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Romance In Love.. With You... (Completed)

Tiger 786

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Update 19




इस वक्त रात के 11.30 बज रहे थे, राघव अब भी अपने ऑफिस मे बैठा था और अपने और नेहा के बारे मे सोच रहा था, विशाल से हुई बातचित उसके दिमाग मे घूम रही थी और अब वो भी इस रिश्ते के भागते हुए थक गया था, दादू ने उसे कहा था 8 बजे घर आने लेकिन वो अब भी ऑफिस मे ही था क्युकी जिसके लिए उसे घर जल्दी जाना था वो ही उससे नाराज थी।

राघव ने एक लंबी सास छोड़ी और घर जाने के लिए निकला,

कुछ समय बाद जब राघव घर पहुचा और अंदर आया तो पूरे घर मे शांति छाई हुई थी, राघव ने इधर उधर नजरे घुमाई मानो किसी को ढूंढ रहा हो लेकिन वहा था ही कौन..

राघव अपने कमरे मे जाने के लिए सीढ़िया चढ़ने ही वाला था के उसे चूड़ियों का आवाज सुनाई दि जिससे राघव रुक गया और उसने मूड कर देखा तो वहा नेहा खड़ी थी जो उसकी तरफ मुस्कुराकर देख रही थी और नेहा को अपनी तरफ ऐसा मुसकुराता देख राघव थोड़ा चौका, वो कन्फ्यूज़ था के इसको अचानक क्या हुआ

राघव को समझ नहीं आ रहा था के ये तो घर रोते हुए आयी थी और वो इतना गधा भी नहीं था के नेहा के रोने का रीज़न ना जानता हो फिर अब ऐसे एकदम क्या हो गया जो उसका मूड चेंज हो गया? राघव को नेहा का बर्ताव समझ नहीं आ रहा था, एक पल को उसे लगा के कही उसे नशा तो नहीं हो गया लेकिन वो अच्छे खासे होश मे था और तभी नेहा बोली

नेहा- जाइए जाकर कपड़े बदल लीजिए मैं खाना गरम करती हु

राघव- मुझे भूख नहीं है

(कुछ नहीं हो सकता इसका bc 🤦🏻‍♂️ अभी अभी ऑफिस मे सब सही करने का सोच रहा था और चार आते ही सारी बाते हवा कर दी :sigh: )

नेहा ने बड़े प्यार से कहा था लेकिन राघव ने मना कर दिया लेकिन भूख तो उसे भी लगि थी बस वो नेहा से दोपहर की हरकत के बाद नजरे नहीं मिलाना चाहता था वही नेहा मुस्कुराई और फिर प्यार से बोली

नेहा- जाइए न, कभी तो मेरी सुन लिया कीजिए

नेहा ऐसे बात कर रही थी जैसे वो दोनों कोई नॉर्मल कपल हो लेकिन वो वैसे नहीं थे और यही बात राघव को कन्फ्यूज़ करे हुए थी उसके नेहा के ऐसे बदले बदने मिजाज समझ नहीं आ रहे थे लेकिन राघव कुछ नहीं बोला और नेहा की बात मान कर वो फ्रेश होकर वापिस आया तो उसने देखा के नेहा उन दोनों की खाने की प्लेट्स लगा रही थी

राघव जाकर डायनिंग टेबल पर बैठ गया बगैर कुछ बोले एकदम चुप चाप जिसके बाद नेहा ने उसे खाना परोसा और फिर खुद की प्लेट मे खाना लिया जिसे देख राघव ने पूछा

राघव- तुमने खाना नहीं खाया अभी तक?

नेहा- मैं आपकी राह देख रही थी

नेहा ने राघव से कहा और खाना शुरू कीया

राघव- दोपहर मे तो तुम बड़ी नाराज थी फिर अब क्या हुआ?

नेहा- कुछ नहीं बस मेरा मूड ठीक हो गया अब आप खाना खाइए खाना ठंडा हो रहा है वो बाते बाद मे हो जाएंगी

जिसके बाद दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला दोनों ने चुप चाप खाना खाया

खाना होने के बाद नेहा दोनों की प्लेट्स लेकर किचन मे चली गई और जब वो वापिस आयी तो उसने कुछ ऐसा देखा जो नॉर्मल नहीं था, राघव वहा उसकी राह देखते खड़ा था और ये नेहा को कैसे पता चल के वो उसकी राह देख रहा है? तो भाईसहब ने अपना फोन उल्टा पकड़ा हुआ था और बता रहा था के उसका ध्यान फोन मे है, नेहा उसे देख मुस्कुराई और उसके पास गई

नेहा- चले..!

राघव- हह.. हा वो मैं तुम्हारी राह नहीं देख रहा था वो तो मैं फोन मे थोड़ा काम देख रहा था

राघव ने बहाना बनाने की कोशिश की जिसपर नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने राघव का फोन सीधा करके उसके हाथ मे पकड़ाया जिससे राघव थोड़ा शर्मिंदा हुआ, वो पकड़ा जा चुका था और उसके बाद नेहा ने कुछ ऐसा किया जिससे राघव और भी सप्राइज़ हुआ

उसने राघव का हाथ पकड़ा और उसे लेकर अपने रूम की ओर बढ़ गई और राघव बस आंखे फाड़े उसे देखता रहा

(भाईसहब एकदम से इतने चेंजेस :shocking: )

रूम मे आने के बाद राघव ने झट से अपना हाथ नेहा के हाथ से छुड़ाया और बेड की ओर बढ़ गया और बेड पर जाकर सो गया

राघव सोने की कोशिश कर ही रहा था के उसे अपने बाजू मे कुछ हलचल सी होती महसूस हुई, उसने मूड कर देखा तो पाया के नेहा उसके बाजू मे लेट रही है और वो भी सेम रजाई मे

राघव- ये सब क्या है अब?

नेहा- क्या मतलब? रात है और नॉर्मल लोग सोते है रात मे

राघव- तुम तो मेरे साथ बेड शेयर करने मे कंफर्टेबल नहीं थी ना फिर अब क्या हुआ?

नेहा- मैंने ऐसा कब कहा था मुझे तो लगा था के आपको ये पसंद नहीं आएगा पर अब मैं सोफ़े पे नहीं सोने वाली मैं यही सोऊँगी जहा एक पत्नी को होना चाहिए।

नेहा ने बोलते बोलते राघव को आँख मार दी नतिजन राघव की आंखे बड़ी हो गई और उसने नजरे घुमा ली और दोनों के बीच सेफ डिस्टन्स बनाया और मूड गया

कुछ सेकंद बाद उसे उसकी कमर पर एक हाथ फ़ील हुआ और उस टच से राघव सिहर उठा वो नेहा की छाती को अपनी पीठ पर महसूस कर सकता था

राघव- क.... क्या क...कर र... रही हो त... तुम ?

राघव नर्वस नेस मे हकलाया, ये सब नया था उसके लिए

नेहा- मैं तो बस अपने पति को गले लगा रही हु, क्या मैं ऐसा नहीं कर सकती? अब आप इसकी आदत डाल लीजिए क्युकी मुझे हक है अब सो जाइए अब मुझे नींद आ रही है

जिसके साथ ही नेहा ने अपनी पकड़ कस ली वही राघव का हाथ तकिये पर कस गया और उसकी धड़कने बढ़ने लगी पर वो कुछ बोला नही एक तो वो नेहा के साथ बहस नहीं करना चाहता था ऊपर से उसे भी ये सब अच्छा लग रहा था

नेहा- शादी के बाद अपनी ही पति से दोस्ती करने वाले कन्सेप्ट पर मुझे भरोसा नहीं है, मैं पत्नी हु आपकी और हमे वैसे ही रहना चाहिए हमे एकदूसरे पर पूरा हक है,

