• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


  • Total voters
    31
  • Poll closed .

Paromita

New Member
89
255
53
Update 43




Shuhagraat Kayem rahe




Room no 1




तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।

तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।


तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।


कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।



Room no 2


जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,


शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।


शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,



Room no 1




तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।


तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,


तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,

तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,

तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।




Room no 2


जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।



Room no 1



तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।



तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,

तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,

तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,


तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,

तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,


तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,


तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,


तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,


तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,




Room no 2


जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,

शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,


जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,

शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,


जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।


जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।


एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।






उस रात जिंदगी

मुझसे मुखातिब हुई

मुस्कराई करीब आई

बाँहों में जा समाई

हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई

जैसे कि हों एक जान

एक ही जिस्म भी!

गुजरती रात के साथ

हम इठलाते रहे

सहलाते-गुदगुदाते रहे

एक दूजे के / अपने ही से

जिस्मों को

साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन

हर अहसास से

मिलन का / दो से एक होने का

इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ

थिरकती रही जिस्मों पर ....

वक्त थमा नहीं

रात ढलती रही

देर किसी पहर

कौंधे किसी प्रश्न ने शायद

सहलाने, गुदगुदाने को

कुरेदने में बदला होगा

जिस्मों सी नजदीकी को

दिलों में ढूँढना चाहा होगा...

शायद

खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने

सहलाते, गुदगुदाते

....कुरेदते हुए जिस्मों को

जज्बातों को

अहसासों को

जख्मी कर डाला

जिस्मों पर

जज्बातों पर

गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से

सुबहे सेहतमंद होते रहे.

यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा

सुलगे हुए जज्बात

धुआं बन उड़ते रहे

नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे

सुबह

सलवटों से अटी

मसली हुई चादर पर

अनमने, अलहदा, खामोश,

....बेजान जिस्म

बीती रात की ‘रंगीनी’ के

राज खोल रहे थे!





हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया
शनदार शब्द के साथ मजेदार अपडेट
 

Urwife

New Member
70
155
33
Update 41




Vivah sampanya



इस बार भी फिर एक बाप को मामू बनाना था । और इस बार भी चार बाप आसानी से मामू बन गए । चारो ने ऐसा मामू बनाए अपनी उम्र की तजुर्बे से मात खा गए । अपने अपने कमीने बेटों चाल में फांस गए थे ।



लेकिन इस बार चार बाप के साथ दो और औरतों को भी बेवकूफ बनवाना था और वो दो थी दीपाली और तराली । जिनको फसाने में तानिया और शीतल की दिमाग लगी ।



तराली और दीपाली की एक कमजोरी थी और वो थी और वो थी दोनो की मासिक धर्म यानी की माहवारी । इस जानकारी को औरते एक दूसरे के बारे में साझा करना एक प्रथा थी । जो हर महीने 25 या 26 तारीख को शुरू होती थी दोनो को ही एक साथ ।


और इन लोगो ने घर पे ये बोला की शहर के बाहर एक मंदिर में बोहोत बड़ी हुम योग्य पूजा होने वाली हे और उस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों की दुयाय पूरी होती है । ऐसे में पवित्र पूजा में तराली और दीपाली अपनी मासिक अवस्था में कैसे जा सकती है सदियों की प्रथा के अनुसार दोनो ने जाने से माना कर दिया । और ये लोग वोही चाहते थे ।



नवंबर महीने के 26 तारीख छे छे निकल पड़े मकसद को अंजाम देने । एक पहाड़ी इलाके के छोटे से गांव में सारा कुछ प्रबंध किया था विशू और चेतन ने । और एक जुबान के पक्के पंडित को मोटी हरी पत्ती खिला के शादी का रसम पूरा करते है ।






Water over house



समय शाम के 7 बजे ।



गांव के जंगल में एक मुचवारे की लकड़ी के घर को किराए पे ले के साफ सफाई करवा के शुगहरात के लिए सजा दिया था । झोपड़ी में सिर्फ दो रूम थे जहा दिवारे भी लड़की के फर्श और चट्ट भी लड़की के बना हुआ था ।



विशू,, ओक तो आज से तुम दोनो की नई जिंदगी के लिए मुबारक हो । सब काम निपटा दिया हे तुम दोनो की दुल्हनिया अंदर दोनो एक एक कमरे में इंतजार कर रही है । अब हम दोनो विदा लेते हे ,,

जिशु,, तुम लोग कहा जा रहे हो ,,

चेतन,, मित्र क्या हैं की हमें ऐसी वैसी फिल्म देखने का कोई शोक नहीं हे ।

चेतन के मजाक में तीनों बस हास पड़ते हे ।

विशु,, ओके हम पास ही के लॉज में रहेंगे । कुछ भी जरूरत हो तो बता देना ,,

विशू और चेतन गाड़ी ले के निकल जाते हे ।



पहाड़ी की जंगल में सुहागरात एक रोमाचिक महसूस करवाने वाला खुशनुमा एक रंगीन रात होने वाली थी ।


जिशु,, ठंड बोहोत है यहां तो । चारो तरह जंगल ही जंगल कोई जंगली जानवर ना आ जाए ,,


तपन,, आ भी जाय तो घर पर चढ़ नहीं पाएंगे बोहोत ऊंची बेस है । ,,


दोनो के दिल में एक नया एहसास था एक शर्म थी जो बयान करने पर कटरा रहे थे । दोनो बिन कहे ही घर की तरफ बढ़ चले । और दरवाजे पे रुक के एक दूसरे को शुभकामनाए दे के अंदर घुसते है दोनो ही शेरवानी से अपने अपने जैकेट उतार के टांग देता है ।





Room no 1



तानिया फूलो से सजी छोटे से कमरे में चोटी सी फूलो से सांझा खटिया में सॉल ओढ़ के बैठी थी

। जैसे ही तपन की तरफ देखा उसने आंख मार दी तपन की मुस्कान निकल गया । तपन गंभीर कदमों के साथ उसके पास बैठ गया । दोनो ही एक दुसरे की आंखो में खो गए । शुरुवात आखों से करने की ठान ली हो ।




Room no 2



शीतल के लिए सब कुछ नया जैसा था । जिशु के साथ शर्म की बांध अभी तक टूटी नहीं थी उसकी अब तक मर्तबे में जिशू के साथ कोई खास जिस्मानी हुई नही थी और आज की सुहागरात पर वो बुरी तरह शर्म से पानी पानी होने वाली थी ।


