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Incest Garam Bahu

Gary1511

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महेन्द्र झुक कर एक बार फिर बहू के होंठ से अपना होंठ मिला दिया, बहू के गर्दन को चूमते हुवे वो क्लीवेज पे kiss करने लगा साथ ही इस बार हिम्मत करके महेन्द्र ने बहू की नर्म चूची भी दबा दी थी l

भाग 14

माया के पुरा शरीर वासना की आग में तप रहा था, समय के साथ उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी l इधर महेन्द्र भी बहू की चूचियों पे जी भर के हाथ फेरता रहा, जैसे पता नहीं कब ये पल दुबारा आये l

उसके बाद महेंद्र ने बहू के दोनों हाथ ऊपर कर दिए, बहू की दोनों चूचियां की गोलियां और उभर आयी l वो बहू के ऊपर आते हुवे उसकी खुली armpit पे मुंह लगा के चाटने लगा, हलके नमी ली हुई बहू की underarms की गन्ध महेन्द्र पे अलग ही जादू कर रही थी l वो underarms चाटने के साथ साथ बहू के उभरे बूब्स को भी दबा रहा था l

महेन्द्र ने कभी सपने में भी ये नहीं सोचा था की वो एकदिन अपनी बहू की चूचियों को हाथ लगा पायेगा l

माया - आआआअह्ह्ह्ह बाबूजी l

माया और इंतज़ार नहीं कर पाई, उसने एक बूब के ऊपर से spaghetti हटा दी l माया की एक चूची नंगी हो गई, महेन्द्र आँखे फाड़ बहू का नंगापन देखता रहा l sabkuch किसी सपने से कम नहीं था, महेन्द्र सबसे पहले बहू के नंगे बूब को छुवा, ऐसा लग रहा था जैसे उसने गरम gel से भरी कोई पोटली हाथ में ले ली हो l वो अनायास ही बहू पे jhukta चला गया और मुहँ खोल के बहू की डार्क ब्राउन निप्पल को मुहँ में भर लिया l निप्पल चूसते हुवे वो दूसरी बूब के ऊपर से भी spaghetti हटा दिया l नंगे बूब को छूने का मज़ा ही अलग था l

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महेन्द्र - (माया के कान में )... बहू जी करता है तुम्हारी चूची खा जाऊं l
माया और महेन्द्र के बीच शर्म का parda हट गया था, तो महेन्द्र उत्तेजना में गंदे शब्द use कर रहा था l
माया भी पूरा साथ देती ससुर का बाल पकड़े अपने बूब पे दबाती l
माया - आह बाबूजी खा जाइये ना मेरी दोनों........ चूची...... l
(माया महेन्द्र की वासना को भड़काने के लिए बेझिझक चूची शब्द का estemaal की )
माया कहर ढा रही थी, एक जवान औरत के मुहँ से उसने कभी इस तरह के गंदे शब्द नहीं सुने थे l और आज खुद की बहू के मुहँ से चूची शब्द सुन कर वो आनंदित हो उठा l
वो पागलों की तरह बड़ा सा मुहँ खोल माया की पूरी चूची मुहँ में भर लेता l कभी बच्चे की तरह निप्पल chusta l माया की चूची लार से भीगी चमक रही थी l
माया की बुर lagataar पानी छोड़ रही थी, वो पूरी तरह से कामोत्तेजित हो गई थी l उसने सोफे पे लेट हुवे पहले बैडरूम की तरफ देखा, वजह साफ़ थी उसने ससुर जी से चुदवाने का मन बना लिया था l

माया मर्दों की कमजोरी से अच्छी तरह वाकिब थी, वो अपना एक हाथ नीचे ले गई और ससुर जी का पायजामा में खड़ा लंड सहला दी l
माया - ( दूसरे हाथ से ससुर जी का फेस अपनी चूची से उठाकर ) बाबूजी.... लंड बाहर निकालो ना..... l
महेन्द्र बहू की नंगी जिस्म का मज़ा तो ले ही रहा था, साथ साथ बहू का खुलापन उसकी वासना को दुगुना कर देता l वो तुरंत सोफे से उतरकर पायजामा खोला और फड़फड़ाता लंड बहू के सामने था l बहू से कुछ उम्मीद कर वो अपना लंड हाथ में लेकर दिखाया, माया कोई नासमझ नहीं थी वो बाबूजी की आँख में देखते हुवे लंड पकड़ ली और उसका स्किन खोल दी l महेन्द्र को तो लगा वो बहू के हाथ में ही स्खलित हो जायेगा, उसकी आंख बंद थी बहू महेन्द्र के लंड का स्किन ऊपर नीचे कर रही थी l

तभी उसे लंड पे कुछ गर्म सा अहसास हुवा, उसने आँख खोल के देखा तो लंड का टोपी माया के मुहँ में था l वो मस्ती में दबाव बना के बाकी का लंड भी बहू के मुँह में पेल दिया l माया चप - चप की आवाज़ के साथ लंड चूसने लगी, ससुर जी के लंड का स्वाद मानस के लंड से बहुत अलग था l महेन्द्र का लंड ज्यादा फुला हुवा था, लंड की टेढ़ी मेढ़ी नस माया को और मज़ा दे रही थी l ससुर जी का तगड़ा लंड चूस के तो वो मानस का लंड भूल गई l
जल्द से जल्द वो इस तगड़े लंड को अपने बुर में भींचना चाहती थी l
लंड चूसते चूसते वो सोफे से उतर फर्श पे आ गई थी l

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महेन्द्र - बहू.... मुझे भी तो अपने बुर का स्वाद दिलाओ l ये कहते हुवे महेन्द्र बहू को उठाया और उसे घुमा कर सोफे पे झुका दिया l अगले ही पल उसकी गांड नंगी हो गई, महेंद्र एक झटके में पैंटी नीचे कर दिया था l पैंटी उतरने के बाद बहू की नंगी गांड और बड़ी लग रही थी l नीचे बैठकर वो अपना मुहँ बहू की बड़ी सी गांड में डाल दिया, माया कसमसा के रह गई l महेन्द्र की जीभ उसकी गांड की chhed पे हरकत करने लगी थी l माया के लिए ये बहुत अलग अनुभव था, मानस oral तो करता था लेकिन उसने कभी माया की गांड में मुहँ नहीं लगाया l आज महेन्द्र उसे काफी अलग मज़ा दे रहा था l धीरे धीरे मह्रन्द्र की जीभ माया के बुर तक आ रही थी l बहू के बुर का गन्दा पानी ससुर बड़े मज़े से चाट रहा था l कुछ देर बाद महेन्द्र माया का कमर पकड़ खड़ा हुवा, माया अभी भी झुकी थी, अब वो लंड बिलकुल गांड के बीच सटा दिया l कमर पहले नीचे किया और फिर ऊपर तो जैसे बहू के बुर ने लंड को चुम्बक की तरह अपने अंदर खींच लिया हो l चिपचिपे पानी से सराबोर बहू की बुर में महेन्द्र का लंड बड़ी आसानी से फिसल रहा रहा था l महेन्द्र बहू की लटक रही दोनों चूची को पकड़े पुरे जोश में कस कस के बहू को पेल रहा था l
सोफे पे झुक के माया आज पहली बार पेलवा रही थी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था l कुछ देर की चुदाई के बाद महेन्द्र तेज़ से हांफने लगा, उसका क्लाइमेक्स नज़दीक था l बहू की गांड को जोर से पकड़ते हुवे वो पूरा वीर्य बहू की बुर में उड़ेल दिया l महेंद्र 10-15 बार और चोद के जब लंड बाहर निकला तो माया के बुर से सफ़ेद पानी की चासनी जमीन तक चू गई l वो बहू की गांड के पीछे से हाथ डाल बहू की बुर के पानी को हाथ में लिया और अपने लंड के ऊपर लगाया l

महेन्द्र - चाट बहू, ये भी तो चाट
माया एक अच्छी बहू की तरह नीचे बैठ के महेन्द्र का लंड जीभ से साफ़ की l

माया - बाबूजी... आपका लंड बहुत स्वादिष्ट है l
महेंद्र - बहू, लगता है तेरी प्यास नहीं बुझी l
महेन्द्र बहू की गांड पे thappad मारा.... और उसे सोफे पे गिरा दिया l
माया खिलखिलाने लगी और झुक के अपनी position ले li, महेन्द्र इस बार लंड बहू की गांड में डाला l माया कराह उठी वो बाबूजी को पीछे धक्का दीl
माया - आह नहीं बाबूजी ये बहुत बड़ा है l
महेन्द्र - प्लीज बहू, चोदने दो l आज मत रोक मुझे l
माया - ओके बाबूजी आप रुको मैं तेल लेकर आती हूँ l
माया जल्दी से उठ के नंगे ही बैडरूम में आयी l

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मानस गहरी नींद सो रहा था l वो टेबल से एक तेल की शीशी उठाई और वापस भाग आयी l

ये लीजिये बाबूजी, महेन्द्र लंड पे तेल लगाया l काला नाग सा लंड चमचमा उठा l
बहू दुबारा झुक गई, महेन्द्र शीशी को उल्टा कर बहू की गांड पे तेल गिराया तो पूरा ढक्कन खुल गया सारा तेल बहू की गांड से होता हुवा सोफे और जमीन पे फ़ैल गया l

महेन्द्र - ओह बहू वो गलती से l
माया - आप चिंता मत करिये बाबूजी मैं साफ़ कर दूँगी आप chodiye मुझे l

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तेल की परवाह किये बगैर महेन्द्र बहू की गांड चोदने laga, तेल इतना ज्यादा था की बार बार लंड फिसल जाता दोनों का बदन तेल में फिसल रहे थे l आखिरकार महेन्द्र का वीर्य बहू की गांड पे निकल गया l
सुबह के चार बज गए थे चुदाई करते करते l पूरा कमरा ससुर बहू की जबर्दश्त चुदाई का सबूत दे रहा था l
Nice
 

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महेन्द्र - उसे disturb होगा बहू.. तू एक काम कर दरवाजा बाहर से बंद करके आ जा l
(महेन्द्र ने जैसे माया की मन की बात पढ़ ली हो इस situation में माया को भी यही बात अच्छी लगी )
वो हामी भरती हुई उठ कर door के पास आयी देखा तो मानस सो रहा था वो धीरे से door खींची अजीब सी feeling थी माया के मन में उस वक़्त जैसे कोई पाप करने जा रही हो... और नहीं भी.... आखिरकार वो मानस को बेवजह किसी परेशानी में नहीं पड़ने देना चाहती थी l

भाग 11

माया दरवाजा बंद कर दी बाहर से और वापस सोफे के पास आकर खड़ी हो गई l

महेन्द्र - बंद कर दी बहू l
माया - हाँ बाबूजी l
महेन्द्र - तो आ बैठ मेरे पास (महेन्द्र ने बहू को खींच के सोफे पे अपने बिलकुल करीब बैठा दिया )
बहू के कमर में हाथ डाल एक बार फिर उसे अपने करीब खींच लिया l
माया का एक हाथ महेन्द्र के सीने पे था l महेन्द्र ने प्यार से माया का हाथ पकड़ा l
हाथ की रेखा देखते... अरे बहू तुम तो बड़ी भाग्यशाली हो l
माया - क्या मतलब बाबूजी l
महेन्द्र - ये देखो ये किस्मत की rekha होती है और ये धन की l
माया - आपको हाथ देखना आता है ?
महेन्द्र - हाँ हाथ, चेहरा, handwriting सब देखना आता है, जब मैं मुंबई में था आज से 8 साल पहले तब मैं एक फ्रेंड के साथ रहता था उसके अंकल बहुत बड़े astrologer थे l मेरा interest भी था तो उनसे 2 साल शिक्षा ली l
माया - wow बाबूजी आपने कभी बताया नहीं l अच्छा तो मेरी हाथ क्या कहती है l
(महेंद्र बहुत chalak था माया के पापा उसके बहुत अच्छे दोस्त हैं, शादी के दिनों में माया के बारे में बहुत सी जानकारी दी थी, महेन्द्र ने सोचा यही मौका है बहू का भरोसा paane का )

महेन्द्र माया के हाँथ देख उसे पढ़ने की कोशिश करने लगा और बातें बनाने लगा l
महेन्द्र - ओके बहू तुम्हारी ये जो line है वो तुम्हारे बचपन को बयान करती है l तुम्हारा बचपन बहुत अच्छा नहीं था है ना l
माया - उम्म्म हाँ but किस बारे में
महेन्द्र - दुबारा देखते हुवे... तुम्हारी हेल्थ ठीक नहीं रहती थी और शायद तुम बहुत बीमार भी रहती थी किसी कारणवश, क्या कोई हादसा भी हुवा है तुम्हारे साथ बचपन में ?
माया - चौंकते हुवे l हाँ मेरी माँ बताती हैं की मैं बहुत बीमार रहती थी और बचपन में एक बार खेलते खेलते कुवें में गिर गई थी l लेकिन रस्सी में मेरा पाओं फंस गया था तो मैं बच गई गांव वालों ने बचाया था मुझे l

महेन्द्र - हम्म
माया की जिज्ञासा और बढ़ गई, कोई और बात बताइये ना मेरे प्रेजेंट या फ्यूचर के बारे में l
महेन्द्र - ओके ये रेखा देख रही हो ये कहता है की तुमहरे पास काफी पैसा होगा l
माया - ये तो झूठ है, कहाँ पैसा है l
महेन्द्र - वो भविष्य में होगा... अभी तो शुरुवात है बहू l और हाँ तुम्हारे 2 बच्चे होंगे l
माया शरमा गई l
माया - बाबूजी वो सब नहीं कुछ अच्छा बताइये ना, अच्छा मैं आपका टेस्ट लेती हूं l कुछ ऐसा बताइये जो मेरे present se जुड़ा हो देखूं कितना सच है l

महेन्द्र फंस चूका था, लेकिन उसे कुछ तो बोलना था तो उसने बहू की नेचर को धयान में रख बोला l

