वो बैडरूम में लेटी काफी देर तक रात के हुवे हसीं पल को याद करती रही, उसका पुरा जिस्म तड़प रहा था l लेकिन उसे तो अब इस अधूरे पल के साथ ही जीना था l ना जाने कब दुबारा ऐसा मौका मिले और वो ससुर जी के मोटे लंड का लुफ्त उठा पाए l
भाग 16
धीरे-धीरे 4 महीने बीत गए, माया ससुर के साथ हुवे आकस्मिक सेक्स के बारे में भूल चुकी थी l वापस अपनी सीधी जीवन शैली में उसका समय बीतता गया l मानस भी काम को लेकर बहुत busy रहने लगा था, अब मानस और माया का सेक्स भी कम होता था l दोनों कई बार कोशिश करते अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के लिए मगर मानस का काम बीच में अड़चने डाल देता l
एक दिन दोपहर को माया अपनी माँ से बात कर रही थी l गौरतलब है की माया अक्सर खाली समय में अपने family और रिश्तेदारों से बातचीत करती l
माया - माँ... मैं सोच रही थी कोई जॉब कर लूँ l घर पे सारा दिन बहुत बोर होती हूँ l मानस के पास भी मेरे लिए टाइम नहीं है l
माया की माँ (अंजू ) - बेटी जॉब इतना आसान है क्या ? देख तेरा छोटा भाई कितने महीनो से कोशिश कर रहा है l लेकिन अबतक कोई फ़ायदा नहीं हुवा l बेटी जॉब में थोड़ी व्यस्तता तो होती ही है, मानस भी तुझे वक्त देगा तू चिंता ना कर l
अब अपने पापा को ही देख ले अगले एक साल के लिए रायपुर से काम करना होगा, कितने दिनों से उनसे बात नहीं हुई ना जाने कब छुट्टी मिलेगी l
माया - क्या कहा माँ, पापा रायपुर में हैं कबसे ?
अंजू - बेटी अभी 2 वीक हुवे l
माया - माँ.. मुझे तुमने पराया कर दिया क्या ? पापा की जॉब की बात आप दोनों में से किसी ने नहीं बताया मुझे l
अंजू - अरे बेटा सबकुछ जल्दी में हुवा, उनके ऑफिस का एक employee अचानक जॉब छोड़ दिया l काम ज्यादा था तो उन्हें रायपुर जाना पड़ा l
माया - हम्म्म
अंजू - गुस्सा क्यों होती है l तेरी सेहत ठीक है ना l
माया - haan ठीक है l
माया - अच्छा माँ मैं शाम को बात करुँगी l बाई
अंजू - बाई बेटी
माया बिस्तर पे लेटी अपने कॉलेज के दिनों को याद करने लगी, फेसबुक पे कॉलेज की फोटो देखती और मुस्कुराती l उसे याद आया कॉलेज का पहला दिन जब उसके पापा (उदय), माया के साथ कॉलेज एडमिशन के लिए आये थे l कितनी उम्मीदें थी कॉलेज ख़त्म करके जॉब करने के, independent होने की लेकिन शादी के बाद सारे सपने खत्म हो गए l
माया को माँ की बात याद आयी तो सोचा क्यों ना पापा को कॉल करूँ l वो पापा को फ़ोन की, लेकिन कोई रिस्पांस नही मिला l खैर वो फ़ोन साइड में रख के लेट गई, बिस्तर पे पड़े करीब 1 घंटे बाद फ़ोन की आवाज़ से उसकी नींद खुली l देखा तो पापा का कॉल था l
माया - हेलो पापा..
उदय - माया बेटी कैसी हो ?
माया - ठीक हूँ पापा.. आप कैसे हो ?
उदय - ठीक हूँ बेटी, थोड़ा काम में busy हूँ l मानस कैसा hai? सब ठीक तो है ?
माया - हाँ पापा सब ठीक hai..मानस भी ठीक हैं l
ओके पापा आप busy हो मैं बाद में कॉल करुँगी l
उदय - its ओके beti, तुमसे एक बात कहनी थी
माया - मुझे पता है l
उदय - क्या
माया - यही की आप घर पे नहीं हैं, रायपुर में हैं l
उदय - ओह बेटी तुम्हे कैसे पता
माया - माँ से... आप तो मुझे पराया कर दिए हो है ना... ?
उदय - नहीं बेटी ऐसा मत बोलो... sorry
माया - its ओके मुझे पता है आप बिजी हो सो नो प्रॉब्लमl
उदय - थैंक यू बेटी l
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(इस तरह माया और उदय ने काफी देर तक बात की...)
दूसरे दिन भी माया सब काम ख़त्म कर बेड पे लेटी थी, उसने सोचा पापा ने लंच क्या किया होगा तो एक मैसेज किया l
पापा कैसे हो ? लंच कर लिए ?
