अगले दिन सुबह अमित ने जगाया और बोला कि मम्मी का फोन है बात करो मेने घड़ी में देखा तो अमित के निकलने का टाइम हो चुका था और वो फोन पकड़ा कर किचन में चला गया ।
फोन कान से लगाया ही था कि उधर से फोन पर ,--अमित कितने बजे ऑफिस जाएगा।
मैं ,--बस दस मिनट में ।
मम्मी ,--ठीक है दस मिनट बाद फोन करती हूँ।औऱ फोन कट गया।
तभी अमित चाय लेकर आ गया ।दोनों ने चाय पी और अमित को बाहर जाते ही गेट बंद किया और बाथरूम में घुस गई।
जब बाहर आई तो फोन बज रहा था इसलिए गाउन पहना और बाहर सोफ़े पर बैठकर फोन पर बाते करने लगी।
मम्मी,--मुझे रात भर नींद नही आई।
मैं ,--क्यों तबीयत बिगड़ गयी थी क्या।
मम्मी ,--हां यही समझ लो ,रात को तुम्हारी बात सुनकर नींद ही नही आई और रातभर तुम्हारे और अमित के बारे में सोचती रही ।
मैं,--ऐसी क्या बात थी जो नींद नही आई।
मम्मी ,--पहले तू ये बता की अमित शाम में कितने बजे आता है ऑफिस से।
मैं सोच रही थी कि इतनी इंकवारी किसलिए हो रही है फिर सोचा कि कुछ झूट बोलना पड़ेगा तभी मज़ा आएगा।
मैं ,-आठ बजे बाद कभी दस भी बज जाते हैं।
मम्मी ,--फिर बिस्तर पर तुम्हारे साथ कितने बजे तक जागता है ।
मैं ,--आप भी कैसे कैसे सवाल पूछती है इनको पता चलेगा तो क्या बोलेंगे।
मम्मी ,-उसको कोन बोलेगा ,और अगर मुझे नही बोलेगी तो मेरी तरह तुम भी परेशान होगी।
मैं ,--में समझी नहीं।
मम्मी ,--अरे इतनी सी बात समझ नही आई क्या ,अभी तुम दोनों की शादी को एक महीना हुआ है और तुम रात में बिस्तर पर एक साथ कितनी देर के लिए जागते हो ।
मैं ,--तो वो तो इनको जब नींद आने लगती है इसलिए वो सो जाते हैं।
मम्मी ,--आखिर जिस बात का डर था वही हुआ ,जिस तरह से वो एक के बाद एक लडकियों को रिजेक्ट कर रहा था। अब समझ मे आ रहा है।
मैं ,-पता नही मम्मी आप क्या बोलना चाहती हो।
मम्मी ,--मुझे तो सिर्फ इतना बता तू उसके साथ खुश है पूरी तरह।
मैं,--अब इसका क्या मतलब हुआ।
मम्मी,--ठीक है तुझे पूरी बात बताती हूं तभी समझेगी।
देखो आज जिस जगह तुम हो, में भी कभी थी , अमित के पापा अमित के जन्म तक ठीक ठाक थे बिस्तर में, पर उसके बाद वो एकदम ठंडे हो गए और मुझे फिर दुसरो का सहारा लेना पड़ा और फिर अमित भी अपने पापा की तरह गलत संगत में पड़ गया उसको मेने गांव के लड़के के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा है ।
मैं ,--मतलब।
मम्मी ,--अब तुम भी पढ़ी लिखी हो और सब समझती हो उसका दोस्त उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और वो नीचे सोया था इसलिए उसको शहर पढ़ने को भेज दिया था।
पर जब उसकी शादी की बात करती तो टाल देता बहूत अच्छे अच्छे घरों से रिस्ते आते थे पर वो मना कर देता था लोग उसकी अच्छी नोकरी की वजह से एक से बढ़कर रिस्ते लेकर आते और हम लोग उसको जबर्दस्ती लेकर जाते लेकिन वो सुंदर से सुंदर लड़की को भी पसंद नही आई बोलकर मना कर देता था।
