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Thanx a lot & be alongNice update
Thanx a lot & be alongNice update
Thanx a lot & be alongNice update
Thanx a lot & be alongMast update
Nice updateUpdate 47
दो दिन बाद चारो का 4th सेमिस्टर के फाइनल एग्जाम खतम हो जाता है । और फिर चारो बिंदास हो जाता है एक महीने के लिए जब तक 5th SEM शुरू नहीं होते । लेकिन चारो बिंदास कहा रह पाता है । डॉक्टर नवीन जो गवर्मेंट हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर था वो सस्पेक्ट बन जाता है चारो के नजर में । और दिन रात नवीन की हर एक हरकत पे नज़र रखने लगता है । उसके फोन और लैपटॉप भी चुरा के सारा डाटा ट्रांसफर कर लेते है और बापच नवीन को बिना पता चले फोन और लैपटॉप रख देते है जहा से उठाया था । चारो जैसे डिटेक्टिव बन जाते है और चारो के पास तो आलौकिक शक्ति तो थे ही जिससे उन लोगो को काम में काफी हेल्प हो जाती हे ।
चेतन अभी भी तपन के घर रह रहा था । दीपाली को शीतल से उसी दिन की रात से पता चल गई थी की चेतन उसके घर में है तो वो थोड़ी शांति महसूस करती है लेकिन परेशान इस बात से थी की चेतन अब उससे बात नही करता है ।
रतन चेतन को एक दिन लेने भी आ गए थे लेकिन चेतन ने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया था । रतन उसे लूभा रहा था कि वो उसे बेहतर भविष्य बना के देगा वो देगा ये देगा लेकिन चेतन को अपनी बात पे हिला नहीं पाया । चेतन को कही न कही अपने बाप से नफरत होने लगा था और अपने मम्मी से भी नाराज था ।
Play Ground
तपन , विशु और चेतन तीनों जिशू का इंतजार कर रहा था । चेतन बोहोत बेकरार था अपनी मम्मी और डॉक्टर नवीन मैसेजेस लिस्ट को देखने का और वो काम जिशू कर रहा था ।
अब तक चारो को पाता चल चुका थी दीपाली डॉक्टर नवीन को पिछले सात साल से जानती है । जब दीपाली को अपने पेसेंट की मेजर डेंटल सर्जरी करनी पड़ती तो उसी हॉस्पिटल में करती है जिस हॉस्पिटल में डॉक्टर नवीन एनेस्थेसियोलोजी स्पेशलिस्ट था । और उसकी मदद हर सर्जरी में लेती थी दीपाली तभी से दोनो अच्छे दोस्त है ।
कुछ इंतजार के बाद जिशु प्रकट हो जाता है ।और अपना मोबाइल चेतन को दे के ,, ये ले इसकी हिस्टरी निकल इस चाट पर हे । ,,
चारो दो घंटे तक चाट को चेक करता है । जिससे से काफी कुछ सामने आ रहा था ।
जिशु ,,, यार पूरी चाट पड़ने में तो दो दिन लग जायेंगे ,,
चेतन मोबाइल के छू कर पहले ही अपने दिमाग में रट्टा मार चुका था ,,, पर मैने तो पास मिनट में पढ़ लिया ,,
जिशू ,, तो बता ना क्या क्या चैटिंग हुई है ,,
चेतन ,, मम्मी का अफेयर नहीं हे । पर ,,
विशू ,, पर क्या ?,,
चेतन ,, डॉक्टर नवीन मम्मी को लाइक करता है ।और अब तक मम्मी को दो बार प्रपोज कर चुका है ,,
तीनो एक साथ ,, क्या,,
चेतन ,, पर मम्मी की जवाब कुछ अलग है ,,
तपन ,, क्या घुमा फिरा के बात कर रहा है सिधा सिधा बोल ना ,,
चेतन ,, मम्मी भी लाइक करती है मगर उसने बोला हे की उसके साथ दोस्ती के सिवा और कोई रिश्ता नहीं रख सकती है।,,