जिशू उसके पास जा के प्यार से बैठ जाता है और सबसे पहले नजाकत से घुंगत उठा देता हे । शीतल एक नजर ऊपर कर के जिशू को शर्मीली मुस्कान दे के नजरे नीची कर लेती है








Room no 1


तपन ,, वाओ बेबी आज तो कहर डालने वाली हो मेरे ऊपर तुम ,,

तानिया,, पहले मुंह दिखाई ,,


तपन हस के जैप से एक चमकती हुई नाग मनी निकल के दिया । तानिया खुशी से झूम उठी ।

तानिया,, वाओ जानू कहा मिला इतनी दुर्लभ चीज । इतने महंगे कैसे लाएं ,,

तपन,, नही ज्यादा महंगा नहीं है यहां सस्ता ही मिला,,

तानिया नखरा दिखाती हुई ,, तो तुम सस्ते चीज दे के मेरो कीमती चीज लूटना चाहते हो ,,


तपन उसे बाहों में भर लेता है और मर्दानगी अंदाज में उसकी गेहने उतरने लगता है ,, सात बच्चन के साथ तुम्हे जेवरात से तोल भी दूंगा एक दिन बस कुछ समय दो अपने पेड़ो पे खड़े होने का ,,

तानिया उसे गले से लगा के बोली ,, इसकी मोह नही मुझे । बस बाकी की जिंदगी तुम्हारे बाहों में गुजर चकु मेरी ख्वाइश है ,,

तपन ,, मेरी पहनाई हुई मंगलसूत्र और मेरी भरी हुई मांग की सिन्दूर में बोहोत खूबसूरत लग रही हो पहले से ज्यादा निखार और मेहेक रही हो । आज बर्दास्त कर लेना में आज लावा बनने वाला हूं ।,,



तानिया बस मुस्कुराती है वो समझ गई थी आज की सुहागरात कुछ खास होने वाला है ।और दोनो में नई जिंदगी की ख्वाइसो पर चर्चित करने लग जाते है





Room no 2


जिशु उपहार के तोर पर एक कमर बेंड भेत करता है । शीतल शर्माती हुई गिफ्ट को साइड पर रख कर ,, शुक्रिया आपका ,, और केसर वाला दूध आगे कर देती है ।

जिशू दूध ले के एक सांस में पूरा ग्लास पी जाता है । शीतल मुंह दबा के मुस्कुराने लगती है ।

जिशू ग्लास टेबल पर रख कर ,, वो सुबह से उपवास में था ना तो । और बोहोत स्वादिश था ,,


शीतल फिक्र जाता कर ,, रुको में खाना लाती हूं बाहर कुछ खाना रखा है,,


जिशू बिस्तर पर लेट जाता हे और शीतल को छाती पर गिरा लेता है । शीतल की चूड़ियां खनखन गूंज उठती हे और जिस्म पर एक रोमांचित एहसास रोम रोम में महसूस होती है लेकिन उसकी शर्म और भी बढ़ जाती हे ।


जिशू,, पंडित जी ने कहा है जब सुहागरात की रसम पूरा हो जाए तो पहले अपनी पत्नी को खिलाना फिर खुद खा लेंना,,


शीतल शर्मा के बोलती है ,, आप ने गलत सुना हे । ये बात मेरे लिए थी पत्नी पहले पति को खिलाती है फिर खुद ,,


जिशू,, मगर मेरी दुनिया में पहले आप । और ये क्या आप मुझे आप क्यू बोल रही हे । ,,

शीतल,, क्यू की रिश्ते मे तो आप बड़े हे ,,

जिशू,, नहीं में चाहता हूं हम दोनों जब भी बात करे एक समान हो कर बात करे इसलिए नो आप ठीक है ,,

शीतल उसकी छाती पे मुंह छुपा लेती हे ,,ठीक है तुम भी नो आप,,


दोनो में नई जिंदगी की बाते शुरू हो जाती है ।
Fantastic updated
 

Urwife

New Member
70
155
33
Update 43




Shuhagraat Kayem rahe




Room no 1




तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।

तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।


तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।


कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।



Room no 2


जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,


शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।


शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,



Room no 1




तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।


तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,


तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,

तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,

तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।




Room no 2


जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।



Room no 1



तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।



तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,

तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,

तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,


तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,

तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,


तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,


तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,


तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,


तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,




Room no 2


जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,

शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,


जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,

शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,


जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।


जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।


एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।






उस रात जिंदगी

मुझसे मुखातिब हुई

मुस्कराई करीब आई

बाँहों में जा समाई

हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई

जैसे कि हों एक जान

एक ही जिस्म भी!

गुजरती रात के साथ

हम इठलाते रहे

सहलाते-गुदगुदाते रहे

एक दूजे के / अपने ही से

जिस्मों को

साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन

हर अहसास से

मिलन का / दो से एक होने का

इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ

थिरकती रही जिस्मों पर ....

वक्त थमा नहीं

रात ढलती रही

देर किसी पहर

कौंधे किसी प्रश्न ने शायद

सहलाने, गुदगुदाने को

कुरेदने में बदला होगा

जिस्मों सी नजदीकी को

दिलों में ढूँढना चाहा होगा...

शायद

खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने

सहलाते, गुदगुदाते

....कुरेदते हुए जिस्मों को

जज्बातों को

अहसासों को

जख्मी कर डाला

जिस्मों पर

जज्बातों पर

गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से

सुबहे सेहतमंद होते रहे.

यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा

सुलगे हुए जज्बात

धुआं बन उड़ते रहे

नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे

सुबह

सलवटों से अटी

मसली हुई चादर पर

अनमने, अलहदा, खामोश,

....बेजान जिस्म

बीती रात की ‘रंगीनी’ के

राज खोल रहे थे!





हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया
Superb updated
 

Urwife

New Member
70
155
33
Update 42






Wedding night




वेसे तो जिन्होनें मना ली है वो इसका उत्तर अधिक अच्छे से दे पायंगे, फिर भी यदि इसका शाब्दिक अर्थ भी करे तो

सुहाग+रात

सुहाग का एक अर्थ सौभाग्य भी होता है। तो नव दंपति को उनके सौभाग्य से यह रात प्राप्त होती है। तो यह उनके लिए सौभाग्य की रात भी है।

दूसरा इसे पत्नी के दृष्टिकोण से देंखे तो क्योकि कन्या पहली बार सुहागन बनती है इसलिए उसकी पहली रात उसके पति यानी उसके सुहाग के साथ होती है। तो उसके सुहाग के साथ उसकी पहली रात होती है।

ओर भी अनेक कारण हो सकते है, जिस कारण हमारे पूर्वजों ने इसे सुहागरात नाम दिया।



सुहागरात एक दूसरे को समझने की रात होती हैं, एक दूसरे को मन से अपनाने की रात होती हैं, एक दूसरे को ये एहसास करवाने की रात होती हैं की अब आप में और उन में कोई फर्क नहीं हैं। लेकिन दोनों जोड़े की रिश्ते कुछ अलग प्रकार के थे ।



Room no 1



तपन तानिया की जिस्म से हर एक गहने के साथ हर एक वस्त्र उतार देता हे । माना जाता है सर्दी में शादी करने का मजा ही कुछ अलग होती है योन संबंध में लुफ्त ज्यादा होता हे ।

लेकिन ठंड की वजह से तपन और तानिया कंबल के अंदर थी जो दोनो निबस्त्र । तपन तानिया की जिस्म पर हर एक अंग को चूमना चाहता था लेकिन कंबल के अंदर मुस्किल होता है रोसनी पर तानिया की गोरी चिकनी त्वचा दिखाई जो नहीं पड़ती थी ।



तपन फिर भी तानिया की टांगो के बीच जीव से कामुक खेल की शुरुवात करता हे कंबल के अंदर ही । तानिया की हाथो पे रची महंगी उसकी चेहरे की चमकती हुई मेकअप की वज़ह से कुंवारी दुल्हन लग रही थी । खटिए पे काम सुख से सिसिया रही थी ।




Room 2


जिशु हर एक अंग चूमते हुए शीतल को नंगी कर देती है । शीतल कसमसाती हुई शर्म से अपने आपको कंबल में छुपाने की नाकाम कशिश करती हे । जिशु भी कंबल के अंदर नंगा था ।


जिशु शीतल की शर्माती हुई चेहरे को प्यार कर के बोला ,,, क्या तुम तैयार हो । अगर तुम्हे वक्त चाहिए तो हम जब तक चाहे रूक सकते हे ।

शीतल आज प्यार की प्यासी थी वो जिशू के आगोश में समा के बिन लफ्जों से ही बयां कर देती है दिल की बात ।




Room no 1


तपन और तानिया के बीच की रिश्ते में अब तक एक गेहरी रिश्ते बन चुका था । जो एक दूसरे से जिस्मानी होने एक शर्म मिट के एक समझ बनती है को एक दूसरे की भाव से ही समझ जाते थे की एक दूसरे को क्या चाहिए वो बंधन पहले ही बंध चुकी थी ।


कम्बल से बाहर सिर्फ दोनो के ही गर्दन निकले हुए थे । दोनो अब बस मिलन की आनंद उठाना चाहते थे ।


तपन तानिया की आखों में देखते हुए ,, बेबी आज हमारा सुहागरात हे कुछ नया होना चाहिए ना ,,

तानिया उसकी नाक में नाक रगड़ती हुई,, जानू नया करने को बचा ही क्या है अब अब तक हमने 156 बार कर चुके हे और तुमने हर पोजीशन में किया हे । कम्बल के अंदर और क्या नया करोगे । में खुश इस बात से की तुम रीति रिवाज से मेरे पति बन गए हो चाहे जो भी हो पति तो बन गए मेरे ,,

तपन उसकी कान फुसफुसाता है ,, एक जगह हे जो तूने मुझे अब तक छूने भी नहीं दी ,,

तानिया समझ जाती है उसकी होंठो पे मुस्कान आ जाती है ,, नहीं बाबा वाहा नेही ,,

तपन,, क्यूं आज ट्राय कर लो । और तुमने तो बताया था की वाहा पहले भी किया है,,

तानिया ,, उम्म्म तुम क्या चाहते हो सुबह अपने बेटे और तुम्हारे दोस्तो के सामने लंगड़ाती फिरू । क्या सोचेंगे मेरे बारे में मुझे शर्म नही आयेगी क्या ,,

तपन मजाक करते हुए ,, सुना है गाओ में अगर सुहागरात के दूसरे दिन लंगड़ा के ना चले तब दूल्हे कि बड़ी खिंचाई होती है । और में वो खिंचाई अपने दोस्तो से नही सुनना चाहता ,,

तानिया जूठी गुस्से से ,, तो अपने दोस्तों के आगे मर्दानगी दिखाने के लिए मेरे साथ ऐसा करोगे ,, फिर मजाक करते हुए ,, में भी जिशु बोल दूंगा फिर शीतल की हालत खराब करने के लिए,,

तपन हस पड़ता है ,, धेत्त । में तो मजाक कर रहा था । वैसे ऐसा हुआ तो में भी तुम्हे नहीं छोडूंगा खा जाऊंगा तुझे ।

तानिया उसकी गाल सेहलाके ,, मन कर रहा है क्या ,,

तपन शीर हिला कर ,, हम्म लेकिन तुम ना करो तो नही करूंगा ,,

तानिया ,, तुम्हे कैसे माना कर सकती हूं में । आज तो कतई नही । कुछ तेल जैसा कुछ चीज है ,,

तपन ,, हा विशु ने एक लुब्रिकेंट और चेतन ने कंडोम दिया था हम दोनो को ,,

तानिया मुस्कुराती है ,, बदमाश कहिका ये सब भी दिया है । अच्छा कंडोम से करना सही होगा आसानी होगी । तुम्हे बुरा तो नहीं लगा ,,

तपन ,, नहीं इसमें क्या बुरा लगेगा मेने भी अब तक कंडोम से ट्राई नहीं किया आज कर लेटे हे । ,,


तपन अपनी शेरवानी की जैप से लुब्रिकेंट की सीसी और कंडोम निकाल लेता हे ,,




Room no 2



जिशु शीतल को कंबल के अंदर निबस्त्र कर के हर एक अंग चूमने लगा था । शीतल आंखे बंद कर के बस जिशु को अपनी जिस्म को हर एक चुम्बन के साथ सोप दे रही थी । सुखद आनंद की आहे मुंह में दबा रही थी क्यू की उसे शर्म आ रही थी ।



जिशु उसकी चूत की भगनासा को जीव से भोग रहा था । जिशु मन में (क्या आंटी को भी मेरा चुसवा दूं । अरे नही वो शर्म के मारे मर जायेगी लेकिन उस दिन तो चूसा था । नहीं उस दिन नशे में थी आज की बात अलग है एक होश में और ऊपर से पति भी बन गया हू आज नही कर पाएगी )


