chandan misra
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बढ़िया भाग हैUpdate 52
अगले दिन नेहा बहुत खुश थी आज अपने घर जो जा रही थी और उससे ज्यादा खुशी उसे इस बात की थी के राघव उसके साथ था वही रात वाली बात सोच सोच कर जैसे ही राघव उसके सामने आता वो शर्मा जाती थी।
नेहा के घर जाते हुए राघव उससे एक शब्द भी नहीं बोला वही उसने एक पल के लिए भी नेहा का हाथ नहीं छोड़ा मानो वो उससे कही दूर जा रही हो और नेहा भी राघव का उसके लिए इतना पज़ेसिव नेस देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी
जब वो लोग नेहा के चाचा के घर पहुचे तो उसने देखा के आसपड़ोस के लोग खास कर लड़किया राघव को ही देख रही थी और जैसे ही नेहा ने ये देखा उसने झट से राघव का हाथ थाम लिया और उसके अचानक अपना हाथ पकड़ते ही राघव ने अपना गॉगल उतार नेहा को देखा और नेहा ने एक स्माइल के साथ कहा
नेहा- मेरी सौतन ना ला सके तो गर्लफ्रेंड से काम चला रहे है
नेहा का ताना पहले तो राघव को समझ नहीं आया लेकिन जैसे ही ध्यान मे आया उसने अपना फोन अपनी जेब मे रखा और नेहा का हाथ पकड़ा और उसके माथे को चूमके बोला
राघव- ठीक है तो बीवी पर फोकस कर लेते है!
राघव ने मुस्कुराकर करा वही नेहा उसकी बात पर शर्मा दी
राघव- चले अंदर!
जिसके बाद वो लोग घर के अंदर जाने लगे और जाते जाते नेहा ने मूड कर उन लड़कियों को देखा जो राघव को ताड़ रही थी और उनके उतरे चेहरे देख नेहा के चेहरे पे स्माइल आ गई वही घर के अंदर जाते ही नेहा के चाचा चाची ने दोनों का अच्छे से वेलकम किया नेहा ने दोनों को गले लगाया वही राघव ने वो किया जो नेहा ने सोचा भी नहीं था के राघव करेगा, उसने नेहा के चाचा चाची दोनों के पैर छूए, राघव की इस बात पर नेहा तो शॉक थी ही नेहा के चाचा चाची भी शॉक थे क्युकी वो भी राघव के स्वभाव से परिचित थे।
राघव चाचा के पैर छूने झुका ही था के उन्होंने उसे गले लगा लिया और उसने भी स्माइल के साथ रेस्पोंड किया और उसे हसता देख नेहा की चाची की आंखे बड़ी हो गई क्युकी शादी के वक्त तो उन्होंने राघव को बस सपाट चेहरे के साथ ही देखा था
संगीता - ये सही मे राघव है??
चाची ने नेहा के कान मे पूछा और उसने भी हा ने गर्दन हिला दी
संगीता- आप लोग बैठो मैं अभी चाय नाश्ता लेकर आती हु
चाची ने कहा और वो किचन मे चली गई
नेहा- मैं चाची की मदद कर देती हु
इतना बोल के नेहा भी वहा से चली गई और राघव को ऑक्वर्ड सिचूऐशन मे छोड़ गई, एक तो उसे नए लोगों ने बात करने मे थोड़ी दिक्कत होती थी उसे बिल्कुल समझ नहीं आता था के बात कहा से शुरू करे क्या बात करे अपने बिजनेस के अलावा वो ज्यादा बात ही नहीं करता था, ऑफिस मीटिंग्स मे उसके पास बात करने के लिए टॉपिक होता था, उसका असिस्टन्ट ही बहुत से काम निपटा लेता था लेकिन बगैर किसी टॉपिक के बात छेड़ना राघव के बस का नहीं था वो तो नेहा के चाचा का शूकर था के उन्होंने बात शुरू की और राघव को थोड़ा सहज किया वही किचन मे