विशू ,, ये होती है सती सावित्री ,,
जिशू ,, तू हमारी तरफ देख के क्यूं बोल रहा है ,,
विशु ,, तो किस तरफ देखू तुम लोगो से बात कर रहा हूं तो तुम लोगो की तरफ ही देखूंगा ना ,,
तपन ,, यार आज काल तुम दोनो भी लड़ने लगे । बस कर ना यार और विशु तू हर बात पे ताना मत मार ,,
विशु मुंह फेर लेता है ।
चेतन ,, अब क्या करे ,,
तपन ,, एक सलाह मानेगा मेरा ,,
चेतन ,, क्या बोल ,,
तपन ,, घर से जा अपनी मम्मी से बात कर शांति से । वो काफी दुखी होगी कोई दिन से तू घर नहीं गया हे अपने बाप के साथ नहीं जाना तो मत जा अपने घर ही जा मम्मी मम्मी होती है यार । तू खमखा उसे दुख देख दे रहा है । मम्मी बता रही थी कि दीपाली आंटी ने एक हफ्ते से क्लिनिक भी नही खुला है । सोच जारा वो कितनी दुखी होगी तूने एक बार भी फोन नही उठाया उसका ,,
विशू ,, हा तपन सही कह रहा है । देख उन लोगो का भी अपनी अपनी जिंदगी है । दोनो में जितनी भी लड़ाई हुई हो लेकिन तेरे पापा तुझ से प्यार करता हे और तेरी मम्मी भी यार । ऐसे घर से भाग के रहना सही बात नही हे । हम तेरे भले के लिए ही कह रहे हे ।
चेतन ,, कही तुम लोगो के ऊपर बोझ नही बन गया हूं में ,,
तपन ,, कर दी गैरो वाली बात । आखिर की ही दिया ,,
चेतन हास कर ,, अरे भाई दिल पे क्यू लेते हो में तो बस मजाक कर रहा था यार ,,
जिशु,,, अच्छा हे मजाक किया तूने पिछले एक हफ्ते से तेरे चेहरे पे मुस्कान देखा तक नहीं था । अब देख लिया अब अच्छा लगा ,,,
चारो गले मिलते हे । चाहे जो भी चारो की दोस्ती में जो प्यार था जो एक दूसरे को समझने की उपदान था सायेद ही किसी दोस्ती में ऐसा प्यार ऐसा समझ था । चारो लड़ते भी थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते भी थे ।
Nice update BhaiUpdate 41
Vivah sampanya
इस बार भी फिर एक बाप को मामू बनाना था । और इस बार भी चार बाप आसानी से मामू बन गए । चारो ने ऐसा मामू बनाए अपनी उम्र की तजुर्बे से मात खा गए । अपने अपने कमीने बेटों चाल में फांस गए थे ।
लेकिन इस बार चार बाप के साथ दो और औरतों को भी बेवकूफ बनवाना था और वो दो थी दीपाली और तराली । जिनको फसाने में तानिया और शीतल की दिमाग लगी ।
तराली और दीपाली की एक कमजोरी थी और वो थी और वो थी दोनो की मासिक धर्म यानी की माहवारी । इस जानकारी को औरते एक दूसरे के बारे में साझा करना एक प्रथा थी । जो हर महीने 25 या 26 तारीख को शुरू होती थी दोनो को ही एक साथ ।
और इन लोगो ने घर पे ये बोला की शहर के बाहर एक मंदिर में बोहोत बड़ी हुम योग्य पूजा होने वाली हे और उस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों की दुयाय पूरी होती है । ऐसे में पवित्र पूजा में तराली और दीपाली अपनी मासिक अवस्था में कैसे जा सकती है सदियों की प्रथा के अनुसार दोनो ने जाने से माना कर दिया । और ये लोग वोही चाहते थे ।
नवंबर महीने के 26 तारीख छे छे निकल पड़े मकसद को अंजाम देने । एक पहाड़ी इलाके के छोटे से गांव में सारा कुछ प्रबंध किया था विशू और चेतन ने । और एक जुबान के पक्के पंडित को मोटी हरी पत्ती खिला के शादी का रसम पूरा करते है ।
