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Incest Gharelu samaroh chudai

इसमे फैंटेसी एड करू

  • 1haa

    Votes: 35 54.7%
  • Nhi

    Votes: 29 45.3%

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Vik1006

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अपडेट 9


ऐसा बोलने के बाद मैं अपनी बाइक बाहर निकाला और दीदी से बोला बैठने के लिए तो दीदी बैठ गयी और फिर हम लोग शॉपिंगमाल के लिए चल दिए जब तक हम लोग सबके सामने थे तब तक तो दीदी आराम से बैठी हुई थी पर सबकी नजरों से जब हम दूर हुए तो दीदी बिल्कुल चिपक कर बैठ गयी उनके बूब्स मेरे पीठ पर फील हो रहे थे जिससे मैं अनकम्फर्टेबल होने लगा जो कि दीदी समझ गयी तो वह बोली

किरण दीदी : क्या बात है राज तू काफी परेशान लग रहा है ।अगर कोई दिक्कत है तो बता मुझे

मैं उनकी बात सुनकर खामोश ही रहा क्यूंकि मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या बोलू लेकिन दीदी मुझे कुछ नही बोलता देख कर बोली

किरण दीदी : क्या बात है राज मुझसे नाराज हो जो बोल नही रहे हो ।देख रही हु कबसे तुम मुझे नजरअंदाज किये जा रहे हो ।

मैं : नही दीदी ऐसी कोई बात नही है ।मैं भला आपसे क्यों नाराज होने लगा आपने कोई गलती नही की है गलती तो मुझसे हुई है इसलिए मैं शर्मिंदा हु।

किरण दीदी मेरी बात सुनकर हसती हुई बोली
किरण दीदी : तू इतनी छोटी सी बात के लिए इतनी चिंता कर रहा है । मैं तो कबका वह बात भूल गयी और सच कहु तो मुझे इस बात का जरा भी बुरा नही लगा इसलिए अपने दिमाग से तू वह बात निकाल दे। अच्छा यह सब छोड़ तुझसे एक बात पुछु सच बताएगा मुझे।

मैं : हा दीदी क्यों नही बताऊंगा पूछिए क्या पूछना चाहती है आप ।

किरण दीदी : आज तू मंदिर में उस लड़की को बहुत ध्यान से देख रहा था कहि वह तुझे पसन्द तो नही आ गयी ।

दीदी की बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया क्यूंकि आज से पहले वह मुझसे इस तरह का कोई सवाल या ऐसी कोई बात नही की थी और इस समय मेरे साथ जो कुछ भी हो रहा था उससे मेरा दिमाग काम करना बिल्कुल ही बंद कर दिया है और ऊपर से दीदी की हरकतें वह कुछ इस तरह से मेरे साथ सट कर बैठी हुई थी कि देंखने वाले को यही लगेगा कि यह मेरी गर्लफ्रैंड है ।इधर मेरे कुछ नही बोलने पर दीदी फिर बोलती है

किरण दीदी : मैं कुछ पूछ रही हु तुझसे तू जवाब क्यों नही दे रहा है या सभी बातें सिर्फ पूजा ही शेयर करेगा ।
उनकी बात सुनकर मेरी तो फट कर हाथ में आ गयी अभी तक तो मुझे केवल शक था लेकिन अब इस बात का यकीन हो गया कि वह कल रात में पूजा दीदी ने जो हरकत मेरे साथ कि थी वह दीदी ने देख लिया है और अब उनके बार बार पूछने पर कुछ तो बोलना ही था इसलिए मैं बोला

मैं : हा दीदी यह सच है कि एक बार देखने के बाद वह लड़की मुझे पसंद जरूर आयी लेकिन लगता है कि मैं उसे कुछ खास पसन्द नही आया इसलिए ही तो वह मुझे देख कर भाग गई ।

किरण दीदी : कोई पागल लड़की ही होगी जो तुझ जैसे लड़के को मना करेगी ।

मैं : क्या दीदी आप भी कैसी बात कर रही है ।ऐसी कौन सी बात है जो लडकिया मुझे पसंद करेंगी ।

