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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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Raja maurya

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Update 43




Shuhagraat Kayem rahe




Room no 1




तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।

तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।


तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।


कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।



Room no 2


जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,


शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।


शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,



Room no 1




तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।


तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,


तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,

तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,

तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।




Room no 2


जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।



Room no 1



तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।



तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,

तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,

तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,


तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,

तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,


तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,


तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,


तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,


तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,




Room no 2


जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,

शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,


जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,

शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,


जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।


जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।


एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।






उस रात जिंदगी

मुझसे मुखातिब हुई

मुस्कराई करीब आई

बाँहों में जा समाई

हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई

जैसे कि हों एक जान

एक ही जिस्म भी!

गुजरती रात के साथ

हम इठलाते रहे

सहलाते-गुदगुदाते रहे

एक दूजे के / अपने ही से

जिस्मों को

साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन

हर अहसास से

मिलन का / दो से एक होने का

इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ

थिरकती रही जिस्मों पर ....

वक्त थमा नहीं

रात ढलती रही

देर किसी पहर

कौंधे किसी प्रश्न ने शायद

सहलाने, गुदगुदाने को

कुरेदने में बदला होगा

जिस्मों सी नजदीकी को

दिलों में ढूँढना चाहा होगा...

शायद

खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने

सहलाते, गुदगुदाते

....कुरेदते हुए जिस्मों को

जज्बातों को

अहसासों को

जख्मी कर डाला

जिस्मों पर

जज्बातों पर

गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से

सुबहे सेहतमंद होते रहे.

यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा

सुलगे हुए जज्बात

धुआं बन उड़ते रहे

नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे

सुबह

सलवटों से अटी

मसली हुई चादर पर

अनमने, अलहदा, खामोश,

....बेजान जिस्म

बीती रात की ‘रंगीनी’ के

राज खोल रहे थे!





हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया
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Raja maurya

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Update 44






Giant Forest



कालिकामुख,, हेती क्या क्या लगता है पहला अध्याय पूरी हुई की नहीं,,

हेती,, कलिकामुख पहला अध्याय पूरी हुई । इसका प्रमाण जिशू और तपन की नियति कह रहा है । ,,


प्रहेति,, और दोनो ने नियति को अपना भी लिया हे । इसका मतलब है की मक्खियां जैसे मिठाई के ऊपर भिन भिनाना नहीं छोड़ता थी उसी तरह दोनो मित्र भी अपनी अपनी मम्मियों की हुस्न की काम लीला से दूर नही रह पाया ,,


कुभीनशी,, तो क्या दूसरा अध्याय शुरू किया जाए । उसकी नियति लिखी जाए क्या ,,


वीरान जंगल में चार पेड़ और इंसान की मिश्रित रुप आकार के 50 फीट ऊंची ऊंची पेड़ जोड़ो से चलते हुए कथन कर रहे थे ।


हेती,, दूसरा अध्याय कौन लिखेगा ,,

प्रहेती,, इस बार बारी है कुभीनशी का ,,


कुभीनशी,, प्रस्सात है । मेरी मार्क अलग हे दूसरा अध्याय लिखा जायेगा मगर मेरी नजरिए से । मेरी रूसी तो जानते है ही हो तुम सब लोग ।


प्रहेति हस कर ,, पता हे राक्षस कुभीनशी पाता है तुम्हारी चाटन में किसी को दखल अंदाजी पसंद नही है । लेकिन आपकी अध्याय की रचनाएं बड़े उन्नत मान के होते हे दृश्य मनमोहक होते है मन केंद्रित हो जाते है ध्यान मग्न रचनाए होते है ।,,



कालिकामुख,, भाई मुझे तो अध्याय लिखते जमाना हो गए ।,,

प्रहेती,, क्यूं आप लिखना चाहते है क्या दूसरा अध्याय,,


कालीकामुख,,, इस्सा तो थी पर राक्षस जगत का असूल है हर कार्य क्रम अनुयाई होना चाहिए । में तीसरा अध्याय आन पड़ी तो उसपे मेरे कलम की चियाही होगी ,,



कुभीनशी,, शुर्किया कालिकामुख पर क्या वो अवसर आएगा तीसरी अध्याय की जरूरत होगी । पाता है ना मेरी अध्याय अंतिम और सतिक होती है ,,


कालिकामुख,,, मगर इस बार तीसरी अध्याय बनेगी । लिख के देता हूं में ,,


कुभीनशी,,, हां हां हां हां देखते है मेरी कलम क्या तीसरी अध्याय मांगती है की नहीं ।,,

हेती,, इसका अर्थ ये हुआ कि आपको अपने कलम पर भारशा नहीं है । आपकी कलम अंतिम बिंदु किस जगह पर दागेगी आपको नही पता क्या ,,

प्रहेती ,,, राक्षस हैती कुभीनशी के काबिलियत पर सन्देह मत करो याद है ना कुभीनशी का us कहानी की अंतिम अध्याय कितना प्रसलित हुआ था पूरा जंगल उत्सव मनाया था उसकी अंतिम अध्याय से प्रफुल्लित हो कर ,,,


हेती,, प्रहेति आप सायेद भूल रहे हे कुभीनशी का जुबान पत्थर की लकीर होती है ,,


कुभीनशी ,,,, अरे अरे राक्षस हेती , राक्षस प्रहेति आप दोनो तो बच्चो की लड़ पड़े । समय की नियति पर विश्वास रखिए उत्तर मिल जाएगा । चलिए थोड़ा विश्राम कर लीजिए ,,







A Memorable Morning


समय 10 बज कर 13 मिनट ।



विशू और चेतन झोपड़ी पर आता हे और दोनो कमरे के दरवाजे खटखटाता है लेकिन अंदर से कोई जवाब नही ।

विशू,, भाई इन लोगो की रात अभी हुई है लगता हे , ,

चेतन हस कर ,, भाई लगता है अभी अभी सोए है । देखो बरामदे में खाना वैसा का वैसा ही पड़ा है खाने का भी वक्त नहीं मिला होगा या सायेद भूल गए होंगे ,,

दोनों हंसने लगते है और दुबारा खटखटाटा हे

। दो मिनट बाद जिशू और तपन कंबल ओढ़े कमरे से बाहर निकलता है ।


जिशु ,, क्या है इतनी सुबह सुबह क्यू आए हो ,,

चेतन ,, वाह भाई वाह दोस्त से बात करने का क्या तरीका आ गया है वाह भाई वाह,,

तपन,, साले बकवास बन कर । बोल क्यू आया है ,,

विशू ,, 10 बज गए है । हम तो नौकर हे तुम लोगो का इसलिए पूछने आए हे नाश्ते में क्या खाओगे ,,