Water over house
समय शाम के 7 बजे ।
गांव के जंगल में एक मुचवारे की लकड़ी के घर को किराए पे ले के साफ सफाई करवा के शुगहरात के लिए सजा दिया था । झोपड़ी में सिर्फ दो रूम थे जहा दिवारे भी लड़की के फर्श और चट्ट भी लड़की के बना हुआ था ।
विशू,, ओक तो आज से तुम दोनो की नई जिंदगी के लिए मुबारक हो । सब काम निपटा दिया हे तुम दोनो की दुल्हनिया अंदर दोनो एक एक कमरे में इंतजार कर रही है । अब हम दोनो विदा लेते हे ,,
जिशु,, तुम लोग कहा जा रहे हो ,,
चेतन,, मित्र क्या हैं की हमें ऐसी वैसी फिल्म देखने का कोई शोक नहीं हे ।
चेतन के मजाक में तीनों बस हास पड़ते हे ।
विशु,, ओके हम पास ही के लॉज में रहेंगे । कुछ भी जरूरत हो तो बता देना ,,
विशू और चेतन गाड़ी ले के निकल जाते हे ।
पहाड़ी की जंगल में सुहागरात एक रोमाचिक महसूस करवाने वाला खुशनुमा एक रंगीन रात होने वाली थी ।
जिशु,, ठंड बोहोत है यहां तो । चारो तरह जंगल ही जंगल कोई जंगली जानवर ना आ जाए ,,
तपन,, आ भी जाय तो घर पर चढ़ नहीं पाएंगे बोहोत ऊंची बेस है । ,,
दोनो के दिल में एक नया एहसास था एक शर्म थी जो बयान करने पर कटरा रहे थे । दोनो बिन कहे ही घर की तरफ बढ़ चले । और दरवाजे पे रुक के एक दूसरे को शुभकामनाए दे के अंदर घुसते है दोनो ही शेरवानी से अपने अपने जैकेट उतार के टांग देता है ।
Room no 1
तानिया फूलो से सजी छोटे से कमरे में चोटी सी फूलो से सांझा खटिया में सॉल ओढ़ के बैठी थी
। जैसे ही तपन की तरफ देखा उसने आंख मार दी तपन की मुस्कान निकल गया । तपन गंभीर कदमों के साथ उसके पास बैठ गया । दोनो ही एक दुसरे की आंखो में खो गए । शुरुवात आखों से करने की ठान ली हो ।
Room no 2
शीतल के लिए सब कुछ नया जैसा था । जिशु के साथ शर्म की बांध अभी तक टूटी नहीं थी उसकी अब तक मर्तबे में जिशू के साथ कोई खास जिस्मानी हुई नही थी और आज की सुहागरात पर वो बुरी तरह शर्म से पानी पानी होने वाली थी ।
जिशू उसके पास जा के प्यार से बैठ जाता है और सबसे पहले नजाकत से घुंगत उठा देता हे । शीतल एक नजर ऊपर कर के जिशू को शर्मीली मुस्कान दे के नजरे नीची कर लेती है
।
Room no 1
तपन ,, वाओ बेबी आज तो कहर डालने वाली हो मेरे ऊपर तुम ,,
तानिया,, पहले मुंह दिखाई ,,
तपन हस के जैप से एक चमकती हुई नाग मनी निकल के दिया । तानिया खुशी से झूम उठी ।
तानिया,, वाओ जानू कहा मिला इतनी दुर्लभ चीज । इतने महंगे कैसे लाएं ,,
तपन,, नही ज्यादा महंगा नहीं है यहां सस्ता ही मिला,,
तानिया नखरा दिखाती हुई ,, तो तुम सस्ते चीज दे के मेरो कीमती चीज लूटना चाहते हो ,,
तपन उसे बाहों में भर लेता है और मर्दानगी अंदाज में उसकी गेहने उतरने लगता है ,, सात बच्चन के साथ तुम्हे जेवरात से तोल भी दूंगा एक दिन बस कुछ समय दो अपने पेड़ो पे खड़े होने का ,,
तानिया उसे गले से लगा के बोली ,, इसकी मोह नही मुझे । बस बाकी की जिंदगी तुम्हारे बाहों में गुजर चकु मेरी ख्वाइश है ,,