संगीता- नेहू ये वही राघव है ना जिनसे शादी हुई थी तुम्हारी
चाची ने किचन से हॉल मे चाचा के साथ बात करते राघव को देख नेहा से पूछा, राघव दिन ब दिन बदल रहा था ऐसे मे कोई भी शॉक होता, जो राघव कभी किसी से सीधे मुह नहीं बोलता था जिसके चेहरे पर स्माइल बस दिवाली होली जैसी साल मे एक दो बार दिखती थी वो हस हस के बाते कर रहा था,
नेहा- ये वही है चाची
नेहा ने मुस्कुराकर कहा
संगीता- ऐसा है तो दामादजी बहुत बदल गए है जिन्हे हम जानते थे वो तो ये लग ही नहीं रहे पहले कितने जिद्दी थे ना
नेहा- चाची! वो जिद्दी नहीं है
नेहा ने राघव की साइड लेते हुए कहा
संगीता- हा हा नहीं है बस
अब चाची भी नेहा को छेड़ने के मूड मे थी
संगीता- अच्छा है तुमने बदल दिया है उन्हे
चाची की बात सुन नेहा शर्मा दी वही उसे याद आया के पहले कैसे राघव उससे दूर भागा करता था वही आजकल वो उसके साथ सब शेयर करता था, नेहा यही सब याद कर नेहा के गाल लाल होने लगे थे
संगीता- क्या हुआ नेहू लगता है कुछ याद आ गया
चाची ने नेहा को छेड़ते हुए कहा वही नेहा के गाल शर्म से लाल हो चुके थे तभी
सतीश- अरे संगीता कितना समय लगेगा भई ?
संगीता- बस अभी आई
चाची ने किचन से जोर से कहा और चाय का ट्रे लिए वहा से चली गई नेहा ने भी अपने आप को सही किया और नाश्ते के ट्रे के साथ बाहर आई उसने नाश्ता सामने के टेबल पर रखा और राघव ने उसे देख एक स्माइल पास की
नेहा- सचिन कहा है??
नेहा ने जब अपने भाई को कही नहीं पाया तो पूछा
संगीता- इन्होंने उसे आज शॉप का खयाल रखने भेजा है ताकि तुम्हें मिल सके वो वहा गया है, बड़ा गुस्सा था बहुत मिस करता है तुम्हें
चाची ने नेहा को बताया
नेहा- कोई ना शाम मे मिल लूँगी उससे मैं अभी 2 दिन यही रुकने वाली हु
नेहा ने राघव को देखते हुए कहा जिसपर राघव बोला तो कुछ नहीं लेकिन उसके इक्स्प्रेशन बता रहे थे के उसे ये बात पसंद नहीं आई थी
संगीता- ये तो और भी अच्छा है बहुत दिनों बाद तो आई हो
सतीश- दामादजी बिजनेस कैसा चल रहा है मैंने सुना नेहू भी सीख रही है आपसे
राघव- बढ़िया है और अभी तो मार्केटिंग सीखा रहा हु नेहा को
संगीता- हमने इसे कितनी बार कहा के अपनी अकादेमी खोल के हम है सपोर्ट करने लेकिन इसने कभी हमारी बात नहीं मानी मा बाप आखिर मा बाप होते है
नेहा- ऐसा नहीं है चाची और ये बात आप जानती है आप मेरे लिए मम्मा पापा से कम नहीं है
नेहा ने अपनी चाची को साइड से गले लगाया तभी राघव बोला
राघव- उम्म!! इक्स्क्यूज़ मी, वाशरूम??