तभी दोनो धर्म पत्नी बिखरी हुई बाल बिखरी हुई मेकअप के साथ नाइटी डाल के सॉल ओढ के कमरे से बाहर आती है । विशू और चेतन दोनो को देख मुस्कुराने लग जाते ।


तानिया ,, ओए बदमाश क्यू हस रहा है ,,


चेतन मजाक में ,, भाभी यहां तो आप लोगो की ननंद हे नही तो हम ही ननंद बन कर पूछते है की सुहागरात किसी थी अच्छी गई या ,,,,


शीतल इधर उधर नीचे कुछ ढूंढने लगी । उसे देख कर तानिया बोली ,,, क्या ढूंढ रहे हो शीतल ,,

शीतल ,, झाड़ू ढूंढ रही हूं इन दोनो की मर्यादा याद दिला दू झाड़ू से,,

विशू ,, चेतन भाग बे ,,

विशु और चेतन रेलिंग से कूद जाता है और भागते हुए बोलता है ,, जब भूख लगे तब फोन कर देना एहसान फरामुस लोगो ,,,


शीतल और तानिया हसने लगती है । जब दोनो चले जाते हे तब दोनो की नजरे अपने अपने पति और बेटे के नजरो से मिलती है और दोनो शर्म से ।


जिशु और तपन एक दूसरे को कंधे उसका के पूछता है की क्या हुआ लेकिन दोनो ही नही जानते दोनो पत्नियां क्यू इस तरह से शर्मा के कमरे में भागी ।


जिशू ,, कैसा था एक्सपीरियंस,,

तपन ,, तू बता ,,

जिशू ,, पहले तू बता तेरे से पूछा हे मैने ,,

तपन ,, तुझे जवाब पता है ,,

जिशु ,, तो तुझे भी पता है मेरा जवाब,,

दोनों दो पल के लिए चुप हो जाते है ।

तपन कुछ बोलने के लिए मुंह खुलता है लेकिन फिर चुप रह जाता हे ।

जिशु ,, शर्मा क्यू रहा है बोल ना ,,

तपन उसके कान में ,, क्या तूने पीछे से किया ,,

जिशू ,, देत नहीं ,,

तपन चुप हो जाता है उसे लगता है गलत सवाल पूछ लिया ।

जिशू ,, तूने किया ,,

तपन ,, हम्म,,

जिशू ,, हरामी मेरी मम्मी को तकलीफ दी ,,

तपन ,, तुने भी तो दी हे ,,

जिशू ,, ऐसा कुछ नही है उनको मजा आया था ,,

तपन ,, तानिया को भी मजा आया था ,,

जिशु ,, तू नाम से बुलाता हे साले ,,

तपन ,, उसने ही बुलाने को कहा हे । रात को मैंने भी सुना हे मम्मी ने तुझे भी तुम और नाम से बुलाने को कहा है तुझे । अपनी गिरेबान में झांक कर देख । अब शर्म छोड़ो और सत्य को अपनाओ ,,

तपन हाथ आगे कर देता हे जिशु दो पल सोच के मुस्कुराते हुए उससे हाथ मिला देता है ,, छोड़ दिया ,,


दोनो बापच कमरे में घुसते है ।



Room no 1


तानिया दूसरे कमरे में सुनाते हुए ,, तुम दोनो जाओ हमारे लिए पानी गर्म कर दो ,,


तपन तानिया को बाहों में भर कर ,, इतनी जल्दी क्या हे ,,

तानिया ,, हटो अभी नही दिन निकल आया है ,,



Room no 2


जिशू अपनी धर्म पत्नी को कपड़े और बिखरे समान समतने से रोक देते हे और बाहों में भर लेता है ।


शीतल शर्माती हुई ,, ची अभी नही । ,,






और कुछी देर में दोनो कमरे से आईईईई आह्ह्ह्ह्ह आंचच्चच्च्छ आवाज गूंज उठती है । माहोल फिर एक बार गरम हो जाता है ।
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Raja maurya

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Update 45



Chetan's house




दीपाली बोर हो गई थी सालो से क्लिनिक चलाते चलाते बस पेसेंट के मुंह खोल के इंस्ट्रूमेंट डालो और चेक करो । कभी कभी सर्जरी करनी पड़ती थी उसे तब उसे उस काम में मजा आता था । लेकिन काफी दिनों से वो खुश नहीं थी वजह थी उसकी संसार में मूड भेद । मानसिक रूप तनाओं झेल रही थी जिसका असर धीरे धीरे उसकी दैहिक स्वस्थ पर रही थी । पिछले दो सालो से वो अपनी संसार को मुकम्मल करने की कशिश कर रही थी लेकिन बेचारी की किस्मत ही फूटी थी । कुटुम्ब की मर्यादा के अनुसार धर्मानुष्ठान करते हुए ईश्वर भक्त बनी हुई थी आस्था मन में ले के की एक दिन सब ठीक हो जायेगा । लेकिन वो दिन सायेद ही कभी देख पाए । उसकी
वामांग बिखर रही थी दिन प्रतिदिन कुट्ठी ढीली हो रही थी ।





चेतन 4 बजे कॉलेज से लौट आता हे । नीचे की मंजिल में एक बड़ा सा किचन था एक डाइनिंग हॉल साथ में ड्रॉइंग रूम या कह सकते हे बड़ा हॉल था TV के साथ और कोने में एक स्टोर रूम । वो थकान से बिंदास सोफे पे लेट जाता हे बेग वोही जमीन पे फेक देता हे ।


उसके घर में नौकरी करने वाला एक काका उसका बेग उठता हे और बोलता हे ,, चेतन बेटा बेग क्यूं फेक देते हो इसमें किताबे है ऐसा अपमान नही करते बेटा,,


चेतन आज 4 सेमिस्टर का फाइनल एग्जाम दे के आ रहा था । थोड़ा टेंस था लेकिन वो सबका इत्ज्जत करता था ,, काका क्या करू आदत बन गई हे अब तो । आप जा के मेरे रूम में रख दो ,,

चेतन का रूम ऊपर था पहली मंजिल पे जहा चार बेडरूम और उसके ऊपर खुली चट्ट । काका उसके बेग को सोफे पे रख कर बोला ,, बेटा में बाद में रख दूंगा पहले तुम खाना खा लो । फ्रेश हो जाओ में खाना लगा देता हूं ।


तभी ऊपर से चीज़े तोड़ फोड़ करने की और दो आवाज जो गुस्से में चिल्ला चिल्ला के बात कर रहे थे वो सुनाई देता है नीचे तक या ये कहे की पूरे घर में गूंज उठता है ।