नेहा ने जो उसके मन मे था कह दिया, धड़कने इस वक्त दोनों की बढ़ी हुई थी और नेहा भी जानती थी जैसे वो राघव की बढ़ी धड़कनों को महसूस कर रही थी वैसे ही राघव को भी महसूस हो रहा होगा पर अब उसे उसकी परवाह नहीं थी लेकिन नेहा की इस लाइन ने राघव के दिमाग के तार हिला दिए थे वो समझ नहीं पा रहा था के ये दोस्ती वाली बात इसको कैसे पता चली वो तो यही प्लान किया था के पहले दोस्ती से शुरुवात करेंगे और यहा उसके बगैर बोले ही नेहा के उसका प्लान फ्लॉप कर दिया था

राघव- तो तुम्हारा मतलब है के दोस्त बनने का कोई मतलब नहीं?

नेहा- नहीं ऐसा नहीं है मतलब हम एकदूसरे के साथ रहकर खुले दिल से बाते कर सकते है एकदूसरे के साथ कंफर्टेबल हो सकते है लेकिन ये सब हम पति पत्नी बनकर भी तो कर सकते है न फिर दोस्त बनके क्या हो जाएगा

राघव कुछ नहीं बोला, उसे तो अब भी समझ नहीं आ रहा था के ये सब क्या चल रहा है और ये नेहा अचानक बाकी कपल जैसे बनने का क्यू ट्राइ कर रही है

‘डिअर पतिदेव धीरे धीरे आपको इस नेहा की आदत न डला दी तो नाम बदल लूँगी मैं अपना, मैं आपके साथ रहने के लिए कुछ भी करने को तयार हु और मैं किसी भी हालत मे आपका साथ नहीं छोड़ने वाली, शेखर सही था उन्होंने रोका नहीं मुझे और मैं बेवकूफ बगैर कोशिश किए ही हार मान रही थी, हमने बगैर बात किए की एकदूसरे को ब्लैम किया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, मुझे माफ कर दीजिए मै समझ नहीं पाई आपको लेकिन अब मैं आपका साथ नहीं छोड़ने वाली’

नेहा ने मन ही मन सोचा और नींद के आग़ोश मे समा गई वही

इसको अचानक क्या हुआ और ये इसको दोस्ती वाली बात कैसे पता चली? काही ये मेरा मन तो नहीं ना पढ़ने लगी? लेकिन जो भी हो अच्छा लग रहा है, मैं भी इस रिश्ते को निभाने की पूरी कोशिश करूंगा नेहा’

राघव ने मन मे सोच और वो भी सो गया अगली सुबह के इंतजार मे नई शुरुवात की राह मे....

क्रमश:
Neha ne to cleanbold kar diya raghav ko apni baat se.nai subha kya rang leke aati hai
Nice update
 
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Tiger 786

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Update 21



Hello guys Raghav this side ये थोड़ा आपलोगों को अनयूशूअल लग रहा होगा बट इस राइटर ने मुझे ही विलन बना दिया है, अब वो पूरा गलत भी नहीं है ना ही आप लोग गलत हो और ना ही ये सब मेरी इमेज सुधारने के लिए है बस मुझे अपना पॉइंट ऑफ व्यू आप के सामने रखना था इसीलिए तो थर्ड पर्सन की नजरों से निकल कर सीधा यहा बैठा हु और हा हु मैं थोड़ा चूतिया नहीं समझता मुझे कुछ भी, नहीं संभाले जाते रिश्ते है अब ऐसा हु तो हु...

मेरी लाइफ एकदम से बदल गई थी, सबकुछ सही जा रहा था इस शादी के पहले सब एकदम लाइन पर था लेकिन फिर दादू ने इस रिश्ते की बात कर दी तब से सब बदल गया, मेरा शेड्यूल, मेरा बिहेवियर, मेरा मेरी फॅमिली से बॉन्ड और सबसे ज्यादा मैं...