मैं ,--पर क्यों।
मम्मी ,--अभी भी नही समझ मे आया तुझे ।
मैं ,--नही ।
मम्मी ,--उसकी गलत संगत की वजह से उसको लगता होगा कि पता नही अपनी बीबी को संतुष्ट कर पायेगा या नही ।
मैं ,--पर ऐसी बात नही है बस कभी कभी लगता है कि वो कुछ परेशान से दिखते हैं।
मम्मी ,--अब तुम खुलकर बताओ तो मैं कुछ नतीजा निकालूँ ।
मैं ,--क्या खुलकर बोलू ।
मम्मी ,--तुम्हारे साथ वो पुरे दिन में कितने बार हमबिस्तर होता है ।
मैं ,--पर ऐसी बात बोली थॉडी ही जाती है अगर कोई बराबरी वाला हो तो फिर भी मज़ाक हो जाती है।आप को बोलने में शर्म आती है।
मम्मी ,--अगर नही बोलेगी तो बाद में पछताएगी मेरी तरह तुमको पता नही अगर अमित पैदा नही होता तो में तलाक देकर दुसरीं शादी करने वाली थी।
मैं,--पर ऐसा क्या हुआ था।
मम्मी ,--किसी भी औरत को सिर्फ खाने को मिले तो वो संतुष्ट नही होती जब तक वो शारीरिक रूप से संतुष्ट ना हो । अमित के पापा ने मुझे पैसे की कमी महसूस नही होने दी पर बिस्तर पर कमजोर हैं।
मैं ,--फिर क्या हुआ ।
मम्मी ,--वो में तुम्हे सब बता दूँगी पर में नही चाहती कि तेरे साथ भी ऐसा हो और अमित की जिंदगी से तुम चली जाओ ।
मैं ,--पर अभी तो शुरुआत है और एक बार तो हो जाता है लगभग पर कभी थके होते है तो नही होता इतनी जल्दी क्या है बाद में देखूंगी जो होगा।
मम्मी ,--अरे बेटा अगर शादी के एक महीने में ही वो थक जाता है , तो फिर बाद में कोई चमत्कार थॉडी ही हो जाएगा तुझे दिन में कितने बार शारीरिक सुख देता है वो ।
मैं ,--एक बार पर कभी कभी ज्यादा थकें हो तो में भी सो जाती हूँ कि कोई बात नहीं।
मम्मी ,--मेरी बात मान तू अभी से उसको किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना शुरू कर दे क्योंकि अगर अभी वो तुझ पर एक बार चढ़ता है तो बाद में क्या होगा अभी तो उसको दिन में तीन चार बार से कम नही चढ़ना चाहिए ।
मैं ,--मम्मी आप भी क्या बोल रही हो ऐसा थॉडी ही होता है ।
मम्मी ,--ऐसा ही होता है मेने भी दुनिया देखी है और उसका कारण भी पता है मुझे।
मै ,--क्या कारण है।
मम्मी ,--उसने कम उम्र में गलत संगत से अपनी जिंदगी को खराब कर लिया है मुझे तो लगता था कि वो शहर में जाकर सुधर गया होगा पर अब लगता है कि उसने वहां भी यही किया होगा ।
में सोच रही थी कि थोड़ा सा मम्मी को खोलना होगा तभी मज़ा आएगा ।
मैं ,-पर क्या किया होगा आप खाली पहेलियां बुझा रही है ।
मम्मी ,--लगता है तुमको पूरी बात समझानी ही पड़ेगी तो सुन उसको अनाल सेक्स का शोक है जो एक बार मे अपनी आंखों से देख चुकी हूं और एक बार जिसको ये शोक लग गया फिर उसको औरत में कोई इंटरेस्ट नही रहता ।