किरण दीदी : (मन मे ) तुझे क्या मालूम तू क्या चीज है अगर तू मेरा भाई नही होता तो मैं तेरे से शादी कर लेती पर कोई बात नही शादी न सही लेकिन और सब तो करके ही रहूंगी और वैसे भी जो कुछ भी करना है वह जल्द ही करना होगा क्यूंकि अब और ज्यादा नही बर्दाश्त कर सकती हूं मैं

इधर नीलम ऑफिस में पहुच कर पापा की ऑफिस के बाहर बैठ कर इन्तजार कर रही थी क्यूंकि अंदर पापा एक मीटिंग में फंसा हुए थे।


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करीब आधे घंटे बाद जब पापा खाली हुए तो उन्होंने किसी से नीलम के बारे में पूछा तो उस आदमी ने बताया कि

आडमी : हा सर बाहर एक लड़की बैठी हुई तो है और बोल रही है कि आपने उसे बुलाया है ।आज उसका इण्टरव्यू है पर जंहा तक मुझे लगता हैंकि अभी हमे कोई नई भर्ती की जरूरत नही है ।

पापा : हा तुम्हारी बात सही है लेकिन मैंने कुछ सोचा है जिसके लिए मुझे कुछ नए लड़के लड़कियों की जरूरत पड़ेगी और वैसे भी यह लड़की काफी टैलेंटेड है और मेहनती भी बस एक मौके की चाहिए इसे और इन सबके साथ यह काफी खूबसूरत भी है । वैसे भी मोहिनी की शादी शेखर से होने के बाद मुझे नही लगता है कि शेखर उसे पहले जैसे काम करने देगा तो हमे उसकी जगह तो भरनी ही पड़ेगी ना।
आदमी : तो सर मैं उसे भेज दु यंहा पर

पापा: बिना किसी देरी के तुरन्त भेज दो उसे ।

पापा की बात मानकर वह आदमी तुरन्त ही नीलम को उसके केबिन में भेज देता है । नीलम धड़कते दिल के साथ पापा के केबिन की तरफ बढ़ रही थी वह यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसका हर बढ़ता कदम उसे उसके प्यार से दूर कर रहा है लेकिन वह अपने परिवार के लिए अपने प्यार को भुलाने के लिये भी तैयार हो गयी। वह पापा के केबिन के बाहर से नॉक करके अंदर आने की परमिशन लेती है और जब अंदर पहुच कर पापा को मॉर्निंग विश करती है तो पापा बोलते है

पापा : क्या बात है तुम इतने देर से आई कोई दिक्कत है क्या ।

नीलम : नही सर कोई दिक्कत नही है बस मा के साथ मंदिर चली गयी थी इसलिए आने में देर हो गयी और आपको इन्तजार करना पड़ा इसके लिए मैं आपसे माफी चाहती हु ।

इसके बाद पापा और नीलम के बीच कुछ बाते हुई और पापा उसके सोच और टैलेंट से काफी प्रभावित हुए तो वह बोले

पापा : नीलम एक बात का हमेशा से याद से रखना कि मैं जो पोस्ट तुम्हे दे रहा हु वह इसलिए नही की तुम वह सब करने के लिए तैयार हो बल्कि इसलिए कि तुम इसकी पूरी तरह से हकदार हो पर इसके साथ कुछ और भी है जो मैं तुम्हे देना चाहता हु और वह एक बॉस की तरह नही बल्कि उसे अपने दीवाने की तरफ से छोटा सा तोहफा समझ लो

इतना बोल कर वह कुछ चाभियाँ निकालते है और उसे देते हुए बोलते है कि

पापा : यह तुम्हारे नाम पर फ़ैलेट और यह गाड़ी की चाभी जो मेरी तरफ से एक छोटा सा तोहफा है तुम्हारे लिए।
नीलम पापा की बात सुनकर चौक जाती है और बोलती है कि
नीलम : लेकिन सर मैं यह सब कैसे ले सकती हूं और घर पर क्या बोलूंगी मैं।

