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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Logically to asal duniya me namumkin hi he par Aabhasi duniya maze le sakte ho ...... Jo writer humare liye kitni mehanat kar ke story likh kar humari imagen ko pura kar raha he ...... Iske liye writer ko kouti kouti thanks

Thanx a lot & be along
 

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Waa bhai Polakh555 majaa agaya sach mein.
Sach bolu toh abh takka best update tha ye har mamle mein.. Ise barkarar rakhe and i hope jaldi hi Taniya aur jishu kabhi dekhne ko mile.. Keep posting.
Thanks
Thanx a lot & be along
 

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Update 55




Ground floor store room



रिधिमा स्टोर रूम की लाइट बंद कर के इंतजार कर रही थी पिछले दस मिनट से अपने भांजे चेतन का ।



उधर ये दोनो गेम खेल रहे थे । तपन गेम खेलने के साथ तानिया से चैटिंग भीं कर रहा था और उसने भी एक मौका ढूंढ लिया ।

तपन ,,, भाई में कुछ देर में आता हूं ,,,

विशू ,,,,, साले सब मुझे अकेले छोड़ कर जा रहे हो ना । ठीक जा जा एक दिन मेरा भी दिन आएगा ,,,

तपन हस कर ,,, यार समझा कर ना । में बस दस मिनट में आया तू एक मैच खेल ले तब तक ,,,

तपन वोहा से चला गया । विशू अकेला पर गया उसे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था । उन चारों में से वो सबसे ज्यादा मस्ती खोर मजाकिया किस्म का था तो उसके दिमाग में सैतानी करने की आइडिया आया ।


और वो चारो तरफ देखा की कुछ लोग चुके थे और कुछ सोने की तयारी कर रहे थे । वो सबकी नजर बचा के नीचे वाले स्टोर रूम में गया होंठो पे मुस्कान ले के और सुने देखा स्टोर रूम की दरवाजा थोड़ा खुला (देखो इन लोगो की कांड दरवाजा भी बंद नही किया अंदर से रुको मजा चखता हूं )वो जिशु और शीतल को डराने की इरादे से दबे पाओ स्टोर रूम में घुसा ।


कमरे में अंधेरा था उसके पास मोबाइल था लेकिन उसने फ्लैश लाइट जलाया नही । कमरे में साख सब्जी रखे हुए बड़े बड़े बस्ते में आलू टमाटर जैसे और भी सब्जियों के अनाज के बोड़ी रखी हुई थी । और हाथ से चीजों को छू कर कदम रखने लगा अचानक किसी से वो टकरा गया । वो जिशु या शीतल आंटी समझ कर डराने ही वाला था


लेकिन उससे पहले ही रिधिमा उसकी बाहों में समा गई और बोलने लगी ,,, अब आए हो कबसे तुम्हारा इंतजार कर रहा था ,,,

विशु हैरान हो गया (ये कौन है ये तो शीतल आंटी नहीं हे । वो दोनो कहा हे फिर और ये औरत कौन है फिर । क्या गुगली हे ये)

रिधिमा ,,,,चेतन तुमने दरवाजा बंद किया ,,,

विशु बस ,,, हुंह,,, और दिमाग पे जोर दे कर (ओह तेरी ये तो तो चेतन की ताई है । ये यहां क्या कर रही है और चेतन समझ के मुझे क्यू बाहों में भर रखी हे । ओह तेरी चेतन अपनी ताई को ही पता रखा हे । साला कितना हरामी है),,,, विशू उसे बताना चाहता था की वो चेतन नहीं हे पर


रिधिमा उसकी छाती के दो बॉटम खोल के चूमने लगी । विशू को उसकी होठों की कोमोल एहसास पा कर पूरे बदन में सिहरन दौड़ गया । ये एहसास उसकी लुभावना भाव को जगाने के लिए काफी था लेकिन फिर भी वो बताना चाहता था और रिधोमा की कान में बोला ,,, में चेतन का दोस्त हूं ,,,


रिधिमा की कान में जैसे ही ये बात घुसी उसकी अंतर आत्मा कांप उठी और सोक के दो कदम पीछे हुई । विशु ने जैप से मोबाइल निकाला और फ्लैश लाइट जला दी ।


रिधिमा की चेहरे पे 12 बजी हुई थी । विशू मुस्कुरा के ,,, डरिए मत में किसी को नही बताऊंगा ,,,


रिधिमा ,,,, तू तू तुम यहां क्या कर रहे हो ,,,,

विशु जूठ बोलते हुए ,,,, में तो आंटी यहां सिगरेट पीने आया था ,,, और फिर सैतानी मुस्कान दे के ,,, लेकिन में समझ गया आप यहां क्यू है । चेतन और आप उम्म्म,,,



विशू की सैतानी मुस्कान देख के रिधिमा बात को छिपा ना सकी और उसकी भी मुस्कान निकल गई ,,,, देखो ऐसा कुछ नही है ,,,


विशु ,,,, आंटी आप मूस्कुराती हुई बोहोत हसीन लगती है जूठ बोलेंगी तो आपकी मुस्कान फीका लगेगा और वैसे भी मुझे पाता चल ही गया है तो अब क्या शर्माना ,,,

रिधिमा मुस्कुराती हुई नजर इधर उधर करने लगी । विशू उसके ऊपर हस के बोला ...." लगता है आपका भांजा गलत पाते पर पोहोच गया है ।,,,,


रिधिमा,,,,, किसी को बोलना मत ,,,

रिधिमा मुड़ कर जाने लगी तो विशू उसका पीछे से हाथ पकड़ कर बोला ,,,, आंटी आज काल घुस का करोवार चलता है और ऐसे ही पतली गली पकड़ रही है ,,,