काफी देर तक रिप्लाई नहीं आया फिर बाद में मैसेज आया haan...मैं अभी बिजी हूँ शाम को बात karunga l
माया बोर हो के सो gai... शाम को मानस के साथ dinner करने के बाद वो बेड पे थी जब उदय ने कॉल किया l
माया फ़ोन ली और मैसेज कर दी की वो सोने जा रही है l
उदय ने भी गुड night बोल मैसेज end कर दिया l
दूसरे दिन जब बात हुई तो उदय ने सॉरी बोला और बताया की कंपनी के गेस्ट हाउस में वो अकेला है और शाम को सारा काम ख़त्म करते उसे अक्सर देर हो जाता है l
माया ने भी अपनी दिनचर्या बतायी, फिर उदय उससे बोला की कल से वो रोज लंच में गेस्ट हाउस आ जायेगा l इस तरह लंच के साथ साथ वो रोज माया से बात भी कर लिया करेगा l
समय बीतता गया, पापा बेटी रोज बातें करते, और sms भी जब भी उन्हें वक़्त मिलता l बाद में माया ने whatsapp के बारे में बताया और दोनों उसपे भी chat करते रहते l माया का समय अच्छा बीत रहा था l
कभी कभी किसी कारणवश बात नहीं हो पाती तो हल्की नाराजगी भी दिखती थी l
माया अपने पापा को व्हाट्सप्प और ढेरों एप्लीकेशन के बारे में बताती l उदय भी interest लेता, akele होने की वजह से माया ही थी जिससे वो सारी बात share करता l
कुछ दिन बाद मानस को कंपनी के काम से 3 week के लिए किसी training पे जाना पड़ा l
माया इस बात से बेहद नाराज़ थी, लेकिन मानस अपने प्रमोशन को लेकर बहुत सीरियस था और वो अपने बॉस को कोई मौका नहीं देना चाहता था इसलिए उसे ना चाहते हुवे भी जाना पड़ा l
जिस दिन मानस गया उस दिन माया बहुत उदास थी, हॉल ke कमरे में एक kone बैठी वो टीवी देख रही रही जब उदय का मैसेज आया l
उदय - क्या कर रही हो beti, आज ना फ़ोन की ना मैसेज l
माया का मूड अच्छा नहीं था तो वो मैसेज पे बहाना बना दी की कोई गेस्ट घर पे हैं तो उसे टाइम nahi मिल पाया l
उदय भी ओके बोल कर फ़ोन jeb में रख लिया l
रात करीब 11 बजे उदय गहरी नींद सो रहा था जब फ़ोन की घंटी बजी l उसने देखा माया,,, वो सोच में पड़ गया शायद गलती से माया ने फ़ोन किया होगाl थोड़ी देर बाद एक बार और फ़ोन आने पे उसने attend किया l
उदय - ( धीमी आवाज़ में... ) हेलो... हेलो...
माया - हेलो पापा
उदय - hi बेटी तुमने इस वक़्त फ़ोन किया सब ठीक तो है l
माया - हाँ पापा..क्या आप सो रहे the?
उदय - बस हल्की नींद आ रही थी l
माया - मगर आप तो बोलते थे की आप रात को देर में सोते हैं l
उदय - हाँ बेटी ये सच है, लेकिन आज थोड़ा थक गया था l
माया - ok
उदय - लेकिन तुम इस वक़्त ?
माया - पापा वो मानस कुछ दिनों के लिए बाहर हैं, 3 वीक के लिए l अकेली बोर हो रही थी तो मैंने सोचा शायद आप फ्री होंगे l
ठीक है आप सो जाइये l उदय भी सो गया, दअसल उदय अपना अकेलापन दूर करने के लिए हर रात मोबाइल पे पोर्न movies या एक्ट्रेस की पोर्न pics देखता और मुट्ठ मार कर सो जाता था l
हमेशा की तरह उस दिन भी वो थका था और sona चाहता था l
उस दिन के बाद माया से दोपहर में बात होती और रात में भी l लेकिन रात में उदय ज्यादा बात नहीं करता, अक्सर व्हाट्सप्प चैट पे ही बात होती l लेकिन माया के लगातार disturbance और messages से वो ठीक से मजे नहीं कर पाता l 4 दिन बीत गए थे, माया के डिस्टर्बेंस की वजह से वो मुट्ठ नहीं मार पाया था l आलम यह था की 4 दिन बाद उदय हर कोई लड़की को देख उत्तेजित हो जाता था l जब भी उसे मौका मिलता वो पुरे dhanke कपड़े में भी लड़की की गोलाई और शरीर का उभार बड़े गौर से देखता और आनंदित होता था l