माया - अब चेंज कर लूँ ?
उदय - पहने रहो ना बेटी प्लीज l तुम्हे देख के भी दिल नहीं भर रहा है l khaaskar तुम्हारी कमर से तो नज़र नहीं हट रही l
माया के लिए ये कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, उसके बहुत सारे male फ्रेंड उसकी कमर की तारीफ करते थे l यहाँ तक की मानस भी उनमे से एक था l उसे भी कमर का भाग बहुत भाता था l
भाग 23
उदय - बेटी manas कब आ रहा है ?
माया - शायद next week तक, बता रहे थे की काम बहुत ज्यादा है, समय लगेगा l
उदय - एक काम कर साड़ी में अपनी कुछ फोटो le के उसे भी भेज दे वो सब कुछ बंद कर दौड़ा चला आएगा तेरे पास l
माया - हाहा गुड आईडिया पापा l
(दोनों हंसने लगे )
उदय - जब मैं कभी काम से बाहर जाता था, तो तेरी माँ मुझे चिट्ठी लिखती थी और साथ ही apne कुछ फोटोग्राप्स भेजती थी और मैं भागा चला आता था l
माया - रियली ? वाओ how रोमांटिक
उदय - हमारे jamaane में whatsapp नहीं था ना बेटी, होता तो teri माँ आजकल की लड़कियों ko पीछे छोड़ देती l
माया - वो कैसे... ? मैं समझी नहीं पापा
उदय - अरे बेटी कैसे बताऊँ पति पत्नी के बीच की प्राइवेट बातें हैं l (उदय झूठी कहानियां बना रहा था )
माया - ओह
माया को लगा ki कोई ऐसी बात होगी जो शायद उसे नहीं पूछना चाहिए तो chup रही, मगर दिल ही दिल में वो सुनना भी चाहती थी l उदय भी चाहता था की माया पूछे मगर जब माया ने सिर्फ hmm किया तो उसने एक और बात बोली l
उदय - but तू तो अब जवान हो गई है शादी शुदा है सब समझती है l
माया - तो फिर बताइये ना l
(उदय यही चाहता था की माया पूछे, उसकी chaal कामयाब हो गई थी )
उदय - ओके बेटी लेकिन तू कभी ये बात अपनी माँ को तो नहीं बताएगी ?
(उदय को डर था की कहीं उसकी झूठी कहानी ना पकड़ी जाए )
माया - नहीं बोलूंगी पापा बताओ ना l
उदय - अच्छा रुक तो मैं पिशाब कर के आता हूँ l फिर बेड पे लेट के आराम से बताता हूँ l
माया हामी भर पापा का वेट करने लगती है l
कुछ देर बाद.. उदय ने माया को कॉल किया l
उदय - हाँ हो गया बेटी, बिस्तर पे आ गया l तू कहाँ है ?
माया - मैं भी बेड पे हूँ l
मैंने सोचा पूरी कहानी टाइप कैसे करूँ तो कॉल कर लिया तुझे...
माया - हाँ ठीक किया पापा l
उसके बाद पापा ने जो पूछा वो सुनकर माया चौंक गई l
उदय - बेटी तुझे पिशाब नहीं लगी ? कर के आ जा तू भी, काफी देर से बात कर रहे हैं हम l
(सवाल अटपटा था लेकिन माया सोची इतने दिनों से बात kar रहे हैं दोनों to इतना खुलना तो बनता है वैसे भी ये तो प्राकृतिक क्रिया है.. तो its normal )
माया - (शर्माते हुवे.. ) नहीं पापा मैं ठीक हूँ l
उदय - ok
उदय - तो बेटी बात उस समय की hai जब मैं कुछ week के लिया कोलकाता गया था l तू तो पैदा भी नहीं हुई थी l
माया - (ध्यान लगा के सुनती हुई ) ओके
उदय - एक दिन तेरी माँ को शरारत सूझी, उस वक़्त ghar पे कैमरा था मगर उसे तेरी माँ को chalaane नहीं आता था l
तो वो पास ke एक स्टूडियो गई, उसने साड़ी में कुछ पिक्स खिचवाये स्टूडियो में cemera वाला कुछ 19-20 साल का लड़का था l तेरी माँ ने उससे कहा की उसे कुछ गंदी फोटो खिचवानी है क्या वो खीचेगा ?
