Update 56
Next day
सुबाह 10 बजे
शादी की रसम था । सुबाह से कार्यकर्ता लोग भाग दौर कर रहे थे । माहोल और जगमगा हो उठा दीपाली गुमसुम थी सुबह से ही किसी पे मन नहीं लग रहा था उसकी हर वक्त एंब्रसिंग पछतावा मेहसूस कर रही थी उसे इस बात का अफसोस नही थी की उसने पति से अलग अन्य मर्द के साथ सेक्स किया बात उसकी थी वो उसका सगा बेटा था । चाहे कुछ भी हो हर गुनाह माफ कर मां बेटे के शारीरिक संबंध बना लेना कोई समाज माफ़ ना करे ।
दीपाली लोगो से अलग कोने में गुमसुम बैठी पाई जा रही थी । कोई कोई बात भी करता तो बस हा ना में जवाब दे रही थी । शीतल केयरिंग नेचर की थी वो दीपाली को गुमसुम देख कर खुद परेशान हो गई और उसने फैसला किया दीपाली की गुमसुम होने की वजह जान कर उसका साथ दे ।
शीतल दीपाली को एक कोने से उठा कर घर के पीछे बाग में ले के गई ।
दीपाली ,,,, ये कहा ले के आ गई बात क्या है,,,
शीतल,,,, वो तो तू बताएगी ना बात क्या है,,,
दीपाली ,,, में । में क्या बताऊंगी ,,,
शीतल ,,,, तू जो छुपा रही है ,,,
दीपाली हरबरा गई एक पल के लिए ,,, में क्या क्या छुपा रही हूं,,,
शीतल ,,,, एक कान के नीचे लगाऊंगी समझी अब बता क्या बात है जो सुबाह से परेशान है तू चेहरा देख अपना बिल्कुल काली पड़ गई है ,,,
दीपाली फिर भी छुपाना चाहती थी ,,, ऐसा कुछ नही है बस तबियत ठीक नहीं लग रही हे । चोर बोहोत है ना ,,,
शीतल उसकी बाजू पकड़ के उसकी आखों में आंखे डाले प्यार से बोली ,,,, मुझे नहीं बताएगी तो किसे बताएगी हा । और हे ही कौन हमारे एलावा तेरी जो तेरी हर परेशानी समझ सके ,,,,
दीपाली कमजोर पड़ गई और शीतल से गले लग गई । शीतल उसको इतनी कोमजोर देख कर समझ गई बात बोहोत गंभीर हे । उसको प्यार झटा के बोली ,,, में हूं ना बोलो ना क्या बात है ,,,
तभी वाहा तानिया भी आ गई ,,, क्या बात है दोनो अकेले अकेले ही ,,,,
लेकिन शीतल और दीपाली की चेहरे का भाव देख कर वो भी समझ गई और सीरियस हो कर बोली ,,, क्या हुआ ,,,
शीतल ,,, ये बताए तब ना बता नहीं रही है ,,,
तानिया दीपाली की चेहरे पे प्यार झटा कर बोली,,, क्या हुआ दीपू । बोल ना हम हे ना तू बता बात क्या है हम सॉल्व करने के लिए है ना यहां,,,
दीपाली ,,, तराली कहा हे ,,,
तानिया ,,, वो कुछ औरतों के साथ बाजार गई है क्यो कुछ हुआ है उसके साथ ,,,
दीपाली ,,, नही ,,
शीतल ,,, तो फिर ,,,
दीपाली ,,,, बताती हूं लेकिन उसे मत बताना वो निगेटिवली लेगी बात को समझेगी नही बात को ,,,
शीतल ,,, ठीक है हम वादा करते है उसे नहीं बताएंगे अब बोल ,,,
दीपाली ,,, वो वो ,,,। दीपाली शर्म से बोल ही नहीं पा रही थी ।,,,, वो काल रात मैने किसी के साथ सेक्स किया ,,,
तानिया मुस्कुराई ,,, तो क्या हुआ वैसे भी तेरे हसबैंड के साथ अब सबकुछ खतम ही हो गया हे ना ,,
शीतल तानिया को दांत कर ,,, तू भी ना इसे अब्सोस हो रहा है और तू मजे ले रही हे ,,,
तानिया ,,, ओके ओके सॉरी । तो क्या तुम्हे अच्छा नही लगा और पछतावा हो रहा हे क्या ,,,
दीपाली ,,, बात वो नहीं हे पर ,,,।।
शीतल ,,, पर क्या दीपू,,,,,
दीपाली ,,,, वो चेतन था और अनजाने में ,,,
बस इतना ही कह पाई और तानिया की कंधे पे मुंह छुपा ली शर्म से ।
तानिया और शीतल 440 v का झटका लगा ,,, क्या चेतन । अपना चेतन,,,, ।
दोनो की चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी ये सुन के की दीपाली ने अपने बेटे के साथ ही सेक्स कर लिया । बोलती बंद हो गई थी उस मंजर दोनो की क्या प्रतिक्रिया दे कुछ समझ नहीं पा रही थी दोनो ।
जब दिमाग ब्लैंक हो जाता है तब हवा की झोंक एहसास होती है और उस वक्त ऐसा ही हो रही थी वक्त जैसे रूक रूक के चल रही हे ।
तानिया ,,,, ये हुए कैसे ,,
दीपाली की आंखे नीची थी उसकी हिम्मत नही हो रही थी नजरे उठाने की । शीतल बोली ,,, कैसे हुआ ये ,,,,
दीपाली फिर रात की चारी कहानी बताती है । जिसे सुन कर तानिया और शीतल के पास कोई ठोस जवाब नही थी वो लोग क्या बोले जो भी हुई थी सब अनजाने में ही हुई थी । हालाकि बाद में दोनों को पता चल गया था मगर शुरुआत तो अनजाने में ही हुई थी ।