तपन ,, मेरी पहनाई हुई मंगलसूत्र और मेरी भरी हुई मांग की सिन्दूर में बोहोत खूबसूरत लग रही हो पहले से ज्यादा निखार और मेहेक रही हो । आज बर्दास्त कर लेना में आज लावा बनने वाला हूं ।,,
तानिया बस मुस्कुराती है वो समझ गई थी आज की सुहागरात कुछ खास होने वाला है ।और दोनो में नई जिंदगी की ख्वाइसो पर चर्चित करने लग जाते है
Room no 2
जिशु उपहार के तोर पर एक कमर बेंड भेत करता है । शीतल शर्माती हुई गिफ्ट को साइड पर रख कर ,, शुक्रिया आपका ,, और केसर वाला दूध आगे कर देती है ।
जिशू दूध ले के एक सांस में पूरा ग्लास पी जाता है । शीतल मुंह दबा के मुस्कुराने लगती है ।
जिशू ग्लास टेबल पर रख कर ,, वो सुबह से उपवास में था ना तो । और बोहोत स्वादिश था ,,
शीतल फिक्र जाता कर ,, रुको में खाना लाती हूं बाहर कुछ खाना रखा है,,
जिशू बिस्तर पर लेट जाता हे और शीतल को छाती पर गिरा लेता है । शीतल की चूड़ियां खनखन गूंज उठती हे और जिस्म पर एक रोमांचित एहसास रोम रोम में महसूस होती है लेकिन उसकी शर्म और भी बढ़ जाती हे ।
जिशू,, पंडित जी ने कहा है जब सुहागरात की रसम पूरा हो जाए तो पहले अपनी पत्नी को खिलाना फिर खुद खा लेंना,,
शीतल शर्मा के बोलती है ,, आप ने गलत सुना हे । ये बात मेरे लिए थी पत्नी पहले पति को खिलाती है फिर खुद ,,
जिशू,, मगर मेरी दुनिया में पहले आप । और ये क्या आप मुझे आप क्यू बोल रही हे । ,,
शीतल,, क्यू की रिश्ते मे तो आप बड़े हे ,,
जिशू,, नहीं में चाहता हूं हम दोनों जब भी बात करे एक समान हो कर बात करे इसलिए नो आप ठीक है ,,
शीतल उसकी छाती पे मुंह छुपा लेती हे ,,ठीक है तुम भी नो आप,,
दोनो में नई जिंदगी की बाते शुरू हो जाती है ।
Mast update BhaiUpdate 42
Wedding night
वेसे तो जिन्होनें मना ली है वो इसका उत्तर अधिक अच्छे से दे पायंगे, फिर भी यदि इसका शाब्दिक अर्थ भी करे तो
सुहाग+रात
सुहाग का एक अर्थ सौभाग्य भी होता है। तो नव दंपति को उनके सौभाग्य से यह रात प्राप्त होती है। तो यह उनके लिए सौभाग्य की रात भी है।
दूसरा इसे पत्नी के दृष्टिकोण से देंखे तो क्योकि कन्या पहली बार सुहागन बनती है इसलिए उसकी पहली रात उसके पति यानी उसके सुहाग के साथ होती है। तो उसके सुहाग के साथ उसकी पहली रात होती है।
ओर भी अनेक कारण हो सकते है, जिस कारण हमारे पूर्वजों ने इसे सुहागरात नाम दिया।
सुहागरात एक दूसरे को समझने की रात होती हैं, एक दूसरे को मन से अपनाने की रात होती हैं, एक दूसरे को ये एहसास करवाने की रात होती हैं की अब आप में और उन में कोई फर्क नहीं हैं। लेकिन दोनों जोड़े की रिश्ते कुछ अलग प्रकार के थे ।
Room no 1
तपन तानिया की जिस्म से हर एक गहने के साथ हर एक वस्त्र उतार देता हे । माना जाता है सर्दी में शादी करने का मजा ही कुछ अलग होती है योन संबंध में लुफ्त ज्यादा होता हे ।
लेकिन ठंड की वजह से तपन और तानिया कंबल के अंदर थी जो दोनो निबस्त्र । तपन तानिया की जिस्म पर हर एक अंग को चूमना चाहता था लेकिन कंबल के अंदर मुस्किल होता है रोसनी पर तानिया की गोरी चिकनी त्वचा दिखाई जो नहीं पड़ती थी ।