रिधिमा अपनी हाथ चुराने की कशिश भी नही करी और मुस्कुरा कर बोली , , ,,, क्या चाहिए बोलो,,,,

विशू फ्लैश लाइट बंद कर के मोबाइल जैप में डालता है और रिधिमा को अपनी तरफ घुमा कर प्यार से बोला ,,, चेतन जो प्यार देने वाली थी वोही प्यार मुझे भी दीजिए थोड़ा ,,,


रिधिमा अंधेरे में ही मुस्कुराई (भांजा नही तो दोस्त ही सही ये भी खूबसूरत नौजवान है) वो कुछ नही बोली ।


विशु उसकी हा समझ कर उसे बाहों में भर लिया और सीधा होंठ पे होंठ सता कर चूसने लगा । रिधिमा भी उसके चेहरे को पकड़ कर चूमने लगी ।


धोरे धीरे दोनो गर्म हो रहे थे आनंद ले रहे थे एक दूसरे की हाथ एक दूसरे की बदन पर चलने लगे ।


रिधिमा उस वक्त एक सिल्की वान पिच स्लीबल्स नाइटी पहनी हुई थी वो तैयारी के साथ आई थी नीचे अंडरगार्मेंट भी नही पहनी थी वो । उंगली की अंगूठी तक उतार कर आई थी खुशबूदार परफ्यूम लगा कर ।


विशू इतना अच्छा मौका गवाना नही चाहता था उसकी सोच ये थी कि जब चेतन अपनी ताई के साथ कर सकता हे तो मेरे करने से क्या बुरा होगा और वो भी लालच में आ गया था ।


विशु रिधिमा की मांसल बाजू पकड़ के चेहरे को चूमने लगा और तेज सांसें लेते हुए बोला ,, आंटी आप बोहोत सॉफ्ट हो ,,,,

रिधिमा मुस्कुराई और उसका कमर पकड़ कर बोली ,,, तो क्या सख्त होना चाहिए ,,,


विशू ,,, अरे नेही मेरा मतलब नही था ,,,


और उसकी गर्दन चूमने लगा कंधा चूमने लगा लंबी केश पकड़ कर शिर ऊपर कर के मजे से चाटने लगा विशु रिधिमा को । दोनो ऐसे आगे बढ़ रहे थे जैसे दोनो में किसी को भी नयापन या कोई चंका नहीं है बस एक दूसरे की बाहों में समा जाना चाहता था दैहिक मिलन करने के लिए बेकरार हो रहे थे दोनो ।



विधु पास ही में पड़ा बस्ते के उपर रिधिमा को लिटा दिया और बोला ,,,, आंटी नाइटी ऊपर दो ना ,,,

रिधिमा की सांस चढ़ी हुई थी ,,, हाहह तू भी उतार दे सब ज्यादा टाइम देर नहीं कर सकते हे हम ,,,


फिर क्या था दोनो ही अपने अपने कपरे उतार कर नंगे हो गए । विशु रिधिमा के ऊपर लेट गया रिधिमा की चूत जल रही थी इतनी गर्म हो गई थी वो और उसने पहले से ही टांगे फैला के रखा । विशु का लंड उसकी चूत पर जा टकड़ा । विशु रिधिमा की गड़ताई हुई बदन को बाहों में भर कर आनंद से गड गड हो रहा था ।



रिधिमा नीचे हाथ ले जा कर विशु लंड को तोतले लगी और बोली ,,,, इतना मोटा बाप रे,,,


विशू ,,,, आपको पसंद आया ,,,,


विशु को अपने लंड पर कोमोल हाथो को एहसास पा कर मन किया बस चूत में डाल दे । रिधिमा भी वक्त की नजाकत देख कर लंड को अपनी चूत पर लगा दी और विशू ये एहसास पा कर ही व्याकुल हो कर धक्का मारा लंड भले ही सुखा था लेकिन रिधिमा की चूत गीली थी कबसे और चूत की दीवारों से पिचलता हुआ अंदर घुसते चला गया । विशु का था पहली बार वो आनंद विभोर हो कर धकेलता गया और लंड जड़ तक घुसा दिया ।


रिधिमा कोई सती सावित्री औरत नहीं थी जीवन में पहली बार उसे इतने बड़े लंड का एहसास हुई और पहली बार में ऐसे घुसा की उसे भी काफी तकलीफ हुई और दबी हुई आवाज में चिल्लाई ,,,मार दिया आन्ह्ह्ह बेटा ,,,,


विशू उसकी पेशानी पे हाथ फेरने लगा प्यार से और छोटी छोटी चुम्मिया दे कर प्यार जताने लगा ,, कोई ना आंटी अभी ठीक हो जायेगा ,,,,


रिधिमा दर्द बर्दास्त करती हुई बोली ,,,, कोई ना आंटी आह्हह फाड़ दी पहले ही ऐसा करता है क्या । आन्ह्ह्ह अब धीरे धीरे करो ,,,,


विशू उसकी बगल से हाथ निकाल ले फैबिकल की तरह रिधिमा को गुड़िया की तरह चिपका लिया और धीरे धीरे चोदने लगा ।


कुछ समय विशु एहसास ले कर चोदता रहा स्टोर रूम पर हल्की हल्की आवाज़ें गूंजने लगी आह्ह्ह्ह बेटा उन्ह्ह्ह धीरे ओंझझ आह्ह्ह उन्ह्ह्ह