माया - गंदी मतलब..क्या पापा ?... नंगी तसवीरें ?
उदय - हाँ
माया चौंक सी गई...
माया - ओह माय गॉड मम्मी...
उदय - हाँ beti, और भला कौन मर्द औरत की नंगी तस्वीर खींचने से माना करेगा l
माया - हाहा
उदय - तब तेरी माँ ने ब्लाउज के बटन खोल अपने दोनों नंगे दूध बाहर किये और उस लड़के ने फोटो खींचा l
माया पापा के मुहँ से नंगे दूध जैसे गंदे वर्ड सुनकर कुछ भी कह नहीं पाई l वो चुप थी l
माया को तो यकीन हे nahi हो रहा था l
माया - बाप रे, और उन्होंने आपको तस्वीर पोस्ट की l
उदय - हाँ बेटी, तस्वीर देखते हे मैंने तो दूसरे हे दिन वापसी की ट्रैन पकड़ ली l हाहा lll
माया भी हंसने लगी...
माया - बहुत शरारती थी मम्मी.. माय गॉड लेकिन आपका next डे ट्रैन पकड़ना इस सो रोमांटिक l
उदय - थैंक यू बेटी, उस जमाने में whatsup होता तो तेरी माँ ना जाने kya क्या करती l
उदय - वैसे तूने भी किया ही होगा l
(माया शरमा गई )
उदय - (मौके का फ़ायदा उठाते हुवे... ) है ना बेटी ? तेरी चुप्पी ये बता रही है की तूने भी किया है l सभी हस्बैंड वाइफ करते हैं l की हो ना?
माया (धीरे से ) - हाँ
उदय - वाओ क्या की थी बताओ.. (उदय की झूठी कहानी रंग लायी वो उत्तेजना में लंड सहलाता है )
माया - नहीं
उदय - बताओ ना प्लीज.. मैंने भी तो बताया ना ?
माया - hmm
माया - Ok...आप daantoge तो नहीं l
उदय - नहीं बेटी पति के साथ शरारत करना तो पत्नी का हक़ होता है, भला मैं क्यों daatunga..
माया - हाँ मगर ये बात मानस के पति बनाने से पहले की है l
उदय - ( excited होते हुवे ) ओह batao..
माया - हमारी इंगेजमेंट हो गई थी, हम फ़ोन पे बातें करते थे l एक बार घर पे बहुत भीड़ हो गई थी, मामा जी का परिवार आया था l
उदय - हाँ याद है मुझे
माया - तो मैं उन दिनों छत पे चली जाती और बातें करती l
एक दिन मानस जिद्द करने लगेl
उदय - कैसी जिद्द बेटी ?
माया (शर्माते हुवे... ) - वही आ ऊपर.. आ ऊपर का देखने के लिए
उदय - ऊपर क्या beti... तेरी दुधु ?
(माया को पापा के मुहँ से अपने लिए दुधु वर्ड सुन अजीब सा हुवा.. उदय ने भी जानबूझ कर तेरी दुधु बोला था )
माया बस हम्म्म कर के रह गई, और करती भी क्या ?
उदय - बहुत बदमाश था मानस बेटा... फिर क्या हुवा बेटी ?
माया - मैं मानस को बहुत माना की मगर वो नहीं माने आखिरकार मैं छत पे एक कोने में गई और फोटो खींच के भेज दी l (माया जल्दी से बोल गई )
उदय - मतलब तुम छत पे नंगी हूई थी l
(उदय.. जानबूझ कर अनजान बनते हुवे और माया से हर बारीकी उगलवाने के लिए बोला )
माया - छी नहीं नहीं.. पापा l
उदय - तो कैसे बता ना...
(इधर उदय खड़े लंड का स्किन खोल उसे ऊपर नीचे कर रहा था )
माया - मैं साइड में बैठ गई और टॉप के अंदर हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल दी, बिना टॉप उतारे l
(माया ऐसे बता रही थी जैसे उसके पापा कोई नौसिखिया हो, मगर उदय ने तो जानबूझ कर पूछा था ताकि वो बेटी की चूची दिखाने के वाकिये को इमेजिन कर लंड हिलाये )
उदय - फिर क्या की बेटी ? आह..
माया - फिर आस पास देखि कोई नहीं था तो कैमरा on कर धीरे से टॉप उठाई
उदय - टॉप के साथ साथ ब्रा भी उठाई होगी ना l
माया - हाँ पापा l
उदय - ओह फिर तो तुम्हारे दोनों गोल बूब बाहर आ गए होंगे l ससस...
(माया शर्म से झेंप गई )
माया - दोनों नहीं पापा एक बाहर करके कुछ पिक्स ले कर भेज दी l
(माया nadaani में ही सही लेकिन इस वक़्त वो उदय के लंड का तनाव lagataar बढ़ा रही थी )
माया शादी से पहले मानस को अपना बूब दर्शन कराती हुई
उदय - wow शादी से पहले हे मज़ा दे दिया होगा तुमने मानस को l मैं कहाँ था उस वक़्त ?
माया - आप नीचे रूम में मामा जी से बातें kar रहे थे l
उदय - ओह.. और मेरी बेटी उसी घर में छत पे बैठी एक मर्द को अपने गोल नंगे बूब्स दिखा रही थी l.. वो भी शादी से पहले l
माया - सॉरी पापा.. मानस बिलकुल सुन नहीं रही थे मेरी कोई बात l
उदय - चलो कोई बात नहीं.. बेटी अब वो तेरा पति है l मानस की तो लॉटरी लग गई होगी तुम्हारा वो देख के.. क्या बोला उसने l
माया शर्म से पानी पानी हुवे जा रही थी...
माया - तारीफ कर रहे थे l
उदय - क्या बोल रहा था.. वो बताओ..
माया - ओह पापा... वो सब नहीं बता सकती.. ना..
उदय - क्यों बेटी.. अच्छा समझा..
(उदय हँस दिया )
माया - क्या... ? हँस क्यों रहे हो पापा.. ?
उदय - कुछ नहीं बेटी.. दिमाग में एक बात आ गई थी l
माया - (उत्सुकता से ) क्या.. ?
उदय - नहीं बोल सकता beti...
माया की उत्सुकता और बढ़ गयी.. बोलिये ना पापा...
उदय - एक shart पे tum भी बताओगी की मानस तुम्हारे बूब्स देख के क्या बोला
माया - नहीं पापा... वो बहुत बेशर्म हैं, मैं वो चीज़ नहीं बोल सकती
उदय - तो फिर रहने दो बेटी मैं भी नहीं बताता l डिनर क्या किया आज तुमने ?
( उदय भली भाँती जानता था की माया की उत्सुकता badhegi इसलिए वो बातचीत चेंज करने के लिए दूसरा सवाल पूछा था )
माया उतावली थी l
माया - पापा वो छोड़ो, बोलो ना क्या सोच रहे थे आप l
उदय - ओके तो.. तुम भी बताओगी है ना ?
(माया ने बिना सोचे हाँ कह दिया l)
माया - हाँ बता doongi... अब बोलो ना
उदय - प्रॉमिस ??
माया - हाँ
उदय - बुरा तो नहीं manogi ?