हालांकि ये सब पहली बार था ऐसा नही है मुझे पहले भी अपने आप को बदलना पड़ा था लेकिन अब मुझे वैसे जीने की आदत हो चुकी थी और फिर दादू ने शादी की बात कर दी

ऐसा नहीं है के मैं उससे नफरत करता हु बस ये था के मुझे शादी ही नहीं करनी थी ना तो नेहा से न किसी और से क्युकी मैं जानता था के मैं उसे वो प्यार वो केयर नहीं दे पाऊँगा जो वो डिजर्व करती है। नहीं होगा मुझसे चाहे कितनी ही कोशिश कर लू, नजाने मुझसे इस शादी के लिए ना क्यू नहीं कहा गया शायद मैँ अपने घरवालों को नाराज नहीं करना चाहता था लेकिन इस सब मे मुझसे सबसे बड़ी गलती ये हुई के मैंने नेहा का इसमे दिल दुखया है, शायद मैं उससे बात कर लेता तो हम दोनों ही इस सबसे बच सकते थे लेकिन अब मामला काफी आगे बढ़ चुका है इसीलिए मैंने बस अपनी जिम्मेदारिया निभाने का सोचा लेकिन मैं उसमे भी फेल हो गया

मेरे अतीत का असर मेरे वर्तमान पर बहुत बुरी तरफ छाया हुआ है, कुछ ऐसी बाते है जिन्हे मैं किसी को नहीं बता सकता बस उस घटना के बाद मुझे लोगों पर भरोसा करने मे तालमेल बिठाने मे थोड़ा वक्त लगता है I’m not able to get along with people, और इसीलिए अब मेरे ज्यादा दोस्त भी नहीं है जो थे उनसे मैंने ही कान्टैक्ट काम कर दिया बस एक विशाल ही है जो सब जानता है

हा मैं इस शादी से भाग रहा था मैं दूर चले जान चाहता था सबसे इसीलिए तो मैंने शादी की रस्मे होते ही बिजनस ट्रिप का बहाना बना दिया था, मैंने जान बुझ कर अपने pa से कह कर ट्रिप फिक्स कारवाई थी और विशाल के पास चला गया था

मैंने नेहा से ज्यादा बात करने की कोशिश भी नहीं की और न ही उसने, मैं वापिस से बैच्लर जैसा महसूस करने लगा था क्युकी मैंने उसके साथ एक पूरा दिन कभी बिताया ही नहीं था मैं तो उन दो महीनों मे भूल भी गया था के मेरी शादी हो चुकी है जब तक मॉम और डैड का मुझे कॉल नहीं आया

उन्होंने मुझसे मेरा हाल चाल तो पूछा ही साथ ही मुझसे ये भी पूछा के मैं नेहा से रोज बात कर रहा हु या नहीं और तब जो मुझे पता चल उसने मुझे चौका दिया मैं कुछ कहता इससे पहले ही मा ने मुझे बताया के नेहा से उन्हे कहा था के हमारी रोज बात होती है

ये मोमेंट मेरे लिए ट्रिगरींग पॉइंट की तरह था, उस समय विशाल मेरे साथ था और वो मुझे समझाने की पूरी कोशिश मे लगा रहता था लेकिन मैं उसकी एक नहीं सुनता था लेकिन मा से बात होने के बाद और विशाल से इस बारे मे बात करने के बाद मैंने बहुत सोचा तो घर लौटा लेकिन मैं नेहा से बातचित कर ही नहीं पाता था, मैं चाहता था के वो पहले आकार मुझसे बात करे औरे ये मेरे ऐरगन्ट नेचर की वजह से नही है बल्कि मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी के मैं खुद उससे नजरे मिला कर बात करू अब इस बात पर मुझे वापिस चूतिया, या जो भी कहना हो कह लो बट जो है सो ये है

मैंने नेहा की कोशिशे देखि है उसने इस रिश्ते को सुधारने का बहुत ट्राय किया है और जब मुझे लगता के अब मामला थोड़ा सही हो सकता है वो पीछे हट जाती और सारी कहानी वापिस वही आ जाती जहा से शुरू हुई थी


