माया वापस आ के पति की ये हरकत देखती है तो उसे मारने को दौड़ती है, लेकिन मानस उसका हाथ पकड़ अपनी ओर खींच लेता है l
ऊपर से टॉपलेस माया की चूची को वो कस के रगड़ देता है l तभी घर की door bell बजती है ओर दोनों alag होते हैं l
भाग 4
माया - सुबह के 9 बज रहे हैं, कौन आया होगा जाओ देखो l
मानस - मैं नहीं जा सकता तुम ही देखो शायद दूध वाला हो (मानस बेड पे ही करवट बदलता hai, तभी एक बार और bell बजती है )
माया - मेरी ब्रा तो तुमने ख़राब कर दी क्या मैं बिना ब्रा के ब्लाउज पहनू l
(माया झुंझलाते हुवे जल्दी से ब्लाउज पहनती है)
माया - ohoo तुमने ये हुक भी tod दी
मानस - यार पल्लू डाल लो ना, दूध वाले ने अगर थोड़ी सी तुम्हारी चूची देख भी लीं तो कौन सी आफत आ जाएगी l उल्टा बेचारे का दिन बन जायेगा मेरी सेक्सी माया को देख कर l
माया - तुम कभी भी नहीं सुधरोगे l
(माया हलकी सी स्माइल देती hai, उसे पुराने दिन याद आते हैं जब वो मानस के रिक्वेस्ट पे किसी अजनबी को अपने जिस्म की नुमाईश कराती और फिर दोनों रात में वाकिया को याद कर जम के सेक्स का मज़ा लेते थे )
तीसरी बार bell बजी तो माया साड़ी संभालते तेज़ कदमो से door की तरफ भागती hai l
Door खोली तो सामने दूध वाले काका खड़े मिले l
काका - बिटिया बड़ी देर लगा दी I
माया - काका वो मैं नहा रही थी l ( माया बिना सोचे एक झट से बोल di, उधर मानस कमरे में लेटा माया की नहाने वाली बात सुन लंड पे हाथ फेरा l)
काका - ओके बिटिया, बर्तन ले आओ l
(काका की नज़र सीधे माया की गोल उभरी छातियों पे गई, फिर कुछ सोच वो नज़र हटा लिए )
माया बर्तन ले के वापस आयी, काका धीरे धीरे दूध नाप रहे थे l
काका - बिटिया.. साहब आ गए क्या ?
माया - हाँ काका आज ही सुबह आये l
काका - अच्छा बिटिया इसलिए आज बहुत खुश लग रही हो l सुबह सुबह नहा भी ली l
मानस बेड से उठ कर कपड़े पहनते हुवे दोनों की बातें सुन रहा था l ख़ास कर काका के मुंह से अपनी बीवी की नहाने वाली बात सुनकर उसके लंड में थोड़ी हलचल मच रही थी l
वो कमरे से बाहर आया, काका...
काका - अरे साहब आप नमस्ते
मानस - नमस्ते l कैसे हो रामलाल l
काका - बस दुवा है मालिक l
मानस माया के बगल में आ खड़ा हुवा और अपना एक हाथ माया की कमर पे टिका दिया l
मानस - बीवी बच्चे सब ठीक तो हैं ना
काका - जी साहेब
काका - अच्छा हुवा साहेब आप आ गए, माया बिटिया बड़ी उदास दिखती थी आपके बिना l
मानस - हाँ आपकी बिटिया ने तो सुबह सुबह ही थका दिया मुझे....