पापा : इसमे कौन सी बड़ी बात है घर पर बोल देना की ऑफिस से यह सब मिला है तुम्हे समझी मेरी बात और हा मैं ना बिल्कुल नही सुनूंगा ।

नीलम को कुछ समझ मे नही आ रहा था कि वह क्या करे पर पापा के बार बार बोलने पर वह मान गयी तब पापा बोले

पापा : तुम अगले हफ्ते से जॉइन कर सकती हो क्यूंकि तुम तो सब कुछ जानती हो कि इस समय कुछ बिजी हु । अब तुम जा सकती हो और हा जो कल बाकी रह गया उसे हम आराम से पूरा करेंगे तुम्हे कोई दिक्कत तो नही है ना।

नीलम (अब तो ना चाहते हुए भी एक रंडी तो बन ही गयी तो क्या दिक्कत होगी ) नो सर कोई दिक्कत नही है और मैं भी यही बोलने वाली थी कि मोहिनी की शादी बाद जॉइन करने के लिए लेकिन आपने तो पहले ही बोल दिया ।

इसके बाद नीलम वंहा से घर की तरफ चल दी और पापा भी अपने काम मे बिजी हो गए। इधर हम लोग भी शॉपिंगमाल आ गए थे और सारी लेडिस इस वक्त शॉपिंग नामक युद्ध लड़ रही थी । इधर मैं और भैया एक काफी शॉप की दुकान पर बैठे आपस मे बात कर रहे थे । कुछ देर बाद माँ का फोन आया और भैया भी चले गए तो मैं अकेले बैठे बोर हो रहा था तो मैं भी उधर ही चला गया जंहा पर किरण दीदी कुछ शॉपिंग कर रही थी मुझे देख कर अपने पास बुलाया और बोली

किरण दीदी : क्या बात है राज तुम खाली घूम रहे हो । शॉपिंग नही करनी है क्या।

मैं : नही दीदी मेरी शॉपिंग हो चुकी है। बस आप लोगो का इन्तजार कर रहा था।

किरण दीदी : चल तेरी हो गयी तो मेरी हेल्प कर दे शॉपिंग करने में ।

इसके बाद मैं दीदी के साथ उनकी मदद करने लगा ।पूजा दीदी ने कई बार इशारे से बुलाया पर दीदी ने मुझे एक मिनट के लिए भी नही छोड़ा ।ऐसे ही पूरा दिन शॉपिंग में निकल गया । शाम को हम सब ने बाहर ही डिनर किया जिसमें पापा ने भी हमे जॉइन किया। इस तरह आज का पूरा दिन निकल गया। अब जब कि डिनर हम सब बाहर से ही करके आये थे तो सभी लोग अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए । मैं अपने रूम में अभी लोवर पहन कर लेटा ही था कि किरण दीदी भी आ गयी और सीधे बाथरूम में घुस गई और जब कुछ देर बाद वह निकली तो मैं तो उन्हें देखता ही रह गया


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वह इस वक्त रेड कलर की नाईट शूट में बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी । मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया । दीदी मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर मन ही मन खुश हुई क्यूंकि वह तो यही चाहती थी फिर मेरे पास आयी और बोली

किरण दीदी : ऐसे क्या देख रहा है पहले कभी देखा नही है क्या मुझे।
मैं ,: देखा तो हु दीदी पर आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हो।

किरण दीदी : लड़की अगर ऐसे कपड़े में सामने आए तो उसे खूबसूरत नही बल्कि हॉट एंड सेक्सी बोलते है समझे । चल आब सो जा रात काफी हो चुकी है।
Mast Update...
 
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Nasn

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बढ़िया अपडेट था

किरण को केवल पापा
के लिए बचाकर रखो।

भाई के लिए नहीं.....
 
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prkin

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Very good story.

Please post more.
 

Meenasingh

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अब दीदी ऐसा बोल कर सो गई पर मुझे नीद नही आ रहा था तो मैं काफी देर तक ऐसे ही करवटे बदलता रहा जब काफी रात तक मुझे नीद नही आई तो मैं सोचा कि चलो थोड़ी देर छत पर ही टहल लिया जाए मैं यही सोच कर धीरे से उठा और छत की तरफ चल दिया । मेरे रूम से जाने के बाद किरण दीदी जो अभी तक सोई नही थी वह भी उठ कर बैठ गयी और बोली
किरण दीदी : इसे क्या हुआ है एक तो काफी देर से बेचैन था और अब चुपके से बाहर चला गया ।कही इसका और पूजा का कुछ प्लान तो नही बन गया चल कर देखना पड़ेगा मुझे ।
किरण दीदी यह सोच कर उठी और पूजा की रूम की तरफ चल दी लेकिन जब वह उसके रूम में झांक कर देखा तो पूजा और रागिनी दोनो ही सो रही है और मैं यहां पर नही था तो वह फिर से सोच में पड़ गयी कि मैं कंहा जा सकता हु ।फिर कुछ देर सोचने के बाद वह भी छत की तरफ बढ़ गयी जंहा पर मैं एक कोने में बैठा चाँदनी रात में चांद को देख रहा तो तभी मुझे यह एहसास हुआ कि कोई मेरे पिछे है तो मैंने मुड़ कर देखा तो वह कोई और नही बल्कि किरण दीदी ही थी मैं उन्हें यंहा देख कर बोला


मैं : क्या बात है दीदी आप इतनी रात को यंहा पर कोई बात है क्या।
किरण दीदी : यही तो मैं तुमसे पूछना चाहती हु आखिर ऐसी क्या परेशानी है जो तू रूम में भी बेचैन था और इतनी रात गए तू छत पर आया है ।अगर कोई बात तुझे परेशान कर रही है तो मुझे बता जंहा तक हो सकेगा मैं तेरी मदद करूँगी । अगर बहन को नही बता सकता है तो एक दोस्त समझ कर ही बता मुझे।
मैं उनकी बात सुनकर सोच में पड़ गया कि अब इन्हें मैं क्या बताऊँ की मैं किस बात को लेकर परेशान हु ।अगर सच बताता हूं तो यह मुझे कही गलत ना समझने लगे। मुझे इस तरह सोच में डूबा देख कर दीदी की आंखों में आँशु आ गए और वह बोली
किरण दीदी : इसका मतलब तू मुझे अपना मानता ही नही है। अगर मानता होता तो तुझे इतना सोचने की जरूरत ही नही पड़ती । हा वैसे भी मैं तेरी हु कौन जो मुझे तू अपना दुख बताएगा ।मैं ही एक पागल हु जो तेरे लिए परेशान हो रही थी।


इतना बोल कर उनकी आंखों से आँशु बहने लगे और मूड कर वापस जाने लगी तो बोला
मैं : "नही दीदी आप गलत समझ रही है ।ऐसा नही है कि मैं आपको बताना नही चाहता हु पर मुझे समझ मे नही आ रहा है कि मैं आपसे कैसे बोलू ।मुझे डर है कि अगर मैने आपको सच्चाई बताया तो कही ऐसा ना हो कि आप नाराज हो कर मुझसे बात करना ही बंद कर दो।"


किरण दीदी : "ऐसा कभी नही होगा तू इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत कर । चाहे कुछ भी हो जाये मैं तुझसे कभी नाराज नही हो सकती हूं ।"


मैं :"ठीक है दीदी तो आइए मेरे पास मैं आपको सारी बात बताता हूं।"
किरण दीदी को मैं अपने पास बैठने का इशारा किया तो वह आकर मेरे पास बैठ गयी और मेरा सर अपने गोद मे रख कर मेरे बालो को सहलाते हुए बोली
किरण दीदी : " हा बोल ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से तू इतना परेशान है ।"
इसके बाद मैंने पिछले कुछ दिनों में पूजा दीदी के साथ जो भी हुआ मैंने वह सब कुछ बता दिया और फिर पूजा दीदी ने उनके बारे में जो कुछ भी बोला था वह भी उन्हें बता दिया जिसे सुनकर वह मेरी तरफ देखने लगी तो मैं घबरा गया और बोला
मैं :" दीदी प्लीज आप नाराज मत होइए और पूजा दीदी को कुछ भी मत कहिएगा । वह आपके लिए गलत नही सोच सकती है ।
किरण दीदी : तुम चिंता मत करो मैं उसे कुछ भी नही कहने वाली क्यूंकि उसने वह काम किया है जो मैं चाह कर भी नही बोल पा रही थी ।उसने तो मेरा काम आसान कर दिया है ।


मैं दीदी की बात सुनकर झटके के साथ उठ बैठ गया और उन्हें देखने लगा तो वह मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर बोली


किरण दीदी :"इस तरह देंखने से सच बदल तो नही जाएगा । हा पूजा ने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सही था । मैंने तुम्हें कल से कितना इशारा किया लेकिन तुम मेरी बात को समझ ही नही पा रहे थे । अब पूजा की तरह हरकत करने की हिम्मत मेरे में नही थी इसलिए उसने बोल कर एक तरह से मेरी मदद ही कि है।


इतना बोल कर उन्होंने मेरे को पकड़ कर फिर से अपनी गोद मे सुला लिया और फिर बोली


किरण दीदी : " तू यह मत समझना कि यह सब मैं अपनी हवस की भूख मिटाने के लिए कर रही हु बल्कि सच तो यह है कि मैं तुम्हे पसन्द करने लगी हु।



मैं : दीदी आप कुछ भी कहो लेकिन यह बात आप अच्छी तरह से जानती है कि यह गलत है माँ इस वक्त तो मुझसे नाराज चल रही है और अगर उन्हें इस बारे में थोड़ा भी पता चला तो वह और भी ज्यादा नाराज हो जाएंगी।


किरण दीदी : चल यह सब छोड़ तू वह सब मैं देख लुंगी तू सिर्फ इतना बता की तुझे इससे कोई प्रोब्लम तो नही है और रही बात उस लड़की तो अगर वह तुझे पसन्द नही करती है तो कोई बात नही तेरे लिए मैंने एक लड़की देख रखी है और वह जल्द ही यंहा पर रहने के लिए आने वाली है और मैं यह बात दावे के साथ कह सकती हूं कि वह लड़की तो इसके आगे कुछ भी नही है ।


मैं दी कि बातो को समझ नही पाया कि यह क्या बोल रही है तो मैंने उनसे पूछा


मैं : दीदी आप क्या बोल रही है मैं कुछ समझा नही।
किरण दीदी : भाई के शादी बाद जल्द ही तेरा भी नम्बर आने वाला है ।माँ ने एक बार मुझसे बोला था तो मैंने माँ को बता दिया है।


मैं : क्या दीदी आप भी कंहा फसा रही है ।अभी तो पढ़ाई कम्प्लीट नही किया है औरआप है कि अभी मेरी शादी करवाना चाहती है ।
किरण दीदी : " अरे तुझे इतना टेंशन लेने की क्या जरूरत है ।घर का इतना बड़ा बिजनेस है और ऊपर से लड़की भी पुलिस में अधिकारी है तो तेरी तो हर तरफ से चांदी ही है और अभी यह सब छोड़ तू चल सो जा रात बहुत हो गयी है ।

अभी मेरा जाने का मूड तो था नही लेकिन दीदी मेरी बातों को नही मानी इसलिये वह मुझे जबरदस्ती मुझे अपने साथ लेकर नीचे चली गयी रूम में और फिर हम जाकर सो गए लेकिन इस बार दीदी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ कर सुला लिया और मेरे माथे को चूमते हुए बोली

किरण दीदी : अब बिना कुछ सोचे आराम से सो जा समझा।

ईसके बाद मैं भी दीदी के बांहों में सो गया दुनिया से बेखबर।
 

love4incest

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अब दीदी ऐसा बोल कर सो गई पर मुझे नीद नही आ रहा था तो मैं काफी देर तक ऐसे ही करवटे बदलता रहा जब काफी रात तक मुझे नीद नही आई तो मैं सोचा कि चलो थोड़ी देर छत पर ही टहल लिया जाए मैं यही सोच कर धीरे से उठा और छत की तरफ चल दिया । मेरे रूम से जाने के बाद किरण दीदी जो अभी तक सोई नही थी वह भी उठ कर बैठ गयी और बोली
किरण दीदी : इसे क्या हुआ है एक तो काफी देर से बेचैन था और अब चुपके से बाहर चला गया ।कही इसका और पूजा का कुछ प्लान तो नही बन गया चल कर देखना पड़ेगा मुझे ।
किरण दीदी यह सोच कर उठी और पूजा की रूम की तरफ चल दी लेकिन जब वह उसके रूम में झांक कर देखा तो पूजा और रागिनी दोनो ही सो रही है और मैं यहां पर नही था तो वह फिर से सोच में पड़ गयी कि मैं कंहा जा सकता हु ।फिर कुछ देर सोचने के बाद वह भी छत की तरफ बढ़ गयी जंहा पर मैं एक कोने में बैठा चाँदनी रात में चांद को देख रहा तो तभी मुझे यह एहसास हुआ कि कोई मेरे पिछे है तो मैंने मुड़ कर देखा तो वह कोई और नही बल्कि किरण दीदी ही थी मैं उन्हें यंहा देख कर बोला


मैं : क्या बात है दीदी आप इतनी रात को यंहा पर कोई बात है क्या।
किरण दीदी : यही तो मैं तुमसे पूछना चाहती हु आखिर ऐसी क्या परेशानी है जो तू रूम में भी बेचैन था और इतनी रात गए तू छत पर आया है ।अगर कोई बात तुझे परेशान कर रही है तो मुझे बता जंहा तक हो सकेगा मैं तेरी मदद करूँगी । अगर बहन को नही बता सकता है तो एक दोस्त समझ कर ही बता मुझे।
मैं उनकी बात सुनकर सोच में पड़ गया कि अब इन्हें मैं क्या बताऊँ की मैं किस बात को लेकर परेशान हु ।अगर सच बताता हूं तो यह मुझे कही गलत ना समझने लगे। मुझे इस तरह सोच में डूबा देख कर दीदी की आंखों में आँशु आ गए और वह बोली
किरण दीदी : इसका मतलब तू मुझे अपना मानता ही नही है। अगर मानता होता तो तुझे इतना सोचने की जरूरत ही नही पड़ती । हा वैसे भी मैं तेरी हु कौन जो मुझे तू अपना दुख बताएगा ।मैं ही एक पागल हु जो तेरे लिए परेशान हो रही थी।


इतना बोल कर उनकी आंखों से आँशु बहने लगे और मूड कर वापस जाने लगी तो बोला
मैं : "नही दीदी आप गलत समझ रही है ।ऐसा नही है कि मैं आपको बताना नही चाहता हु पर मुझे समझ मे नही आ रहा है कि मैं आपसे कैसे बोलू ।मुझे डर है कि अगर मैने आपको सच्चाई बताया तो कही ऐसा ना हो कि आप नाराज हो कर मुझसे बात करना ही बंद कर दो।"


किरण दीदी : "ऐसा कभी नही होगा तू इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत कर । चाहे कुछ भी हो जाये मैं तुझसे कभी नाराज नही हो सकती हूं ।"


मैं :"ठीक है दीदी तो आइए मेरे पास मैं आपको सारी बात बताता हूं।"
किरण दीदी को मैं अपने पास बैठने का इशारा किया तो वह आकर मेरे पास बैठ गयी और मेरा सर अपने गोद मे रख कर मेरे बालो को सहलाते हुए बोली
किरण दीदी : " हा बोल ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से तू इतना परेशान है ।"
इसके बाद मैंने पिछले कुछ दिनों में पूजा दीदी के साथ जो भी हुआ मैंने वह सब कुछ बता दिया और फिर पूजा दीदी ने उनके बारे में जो कुछ भी बोला था वह भी उन्हें बता दिया जिसे सुनकर वह मेरी तरफ देखने लगी तो मैं घबरा गया और बोला
मैं :" दीदी प्लीज आप नाराज मत होइए और पूजा दीदी को कुछ भी मत कहिएगा । वह आपके लिए गलत नही सोच सकती है ।
किरण दीदी : तुम चिंता मत करो मैं उसे कुछ भी नही कहने वाली क्यूंकि उसने वह काम किया है जो मैं चाह कर भी नही बोल पा रही थी ।उसने तो मेरा काम आसान कर दिया है ।


मैं दीदी की बात सुनकर झटके के साथ उठ बैठ गया और उन्हें देखने लगा तो वह मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर बोली


किरण दीदी :"इस तरह देंखने से सच बदल तो नही जाएगा । हा पूजा ने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सही था । मैंने तुम्हें कल से कितना इशारा किया लेकिन तुम मेरी बात को समझ ही नही पा रहे थे । अब पूजा की तरह हरकत करने की हिम्मत मेरे में नही थी इसलिए उसने बोल कर एक तरह से मेरी मदद ही कि है।


इतना बोल कर उन्होंने मेरे को पकड़ कर फिर से अपनी गोद मे सुला लिया और फिर बोली


किरण दीदी : " तू यह मत समझना कि यह सब मैं अपनी हवस की भूख मिटाने के लिए कर रही हु बल्कि सच तो यह है कि मैं तुम्हे पसन्द करने लगी हु।



मैं : दीदी आप कुछ भी कहो लेकिन यह बात आप अच्छी तरह से जानती है कि यह गलत है माँ इस वक्त तो मुझसे नाराज चल रही है और अगर उन्हें इस बारे में थोड़ा भी पता चला तो वह और भी ज्यादा नाराज हो जाएंगी।


किरण दीदी : चल यह सब छोड़ तू वह सब मैं देख लुंगी तू सिर्फ इतना बता की तुझे इससे कोई प्रोब्लम तो नही है और रही बात उस लड़की तो अगर वह तुझे पसन्द नही करती है तो कोई बात नही तेरे लिए मैंने एक लड़की देख रखी है और वह जल्द ही यंहा पर रहने के लिए आने वाली है और मैं यह बात दावे के साथ कह सकती हूं कि वह लड़की तो इसके आगे कुछ भी नही है ।


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मैं : दीदी आप क्या बोल रही है मैं कुछ समझा नही।
किरण दीदी : भाई के शादी बाद जल्द ही तेरा भी नम्बर आने वाला है ।माँ ने एक बार मुझसे बोला था तो मैंने माँ को बता दिया है।


मैं : क्या दीदी आप भी कंहा फसा रही है ।अभी तो पढ़ाई कम्प्लीट नही किया है औरआप है कि अभी मेरी शादी करवाना चाहती है ।
किरण दीदी : " अरे तुझे इतना टेंशन लेने की क्या जरूरत है ।घर का इतना बड़ा बिजनेस है और ऊपर से लड़की भी पुलिस में अधिकारी है तो तेरी तो हर तरफ से चांदी ही है और अभी यह सब छोड़ तू चल सो जा रात बहुत हो गयी है ।

अभी मेरा जाने का मूड तो था नही लेकिन दीदी मेरी बातों को नही मानी इसलिये वह मुझे जबरदस्ती मुझे अपने साथ लेकर नीचे चली गयी रूम में और फिर हम जाकर सो गए लेकिन इस बार दीदी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ कर सुला लिया और मेरे माथे को चूमते हुए बोली

किरण दीदी : अब बिना कुछ सोचे आराम से सो जा समझा।

ईसके बाद मैं भी दीदी के बांहों में सो गया दुनिया से बेखबर।
Thank you 😊 for update
 
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