चेतन का मन उदास हो जाता हे ,, आज भी ,,

काका बस नजरे झुकाए शीर हा में हिला देता है ।

चेतन उठ खड़ा होता है ,, कब से ,,

काका ,, बस मालकिन जब से आए है क्लिनिक से ,,

चेतन ऊपर कमरे की तरह जाने लगता है तभी पीछे से काका उसे रोक देता है ,, बेटा रहने दे कोई फायदा नेहि आग में घी डालने जैसा होगा ,,


चेतन ,, नहीं पानी शीर से ऊपर उठ चुका है ,,चेतन ऊपर जाने लगता है ।

पीछे से काका बोलते रह जाता है बस ,, नही बेटा रहने दे समय ठीक नही चल रहा है ,,


लेकिन चेतन नहीं सुनने वाला था आज । हमेशा से अपने काका की बाते सुनते आए है पर आज नेहा । उस घर काका भले ही एक नौकर था लेकिन घर का एक सदस्य बन गया था उसकी इतज्जत बड़े बुजुर्ग की तरह होती थी खास कर चेतन से । 15 साल से वो चेतन के घर में बबारजी से ले के साफ साफई करने तक सब कुछ करता था । चेतन को अपने बेटे जैसा मानता था हर छोटी बड़ी फ़िक्र काका ध्यान रखता था उसका । काका बोहोत गरीब था अघरी था उसके परिवार के नाम पर चेतन की परिवार ही थे । सालो पहले उसकी बीवी डेंगू से गुजर गई थी गांव में और फिर उसने दुसरी कभी शादी नही की । चेतन उसे दूसरी शादी को ले के मजाक किया करता था और काका उसे मजाक में दांत देता था ।




चेतन सीधा अपने मम्मी पापा की बेडरूम में जाता है । चेतन को देख कर दीपाली और राघव चेतन को घूरने लगते हे दोनो चुप हो जाते है । कमरे पे टूटे चीज़ों की टुकड़े पड़े थे चेतन संभाल कर कदम रखते हुए अंदर पोहोच जाता हे हर तरफ बिखरे समान को देख चेतन का शर सकरा जाता हे । आज तक वो वजह नही मालूम किया की किस वजह से उसके मम्मी पापा इतना लड़ाई जगड़ा करता रहता है । वो सोचता था कोई निजी मामला होगा उसे बीच में आने से उसके मम्मी पापा शर्मिंदा हो जायेगा । पति पत्नी तो लड़ते ही है तो उसमे बेटे का भूमिका है । लेकिन आज चेतन की सेहन शक्ति जवाब दे चुका था ।







अन्य दिन चेतन जब बीच में आ जाता है तो दोनो चुप हो जाते हे लेकिन आज की लड़ाई में कोई भी पक्ष चुप नही बैठने वाला था । और आज चेतन भी पंचायत बैठना चाहता था ।


चेतन ,, आप दोनो कब बंद करेंगे ये हरकत । थोरी भी शर्म नही आती आप दोनो को इतने वेल एजुकेटेड लोग हो कर भी लड़ाई करते रहते हो ,,



रतन ,, बेटा मुझे भी कोई चौक नहीं है लड़ाई जगरे करने की लेकिन तेरी मम्मी ही बेतुकी बातो को लेकर जगरा करती रहती है ,,


दीपाली गुस्से में चिल्लाती है ,, चुप कमीने । में करती हु ना तू करता है ,,

चेतन इतनी निज संबंधित सुन के शर्म से हाय हाय हो जाता हे । कभी सोचा नहीं था उसकी मम्मी ऐसी तू तराक करेगी अपने पति के साथ और कमीना हरामी शब्द से गाली देगी । लेकिन चेतन अगले ही पल मे अपने पापा की असली चेहरा देख पाता है जो एक भद्र सज्जन था एक स्कूल के हेडमास्टर था ।


रतन ,, साली कामिनी हरामजादी मुंह मत खुलवा ,, (चेतन से) बेटा तुझे नहीं पाता तेरी मम्मी क्या क्या गुल खिलाती है बाहर । डॉक्टर नवीन के साथ इसकी अफेयर चल रहा है । सुना बेटा, ,,


दीपाली तुरंत ही पलटवार करती है ,,, गंदी नाली के कीड़े गंदी सोच रखने वाले गवार कितनी बार कहा हे की वो बस मेरा दोस्त है । (चेतन से) सुन बेटा ऐसा कुछ नही है । में दिखाती हूं तेरे बाप का असली चेहरा ।


दीपाली अपने मोबाइल पर कुछ फोटोज दिखाने लगती हे चेतन को ,, देख बेटा तेरे बाप की करतूत । ये हैं तेरा महान बाप ये सब करता है बाहर और बच्चो को यही शिक्षा देता हे स्कूल में । देख अच्छे से देख ।,,


उन फोटोज में रतन भार्गव किसी पराई औरत को बाहों में ले के किसी पार्क में बैठा हे । फोटोज में साफ दिखाई दे रहा था उसके पापा सच में उसकी मम्मी को धोखा दे रहा है । उसने अपनी दिव्य शक्ति से पाता किया की फोटोज एडिटिंग तो नही है । लेकिन फोटोज असली थे ।



चेतन अपनी पापा की तरफ देखता हे । रतन ना में शीर हिलाने लगता हे ,, नहीं बेटा ये फोटोज असली नहीं है । तेरी मम्मी ने ये सब साजिज रचा हे ताकि मेझे रास्ते से हटा के अपनी आशिक के साथ इंजॉय कर सके ,,,


चेतन गुस्से में चिल्लाता है ,,, बस करो पापा । ये फोटोज असली हे मुझे पता हे । जूठ मत बोलो ,,


रतन निरुत्तर हो जाता हे लेकिन उसका दाओ था की में अकेला क्यूं कालीचरण बनूं ,,, बेटा तेरी मम्मी भी तो उस नवीन के साथ इंजॉय करती हे उसका क्या । ,,


दीपाली ,,, कुत्ते हरामी । खुद बाहर मुंह मारते हो और मुझे भी बदनाम करते हो मेरे बेटे के सामने । अगर ऐसा हे तो प्रूफ दिखाओ । हे तेरे पास कोई प्रूफ । हा हे तेरे पास कोई प्रूफ बताओ है कोई प्रूफ । धोखेवाज इंसान ,,