जिशु उसकी चूत काफी देर तक चूसता है जिससे शीतल पानी छोड़ रही थी और आनंद में नई जगत की लुप्त हो जा रही थी । जिशु उसकी मोटी जांघो को चूमता हुए उसकी नाभी से खेलने के साथ उसकी मखमल पेट भी मसलते हुऐ चूम के शीतल को पूरी तरह से कामुत्तेजोक कर देता है । शीतल अपनी जिंदगी की अध्याय में पहली बार एक नई काम सुख की आनंद को महसूस कर रही थी एक गैर जो अब पति बन कर उसकी रोम रोम से जुड़ चुकी है ।


जिशु उसकी बड़ी आकर की चुचियों को मसल मसल के पीने लगती है । शीतल धीरे धीरे शर्म का परदा गिरा देती है और नशीली सुखमय कामुक नजरो से जिशु को देख रही थी लेकिन इस बार अपनी आह को खुल के निकलती है ।
Fantastic updated sweet
 

Universekaka

New Member
91
209
33
Update 40





Vivah Swargam



जिशु के शीर पर से बैंडेज उतार चुका था टाके भी निकल दिए गए थे । पहले जैसे ही सुस्थ हो चुका था बस घाव के निशान ताजे थे उसके लिए समय अनिवार्य थे । जिशू को जैसे नई जिंदगी मिला वो बेहद खुश था । कभी सोचा नही था की उसे शीतल से प्यार होगा । रिश्ते ऐसे बने थे की उसे कभी कभी हांसी आ जाता था सोच के रिश्तों की उलझुलुल बंधन सोच को ।




कुछ दिन बाद चारो दोस्तो की बैठक लगाता है अपने अड्डे play ground पर ।




विशू,, तो बेटा तैयार हे शादी के लिए ,,

शेतन,, अरे बेटा जवान हो गया है तो शादी तो करेगा ही ,,

जिशू और तपन चिढ़ जाता है । विशु और शेतन हस पड़ता है दोनो के ऊपर ।

तपन ,, बकवास बंद करो । शादी के लिए कैसे प्रपोज करते है उसका कुछ आइडिया बता,,

विशु मजाक कर के ,, वाह भाई खुटा गाड़ने में कोई आइडिया नही चाहिए लेकिन अब शादी के लिए प्रपोज करने पर आइडिया चाहिए ,,(शेतन से),, ए भाई दे रे कोई आईडिया इस सांड को,,


जिशू दोनो को दे धुलाई दोनो के पिछवाड़े में घुटना मारता हे और दोनो को भागने लगता है ।

तपन,, साले कोई जरूरत नही हे तुम दोनो की निकल यहां से साले । जो करना हे हम दोनो देख लेंगे । निकल साले ,,


विशू और शेतन हास हास के पागल हो जाते हे । खेर मजाक मस्ती एक तरफ कर के चारो गंभीर मुद्दा पे बैठ जाते हे ।



तपन,,(जिशू से) तूने तो बात फिर भी कह दिया ,,

चेतन,, अच्छा अच्छा मेरा के सवाल हे,,

जीशू,, कैसा सवाल?,,

चेतन,, शादी का मतलब क्या है तुम दोनो को पाता ही है लेकिन तुम दोनो जो शादी करनें जा रहे हो उसका क्या मतलब है । में समझ नही पा रहा हूं शादी का मतलब हे तुम लोगो का । वैसा कुछ नही जो तुम दोनो को शादी की जरूरत हे ।"

जिशु ,, भाई शादी एक पवित्र रिश्ता हे और हम भी उसी पवित्र रिश्ते में बंधना चाहते हे ,,


चेतन,, ठीक है ये बात पल्ले पड़ रहा है लेकिन शादी को तुम लोग छुपा के रखोगे है ना । पर वोही तो है जब कोई एक दूसरे से बंधन मे बंध जाते हे उसी को शादी माना जाता है समाज के नजरो में । लेकिन एक दूसरे के लिए तो बस दिल की बंधन ही काफी है ना ।"

तपन रोमांटिक हो कर ,, तू क्या जाने यारा फीलिंग क्या होती हे इस रुस का सुवास ही ऐसा है । "

चेतन और विशू तालिया मारने लगता,, वाह वाह ,,

जिशू मुस्कुराने लगता है ,, बस बस फिर से तुम दोनो शुरू मत हो जाना । तुम दोनो ये बताओ हमारी मदद करोगे या नहीं ,,


चेतन जिशू को गले लगा के ,, बस भाई बस और बेगर मत कर । शाम के 6 बजे तैयार रहना महफील जमाने के लिए ।,,


चारों दोस्त गले मिलते हे । चेतन झट से बिजली की तरह डोर लगाते हुए गायेब हो जाता है । तीनों दोस्त ,, लो ,,

चेतन,, ये साला आज काल बेहद उड़ रहा है रफ्तार भी बढ़ गया कमीना मुझे जलाता हे ।

तपन,, तो तू भी जला ना उसे ,,

चेतन ,, प्लान बनाया है एक । इस बार एग्जाम में देर से आंसर बताऊंगा साले को ,,

जिशु और तपन हास पड़ता हे,, हां हां हां सही है कमीने को थोड़ा मजा सखाना बनता है ,,







Amuzing restro


समय 7 pm



पूरा रेस्ट्रो विशू और चेतन बुक कर लिया था । और खुद दोनों वेटर बन गए थे बाकी वेटर की छुट्टी करवा के । दोनो अपने दोस्तो की शाम बनाने का जिम्मा उठाया जो था ।



तानिया और शीतल ठीक 7 बजे रेस्ट्रो पोहोच जाती है । लेकिन अभी तक दोनों हीरो आए नही थे । उसका कारण था विशू और चेतन । दोनो ने बदमाशी की और 7 बजे का समय तानिया और शीतल को बताया और उन दोनो को 7:30 pm का समय बता दिया । ताकि दोनो हीरो अपनी अपनी बैटर हाफ से दांत खाए ।



शीतल और तानिया विशू और चेतन को वेटर की ड्रेस में देख के हसने लगी और शर्मा भी रही थी ।

तानिया ,, बदमाश तुम दोनो यहां क्या कर रहे हो,,

शेतन,, मोहतरमा हम तो आपकी सेवा करने के लिए हाजिर हुए हे इस मेहफील में । हम तो तुच्छ दास है ,,