महेन्द्र - हम्म्म... तुम बहुत सुलझी हुई और सीधी हो किसी का दिल दुखाना नहीं चाहती अगर तुम्हारे पति कोई गलती भी करें तो तुम उसे अपने सर ले लेती हो l सबकी help करती हो, और तुम्हारा वैवाहिक जीवन बहुत सुखदाई हैl और हाँ तुमने एक बहुत बड़ा राज अपने पति से छुपाया है l

माया सुनकर shock हो जाती है, जबकि महेन्द्र ने तो केवल अपने अनुभव का उपयोग किया था l हर किसी के जीवन में कोई ना को कोई सीक्रेट तो होता ही है मगर माया को लगा की बाबूजी सच में कोई विद्वान हैं l

माया - बाबूजी.. आप तो सच में बहुत ज्ञानी है l

महेन्द्र - इतना ही नहीं बहू..... सिर्फ हाथ नहीं बहुत सी ऐसी चीज़ें होती हैं जिनसे हम भूत और भविष्य की बातें जान सकते हैं l
माया - वो क्या बाबूजी ?
(माया महेन्द्र की मीठी बातों के jaal में fansti जा रही थी )

महेन्द्र - जैसे की बहू हाथ की रेखा के साथ साथ, handwriting, नंबर, कलर, शरीर पे तिल वगैरह
माया - तिल.... तिल से भी ?
महेन्द्र - हाँ तिल से भी उसका आकार कलर का गहरापन इन सबसे भी पता चलता है l (महेन्द्र ने एक और जाल फेंका )
माया - मैं कुछ समझी नहीं बाबूजीl
महेन्द्र - कैसे समझाऊं... अच्छा सुन... जैसे मैंने बोला की तुम्हारी हाथ की रेखा तुम्हे धनवान होने की प्रमाण देती है l
माया - हाँ l
महेन्द्र - वैसे ही शरीर के हिस्से पे कोई ख़ास तिल esko होने या ना होने को सत्यापित भी करती है l

माया बड़े गौर से सब सुन रही थी l
अच्छा एक बात बताओ बहू..... शरीर का सबसे अभिन्न अंग क्या है ?
माया - उम्म्म..... पता नहीं
महेन्द्र - हमारा पेट, क्योंकि संसार में मनुष्य जो भी करता है पेट के लिए करता है है ना ? उसी तरह पैर जो हमें आगे बढ़ने में मदद करती है l
माया - हाँ समझी l

महेन्द्र - तो इनमे से किसी जगह पे अगर तिल हो तो वो आदमी या औरत बहुत धनवान होते है l
माया कुछ सोच में पड़ जाती है,
महेन्द्र - तुम्हारे पेट पे तिल है बहू ?
माया भोलेपन से बोली..... पेट पे कहाँ बाबूजी ?
महेन्द्र इस बात का फ़ायदा उठाते हुवे अपना दूसरा हाथ सीधा बहू के पेट पे रखता है l गाउन के ऊपर से सहलाते हुवे वो हथेली नाभि के ऊपर टिका देता है l

महेन्द्र - यहाँ बहू तुम्हारी नाभि पे l

माया शर्म से लाल हो जाती है और थोड़ी मचल भी जाती है l
तभी महेन्द्र वो कह देता है जो अबतक सिर्फ मानस ने उससे कहा था l
महेन्द्र - (नाभि सहलाते huwe) बहू तुम्हारी नाभि तो बहुत गहरी है l
माया महेन्द्र के हाथ के ऊपर हाथ रखती है मगर हटाती नहीं, और महेन्द्र उसकी नाभि पे उँगलियाँ फिरता रहता है l

महेन्द्र - बोलो ना बहू तिल है क्या यहाँ
माया - (नजरें झुकाये )....नहीं बाबूजी l
महेन्द्र - ओह फिर तो तुम्हारे पैर पे होना चाहिए l
(माया दोतरफा हमले से घिर सी गई थी l एक हाथ जो महेन्द्र उसकी कमर पे रगड़ रहा था और दूसरा हाथ उसकी नर्म नाभि पे l माया धीमी आवाज़ में बोली l )
माया - पता नहीं बाबूजी कभी ध्यान नहीं दी l
महेन्द्र - क्यों बहू नहाते हुवे तो देखा होगा....
(नहीं बाबूजी )
महेन्द्र - अरे अच्छा एक काम करो पैर ऊपर करो l
इससे पहले की माया कुछ कहती महेन्द्र ने उसके दोनों पैर जमीन से उठाकर अपने पैरों यानी गोद में रख लिया l
ये इतनी तेजी से हुवा की माया को सँभलने का मौका नहीं मिला l वो सोफे पे लेट सी गई l
महेन्द्र ने भी तुरंत माया के पेट पे हाथ रख दिया ताकि वो उठ ना paaye l और माया को पीछे support के लिए एक तकिया दे दिया l
महेन्द्र ने पहले माया के पैर घुटनो से नीचे तक देखे l
माया को उसके ससुर का उसके खुले अंगो को देखना अजीब लग रहा था l

महेन्द्र - यहाँ to nahi है, (महेन्द्र गाउन को घुटनो से ऊपर खींचने लगा )
माया स्थिर सी लेटी रही,... ना जाने क्यों वो ससुर जी को रोक नहीं पाई l कुछ ही पलों में माया की दूधिया मांसल जाँघे पूरी नंगी हो गईं l महेन्द्र के लंड में उफान मचने लगा जो नीचे से माया की गांड पे चोट कर रहा था l

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जवान बहू आधी नंगी महेन्द्र के गोद के ऊपर थी महेन्द्र ने इतने वर्षो मैं ऐसी मांसल जांघ इतने करीब से नहीं देखी थी l उसके सब्र का बांध टूटता जा रहा था l
उसने अपने हाथ बहू के खुले जांघ पे रख दी, इधर माया कसमसाई सी तकिये में अपना मुँह ढक ली l
माया की तरफ से कोई विरोध ना देख महेन्द्र ने उसकी जांघ को अंदर तक छुवा, इतना अंदर हाथ डालने के बावजूद महेन्द्र को कोई पैंटी नहीं मिली, उसका दिल जोर से धड़का क्या बहू गाउन के अंदर कुछ नहीं पहनी l

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माया को जब ख्याल आया की उसने गाउन के अंदर panty नहीं पहनी है तो उसका दिल जोर जोर से धड़कने लगा वो शर्म के मारे अपनी दोनों जांघ को आपस में भींच ली l
महेन्द्र का हाथ माया के जांघो के बीच ही फंसा रह गया l माया के खुली चूत से निकलती गर्म भाप को महेन्द्र अपनी हथेली का पिछले हिस्से पे साफ़ महसूस कर सकता था l जांघो पे ससुर की हथेली का स्पर्श पाकर माया की बुर ने पानी छोड़ दिया था l

माया की गीली चूत मानो महेन्द्र के उँगलियों से बस 1 इंच के फासले पे थी l इस बात का अहसास माया को भी था l
लेकिन ये एक इंच का फासला तय करना आसान नहीं था, यहाँ से चीजें या तो बिगड़ सकती थीं या बन सकती थीं l
इसलिए महेन्द्र बड़ी सहजता से वहीँ रुका रहा l माया का चेहरा तकिये se ढका था तो वो समझ नहीं पा रहा था की जो हो रहा है क्या उसमे बहू की रजामंदी है,, कहीं बहू मुझे गन्दा आदमी समझ के अपनी लाइफ से ना निकाल दे हमेशा हमेशा के लिए l
उसने सोचा की बहू से बात करके पता लगाए की बहू के दिल में क्या है l तो उसने चुप्पी तोड़ी, क्या हुवा बहू नींद आ रही है क्या ?
महेन्द्र ने अपना सवाल पूरा भी नहीं किया था की तभी पावर कट हो गया और पुरे कमरे में अँधेरा छा गया l

अँधेरे ने महेन्द्र की हिम्मत बढ़ा दी, उसने हथेली की उंगलियां खोली और बहू की बुर की फांक से दो उंगलि टच हो गई l


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माया सिहर उठी उसकी बुर का रस महेन्द्र की उँगलियों पे बह गया l

माया - बाबूजी मैं मोमबत्ती जलाती हूं l (माया ने सर उठा के ऐसे रियेक्ट किया जैसे उसे कुछ नहीं पता लेकिन उसकी बोली और उसका शरीर अलग अलग हरकत कर रही थी )
माया उठने के बहाने अपनी कमर नीचे की ओर दबाई, जैसे वो सख्त उँगलियों को अपने अंदर भींचना चाहती हो l
महेन्द्र को लगा की माया अगर चली गई तो उसे दुबारा ऐसा मौका नहीं मिलेगा, वो तो हर हाल में बहू की बूर को अच्छी तरह फील करना चाहता था l महेन्द्र ने इसी बहाने हथेली सीधी कर एकदम से बहू की नंगी बुर को छू लिया l
महेन्द्र - रहने दे बहू मोमबत्ती की क्या जरुरत l
माया - नहीं बाबूजी लाती हूँ, माया उठ गई थी महेन्द्र ने भी हाथ हटा लिया था l माया उठकर किचन में आयी उसकी बुर कामरस में पूरी तरह गीली हो गई थी l
इधर महेन्द्र की हालत ऐसी थी जैसे हाथ लगा खजाना गुम हो गया हो l वो अपनी हथेली को नाक के पास रगड़ कर बहू की जवान बुर की महक ले रहा था l
Very very erotic update.
 

Premkumar65

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महेन्द्र - रहने दे बहू मोमबत्ती की क्या जरुरत l
माया - नहीं बाबूजी लाती हूँ, माया उठ गई थी महेन्द्र ने भी हाथ हटा लिया था l माया उठकर किचन में आयी उसकी बुर कामरस में पूरी तरह गीली हो गई थी l

भाग 12

माया किचन के पास डाइनिंग हॉल में एक मोमबत्ती जला दी, और बैडरूम की तरफ बढ़ी l उसकी बुर इतनी गीली थी उस वक़्त की जब वो चलती तो उसकी अंदरूनी जाँघ आपस में चिपचिपी हो जाती थी l वो धीरे से दरवाज़ा खोल कमरे में दाखिल हुई, उसने देखा मानस गहरी नींद सो रहा है l माया की बुर पानी पानी हो रही थी तो वो वहीँ खड़ी अपने गाउन से ही बुर का पानी पोछ ली l बेड की साइड एक बॉक्स में माया के undergarments पड़े थे unme से वो एक satin की पतली पैंटी निकाल पहन ली l
उधर महेन्द्र ने जब माया को कमरे में जाते देखा तो उदास हो गया उसे लगा की माया को शायद बुरा लग गया हो उसका बहू को इस तरह छूना l उसे ये भी डर था की माया मानस से कुछ कह ना दे l

उसकी जल्दबाजी ने सारा काम बिगाड़ दिया था शायद, इस बीच पावर भी आ गया था कमरे की light जल उठी, महेन्द्र को लगा जैसे पिक्चर अब ख़तम हो गया हो l वो निराश मन से उठ के अपने कमरे में जाने की सोच ही रहा था की उसे माया का bedroom से बाहर आने का आहाट मिला l वो रुक गया, माया बैडरूम से बाहर आकर धीमी आवाज़ में बोली .. ...
माया - बाबूजी पानी पिएंगे l
महेन्द्र को मानो जान में जान आयी l माया normally behave कर रही थी l वो खुश हो गया... हाँ बहू पियूँगा l
माया 2 ग्लास पानी ला कर सोफे पे महेन्द्र के बगल में बैठ गई l
माया - (पानी की घूँट लेते हुवे... )
बहुत गर्मी है ना बाबूजी, गला सूख गया मेरा l
महेंद्र मन में खुद से कहते हुवे (हाँ बहू तुम्हारा गला तो सूखा है मगर तेरी बुर बहुत गीली है उफ़ क्या महक थी, महेन्द्र के दिमाग में बहू की नशीली बुर की smell समायी थी l
महेन्द्र ने सोचा जब बहू अभी भी कुछ कह नहीं रही तो क्यों ना थोड़ा खुल के बात करूँ l )

महेन्द्र - हाँ बहू... गर्मी तो बहुत है तभी तो देख मैं बनियान पहना हूँ l एक तू है जो इतना बड़ा गाउन पहन रखी है l
माया - मेंरी क्या गलती बाबूजी मैं तो सब निकाल कर सोने वाली थी आपने ही मुझे बुला लिया l
(माया भी बेझिझक खुल के बोल रही थी
सब खोल के सोने वाली बात पे महेन्द्र उत्तेजित सा हो गया l )
महेन्द्र - अच्छा बहू माफ़ कर दे ऐसा है तो.... तू चेंज कर के आ जा l
माया - its ok बाबूजी
महेन्द्र - ना बहू गर्मी बहुत है कुछ हलके कपड़े पहन लो l जरा मैं भी तो देखूं मेरी बहू हलके कपड़ों में कैसी दिखती है l
(महेन्द्र की हिम्मत बढ़ती जा रही थी, माया को भी महेन्द्र की बात का बुरा नहीं लग रहा था बल्कि उनका इस तरह डिमांड करना उसे अच्छा लग रहा था l )
माया - ठीक है बाबूजी आप कहते हैं तो पहन लेती हूँ l आप इंतज़ार करिये मैं अभी आती हूँ l

(माया वापस कमरे में आ गई, आज का दिन खास था,, नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी l वो पहली बार पति के अलावा किसी गैर मर्द की कंपनी enjoy कर रही थी l ससुर के साथ बातें करना उनके पास baithana उसे बहुत अच्छा लग रहा था l ससुर की तारीफ और रात का माहौल भी माया की शरीर में अलग गर्मी पैदा कर रहा था l

धीमी रौशनी में वो शीशे के सामने खड़ी हुई l कुछ सोचकर उसने पहले अपना गाउन उतरा फिर अपनी ब्रा भी खोल दी l माया खुद की नंगी चूचियों को ध्यान से देख रही थी, उसने एक बूब को अपने हाथ में भर लिया और हल्का सा निप्पल पे ऊँगली फेरी लेकिन उसकी गोल चूचियां तो जैसे किसी मर्द के हाथ के स्पर्श के लिए तड़प रही थीं l