रतन को अपनी चोरी पकड़े जाने पर बेटे के सामने शर्मिंदा हो जाता है और अपनी बीवी पर उतना ही ज्यादा गुस्सा आता है और दीपाली की कलाई पकड़ कर जोर आजमाता है । चेतन अपने बाप को रोकने ही वाला था की दीपाली उसे धक्का दे के पीछे धकेल देती है । रतन लंबे काठ के थे लेकिन दुबले पतले थे और दीपाली खाती पीती हेल्थी हट्टी कट्टी थी औरत होते हुए भी काफी बलशाली थी खुद भी डॉक्टर थी तो खुद को सहेदमंद रखने का नुस्खा जानती थी हालाकि की पिछले कोई दिनों से ठीक से रूटीन फॉलो नहीं करती थी पर फिर भी अपने पति की सामना करने मे सक्षम थी ।



रतन को बोहोत ज्यादा गुस्सा आता है और बोलता है ,,, निकल जा मेरे घर से साली हरामजादी ,,,


चेतन कुछ बोलने वाला था लेकिन उसकी आवाज दब जाता है ।

दीपाली ,, तू जा वे । ये घर मेरे पैसे से खरीदी हुई है ये जमीन मेरी है तूने तो अपनी तंखा बाहर वाली की ब्रा पैंटी पर उड़ा देता है । और वैसे भी तुझ से दुगना में कमाती हूं । ये जो लग्जरी लाइफ जी रहा है ना सब मेरी कमाई हे ,,


रतन अपनी बे-इतज्जती सेहन नही होता है और दीपाली के गाल पर तमाचा मार देता है ,, हा कमाई तो दुगनी होगी ही धंधा जो कर रखी है ,,

दीपाली उसके गिरेबान पकड़ कर थप्पड़ बरसाने लगता हे । जुबान की लड़ाई अब हटापाई पर उतर आता है । चेतन दोनों के बीच जा के लड़ाई रुकवाता हे ।


चेतन ,, बस बोहोत हो गया अब । प्लीज लड़ना बंद करो ,,


रतन अपनी बीवी को उंगली दिखा के बोलता है ,, जा रहा हूं में कभी तेरी सकल नही दिखाना मुझे । और हा डाइवोर्स पेपर भेज दूंगा । (चेतन से) बेटा में जल्दी ही तुझे मेरे अपने घर लेने आऊंगा अपना ध्यान रखना बेटा ,,



रतन कमरे से बाहर निकल जाता है । दीपाली उसको जाते जाते सुनाती है ,, अबे जा जा बड़े आए तेरे जैसे । तू क्या डाइवोर्स पेपर भेजेगा उससे पहले में भेजती हूं ,,




दीपाली अपने बेटे के पास जाती है और प्यार से उसके गाल पे हाथ रखना चाहती हे मगर चेतन पीछे हो जाता है ।


चेतन ,,, मत छुओ मुझे । आज से में आप दोनो के साथ कभी नही रहूंगा ,,


चेतन कमरे से निकल जाता है । दीपाली तड़पती हुई उसके पीछे जाती हे ,,, नही बेटा सुनो तो । बेटा सुनो मेरी बात । चेतन चेतन प्लीज मेरी बात सुनो ,,,



लेकिन चेतन एक नही सुनता अपनी मम्मी कि और अपना बाइक ले के घर से भाग जाता है । दीपाली उसे लाख कशिश के बावजूद रोक नही पाती और भागती हुई घर में जाती है ,,, भैया भैया कहा हो ,,




काका किचन से दौर कर आता है ,, क्या हुआ मालकिन ,,

दीपाली परेशान हो कर ,, चेतन कहा गया देखो तो जरा ,,

काका ,, मालकिन आप परेशान मत होइए वो किसी दोस्त के घर ही जायेगा । आप थोड़ी देर बाद उसके दोस्त के घर फोन लगाना देखना वो वोही होगा ,,

दीपाली ,, लेकिन भैया ,,


काका ,, मालकिन शिंता मत करो वो दोस्त के घर ही जायेगा ,,


दीपाली परेशान हो कर अपने कमरे की तरफ जाती है । वो जानती थी उसका बेटा अपने तीन दोस्तो के घर ही जायेगा लेकिन फिर भी पेट का बच्चा था फिक्र तो होगी ही ।
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Raja maurya

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Update 46




Tapan's house




तपन लास्ट फिजिक्स की पेपर के लिए थोड़ा बोहोत पढ़ रहा था । चेतन ने ही उसे आंसर दिए थे जो उन तीनों को दिया था और एक नजर देख रहा था बाकी तो चेतन एग्जाम में उनके माइक्रोफोन में बोलने ही वाला था । तपन अपने कमरे से बाहर अपनी मम्मी और चेतन की बात करने की आवाज सुनता है । तपन अपने कमरे से बाहर निकल आया ।



तपन,, ओए तू यहां ,,

शीतल ,, देखो ना बेटा ये परेशान लग रहा है और कुछ बताता भी नहीं है ,,


चेतन और पतन एक दूसरे की नजर मिलती है और जैसे बिना कहे ही तपन समझ गया था । और अपने कमरे में आने का इशारा करता है । दोनो कमरे में घुस जाता है । तपन दरवाजा बंद करने से पहले ,, मम्मी हमारे लिए कुछ अच्छा खाना पका दो ना ,,



शीतल उलझन में उलझ गई चेतन को आज पहले बार काफी गम में दिख रहा था ।कुछ तो हुआ हे घर पर कुछ ज्यादा ही दांत पड़ी होगी ।पता करना पड़ेगा । और उसके दिमाग में एक ही शख्स का खायाल आता है ।

शीतल घर से बाहर पीछे की तरफ जा के फोन लगती है । और तुरंत ही दूसरी तरफ से फोन रिसीव होता हे । शीतल की दिल खुशनुमा हो जाती है मुस्कान से बावली हो जाती है ।


जिशू ,, हेलो माई डियर धर्म पत्नी ,,

शीतल शर्मा जाती है ,, चुप करो तुम । क्या कर रहे हो खाना खा लिया ,,

जिशू ,, नही अभी बस खाने ही वाला हूं वो नहाने में थोड़ा टाइम लग गया आज एग्जाम था ना ,,

शीतल,, अच्छा मुझे बताए नही कैसा था एग्जाम जानती तो हम तुम चेतन पंडित को उसके होते हुए हमारा एग्जाम कैसे खराब जा सकता है ,,


शीतल मुस्कुरा के ,, हा पता हे वैसे देवरजी येहा आए है । पता नही कुछ परेशान लग रहे है दोनो कमरे में बंद हो गए मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे है ,,

जिशू मजाक में ,, कौन देवरजी ,,

शीतल शर्मा जाती है ,, चेतन । मजाक छोड़ो कपड़े पहन के सीधा आ जाओ में खाना बना रही हूं और दूसरे देवरजी को भी ले के आना ,,,


