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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Polakh555

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Jabardast update diya hai aapne. Dono ki suhagraat badi hot and erotic gayi hai. Par bki dono ka kab hoga
Ho raha he keep reading :thankyou: be along
 

Polakh555

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Update 45



Chetan's house




दीपाली बोर हो गई थी सालो से क्लिनिक चलाते चलाते बस पेसेंट के मुंह खोल के इंस्ट्रूमेंट डालो और चेक करो । कभी कभी सर्जरी करनी पड़ती थी उसे तब उसे उस काम में मजा आता था । लेकिन काफी दिनों से वो खुश नहीं थी वजह थी उसकी संसार में मूड भेद । मानसिक रूप तनाओं झेल रही थी जिसका असर धीरे धीरे उसकी दैहिक स्वस्थ पर रही थी । पिछले दो सालो से वो अपनी संसार को मुकम्मल करने की कशिश कर रही थी लेकिन बेचारी की किस्मत ही फूटी थी । कुटुम्ब की मर्यादा के अनुसार धर्मानुष्ठान करते हुए ईश्वर भक्त बनी हुई थी आस्था मन में ले के की एक दिन सब ठीक हो जायेगा । लेकिन वो दिन सायेद ही कभी देख पाए । उसकी
वामांग बिखर रही थी दिन प्रतिदिन कुट्ठी ढीली हो रही थी ।





चेतन 4 बजे कॉलेज से लौट आता हे । नीचे की मंजिल में एक बड़ा सा किचन था एक डाइनिंग हॉल साथ में ड्रॉइंग रूम या कह सकते हे बड़ा हॉल था TV के साथ और कोने में एक स्टोर रूम । वो थकान से बिंदास सोफे पे लेट जाता हे बेग वोही जमीन पे फेक देता हे ।


उसके घर में नौकरी करने वाला एक काका उसका बेग उठता हे और बोलता हे ,, चेतन बेटा बेग क्यूं फेक देते हो इसमें किताबे है ऐसा अपमान नही करते बेटा,,


चेतन आज 4 सेमिस्टर का फाइनल एग्जाम दे के आ रहा था । थोड़ा टेंस था लेकिन वो सबका इत्ज्जत करता था ,, काका क्या करू आदत बन गई हे अब तो । आप जा के मेरे रूम में रख दो ,,

चेतन का रूम ऊपर था पहली मंजिल पे जहा चार बेडरूम और उसके ऊपर खुली चट्ट । काका उसके बेग को सोफे पे रख कर बोला ,, बेटा में बाद में रख दूंगा पहले तुम खाना खा लो । फ्रेश हो जाओ में खाना लगा देता हूं ।


तभी ऊपर से चीज़े तोड़ फोड़ करने की और दो आवाज जो गुस्से में चिल्ला चिल्ला के बात कर रहे थे वो सुनाई देता है नीचे तक या ये कहे की पूरे घर में गूंज उठता है ।






चेतन का मन उदास हो जाता हे ,, आज भी ,,

काका बस नजरे झुकाए शीर हा में हिला देता है ।

चेतन उठ खड़ा होता है ,, कब से ,,

काका ,, बस मालकिन जब से आए है क्लिनिक से ,,

चेतन ऊपर कमरे की तरह जाने लगता है तभी पीछे से काका उसे रोक देता है ,, बेटा रहने दे कोई फायदा नेहि आग में घी डालने जैसा होगा ,,


चेतन ,, नहीं पानी शीर से ऊपर उठ चुका है ,,चेतन ऊपर जाने लगता है ।

पीछे से काका बोलते रह जाता है बस ,, नही बेटा रहने दे समय ठीक नही चल रहा है ,,


लेकिन चेतन नहीं सुनने वाला था आज । हमेशा से अपने काका की बाते सुनते आए है पर आज नेहा । उस घर काका भले ही एक नौकर था लेकिन घर का एक सदस्य बन गया था उसकी इतज्जत बड़े बुजुर्ग की तरह होती थी खास कर चेतन से । 15 साल से वो चेतन के घर में बबारजी से ले के साफ साफई करने तक सब कुछ करता था । चेतन को अपने बेटे जैसा मानता था हर छोटी बड़ी फ़िक्र काका ध्यान रखता था उसका । काका बोहोत गरीब था अघरी था उसके परिवार के नाम पर चेतन की परिवार ही थे । सालो पहले उसकी बीवी डेंगू से गुजर गई थी गांव में और फिर उसने दुसरी कभी शादी नही की । चेतन उसे दूसरी शादी को ले के मजाक किया करता था और काका उसे मजाक में दांत देता था ।




चेतन सीधा अपने मम्मी पापा की बेडरूम में जाता है । चेतन को देख कर दीपाली और राघव चेतन को घूरने लगते हे दोनो चुप हो जाते है । कमरे पे टूटे चीज़ों की टुकड़े पड़े थे चेतन संभाल कर कदम रखते हुए अंदर पोहोच जाता हे हर तरफ बिखरे समान को देख चेतन का शर सकरा जाता हे । आज तक वो वजह नही मालूम किया की किस वजह से उसके मम्मी पापा इतना लड़ाई जगड़ा करता रहता है । वो सोचता था कोई निजी मामला होगा उसे बीच में आने से उसके मम्मी पापा शर्मिंदा हो जायेगा । पति पत्नी तो लड़ते ही है तो उसमे बेटे का भूमिका है । लेकिन आज चेतन की सेहन शक्ति जवाब दे चुका था ।







अन्य दिन चेतन जब बीच में आ जाता है तो दोनो चुप हो जाते हे लेकिन आज की लड़ाई में कोई भी पक्ष चुप नही बैठने वाला था । और आज चेतन भी पंचायत बैठना चाहता था ।


चेतन ,, आप दोनो कब बंद करेंगे ये हरकत । थोरी भी शर्म नही आती आप दोनो को इतने वेल एजुकेटेड लोग हो कर भी लड़ाई करते रहते हो ,,



रतन ,, बेटा मुझे भी कोई चौक नहीं है लड़ाई जगरे करने की लेकिन तेरी मम्मी ही बेतुकी बातो को लेकर जगरा करती रहती है ,,


दीपाली गुस्से में चिल्लाती है ,, चुप कमीने । में करती हु ना तू करता है ,,

चेतन इतनी निज संबंधित सुन के शर्म से हाय हाय हो जाता हे । कभी सोचा नहीं था उसकी मम्मी ऐसी तू तराक करेगी अपने पति के साथ और कमीना हरामी शब्द से गाली देगी । लेकिन चेतन अगले ही पल मे अपने पापा की असली चेहरा देख पाता है जो एक भद्र सज्जन था एक स्कूल के हेडमास्टर था ।


रतन ,, साली कामिनी हरामजादी मुंह मत खुलवा ,, (चेतन से) बेटा तुझे नहीं पाता तेरी मम्मी क्या क्या गुल खिलाती है बाहर । डॉक्टर नवीन के साथ इसकी अफेयर चल रहा है । सुना बेटा, ,,


दीपाली तुरंत ही पलटवार करती है ,,, गंदी नाली के कीड़े गंदी सोच रखने वाले गवार कितनी बार कहा हे की वो बस मेरा दोस्त है । (चेतन से) सुन बेटा ऐसा कुछ नही है । में दिखाती हूं तेरे बाप का असली चेहरा ।


दीपाली अपने मोबाइल पर कुछ फोटोज दिखाने लगती हे चेतन को ,, देख बेटा तेरे बाप की करतूत । ये हैं तेरा महान बाप ये सब करता है बाहर और बच्चो को यही शिक्षा देता हे स्कूल में । देख अच्छे से देख ।,,


उन फोटोज में रतन भार्गव किसी पराई औरत को बाहों में ले के किसी पार्क में बैठा हे । फोटोज में साफ दिखाई दे रहा था उसके पापा सच में उसकी मम्मी को धोखा दे रहा है । उसने अपनी दिव्य शक्ति से पाता किया की फोटोज एडिटिंग तो नही है । लेकिन फोटोज असली थे ।



चेतन अपनी पापा की तरफ देखता हे । रतन ना में शीर हिलाने लगता हे ,, नहीं बेटा ये फोटोज असली नहीं है । तेरी मम्मी ने ये सब साजिज रचा हे ताकि मेझे रास्ते से हटा के अपनी आशिक के साथ इंजॉय कर सके ,,,


चेतन गुस्से में चिल्लाता है ,,, बस करो पापा । ये फोटोज असली हे मुझे पता हे । जूठ मत बोलो ,,


रतन निरुत्तर हो जाता हे लेकिन उसका दाओ था की में अकेला क्यूं कालीचरण बनूं ,,, बेटा तेरी मम्मी भी तो उस नवीन के साथ इंजॉय करती हे उसका क्या । ,,