शीतल,, जूते चाहिए गाल पे नालायक ये सब करनें के लिए हम तुम्हे पढ़ा लिखा के बड़े कर रहे है ,,

दोनो जमूरे गर्दन झुका के अपने काम में लग जाते है ।

शीतल मुस्कुरा के ,,, शैतान तुम्हारे दोस्त का कोई आता पाता नही कहा हे दोनो । आयेंगे की नहीं ,,

विशू ,, मोहतरमा उनके लिए आप दोनो को और 20 मिनट वेट करना पड़ेगा ,,

तानिया ,, क्यू ?,,

शेतन,, ताकि आप दोनो उन दोनो की खिंचाई कर सके ,,


तानिया और शीतल की मुस्कान निकल जाती है दोनो की बदमासी पर ।

शीतल,, अच्छा किया इसके लिए तुम दोनो को मेरे तरफ 100 रुपए टिप,,


विशू और चेतन का मुंह खुल जाता है,,बस 100 रुपए,,


तानिया हस कर ,, जाओ अपना काम करो नहीं तो रुपए की जगह हमारी जुटी की टिप मिलेगी ,,



दोनो बंदर की तरह भागते हुए रेस्ट्रो के किचन में जाते है और मास्टर शेफ से जान कारी लेता है तैयारी कैसी हे ।


7:31 मिनट पर जिशू और तपन सूट बूट पे डेसिंग हैंडसम हंक बन कर हाथो में लाल गुलाब लिए पैंथर की चाल मे तानिया और शीतल के पास जाता है ।


तानिया और शीतल एक टेबल पर मुंह लटकाए बैठी थी हाला की दोनो की नाटक थी ।


जिशू अपना फूल अदाकार सज्जन की तरह शीतल की तरफ अपनी लाल गुलाब फूल आगे बढ़ा देता ,, हेलो मिस,,

तपन भी वैसी ही मुस्कुराता हुआ नजाकत से पेश आते हुए फूल तानिया की तरफ आगे बढ़ा देता है,, हेलो गॉरगाउस,,

लेकिन दोनों की कोई प्रतिक्रिया नहीं । ऐसा देख कर दोनो एक पल के लिए घबरा जाते हे और मन में सोचने लगते हे कही दोनो कुछ गलत तो नहीं कर दिया । दोनो का चेहरा बिलकुल सफेद हो जाता है ।

तानिया और शीतल मन ही मन हस रही थी । और बस मजाक का मजा ले रही थी ।


विशू और चेतन तभी पानी ले आता है । विशु और चेतन पानी ऑफर करते है । जिशू और तपन अपने दोनो कमीने दोस्त की तरफ इशारा करता है । लेकिन दोनों चेहरे की भाव से कुछ नही पाता का इशारा कर देता है ।


तानिया चालक थी उसने दोनो तरफ से मजा लेते हुए नाराजगी दिखा के विशू और चेतन की तरफ देख एक बोली ,, 7 बजे से हम यहां बैठे हे अब जा के हमे पानी ऑफर कर रहे हो how is this behavior,,


शीतल भी नाराजगी दिखा के ,, ये कोई तरीका है किसी को बेबजा आधे घंटे तक इंतजार करवा के हमारा समय बर्बाद करना,,


जिशू और तपन एक दूसरे को हैरान हो के देखे ने लगते हे । पेहले तो कुछ समझ नहीं पाया । अपने अपने मन में (हमे तो 7:30 pm का बताया था । ओह समझा इन दोनो की मसखरी थी साले सुवार यहां भी ) दोनो विशू और चेतन को कच्चा खा जाने वाली नजरो से देखता है ।


विशू और चेतन नजरे इधर उधर कर के पानी ग्लास टेबल पे रख कर चले जाते हे पीठ पीछे हंसते हुए ,, अब दोनो की बैंड बजेगी,,





जिशु मानते हुए,, हमे पाता नहीं था आ लोगो को इन दोनों ने 7 बजे का समय बताया था ,,

तपन मनाते हुए,, हा इन दोनो की बदमासी हे,,

शीतल और तानिया कोई जवाब नही देती (बोहोत इश्क लड़ाने की आग लगी है अब झेलो हमारा नखरा )


जिशू तपन के कान में कहता है ,, तू अपनी वाली को साइड में ले जा में अपनी वाले को साइड में ले जाता हूं लगता हे मामला बिगड़ गया है अब हम मनाना पड़ेगा,,

तपन हा में शीर हिला देता है ।

तपन (तानिया से),, जरा उस टेबल पर चल के बात करते है ,,

जिशु (शीतल से ) प्लीज उधर चलो ना ,,

शीतल और तानिया की नखरे और बढ़ ही जाती है दोनों मुंह फुलाए बैठे जाती हे ।


तानिया (शीतल से),, शीतल मुझे लगता हे हमे अब चलना चाहिए । येहा बैठ के अब क्या फायदा चलो हम किसी दूसरी रेस्ट्रो पे जा के खाना खाते हे,,

शीतल ,, हम्म सही कहा । चलो चलते हे,,


दोनो मजनू घुटनो पे गिरगिरानें लगते है ।



तानिया और शीतल खुद को रोक नहीं पाती अपनी अपनी सैया की हालत पे तरस खा के मुस्कुराने लग जाती है । तभी तपन और जिशू की सूखे होंठो पे मुस्कान आ जाता है ।



तभी एक रोमाटिक माहोल बन जाता है जगमगाती लाइट जल जाते है और दोनो लंगूर दोस्त रोमांटिक पियानो म्यूजिक लगा के खुद भी Saxophone और violin बजा के मधुर संगीत का माहोल बना देते हे । और ऊपर से गुलाब की पंखुड़ियां गिरने लगते हे ।



तपन एक घुटना फर्श पर और एक हवा में उठा के जैप से अंगूठी निकल के गले को थोड़ा खरस मार के ,, "तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है, कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए..❗" इन आखों में सदा के लिए डूब जाना चाहता हूं क्या और इस डूबने को शादी का नाम देना चाहता हूं । क्या तुम्हे मंजूर हे ,,


जिशू खड़े हो के शीतल कि आंखो में देखते हुए ,, तेरे हुस्न के आगे मुझे लगता है सब कुछ सादा आस्मां में है पूरा चाँद पर मुझे लगता है आधा । बस इस हुस्न से डुबकी लगा के पवित्र होना चाहता हू और इस पवित्रता को शादी के बंधन देना चाहता हूं क्या ये परी राजी हे मेरी नेक दिल की अल्फाज को स्वीकार करने के लिए ,, और फिर झेप से रिंग निकल लेता है ।





तानिया और शीतल बस मुस्कान फैल जाती हे और शिर हा में हिला के शर्माती हुई बाई हाथ आगे कर देती हे । दोनो अपनी अपनी होने वाले वाली भावी पत्नी की उंगली अनामिका उंगली में अंगूठी पहना देती है ।



विशु और चेतन जोर जोर से तालिया बजाते हुए चिटी मारता हे और तभी आसमान में फटाके के फूटने लगते हे जिसमे दोनों की जोड़ी दार नाम आसमान में अंकित हो जाता है ।



फिर एक शानदार पार्टी उन लोगो की शुरू हो जाती है।
Jhakas vidu ..... Mind blowing updated
Update 41




Vivah sampanya



इस बार भी फिर एक बाप को मामू बनाना था । और इस बार भी चार बाप आसानी से मामू बन गए । चारो ने ऐसा मामू बनाए अपनी उम्र की तजुर्बे से मात खा गए । अपने अपने कमीने बेटों चाल में फांस गए थे ।



लेकिन इस बार चार बाप के साथ दो और औरतों को भी बेवकूफ बनवाना था और वो दो थी दीपाली और तराली । जिनको फसाने में तानिया और शीतल की दिमाग लगी ।



तराली और दीपाली की एक कमजोरी थी और वो थी और वो थी दोनो की मासिक धर्म यानी की माहवारी । इस जानकारी को औरते एक दूसरे के बारे में साझा करना एक प्रथा थी । जो हर महीने 25 या 26 तारीख को शुरू होती थी दोनो को ही एक साथ ।


और इन लोगो ने घर पे ये बोला की शहर के बाहर एक मंदिर में बोहोत बड़ी हुम योग्य पूजा होने वाली हे और उस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों की दुयाय पूरी होती है । ऐसे में पवित्र पूजा में तराली और दीपाली अपनी मासिक अवस्था में कैसे जा सकती है सदियों की प्रथा के अनुसार दोनो ने जाने से माना कर दिया । और ये लोग वोही चाहते थे ।



नवंबर महीने के 26 तारीख छे छे निकल पड़े मकसद को अंजाम देने । एक पहाड़ी इलाके के छोटे से गांव में सारा कुछ प्रबंध किया था विशू और चेतन ने । और एक जुबान के पक्के पंडित को मोटी हरी पत्ती खिला के शादी का रसम पूरा करते है ।






Water over house



समय शाम के 7 बजे ।



गांव के जंगल में एक मुचवारे की लकड़ी के घर को किराए पे ले के साफ सफाई करवा के शुगहरात के लिए सजा दिया था । झोपड़ी में सिर्फ दो रूम थे जहा दिवारे भी लड़की के फर्श और चट्ट भी लड़की के बना हुआ था ।



विशू,, ओक तो आज से तुम दोनो की नई जिंदगी के लिए मुबारक हो । सब काम निपटा दिया हे तुम दोनो की दुल्हनिया अंदर दोनो एक एक कमरे में इंतजार कर रही है । अब हम दोनो विदा लेते हे ,,

जिशु,, तुम लोग कहा जा रहे हो ,,

चेतन,, मित्र क्या हैं की हमें ऐसी वैसी फिल्म देखने का कोई शोक नहीं हे ।

चेतन के मजाक में तीनों बस हास पड़ते हे ।

विशु,, ओके हम पास ही के लॉज में रहेंगे । कुछ भी जरूरत हो तो बता देना ,,

विशू और चेतन गाड़ी ले के निकल जाते हे ।



पहाड़ी की जंगल में सुहागरात एक रोमाचिक महसूस करवाने वाला खुशनुमा एक रंगीन रात होने वाली थी ।


जिशु,, ठंड बोहोत है यहां तो । चारो तरह जंगल ही जंगल कोई जंगली जानवर ना आ जाए ,,


तपन,, आ भी जाय तो घर पर चढ़ नहीं पाएंगे बोहोत ऊंची बेस है । ,,


दोनो के दिल में एक नया एहसास था एक शर्म थी जो बयान करने पर कटरा रहे थे । दोनो बिन कहे ही घर की तरफ बढ़ चले । और दरवाजे पे रुक के एक दूसरे को शुभकामनाए दे के अंदर घुसते है दोनो ही शेरवानी से अपने अपने जैकेट उतार के टांग देता है ।





Room no 1



तानिया फूलो से सजी छोटे से कमरे में चोटी सी फूलो से सांझा खटिया में सॉल ओढ़ के बैठी थी

। जैसे ही तपन की तरफ देखा उसने आंख मार दी तपन की मुस्कान निकल गया । तपन गंभीर कदमों के साथ उसके पास बैठ गया । दोनो ही एक दुसरे की आंखो में खो गए । शुरुवात आखों से करने की ठान ली हो ।




Room no 2



शीतल के लिए सब कुछ नया जैसा था । जिशु के साथ शर्म की बांध अभी तक टूटी नहीं थी उसकी अब तक मर्तबे में जिशू के साथ कोई खास जिस्मानी हुई नही थी और आज की सुहागरात पर वो बुरी तरह शर्म से पानी पानी होने वाली थी ।


जिशू उसके पास जा के प्यार से बैठ जाता है और सबसे पहले नजाकत से घुंगत उठा देता हे । शीतल एक नजर ऊपर कर के जिशू को शर्मीली मुस्कान दे के नजरे नीची कर लेती है








Room no 1


तपन ,, वाओ बेबी आज तो कहर डालने वाली हो मेरे ऊपर तुम ,,

तानिया,, पहले मुंह दिखाई ,,


तपन हस के जैप से एक चमकती हुई नाग मनी निकल के दिया । तानिया खुशी से झूम उठी ।

तानिया,, वाओ जानू कहा मिला इतनी दुर्लभ चीज । इतने महंगे कैसे लाएं ,,

तपन,, नही ज्यादा महंगा नहीं है यहां सस्ता ही मिला,,

तानिया नखरा दिखाती हुई ,, तो तुम सस्ते चीज दे के मेरो कीमती चीज लूटना चाहते हो ,,


तपन उसे बाहों में भर लेता है और मर्दानगी अंदाज में उसकी गेहने उतरने लगता है ,, सात बच्चन के साथ तुम्हे जेवरात से तोल भी दूंगा एक दिन बस कुछ समय दो अपने पेड़ो पे खड़े होने का ,,