जिशू ,, में तो सोच रहा था की बिना कपड़ो के चला जाऊ ,,

शीतल हस्ती हे और फोन काट कर किचन में जाती है । शीतल बड़ी खुश लग रही थी हालाकि उसके लिए भी मुश्किल थी एक संसार रहते ही दूसरा संसार चला रही थी जिशु के साथ । कभी कभी उसे खुद को वडजलन लगती थी लेकिन जिशु के प्यार ने और धीरे धीरे मॉडर्न जमाने में ढलती जा रही थी या फिर नियति मान चुकी थी । जिशू के सिर्फ जिस्मानी सुख से ही नही मन की सुख से भी संतोष थी वो । समाज के लिए घृणा की बात थी लेकिन खुद की एक जिंदगी थी जो वो बिना सीमा रेखा के जीने में बेहतर जिंदगी दे रही थी जिसमे सिर्फ आनंद थी ।






inside tapan room



तपन,, क्या हुआ फिर से अंकल आंटी ,,

चेतन परेशान हो कर ,,, हा फिर से । इस बार गंदी गंदी गाली देते हुए दोनो एक दूसरे को । क्या करू में मेरी उम्र नहीं है दोनो को समझाने की फिर भी समझा समझा के थक चुका हूं । मुझे जिस बात का संदेह था वोही हुआ । ,,

तपन ,, हुआ क्या खुल के बता ना ,,

चेतन उसे पूरी कहानी बता देता है ।


दोनो उस विषय में बात कर रहे । और दस मिनट बाद कमरे की दरवाजे पे नोक होता है ।

तपन,, मम्मी खाना रख दो हम थोड़ी देर में खा लेंगे ,,


लेकिन तभी जिशु तेलीपोर्ट हो के अंदर आ जाता है और दरवाजा खोल देता हे विशु के लिए अब उसके पास भले ही रफ्तार वाली शक्ति थी लेकिन चीजों से आर पार होने की शक्ति तो नहीं थी ।



विशु और जिशू उन दोनो के साथ बैठ जाता है ।

विशू (चेतन से) क्या हुआ महा पंडित सुना है तु रो के आया मम्मी मम्मी कर के ,,,

जिशु हसने लग जाता है ।

तपन ,,, ये मम्मी भी ना बता ही दिया । भाई मजाक नहीं यार मामला सीरियस हे ।,,


फिर चारो गंभीर मुद्दा पे चर्चा करने लगते है ।

जिशु ,, ओके तो बात क्या है ,,

तपन फिर चेतन की बताई हुई कहानी विशू और जिशु को विस्तार से सुनता हे । दोनो बात को गौर से से सुनता भी है और राय रखने जाते है ।


जिशु ,, मतलब रतन अंकल का सच में अफेयर चल रहा हे ।,,

विशु ,, लेकिन दीपाली आंटी की नहीं है ,,

चेतन मुंह लटकाए बोलता है ,, क्या पता । पापा तो बोल रहे थे की उनके किसी डॉक्टर नवीन के साथ अफेयर चल रहा है । में तो पागल हो रहा हूं मेरी मम्मी पापा ऐसे निकलेंगे यार । क्या सोचा था क्या हो गया । अब दोनो तलाक ले रहे है ,,


तपन ,, यार ये तो बुरा हो गया ,,

लेकिन एक विशु था जो तीनों की विपरित दिशा में सोच विचार कर रहा था ,, चेतन तुझे अपने मम्मी पापा की अफेयर से प्रोब्लम है ,,

चेतन गुस्से में ,, यार कैसी बाते कर रहा हे किस बेटे को प्रोब्लम नही होगी अपने मां बाप की अफेयर से ,,


जिशु ,, यार विशू तू कैसी उल्टी सीधी बाते कर रहा हे । बात को समझ ले पहले कुछ भी बोलने से पहले ,,


विशु ,,, हा वोही तो में कह रहा हूं । जब तानिया आंटी तपन से और शीतल आंटी तेरे से अफेयर कर सकती है और तुम दोनो को कोई प्राब्लम नही है तो फिर रतन अंकल की किसी से अफेयर है तो इसमें क्या प्राब्लम भाई । तुम लोग भी तो उसी घाट की पानी पी रहे हो ,,,


तपन और जिशू निरुत्तर हो जाता है । चीज़े जितनी आसान दिखती है उतनी है नहीं । सच्चाई सबको करवा लगती है जब सच्चाई मान ना लो । विशू ने एक तरह से सही कहा था ।


विशू ,, क्या हुआ सांप सूंघ गया क्या । ,,

तपन ,, यार हमारी बात अलग है । चेतन की बात अलग है ,,

विशु ,, नही बात बिलकुल सही है । और में चेतन को आइना दिखा रहा हूं ,,


जिशु चिढ़ कर ,, मतलब तू हमें गलत ठहरा रहा है सब कुछ होने के बाद । शुरुवात में हमारी मदद कर के अब डाल से काला निकल रहा है ,,

विशु ,, नहीं में बस सच्चाई बता रहा हूं । चेतन को इतनी परेशान होने की जरूरत नही हे ,,,


चेतन सबपे बरस पड़ता है ,,, यार चुप रहो तुम तीनों । कहा की बात कहा ले जा रहे हो । बात मेरे प्रोब्लम की हो रही है ना की तुम लोगो की ।,,



चेतन ,, यार तुम लोग उपाय निकलने की जगह एक दूसरे की वकालत कर रहे हो ।,,


तीनों चुप हो जाता हे । और चेतन की बात पे फोकस करता हे ।


तपन ,, चेतन अब तुम क्या चाहते हो । अगर चाहो तो तुम्हारी पापा की अफेयर हम तुड़वा सकते है ,,

चेतन ,, उससे क्या होगा कुछ बदले तो नहीं मम्मी फिर भी पापा को माफ नेही करेगी । और पापा भी तो मम्मी को समझती है की उसकी भी अफेयर है बाहर ,,


जिशू ,, अगर ऐसा ही चलता रहा तो अंकल आंटी दोनो अलग ही हो जायेंगे ,,,


चेतन कुछ सोचने लगता हे ,, पहले पता करते है की मम्मी का सच में अफेयर हे की नहीं ,,

विशु ,, सही कहा । अगर हुआ तो भाई फिर ,,

चेतन ,, यार डराओ मत पापा का तो फिर भी ठीक हे बर्दास्त कर लूंगा । लेकिन मम्मी का यार समझा करो ,,,