माया - नहीं पापा
उदय - ओके मैं उस वक़्त सोच रहा था बेटी की.. की.. शादी से पहले मानस इतना betaab था तुम्हारा वो देखने के लिए, तब तो utne बड़े भी नहीं थे तुम्हारे l अब शादी के बाद तुम्हारा काफी बड़ा और सूडओल भी हो गया, ऐसे मैं मानस अभी तुम्हारे दूध को नंगे देख ले तो वो सारे काम छोड़ आ जायेगा l
माया पूरी तरह शर्मशार हो गई.... खुद उसके पापा उसके बूब्स की साइज के बात कर रहे थे वो वो भी बिना किसी jhjjhak के l
माया - पापा... ( वो आगे कुछ नहीं बोल पाई )
उदय - अब तुम bato बेटी... क्या बोला मानस जब पहली बार तुम्हारा दूध देखा.. l
(माया बुरी तरह अपनी हे बातों में फंस सी है गई थी )
उदय - बोलो बेटी.. l
माया - वो तारीफ किये और बोले की मेरा वो बहुत गोरा है l
उदय - वो तो सच ही होगा बेटी, तेरा रंग दूध की तरह गोरा और तेरा बदन मलाई की तरह मुलायम मालूम होती है l
माया - उम्म्म
उदय - और क्या क्या बोला मानस ?
माया - पापा प्लीज.. मैं नहीं बोल सकती l
उदय - तूने प्रॉमिस किया था बेटी, ठीक है अगर तू प्रॉमिस tod रही है तो मैं क्या बोलूं l
(माया परेशान हो गई )
माया - पापा ऐसे नहीं hai.. मैं कैसे बताऊँ आपको l
उदय - ठीक है छोड़ो बेटी ... मत बताओ ना
माया - पापा प्लीज आप समझ नहीं रहे, मैं आपसे वो बात नहीं बोल सकती l
उदय - its ok बेटी, मैं कुछ नहीं कह रहा... प्रॉमिस ही तो है l
माया - पापा...
माया - ok वो बोले की मेरा वो देख कर उनको मुँह में लेने का मन हो रहा है l
(माया शर्माते हुवे आखिरकार बोल गई )
उदय ने बड़े साफ़ shabdon में सुना था फिर भी जैसे वो दुबारा माया के मुहँ से सुनना चाहता हो l
उदय - क्या बेटी क्या बोला मानस ने sorry... network ख़राब थी आवाज़ नहीं आ रही थी..
माया - (दोहराती हुई ) मानस बोल रहे थे की मेरे दोनों बूब्स को वो अपने मुहँ में लेना चाहते हैं l
(उदय जब खुद अपनी बेटी के मुहँ से बूब्स वाली बात जैसे उदय के लंड ने सुन li हो...., उसका लंड फच फच्च करता उसकी मुट्ठी में पानी छोड़ दिया l
उदय भी पीछे हटने वाला नहीं था, वो भी चिपचिपे लंड को रगड़ते bolta रहा )
उदय - आह्ह.... हाँ बेटी..... भला मानस की इसमें क्या गलती l तेरी बूब्स भी तो lajawaab hai, उसकी तो गोलाई देखकर लड़के मचल जाते होंगे l sssss aaaaah और ऐसे मैं कोई Khuskismat मर्द तेरी बूब्स को पूरा नंगा देख ले तो उसकी raaton की नींद udd जाए l वो तो दिन रात तेरे बूब्स को मुँह में ले ke चूसने की khwahish रखेगा l
(उदय bolta ही जा रहा था, वो ye सारी बातें लंड से पानी jhaadte हुवे बोल रहा था l उदय आज बिना earphone के बात कर रहा था तो माया को बिलकुल ही पता नहीं चला की पापा उससे बातें कर लंड का पानी गिरा रहे हैं l अपनी बूब की ख़ूबसूरती वाली बात से वो बेहद खुश तो थी, साथ हे हैरान भी की उसके पापा उसके बूब्स को देखते हैं l)