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दीपाली आगे से शीतल को बाहों में भर के सीधा किस करने लगती है और शीतल भी पूरा साथ देते हुए दीपाली लचीला होंठ चूसने लगती है ।
तानिया पीछे से पकड़ी हुई थी दीपाली की उसकी हाथ दोनो के मोटे मोटे चुचियों के बीच दब गई थी और वो बस दीपाली की मोटी चूचियां कस के दबाने लगी और उसकी कंधे चूमती हुई और उसकी जिस्म की खुसबू लेती हुई बोली ,, दीपाली में तेरी बदन की खुशबू लेने के लिए कबसे तड़प रही थी ,,,
दीपाली शीतल की होंठ से होंठ अलग कर के गर्दन पीछे कर के गर्म गर्म सांसें छोड़ के बोली ,,, आग भड़का ही दिया ना । अब पहले मुझे शांत करा दे फिर तुम दोनो को में कर दूंगी ,,,,
शीतल उसकी गाल चूम के ,, नेही ज्यादा वक्त नहीं हे तपन के पापा आने ही वाला है । आज तुझे खुस करा देंगे हम हमारा तो रात में एक घंटे के लिए आता ही है और स्पेशल ट्रीटमेंट दे के चले भी जाते है ,,, शीतल ने आंख मार दी ।
दीपाली मुस्कुराई ,,, तानिया शीतल आज काल बोहोत बेशरम हो गई है ,,,
तानिया उसकी चूची की निपल उंगली में दबाते हुए ,,, जिशू ने इसे पूरी पूरी बेशर्म बना दिया है ,,
दीपाली अपनी निपल पर दर्द मेहसूस करती है लेकिन उसे आनंद आती है उस दर्दे में और भी ज्यादा वो गर्म हो जाती है । दीपाली अपनी सारी कमर तक उठा कर किचन की स्लैप पर बैठ जाती है ,,, बोलो कौन चाटेगा मेरी आज ,,,
शीतल कामुक अदा से दीपाली के सामने खड़ी हो जाती है और मुस्कुराती हुई नीचे घुटनों पर खड़ी हो के दीपाली टांगे फैला के ऊपर उठा देती है और उसकी बिना बालों वाली चिकनी सुंजी हुई दिखने वाली चूत पर जीव फिराटी है ।
दीपाली तड़प उठती है ,,,, उपचचच मेरी जान । आह्ह्ह्ह जीव की नुकीली हिस्से भी डाल के चाट शीतल यूफफ्फ बोहोत दिन बाद वोहा का दरवाजा खुला है । दो महीने से उंगली भी नही की मैने ,,
शीतल ,,, सायेद धोती भी नहीं हो ,, फिर भी लप लप कर के चाटने लगी अपनी सहेली को मजा देने ।
दीपाली की आनंद में आंखे बंद हो रही थी और सिसकारियां भर रही रही थी वो बोहोत दिनों के बाद गर्म हुई थी इसलिए भट्टी की तरह गर्म थी जिससे चुने से ही तड़प उठती थी ,, ओन्ह्छ आज पिसाब करते वक्त धोना भूल गई थी । अह्ह्ह्ह कोई ना चाट ले मेरी बहना आह्ह्ह्ह्ह उफफ्फ आइसससस मर गई में ,,,
तानिया शीतल के पीछे खड़ी हो के सामने से ही दीपाली की चूचियां मसलने लगी और उसके होंठ पे होंठ मिला दी । दीपाली भी उसके चेहरे को पकड़ कर किस करने लगी ।
भले एक लंड और एक मर्द का एहसास नेही मिल रही थी दीपाली को लेकिन चूत चटवाने का चुचिया मसलवाने का किस करने का तीनों मजे एक साथ पा कर वो भरपूर कामसुख लाव कर रही थी ।
उसकी चूत से पानी रिच रही थी जो शीतल को कच्चा अजीब सा स्वाद आ रही थी लेकिन उसे चाटने में मजा आ रही थी और वो एक उंगली डाल कर के हिलाने लगी और चूत के क्लिटोरिस को चूसने लगी ।
दीपाली को और ज्यादा मजा आने लगा और हिनहिनाने लगी तानिया की होंठ सबा के खाने लगी उम्मम्म उन्ह्ह्ह कर के
कुछ देर में थिरक थिरक पानी छोड़ दी शीतल की चेहरे पर कुछ पानी शीतल की आंखों पर भी चली गई तो शीतल खड़ी हो गई और आंख पे आसल से पोछने लगी ,,, बाप रे कितनी गर्म है ये । बोहोत गर्मी जम गई है ,,,
दीपाली मुस्कुराती हुई संतुष हो कर ,,, हेन्हह्ह मजा आ गया आज ,,,
तानिया,,,,, नही इसकी अभी ठंडी नही हुई है ,,
तानिया बेलन उठा लेती है ये देख कर दीपाली कहती है ,, नही मत करो और में ठीक हू बाबा ,,,
लेकिन तानिया कहा सुनने वाली थी उसने दीपाली की चूत में बेलन का 4 इंच वाली हैंडल घुसा के अंदर बाहर करने लगी और दीपाली की एक हाथ से चूची मसलने लगी ,,, शीतल दूसरी चूची भी दबा इसकी लाल कर दे हमे आते ही पिता इसने ,,
शीतल दूसरी चूची कस कस के मसलने लगी और गाल पे कंधे पे चूमने लगी । तानिया धीरे धीरे तेजी से उसकी चूत में बेलन अंडर बाहर करने लगी थी । दीपाली फिर एक बार आनंद में सिसकारियां लेने लगी जिस्म थरथराने लगी नाश नश में कामसुख अनुभव करने लगी
तानिया तेज तेज हाथ चलती हुई ,,, मजा आ रहा है दीपाली ,,,
दीपाली ,,, हा मेरी बहन आन्ह्ह्ह्ह बोहोत उफफफ आग्हह्ह्ह यासस्स आह्ह्ह शीतल कस के दावा आग्घ्ह मेरी चूत । उह्ह्ह् मेरी चूत अह्ह्ह्ह मेरी चूत निकलने वाली है आह्ह्ह्ह्ह ,,,,
तानिया और तेज़ी से हाथ चलती है और शीतल दोनो हाथो से चूची मसलती है जोर से जिससे थोड़ा दर्द दीपाली को होती है और उसे एक मजा लगती हे
थोरी देर बाद दीपाली फिर पानी छोड़ती है । और दोनो को बाहों में भर लेती है तीनो एक दूसरे को प्यार जताती है ।