भाग 1
रोज की तरह माया किचेन में ब्यस्त अपने पति के लिए नाश्ता बना रही थी l मानस (माया का पति ) एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, उसने बाथरूम से ही माया को आवाज़ लगाई l
मानस - माया.... माया.... मेरी टॉवेल दे दो l
माया किचेन के दरवाजे से ही झांकती हुई....
माया - मुझे काम करने दो मानस तुम्हारी शरारत खूब समझती हूँ मैं l
मानस - अरे टॉवल ही तो मांग रहा हूँ, तुम भी ना माया l प्लीज दे दो
माया - खुद ले लो मुझे तंग मत करो l
मानस - प्लीज माया मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है l
माया मानस की बात मान बैडरूम से टॉवल हाथ में लिए हुवे बाथरूम का दरवाजा खटखटाती है l
बाथरूम का दरवाजा खुलता है मानस हँसते हुवे माया के सामने बिलकुल नंगा खड़ा था l माया की नज़र मानस के तने हुवे लंड पे जाती है उसे मानस की शरारत समझते जरा भी देर नहीं लगती, वो towel फेंक भागने ही वाली थी की मानस उसे पीछे से दबोच लेता है l पानी में भीगा मानस माया से सट जाता है l माया उस वक़्त एक नीली साड़ी में होती है उसके 38 इंच के भारी कूल्हों पे मानस अपने लंड का दबाव बना रहा होता है साथ ही वो मौका देख साड़ी के पल्लू के अंदर हाथ अपना दायां हाथ सरकाते हुवे माया के उरोज थाम लेता है l
माया इस आक्रमण से अनजान थी वो मानस के बाँहों में कसमसाने लगती है मगर मानस के मर्दानी पकड़ से छूट नहीं पाती l
मानस - ओह माया आज कितने दिन हो गए, (मानस ब्लाउज के ऊपर से माया के बूब्स दबाते हुवे पीछे उसकी गर्दन पे होंठ फेरता है l
(मानस आज सुबह ही तो घर लौटा था कंपनी के काम से उसे पुणे जाना पड़ा था 3 week पहले )
माया - (अपनी आवाज़ में सनसनाहट लिए हुवे मानस के baalon में ungliyaan फेरती है l )
जाने दो ना छोड़ो मुझे मानस l
मानस - ( माया की दोनों बूब्स को थामते हुवे )
क्या तुम्हारा मन नहीं करता माया ? इतने दिनों से मेरे लंड को तुम्हारी हाथों की गर्माहट नहीं मिली एक बार पकड़ के देखो तो
(मानस माया का हाथ पकड़ के अपने लंड पे rakh देता है )
मानस - कर दो न माया, निकाल दो मेरा रस l
माया - ( माया पलट के मानस की आँखों में बेताबी देखती हुई उसके लंड का स्किन नीचे खोल देती है, फिर उसे मुट्ठी में भींचे ऊपर खींचती है, मानस आनंद से भर उठता है उसकी आँखे मस्ती में बंद होने लगती hain.. ओह माया.... )
माया - ऑफिस नहीं जाना ?
मानस - आह... नहीं माया कर दो बस
माया - तो फिर यहाँ नहीं बेड पे l ( लंड से हाथ हटा लेती है ) तुम सच में ऑफिस नहीं जाओगे ?
मानस इस पल कुछ भी सोचने की स्थिति में नहीं था उसे तो बस 3 वीक से जमा हुवा वीर्य बाहर निकालना था I
(तीन week से वो खुद ही मुट्ठ kyon नहीं मारा उसका reason आगे पता चलेगा )