अपडेट 10
अब दीदी ऐसा बोल कर सो गई पर मुझे नीद नही आ रहा था तो मैं काफी देर तक ऐसे ही करवटे बदलता रहा जब काफी रात तक मुझे नीद नही आई तो मैं सोचा कि चलो थोड़ी देर छत पर ही टहल लिया जाए मैं यही सोच कर धीरे से उठा और छत की तरफ चल दिया । मेरे रूम से जाने के बाद किरण दीदी जो अभी तक सोई नही थी वह भी उठ कर बैठ गयी और बोली
किरण दीदी : इसे क्या हुआ है एक तो काफी देर से बेचैन था और अब चुपके से बाहर चला गया ।कही इसका और पूजा का कुछ प्लान तो नही बन गया चल कर देखना पड़ेगा मुझे ।
किरण दीदी यह सोच कर उठी और पूजा की रूम की तरफ चल दी लेकिन जब वह उसके रूम में झांक कर देखा तो पूजा और रागिनी दोनो ही सो रही है और मैं यहां पर नही था तो वह फिर से सोच में पड़ गयी कि मैं कंहा जा सकता हु ।फिर कुछ देर सोचने के बाद वह भी छत की तरफ बढ़ गयी जंहा पर मैं एक कोने में बैठा चाँदनी रात में चांद को देख रहा तो तभी मुझे यह एहसास हुआ कि कोई मेरे पिछे है तो मैंने मुड़ कर देखा तो वह कोई और नही बल्कि किरण दीदी ही थी मैं उन्हें यंहा देख कर बोला
मैं : क्या बात है दीदी आप इतनी रात को यंहा पर कोई बात है क्या।
किरण दीदी : यही तो मैं तुमसे पूछना चाहती हु आखिर ऐसी क्या परेशानी है जो तू रूम में भी बेचैन था और इतनी रात गए तू छत पर आया है ।अगर कोई बात तुझे परेशान कर रही है तो मुझे बता जंहा तक हो सकेगा मैं तेरी मदद करूँगी । अगर बहन को नही बता सकता है तो एक दोस्त समझ कर ही बता मुझे।
मैं उनकी बात सुनकर सोच में पड़ गया कि अब इन्हें मैं क्या बताऊँ की मैं किस बात को लेकर परेशान हु ।अगर सच बताता हूं तो यह मुझे कही गलत ना समझने लगे। मुझे इस तरह सोच में डूबा देख कर दीदी की आंखों में आँशु आ गए और वह बोली
किरण दीदी : इसका मतलब तू मुझे अपना मानता ही नही है। अगर मानता होता तो तुझे इतना सोचने की जरूरत ही नही पड़ती । हा वैसे भी मैं तेरी हु कौन जो मुझे तू अपना दुख बताएगा ।मैं ही एक पागल हु जो तेरे लिए परेशान हो रही थी।
इतना बोल कर उनकी आंखों से आँशु बहने लगे और मूड कर वापस जाने लगी तो बोला
मैं : "नही दीदी आप गलत समझ रही है ।ऐसा नही है कि मैं आपको बताना नही चाहता हु पर मुझे समझ मे नही आ रहा है कि मैं आपसे कैसे बोलू ।मुझे डर है कि अगर मैने आपको सच्चाई बताया तो कही ऐसा ना हो कि आप नाराज हो कर मुझसे बात करना ही बंद कर दो।"
किरण दीदी : "ऐसा कभी नही होगा तू इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत कर । चाहे कुछ भी हो जाये मैं तुझसे कभी नाराज नही हो सकती हूं ।"
मैं :"ठीक है दीदी तो आइए मेरे पास मैं आपको सारी बात बताता हूं।"
किरण दीदी को मैं अपने पास बैठने का इशारा किया तो वह आकर मेरे पास बैठ गयी और मेरा सर अपने गोद मे रख कर मेरे बालो को सहलाते हुए बोली
किरण दीदी : " हा बोल ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से तू इतना परेशान है ।"