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आँखे बंद कर वो उस पल को याद करने लगी जब सोफे पे ससुर जी का हाथ उसकी जांघो पे रेंग रहा था l माया उस अनुभव से आनंदित थी, उसकी शरीर की गर्मी बढ़ रही थी वो टांगों के बीच नमी महसूस कर रही थी l

वो पैंटी में हाथ अंदर डाल अपनी दो उँगलियों को को बुर के मुहाने पे रगड़ रही थी, जैसे वो महसूस करना चाहती हो की जब ससुर जी ने उसकी नंगी बुर पे हाथ रखा होगा तो उन्हें कैसा लगा होगा l फिर माया अपना हाथ निकाली उसे याद आया कि वो किस काम के लिए कमरे में आयी है l

ससुर जी ने उसे हलके कपड़े पहनने को बोला था तो वो कपबोर्ड़ से एक बहुत झीना और बरीक कपड़े का sphegetti उठा ली l वो sphegetti पहन अपने आप को शीशे में देखी तो पाया की वो झीना सा कपडा उसके बूब को कहीं से कवर नहीं कर रहा था बल्कि उसके नंगेपन को और दिखा रहा था l फिर भी माया ने वही पहनना चाहा हाँ उसके ऊपर एक satin nighty robe जैसी जरूर डाल ली जो सामने से पूरी खुली थी l robe को सिर्फ बीच में बांधा जा सकता था l माया की ये nighty उसके बदन को dhakne के bajaaye और नुमाईश कर रही थी l

माया इस वक़्त किसी बी grade की हॉट एवं chubby एक्ट्रेस के सामान दिख रही थी l
जब वो महेन्द्र के सामने आयी तो महेन्द्र अपनी बहू के भरे बदन को ऊपर से नीचे तक देखता रह गया, satin robe के अंदर sphagetti mein बहू की क्लीवेज और भारी चूची की गोलायी साफ़ नज़र आ रही थी l महेन्द्र का लंड अकड़ गया वो लंड को पायजामा के ऊपर से मसल दिया l माया ने महेन्द्र की ये हरकत देख ली थी फिर भी वो ignore कर दी l

महेन्द्र - तुम बहुत खूबसूरत हो बहू l
महेन्द्र बहू के कमर में दोनों हाथ डालते उसे खींच कर बिठा लिया l माया का दिल जोर जोर से dhadak रहा था और लम्बी साँसों से साथ उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी l
कम्फर्टेबले हो के बैठो बहू, माया ने दोनों टाँगे ऊपर की तो robe घुटने से हट गई l
महेंद्र ने तुरंत माया के घुटनो पे हाथ रख दिया l और साथ ही robe को उसकी जांघो से भी हटा दिया l

माया पहले की तरह तकिया लिए सोफे पे लेट सी गई, फर्क इतना था की इस बार गाउन से बदन ढका नहीं था बल्कि robe हटने से वो two piece कपड़े में अधनंगी सी हो गई थी l माया का खुला बदन महेन्द्र के सामने था उसकी गहरी नाभि देख महेन्द्र खुद को रोक ना सका और वो हाथ सीधा बहू की नाभि पे रख दिया l

महेन्द्र - बहू.... तुम्हारी नाभि बहुत खूबसूरत है l
माया अपनी तारीफ सुन मचल गई l ऐसा क्या ख़ास है बाबूजी इसमें?
महेन्द्र - बहू तुम्हारी नाभि बहुत गहरी है, ऐसी नाभि तो किसी actress की भी नहीं (महेन्द्र माया की नंगी कमर और पेट को दबोच रहा था )
फिर महेन्द्र ने अपनी एक ऊँगली माया की नाभि में डाल दी l वो नाभि सहलाते बहू की साइड लेटने लगा l
माया भी सोफे पे हल्का सा जगह बनाते खिसक गई l
ससुर बहू दोनों एक ही सोफे पे आपस में सटे लेट गए थे l महेन्द्र का हाथ अभी भी माया की नाभि पे था l

महेन्द्र - पता है बहू, मुझे हमेशा से दरकरार थी की मेरी बहू खूबसूरत हो, पढ़ी लिखी हो, सभी काम में निपुण हो, सबकी सेवा करे, मेरा अकेलापन दूर करे l आज तुम्हारे साथ बात करके ऐसा लगा जैसे भगवान् ने मेरी सुन ली जो तुम जैसी संस्कारी बहू मिली मुझे l
माया - ओह बाबूजी थैंक यू सो मच ( कहते हुवे वो करवट हो महेन्द्र से लिपट गई, और साथ ही उनके गाल पे एक हल्का सा चुम्बन दे दी )
महेन्द्र भी कहाँ पीछे हटने वाला था वो भी बहू को कस के बाँहों में भर लिया फिर बहू के गालों के साथ साथ उसके chin और गर्दन के भाग पे भी किस किया l माया हल्का सा खिलखिलाई तो महेन्द्र कंधे से spaghetti की पट्टी नीचे कर उसके नंगे कंधे को चूमने लगा l

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महेन्द्र - आह बहू तेरी बॉडी की स्मेल कितनी अच्छी है l
माया - सच बाबूजी ?
महेन्द्र - हाँ
(महेन्द्र माया की बाहँ ऊपर कर दिया और उसकी खुली armpit पे नाक लगा उसे सूंघा )
माया - बाबूजी.......
महेन्द्र - क्या बहू l
माया - बात करिये ना l
महेन्द्र - एक shart पर
माया - क्या... ?
महेन्द्र - बहू मुझे प्यार करेगी तब l
माया - प्यार तो की ना बाबूजी (कहते हुवे माया ने मह्रन्द्र के गाल पे एक और चुम्बन दे डाला )
महेन्द्र - ऐसे नहीं... होंठ पे
माया सोच में पड़ गई l
महेन्द्र - sorry बहू मैंने तुमसे कुछ ज्यादा ही मांग ........
महेन्द्र इससे पहले की अपनी बात पूरी करता माया ने अपने होंठ महेन्द्र के होंठ से सटा दिए l
महेन्द्र की तो जैसे lottery लग गई वो बहू को कस के बाँहों में bheenchta माया के होंठ खा रहा था l माया भी खुल के साथ दी, दोनों किसी प्यासे couple की तरह kiss कर रहे थे l

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करीब आधे मिनट के kiss के बाद दोनों के होंठ अलग हुवे l
महेन्द्र - थैंक यू बहू...
माया - बाबूजी.. क्या मैं एक अच्छी बहू हूँ ? (माया ने महेन्द्र की आँखों में देख सवाल किया )
महेन्द्र - हाँ बहू.. तुम वाकई में बहुत अच्छी बहू हो l
माया खुश हो गई जैसे उसने कोई exam अच्छे मार्क्स से पास कर लिया हो l
माया - आप भी बहू अच्छे हो l
माया - (माहौल को नार्मल करती हुई ) अच्छा बाबूजी.... तिल के अलावा और क्या बता रहे the...कुछ नंबर कलर उससे भी ब्यक्ति के बारे में पता चलता है... ? वो कैसे होता है बाबूजी l
महेन्द्र - बहू तू इतना interest क्यों ले रही hai.. तुझे भी सीखना है क्या ?
माया - हाँ बाबूजी l
महेन्द्र - अच्छा ठीक है सीखा दूंगा, लेकिन मुझे गुरू दक्छिना में क्या दोगी ?
माया - आप जो मांगेंगे वो दे दूँगी l
महेन्द्र - (माया की मोटी जांघ पे हाथ फेरते हुवे ) सोच लो बहू जो मागूंगा देना होगा l

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माया महेन्द्र की आँखों में देखते हुवे अपना हाथ महेन्द्र के हाथ पे रखी जो उसकी जांघ पे था l उसे अंदरूनी जांघो की ओर ले गई और सेक्सी अदा से महेन्द्र के हथेली अपनी बुर की उभारों पे दबाव बनाते हुवे ऊपर पेट पे रख ली l

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माया की ये हरकत महेन्द्र को अंदर तक झकझोर के रख दी l लेकिन ये एक झटका था दूसरा झटका तब लगा जब माया इतने तक नहीं रुकी वो महेन्द्र की एक उंगली अपने मुँह तक ले गई l महेन्द्र से नज़रें मिलाये वो गीले होठों के अंदर ऊँगली भर ली और आह भरते गीली ऊँगली ऐसे अंदर बाहर की जैसे वो ऊँगली नहीं ससुर जी का लंड हो l
माया - आप जो भी मांगेंगे दूँगी बाबूजी, आप बेझिझक मांगिये आपको निराश नहीं करुँगी l (माया की आँखों मैं वासना भरी थी )
एक एक पल महेन्द्र के लिए मुश्किल हो रहा था , बहू की ये हरकत किसी रंडी से कम नहीं थी और इस बार उसका इशारा साफ़ था l

महेन्द्र झुक कर एक बार फिर बहू के होंठ से अपना होंठ मिला दिया, बहू के गर्दन को चूमते हुवे वो क्लीवेज पे kiss करने लगा साथ ही इस बार हिम्मत करके महेन्द्र ने बहू की नर्म चूची भी दबा दी थी l


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Bahu is faster than Sasurji.
 

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महेन्द्र झुक कर एक बार फिर बहू के होंठ से अपना होंठ मिला दिया, बहू के गर्दन को चूमते हुवे वो क्लीवेज पे kiss करने लगा साथ ही इस बार हिम्मत करके महेन्द्र ने बहू की नर्म चूची भी दबा दी थी l

भाग 14

माया के पुरा शरीर वासना की आग में तप रहा था, समय के साथ उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी l इधर महेन्द्र भी बहू की चूचियों पे जी भर के हाथ फेरता रहा, जैसे पता नहीं कब ये पल दुबारा आये l

उसके बाद महेंद्र ने बहू के दोनों हाथ ऊपर कर दिए, बहू की दोनों चूचियां की गोलियां और उभर आयी l वो बहू के ऊपर आते हुवे उसकी खुली armpit पे मुंह लगा के चाटने लगा, हलके नमी ली हुई बहू की underarms की गन्ध महेन्द्र पे अलग ही जादू कर रही थी l वो underarms चाटने के साथ साथ बहू के उभरे बूब्स को भी दबा रहा था l

महेन्द्र ने कभी सपने में भी ये नहीं सोचा था की वो एकदिन अपनी बहू की चूचियों को हाथ लगा पायेगा l

माया - आआआअह्ह्ह्ह बाबूजी l

माया और इंतज़ार नहीं कर पाई, उसने एक बूब के ऊपर से spaghetti हटा दी l माया की एक चूची नंगी हो गई, महेन्द्र आँखे फाड़ बहू का नंगापन देखता रहा l sabkuch किसी सपने से कम नहीं था, महेन्द्र सबसे पहले बहू के नंगे बूब को छुवा, ऐसा लग रहा था जैसे उसने गरम gel से भरी कोई पोटली हाथ में ले ली हो l वो अनायास ही बहू पे jhukta चला गया और मुहँ खोल के बहू की डार्क ब्राउन निप्पल को मुहँ में भर लिया l निप्पल चूसते हुवे वो दूसरी बूब के ऊपर से भी spaghetti हटा दिया l नंगे बूब को छूने का मज़ा ही अलग था l

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महेन्द्र - (माया के कान में )... बहू जी करता है तुम्हारी चूची खा जाऊं l
माया और महेन्द्र के बीच शर्म का parda हट गया था, तो महेन्द्र उत्तेजना में गंदे शब्द use कर रहा था l
माया भी पूरा साथ देती ससुर का बाल पकड़े अपने बूब पे दबाती l
माया - आह बाबूजी खा जाइये ना मेरी दोनों........ चूची...... l
(माया महेन्द्र की वासना को भड़काने के लिए बेझिझक चूची शब्द का estemaal की )
माया कहर ढा रही थी, एक जवान औरत के मुहँ से उसने कभी इस तरह के गंदे शब्द नहीं सुने थे l और आज खुद की बहू के मुहँ से चूची शब्द सुन कर वो आनंदित हो उठा l
वो पागलों की तरह बड़ा सा मुहँ खोल माया की पूरी चूची मुहँ में भर लेता l कभी बच्चे की तरह निप्पल chusta l माया की चूची लार से भीगी चमक रही थी l
माया की बुर lagataar पानी छोड़ रही थी, वो पूरी तरह से कामोत्तेजित हो गई थी l उसने सोफे पे लेट हुवे पहले बैडरूम की तरफ देखा, वजह साफ़ थी उसने ससुर जी से चुदवाने का मन बना लिया था l

माया मर्दों की कमजोरी से अच्छी तरह वाकिब थी, वो अपना एक हाथ नीचे ले गई और ससुर जी का पायजामा में खड़ा लंड सहला दी l
माया - ( दूसरे हाथ से ससुर जी का फेस अपनी चूची से उठाकर ) बाबूजी.... लंड बाहर निकालो ना..... l
महेन्द्र बहू की नंगी जिस्म का मज़ा तो ले ही रहा था, साथ साथ बहू का खुलापन उसकी वासना को दुगुना कर देता l वो तुरंत सोफे से उतरकर पायजामा खोला और फड़फड़ाता लंड बहू के सामने था l बहू से कुछ उम्मीद कर वो अपना लंड हाथ में लेकर दिखाया, माया कोई नासमझ नहीं थी वो बाबूजी की आँख में देखते हुवे लंड पकड़ ली और उसका स्किन खोल दी l महेन्द्र को तो लगा वो बहू के हाथ में ही स्खलित हो जायेगा, उसकी आंख बंद थी बहू महेन्द्र के लंड का स्किन ऊपर नीचे कर रही थी l