तानिया उसे गले से लगा के बोली ,, इसकी मोह नही मुझे । बस बाकी की जिंदगी तुम्हारे बाहों में गुजर चकु मेरी ख्वाइश है ,,

तपन ,, मेरी पहनाई हुई मंगलसूत्र और मेरी भरी हुई मांग की सिन्दूर में बोहोत खूबसूरत लग रही हो पहले से ज्यादा निखार और मेहेक रही हो । आज बर्दास्त कर लेना में आज लावा बनने वाला हूं ।,,



तानिया बस मुस्कुराती है वो समझ गई थी आज की सुहागरात कुछ खास होने वाला है ।और दोनो में नई जिंदगी की ख्वाइसो पर चर्चित करने लग जाते है





Room no 2


जिशु उपहार के तोर पर एक कमर बेंड भेत करता है । शीतल शर्माती हुई गिफ्ट को साइड पर रख कर ,, शुक्रिया आपका ,, और केसर वाला दूध आगे कर देती है ।

जिशू दूध ले के एक सांस में पूरा ग्लास पी जाता है । शीतल मुंह दबा के मुस्कुराने लगती है ।

जिशू ग्लास टेबल पर रख कर ,, वो सुबह से उपवास में था ना तो । और बोहोत स्वादिश था ,,


शीतल फिक्र जाता कर ,, रुको में खाना लाती हूं बाहर कुछ खाना रखा है,,


जिशू बिस्तर पर लेट जाता हे और शीतल को छाती पर गिरा लेता है । शीतल की चूड़ियां खनखन गूंज उठती हे और जिस्म पर एक रोमांचित एहसास रोम रोम में महसूस होती है लेकिन उसकी शर्म और भी बढ़ जाती हे ।


जिशू,, पंडित जी ने कहा है जब सुहागरात की रसम पूरा हो जाए तो पहले अपनी पत्नी को खिलाना फिर खुद खा लेंना,,


शीतल शर्मा के बोलती है ,, आप ने गलत सुना हे । ये बात मेरे लिए थी पत्नी पहले पति को खिलाती है फिर खुद ,,


जिशू,, मगर मेरी दुनिया में पहले आप । और ये क्या आप मुझे आप क्यू बोल रही हे । ,,

शीतल,, क्यू की रिश्ते मे तो आप बड़े हे ,,

जिशू,, नहीं में चाहता हूं हम दोनों जब भी बात करे एक समान हो कर बात करे इसलिए नो आप ठीक है ,,

शीतल उसकी छाती पे मुंह छुपा लेती हे ,,ठीक है तुम भी नो आप,,


दोनो में नई जिंदगी की बाते शुरू हो जाती है ।
Jhakas vidu
 

Universekaka

New Member
91
209
33
Update 43




Shuhagraat Kayem rahe




Room no 1




तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।

तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।


तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।


कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।



Room no 2


जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,


शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।


शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,



Room no 1




तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।


तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,


तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,

तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,

तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।




Room no 2


जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।



Room no 1



तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।



तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,

तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,

तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,


तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,

तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,


तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,


तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,


तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,


तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,




Room no 2


जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,

शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,


जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,

शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,


जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।


जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।


एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।






उस रात जिंदगी

मुझसे मुखातिब हुई

मुस्कराई करीब आई

बाँहों में जा समाई

हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई

जैसे कि हों एक जान

एक ही जिस्म भी!

गुजरती रात के साथ

हम इठलाते रहे

सहलाते-गुदगुदाते रहे

एक दूजे के / अपने ही से

जिस्मों को

साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन

हर अहसास से

मिलन का / दो से एक होने का

इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ

थिरकती रही जिस्मों पर ....

वक्त थमा नहीं

रात ढलती रही

देर किसी पहर

कौंधे किसी प्रश्न ने शायद

सहलाने, गुदगुदाने को

कुरेदने में बदला होगा

जिस्मों सी नजदीकी को

दिलों में ढूँढना चाहा होगा...

शायद

खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने

सहलाते, गुदगुदाते

....कुरेदते हुए जिस्मों को

जज्बातों को

अहसासों को

जख्मी कर डाला

जिस्मों पर

जज्बातों पर

गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से

सुबहे सेहतमंद होते रहे.

यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा

सुलगे हुए जज्बात

धुआं बन उड़ते रहे

नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे

सुबह

सलवटों से अटी

मसली हुई चादर पर

अनमने, अलहदा, खामोश,

....बेजान जिस्म

बीती रात की ‘रंगीनी’ के

राज खोल रहे थे!





हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया
Hot update
 

Universekaka

New Member
91
209
33
Update 42






Wedding night




वेसे तो जिन्होनें मना ली है वो इसका उत्तर अधिक अच्छे से दे पायंगे, फिर भी यदि इसका शाब्दिक अर्थ भी करे तो

सुहाग+रात

सुहाग का एक अर्थ सौभाग्य भी होता है। तो नव दंपति को उनके सौभाग्य से यह रात प्राप्त होती है। तो यह उनके लिए सौभाग्य की रात भी है।

दूसरा इसे पत्नी के दृष्टिकोण से देंखे तो क्योकि कन्या पहली बार सुहागन बनती है इसलिए उसकी पहली रात उसके पति यानी उसके सुहाग के साथ होती है। तो उसके सुहाग के साथ उसकी पहली रात होती है।

ओर भी अनेक कारण हो सकते है, जिस कारण हमारे पूर्वजों ने इसे सुहागरात नाम दिया।



सुहागरात एक दूसरे को समझने की रात होती हैं, एक दूसरे को मन से अपनाने की रात होती हैं, एक दूसरे को ये एहसास करवाने की रात होती हैं की अब आप में और उन में कोई फर्क नहीं हैं। लेकिन दोनों जोड़े की रिश्ते कुछ अलग प्रकार के थे ।



Room no 1



तपन तानिया की जिस्म से हर एक गहने के साथ हर एक वस्त्र उतार देता हे । माना जाता है सर्दी में शादी करने का मजा ही कुछ अलग होती है योन संबंध में लुफ्त ज्यादा होता हे ।

लेकिन ठंड की वजह से तपन और तानिया कंबल के अंदर थी जो दोनो निबस्त्र । तपन तानिया की जिस्म पर हर एक अंग को चूमना चाहता था लेकिन कंबल के अंदर मुस्किल होता है रोसनी पर तानिया की गोरी चिकनी त्वचा दिखाई जो नहीं पड़ती थी ।