इसके बाद मैंने पिछले कुछ दिनों में पूजा दीदी के साथ जो भी हुआ मैंने वह सब कुछ बता दिया और फिर पूजा दीदी ने उनके बारे में जो कुछ भी बोला था वह भी उन्हें बता दिया जिसे सुनकर वह मेरी तरफ देखने लगी तो मैं घबरा गया और बोला
मैं :" दीदी प्लीज आप नाराज मत होइए और पूजा दीदी को कुछ भी मत कहिएगा । वह आपके लिए गलत नही सोच सकती है ।
किरण दीदी : तुम चिंता मत करो मैं उसे कुछ भी नही कहने वाली क्यूंकि उसने वह काम किया है जो मैं चाह कर भी नही बोल पा रही थी ।उसने तो मेरा काम आसान कर दिया है ।
मैं दीदी की बात सुनकर झटके के साथ उठ बैठ गया और उन्हें देखने लगा तो वह मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर बोली
किरण दीदी :"इस तरह देंखने से सच बदल तो नही जाएगा । हा पूजा ने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सही था । मैंने तुम्हें कल से कितना इशारा किया लेकिन तुम मेरी बात को समझ ही नही पा रहे थे । अब पूजा की तरह हरकत करने की हिम्मत मेरे में नही थी इसलिए उसने बोल कर एक तरह से मेरी मदद ही कि है।
इतना बोल कर उन्होंने मेरे को पकड़ कर फिर से अपनी गोद मे सुला लिया और फिर बोली
किरण दीदी : " तू यह मत समझना कि यह सब मैं अपनी हवस की भूख मिटाने के लिए कर रही हु बल्कि सच तो यह है कि मैं तुम्हे पसन्द करने लगी हु।
मैं : दीदी आप कुछ भी कहो लेकिन यह बात आप अच्छी तरह से जानती है कि यह गलत है माँ इस वक्त तो मुझसे नाराज चल रही है और अगर उन्हें इस बारे में थोड़ा भी पता चला तो वह और भी ज्यादा नाराज हो जाएंगी।
किरण दीदी : चल यह सब छोड़ तू वह सब मैं देख लुंगी तू सिर्फ इतना बता की तुझे इससे कोई प्रोब्लम तो नही है और रही बात उस लड़की तो अगर वह तुझे पसन्द नही करती है तो कोई बात नही तेरे लिए मैंने एक लड़की देख रखी है और वह जल्द ही यंहा पर रहने के लिए आने वाली है और मैं यह बात दावे के साथ कह सकती हूं कि वह लड़की तो इसके आगे कुछ भी नही है ।
मैं दी कि बातो को समझ नही पाया कि यह क्या बोल रही है तो मैंने उनसे पूछा
मैं : दीदी आप क्या बोल रही है मैं कुछ समझा नही।
किरण दीदी : भाई के शादी बाद जल्द ही तेरा भी नम्बर आने वाला है ।माँ ने एक बार मुझसे बोला था तो मैंने माँ को बता दिया है।
मैं : क्या दीदी आप भी कंहा फसा रही है ।अभी तो पढ़ाई कम्प्लीट नही किया है औरआप है कि अभी मेरी शादी करवाना चाहती है ।
किरण दीदी : " अरे तुझे इतना टेंशन लेने की क्या जरूरत है ।घर का इतना बड़ा बिजनेस है और ऊपर से लड़की भी पुलिस में अधिकारी है तो तेरी तो हर तरफ से चांदी ही है और अभी यह सब छोड़ तू चल सो जा रात बहुत हो गयी है ।
अभी मेरा जाने का मूड तो था नही लेकिन दीदी मेरी बातों को नही मानी इसलिये वह मुझे जबरदस्ती मुझे अपने साथ लेकर नीचे चली गयी रूम में और फिर हम जाकर सो गए लेकिन इस बार दीदी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ कर सुला लिया और मेरे माथे को चूमते हुए बोली
किरण दीदी : अब बिना कुछ सोचे आराम से सो जा समझा।
ईसके बाद मैं भी दीदी के बांहों में सो गया दुनिया से बेखबर।