विशु मजाक में तपन और जिशु की उपर बात फेकते हुए ,,, हा हा समझता हूं कोई अपनी मम्मी को छुए तो कैसे दुनिया इधर की उधर कर देते हैं लोग ,,,



तपन और जिशु दोनो विशू के ऊपर चढ़ जाता है ।

दरवाजे के बाहर से दीपाली जो कान लगाए सुन रही थी सब बाते ,,, मस्ती बाद में पहले सब लोग आ के खाना खा लो ,,
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Raja maurya

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दो दिन बाद चारो का 4th सेमिस्टर के फाइनल एग्जाम खतम हो जाता है । और फिर चारो बिंदास हो जाता है एक महीने के लिए जब तक 5th SEM शुरू नहीं होते । लेकिन चारो बिंदास कहा रह पाता है । डॉक्टर नवीन जो गवर्मेंट हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर था वो सस्पेक्ट बन जाता है चारो के नजर में । और दिन रात नवीन की हर एक हरकत पे नज़र रखने लगता है । उसके फोन और लैपटॉप भी चुरा के सारा डाटा ट्रांसफर कर लेते है और बापच नवीन को बिना पता चले फोन और लैपटॉप रख देते है जहा से उठाया था । चारो जैसे डिटेक्टिव बन जाते है और चारो के पास तो आलौकिक शक्ति तो थे ही जिससे उन लोगो को काम में काफी हेल्प हो जाती हे ।


चेतन अभी भी तपन के घर रह रहा था । दीपाली को शीतल से उसी दिन की रात से पता चल गई थी की चेतन उसके घर में है तो वो थोड़ी शांति महसूस करती है लेकिन परेशान इस बात से थी की चेतन अब उससे बात नही करता है ।


रतन चेतन को एक दिन लेने भी आ गए थे लेकिन चेतन ने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया था । रतन उसे लूभा रहा था कि वो उसे बेहतर भविष्य बना के देगा वो देगा ये देगा लेकिन चेतन को अपनी बात पे हिला नहीं पाया । चेतन को कही न कही अपने बाप से नफरत होने लगा था और अपने मम्मी से भी नाराज था ।








Play Ground




तपन , विशु और चेतन तीनों जिशू का इंतजार कर रहा था । चेतन बोहोत बेकरार था अपनी मम्मी और डॉक्टर नवीन मैसेजेस लिस्ट को देखने का और वो काम जिशू कर रहा था ।

अब तक चारो को पाता चल चुका थी दीपाली डॉक्टर नवीन को पिछले सात साल से जानती है । जब दीपाली को अपने पेसेंट की मेजर डेंटल सर्जरी करनी पड़ती तो उसी हॉस्पिटल में करती है जिस हॉस्पिटल में डॉक्टर नवीन एनेस्थेसियोलोजी स्पेशलिस्ट था । और उसकी मदद हर सर्जरी में लेती थी दीपाली तभी से दोनो अच्छे दोस्त है ।




कुछ इंतजार के बाद जिशु प्रकट हो जाता है ।और अपना मोबाइल चेतन को दे के ,, ये ले इसकी हिस्टरी निकल इस चाट पर हे । ,,


चारो दो घंटे तक चाट को चेक करता है । जिससे से काफी कुछ सामने आ रहा था ।

जिशु ,,, यार पूरी चाट पड़ने में तो दो दिन लग जायेंगे ,,

चेतन मोबाइल के छू कर पहले ही अपने दिमाग में रट्टा मार चुका था ,,, पर मैने तो पास मिनट में पढ़ लिया ,,

जिशू ,, तो बता ना क्या क्या चैटिंग हुई है ,,


चेतन ,, मम्मी का अफेयर नहीं हे । पर ,,


विशू ,, पर क्या ?,,

चेतन ,, डॉक्टर नवीन मम्मी को लाइक करता है ।और अब तक मम्मी को दो बार प्रपोज कर चुका है ,,


तीनो एक साथ ,, क्या,,

चेतन ,, पर मम्मी की जवाब कुछ अलग है ,,

तपन ,, क्या घुमा फिरा के बात कर रहा है सिधा सिधा बोल ना ,,

चेतन ,, मम्मी भी लाइक करती है मगर उसने बोला हे की उसके साथ दोस्ती के सिवा और कोई रिश्ता नहीं रख सकती है।,,

विशू ,, ये होती है सती सावित्री ,,

जिशू ,, तू हमारी तरफ देख के क्यूं बोल रहा है ,,

विशु ,, तो किस तरफ देखू तुम लोगो से बात कर रहा हूं तो तुम लोगो की तरफ ही देखूंगा ना ,,



तपन ,, यार आज काल तुम दोनो भी लड़ने लगे । बस कर ना यार और विशु तू हर बात पे ताना मत मार ,,


विशु मुंह फेर लेता है ।


चेतन ,, अब क्या करे ,,

तपन ,, एक सलाह मानेगा मेरा ,,

चेतन ,, क्या बोल ,,


तपन ,, घर से जा अपनी मम्मी से बात कर शांति से । वो काफी दुखी होगी कोई दिन से तू घर नहीं गया हे अपने बाप के साथ नहीं जाना तो मत जा अपने घर ही जा मम्मी मम्मी होती है यार । तू खमखा उसे दुख देख दे रहा है । मम्मी बता रही थी कि दीपाली आंटी ने एक हफ्ते से क्लिनिक भी नही खुला है । सोच जारा वो कितनी दुखी होगी तूने एक बार भी फोन नही उठाया उसका ,,


विशू ,, हा तपन सही कह रहा है । देख उन लोगो का भी अपनी अपनी जिंदगी है । दोनो में जितनी भी लड़ाई हुई हो लेकिन तेरे पापा तुझ से प्यार करता हे और तेरी मम्मी भी यार । ऐसे घर से भाग के रहना सही बात नही हे । हम तेरे भले के लिए ही कह रहे हे ।



चेतन ,, कही तुम लोगो के ऊपर बोझ नही बन गया हूं में ,,

तपन ,, कर दी गैरो वाली बात । आखिर की ही दिया ,,

चेतन हास कर ,, अरे भाई दिल पे क्यू लेते हो में तो बस मजाक कर रहा था यार ,,

जिशु,,, अच्छा हे मजाक किया तूने पिछले एक हफ्ते से तेरे चेहरे पे मुस्कान देखा तक नहीं था । अब देख लिया अब अच्छा लगा ,,,


चारो गले मिलते हे । चाहे जो भी चारो की दोस्ती में जो प्यार था जो एक दूसरे को समझने की उपदान था सायेद ही किसी दोस्ती में ऐसा प्यार ऐसा समझ था । चारो लड़ते भी थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते भी थे ।
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Destiny