तपन फिर भी तानिया की टांगो के बीच जीव से कामुक खेल की शुरुवात करता हे कंबल के अंदर ही । तानिया की हाथो पे रची महंगी उसकी चेहरे की चमकती हुई मेकअप की वज़ह से कुंवारी दुल्हन लग रही थी । खटिए पे काम सुख से सिसिया रही थी ।
Room 2
जिशु हर एक अंग चूमते हुए शीतल को नंगी कर देती है । शीतल कसमसाती हुई शर्म से अपने आपको कंबल में छुपाने की नाकाम कशिश करती हे । जिशु भी कंबल के अंदर नंगा था ।
जिशु शीतल की शर्माती हुई चेहरे को प्यार कर के बोला ,,, क्या तुम तैयार हो । अगर तुम्हे वक्त चाहिए तो हम जब तक चाहे रूक सकते हे ।
शीतल आज प्यार की प्यासी थी वो जिशू के आगोश में समा के बिन लफ्जों से ही बयां कर देती है दिल की बात ।
Room no 1
तपन और तानिया के बीच की रिश्ते में अब तक एक गेहरी रिश्ते बन चुका था । जो एक दूसरे से जिस्मानी होने एक शर्म मिट के एक समझ बनती है को एक दूसरे की भाव से ही समझ जाते थे की एक दूसरे को क्या चाहिए वो बंधन पहले ही बंध चुकी थी ।
कम्बल से बाहर सिर्फ दोनो के ही गर्दन निकले हुए थे । दोनो अब बस मिलन की आनंद उठाना चाहते थे ।
तपन तानिया की आखों में देखते हुए ,, बेबी आज हमारा सुहागरात हे कुछ नया होना चाहिए ना ,,
तानिया उसकी नाक में नाक रगड़ती हुई,, जानू नया करने को बचा ही क्या है अब अब तक हमने 156 बार कर चुके हे और तुमने हर पोजीशन में किया हे । कम्बल के अंदर और क्या नया करोगे । में खुश इस बात से की तुम रीति रिवाज से मेरे पति बन गए हो चाहे जो भी हो पति तो बन गए मेरे ,,
तपन उसकी कान फुसफुसाता है ,, एक जगह हे जो तूने मुझे अब तक छूने भी नहीं दी ,,
तानिया समझ जाती है उसकी होंठो पे मुस्कान आ जाती है ,, नहीं बाबा वाहा नेही ,,
तपन,, क्यूं आज ट्राय कर लो । और तुमने तो बताया था की वाहा पहले भी किया है,,
तानिया ,, उम्म्म तुम क्या चाहते हो सुबह अपने बेटे और तुम्हारे दोस्तो के सामने लंगड़ाती फिरू । क्या सोचेंगे मेरे बारे में मुझे शर्म नही आयेगी क्या ,,
तपन मजाक करते हुए ,, सुना है गाओ में अगर सुहागरात के दूसरे दिन लंगड़ा के ना चले तब दूल्हे कि बड़ी खिंचाई होती है । और में वो खिंचाई अपने दोस्तो से नही सुनना चाहता ,,
तानिया जूठी गुस्से से ,, तो अपने दोस्तों के आगे मर्दानगी दिखाने के लिए मेरे साथ ऐसा करोगे ,, फिर मजाक करते हुए ,, में भी जिशु बोल दूंगा फिर शीतल की हालत खराब करने के लिए,,
तपन हस पड़ता है ,, धेत्त । में तो मजाक कर रहा था । वैसे ऐसा हुआ तो में भी तुम्हे नहीं छोडूंगा खा जाऊंगा तुझे ।
तानिया उसकी गाल सेहलाके ,, मन कर रहा है क्या ,,
तपन शीर हिला कर ,, हम्म लेकिन तुम ना करो तो नही करूंगा ,,
तानिया ,, तुम्हे कैसे माना कर सकती हूं में । आज तो कतई नही । कुछ तेल जैसा कुछ चीज है ,,
तपन ,, हा विशु ने एक लुब्रिकेंट और चेतन ने कंडोम दिया था हम दोनो को ,,
तानिया मुस्कुराती है ,, बदमाश कहिका ये सब भी दिया है । अच्छा कंडोम से करना सही होगा आसानी होगी । तुम्हे बुरा तो नहीं लगा ,,