तानिया समझदारी से काम लेते हुए ,,, ओके ओके मेरी बात सुन अब दुखी होने का वक्त नहीं है । वो होना था तो हो गया सुनो ना दीपू प्लीज ये माइंड में मत ले इतना कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ा ,,,,
लेकिन शीतल बात को दिल पे ले ,,, तुमने जिशु को समझ कर यानी जिशू के साथ करना ,,,,
दीपाली ,,, नहीं नहीं प्लीज गलत मत समझ । में उसे बताना चाहती थी पर उसने मौका ही नही दिया और में भी बेहक गई थी और उकसा नतीजा में अब भुगत रही हूं । प्लीज शीतल मुझे गलत मत समझो ,,, दीपाली अब रोने लगी ।
तानिया ,,, शीतल तू भी ना । कभी कभी तेरी ये गवारों जैसी हरकत बिल्कुल पसंद नहीं आती मुझे दिख नहीं रही इसकी हालत ये तो कमसेकम सरवाइव कर रही है तू होती तो अब तक कुंए में कूद गई होती । कितने दिनों से इसे सेक्स नहीं मिला था बेचारी बहक गई थी और उसके साथ हुआ तो नहीं ना इस बात खुश तो हो । ,,,
शीतल को एहसास हो गया की वो सेलफिश हो रही हे जब की उसकी सहेली को उसकी जरूरत है इस वक्त । शीतल दीपाली को गले लगा के समझने लगती है ,,, सॉरी कोई बात नही जो हो गया सो हो गया अब बस रो मत नियति थी तो हो गया ,,,,
तानिया ,,, देख तू भी एक डॉक्टर है समझदार है में भी टेक्निकल फिल्ड से हूं । लोग सेक्स को गंदी चीज समझते हैं गलत नजर से देखते है जब की खुद भी उस चीज का इंजॉय करते हे । कमसे हम समझदार लोग तो उसको अच्छा चीज मान सकते है ना तु समझ ले तूने अपने बेटे के साथ अच्छी चीज की हे । हालाकि तेरी परेशानी पूरी खतम नही हो सकती दुनिया की दस्तूर जो हे पर थोड़ी तो बैटर फील देगी इस बात से । प्लीज बात को समझ बस एक ही बार हुआ है ,,,
दीपाली ,,, पर वो मुझसे । और में कैसे अब । कई बार हम दोनो एक दूसरे को अनदेखा कर चुके हे । बोहोत शर्म आ रही है । कुछ भी अच्छा नही लग रहा है । ,,,,
तानिया ,,,, तू शिंता मत कर हम उससे बात करेंगे ,,,,
दीपाली दर गई ,,,, नहीं नहीं रहने दे बात अपने बच्चो पे फैल गई तो ,,,,
शीतल ,,, दीपू हम एक परिवार हे और उससे भी अच्छा हमारा एक दिल का रिश्ता है । तू टेंशन मत ले ,,,,
दीपाली ना में शीर हिलाने लगी । लेकिन तानिया उसको हंसाने के लिए उसकी कमर पर गुदगुदी करने लगी ,,,, मुझे पता हे तेरा वो फोटो देख तभी से मन में कुछ कुछ हुआ था ना इसलिए बहक गई थी । लेकिन ये नाइंसाफी हे मेरे पति का तुझे बुरा लगा ,,,,
दीपाली थोड़ी हांसी मन थोड़ा शांत हुई थी बोझ थोड़ा हल्का लग रही थी ,,,, ऐसा नही है उसका तो लाल टॉमेटर जैसा है मुंह में पानी आ जाए । ,,
शीतल मजाक में ,,, हाय तू कहे तो दिलवा सकती हूं तेरे मुंह में ,,,
तानिया ,,, वैसे कैसा था तेरे बेटे का चिढ़ तो दी ही होगा उसने तेरी ,,,
दीपाली शर्म से मुस्कुराने लगी और शीतल की कंधे पे मुंह छुपाने लगी । तानिया उसे और बैटर फिल करवाना चाहती थी इसलिए दोनो को झाड़ के अंदर ले गई और दीपाली को चूमने लगी शीतल भी उसका साथ देने लगी वो दीपाली की बदन को सहलाने लगी ।
तानिया दीपाली की सारी के अंदर हाथ कर पैंटी के ऊपर से ही चूत भींच दी ,,,, बोल कैसा लगा था मजा आया था ना बेटे के साथ,,,,
दीपाली मुस्कुराई ,,,, इसलिए तो बाद में खुद गोद में उछली थी । बाई गॉड कितना बड़ा था उसका एक दम फैला देता था । अब प्लीज वो सब याद मत दिलाओ ,,,
तानिया और शीतल हसने लगी दिपाली भी मुस्कुराने लगी तानिया बोली ,,,, एक काम कर विशु को पता ले तू भी तेरे भी मजे हो जायेंगे यार कब तक दहकती रहेगी ,,,,
दीपाली ,, फट नही तुम लोगो की बात अलग है । ,,,
शीतल मुस्कुरा के ,,, मतलब ना नहीं हे । अगर वो पटाने चाहे तो ,,,,
दीपाली ,,,, ऐसे बात नहीं है । और तुम दोनो को पहले ही बता दूं कि उसे मत कहना कोई चालाकी नहीं । अगर मेरी किस्मत में कोई लिखा होगा तो वो मुझे वैसे भी मिल जायेगा ,,,,
तीनों हल्की फुल्की मजा करते है ।