राघव ने थोड़ा ऑक्वर्ड होकर पूछा
सतीश- नेहू दामादजी जी को ऊपर अपने कमरे मे ले जाओ बेटा
संगीता- हा तुम लोग जाओ तब तक मैं कुछ और खाने का बनाती हु
फिर नेहा राघव के साथ अपने रूम की ओर बढ़ गई नेहा आगे आगे चल रही थी और राघव उसे फॉलो कर रहा था
रूम मे पहुचते ही राघव ने रूम को देखते हुए दरवाजा बंद किया वो पूरे रूम को देख रहा था नेहा ने उसे वाशरूम का दरवाजा दिखाया लेकिन उधर जाने के बजाय राघव उसके पास आया, राघव को अपनी ओर बढ़ता देख नेहा पीछे हटने लगी उसने एक कदम पीछे लिया लेकिन राघव नहीं रुका पर नेहा का पैर बेड से टकराते ही नेहा रुक गई, राघव नेहा के करीब पहुचा और जब उनदोनों के बीच बस 1 इंच का फासला था राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा उसके सर पर और अपने आप को कुछ इस तरह पुश किया ये वो दोनों बेड पर गिर गए, नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली थी वही राघव बस उसे देख रहा था
राघव- अपनी आंखे तो खोलो बेबी
राघव नेहा के कान मे फुसफुसाया वही नेहा के हाथ उसकी शर्ट पर कस गए और उसने अपना चेहरा दूसरी ओर घुमाया
राघव- तो अब बात नहीं मानोगी मेरी
राघव ने अपनी नाक से नेहा का चेहरा छेड़ते हुए कहा नेहा की साँसे तेज होने लगी उसे गुदगदी हो रही थी
नेहा- राघव प्लीज
राघव- पता है तुम मुझे नाम से बुलाती हो बड़ा अच्छा लगता है
राघव ने नेहा के गाल को चूमते हुए कहा
नेहा- अब आपको वाशरूम नहीं जाना
राघव- नोप!!
राघव ने अपनी उंगलियों को नेहा की कमर पर घुमाते हुए कहा
नेहा- आप.... आपको ऑफिस नहीं जाना क्या??
राघव- अपनी फ्रीडम इन्जॉय करने के लिए कितनी डेस्परेट हो ना तुम
नेहा- ऐसा नहीं है आप ही ने कहा था आपकी मीटिंग है
राघव- मिसेज देशपांडे मैं अभी अपनी सबसे इम्पॉर्टन्ट मीटिंग अटेन्ड कर रहा हु
राघव ने नेहा के बालों की लट को उसके कान के पीछे करते हुए कहा और एक छोटी की स्माइल नेहा के चेहरे पर उभर आई जिसके बाद राघव उठा और उसने अपने कपड़े सही किया और वैसा ही नेहा ने किया
राघव- पक्का ना तुम यहा रह लोगी ना??
राघव ने अचानक से पूछा और नेहा ने उसे देखा
नेहा- हा बाबा, मिस्टर देशपांडे क्या हो गया है आपको जो मेरे बिना एक दिन नहीं रह सकते?
राघव- ऐसा कुछ नहीं है ठीक है! वो तो मैं तुम्हारे बारे में सोच रहा था के मेरे बिना कैसे रहोगी
नेहा- ऐसा है ठीक है फिर देखते है हम ना एकदूसरे को कल तक ना तो कॉल करेंगे ना मैसेज और परसो तो वैसे भी मैंने आ ही जाना है
नेहा ने राघव को चैलेंज करते हुए कहा और अपनी हसी दबाने लगी जो राघव का चेहरा देख फूटने ही वाली थी
नेहा- क्या हुआ?? डर गए??
राघव- हूह मैं किसी से नहीं डरता
नेहा- सोच लीजिए रह पाएंगे मेरे बिना?
राघव- बस 2 दिन की बात है चिक्की मैं तो नहीं लेकिन तुम मुझे बहुत मिस करोगी
राघव ने उसे आँख मारते हुए कहा
नेहा- देखते है आप मेरे बिना एक दिन नहीं रह पाएंगे
नेहा ने राघव को चैलेंज किया
राघव- डन डील! हम कल तक ना तो मैसेज करेंगे न कॉल करेंगे लेकिन अब ये बताओ इसके बदले मे मुझे क्या मिलेगा
नेहा- अगर मैं जीती तो आप पूरा गणेशोत्सव मेरे साथ रहेंगे और वो भी बगैर किसी काम में उलझे
राघव- ये तो तुम्हारा हुआ मैने पूछा अगर मैं जीता तो??
नेहा- तो आप बताओ आपको क्या चाहिए
राघव- उम्म....
नेहा- जल्दी बताइए ना
राघव – पता चल जाएगा सही समय पर
राघव ने एक स्माइल के साथ कहा और वहा से चला गया और नेहा उसे देखती रही.....
क्रमश: