जो नही हूं । सही कहा में बस आपको दुख पोहचाना जानता हूं आपकी होंठो पे हसी लाने का जनता ही नही में । इसलिए तो आप मुझसे नाराज़ है माफ नही कर पा रही हे मुझे ।बोहोत दुख दिया है मैने आपको पर और दुख नही दूंगा में आपको ये मेरा वादा हे आपसे । में कभी आपको अपना चेहरा तक नहीं दिखाऊंगा । "


शीतल थप्पड़ की इशारा करती हुई ।" मारूंगी एक रख के । खुद को बोहोत बड़ा एहसानमंद हीरो समझ रहा है । "


जिशु आसू पोछ के उसका माथा चूम लेती हे । उसकी जुल्फे जिशू के चेहरे पे रोनौक लाने का काम करती है । दोनो की नजरे मिलती है करीब से और धीरे धीरे शीतल उसे देखती हुई सीधी हो जाती है । " बोहोत दर्द हो रहा है ।"

जिशु मुस्कुरा के अपनी दिल पे हाथ रख के बोला ।" पर यहां ज्यादा दर्द हो रहा है । इसका मलहम मुझे नही मिल रहा है ।"

शीतल सरारत से ।" मलहम बताओ में ला के दे देती हूं ।"

जिशु ।" ये तो इस दर्द की इलाज करने वाली ही जानती हे की कौनसा मलहम लगाना है । "

शीतल की मुस्कान बड़ी हो जाती हे और प्यार से उसे देख के उसकी तरफ झुकी चली जाती है और जिशु के होंठो के करीब होंठ रख देती है और चूमने का भाव कर के नीचे सड़क के जिशू के दिल पर चूम लेती है । जहा जिशू की धड़कन बढ़ गई थी की शीतल उसके लबों को पीने वाली है वोही शीतल की सरारत देख के हांसी निकल जाती हे । और शीतल को भी हांसी आ जाती हे अपनी शरारत पर ।


जिशू ।" यही हांसी तो में देखना चाहता था कब से पाता नहीं कहा गायब हो गई थी । "

शीतल ।" बस अब यहीं हसी देखने को मिलेगी । आखिर मेरा दिल जीत ही लिया तूने जिद्दी कही का ।"


दोनों बस आखों में आखों डाल के देखते रहते हे होंठो में मुस्कान लिए । जैसे आखों से दिल की हजारों बाते कह रहा हो ।




जिशू प्यार से शीतल की गाल सेहला देता हे जिससे शीतल को उसकी मजबूत हाथों का एहसास से उसकी आंखे बंद हो जाती हे एक पल के लिए ।


शीतल उसका हाथ थाम लेती है और चूम लेती है ।" सॉरी "

जिशु ।" प्लीज मत कहो ऐसा । मुझे शर्मिंदा ना करो । "

शीतल ।" पर आज हद पार कर दी मैंने ।"

जिशू ।" कुछ ना कहो । बस मेरी छीने में शीर रख दो आप मुझे आपको महसूस करना है दिल से लगा कर ।"


शीतल झुक जाती हे और जिशु छोड़ी छाती पे गाल रख के जिशू की दिल की धड़कनों को सुनती रहती है । जिशु उसकी एक पीठ पे रख देता है और दूसरा हाथ रेशमि बालो पे उंगलियां फिराने लगता हे । तभी उसकी नजर शीतल की सुन्न गले पर पड़ता हे ।(आंटी ने मंगलसूत्र नहीं पहनी है आज)


जिशु ।" आंटी आपने मंगलसूत्र नही पहना है आज ।"

शीतल कुछ पल रूक के ।" उस दिन के बाद कभी पहनी नही जो तूने उतारा था ।"

जिशु ।" अगर में आपको नया मंगलसूत्र पहनाऊँ तो पहनोगी ।"

शीतल उसके तरफ देखने लगती है प्यार से ।" क्यूं ।"

जिशू ।" में आपका नया पति जो बन जाऊंगा । पहनाने दोगी मुझे ।"

शीतल मुस्कुराती है ।" मुझे ऐसा अकरू पति नहीं चाहिए ।"

जिशू मुस्कुरा कर ।" आप सीधी कर देना मुझे बेलन से मार मार के ।"

हिहिहिही ।


दोनो एक दूसरे से प्यार भरी बातें करती रहती है ऐसे ही ।
शानदार शब्द के साथ मजेदार अपडेट
 

Tinax

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Hospital



शीतल वार्ड में डोरी भागी चली जाती है लेकिन एक नर्स ने उसे रोक लिया । शीतल को दीपाली और तराली समझती हे चारा कुछ लेकिन एक नजर जो शीतल को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी । शीतल को उस नज़र का एहसास होती है की उसने उसकी बेटे की ये हालत कर दी है । शीतल को एहसास होता है जिशू का दोषी वो है । वो तानिया को माफी की नजर से देखती है लेकिन तानिया उससे मुंह फेर लेती है एक शब्द भी नहीं बोलती । तानिया दुख में थी और वो जिशू का दुर्दासा की जमीदार शीतल को समझ रही थी ।


दीपाली नर्स से कहती हे ।" प्लीज इसे एक बार मिलने दीजिए ।"

नर्स ।" देखिए आप लोगो को पहले से कह दिया है इतने लोगो को हॉस्पिटल एलाऊ नही करती है मिलने को । और आप है की यही डेरा जमाए बैठे हे । बार बार कह रही हूं कमसे कम आप हॉस्पिटल के बाहर जा के रुकिए । कैफेटेरिया में भी आप लोग रूक सकते हे ।"


खेर काफी निवेदन करने के बाद शीतल को जिशू से मिलने दिया जाता है । तपन , विशू , और शेतन एक दूसरे को इशारा करता है वो इस बात समझते हे अब तोता मैना को अकेला छोड़ देना चाहिए और तानिया, तराली,दीपाली को हॉस्पिटल के बाहर ले जाता है ।


शीतल जिशू को बेड पे अध लिया देखती हे जिसके शिर की ऊपरी हिस्से में मोती बेंदेज बंधा गया था । लेकिन जिशू के चेहरे पे ये क्या । शीतल को देखते ही बड़ी सी मुस्कान ।



शीतल की आसू निकल जाती हे और जिशू के बेड पे बैठ जाती है । जिशू को बस निहारने लगती है प्यार से ।

जिशु मुस्कुरा कर ।" आपकी आखों में आसू अच्छे नही लगती ।"

शीतल भावुक हो कर ।" तो फिर आसू आने क्यूं देते हो । क्या बिगाड़ा मेने तुम्हारा जो मुझे इतना छटा रहे हो । क्यूं किया ऐसा खुद को छोट पोहोछा के क्या साबित करना चाहता था । कबीर सिंग बनना चाहता था तू दारा रांग दारा रांग करना चाहता था तू हा । दिखा दी ना अपनी सड़क छाप आशिकी । तुम्हे क्या लगा मुझे खुशी होगी और में मान जाऊंगी हा । मेरे दिल से पूछ क्या महसूस कर रही हूं में । जब तू मिला था अपनी मम्मी की गोद * बसर का मिला था । यूं कर के गोद में लिया था तुझे और शर्मा के बापच अपनी मम्मी के गोद में गया था तू लेकिन मैने भी हार नही मानी और तुझे चॉकलेट डे के माना के अपनी गोद में खिलाया तेरे कमल गालों को दबाया । वो एहसास आज भी याद है मुझे जब तू मेरे गोद में खुशी से मुस्कुराया तब कितनी खुश हुई थी में । और आज ये सिला दिया मेरे प्यार का हा खुद को छोट पोहोचा के मेरे दिल में घाव भर दिया और ऊपर से एक मां की नाराजगी । तेरी मम्मी भी अब मुझसे नाराज़ हो गई हे ।"

जिशु पहले कबीर सिंह वाली बात पे मुस्कुराया और गंभीर हो के दिल की अल्फाज बयां किया ।" गलती हो गई क्या करू आप जैसा समझदार जो नही हूं । सही कहा में बस आपको दुख पोहचाना जानता हूं आपकी होंठो पे हसी लाने का जनता ही नही में । इसलिए तो आप मुझसे नाराज़ है माफ नही कर पा रही हे मुझे ।बोहोत दुख दिया है मैने आपको पर और दुख नही दूंगा में आपको ये मेरा वादा हे आपसे । में कभी आपको अपना चेहरा तक नहीं दिखाऊंगा । "


शीतल थप्पड़ की इशारा करती हुई ।" मारूंगी एक रख के । खुद को बोहोत बड़ा एहसानमंद हीरो समझ रहा है । "


जिशु आसू पोछ के उसका माथा चूम लेती हे । उसकी जुल्फे जिशू के चेहरे पे रोनौक लाने का काम करती है । दोनो की नजरे मिलती है करीब से और धीरे धीरे शीतल उसे देखती हुई सीधी हो जाती है । " बोहोत दर्द हो रहा है ।"

जिशु मुस्कुरा के अपनी दिल पे हाथ रख के बोला ।" पर यहां ज्यादा दर्द हो रहा है । इसका मलहम मुझे नही मिल रहा है ।"

शीतल सरारत से ।" मलहम बताओ में ला के दे देती हूं ।"

जिशु ।" ये तो इस दर्द की इलाज करने वाली ही जानती हे की कौनसा मलहम लगाना है । "

शीतल की मुस्कान बड़ी हो जाती हे और प्यार से उसे देख के उसकी तरफ झुकी चली जाती है और जिशु के होंठो के करीब होंठ रख देती है और चूमने का भाव कर के नीचे सड़क के जिशू के दिल पर चूम लेती है । जहा जिशू की धड़कन बढ़ गई थी की शीतल उसके लबों को पीने वाली है वोही शीतल की सरारत देख के हांसी निकल जाती हे । और शीतल को भी हांसी आ जाती हे अपनी शरारत पर ।


जिशू ।" यही हांसी तो में देखना चाहता था कब से पाता नहीं कहा गायब हो गई थी । "

शीतल ।" बस अब यहीं हसी देखने को मिलेगी । आखिर मेरा दिल जीत ही लिया तूने जिद्दी कही का ।"


दोनों बस आखों में आखों डाल के देखते रहते हे होंठो में मुस्कान लिए । जैसे आखों से दिल की हजारों बाते कह रहा हो ।




जिशू प्यार से शीतल की गाल सेहला देता हे जिससे शीतल को उसकी मजबूत हाथों का एहसास से उसकी आंखे बंद हो जाती हे एक पल के लिए ।


शीतल उसका हाथ थाम लेती है और चूम लेती है ।" सॉरी "

जिशु ।" प्लीज मत कहो ऐसा । मुझे शर्मिंदा ना करो । "

शीतल ।" पर आज हद पार कर दी मैंने ।"

जिशू ।" कुछ ना कहो । बस मेरी छीने में शीर रख दो आप मुझे आपको महसूस करना है दिल से लगा कर ।"


शीतल झुक जाती हे और जिशु छोड़ी छाती पे गाल रख के जिशू की दिल की धड़कनों को सुनती रहती है । जिशु उसकी एक पीठ पे रख देता है और दूसरा हाथ रेशमि बालो पे उंगलियां फिराने लगता हे । तभी उसकी नजर शीतल की सुन्न गले पर पड़ता हे ।(आंटी ने मंगलसूत्र नहीं पहनी है आज)


जिशु ।" आंटी आपने मंगलसूत्र नही पहना है आज ।"

शीतल कुछ पल रूक के ।" उस दिन के बाद कभी पहनी नही जो तूने उतारा था ।"

जिशु ।" अगर में आपको नया मंगलसूत्र पहनाऊँ तो पहनोगी ।"

शीतल उसके तरफ देखने लगती है प्यार से ।" क्यूं ।"

जिशू ।" में आपका नया पति जो बन जाऊंगा । पहनाने दोगी मुझे ।"

शीतल मुस्कुराती है ।" मुझे ऐसा अकरू पति नहीं चाहिए ।"

जिशू मुस्कुरा कर ।" आप सीधी कर देना मुझे बेलन से मार मार के ।"

हिहिहिही ।


दोनो एक दूसरे से प्यार भरी बातें करती रहती है ऐसे ही ।
Super se upar jaa raha he story ...... Fabulous updated
 
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