तभी उसे लंड पे कुछ गर्म सा अहसास हुवा, उसने आँख खोल के देखा तो लंड का टोपी माया के मुहँ में था l वो मस्ती में दबाव बना के बाकी का लंड भी बहू के मुँह में पेल दिया l माया चप - चप की आवाज़ के साथ लंड चूसने लगी, ससुर जी के लंड का स्वाद मानस के लंड से बहुत अलग था l महेन्द्र का लंड ज्यादा फुला हुवा था, लंड की टेढ़ी मेढ़ी नस माया को और मज़ा दे रही थी l ससुर जी का तगड़ा लंड चूस के तो वो मानस का लंड भूल गई l
जल्द से जल्द वो इस तगड़े लंड को अपने बुर में भींचना चाहती थी l
लंड चूसते चूसते वो सोफे से उतर फर्श पे आ गई थी l

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महेन्द्र - बहू.... मुझे भी तो अपने बुर का स्वाद दिलाओ l ये कहते हुवे महेन्द्र बहू को उठाया और उसे घुमा कर सोफे पे झुका दिया l अगले ही पल उसकी गांड नंगी हो गई, महेंद्र एक झटके में पैंटी नीचे कर दिया था l पैंटी उतरने के बाद बहू की नंगी गांड और बड़ी लग रही थी l नीचे बैठकर वो अपना मुहँ बहू की बड़ी सी गांड में डाल दिया, माया कसमसा के रह गई l महेन्द्र की जीभ उसकी गांड की chhed पे हरकत करने लगी थी l माया के लिए ये बहुत अलग अनुभव था, मानस oral तो करता था लेकिन उसने कभी माया की गांड में मुहँ नहीं लगाया l आज महेन्द्र उसे काफी अलग मज़ा दे रहा था l धीरे धीरे मह्रन्द्र की जीभ माया के बुर तक आ रही थी l बहू के बुर का गन्दा पानी ससुर बड़े मज़े से चाट रहा था l कुछ देर बाद महेन्द्र माया का कमर पकड़ खड़ा हुवा, माया अभी भी झुकी थी, अब वो लंड बिलकुल गांड के बीच सटा दिया l कमर पहले नीचे किया और फिर ऊपर तो जैसे बहू के बुर ने लंड को चुम्बक की तरह अपने अंदर खींच लिया हो l चिपचिपे पानी से सराबोर बहू की बुर में महेन्द्र का लंड बड़ी आसानी से फिसल रहा रहा था l महेन्द्र बहू की लटक रही दोनों चूची को पकड़े पुरे जोश में कस कस के बहू को पेल रहा था l
सोफे पे झुक के माया आज पहली बार पेलवा रही थी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था l कुछ देर की चुदाई के बाद महेन्द्र तेज़ से हांफने लगा, उसका क्लाइमेक्स नज़दीक था l बहू की गांड को जोर से पकड़ते हुवे वो पूरा वीर्य बहू की बुर में उड़ेल दिया l महेंद्र 10-15 बार और चोद के जब लंड बाहर निकला तो माया के बुर से सफ़ेद पानी की चासनी जमीन तक चू गई l वो बहू की गांड के पीछे से हाथ डाल बहू की बुर के पानी को हाथ में लिया और अपने लंड के ऊपर लगाया l

महेन्द्र - चाट बहू, ये भी तो चाट
माया एक अच्छी बहू की तरह नीचे बैठ के महेन्द्र का लंड जीभ से साफ़ की l

माया - बाबूजी... आपका लंड बहुत स्वादिष्ट है l
महेंद्र - बहू, लगता है तेरी प्यास नहीं बुझी l
महेन्द्र बहू की गांड पे thappad मारा.... और उसे सोफे पे गिरा दिया l
माया खिलखिलाने लगी और झुक के अपनी position ले li, महेन्द्र इस बार लंड बहू की गांड में डाला l माया कराह उठी वो बाबूजी को पीछे धक्का दीl
माया - आह नहीं बाबूजी ये बहुत बड़ा है l
महेन्द्र - प्लीज बहू, चोदने दो l आज मत रोक मुझे l
माया - ओके बाबूजी आप रुको मैं तेल लेकर आती हूँ l
माया जल्दी से उठ के नंगे ही बैडरूम में आयी l

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मानस गहरी नींद सो रहा था l वो टेबल से एक तेल की शीशी उठाई और वापस भाग आयी l

ये लीजिये बाबूजी, महेन्द्र लंड पे तेल लगाया l काला नाग सा लंड चमचमा उठा l
बहू दुबारा झुक गई, महेन्द्र शीशी को उल्टा कर बहू की गांड पे तेल गिराया तो पूरा ढक्कन खुल गया सारा तेल बहू की गांड से होता हुवा सोफे और जमीन पे फ़ैल गया l

महेन्द्र - ओह बहू वो गलती से l
माया - आप चिंता मत करिये बाबूजी मैं साफ़ कर दूँगी आप chodiye मुझे l

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तेल की परवाह किये बगैर महेन्द्र बहू की गांड चोदने laga, तेल इतना ज्यादा था की बार बार लंड फिसल जाता दोनों का बदन तेल में फिसल रहे थे l आखिरकार महेन्द्र का वीर्य बहू की गांड पे निकल गया l
सुबह के चार बज गए थे चुदाई करते करते l पूरा कमरा ससुर बहू की जबर्दश्त चुदाई का सबूत दे रहा था l
Very fast work. Ek hi raat me hath pakadne se lekar chudai tak pahunch gaye dono.
 

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तेल की परवाह किये बगैर महेन्द्र बहू की गांड चोदने laga, तेल इतना ज्यादा था की बार बार लंड फिसल जाता दोनों का बदन तेल में फिसल रहे थे l आखिरकार महेन्द्र का वीर्य बहू की गांड पे निकल गया l
सुबह के चार बज गए थे चुदाई करते करते l पूरा कमरा ससुर बहू की जबर्दश्त चुदाई का सबूत दे रहा था l

भाग 15

महेन्द्र और माया दोनों ही पुरे नंगे सोफे पे लेटे थे l तेल और पसीना मिला हुवा उनका शरीर आपस में चिपका था l
महेन्द्र पीछे से हाथ डाल माया की दोनों चूची दबाते हुवे... .
महेन्द्र - बहू आज तुझे चोद के बहुत मज़ा आया l ऐसी गांड मैंने सालों बाद चोदी है l
माया - मुझे भी आपसे चुदवा के बहुत मज़ा आया बाबूजी... आपका लंड इस उम्र में भी किसी जवान लड़की को थका दे l

माया - अच्छा बाबूजी अब आप सो जाइये, मानस उठ गए तो प्रॉब्लम हो जाएगी l
महेन्द्र - हाँ बहू l
महेन्द्र और माया अपने अपने कमरे में आकर सो गए l
सुबह मानस की नींद खुली वो उठ कर फ्रेश हुवा, न्यूज़ पेपर लिए वो लिविंग हॉल में सोफे पे बैठा तो फर्श पे तेल और वीर्य से उसके पैर चिपचिपा गए l उसने माया को आवाज़ दी, माया... माया...
माया ऊंघते हुवे हॉल में आयी तो उसे रात की मस्ती याद आयी, वो भूल गई थी की मानस के उठने से पहले उसे कमरा साफ़ करना था l
मानस - माया ये क्या hai...?

माया बहाने सोचने लगी.. .

मानस - क्या हुवा कहाँ खो गई तुम,
माया - वो कल रात में बाबूजी के घुटने में दर्द था तो मैंने उन्हें oil दिया था लगता है बाबूजी के हाथ से गिर गया l
मानस - लेकिन तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ? और पापा को तेल देने से अच्छा तुम लगा देती l कितनी problem हुई होगी उन्हें, मैं पूछता हूँ l l
मानस सीधा पापा के कमरे में आता है, माया भी पीछे पीछे आती है l
कमरे में महेन्द्र बेड पे बैठा था थोड़ी देर पहले ही उसकी नींद खुली थी l
मानस - पापा आप ठीक तो हैं l
महेन्द्र - क्या हुवा बेटा, मैं समझा नहीं l
मानस - पापा,,, माया ने बताया की आपको पैर में दर्द था कल रात
(माया ने आँखों ही आँखों में इशारा किया )
महेन्द्र - हां हां बेटा वो.. थोड़ा सा l अभी ठीक है l कल रात बहू ने मालिश की थी l
मानस - मालिश ? आप झूठ क्यों बोल रहे हैं माया ने तो सिर्फ तेल दिया था आपको l
माया ने आँख दिखाई to..महेन्द्र अपनी बात करेक्ट की...
बेटा मेरा मतलब तेल दिया था, मैं लगा लिया और अभी ठीक भी है l

मानस - मैं कुछ नहीं जानता, माया बाबूजी के पैर की मालिश करो l आज ब्रेकफास्ट मैं बाहर ऑफिस के पास कर लूँगा l (मानस माया को आदेश दिया )
महेन्द्र - अरे बेटा रहने दे l
मानस - नहीं बाबूजी
माया खड़ी क्यों हो जाओ तेल लाओ l माया एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह कमरे में गई और तेल ले के आयी l
महेंद्र ने धोती पहनी थी l
मानस - माया तुम अच्छे से मालिश करो, मैं ऑफिस के लिए तैयार होता हूँ
मानस के जाने के बाद माया फर्श पे बैठ गई, माया और महेन्द्र एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे l

महेंद्र ने धोती के अंदर से अपना लंड बाहर किया, लो बहू करो मालिश l माया की हंसी छूट गई l वो धीमी आवाज़ में बोली, हाथ से करू या मुँह से l
महेन्द्र का लंड खड़ा हो gaya, वो तुरंत माया का सर पकड़ अपने लंड को माया के मुहँ के पास रखा.... चुसो बहू l

माया किसी संस्कारी बहू की तरह ससुर जी की बात मान उनका लंड चूसने लगी l महेन्द्र गाउन के ऊपर से माया के बूब भी दबा रहा था l

आआह बहू..... कितना अच्छा चूसती हो l.....थोड़ी चुसाई के बाद महेन्द्र का वीर्य आने को था l
आआअह्ह्ह्हह्हह आआआह्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ महेन्द्र बहू के मुहँ में स्खलित हो गया l

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माया - ओह बाबूजी आप तो जल्दी निकाल दिए... मुझे प्यार भी नहीं किया l
(माया मुहँ से वीर्य पोछते हुवे बोली )

महेन्द्र - sorry bahu... मेरा लंड तेरे मुहँ की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया l
एक बार मानस को ऑफिस जाने दे फिर तुझे मैं पूरे घर में जी भर के चोदता हूँ l
माया की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा l

महेन्द्र और माया एक दूसरे को एक लवर की तरह किस किये l महेन्द्र फ्रेश होने गया और bahu किचन में काम करने लगी l
उधर मानस कुछ देर बाद फ़ोन पे बात करते हुवे लिविंग हॉल में बैठा था l
papa.. पापा...
महेन्द्र - क्या हुवा बेटा l
मानस - पापा वो मेरे फ्रेंड ने urgently बुलाया है l
महेन्द्र - बेटा हम दोनों को ?
मानस - हाँ... लगता है काम हो गया l जल्दी चलिए... अगर काम हो गया तो आप आज दोपहर को ही घर जा सकते हैं l
महेन्द्र को तो जैसे शॉक laga... कितना badkismat है वो l वो भगवान से प्रार्थना करने लगा की काम ना हुवा हो l
मानस - क्या हुवा बाबूजी... आप खुश नहीं हो ?
महेंद्र - नहीं beta...मेरा मतलब बहुत अच्छा... आ... आ... अभी चलना होगा ?
(महेन्द्र माया की तरफ देखा... माया भी उनकी बातें सुन रही थी )
मानस - हाँ... आपको क्या हुवा l आप खुश नहीं लग रहे l
महेंद्र कुछ बोल ना पाया.... हाँ बेटा.. वही सोच रहा था, यकीन नहीं होता l बहुत खुश हूँ मैं... थैंक यू बेटा l

महेन्द्र उदास हो कमरे में आया और तैयार होने लगा l चेहरे पे उदास भाव थे जैसे कोई सुन्दर सपना टूट अचानक से टूट गया हो l
इधर माया भी अपनी किस्मत को कोस रही थी l इतना अच्छा मौका था आज खुल के ससुर के साथ सेक्स कर सकती थी l माया को बहुत गुस्सा भी आ रहा था l
माया बहाने से महेन्द्र के कमरे में आयी मगर लिविंग हाल में मानस बैठा था तो कुछ बोल नहीं पाई l
दोनों ने बस एक दूसरे को आँखो ही आँखों में देखा l माया गुस्से में आग बबूला थी, उसे समझ नहीं आ रहा इस situation में वो क्या करे l महेन्द्र bahu को बाँहों में लेना चाहा तो माया गुस्से से कमरे से बाहर आ गई l
मानस ने दुबारा महेन्द्र को जल्दी तैयार होने के लिए pressure डाला l
महेन्द्र और माया कुछ भी बात नहीं कर paaye l
आखिरकार दोनों घर से बाहर आ गए l माया दोनों को bye कर वापस घर का काम करने लगी l
एक घंटे बाद मानस का फ़ोन आया की वो बाबूजी के साथ स्टेशन पे hai,... सारा काम ख़तम हो चूका था l मानस की बात सुनकर माया की बची उम्मीद भी टूट गई, वो अफ़सोस करने लगी की ससुर जी के साथ जो हुवा काश वो 2 दिन पहले हुवा होता तो वो पूरी मस्ती लूट पाती l उसे अधूरापन सा लग रहा था l
वो बैडरूम में लेटी काफी देर तक रात के हुवे हसीं पल को याद करती रही, उसका पुरा जिस्म तड़प रहा था l लेकिन उसे तो अब इस अधूरे पल के साथ ही जीना था l ना जाने कब दुबारा ऐसा मौका मिले और वो ससुर जी के मोटे लंड का लुफ्त उठा पाए l
Ohh no KLPD ho gai.
 

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ileana dcruz वाली मैसेज को देख उसके दिमाग में हलचल hui, क्या पापा भी..... मन में कहते कहते रुक गई l
नो क्या सच में ?... हो भी सकता है... मम्मी से दूर हैं तो शायद करते होंगे l माया पागलों की तरह बेड पे लेटी.. खुद से सवाल और खुद को जवाब भी दे रही थी l थोड़ी देर उसे realize हुवा की वो पापा के बारे में ऐसा सोच रही है l वो बेड से उठी फ्रेश हुई बार बार पापा का चैट खोलती लेकिन कोई मैसेज नहीं था l आखिरकार वो अपनी फ्रेंड को कॉल की शॉपिंग पे जाने के लिए l

भाग 19

माया अपनी सहेली के साथ शॉपिंग कर रही थी, वो बार बार फ़ोन देखती लेकिन पापा का कोई मैसेज नहीं l
फिर दोनों जब एक रेस्टुरेंट में बैठे थे तब माया ने मैसेज किया l उदय का रिप्लाई भी तुरंत आ गया, वो खुश हो कर चैट करने लगी बीच बीच में वो अपनी सहेली के साथ ली हुई सेल्फी फोटोज भी भेजती रही l
दोनों एक दूसरे को पिक्स भेज देते थे, कभी उदय अपने खाने के फोटो भेजाता तो कभी, माया ने रेस्टुरेंट का फोटो भेजती l इस तरह फोटो के साथ साथ देर तक बातें होती रहती हैं l ढेर सारी शॉपिंग ख़त्म कर के बाद माया घर आ गई l घर आकर वो बेड पे लेट गई l
उदय का मैसेज आया l
उदय - कहाँ हो बेटी l
माया - अभी अभी घर aayi पापा
उदय - ok.. बहुत मस्ती की तुमने आज
माया - हाँ
उदय - क्या क्या शॉपिंग की मुझे भी तो दिखाओ
माया शॉपिंग पैकेट बेड पे पलट कर एक साथ फोटो खींच भेज दी l फोटो में हैंडबैग लिपस्टिक पिन deo kajal चूड़ी एक दो टॉप लेग्गिंग जीन्स सारी के साथ साथ उसके innerwear भी थे जिसपे उदय की नज़र भी पड़ी लेकिन उसने इग्नोर किया l

उदय ने माया की भेजी फोटो देख फ़ोन कॉल कर दिया....

उदय - बाप रे इतनी सारी शॉपिंग.... लेकिन ये क्या मुझे लगा पहन के dikhaogi l
माया - अभी नहीं पापा अभी बहुत थक गई हूँ l (माया angdaai लेती बोली )
उदय - ओह समझा बेटी तो तू आराम कर
माया - ऐसी नहीं है पापा फ्री हूँ बस लेटे रहना चाहती हूँ l
उदय - ok. आज मैं भी फ्री हू बेटी, कितना अच्छा होता तू मेरे साथ होती तुझे ढेर सारी शॉपिंग करता l
माया - हाउ स्वीट ऑफ़ यू पापा l
उदय - अच्छा एक बात बाता वो औरत तुम्हारी सहेली थी ?
माया - हँसते हुवे... नहीं पापा सहेली नहीं hai, मेरे पड़ोस में रहती है l मुझसे काफी बड़ी है
उदय - अच्छा बेटी l
माया - काफी paise वाली है papa.. और बहुत मॉडर्न भी l हस्बैंड और उसके 2 बच्चे दुबई में रहते हैं l
उदय - हाँ वो तो दिख रहा था काफी मॉडर्न है l
माया - hmmm... कैसे... ? उसके पहनावे से ?
(उदय की तो जैसे चोरी pakdi गई थी l haan... मेरा मतलब.... )
माया - its ओके पापा.. मैं माँ को नहीं बताउंगी l
(माया खिलखिलाई )
उदय - shut up... तुम गलत सोच रही हो l
माया - क्या पापा आप भी दोस्ती करने में कोई प्रॉब्लम नहीं है l आप chahein तो मैं introduce करा सकती हूँ l
उदय - माया तू भी ना
माया - वैसे उसका नाम varsha है l
उदय - हम्म..
माया - अच्छी लगती है ना ?
उदय - हाँ सुन्दर है... तुम्हारी तरह
माया - मुझसे ज्यादा.. और बहुत मॉडर्न.. पब पार्टी ड्रिंक्स सब करती है l
उदय - ओह
माया - independent है, शायद पति के साथ उसका कुछ जमता नहीं है l घर पे जब भी मिलती है घंटों उसकी बुराई करती है l वैसे आपको देखा है उसने, आपके बारे में जानती है l
उदय - मुझे कैसे ?
माया - मैंने उसे अपने कई सारे फोटो एल्बम दिखाया है उसने आपको कॉम्पलिमेंट भी दिया की आप बहुत fit and हैंडसम हो l शॉपिंग के वक़्त उसे पता था की आपसे चैट कर रही हूँ l तभी तो हमदोनो की साथ की फोटो भेजने में उसे कोई ऐतराज़ नहीं हुवा l
उदय - ओके समझा l सभी दुबई में हैं, तो वो यहाँ क्यों ?
माया - वो अपनी जॉब नहीं छोड़ना चाहती
उदय - अकेली रहती है
माया - नहीं अपने देवर के साथ रहती है l
(देवर के साथ रहने वाली बात उदय को अटपटी सी लगी साथ ही साथ थोड़ी हॉट भी )
माया - क्या हुवा papa... क्या सोच रहे हो ?
उदय - कुछ भी तो नहीं l
माया - लगता है वर्षा आ रही है l
उदय - ओह फिर se.. तुम्हारे घर... ?
माया - पापा... मैं इस varsha की नहीं बादलों की वर्षा की बात कर रही हूँ l आज baarish होगी l
उदय - ओह sorry
माया - आपके दिमाग पे varsha का जादू चल गया है क्या ?
उदय - कैसी बात कर रही है tu.. मैंने उसे ठीक से देखा भी नहीं, भला मेरे पर उसका जादू कैसे चलेगा l
माया - ओके ये प्रॉब्लम है तो मैं दिखा देती हूँ उसकी बहुत सी फोटो हैं मेरे पास l आप कहो तो उसे घर बुलाऊँ वीडियो कॉल पे देख लेना l
उदय - shut up बेटी...
माया - मम्मी से डरते हो आप ?
(माया को इस वक़्त पापा से शरारत भरी बात करके बहुत मज़ा आ रहा था )
उदय - नहीं प्यार करता हूँ l
माया - उम्म्म सो स्वीट माय डिअर डैड.. muwa..
उदय - हम्म
माया - अच्छा सॉरी वैसे ही आपको तंग कर रही थी, मैं तो सिर्फ दोस्ती के लिए बोल रही थी l
उदय - हाँ वो ठीक है, तेरी बहुत अच्छी दोस्त है वो ?
माया - हाँ बहुत अच्छी
उदय - ओके, उसने भी शॉपिंग की ?
माया - हाँ उसने तो बहुत सारी shopping की, बहुत तंग करती है मुझे 50 trial के बाद एक कपड़े लेती है और मुझे फोटोज लेनी पड़ती है l उसकी shopping से मैं थक जाती हूँ l
उदय - ओके अब समझा
माया - अच्छा ये देखो उसकी कुछ पिक्स
(माया varsha की कुछ पिक्स भेज देती है )

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Varsha की टाइट टॉप में बूब देख उदय का मूड बन जाता है l फोटो zoom कर वो दूसरे हाथ से लंड मसलता है l
माया - उसके कपड़े की चॉइस अच्छी है ना पापा ?
उदय - हाँ बहुत ( उदय का ध्यान इस वक़्त कपड़े में नहीं varsha के कपड़ों के अंदर chhupe angon में था l वो धीरे से लंड बाहर निकाल सहलाने लगता है )
माया अपने पापा के harkaton से अनजान non stop बातें करती रहती है l
माया - इसलिए मुझे जब भी कुछ शॉपिंग करनी होती है varsha को he le जाती हूँ l
उदय - हम्म्म्म
(इस बीच उदय varsha की एक क्लीवेज वाली pic dekh मुट्ठ मारने लगता है )

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उदय earphone लगा के बात कर रहा होता hai, microphone में उसकी लम्बी लम्बी सांस की आवाज़ माया को साफ़ सुनाई देती hai, इस लम्बी सांस का मतलब वो समझती थी क्योंकि मानस इनदिनों अक्सर माया से बात करते हुवे लंड हिलाता था और उसकी सांस तेज सुनाई पड़ती साथ हे साथ उसकी आवाज़ भी बदल सी जाती थी l

लेकिन उदय नार्मल बात कर रहा था वो थोड़ी दुविधा में थी l तो उसने एक सवाल पूछा...
माया - पापा आप अपने ऑफिस के केबिन का फोटो भेजिए ना l
उदय - अरे बेटी मैं तो गेस्ट हाउस आ गया l (हाथ की स्पीड धीमी करते huwe)
माया का शक जैसे यकीन में बदल गया हो... वो चौंक के बेड पे बैठ गई l earphone को कान के अंदर धकेल वो स्थिति samajhne की कोशिश कर रही थी l.वो varsha की एक और हॉट pic bhej दी.... pic पर whatsapp का blue tick मार्क आया और साथ हे उदय के साँसों की आवाज़ भी तेज हो गई thi, माया ने ghabrahat में झट से फ़ोन काट दिया l

वो सर पे हाथ रखे ascharya से... ओह माय god पापा kya... shit... नहीं नहीं.... शायद नहीं... क्या पता पापा कुछ काम कर रहे होँ, सीढिया चढ़ रहे हों l इसलिए सांस तेज़ हो l

उधर उदय फ़ोन katne के बाद मौका मिलते ही varsha की हॉट pic dekhkar खुलकर मुट्ठ मारने लगा l
माया सोचने लगी.. फ़ोन उसने तुरंत काट दिया था ना जाने papa क्या सोच रहे होंगे l इसलिए वो वापस कॉल की l

उदय ने पहले कभी ईरफ़ोन इस्तेमाल नहीं किया था, बस कुछ हफ़्तों से जबसे वो माया से बात करने लगा था ज्यादातर earphone इस्तेमाल करता था l

खैर उसने फ़ोन पिक किया l

उदय - हाआनंनं बेटी......
इस बार उदय की आवाज़ बहुत बदली सी थी और साँसें तेज़ l माया जान चुकी थी की उसके पापा varsha को dekh मुट्ठ मार रहे हैंl फिर भी माया बातचीत नार्मल रखी ताकि उसके पापा को शक ना हो l

माया - pic देखी पापा ? ये टॉप मैं लेने वाली थी l लेकिन उसे इतना पसंद आया की वो रख ली l
उदय - हाँ.. हाँ.. okkkay.. picccc dekh raha hun.... आह्ह्ह्ह... अच्छी topppppp है वाकईईई... उम्म्म l
उसे इस बात का बिलकुल अहसास नहीं था की माइक्रोफोन पे माया को उसकी सांस की आवाज़ सुनाई दे रही होगी l वो तो बस नार्मल बात करके सोचता था की कोई प्रॉब्लम नहीं होगी l
माया ध्यान से सब सुनती रही... l
माया - पापा आप कभी आओगे तो आपको varsha से भी मिलवाउंगी l
उदय - उम्म्म... उन्ह्ह हाँ मिलवा देनाआआ (उदय मन में बोल रहा था... आह चोदना चाहता हूँ मैं varsha को )

उदय लंड को झटका देते चार लम्बी लम्बी saan ली... l
उदय - उन्हह... आअह्ह....
फच फच करते हुवे उसका लंड पेट पे गरम वीर्य उगल दिया l

278-450
upload images

माया भी समझ चुकी थी, की पापा का पानी आ गया है l उसके मुहँ से अनयास ही निकल गया l
माया - निकल गया क्या पापा ?
(उदय एकदम से चौंक पड़ा... ककक kyaaaa ?)

माया - ईरफ़ोन निकल गया क्या पापा... आवाज़ नहीं मिल रही आपकी l
उदय ने rahat ki सांस ली.... वो तो डर हे गया था l
उदय - (earphone ठीक करते हुवे.. ) ok अब ठीक है ?
(माया मुस्कुरा रही थी .. .. उसे अपनी शरारत पे खुद हंसी आ रही थी )
माया - हम्म अच्छा मैं फ़ोन काटती हूँ l पसीने से गन्दी हो गई हूँ साफ़ होना है, आप भी अपनी गन्दगी साफ़ कर लीजिये.. (माया एक बार फिर मुस्कुरा दी )
उदय - (घबराते हुवे bye बेटी )
माया - bye
Very very seductive and erotic story.
 