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भाई छोटा बड़ा कोई कुछ नहीं है।
आपने लिखना शुरू किया और लिख रहे हैं, वही बड़ी बात है। बाकी जो कुछ मैंने लिखा, वो केवल इसलिए कि लेखक को जानकारी होती रहनी चाहिए। मुझे तो कहानी में आनंद आ रहा है बस 😊😊
आनंद ही तो सर है जीवन का महज आनंद की तलाश में न जाने लोग कहा कहा घूम आते है।
 
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yaar title change karne se pehle batate nahi ho kya me sara xf chand maarke ye new story samjke padne laga tha kamal karte ho yaar
आप भी कमल करते हो मान्यवर कहानी को बुकमार्क करके रखते तो इतना ढूंढना nehi पड़ता
 
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Urwife

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दो दिन बाद चारो का 4th सेमिस्टर के फाइनल एग्जाम खतम हो जाता है । और फिर चारो बिंदास हो जाता है एक महीने के लिए जब तक 5th SEM शुरू नहीं होते । लेकिन चारो बिंदास कहा रह पाता है । डॉक्टर नवीन जो गवर्मेंट हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर था वो सस्पेक्ट बन जाता है चारो के नजर में । और दिन रात नवीन की हर एक हरकत पे नज़र रखने लगता है । उसके फोन और लैपटॉप भी चुरा के सारा डाटा ट्रांसफर कर लेते है और बापच नवीन को बिना पता चले फोन और लैपटॉप रख देते है जहा से उठाया था । चारो जैसे डिटेक्टिव बन जाते है और चारो के पास तो आलौकिक शक्ति तो थे ही जिससे उन लोगो को काम में काफी हेल्प हो जाती हे ।


चेतन अभी भी तपन के घर रह रहा था । दीपाली को शीतल से उसी दिन की रात से पता चल गई थी की चेतन उसके घर में है तो वो थोड़ी शांति महसूस करती है लेकिन परेशान इस बात से थी की चेतन अब उससे बात नही करता है ।


रतन चेतन को एक दिन लेने भी आ गए थे लेकिन चेतन ने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया था । रतन उसे लूभा रहा था कि वो उसे बेहतर भविष्य बना के देगा वो देगा ये देगा लेकिन चेतन को अपनी बात पे हिला नहीं पाया । चेतन को कही न कही अपने बाप से नफरत होने लगा था और अपने मम्मी से भी नाराज था ।








Play Ground




तपन , विशु और चेतन तीनों जिशू का इंतजार कर रहा था । चेतन बोहोत बेकरार था अपनी मम्मी और डॉक्टर नवीन मैसेजेस लिस्ट को देखने का और वो काम जिशू कर रहा था ।

अब तक चारो को पाता चल चुका थी दीपाली डॉक्टर नवीन को पिछले सात साल से जानती है । जब दीपाली को अपने पेसेंट की मेजर डेंटल सर्जरी करनी पड़ती तो उसी हॉस्पिटल में करती है जिस हॉस्पिटल में डॉक्टर नवीन एनेस्थेसियोलोजी स्पेशलिस्ट था । और उसकी मदद हर सर्जरी में लेती थी दीपाली तभी से दोनो अच्छे दोस्त है ।




कुछ इंतजार के बाद जिशु प्रकट हो जाता है ।और अपना मोबाइल चेतन को दे के ,, ये ले इसकी हिस्टरी निकल इस चाट पर हे । ,,


चारो दो घंटे तक चाट को चेक करता है । जिससे से काफी कुछ सामने आ रहा था ।

जिशु ,,, यार पूरी चाट पड़ने में तो दो दिन लग जायेंगे ,,

चेतन मोबाइल के छू कर पहले ही अपने दिमाग में रट्टा मार चुका था ,,, पर मैने तो पास मिनट में पढ़ लिया ,,

जिशू ,, तो बता ना क्या क्या चैटिंग हुई है ,,


चेतन ,, मम्मी का अफेयर नहीं हे । पर ,,


विशू ,, पर क्या ?,,

चेतन ,, डॉक्टर नवीन मम्मी को लाइक करता है ।और अब तक मम्मी को दो बार प्रपोज कर चुका है ,,


तीनो एक साथ ,, क्या,,

चेतन ,, पर मम्मी की जवाब कुछ अलग है ,,

तपन ,, क्या घुमा फिरा के बात कर रहा है सिधा सिधा बोल ना ,,

चेतन ,, मम्मी भी लाइक करती है मगर उसने बोला हे की उसके साथ दोस्ती के सिवा और कोई रिश्ता नहीं रख सकती है।,,

विशू ,, ये होती है सती सावित्री ,,

जिशू ,, तू हमारी तरफ देख के क्यूं बोल रहा है ,,

विशु ,, तो किस तरफ देखू तुम लोगो से बात कर रहा हूं तो तुम लोगो की तरफ ही देखूंगा ना ,,



तपन ,, यार आज काल तुम दोनो भी लड़ने लगे । बस कर ना यार और विशु तू हर बात पे ताना मत मार ,,


विशु मुंह फेर लेता है ।


चेतन ,, अब क्या करे ,,

तपन ,, एक सलाह मानेगा मेरा ,,

चेतन ,, क्या बोल ,,


तपन ,, घर से जा अपनी मम्मी से बात कर शांति से । वो काफी दुखी होगी कोई दिन से तू घर नहीं गया हे अपने बाप के साथ नहीं जाना तो मत जा अपने घर ही जा मम्मी मम्मी होती है यार । तू खमखा उसे दुख देख दे रहा है । मम्मी बता रही थी कि दीपाली आंटी ने एक हफ्ते से क्लिनिक भी नही खुला है । सोच जारा वो कितनी दुखी होगी तूने एक बार भी फोन नही उठाया उसका ,,


विशू ,, हा तपन सही कह रहा है । देख उन लोगो का भी अपनी अपनी जिंदगी है । दोनो में जितनी भी लड़ाई हुई हो लेकिन तेरे पापा तुझ से प्यार करता हे और तेरी मम्मी भी यार । ऐसे घर से भाग के रहना सही बात नही हे । हम तेरे भले के लिए ही कह रहे हे ।



चेतन ,, कही तुम लोगो के ऊपर बोझ नही बन गया हूं में ,,

तपन ,, कर दी गैरो वाली बात । आखिर की ही दिया ,,

चेतन हास कर ,, अरे भाई दिल पे क्यू लेते हो में तो बस मजाक कर रहा था यार ,,

जिशु,,, अच्छा हे मजाक किया तूने पिछले एक हफ्ते से तेरे चेहरे पे मुस्कान देखा तक नहीं था । अब देख लिया अब अच्छा लगा ,,,