तपन ,, नहीं इसमें क्या बुरा लगेगा मेने भी अब तक कंडोम से ट्राई नहीं किया आज कर लेटे हे । ,,
तपन अपनी शेरवानी की जैप से लुब्रिकेंट की सीसी और कंडोम निकाल लेता हे ,,
Room no 2
जिशु शीतल को कंबल के अंदर निबस्त्र कर के हर एक अंग चूमने लगा था । शीतल आंखे बंद कर के बस जिशु को अपनी जिस्म को हर एक चुम्बन के साथ सोप दे रही थी । सुखद आनंद की आहे मुंह में दबा रही थी क्यू की उसे शर्म आ रही थी ।
जिशु उसकी चूत की भगनासा को जीव से भोग रहा था । जिशु मन में (क्या आंटी को भी मेरा चुसवा दूं । अरे नही वो शर्म के मारे मर जायेगी लेकिन उस दिन तो चूसा था । नहीं उस दिन नशे में थी आज की बात अलग है एक होश में और ऊपर से पति भी बन गया हू आज नही कर पाएगी )
जिशु उसकी चूत काफी देर तक चूसता है जिससे शीतल पानी छोड़ रही थी और आनंद में नई जगत की लुप्त हो जा रही थी । जिशु उसकी मोटी जांघो को चूमता हुए उसकी नाभी से खेलने के साथ उसकी मखमल पेट भी मसलते हुऐ चूम के शीतल को पूरी तरह से कामुत्तेजोक कर देता है । शीतल अपनी जिंदगी की अध्याय में पहली बार एक नई काम सुख की आनंद को महसूस कर रही थी एक गैर जो अब पति बन कर उसकी रोम रोम से जुड़ चुकी है ।
जिशु उसकी बड़ी आकर की चुचियों को मसल मसल के पीने लगती है । शीतल धीरे धीरे शर्म का परदा गिरा देती है और नशीली सुखमय कामुक नजरो से जिशु को देख रही थी लेकिन इस बार अपनी आह को खुल के निकलती है ।
शानदार शब्द के साथ मजेदार अपडेटUpdate 47
दो दिन बाद चारो का 4th सेमिस्टर के फाइनल एग्जाम खतम हो जाता है । और फिर चारो बिंदास हो जाता है एक महीने के लिए जब तक 5th SEM शुरू नहीं होते । लेकिन चारो बिंदास कहा रह पाता है । डॉक्टर नवीन जो गवर्मेंट हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर था वो सस्पेक्ट बन जाता है चारो के नजर में । और दिन रात नवीन की हर एक हरकत पे नज़र रखने लगता है । उसके फोन और लैपटॉप भी चुरा के सारा डाटा ट्रांसफर कर लेते है और बापच नवीन को बिना पता चले फोन और लैपटॉप रख देते है जहा से उठाया था । चारो जैसे डिटेक्टिव बन जाते है और चारो के पास तो आलौकिक शक्ति तो थे ही जिससे उन लोगो को काम में काफी हेल्प हो जाती हे ।
चेतन अभी भी तपन के घर रह रहा था । दीपाली को शीतल से उसी दिन की रात से पता चल गई थी की चेतन उसके घर में है तो वो थोड़ी शांति महसूस करती है लेकिन परेशान इस बात से थी की चेतन अब उससे बात नही करता है ।
रतन चेतन को एक दिन लेने भी आ गए थे लेकिन चेतन ने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया था । रतन उसे लूभा रहा था कि वो उसे बेहतर भविष्य बना के देगा वो देगा ये देगा लेकिन चेतन को अपनी बात पे हिला नहीं पाया । चेतन को कही न कही अपने बाप से नफरत होने लगा था और अपने मम्मी से भी नाराज था ।
Play Ground
तपन , विशु और चेतन तीनों जिशू का इंतजार कर रहा था । चेतन बोहोत बेकरार था अपनी मम्मी और डॉक्टर नवीन मैसेजेस लिस्ट को देखने का और वो काम जिशू कर रहा था ।