Premkumar65

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उदय - आह बेटी और फोटो भेजो ना.. ( उदय की आवाज़ में सरसराहट थी )
माया समझ नहीं पा रही थी की पापा बार बार फोटो क्यों मांग रहे hain.. या फिर उस वक़्त वो समझना नहीं चाहती थी l उसे तो पापा पे अपना लाड़लापन दिखाना था, अपनी गलती के लिए सॉरी बोलना था l
उसने इस बार मोबाइल दूर किया और pic li, भेजने से पहले वो pic dekhi तो khud ही शरमा गई l

भाग 21

फोटो में उसके दोनों बूब spagethi के अंदर से झाँक रहे थे, फोटो se साफ़ मालूम हो रहा था की माया ने अंदर bra नहीं पहनी l स्पगेटी का कपडा भी इतना पतला था की उसके दोनों निप्पल उभरे उभरे नज़र आ रहे थे l माया pic देख कर शरमाई तो, साथ ही उसे अपने बदन की सुंदरता पे नाज़ भी था l थोड़ी घबराई सी माया ने आखिरकार वो pic papa को भेज दिया l

उदय - क्या हुवा बेटी फोटो भेजा तुमने l
माया - हाँ papa
माया एक टक whatsapp देख रही थी, जैसे ही blue tick लगा माया का दिल जोर जोर से धड़कने लगा l
उदय ने माया का फोटो देखा तो उसके लंड ने जोरदार सलामी दे डाली l उसने एक झटके से अंडरवियर नीचे कर लिया l माया की इतनी हॉट फोटो देख वो खुद को रोक नहीं पाया और मुट्ठ मारने पे मजबूर हो गया l

उदय की सांस तेज़ हो गई, माया इस साँसों की तेजी का कारण भली भाँती समझती थी l उसका भी दिल जोरों से धड़क रहा था, वो कुछ बोल नहीं पाई बस ब्लैंकेट के अंदर तकिये को अपने आगोश में लेकर वो ध्यान पूर्वक खच खच की आ रही आवाज़ को समझने की कोशिश कर रही थी l
दरअसल उदय जितनी तेज़ी से लंड हिलाता उतनी ही तेज़ी से earphone का mike उसके chin से टकराती l
आह बेटी......
माया - क्या पापा... ?
उदय - कुछ नहीं.... (उदय कुछ ना बोल पाया )
माया - बात करो na पापा...
उदय - क्या कहूं... ? आआआहह ...(उदय की सांस और तेज़ थी)
सबकुछ जानते हुवे भी माया को कोई ऐतराज़ नहीं था, वो तो पापा को बस खुश देखना चाहती थीl
माया ने सोचा क्यों na वो पापा ka मज़ा बढ़ा दे ताकि पापा रिलैक्स हो जायें तो उसने बात छेड़ी l
माया - पापा पता है आपकी favorite actress की एक मूवी आ रही है l
uski...फिल्म...
उदय - बेटी प्लीज...... इस वक़्त अपनी बात करो किसी एक्ट्रेसस की नहीं (उदय ने माया को बीच में ही रोक दिया था)l
माया - अच्छा पापा अपनी pic भेजो na l
उदय - (बहाने बनाते huwe..) बेटी इधर पावर कट हो गया है. अँधेरा है l

माया - ओह मेरे घर पे भी पावर कट हो गया अभी थोड़ी देर पहले l
माया - koi baat नहीं आप गूगल से कोई pic भेज दो... जैसे पहले भेजा था l
उदय - नहीं नहीं... तुम bologi मेरी चॉइस ख़राब है l
माया - अरे बाबा नहीं बोलूंगी प्रॉमिस,.. आपको जो चाहो वैसा pic भेजो l (माया ने एक प्रकार से पापा को हल्का खुला आमंत्रण दे दिया )

उदय के दिमाग पे पहले से ही सेक्स हावी था, तो उसने गूगल pe कपल हॉट pic सर्च किया l)
उसने धड़कते दिल से एक फोटो डाउनलोड की जिसमे ladka लड़की को hug करके लेटा है और उसका हाथ लड़की के बूब पे था l

images-57

Pic काफी hot था, तो usne pic ke upar बड़े अक्षरों में miss you beti लिखा... text boob के upar paste kiya jisase thoda pic छुप gaya magar अभी भी मालूम होता था की लड़के ने अपना हाथ कहाँ रखा है l
उदय ने हिम्मत करके वो pic भेज दिया, उसे डर था कहीं माया नराज़ न हो जाए l
माया ने जब wo Pic देखा तो सिहर उठी, pic ke Choice से usse इस वक़्त पापा के मूड का पता चल गया था l लेकिन उदय की उम्मीद के विपरीत उसने जवाब दिया -

माया - उम्म्म अच्छी चॉइस है पापा.. i miss u too.. , और भेजो na l

उदय खुश हो गया, माया को इस फोटो से कोई ऐतराज़ नहीं था l उसका लंड और तन गया l
उदय - नहीं अब तुम भेजो beti l
माया - यहाँ भी तो पावर कट है l
उदय - अच्छा तो फिर तुम भी गूगल से खोज के भेजो... जब तक पावर आ नहीं जाता l
माया - ओके पापा...
माया ने भी वैसी ही couple kissing की फोटो निकाली जिसे dekhkar पापा को और हिम्मत मिले l
माया ने दो pic bheji एक में वो थोड़ी अधनंगी बिस्तर में पापा के साथ और दूसरे में वो पापा को kiss कर रही थी l दोनों pic में उसने लड़की के upar माया और लड़के के ऊपर papa लिख दिया था l

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उदय ने जब pic dekha तो सेक्स से भर उठा...
उदय - आआआह बेटी ... red blouse में बहुत अच्छी लग रही हो तुम l
माया मुस्कुरा दी l
माया - अब आपकी बारी पापा...
दोनों बाप बेटी को इस game में मज़ा आ रहा था l
उदय की भी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और दिमाग सिर्फ सेक्स के बारे में सोच रहा था l
उसने भी खुलेपन से 2 फोटो bheji जिसमे वो माया को kiss कर रहा है और साथ ही बूब को भी अच्छे से दबा रहा है l और दूसरे में वो माया के बूब पे अपना मुँह रखा है l इस बार उदय ने pic को ढंकने की कोशिश नहीं की थी l

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माया pic देख कर खुद ही उत्तेजित हो गई, उसने सोचा था पापा का माल निकल जायेगा तो वो रिलैक्स हो जायेंगे l मगर पापा को रिलैक्स करने के बजाय वो खुद बेचैन हो गई थी, उसके शरीर में ऐंठन थी और दोनों जांघो के बीच गीलापन महसूस हो रहा था l

उदय - बेटी pic dekhi..? कौन si pic अच्छी लगी तुम्हे ?
माया मदहोशी में बोल पड़ी....
माया - दूसरी वाली क्योंकि मेरी spaghetti भी ऐसी ही है l

उदय - आआअह्ह्ह्ह beti.... तुम्हे कस के बाँहों में लेने का मन हो रहा है.... आअह्ह्ह्हह ssss... (उदय की सांस और तेज़ हो गई )

इधर माया भी तड़प रही थी और सोच रही थी की ऐसे सिचुएशन में मानस का वीर्य तो 2 min में ही निकल जाता है, पापा इतनी देर से... उफ़ अभी तक नहीं निकला l वो इमेजिन करने लगती है की किस कदर पापा अपना खड़ा लंड सहला रहे होंगे l लंड को याद करते ही माया वासना की आग में सिसकारी भरने लगती है l

माया - आह ह ह papa...
उदय - क्या हुवा बेटी?
माया - बहुत गर्मी लग रही है पापा...
उदय - तो ब्लैंकेट hata दो l
माया - वो तो बहुत पहले हटा दी, फिर भी पसीने से पूरी spaghetti भीग गई है l
(माया ने जानबूझ के स्पघेटी भीगने वाली बात झूठ बोली थी, ताकि पापा उसे इमेजिन कर उत्तेजित हो सके )

उदय भीगी spaghetti में माया को सोच कर मुट्ठ मारे जा रहा था l आह बेटी पावर होता तो तुम्हारी सेल्फी देखता,...
उसके बाद उदय ने जो बोला, माया मुस्कुरा दी... उसका प्लान काम कर रहा था, उसने पापा से यही उम्मीद भी की थीl

उदय - आ... बेटी... गर्मी लग रही है तो spaghetti खोल दो ना l
माया - उम्म्म हाँ theek कहा आपने... (माया ने सच में स्पघेटी उतार फेंकी )
उदय माया को बिना स्पघेटी के नंगे हो चुके बूब को इमेजिन कर जोर जोर से लंड हिलाने लगा l

उदय - उतार दी बेटी.... आह..
माया - हाँ पापा... उतार दी .. (माया सेक्सी आवाज़ में अंगड़ाई लेती बोली )
माया - ओह्होओ...
उदय - अब क्या हुवा... बेटी ?
माया - क्या बताऊँ.. पावर भी मुझसे बदमाशी कर रहा है जब पहनी थी तो पावर कट था अब जब कपड़े उतार दी तो पावर आ गया l
उदय - हाहा
माया ने इसी बीच एक pic भी भेज दिया papa को

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उदय ने pic देख के बोला
उदय - ये pic क्यों भेजा तुमने बेटी ?
माया - क्यों पापा.. क्या प्रॉब्लम है इस pic में?
उदय - बेटी प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन pic में लड़की ने top पहन रखा है l
माया - हाँ
उदय - लेकिन बेटी तुमने तो अभी अभी उतार दिया ना.... तो फोटो में भी लड़की को बिना टॉप के होना था l
(माया पापा के इस खुलेपन को एन्जॉय kar रही थी )
माया - छी पापा... आप भी ना...बदमाश हो.. so जाओ आप (माया शरमा गई )

उदय - प्लीज बेटी भेजो ना...
माया - मुझे नहीं आता इस तरह की फोटो खोजने पापा.. ...
उदय - गूगल से नहीं खोज सकती तो अपना selfie bhej do...पावर to आ गया ना .(उदय बिना डरे बोल गया )

माया - papaaaaa...my god..
उदय - हाहाहा बेटी... मजाक कर रहा था.. तो बोलो अब क्या करोगी ?
माया - अपना तो नहीं भेज सकती गूगल से ही खोजती हूँ l

माया ने थोड़ी देर बाद एक pic भेज दी l

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उदय - cheater हो tum.... ये टॉपलेस नहीं है l मुझे pic में लड़की की ब्लैक ब्रा दिख रही है l
माया पापा के मुँह से ब्रा jaise वर्ड सुनकर हंसती है...
माया - मुझे pic नहीं मिल रहा पापा... आप ही खोज दो ना l

पापा - मैं भेजूं .. ? नाराज़ तो नहीं होगी ना ?
माया - नहीं पापा..
उसके बाद उदय ने जो तस्वीर भेजी उसे देख कर माया के होश उड़ गए l तस्वीर में kissing था और ladki puri नंगी थी l

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माया - पापा..... छी कितने गंदे हो आप l
उदय - अरे तुमने ही तो कहा था नाराज़ नहीं होगी, वैसे भी ये तुम तो नहीं हो फिर क्यों शरमा रही हो l ये तो कोई हीरोइन है l
माया - हम्म..
उदय - एक बात कहूं बेटी...
माया - हाँ kahiye..
उदय - अगर तुम सचमुच मेरे पास होती यहाँ तो मैं तुम्हे ऐसे ही kiss karta...बेटी aaahhhh.....
माया पापा की बात सुनकर गरम हो गई थी, साथ ही पापा की मुट्ठ मारने की आवाज़ उसपे अलग जादू kar रही thi... बेड pe.मचलते उसके मुहँ से अनायास ही निकला...
माया - उम्म्म्म... पापा... आआ.. और..
उदय - और क्या बेटी l
माया - मदहोश si...अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाल li... और क्या करते पापा...
उदय - तुम बुरा मान जाओगी...
माया - नहीं बुरा मानूंगी पापा... बोलो ना... (माया बाएं हाथ का मिडिल फिंगर बुर में डाल अंदर बाहर करने lagi)
उदय - kiss karte हुवे अपना हाथ तुम्हारे बालों में फेरता l
माया - ummm... और papa...
उदय - और फिर हाथ बालों से नीचे कंधे तक... हाथ तुम्हारे सीने पे रखता....
माया - उम्म्म (माया बहुत गरम हो गई थी.. ) और.... papa...
उदय - आआअह्ह्ह्हह्हह तुम्हारे नंगे बूब्स को हाथ फेरता .... आआह्ह्ह हाआअह
उदय ख्यालों में बेटी ki नंगी चूची को फील करता बिस्तर पे 5-6 झटके मारा l उसी ke साथ वो लम्बी लम्बी गरम वीर्य की धार पेट पे बहा दिया l

माया - उम्मम्मम aaaaaaaaaahhhhhh papaaaaaaaa....
इधर माया भी अपनी गीली बुर को हथेली से रगड़ते हुवे.. अपने हथेली पे ही स्खलित हो गई ...
सेक्स की आग को दोनों ने अपने लंड और चूत की पानी से बुझा दिया था l
माया भी समझ चुकी थी की पापा का मुट्ठ निकल गया है, तो उसने धीरे से कॉल काट दिया l

लंड का पानी निकलने के बाद उदय को realize हुवा की उसने क्या kar दिया, उसे दुबारा फ़ोन करने की हिम्मत नहीं हुई l बेड पे निढाल वो सोचता रहा, मुट्ठ मारने में उदय को इतना मज़ा कभी नहीं आया जितना अपनी बेटी से हॉट बात karte हुवे स्खलित होना l
ना जाने माया इस वक़्त क्या सोच रही होगी l

उधर माया मन ही मन अपनी कामयाबी पे मुस्कुरा रही थी, बिना अपने अंगों को दिखाए वो सिर्फ हॉट बातें कर पापा ka मुट्ठ निकाल दी थी l लेकिन इन सब के बीच वो भी काफी गरम हो गई थी, उसका जिस्म थरथरा रहा था l स्खलित होने के बाद भी वो बुर पे हथेली रगड़ती रही वो अपनी फूली चूत में एक मोटे लंड के लिए तड़प रही थी l
Ohhh what a hot update.
 