दीपाली ,,, कुत्ते हरामी । खुद बाहर मुंह मारते हो और मुझे भी बदनाम करते हो मेरे बेटे के सामने । अगर ऐसा हे तो प्रूफ दिखाओ । हे तेरे पास कोई प्रूफ । हा हे तेरे पास कोई प्रूफ बताओ है कोई प्रूफ । धोखेवाज इंसान ,,



रतन को अपनी चोरी पकड़े जाने पर बेटे के सामने शर्मिंदा हो जाता है और अपनी बीवी पर उतना ही ज्यादा गुस्सा आता है और दीपाली की कलाई पकड़ कर जोर आजमाता है । चेतन अपने बाप को रोकने ही वाला था की दीपाली उसे धक्का दे के पीछे धकेल देती है । रतन लंबे काठ के थे लेकिन दुबले पतले थे और दीपाली खाती पीती हेल्थी हट्टी कट्टी थी औरत होते हुए भी काफी बलशाली थी खुद भी डॉक्टर थी तो खुद को सहेदमंद रखने का नुस्खा जानती थी हालाकि की पिछले कोई दिनों से ठीक से रूटीन फॉलो नहीं करती थी पर फिर भी अपने पति की सामना करने मे सक्षम थी ।



रतन को बोहोत ज्यादा गुस्सा आता है और बोलता है ,,, निकल जा मेरे घर से साली हरामजादी ,,,


चेतन कुछ बोलने वाला था लेकिन उसकी आवाज दब जाता है ।

दीपाली ,, तू जा वे । ये घर मेरे पैसे से खरीदी हुई है ये जमीन मेरी है तूने तो अपनी तंखा बाहर वाली की ब्रा पैंटी पर उड़ा देता है । और वैसे भी तुझ से दुगना में कमाती हूं । ये जो लग्जरी लाइफ जी रहा है ना सब मेरी कमाई हे ,,


रतन अपनी बे-इतज्जती सेहन नही होता है और दीपाली के गाल पर तमाचा मार देता है ,, हा कमाई तो दुगनी होगी ही धंधा जो कर रखी है ,,

दीपाली उसके गिरेबान पकड़ कर थप्पड़ बरसाने लगता हे । जुबान की लड़ाई अब हटापाई पर उतर आता है । चेतन दोनों के बीच जा के लड़ाई रुकवाता हे ।


चेतन ,, बस बोहोत हो गया अब । प्लीज लड़ना बंद करो ,,


रतन अपनी बीवी को उंगली दिखा के बोलता है ,, जा रहा हूं में कभी तेरी सकल नही दिखाना मुझे । और हा डाइवोर्स पेपर भेज दूंगा । (चेतन से) बेटा में जल्दी ही तुझे मेरे अपने घर लेने आऊंगा अपना ध्यान रखना बेटा ,,



रतन कमरे से बाहर निकल जाता है । दीपाली उसको जाते जाते सुनाती है ,, अबे जा जा बड़े आए तेरे जैसे । तू क्या डाइवोर्स पेपर भेजेगा उससे पहले में भेजती हूं ,,




दीपाली अपने बेटे के पास जाती है और प्यार से उसके गाल पे हाथ रखना चाहती हे मगर चेतन पीछे हो जाता है ।


चेतन ,,, मत छुओ मुझे । आज से में आप दोनो के साथ कभी नही रहूंगा ,,


चेतन कमरे से निकल जाता है । दीपाली तड़पती हुई उसके पीछे जाती हे ,,, नही बेटा सुनो तो । बेटा सुनो मेरी बात । चेतन चेतन प्लीज मेरी बात सुनो ,,,



लेकिन चेतन एक नही सुनता अपनी मम्मी कि और अपना बाइक ले के घर से भाग जाता है । दीपाली उसे लाख कशिश के बावजूद रोक नही पाती और भागती हुई घर में जाती है ,,, भैया भैया कहा हो ,,




काका किचन से दौर कर आता है ,, क्या हुआ मालकिन ,,

दीपाली परेशान हो कर ,, चेतन कहा गया देखो तो जरा ,,

काका ,, मालकिन आप परेशान मत होइए वो किसी दोस्त के घर ही जायेगा । आप थोड़ी देर बाद उसके दोस्त के घर फोन लगाना देखना वो वोही होगा ,,

दीपाली ,, लेकिन भैया ,,


काका ,, मालकिन शिंता मत करो वो दोस्त के घर ही जायेगा ,,


दीपाली परेशान हो कर अपने कमरे की तरफ जाती है । वो जानती थी उसका बेटा अपने तीन दोस्तो के घर ही जायेगा लेकिन फिर भी पेट का बच्चा था फिक्र तो होगी ही ।
 
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