विशु ,,, आंटी मजा आ रहा हे (आज पाता चला चुदाई में इतना मजा आता हे ये आंटी भी कमाल की है बढ़िया माल हे आंटी । चेतन के साथ मिल कर दोनो एक साथ चोदेंगे किसी दिन बोहोत चालू आंटी हे तो कोई परवा नहीं है)


रिधिमा विशु का बाल पकड़ कर और बाजू कस कर आनंद ले रही थी ,,,,, हा इसलिए तो आह्ह्हह्ह चोदने दे रही हूं,,,,


विशू को और जोश मिला उसकी गंदी शब्द सुन के और वो भी फ्री हो गया और उसकी गाल पर डाट गाढ़ा के बोला ,,, हेन्हह आप एक दम बोल्ड बिंदास टाइप की हो मन कर रहा है आपको खा जाऊं,,,


विशू के धक्के तेज हो गए रिधिमा की लचीला बदन हर धक्के पर हिलने लगी और आऊऊऊआई आह्ह्ह चोद बेटा चोद आह्ह्ह्ह बोहोत मजा आ दे रहा है तू उन्ह्ह्ह्ह



दोनो कुस्ती की तरह लड़ पड़े रिधिमा उसको जोश दिलाती जा रही थी और विशू पूरी मेहनत करते हुए धक्के लगाए जा रहे थे रिधिमा हर मानने को तैयार नही थी बार बार पानी निकलवाने में खूब मजा आ रही थी और विशू जैसे नौजवान की ताकत उसे भाव गई थी ।




ये रात तो चारो पैंतरों की निकल पड़ी सोने पे सुहागा हो गया ।
 

Abhi32

Well-Known Member
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Ground floor store room



रिधिमा स्टोर रूम की लाइट बंद कर के इंतजार कर रही थी पिछले दस मिनट से अपने भांजे चेतन का ।



उधर ये दोनो गेम खेल रहे थे । तपन गेम खेलने के साथ तानिया से चैटिंग भीं कर रहा था और उसने भी एक मौका ढूंढ लिया ।

तपन ,,, भाई में कुछ देर में आता हूं ,,,

विशू ,,,,, साले सब मुझे अकेले छोड़ कर जा रहे हो ना । ठीक जा जा एक दिन मेरा भी दिन आएगा ,,,

तपन हस कर ,,, यार समझा कर ना । में बस दस मिनट में आया तू एक मैच खेल ले तब तक ,,,

तपन वोहा से चला गया । विशू अकेला पर गया उसे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था । उन चारों में से वो सबसे ज्यादा मस्ती खोर मजाकिया किस्म का था तो उसके दिमाग में सैतानी करने की आइडिया आया ।


और वो चारो तरफ देखा की कुछ लोग चुके थे और कुछ सोने की तयारी कर रहे थे । वो सबकी नजर बचा के नीचे वाले स्टोर रूम में गया होंठो पे मुस्कान ले के और सुने देखा स्टोर रूम की दरवाजा थोड़ा खुला (देखो इन लोगो की कांड दरवाजा भी बंद नही किया अंदर से रुको मजा चखता हूं )वो जिशु और शीतल को डराने की इरादे से दबे पाओ स्टोर रूम में घुसा ।


कमरे में अंधेरा था उसके पास मोबाइल था लेकिन उसने फ्लैश लाइट जलाया नही । कमरे में साख सब्जी रखे हुए बड़े बड़े बस्ते में आलू टमाटर जैसे और भी सब्जियों के अनाज के बोड़ी रखी हुई थी । और हाथ से चीजों को छू कर कदम रखने लगा अचानक किसी से वो टकरा गया । वो जिशु या शीतल आंटी समझ कर डराने ही वाला था


लेकिन उससे पहले ही रिधिमा उसकी बाहों में समा गई और बोलने लगी ,,, अब आए हो कबसे तुम्हारा इंतजार कर रहा था ,,,

विशु हैरान हो गया (ये कौन है ये तो शीतल आंटी नहीं हे । वो दोनो कहा हे फिर और ये औरत कौन है फिर । क्या गुगली हे ये)

रिधिमा ,,,,चेतन तुमने दरवाजा बंद किया ,,,

विशु बस ,,, हुंह,,, और दिमाग पे जोर दे कर (ओह तेरी ये तो तो चेतन की ताई है । ये यहां क्या कर रही है और चेतन समझ के मुझे क्यू बाहों में भर रखी हे । ओह तेरी चेतन अपनी ताई को ही पता रखा हे । साला कितना हरामी है),,,, विशू उसे बताना चाहता था की वो चेतन नहीं हे पर


रिधिमा उसकी छाती के दो बॉटम खोल के चूमने लगी । विशू को उसकी होठों की कोमोल एहसास पा कर पूरे बदन में सिहरन दौड़ गया । ये एहसास उसकी लुभावना भाव को जगाने के लिए काफी था लेकिन फिर भी वो बताना चाहता था और रिधोमा की कान में बोला ,,, में चेतन का दोस्त हूं ,,,


रिधिमा की कान में जैसे ही ये बात घुसी उसकी अंतर आत्मा कांप उठी और सोक के दो कदम पीछे हुई । विशु ने जैप से मोबाइल निकाला और फ्लैश लाइट जला दी ।


रिधिमा की चेहरे पे 12 बजी हुई थी । विशू मुस्कुरा के ,,, डरिए मत में किसी को नही बताऊंगा ,,,


रिधिमा ,,,, तू तू तुम यहां क्या कर रहे हो ,,,,

विशु जूठ बोलते हुए ,,,, में तो आंटी यहां सिगरेट पीने आया था ,,, और फिर सैतानी मुस्कान दे के ,,, लेकिन में समझ गया आप यहां क्यू है । चेतन और आप उम्म्म,,,