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बहुत सारी बातें कर कर के l
माया मानस की डबल meaning बात समझ रही थी वो कमर पे पड़े मानस के हाथ पे कस के नाखून चुभा दी l
मानस - काका आइये ना अंदर, मैं सोच रहा था पिछले month का भी पैसा बाकी है तो अभी दे दूँ सब जोड़ के.. क्यों माया ? (कमर पे हल्का सा दबाव डालते हुवे )
माया मानस का चेहरा पढ़ रही थी आखिर उसके दिमाग में क्या चल रहा है l
माया - हाँ आईये ना काका l
काका - ओके बिटिया l
तीनो लिविंग हॉल में सोफे पे बैठ जाते हैं l कुछ बातें करने के बाद माया किचन में आ जाती है l
मानस टेबल पे पड़ी एक डायरी और पेन उठता हैl
मानस - ये लो काका इसपे पिछले month से अब तक का दूध का किराया लिख दो l
काका - जी साहब अभी लिख देता हूँ l
मानस उठ कर किचन में आता है, माया की साड़ी में उभरी गांड देख वो अपना लंड सहलाता है और माया को बाँहों में भींच पीछे से ही लंड गांड की दरार में चिपका देता है l
माया सख्त लंड के अहसास से चौंक जाती है, तभी मानस उसकी पीठ पे kiss करते हुवे अपना हाथ आगे किये साड़ी की गाँठ नीचे push कर देता है l
माया की गहरी नाभि नंगी हो जाती है l आगे की तरफ आ के वो फर्श पे घुटने के सहारे बैठ जाता है और अपना मुँह सीधा माया की नाभि में घुसा देता है l
माया की साँसे तेज़ हो जाती है, वो सोचने लगती है की आज ये मानस को क्या हो गया है l
मानस किस करने के साथ साथ धीरे धीरे उसकी साड़ी उठा लेता है l नंगी जांघो से लेकर panty तक हाँथ फेरता है l मस्ती में डूबी माया की panty घुटनो से नीचे आ जाती है, मानस अब नीचे की तरफ जाते हुवे panty को पूरा निकाल हवा में फेंक देता है l
माया को पता था.... आगे वो होने वाला था जो उसे सबसे ज्यादा पसंद है वो मानस का बाल पकड़ती है और पैर खोल देती है l मानस अपने होंठ को माया की गरम चूत पे रगड़ रहा होता है l माया की तेज सिसकारी निकल जाती है, वो काका का ख्याल कर अपना मुँह बंद करती है l
लेकिन मानस उसका हाथ मुहं से हटा देता है और चूत के अंदर तक जीभ डाल देता है l
माया मानस का इरादा भांप लेती है और पीछे हटती हुई साड़ी नीचे कर देती है l फिर वो मानस का कान पकड़ के उठाती है l
किसी टीचर की तरह उसे डांटते हुवे पूछती है
माया - क्या कर रहे थे तुम ?
मानस -कुछ तो नहीं l
माया - सब समझती हूँ मैं, मेरे मुहँ से हाथ क्यों हटाए ?
मानस - common माया जबसे काका ने तुम्हारे नहाने की बात की है मेरा लंड तन गया है l तुम भी तो enjoy करती थी याद है new year का दिन हम गोवा गए थे और होटल में तुम बाथरूम से बिना ब्रा के बाहर आ गई थी जबकि रूम सर्विस वाला ladka वहीँ था l तुम्हे नंगा देख उसकी तो जैसे जान निकल गई थी, बाद में हम जहाँ जाते वो वहीँ आता और तुमने भी तो उसे कई बार अपने बूब के दर्शन कराये थे l
माया - मैंने तुम्हारे कहने पे दिखाया था l
मानस - जो भी हो लेकिन उस रात 4 बार हम सेक्स किये थे याद है l उस सर्विस बॉय ki बातें कर सेक्स का कितना मज़ा आया था l
माया - हाँ याद है मैं नशे में थी, और वो एक अजनबी था लेकिन काका (माया कहते कहते रुक गई )
मानस - प्लीज माया प्लीज
माया - ओह तुम कभी नहीं सुधरोगे, अच्छा क्या करूँ बोलो l
मानस - (खुश होते huwe) इन कबूतरों को ब्लाउज से आज़ाद कर दो और काका को enke दर्शन करा दो l
माया - छी मानस तुम पागल हो गए ho?