चारो गले मिलते हे । चाहे जो भी चारो की दोस्ती में जो प्यार था जो एक दूसरे को समझने की उपदान था सायेद ही किसी दोस्ती में ऐसा प्यार ऐसा समझ था । चारो लड़ते भी थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते भी थे ।
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दो दिन बाद चारो का 4th सेमिस्टर के फाइनल एग्जाम खतम हो जाता है । और फिर चारो बिंदास हो जाता है एक महीने के लिए जब तक 5th SEM शुरू नहीं होते । लेकिन चारो बिंदास कहा रह पाता है । डॉक्टर नवीन जो गवर्मेंट हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर था वो सस्पेक्ट बन जाता है चारो के नजर में । और दिन रात नवीन की हर एक हरकत पे नज़र रखने लगता है । उसके फोन और लैपटॉप भी चुरा के सारा डाटा ट्रांसफर कर लेते है और बापच नवीन को बिना पता चले फोन और लैपटॉप रख देते है जहा से उठाया था । चारो जैसे डिटेक्टिव बन जाते है और चारो के पास तो आलौकिक शक्ति तो थे ही जिससे उन लोगो को काम में काफी हेल्प हो जाती हे ।


चेतन अभी भी तपन के घर रह रहा था । दीपाली को शीतल से उसी दिन की रात से पता चल गई थी की चेतन उसके घर में है तो वो थोड़ी शांति महसूस करती है लेकिन परेशान इस बात से थी की चेतन अब उससे बात नही करता है ।


रतन चेतन को एक दिन लेने भी आ गए थे लेकिन चेतन ने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया था । रतन उसे लूभा रहा था कि वो उसे बेहतर भविष्य बना के देगा वो देगा ये देगा लेकिन चेतन को अपनी बात पे हिला नहीं पाया । चेतन को कही न कही अपने बाप से नफरत होने लगा था और अपने मम्मी से भी नाराज था ।








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तपन , विशु और चेतन तीनों जिशू का इंतजार कर रहा था । चेतन बोहोत बेकरार था अपनी मम्मी और डॉक्टर नवीन मैसेजेस लिस्ट को देखने का और वो काम जिशू कर रहा था ।

अब तक चारो को पाता चल चुका थी दीपाली डॉक्टर नवीन को पिछले सात साल से जानती है । जब दीपाली को अपने पेसेंट की मेजर डेंटल सर्जरी करनी पड़ती तो उसी हॉस्पिटल में करती है जिस हॉस्पिटल में डॉक्टर नवीन एनेस्थेसियोलोजी स्पेशलिस्ट था । और उसकी मदद हर सर्जरी में लेती थी दीपाली तभी से दोनो अच्छे दोस्त है ।




कुछ इंतजार के बाद जिशु प्रकट हो जाता है ।और अपना मोबाइल चेतन को दे के ,, ये ले इसकी हिस्टरी निकल इस चाट पर हे । ,,


चारो दो घंटे तक चाट को चेक करता है । जिससे से काफी कुछ सामने आ रहा था ।

जिशु ,,, यार पूरी चाट पड़ने में तो दो दिन लग जायेंगे ,,

चेतन मोबाइल के छू कर पहले ही अपने दिमाग में रट्टा मार चुका था ,,, पर मैने तो पास मिनट में पढ़ लिया ,,

जिशू ,, तो बता ना क्या क्या चैटिंग हुई है ,,


चेतन ,, मम्मी का अफेयर नहीं हे । पर ,,


विशू ,, पर क्या ?,,

चेतन ,, डॉक्टर नवीन मम्मी को लाइक करता है ।और अब तक मम्मी को दो बार प्रपोज कर चुका है ,,


तीनो एक साथ ,, क्या,,

चेतन ,, पर मम्मी की जवाब कुछ अलग है ,,

तपन ,, क्या घुमा फिरा के बात कर रहा है सिधा सिधा बोल ना ,,

चेतन ,, मम्मी भी लाइक करती है मगर उसने बोला हे की उसके साथ दोस्ती के सिवा और कोई रिश्ता नहीं रख सकती है।,,

विशू ,, ये होती है सती सावित्री ,,

जिशू ,, तू हमारी तरफ देख के क्यूं बोल रहा है ,,

विशु ,, तो किस तरफ देखू तुम लोगो से बात कर रहा हूं तो तुम लोगो की तरफ ही देखूंगा ना ,,



तपन ,, यार आज काल तुम दोनो भी लड़ने लगे । बस कर ना यार और विशु तू हर बात पे ताना मत मार ,,


विशु मुंह फेर लेता है ।


चेतन ,, अब क्या करे ,,

तपन ,, एक सलाह मानेगा मेरा ,,

चेतन ,, क्या बोल ,,


तपन ,, घर से जा अपनी मम्मी से बात कर शांति से । वो काफी दुखी होगी कोई दिन से तू घर नहीं गया हे अपने बाप के साथ नहीं जाना तो मत जा अपने घर ही जा मम्मी मम्मी होती है यार । तू खमखा उसे दुख देख दे रहा है । मम्मी बता रही थी कि दीपाली आंटी ने एक हफ्ते से क्लिनिक भी नही खुला है । सोच जारा वो कितनी दुखी होगी तूने एक बार भी फोन नही उठाया उसका ,,


विशू ,, हा तपन सही कह रहा है । देख उन लोगो का भी अपनी अपनी जिंदगी है । दोनो में जितनी भी लड़ाई हुई हो लेकिन तेरे पापा तुझ से प्यार करता हे और तेरी मम्मी भी यार । ऐसे घर से भाग के रहना सही बात नही हे । हम तेरे भले के लिए ही कह रहे हे ।



चेतन ,, कही तुम लोगो के ऊपर बोझ नही बन गया हूं में ,,

तपन ,, कर दी गैरो वाली बात । आखिर की ही दिया ,,

चेतन हास कर ,, अरे भाई दिल पे क्यू लेते हो में तो बस मजाक कर रहा था यार ,,

जिशु,,, अच्छा हे मजाक किया तूने पिछले एक हफ्ते से तेरे चेहरे पे मुस्कान देखा तक नहीं था । अब देख लिया अब अच्छा लगा ,,,


चारो गले मिलते हे । चाहे जो भी चारो की दोस्ती में जो प्यार था जो एक दूसरे को समझने की उपदान था सायेद ही किसी दोस्ती में ऐसा प्यार ऐसा समझ था । चारो लड़ते भी थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते भी थे ।




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