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उदय - आह बेटी और फोटो भेजो ना.. ( उदय की आवाज़ में सरसराहट थी )
माया समझ नहीं पा रही थी की पापा बार बार फोटो क्यों मांग रहे hain.. या फिर उस वक़्त वो समझना नहीं चाहती थी l उसे तो पापा पे अपना लाड़लापन दिखाना था, अपनी गलती के लिए सॉरी बोलना था l
उसने इस बार मोबाइल दूर किया और pic li, भेजने से पहले वो pic dekhi तो khud ही शरमा गई l

भाग 21

फोटो में उसके दोनों बूब spagethi के अंदर से झाँक रहे थे, फोटो se साफ़ मालूम हो रहा था की माया ने अंदर bra नहीं पहनी l स्पगेटी का कपडा भी इतना पतला था की उसके दोनों निप्पल उभरे उभरे नज़र आ रहे थे l माया pic देख कर शरमाई तो, साथ ही उसे अपने बदन की सुंदरता पे नाज़ भी था l थोड़ी घबराई सी माया ने आखिरकार वो pic papa को भेज दिया l

उदय - क्या हुवा बेटी फोटो भेजा तुमने l
माया - हाँ papa
माया एक टक whatsapp देख रही थी, जैसे ही blue tick लगा माया का दिल जोर जोर से धड़कने लगा l
उदय ने माया का फोटो देखा तो उसके लंड ने जोरदार सलामी दे डाली l उसने एक झटके से अंडरवियर नीचे कर लिया l माया की इतनी हॉट फोटो देख वो खुद को रोक नहीं पाया और मुट्ठ मारने पे मजबूर हो गया l

उदय की सांस तेज़ हो गई, माया इस साँसों की तेजी का कारण भली भाँती समझती थी l उसका भी दिल जोरों से धड़क रहा था, वो कुछ बोल नहीं पाई बस ब्लैंकेट के अंदर तकिये को अपने आगोश में लेकर वो ध्यान पूर्वक खच खच की आ रही आवाज़ को समझने की कोशिश कर रही थी l
दरअसल उदय जितनी तेज़ी से लंड हिलाता उतनी ही तेज़ी से earphone का mike उसके chin से टकराती l
आह बेटी......
माया - क्या पापा... ?
उदय - कुछ नहीं.... (उदय कुछ ना बोल पाया )
माया - बात करो na पापा...
उदय - क्या कहूं... ? आआआहह ...(उदय की सांस और तेज़ थी)
सबकुछ जानते हुवे भी माया को कोई ऐतराज़ नहीं था, वो तो पापा को बस खुश देखना चाहती थीl
माया ने सोचा क्यों na वो पापा ka मज़ा बढ़ा दे ताकि पापा रिलैक्स हो जायें तो उसने बात छेड़ी l
माया - पापा पता है आपकी favorite actress की एक मूवी आ रही है l
uski...फिल्म...
उदय - बेटी प्लीज...... इस वक़्त अपनी बात करो किसी एक्ट्रेसस की नहीं (उदय ने माया को बीच में ही रोक दिया था)l
माया - अच्छा पापा अपनी pic भेजो na l
उदय - (बहाने बनाते huwe..) बेटी इधर पावर कट हो गया है. अँधेरा है l

माया - ओह मेरे घर पे भी पावर कट हो गया अभी थोड़ी देर पहले l
माया - koi baat नहीं आप गूगल से कोई pic भेज दो... जैसे पहले भेजा था l
उदय - नहीं नहीं... तुम bologi मेरी चॉइस ख़राब है l
माया - अरे बाबा नहीं बोलूंगी प्रॉमिस,.. आपको जो चाहो वैसा pic भेजो l (माया ने एक प्रकार से पापा को हल्का खुला आमंत्रण दे दिया )

उदय के दिमाग पे पहले से ही सेक्स हावी था, तो उसने गूगल pe कपल हॉट pic सर्च किया l)
उसने धड़कते दिल से एक फोटो डाउनलोड की जिसमे ladka लड़की को hug करके लेटा है और उसका हाथ लड़की के बूब पे था l

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Pic काफी hot था, तो usne pic ke upar बड़े अक्षरों में miss you beti लिखा... text boob के upar paste kiya jisase thoda pic छुप gaya magar अभी भी मालूम होता था की लड़के ने अपना हाथ कहाँ रखा है l
उदय ने हिम्मत करके वो pic भेज दिया, उसे डर था कहीं माया नराज़ न हो जाए l
माया ने जब wo Pic देखा तो सिहर उठी, pic ke Choice से usse इस वक़्त पापा के मूड का पता चल गया था l लेकिन उदय की उम्मीद के विपरीत उसने जवाब दिया -

माया - उम्म्म अच्छी चॉइस है पापा.. i miss u too.. , और भेजो na l

उदय खुश हो गया, माया को इस फोटो से कोई ऐतराज़ नहीं था l उसका लंड और तन गया l
उदय - नहीं अब तुम भेजो beti l
माया - यहाँ भी तो पावर कट है l
उदय - अच्छा तो फिर तुम भी गूगल से खोज के भेजो... जब तक पावर आ नहीं जाता l
माया - ओके पापा...
माया ने भी वैसी ही couple kissing की फोटो निकाली जिसे dekhkar पापा को और हिम्मत मिले l
माया ने दो pic bheji एक में वो थोड़ी अधनंगी बिस्तर में पापा के साथ और दूसरे में वो पापा को kiss कर रही थी l दोनों pic में उसने लड़की के upar माया और लड़के के ऊपर papa लिख दिया था l

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उदय ने जब pic dekha तो सेक्स से भर उठा...
उदय - आआआह बेटी ... red blouse में बहुत अच्छी लग रही हो तुम l
माया मुस्कुरा दी l
माया - अब आपकी बारी पापा...
दोनों बाप बेटी को इस game में मज़ा आ रहा था l
उदय की भी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और दिमाग सिर्फ सेक्स के बारे में सोच रहा था l
उसने भी खुलेपन से 2 फोटो bheji जिसमे वो माया को kiss कर रहा है और साथ ही बूब को भी अच्छे से दबा रहा है l और दूसरे में वो माया के बूब पे अपना मुँह रखा है l इस बार उदय ने pic को ढंकने की कोशिश नहीं की थी l

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माया pic देख कर खुद ही उत्तेजित हो गई, उसने सोचा था पापा का माल निकल जायेगा तो वो रिलैक्स हो जायेंगे l मगर पापा को रिलैक्स करने के बजाय वो खुद बेचैन हो गई थी, उसके शरीर में ऐंठन थी और दोनों जांघो के बीच गीलापन महसूस हो रहा था l

उदय - बेटी pic dekhi..? कौन si pic अच्छी लगी तुम्हे ?
माया मदहोशी में बोल पड़ी....
माया - दूसरी वाली क्योंकि मेरी spaghetti भी ऐसी ही है l

उदय - आआअह्ह्ह्ह beti.... तुम्हे कस के बाँहों में लेने का मन हो रहा है.... आअह्ह्ह्हह ssss... (उदय की सांस और तेज़ हो गई )

इधर माया भी तड़प रही थी और सोच रही थी की ऐसे सिचुएशन में मानस का वीर्य तो 2 min में ही निकल जाता है, पापा इतनी देर से... उफ़ अभी तक नहीं निकला l वो इमेजिन करने लगती है की किस कदर पापा अपना खड़ा लंड सहला रहे होंगे l लंड को याद करते ही माया वासना की आग में सिसकारी भरने लगती है l

माया - आह ह ह papa...
उदय - क्या हुवा बेटी?
माया - बहुत गर्मी लग रही है पापा...
उदय - तो ब्लैंकेट hata दो l
माया - वो तो बहुत पहले हटा दी, फिर भी पसीने से पूरी spaghetti भीग गई है l
(माया ने जानबूझ के स्पघेटी भीगने वाली बात झूठ बोली थी, ताकि पापा उसे इमेजिन कर उत्तेजित हो सके )

उदय भीगी spaghetti में माया को सोच कर मुट्ठ मारे जा रहा था l आह बेटी पावर होता तो तुम्हारी सेल्फी देखता,...
उसके बाद उदय ने जो बोला, माया मुस्कुरा दी... उसका प्लान काम कर रहा था, उसने पापा से यही उम्मीद भी की थीl

उदय - आ... बेटी... गर्मी लग रही है तो spaghetti खोल दो ना l
माया - उम्म्म हाँ theek कहा आपने... (माया ने सच में स्पघेटी उतार फेंकी )
उदय माया को बिना स्पघेटी के नंगे हो चुके बूब को इमेजिन कर जोर जोर से लंड हिलाने लगा l

उदय - उतार दी बेटी.... आह..
माया - हाँ पापा... उतार दी .. (माया सेक्सी आवाज़ में अंगड़ाई लेती बोली )
माया - ओह्होओ...
उदय - अब क्या हुवा... बेटी ?
माया - क्या बताऊँ.. पावर भी मुझसे बदमाशी कर रहा है जब पहनी थी तो पावर कट था अब जब कपड़े उतार दी तो पावर आ गया l
उदय - हाहा
माया ने इसी बीच एक pic भी भेज दिया papa को

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उदय ने pic देख के बोला
उदय - ये pic क्यों भेजा तुमने बेटी ?
माया - क्यों पापा.. क्या प्रॉब्लम है इस pic में?
उदय - बेटी प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन pic में लड़की ने top पहन रखा है l
माया - हाँ
उदय - लेकिन बेटी तुमने तो अभी अभी उतार दिया ना.... तो फोटो में भी लड़की को बिना टॉप के होना था l
(माया पापा के इस खुलेपन को एन्जॉय kar रही थी )
माया - छी पापा... आप भी ना...बदमाश हो.. so जाओ आप (माया शरमा गई )

उदय - प्लीज बेटी भेजो ना...
माया - मुझे नहीं आता इस तरह की फोटो खोजने पापा.. ...
उदय - गूगल से नहीं खोज सकती तो अपना selfie bhej do...पावर to आ गया ना .(उदय बिना डरे बोल गया )

माया - papaaaaa...my god..
उदय - हाहाहा बेटी... मजाक कर रहा था.. तो बोलो अब क्या करोगी ?
माया - अपना तो नहीं भेज सकती गूगल से ही खोजती हूँ l

माया ने थोड़ी देर बाद एक pic भेज दी l

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उदय - cheater हो tum.... ये टॉपलेस नहीं है l मुझे pic में लड़की की ब्लैक ब्रा दिख रही है l
माया पापा के मुँह से ब्रा jaise वर्ड सुनकर हंसती है...
माया - मुझे pic नहीं मिल रहा पापा... आप ही खोज दो ना l

पापा - मैं भेजूं .. ? नाराज़ तो नहीं होगी ना ?
माया - नहीं पापा..
उसके बाद उदय ने जो तस्वीर भेजी उसे देख कर माया के होश उड़ गए l तस्वीर में kissing था और ladki puri नंगी थी l

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माया - पापा..... छी कितने गंदे हो आप l
उदय - अरे तुमने ही तो कहा था नाराज़ नहीं होगी, वैसे भी ये तुम तो नहीं हो फिर क्यों शरमा रही हो l ये तो कोई हीरोइन है l
माया - हम्म..
उदय - एक बात कहूं बेटी...
माया - हाँ kahiye..
उदय - अगर तुम सचमुच मेरे पास होती यहाँ तो मैं तुम्हे ऐसे ही kiss karta...बेटी aaahhhh.....
माया पापा की बात सुनकर गरम हो गई थी, साथ ही पापा की मुट्ठ मारने की आवाज़ उसपे अलग जादू kar रही thi... बेड pe.मचलते उसके मुहँ से अनायास ही निकला...
माया - उम्म्म्म... पापा... आआ.. और..
उदय - और क्या बेटी l
माया - मदहोश si...अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाल li... और क्या करते पापा...
उदय - तुम बुरा मान जाओगी...
माया - नहीं बुरा मानूंगी पापा... बोलो ना... (माया बाएं हाथ का मिडिल फिंगर बुर में डाल अंदर बाहर करने lagi)
उदय - kiss karte हुवे अपना हाथ तुम्हारे बालों में फेरता l
माया - ummm... और papa...
उदय - और फिर हाथ बालों से नीचे कंधे तक... हाथ तुम्हारे सीने पे रखता....
माया - उम्म्म (माया बहुत गरम हो गई थी.. ) और.... papa...
उदय - आआअह्ह्ह्हह्हह तुम्हारे नंगे बूब्स को हाथ फेरता .... आआह्ह्ह हाआअह
उदय ख्यालों में बेटी ki नंगी चूची को फील करता बिस्तर पे 5-6 झटके मारा l उसी ke साथ वो लम्बी लम्बी गरम वीर्य की धार पेट पे बहा दिया l

माया - उम्मम्मम aaaaaaaaaahhhhhh papaaaaaaaa....
इधर माया भी अपनी गीली बुर को हथेली से रगड़ते हुवे.. अपने हथेली पे ही स्खलित हो गई ...
सेक्स की आग को दोनों ने अपने लंड और चूत की पानी से बुझा दिया था l
माया भी समझ चुकी थी की पापा का मुट्ठ निकल गया है, तो उसने धीरे से कॉल काट दिया l

लंड का पानी निकलने के बाद उदय को realize हुवा की उसने क्या kar दिया, उसे दुबारा फ़ोन करने की हिम्मत नहीं हुई l बेड पे निढाल वो सोचता रहा, मुट्ठ मारने में उदय को इतना मज़ा कभी नहीं आया जितना अपनी बेटी से हॉट बात karte हुवे स्खलित होना l
ना जाने माया इस वक़्त क्या सोच रही होगी l

उधर माया मन ही मन अपनी कामयाबी पे मुस्कुरा रही थी, बिना अपने अंगों को दिखाए वो सिर्फ हॉट बातें कर पापा ka मुट्ठ निकाल दी थी l लेकिन इन सब के बीच वो भी काफी गरम हो गई थी, उसका जिस्म थरथरा रहा था l स्खलित होने के बाद भी वो बुर पे हथेली रगड़ती रही वो अपनी फूली चूत में एक मोटे लंड के लिए तड़प रही थी l
Ohhh what a hot update.
 