मानस - हँसते huwe.... अरे बाबा मज़ाक कर रहा था, कमसे कम अपनी नाभि तो दिखा सकती हो l
माया - हम्म्म ठीक है l
मानस आगे बढ़ माया को चूम लेता है, तुम कितनी अच्छी हो l
माया साड़ी को अपनी चिकनी गहरी नाभि के नीचे करती है, पल्लू से हल्का सा ढंकते हुवे वो living हॉल में आती है l
काका - अरे बिटिया... (डायरी बढ़ाते हुवे) लो एक बार देख लो सब ठीक है ना
माया डायरी पकड़ती है और बड़ी चालाकी से बाहँ को पेट से रगड़ते हुवे साड़ी का पल्लू नाभि से दूर कर देती है l
काका सोफे पे बैठे हुवे जब माया की गोरी कमर देखते हैं तो उनकी आँख बड़ी हो जाती है l वो टकटकी लगा के कमर को निहारते हैं, जबकि माया अनजान सी डायरी देखती खड़ी रहती हैl इसका फ़ायदा उठा के काका आँखों से ही नाभि की गहराई नापते होते हैं l धोती में उनका लंड बेतहाशा झटके मारने लगता है l
थोड़ी देर बाद मानस आता है,
मानस - अरे माया... काका को पसीना हो रहा है fan चला दो l
काका आपकी तबियत तो ठीक hai?
काका - haan साहेब
माया और मानस एक दूसरे को देख हल्का सा मुस्कुराते हैं l
माया - काका यहाँ कुछ गड़बड़ है l
काका -कहाँ बिटिया ?
माया काका के बिलकुल करीब खड़ी हो जाती है उसकी खुली नाभि काका के फेस के करीब था l
माया - यहाँ देखिये काका... इधर 250 होना चाहिए 200 नहीं l
काका इतने करीब से गोरी नाभि देख पसीने पसीने हो जातें हैं l
काका - हाँ हाँ... आ हाँ... बेटी.. बिटिया... टोटल 15.. 2500 हो गया
साहब....
काका की जुबान लड़खड़ाने लगती है l
मानस - ये लो काका 2500
मानस - काका आपकी तबियत तो ठीक hai?
काका - जी जी साहब वो मुझे याद आया... मुझे एक और जगह जाना है l
मैं फिर कभी आता हूँ l
काका जल्दी से धोती संभालते अपने लंड के आगे हाथ किये door की तरफ भागते हैं l
मानस और माया दोनों ही अपनी हंसी दबा रहे होते हैं l
माया - ओके काका
काका बिना सुने तेजी से सीढ़ियां उतरते दूर चले जाते हैं l
माया door बंद करती है दोनों सोफे पे आकर बैठते हैं और जोर जोर से हँसते हैं l
मानस - यार काका का तो काम ही हो जाता आज l
माया - हाहा ओह माय गॉड उनसे तो बोला ही नहीं ja रहा था l
मानस - माया को बाँहों में लेते हुवे, तुम हो ही इतनी हॉट l बेचारे खड़े लंड के साथ भाग गए l तुम तो किसी को भी अपना दीवाना बना दो l
माया अपनी तारीफ सुन रोमांचित होती है l
मानस - अब तुम्हारा इनाम l
माया को सोफे पे लिटा के वो उसकी साड़ी उठा देता है panty तो पहले ही निकल चुकी थी l
मानस अपना मुहँ माया की चूत पे लगा देता है l चूत से मादक गन्ध आ रही थी l
माया भी टाँगे पूरी खोले अपनी चूत चटवाने को बेकरार थी l
मानस मुँह खोले चूत की फैंको से होता हुवा अंदर तक चाटने लगा
माया - आह आआअह्हह्ह्ह्ह माआनाआस
मानस - मानस नहीं काका बोलो l
माया - aaah मानस ससससस l
मानस - बोलो ना बिटिया l
माया - काका आआआ........ आआह्ह मेरी चूत चाटो काका l
मानस किसी पागल कुत्ते की तरह चूत को चाटता रहता है l माया की चूत अब ढेर सारा पानी छोड़ने लगती है l
माया - ओह काका
मानस -(मुँह उठा कर माया की तरफ देख ) माया बिटिया काका से chudwaogi ना
माया - माया आँख बंद किये हुवे जवाब देती hai..... हाँ काका chudwaungi
मानस तड़प उठता है वो अपना pant और अंडरवियर खोले माया के फेस के करीब आता है l उसके लंड से तेज बदबू आ रही थी, फिर भी माया हाथ में लंड थामती है l लंड पहले से ज्यादा गरम और मोटा लगता है l
माया - ये क्या मानस तुम तो बहुत horny हो l
माया आगे बढ़ उसके लंड को चूम लेती है l मानस वैसे ही खड़ा रहता है उसका लंड बार बार माया के गाल पे झटके मार रहा होता है l
माया देखती है तो मानस आनंद से आँखे बंद किये हुवे है, वो आगे बढ़ पूरा लंड मुँह में भर लेती है l
मानस - aaaaaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhh maaaaaayaaaaaa
दो तीन बार लंड को मुहँ के लार से भिगो कर माया लंड छोड़ देती है l
मानस माया को सोफे से नीचे उतरता है और उसपे सवार हो के लंड सीधा चूत के अंदर पेल देता है l मोटा सख्त लंड माया की चूत में अंदर तक घुस जाता है l
मानस - आह माया बिटिया तुम्हारी बुर कितनी गरम है और गीली है l
माया - छी मानस कितना गन्दा बोलते हो तुम l
मानस - काका तो बुर ही बोलते होंगे इसे ना जाने कहाँ वो तुम्हारे नाम की मुट्ठ मार रहे होंगे l
माया ये सुनकर अपने दोनों जांघो को जकड लेती है l माया का orgasm आ गया था l वो अपनी चूत से पानी का रिसना महसूस कर सकती थी l
मानस भी माया ki उत्तेजना समझते हुवे उसे कस के चोदने लगता है l
Aaah आह aaah आआह ससस आआह
माया की moan तेज हो जाती है l चोदते चोदते मानस एक झटके से लंड बाहर निकलता है और लम्बी सांस लेते हुवे मुट्ठ की पिचकारी छोड़ता है l मुट्ठ की पहली धार तो माया के सर के ऊपर से निकल जाती है, दूसरी माया के चेहरे पे पड़ती है तीसरी बूब पे और बाकी की 3-4 धार माया के पेट पे लंड से
सीधा नीचे की तरफ गिरती है l
माया खुद ही हाँथ आगे बढ़ाते हुवे मानस के juicy लंड से वीर्य की आखिरी बूँद निचोड़ती है l मानस माया के ऊपर लेट कर उसे kiss करता है l
दोनों के शरीर ऊपर से नीचे तक मुट्ठ में चिपचिपे से हो जाते हैं, बावजूद इसके माया बिना कुछ कहे kiss करती होती है l और अपने गाल से मुट्ठ पोछती है l ताज्जुब की बात थी की माया जो थोड़ी देर पहले मुट्ठ को छूना भी नहीं चाहती थी वो अब उसी फिसलन का मज़ा ले रही थी l
माया - ओह मानस सुबह से भी ज्यादा अच्छे से चोदे तुम i love u so much
मानस - i love you too
मानस - माया काका का रोलप्ले कैसा लगा l?
माया - (शरमाती हुई ) हाँ बहुत अच्छा l
मानस - किसका लंड ज्यादा अच्छा था मेरा या काका का ?
माया - तुम्हारा
मानस - सच बोलो ना l
माया - अच्छा बाबा काका का l
मानस - oh.माया मानस का लंड फिर से उठने लगा था
माया - (लंड पकड़ती हुई ) अब काका मुझे जाने दो रात में फिर आ जाना l
मानस मुस्कुराता है l
तभी फ़ोन की घंटी बजती है l
फ़ोन पे मानस का बॉस था, किसी जरुरी काम के लिए उसे ऑफिस जाना था l
मानस - सॉरी माया जाना होगा l
मानस माया को kiss कर bathroom की तरफ चला जाता है l