मैं ,--पर उसमे क्या मज़ा आता होगा ।
मम्मी ,--बिना मज़े के कुछ नही होता ये एक नशे की तरह है जो किसी को लग गया वो जल्दी से छूटता नही है इसलिए किसी अच्छे डॉक्टर का पता कर और उससे इलाज करवा लें ।
में ,--तो आप ने इलाज करवाया होगा ना पापा का वही डॉक्टर का पता मुझे बता दीजिए।
मम्मी ,--अरे उस जमाने मे झोला छाप डॉक्टर होते थे बस, शर्म की वजह से जिंदगी काट ली मेने तो, पर अब मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली इसलिए इलाज हो जाएगा और फिर अभी तेरे सामने पूरी जिंदगी पड़ी है।
मैं ,--पर आप ने भी तो अपनी जिंदगी बिताई ही है ।
मम्मी ,--अब में तुझे कैसे समझाऊ ,अरे जिंदगी बिताई है वो ये समझ लो अमित के पापा के साथ समझौता किया है । साथ रहने के लिए
मैं ,--कैसा समझौता ।
मम्मी ,-बस ये समझ लो कि शारिरिक सुख जो वो नही दे सकते थे उसकी व्यवस्था उन्होंने करवा दी ।
मैं ,--मतलब ।
मम्मी,--उफ्फ ,मतलब ये की उनका दोस्त है जो उनकी कमी पूरी कर देता है ।
मैं ,--तो पापा से कुछ नही होता क्या।
मम्मी ,--होता है पहले तो दस पांच दिन में करते थे अब तो महीने में एक बार होता है वो भी होना नही होना बराबर है उल्टा परेशानी ही होती है ।
मैं ,--परेशानी क्यों।
मम्मी ,--अरे यार पूरा साथ नही देते अपना काम निकाला और सो गए बस, फिर में तड़पती रहती हूँ रात भर ।
मुझे अब लगभग कहानी समझ मे आ गयी थी कि अमित तो शुरुआत में जल्दी बाज़ी में पैदा हो गया और फिर जब मम्मी की प्यास नही बुझा सके तो किसी के साथ सेट करवा दिया जिसने रीता का बीज डाला होगा पर ये कन्फर्म करना था की रीता का असली बाप कोन है और अब वो खुलकर चुदवाती होगी पर रीता की वजह से बाहर जाना पड़ता होगा चुदवाने ।
तभी बेल बजी तो मेने कहा मम्मी लगता है काम वाली बाई आ गयी है में आपको बाद में फोन करती हूँ।
मम्मी ,--कितना देर रहेगी वो।
मेने घड़ी देखी और बोली ,-लगभग डेढ़ घंटे तक ।
मम्मी ,--ठीक है में भी आज बाहर नही जाऊंगी और इन्तजार करती हूँ।
मेने सोचा कि आज का मम्मी का चुदाई का प्रोग्राम कैंसिल हो गया मेरी वजह से।
फिर गेट खोल तो सीमा अंदर आयी और आते ही कमेंट किया ,--गुड भाभी अब तो ब्रा पेंटी बिना ही गाउन पहनना चालू कर दिया इसमें से सब कुछ तो दिख रहा हूं फिर क्यों पहन रखा है इससे अच्छा तो नंगी ही रहती ।
इतना बोलकर वो किचन में चली गयी, मुझे भी ध्यान आया कि फोन के चक्कर मे भूल गयी और सोफ़े पर बैठे बैठे चुत मसलती रही।
तभी कमला ने एक गिलास सरबत पीने को दिया और वो वापस काम मे लग गयी ।
मेने भी सोचा कि अब ब्रा पेंटी पहनने से कोई फायदा नही है आज वो प्रैक्टिकल करेगी इसलिए उसी तरह इंतजार करने लगी ।
ठीक ग्यारह बजे कमला ने किचन का काम निपटा कर मुझे क्लास जॉइन करने का इशारा किया।