अब तक चारो को पाता चल चुका थी दीपाली डॉक्टर नवीन को पिछले सात साल से जानती है । जब दीपाली को अपने पेसेंट की मेजर डेंटल सर्जरी करनी पड़ती तो उसी हॉस्पिटल में करती है जिस हॉस्पिटल में डॉक्टर नवीन एनेस्थेसियोलोजी स्पेशलिस्ट था । और उसकी मदद हर सर्जरी में लेती थी दीपाली तभी से दोनो अच्छे दोस्त है ।
कुछ इंतजार के बाद जिशु प्रकट हो जाता है ।और अपना मोबाइल चेतन को दे के ,, ये ले इसकी हिस्टरी निकल इस चाट पर हे । ,,
चारो दो घंटे तक चाट को चेक करता है । जिससे से काफी कुछ सामने आ रहा था ।
जिशु ,,, यार पूरी चाट पड़ने में तो दो दिन लग जायेंगे ,,
चेतन मोबाइल के छू कर पहले ही अपने दिमाग में रट्टा मार चुका था ,,, पर मैने तो पास मिनट में पढ़ लिया ,,
जिशू ,, तो बता ना क्या क्या चैटिंग हुई है ,,
चेतन ,, मम्मी का अफेयर नहीं हे । पर ,,
विशू ,, पर क्या ?,,
चेतन ,, डॉक्टर नवीन मम्मी को लाइक करता है ।और अब तक मम्मी को दो बार प्रपोज कर चुका है ,,
तीनो एक साथ ,, क्या,,
चेतन ,, पर मम्मी की जवाब कुछ अलग है ,,
तपन ,, क्या घुमा फिरा के बात कर रहा है सिधा सिधा बोल ना ,,
चेतन ,, मम्मी भी लाइक करती है मगर उसने बोला हे की उसके साथ दोस्ती के सिवा और कोई रिश्ता नहीं रख सकती है।,,
विशू ,, ये होती है सती सावित्री ,,
जिशू ,, तू हमारी तरफ देख के क्यूं बोल रहा है ,,
विशु ,, तो किस तरफ देखू तुम लोगो से बात कर रहा हूं तो तुम लोगो की तरफ ही देखूंगा ना ,,
तपन ,, यार आज काल तुम दोनो भी लड़ने लगे । बस कर ना यार और विशु तू हर बात पे ताना मत मार ,,
विशु मुंह फेर लेता है ।
चेतन ,, अब क्या करे ,,
तपन ,, एक सलाह मानेगा मेरा ,,
चेतन ,, क्या बोल ,,
तपन ,, घर से जा अपनी मम्मी से बात कर शांति से । वो काफी दुखी होगी कोई दिन से तू घर नहीं गया हे अपने बाप के साथ नहीं जाना तो मत जा अपने घर ही जा मम्मी मम्मी होती है यार । तू खमखा उसे दुख देख दे रहा है । मम्मी बता रही थी कि दीपाली आंटी ने एक हफ्ते से क्लिनिक भी नही खुला है । सोच जारा वो कितनी दुखी होगी तूने एक बार भी फोन नही उठाया उसका ,,
विशू ,, हा तपन सही कह रहा है । देख उन लोगो का भी अपनी अपनी जिंदगी है । दोनो में जितनी भी लड़ाई हुई हो लेकिन तेरे पापा तुझ से प्यार करता हे और तेरी मम्मी भी यार । ऐसे घर से भाग के रहना सही बात नही हे । हम तेरे भले के लिए ही कह रहे हे ।
चेतन ,, कही तुम लोगो के ऊपर बोझ नही बन गया हूं में ,,
तपन ,, कर दी गैरो वाली बात । आखिर की ही दिया ,,
चेतन हास कर ,, अरे भाई दिल पे क्यू लेते हो में तो बस मजाक कर रहा था यार ,,
जिशु,,, अच्छा हे मजाक किया तूने पिछले एक हफ्ते से तेरे चेहरे पे मुस्कान देखा तक नहीं था । अब देख लिया अब अच्छा लगा ,,,
चारो गले मिलते हे । चाहे जो भी चारो की दोस्ती में जो प्यार था जो एक दूसरे को समझने की उपदान था सायेद ही किसी दोस्ती में ऐसा प्यार ऐसा समझ था । चारो लड़ते भी थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते भी थे ।