Premkumar65

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माया - अब चेंज कर लूँ ?
उदय - पहने रहो ना बेटी प्लीज l तुम्हे देख के भी दिल नहीं भर रहा है l khaaskar तुम्हारी कमर से तो नज़र नहीं हट रही l
माया के लिए ये कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, उसके बहुत सारे male फ्रेंड उसकी कमर की तारीफ करते थे l यहाँ तक की मानस भी उनमे से एक था l उसे भी कमर का भाग बहुत भाता था l

भाग 23

उदय - बेटी manas कब आ रहा है ?
माया - शायद next week तक, बता रहे थे की काम बहुत ज्यादा है, समय लगेगा l
उदय - एक काम कर साड़ी में अपनी कुछ फोटो le के उसे भी भेज दे वो सब कुछ बंद कर दौड़ा चला आएगा तेरे पास l
माया - हाहा गुड आईडिया पापा l
(दोनों हंसने लगे )
उदय - जब मैं कभी काम से बाहर जाता था, तो तेरी माँ मुझे चिट्ठी लिखती थी और साथ ही apne कुछ फोटोग्राप्स भेजती थी और मैं भागा चला आता था l
माया - रियली ? वाओ how रोमांटिक
उदय - हमारे jamaane में whatsapp नहीं था ना बेटी, होता तो teri माँ आजकल की लड़कियों ko पीछे छोड़ देती l
माया - वो कैसे... ? मैं समझी नहीं पापा
उदय - अरे बेटी कैसे बताऊँ पति पत्नी के बीच की प्राइवेट बातें हैं l (उदय झूठी कहानियां बना रहा था )
माया - ओह
माया को लगा ki कोई ऐसी बात होगी जो शायद उसे नहीं पूछना चाहिए तो chup रही, मगर दिल ही दिल में वो सुनना भी चाहती थी l उदय भी चाहता था की माया पूछे मगर जब माया ने सिर्फ hmm किया तो उसने एक और बात बोली l
उदय - but तू तो अब जवान हो गई है शादी शुदा है सब समझती है l
माया - तो फिर बताइये ना l
(उदय यही चाहता था की माया पूछे, उसकी chaal कामयाब हो गई थी )
उदय - ओके बेटी लेकिन तू कभी ये बात अपनी माँ को तो नहीं बताएगी ?
(उदय को डर था की कहीं उसकी झूठी कहानी ना पकड़ी जाए )
माया - नहीं बोलूंगी पापा बताओ ना l
उदय - अच्छा रुक तो मैं पिशाब कर के आता हूँ l फिर बेड पे लेट के आराम से बताता हूँ l
माया हामी भर पापा का वेट करने लगती है l
कुछ देर बाद.. उदय ने माया को कॉल किया l

उदय - हाँ हो गया बेटी, बिस्तर पे आ गया l तू कहाँ है ?
माया - मैं भी बेड पे हूँ l
मैंने सोचा पूरी कहानी टाइप कैसे करूँ तो कॉल कर लिया तुझे...
माया - हाँ ठीक किया पापा l
उसके बाद पापा ने जो पूछा वो सुनकर माया चौंक गई l
उदय - बेटी तुझे पिशाब नहीं लगी ? कर के आ जा तू भी, काफी देर से बात कर रहे हैं हम l
(सवाल अटपटा था लेकिन माया सोची इतने दिनों से बात kar रहे हैं दोनों to इतना खुलना तो बनता है वैसे भी ये तो प्राकृतिक क्रिया है.. तो its normal )
माया - (शर्माते हुवे.. ) नहीं पापा मैं ठीक हूँ l
उदय - ok
उदय - तो बेटी बात उस समय की hai जब मैं कुछ week के लिया कोलकाता गया था l तू तो पैदा भी नहीं हुई थी l
माया - (ध्यान लगा के सुनती हुई ) ओके
उदय - एक दिन तेरी माँ को शरारत सूझी, उस वक़्त ghar पे कैमरा था मगर उसे तेरी माँ को chalaane नहीं आता था l
तो वो पास ke एक स्टूडियो गई, उसने साड़ी में कुछ पिक्स खिचवाये स्टूडियो में cemera वाला कुछ 19-20 साल का लड़का था l तेरी माँ ने उससे कहा की उसे कुछ गंदी फोटो खिचवानी है क्या वो खीचेगा ?
माया - गंदी मतलब..क्या पापा ?... नंगी तसवीरें ?
उदय - हाँ
माया चौंक सी गई...
माया - ओह माय गॉड मम्मी...
उदय - हाँ beti, और भला कौन मर्द औरत की नंगी तस्वीर खींचने से माना करेगा l
माया - हाहा
उदय - तब तेरी माँ ने ब्लाउज के बटन खोल अपने दोनों नंगे दूध बाहर किये और उस लड़के ने फोटो खींचा l

माया पापा के मुहँ से नंगे दूध जैसे गंदे वर्ड सुनकर कुछ भी कह नहीं पाई l वो चुप थी l
माया को तो यकीन हे nahi हो रहा था l
माया - बाप रे, और उन्होंने आपको तस्वीर पोस्ट की l
उदय - हाँ बेटी, तस्वीर देखते हे मैंने तो दूसरे हे दिन वापसी की ट्रैन पकड़ ली l हाहा lll
माया भी हंसने लगी...
माया - बहुत शरारती थी मम्मी.. माय गॉड लेकिन आपका next डे ट्रैन पकड़ना इस सो रोमांटिक l
उदय - थैंक यू बेटी, उस जमाने में whatsup होता तो तेरी माँ ना जाने kya क्या करती l
उदय - वैसे तूने भी किया ही होगा l
(माया शरमा गई )
उदय - (मौके का फ़ायदा उठाते हुवे... ) है ना बेटी ? तेरी चुप्पी ये बता रही है की तूने भी किया है l सभी हस्बैंड वाइफ करते हैं l की हो ना?
माया (धीरे से ) - हाँ
उदय - वाओ क्या की थी बताओ.. (उदय की झूठी कहानी रंग लायी वो उत्तेजना में लंड सहलाता है )
माया - नहीं
उदय - बताओ ना प्लीज.. मैंने भी तो बताया ना ?
माया - hmm
माया - Ok...आप daantoge तो नहीं l
उदय - नहीं बेटी पति के साथ शरारत करना तो पत्नी का हक़ होता है, भला मैं क्यों daatunga..
माया - हाँ मगर ये बात मानस के पति बनाने से पहले की है l
उदय - ( excited होते हुवे ) ओह batao..
माया - हमारी इंगेजमेंट हो गई थी, हम फ़ोन पे बातें करते थे l एक बार घर पे बहुत भीड़ हो गई थी, मामा जी का परिवार आया था l
उदय - हाँ याद है मुझे
माया - तो मैं उन दिनों छत पे चली जाती और बातें करती l
एक दिन मानस जिद्द करने लगेl
उदय - कैसी जिद्द बेटी ?
माया (शर्माते हुवे... ) - वही आ ऊपर.. आ ऊपर का देखने के लिए
उदय - ऊपर क्या beti... तेरी दुधु ?
(माया को पापा के मुहँ से अपने लिए दुधु वर्ड सुन अजीब सा हुवा.. उदय ने भी जानबूझ कर तेरी दुधु बोला था )
माया बस हम्म्म कर के रह गई, और करती भी क्या ?
उदय - बहुत बदमाश था मानस बेटा... फिर क्या हुवा बेटी ?
माया - मैं मानस को बहुत माना की मगर वो नहीं माने आखिरकार मैं छत पे एक कोने में गई और फोटो खींच के भेज दी l (माया जल्दी से बोल गई )
उदय - मतलब तुम छत पे नंगी हूई थी l
(उदय.. जानबूझ कर अनजान बनते हुवे और माया से हर बारीकी उगलवाने के लिए बोला )
माया - छी नहीं नहीं.. पापा l
उदय - तो कैसे बता ना...
(इधर उदय खड़े लंड का स्किन खोल उसे ऊपर नीचे कर रहा था )

0311299

माया - मैं साइड में बैठ गई और टॉप के अंदर हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल दी, बिना टॉप उतारे l
(माया ऐसे बता रही थी जैसे उसके पापा कोई नौसिखिया हो, मगर उदय ने तो जानबूझ कर पूछा था ताकि वो बेटी की चूची दिखाने के वाकिये को इमेजिन कर लंड हिलाये )
उदय - फिर क्या की बेटी ? आह..
माया - फिर आस पास देखि कोई नहीं था तो कैमरा on कर धीरे से टॉप उठाई
उदय - टॉप के साथ साथ ब्रा भी उठाई होगी ना l
माया - हाँ पापा l
उदय - ओह फिर तो तुम्हारे दोनों गोल बूब बाहर आ गए होंगे l ससस...
(माया शर्म से झेंप गई )
माया - दोनों नहीं पापा एक बाहर करके कुछ पिक्स ले कर भेज दी l
(माया nadaani में ही सही लेकिन इस वक़्त वो उदय के लंड का तनाव lagataar बढ़ा रही थी )

images-38

माया शादी से पहले मानस को अपना बूब दर्शन कराती हुई

उदय - wow शादी से पहले हे मज़ा दे दिया होगा तुमने मानस को l मैं कहाँ था उस वक़्त ?
माया - आप नीचे रूम में मामा जी से बातें kar रहे थे l
उदय - ओह.. और मेरी बेटी उसी घर में छत पे बैठी एक मर्द को अपने गोल नंगे बूब्स दिखा रही थी l.. वो भी शादी से पहले l
माया - सॉरी पापा.. मानस बिलकुल सुन नहीं रही थे मेरी कोई बात l
उदय - चलो कोई बात नहीं.. बेटी अब वो तेरा पति है l मानस की तो लॉटरी लग गई होगी तुम्हारा वो देख के.. क्या बोला उसने l
माया शर्म से पानी पानी हुवे जा रही थी...
माया - तारीफ कर रहे थे l
उदय - क्या बोल रहा था.. वो बताओ..
माया - ओह पापा... वो सब नहीं बता सकती.. ना..
उदय - क्यों बेटी.. अच्छा समझा..
(उदय हँस दिया )
माया - क्या... ? हँस क्यों रहे हो पापा.. ?
उदय - कुछ नहीं बेटी.. दिमाग में एक बात आ गई थी l
माया - (उत्सुकता से ) क्या.. ?
उदय - नहीं बोल सकता beti...
माया की उत्सुकता और बढ़ गयी.. बोलिये ना पापा...
उदय - एक shart पे tum भी बताओगी की मानस तुम्हारे बूब्स देख के क्या बोला
माया - नहीं पापा... वो बहुत बेशर्म हैं, मैं वो चीज़ नहीं बोल सकती
उदय - तो फिर रहने दो बेटी मैं भी नहीं बताता l डिनर क्या किया आज तुमने ?
( उदय भली भाँती जानता था की माया की उत्सुकता badhegi इसलिए वो बातचीत चेंज करने के लिए दूसरा सवाल पूछा था )
माया उतावली थी l
माया - पापा वो छोड़ो, बोलो ना क्या सोच रहे थे आप l
उदय - ओके तो.. तुम भी बताओगी है ना ?
(माया ने बिना सोचे हाँ कह दिया l)
माया - हाँ बता doongi... अब बोलो ना
उदय - प्रॉमिस ??
माया - हाँ
उदय - बुरा तो नहीं manogi ?
माया - नहीं पापा
उदय - ओके मैं उस वक़्त सोच रहा था बेटी की.. की.. शादी से पहले मानस इतना betaab था तुम्हारा वो देखने के लिए, तब तो utne बड़े भी नहीं थे तुम्हारे l अब शादी के बाद तुम्हारा काफी बड़ा और सूडओल भी हो गया, ऐसे मैं मानस अभी तुम्हारे दूध को नंगे देख ले तो वो सारे काम छोड़ आ जायेगा l
माया पूरी तरह शर्मशार हो गई.... खुद उसके पापा उसके बूब्स की साइज के बात कर रहे थे वो वो भी बिना किसी jhjjhak के l
माया - पापा... ( वो आगे कुछ नहीं बोल पाई )
उदय - अब तुम bato बेटी... क्या बोला मानस जब पहली बार तुम्हारा दूध देखा.. l
(माया बुरी तरह अपनी हे बातों में फंस सी है गई थी )
उदय - बोलो बेटी.. l
माया - वो तारीफ किये और बोले की मेरा वो बहुत गोरा है l
उदय - वो तो सच ही होगा बेटी, तेरा रंग दूध की तरह गोरा और तेरा बदन मलाई की तरह मुलायम मालूम होती है l
माया - उम्म्म
उदय - और क्या क्या बोला मानस ?
माया - पापा प्लीज.. मैं नहीं बोल सकती l
उदय - तूने प्रॉमिस किया था बेटी, ठीक है अगर तू प्रॉमिस tod रही है तो मैं क्या बोलूं l
(माया परेशान हो गई )
माया - पापा ऐसे नहीं hai.. मैं कैसे बताऊँ आपको l
उदय - ठीक है छोड़ो बेटी ... मत बताओ ना
माया - पापा प्लीज आप समझ नहीं रहे, मैं आपसे वो बात नहीं बोल सकती l
उदय - its ok बेटी, मैं कुछ नहीं कह रहा... प्रॉमिस ही तो है l
माया - पापा...
माया - ok वो बोले की मेरा वो देख कर उनको मुँह में लेने का मन हो रहा है l
(माया शर्माते हुवे आखिरकार बोल गई )
उदय ने बड़े साफ़ shabdon में सुना था फिर भी जैसे वो दुबारा माया के मुहँ से सुनना चाहता हो l
उदय - क्या बेटी क्या बोला मानस ने sorry... network ख़राब थी आवाज़ नहीं आ रही थी..
माया - (दोहराती हुई ) मानस बोल रहे थे की मेरे दोनों बूब्स को वो अपने मुहँ में लेना चाहते हैं l
(उदय जब खुद अपनी बेटी के मुहँ से बूब्स वाली बात जैसे उदय के लंड ने सुन li हो...., उसका लंड फच फच्च करता उसकी मुट्ठी में पानी छोड़ दिया l
उदय भी पीछे हटने वाला नहीं था, वो भी चिपचिपे लंड को रगड़ते bolta रहा )

images-39

उदय - आह्ह.... हाँ बेटी..... भला मानस की इसमें क्या गलती l तेरी बूब्स भी तो lajawaab hai, उसकी तो गोलाई देखकर लड़के मचल जाते होंगे l sssss aaaaah और ऐसे मैं कोई Khuskismat मर्द तेरी बूब्स को पूरा नंगा देख ले तो उसकी raaton की नींद udd जाए l वो तो दिन रात तेरे बूब्स को मुँह में ले ke चूसने की khwahish रखेगा l

(उदय bolta ही जा रहा था, वो ye सारी बातें लंड से पानी jhaadte हुवे बोल रहा था l उदय आज बिना earphone के बात कर रहा था तो माया को बिलकुल ही पता नहीं चला की पापा उससे बातें कर लंड का पानी गिरा रहे हैं l अपनी बूब की ख़ूबसूरती वाली बात से वो बेहद खुश तो थी, साथ हे हैरान भी की उसके पापा उसके बूब्स को देखते हैं l)
Woww Papa ko apni beti ke chote chote boobs yaad aa gaye.
 
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