तपन फिर भी तानिया की टांगो के बीच जीव से कामुक खेल की शुरुवात करता हे कंबल के अंदर ही । तानिया की हाथो पे रची महंगी उसकी चेहरे की चमकती हुई मेकअप की वज़ह से कुंवारी दुल्हन लग रही थी । खटिए पे काम सुख से सिसिया रही थी ।




Room 2


जिशु हर एक अंग चूमते हुए शीतल को नंगी कर देती है । शीतल कसमसाती हुई शर्म से अपने आपको कंबल में छुपाने की नाकाम कशिश करती हे । जिशु भी कंबल के अंदर नंगा था ।


जिशु शीतल की शर्माती हुई चेहरे को प्यार कर के बोला ,,, क्या तुम तैयार हो । अगर तुम्हे वक्त चाहिए तो हम जब तक चाहे रूक सकते हे ।

शीतल आज प्यार की प्यासी थी वो जिशू के आगोश में समा के बिन लफ्जों से ही बयां कर देती है दिल की बात ।




Room no 1


तपन और तानिया के बीच की रिश्ते में अब तक एक गेहरी रिश्ते बन चुका था । जो एक दूसरे से जिस्मानी होने एक शर्म मिट के एक समझ बनती है को एक दूसरे की भाव से ही समझ जाते थे की एक दूसरे को क्या चाहिए वो बंधन पहले ही बंध चुकी थी ।


कम्बल से बाहर सिर्फ दोनो के ही गर्दन निकले हुए थे । दोनो अब बस मिलन की आनंद उठाना चाहते थे ।


तपन तानिया की आखों में देखते हुए ,, बेबी आज हमारा सुहागरात हे कुछ नया होना चाहिए ना ,,

तानिया उसकी नाक में नाक रगड़ती हुई,, जानू नया करने को बचा ही क्या है अब अब तक हमने 156 बार कर चुके हे और तुमने हर पोजीशन में किया हे । कम्बल के अंदर और क्या नया करोगे । में खुश इस बात से की तुम रीति रिवाज से मेरे पति बन गए हो चाहे जो भी हो पति तो बन गए मेरे ,,

तपन उसकी कान फुसफुसाता है ,, एक जगह हे जो तूने मुझे अब तक छूने भी नहीं दी ,,

तानिया समझ जाती है उसकी होंठो पे मुस्कान आ जाती है ,, नहीं बाबा वाहा नेही ,,

तपन,, क्यूं आज ट्राय कर लो । और तुमने तो बताया था की वाहा पहले भी किया है,,

तानिया ,, उम्म्म तुम क्या चाहते हो सुबह अपने बेटे और तुम्हारे दोस्तो के सामने लंगड़ाती फिरू । क्या सोचेंगे मेरे बारे में मुझे शर्म नही आयेगी क्या ,,

तपन मजाक करते हुए ,, सुना है गाओ में अगर सुहागरात के दूसरे दिन लंगड़ा के ना चले तब दूल्हे कि बड़ी खिंचाई होती है । और में वो खिंचाई अपने दोस्तो से नही सुनना चाहता ,,

तानिया जूठी गुस्से से ,, तो अपने दोस्तों के आगे मर्दानगी दिखाने के लिए मेरे साथ ऐसा करोगे ,, फिर मजाक करते हुए ,, में भी जिशु बोल दूंगा फिर शीतल की हालत खराब करने के लिए,,

तपन हस पड़ता है ,, धेत्त । में तो मजाक कर रहा था । वैसे ऐसा हुआ तो में भी तुम्हे नहीं छोडूंगा खा जाऊंगा तुझे ।

तानिया उसकी गाल सेहलाके ,, मन कर रहा है क्या ,,

तपन शीर हिला कर ,, हम्म लेकिन तुम ना करो तो नही करूंगा ,,

तानिया ,, तुम्हे कैसे माना कर सकती हूं में । आज तो कतई नही । कुछ तेल जैसा कुछ चीज है ,,

तपन ,, हा विशु ने एक लुब्रिकेंट और चेतन ने कंडोम दिया था हम दोनो को ,,

तानिया मुस्कुराती है ,, बदमाश कहिका ये सब भी दिया है । अच्छा कंडोम से करना सही होगा आसानी होगी । तुम्हे बुरा तो नहीं लगा ,,

तपन ,, नहीं इसमें क्या बुरा लगेगा मेने भी अब तक कंडोम से ट्राई नहीं किया आज कर लेटे हे । ,,


तपन अपनी शेरवानी की जैप से लुब्रिकेंट की सीसी और कंडोम निकाल लेता हे ,,




Room no 2



जिशु शीतल को कंबल के अंदर निबस्त्र कर के हर एक अंग चूमने लगा था । शीतल आंखे बंद कर के बस जिशु को अपनी जिस्म को हर एक चुम्बन के साथ सोप दे रही थी । सुखद आनंद की आहे मुंह में दबा रही थी क्यू की उसे शर्म आ रही थी ।



जिशु उसकी चूत की भगनासा को जीव से भोग रहा था । जिशु मन में (क्या आंटी को भी मेरा चुसवा दूं । अरे नही वो शर्म के मारे मर जायेगी लेकिन उस दिन तो चूसा था । नहीं उस दिन नशे में थी आज की बात अलग है एक होश में और ऊपर से पति भी बन गया हू आज नही कर पाएगी )


जिशु उसकी चूत काफी देर तक चूसता है जिससे शीतल पानी छोड़ रही थी और आनंद में नई जगत की लुप्त हो जा रही थी । जिशु उसकी मोटी जांघो को चूमता हुए उसकी नाभी से खेलने के साथ उसकी मखमल पेट भी मसलते हुऐ चूम के शीतल को पूरी तरह से कामुत्तेजोक कर देता है । शीतल अपनी जिंदगी की अध्याय में पहली बार एक नई काम सुख की आनंद को महसूस कर रही थी एक गैर जो अब पति बन कर उसकी रोम रोम से जुड़ चुकी है ।


जिशु उसकी बड़ी आकर की चुचियों को मसल मसल के पीने लगती है । शीतल धीरे धीरे शर्म का परदा गिरा देती है और नशीली सुखमय कामुक नजरो से जिशु को देख रही थी लेकिन इस बार अपनी आह को खुल के निकलती है ।
Mast update
 
Top