विशू की सैतानी मुस्कान देख के रिधिमा बात को छिपा ना सकी और उसकी भी मुस्कान निकल गई ,,,, देखो ऐसा कुछ नही है ,,,


विशु ,,,, आंटी आप मूस्कुराती हुई बोहोत हसीन लगती है जूठ बोलेंगी तो आपकी मुस्कान फीका लगेगा और वैसे भी मुझे पाता चल ही गया है तो अब क्या शर्माना ,,,

रिधिमा मुस्कुराती हुई नजर इधर उधर करने लगी । विशू उसके ऊपर हस के बोला ...." लगता है आपका भांजा गलत पाते पर पोहोच गया है ।,,,,


रिधिमा,,,,, किसी को बोलना मत ,,,

रिधिमा मुड़ कर जाने लगी तो विशू उसका पीछे से हाथ पकड़ कर बोला ,,,, आंटी आज काल घुस का करोवार चलता है और ऐसे ही पतली गली पकड़ रही है ,,,


रिधिमा अपनी हाथ चुराने की कशिश भी नही करी और मुस्कुरा कर बोली , , ,,, क्या चाहिए बोलो,,,,

विशू फ्लैश लाइट बंद कर के मोबाइल जैप में डालता है और रिधिमा को अपनी तरफ घुमा कर प्यार से बोला ,,, चेतन जो प्यार देने वाली थी वोही प्यार मुझे भी दीजिए थोड़ा ,,,


रिधिमा अंधेरे में ही मुस्कुराई (भांजा नही तो दोस्त ही सही ये भी खूबसूरत नौजवान है) वो कुछ नही बोली ।


विशु उसकी हा समझ कर उसे बाहों में भर लिया और सीधा होंठ पे होंठ सता कर चूसने लगा । रिधिमा भी उसके चेहरे को पकड़ कर चूमने लगी ।


धोरे धीरे दोनो गर्म हो रहे थे आनंद ले रहे थे एक दूसरे की हाथ एक दूसरे की बदन पर चलने लगे ।


रिधिमा उस वक्त एक सिल्की वान पिच स्लीबल्स नाइटी पहनी हुई थी वो तैयारी के साथ आई थी नीचे अंडरगार्मेंट भी नही पहनी थी वो । उंगली की अंगूठी तक उतार कर आई थी खुशबूदार परफ्यूम लगा कर ।


विशू इतना अच्छा मौका गवाना नही चाहता था उसकी सोच ये थी कि जब चेतन अपनी ताई के साथ कर सकता हे तो मेरे करने से क्या बुरा होगा और वो भी लालच में आ गया था ।


विशु रिधिमा की मांसल बाजू पकड़ के चेहरे को चूमने लगा और तेज सांसें लेते हुए बोला ,, आंटी आप बोहोत सॉफ्ट हो ,,,,

रिधिमा मुस्कुराई और उसका कमर पकड़ कर बोली ,,, तो क्या सख्त होना चाहिए ,,,


विशू ,,, अरे नेही मेरा मतलब नही था ,,,


और उसकी गर्दन चूमने लगा कंधा चूमने लगा लंबी केश पकड़ कर शिर ऊपर कर के मजे से चाटने लगा विशु रिधिमा को । दोनो ऐसे आगे बढ़ रहे थे जैसे दोनो में किसी को भी नयापन या कोई चंका नहीं है बस एक दूसरे की बाहों में समा जाना चाहता था दैहिक मिलन करने के लिए बेकरार हो रहे थे दोनो ।



विधु पास ही में पड़ा बस्ते के उपर रिधिमा को लिटा दिया और बोला ,,,, आंटी नाइटी ऊपर दो ना ,,,

रिधिमा की सांस चढ़ी हुई थी ,,, हाहह तू भी उतार दे सब ज्यादा टाइम देर नहीं कर सकते हे हम ,,,


फिर क्या था दोनो ही अपने अपने कपरे उतार कर नंगे हो गए । विशु रिधिमा के ऊपर लेट गया रिधिमा की चूत जल रही थी इतनी गर्म हो गई थी वो और उसने पहले से ही टांगे फैला के रखा । विशु का लंड उसकी चूत पर जा टकड़ा । विशु रिधिमा की गड़ताई हुई बदन को बाहों में भर कर आनंद से गड गड हो रहा था ।



रिधिमा नीचे हाथ ले जा कर विशु लंड को तोतले लगी और बोली ,,,, इतना मोटा बाप रे,,,


विशू ,,,, आपको पसंद आया ,,,,


विशु को अपने लंड पर कोमोल हाथो को एहसास पा कर मन किया बस चूत में डाल दे । रिधिमा भी वक्त की नजाकत देख कर लंड को अपनी चूत पर लगा दी और विशू ये एहसास पा कर ही व्याकुल हो कर धक्का मारा लंड भले ही सुखा था लेकिन रिधिमा की चूत गीली थी कबसे और चूत की दीवारों से पिचलता हुआ अंदर घुसते चला गया । विशु का था पहली बार वो आनंद विभोर हो कर धकेलता गया और लंड जड़ तक घुसा दिया ।


रिधिमा कोई सती सावित्री औरत नहीं थी जीवन में पहली बार उसे इतने बड़े लंड का एहसास हुई और पहली बार में ऐसे घुसा की उसे भी काफी तकलीफ हुई और दबी हुई आवाज में चिल्लाई ,,,मार दिया आन्ह्ह्ह बेटा ,,,,


विशू उसकी पेशानी पे हाथ फेरने लगा प्यार से और छोटी छोटी चुम्मिया दे कर प्यार जताने लगा ,, कोई ना आंटी अभी ठीक हो जायेगा ,,,,


रिधिमा दर्द बर्दास्त करती हुई बोली ,,,, कोई ना आंटी आह्हह फाड़ दी पहले ही ऐसा करता है क्या । आन्ह्ह्ह अब धीरे धीरे करो ,,,,


विशू उसकी बगल से हाथ निकाल ले फैबिकल की तरह रिधिमा को गुड़िया की तरह चिपका लिया और धीरे धीरे चोदने लगा ।


कुछ समय विशु एहसास ले कर चोदता रहा स्टोर रूम पर हल्की हल्की आवाज़ें गूंजने लगी आह्ह्ह्ह बेटा उन्ह्ह्ह धीरे ओंझझ आह्ह्ह उन्ह्ह्ह


विशु ,,, आंटी मजा आ रहा हे (आज पाता चला चुदाई में इतना मजा आता हे ये आंटी भी कमाल की है बढ़िया माल हे आंटी । चेतन के साथ मिल कर दोनो एक साथ चोदेंगे किसी दिन बोहोत चालू आंटी हे तो कोई परवा नहीं है)


रिधिमा विशु का बाल पकड़ कर और बाजू कस कर आनंद ले रही थी ,,,,, हा इसलिए तो आह्ह्हह्ह चोदने दे रही हूं,,,,


विशू को और जोश मिला उसकी गंदी शब्द सुन के और वो भी फ्री हो गया और उसकी गाल पर डाट गाढ़ा के बोला ,,, हेन्हह आप एक दम बोल्ड बिंदास टाइप की हो मन कर रहा है आपको खा जाऊं,,,


विशू के धक्के तेज हो गए रिधिमा की लचीला बदन हर धक्के पर हिलने लगी और आऊऊऊआई आह्ह्ह चोद बेटा चोद आह्ह्ह्ह बोहोत मजा आ दे रहा है तू उन्ह्ह्ह्ह



दोनो कुस्ती की तरह लड़ पड़े रिधिमा उसको जोश दिलाती जा रही थी और विशू पूरी मेहनत करते हुए धक्के लगाए जा रहे थे रिधिमा हर मानने को तैयार नही थी बार बार पानी निकलवाने में खूब मजा आ रही थी और विशू जैसे नौजवान की ताकत उसे भाव गई थी ।




ये रात तो चारो पैंतरों की निकल पड़ी सोने पे सुहागा हो गया ।
Bhai ab kewal taraki bachee hai
 
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Next day



सुबाह 10 बजे

शादी की रसम था । सुबाह से कार्यकर्ता लोग भाग दौर कर रहे थे । माहोल और जगमगा हो उठा दीपाली गुमसुम थी सुबह से ही किसी पे मन नहीं लग रहा था उसकी हर वक्त एंब्रसिंग पछतावा मेहसूस कर रही थी उसे इस बात का अफसोस नही थी की उसने पति से अलग अन्य मर्द के साथ सेक्स किया बात उसकी थी वो उसका सगा बेटा था । चाहे कुछ भी हो हर गुनाह माफ कर मां बेटे के शारीरिक संबंध बना लेना कोई समाज माफ़ ना करे ।



दीपाली लोगो से अलग कोने में गुमसुम बैठी पाई जा रही थी । कोई कोई बात भी करता तो बस हा ना में जवाब दे रही थी । शीतल केयरिंग नेचर की थी वो दीपाली को गुमसुम देख कर खुद परेशान हो गई और उसने फैसला किया दीपाली की गुमसुम होने की वजह जान कर उसका साथ दे ।



शीतल दीपाली को एक कोने से उठा कर घर के पीछे बाग में ले के गई ।

दीपाली ,,,, ये कहा ले के आ गई बात क्या है,,,

शीतल,,,, वो तो तू बताएगी ना बात क्या है,,,

दीपाली ,,, में । में क्या बताऊंगी ,,,

शीतल ,,,, तू जो छुपा रही है ,,,

दीपाली हरबरा गई एक पल के लिए ,,, में क्या क्या छुपा रही हूं,,,


शीतल ,,,, एक कान के नीचे लगाऊंगी समझी अब बता क्या बात है जो सुबाह से परेशान है तू चेहरा देख अपना बिल्कुल काली पड़ गई है ,,,

दीपाली फिर भी छुपाना चाहती थी ,,, ऐसा कुछ नही है बस तबियत ठीक नहीं लग रही हे । चोर बोहोत है ना ,,,

शीतल उसकी बाजू पकड़ के उसकी आखों में आंखे डाले प्यार से बोली ,,,, मुझे नहीं बताएगी तो किसे बताएगी हा । और हे ही कौन हमारे एलावा तेरी जो तेरी हर परेशानी समझ सके ,,,,


दीपाली कमजोर पड़ गई और शीतल से गले लग गई । शीतल उसको इतनी कोमजोर देख कर समझ गई बात बोहोत गंभीर हे । उसको प्यार झटा के बोली ,,, में हूं ना बोलो ना क्या बात है ,,,



तभी वाहा तानिया भी आ गई ,,, क्या बात है दोनो अकेले अकेले ही ,,,,


लेकिन शीतल और दीपाली की चेहरे का भाव देख कर वो भी समझ गई और सीरियस हो कर बोली ,,, क्या हुआ ,,,

शीतल ,,, ये बताए तब ना बता नहीं रही है ,,,

तानिया दीपाली की चेहरे पे प्यार झटा कर बोली,,, क्या हुआ दीपू । बोल ना हम हे ना तू बता बात क्या है हम सॉल्व करने के लिए है ना यहां,,,

दीपाली ,,, तराली कहा हे ,,,

तानिया ,,, वो कुछ औरतों के साथ बाजार गई है क्यो कुछ हुआ है उसके साथ ,,,

दीपाली ,,, नही ,,

शीतल ,,, तो फिर ,,,

दीपाली ,,,, बताती हूं लेकिन उसे मत बताना वो निगेटिवली लेगी बात को समझेगी नही बात को ,,,

शीतल ,,, ठीक है हम वादा करते है उसे नहीं बताएंगे अब बोल ,,,

दीपाली ,,, वो वो ,,,। दीपाली शर्म से बोल ही नहीं पा रही थी ।,,,, वो काल रात मैने किसी के साथ सेक्स किया ,,,

तानिया मुस्कुराई ,,, तो क्या हुआ वैसे भी तेरे हसबैंड के साथ अब सबकुछ खतम ही हो गया हे ना ,,

शीतल तानिया को दांत कर ,,, तू भी ना इसे अब्सोस हो रहा है और तू मजे ले रही हे ,,,

तानिया ,,, ओके ओके सॉरी । तो क्या तुम्हे अच्छा नही लगा और पछतावा हो रहा हे क्या ,,,

दीपाली ,,, बात वो नहीं हे पर ,,,।।

शीतल ,,, पर क्या दीपू,,,,,

दीपाली ,,,, वो चेतन था और अनजाने में ,,,

बस इतना ही कह पाई और तानिया की कंधे पे मुंह छुपा ली शर्म से ।

तानिया और शीतल 440 v का झटका लगा ,,, क्या चेतन । अपना चेतन,,,, ।

दोनो की चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी ये सुन के की दीपाली ने अपने बेटे के साथ ही सेक्स कर लिया । बोलती बंद हो गई थी उस मंजर दोनो की क्या प्रतिक्रिया दे कुछ समझ नहीं पा रही थी दोनो ।


जब दिमाग ब्लैंक हो जाता है तब हवा की झोंक एहसास होती है और उस वक्त ऐसा ही हो रही थी वक्त जैसे रूक रूक के चल रही हे ।

तानिया ,,,, ये हुए कैसे ,,

दीपाली की आंखे नीची थी उसकी हिम्मत नही हो रही थी नजरे उठाने की । शीतल बोली ,,, कैसे हुआ ये ,,,,

दीपाली फिर रात की चारी कहानी बताती है । जिसे सुन कर तानिया और शीतल के पास कोई ठोस जवाब नही थी वो लोग क्या बोले जो भी हुई थी सब अनजाने में ही हुई थी । हालाकि बाद में दोनों को पता चल गया था मगर शुरुआत तो अनजाने में ही हुई थी ।


तानिया समझदारी से काम लेते हुए ,,, ओके ओके मेरी बात सुन अब दुखी होने का वक्त नहीं है । वो होना था तो हो गया सुनो ना दीपू प्लीज ये माइंड में मत ले इतना कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ा ,,,,

लेकिन शीतल बात को दिल पे ले ,,, तुमने जिशु को समझ कर यानी जिशू के साथ करना ,,,,

दीपाली ,,, नहीं नहीं प्लीज गलत मत समझ । में उसे बताना चाहती थी पर उसने मौका ही नही दिया और में भी बेहक गई थी और उकसा नतीजा में अब भुगत रही हूं । प्लीज शीतल मुझे गलत मत समझो ,,, दीपाली अब रोने लगी ।

तानिया ,,, शीतल तू भी ना । कभी कभी तेरी ये गवारों जैसी हरकत बिल्कुल पसंद नहीं आती मुझे दिख नहीं रही इसकी हालत ये तो कमसेकम सरवाइव कर रही है तू होती तो अब तक कुंए में कूद गई होती । कितने दिनों से इसे सेक्स नहीं मिला था बेचारी बहक गई थी और उसके साथ हुआ तो नहीं ना इस बात खुश तो हो । ,,,

शीतल को एहसास हो गया की वो सेलफिश हो रही हे जब की उसकी सहेली को उसकी जरूरत है इस वक्त । शीतल दीपाली को गले लगा के समझने लगती है ,,, सॉरी कोई बात नही जो हो गया सो हो गया अब बस रो मत नियति थी तो हो गया ,,,,


तानिया ,,, देख तू भी एक डॉक्टर है समझदार है में भी टेक्निकल फिल्ड से हूं । लोग सेक्स को गंदी चीज समझते हैं गलत नजर से देखते है जब की खुद भी उस चीज का इंजॉय करते हे । कमसे हम समझदार लोग तो उसको अच्छा चीज मान सकते है ना तु समझ ले तूने अपने बेटे के साथ अच्छी चीज की हे । हालाकि तेरी परेशानी पूरी खतम नही हो सकती दुनिया की दस्तूर जो हे पर थोड़ी तो बैटर फील देगी इस बात से । प्लीज बात को समझ बस एक ही बार हुआ है ,,,

दीपाली ,,, पर वो मुझसे । और में कैसे अब । कई बार हम दोनो एक दूसरे को अनदेखा कर चुके हे । बोहोत शर्म आ रही है । कुछ भी अच्छा नही लग रहा है । ,,,,


तानिया ,,,, तू शिंता मत कर हम उससे बात करेंगे ,,,,

दीपाली दर गई ,,,, नहीं नहीं रहने दे बात अपने बच्चो पे फैल गई तो ,,,,

शीतल ,,, दीपू हम एक परिवार हे और उससे भी अच्छा हमारा एक दिल का रिश्ता है । तू टेंशन मत ले ,,,,

दीपाली ना में शीर हिलाने लगी । लेकिन तानिया उसको हंसाने के लिए उसकी कमर पर गुदगुदी करने लगी ,,,, मुझे पता हे तेरा वो फोटो देख तभी से मन में कुछ कुछ हुआ था ना इसलिए बहक गई थी । लेकिन ये नाइंसाफी हे मेरे पति का तुझे बुरा लगा ,,,,


दीपाली थोड़ी हांसी मन थोड़ा शांत हुई थी बोझ थोड़ा हल्का लग रही थी ,,,, ऐसा नही है उसका तो लाल टॉमेटर जैसा है मुंह में पानी आ जाए । ,,

शीतल मजाक में ,,, हाय तू कहे तो दिलवा सकती हूं तेरे मुंह में ,,,

तानिया ,,, वैसे कैसा था तेरे बेटे का चिढ़ तो दी ही होगा उसने तेरी ,,,

दीपाली शर्म से मुस्कुराने लगी और शीतल की कंधे पे मुंह छुपाने लगी । तानिया उसे और बैटर फिल करवाना चाहती थी इसलिए दोनो को झाड़ के अंदर ले गई और दीपाली को चूमने लगी शीतल भी उसका साथ देने लगी वो दीपाली की बदन को सहलाने लगी ।


तानिया दीपाली की सारी के अंदर हाथ कर पैंटी के ऊपर से ही चूत भींच दी ,,,, बोल कैसा लगा था मजा आया था ना बेटे के साथ,,,,

दीपाली मुस्कुराई ,,,, इसलिए तो बाद में खुद गोद में उछली थी । बाई गॉड कितना बड़ा था उसका एक दम फैला देता था । अब प्लीज वो सब याद मत दिलाओ ,,,

तानिया और शीतल हसने लगी दिपाली भी मुस्कुराने लगी तानिया बोली ,,,, एक काम कर विशु को पता ले तू भी तेरे भी मजे हो जायेंगे यार कब तक दहकती रहेगी ,,,,

दीपाली ,, फट नही तुम लोगो की बात अलग है । ,,,

शीतल मुस्कुरा के ,,, मतलब ना नहीं हे । अगर वो पटाने चाहे तो ,,,,


दीपाली ,,,, ऐसे बात नहीं है । और तुम दोनो को पहले ही बता दूं कि उसे मत कहना कोई चालाकी नहीं । अगर मेरी किस्मत में कोई लिखा होगा तो वो मुझे वैसे भी मिल जायेगा ,,,,


तीनों हल्की फुल्की मजा करते है ।
 

Polakh555

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Update 57




friend's atmosphere



समय दोपहर 2 बजे ।



सभी लोग भोजनालय प्रबंध जगह पे खाना खा रहे थे । विशु सुबह से सेहेक रहा था और मौका देख कर चेतन को चट्ट पर ले गया उसके पीछे पीछे तपन और जिशू भी आ गया ।


विशु ,,, यार तुम दोनो क्यूं आ गए मुझे चेतन से कुछ इंपोटेंट बात करनी है ,,,,


तपन ,, हम भी चेतन से कुछ जरूरी बाते करनी है ,,,

जिशू ,,, हा तू निकल ले ,,,,


पता नही चेतन को बड़ा गुस्सा आया अपने दोस्तो की तू तू में में हरकत पर और जोर से चिल्लाया ,,,, बहनचोद चोद चुप रहो । साला मुझे पता हे तुम लोगो को क्या बात करनी है ,,,


तीनों चुप हो गए और एक दूसरे को देखने लगे ।


चेतन चुप नहीं हुआ ।,,,, मुझे पता है (आइडिया लगा कर) मम्मी ने तानिया आंटी या शीतल आंटी या फिर दोनों को बता दिया होगा ना कैसे मेने और मम्मी ने अनाजने में सेक्स किया । और तू बिशु तू ये बताने आ गया ना की तूने मेरी जगह मेरी ताई के साथ सेक्स किया रात को नीचे वाले स्टोर रूम पर । ताई ने बताया मुझे सुबह । जान कर खुशी होगी तुझे वो बता रही थी की तेरे साथ बोहोत मजा आया और मुझे नल्ला बोला तालिया (चेतन क्लैपिंग करने लगा) । बोहोत खूब । और साला में मदरचोद ऊपर वाले स्टोर रूम में गया सोचा था जिंदगी की पहली सेक्स का मजे से लूंगा । अपनी किस्मत पर बड़ा खुश हो रहा था नाच रहा था अपनी किस्मत पर । साला अंधा सिपाही कानी घोड़ी, विधि ने खूब मिलाई वाली बात हो गई । मुझे क्या पता था मम्मी स्टोर रूम पर होगी मुझे लगा ताई है जिसकी मैंने दोपहर को ही पता लिया था सोचा था अपनी ताई को चोदूंगा । हथियार को धार दे के सीमा पे जाने वाली सैनिक की तरह छाती फूला के गया था । लेकिन ताई की जगह अपनी ही सगी मम्मी थी वाहा साला किस्मत । अंधेरे में एक झलक भी नहीं दिखाई दिया धर दबोच लिया अपनी मम्मी को ताई समझकर । वो मना कर रही थी चटपटा रही थी लेकिन में तो बब्बर शेर बन कर गया था आज शिकार कर के ही रहेंगे । जबरदस्ती कर के शिकार करने पर भीड़ गया । बस अब खुश यही जानना था ना तुम लोगो को । अब मजाक उड़ाओ हसो रो कुछ भी करो जो करना है करो । (और फिर एक बार क्लैपिंग)


तीनो की बोलती बंद हो जाती है । तीनो चट्ट पर घूमने लगे इधर उधर । तीनो को पूरी बात नही मालूम थीं अब तीनो को मालुम हो गया अपने दोस्त का हाल समझ रहे थे तीनों ।


चेतन फिर बोला लेकिन इस बार गुत्थी सुलझाने की अंदाज में ,,,, यार मम्मी भी मान गई थी पता चलने से पहले मुझे ऐसा क्यू लगता है की वो भी किसी का इंतजार कर रही थी ,,,


तपन ,,, किसी का इंतजार नही कर रही थी । दीपाली आंटी को लगा की जिशु हे जो मेरी मम्मी को यानी अपनी बीवी शीतल समझ कर उसे पकड़ लिया जिशु ने ऐसा वो समझ रही थी । वो माना कर रही थी बोलना चाहती थी लेकिन तू सच में बब्बर शेर बन कर गया था उसकी लिप ऐसे लोक किया की कोई साबी नहीं खुल सकता था । और मजे की बात ये थी दीपाली आंटी जिशु से अट्रैक्ट थी वो बताया था ना मम्मी और तानिया आंटी ने हम दोनो के बंदूक की फोटो दिखाए थे उसीकी प्रभाव थी शीर पर । फिर क्या था दीपाली आंटी बहक गई ,,,,


विशू हस कर ,,,, और चेतन की जगह हेंडपम में चला रहा ताई की हा हा ,,,,


तीनों को हसी निकल जाता है । चेतन पहले जिशु को घूरता हे और फिर विशू का गला पकड़ कर ,,, साले मेरी ताई हे इत्ज्जत दे कर बात कर ,,,,

विशू झट से एक ऊंची छलांग मार कर कुछ दूर कूद पड़ा और बोला ,, ,अरे भाई गुस्सा क्यों करते हो दिल से थोरी किसी भी औरत को हम बुरी नजर से देखते हे क्या कभी कभी दिल बहल जाता है वो अलग बात है । यार तुम लोगो की कांड ही ऐसे हे क्या करू बोहोत हांसी आ रहा है ,,,,


तपन और जिशू भी हसने लगा । जिशु बोला ,,,, यार तूने तो दुनिया ही पलट दी । अपनी ही मम्मी के साथ हां हां हां ,,,,


चेतन शर्मा गया लेकिन वो भी क्या करे उसे भी हसीं आ गया ,,,, यार अब तुम लोग ही बता में क्या करू यार मम्मी से नज़रे कैसे मिलाऊं वो मेरे बारे में क्या सोच रही होगी ,,,


चेतन शिर पकड़ कर बैठ गया । तीनों दोस्त उसके कंधे से कंधा मिला के बैठ गया और उसे समझने लगा ।


तपन ,,,, देख यार ये कोई इतनी बड़ी बात नही हे । हमको देख हम भी तेरे जैसे ही हे देखा जाय तो । इतना मत सोच आज काल ऐसा होता है यार ,,,

चेतन ।,,, क्या । लोग अपनी मम्मी के साथ ,,,

विशू ,,,, यार क्या पता जैसे तू और आंटी क्लोज आए थे ऐसे ही कोई ना कोई तो क्लोज आता ही होगा और वो हो भी हो ही गया होगा । बताता नहीं कोई भाई ये सब नॉर्मल है । गलती से एक बार हो गया इसमें क्या । ,,,

जिशु ,,,,, देख उल्लू के पट्ठे इस मॉडर्न जमाने में रीति रिवाज पालने लग गया न हो गया तेरा कभी अपनी मन की नही कर पायेगा ,,,,


चेतन ,,,, तुम लोग समझ नही रहे हो यार । ,,,

जिशू ,,, तू नहीं समझ रहा यार ,,,

चेतन ,,,, यार भाड़ में जाओ तुम लोग । तुमलोगो का दिमाग खराब हो गया हे । कोई काम के नही हो ,,,,

चेतन वाहा से उठ कर चला गया । उसको पीछे से ये लोग बुलाता रहा लेकिन वो मुड़ कर नहीं देखा ।



तपन ,,,, जाने दे यार कुछ वक्त दे अपने आप ठीक हो जायेगा ,,,,

जिशू विशू की पीठ थपथपा के ,,, और बता दोस्त की ताई की ले के मजा आया ,,,

विशु मुस्कुराया ,,, यार एक बताऊं तुम लोगो को चेतन की ताई है बड़ी मस्त हे बोहोत बिंदास है यार ,,,,


तपन ,,, अच्छा तो ,,,

विशू ,,, सुन ना में क्या सोच रहा हूं । क्यूं ना हम चार मिल कर उसके साथ एक गंगबंग करे ,,,,

तपन,,,, भले ही हम चोदू है ,,, अपने दिल पर हाथ रख कर ,,,, पर इसकी ईमानदार है हम तू कर जो करना चाहता है ,,,


तपन वाहा से जाने लगा । विशु जिशू की तरफ देख कर ,,, तू क्या कहता है ,,,


जिशु भी उसे चिढ़ाने के लिए ,,, आक्क थू साले पापी ,,,, और वो भी वाहा से चला गया।


विशु खुद से बात करता है ,,, सालो एक थाई काम वाली बाई के लिए पागल था और आज जब मौका मिल रहा है तो ईमानदारी दिखा रहा है । घंटे की ईमानदारी एक ने तो मां चोद दी । सालो मर ,,, विशु घंटाबल हो कर बैठ गया अकेला ही ।
 
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