उसका मेरे लिए देर रात तक इंतजार कर मुझे पसंद नही था इसीलिए जब मैंने उसे पहली बार मेरे इंतजार मे जागता देखा मैंने उससे कहा था के मुझे उसकी मदद की कोई जरूरत नहीं है वो ये सब ना करे अब इसमे मैं रूड नही बनना चाहता था लेकिन मेरी आवाज ने धोका दे दिया और मैंने वो बात थोड़ी कडक आवाज मे कह दी बस उसके बाद से नेहा रुक गई और अपने काम से काम रखने लगी

अपनी बिजनस ट्रिप से लौट कर उन 3 महीनों मे मैंने बस काम किया है और ऑफिस में बैठ कर उससे बात कर पाने की हिम्मत जुटाई है, मैं हमेशा उसके बारे मे सबसे सुनता था जब भी दादू शेखर डैड विवेक रिद्धि मा चाची चाचा उसके बारे मे बात करते मैंने वो सब बड़े ध्यान से सुना है लेकिन कभी नोटिस नहीं होने दिया

मुझे ये भी पता है के दादी उसे मेरी वजह से बहुत कुछ कहती है और सच कहू तो इसका मुझे बहुत बुरा लगा था लेकिन दादी गलत नहीं है उन्हे बस मेरी ज्यादा चिंता है

दादी को दादू का मुझे इस तरह शादी के लिए मनाना पसंद नहीं आया था लेकिन दादू अपनी बात पर अडिग थे के नेहा ही मेरे लिए परफेक्ट है तब दादी ने भी माना के अगर दादू इतना कह रहे है तो इसके पीछे जरूर कोई रीज़न होगा

और फिर शेखर की शादी हुई जिसमे मैं मौजूद नहीं था, अपने ही भाई की वो भाई को मेरे सबसे चहेता था उसी की शादी मे मैं नहीं था जिसका मुझे काफी ज्यादा रिग्रेट है बट मैं उसमे कुछ नहीं कर सकता, नेहा ने सोचा के मैं उसकी वजह से शेखर की शादी मे नहीं था मैं उसे अवॉइड कर रहा था लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यहां वो गलत है, शेखर ने अपना मास्टर्स वही से पूरा किया है जहा से मैंने किया था जब मैं फाइनल इयर मे था वो फर्स्ट ईयर मे और अपने स्वभाव की वजह से वो अपने बैच मे तो था ही बल्कि सीनियर्स मे भी पोपुलर था और मैं जानता था वो अपने दोस्तों को जरूर बुलाएगा जिसमे मेरे अतीत से जुड़े कुछ लोग भी थे और मैं उनका सामना नहीं करना चाहता था इसीलिए मैं शेखर की शादी से दूर था

उसकी शादी के बाद जब दादू और मेरी बात चीत हुई जिसमे बस वो बोल रहे थे तब मुझे ये सब समझ आया

उस दिन दादू ने मुझे बहुत कुछ बताया और मैं अपनी गलती मानता हु मेरी वजह से नेहा ने बहुत कुछ सहा है बहुत कुछ सुना है मेरी ही वजह से वो ऐसे रह रही थी उसकी तो इस सब मे कोई गलती नहीं है मेरे अतीत से उसका कोई लेना देना नहीं है जबकि उसकी सजा वो भुगत रही थी और फिर आया उसका बर्थडे

भाई यार इस लड़की को अपना बर्थडे मनाना तक पसंद नहीं और जब उससे पूछा तो उसने मुझे ही और गिल्ट मे डाल दिया पहले से क्या कम गिल्ट है मेरी जिंदगी मे, वो कुछ तो छुपा रही थी और मैं वो जानना चाहता था लेकिन मुझसे ज्यादा फोर्स नहीं किया गया

दादू की बात सुन मैं हमारे रिश्ते को एक मौका देना चाहता था वरना अपनी इनसिक्योरिटीज के चलते मैंने इस रिश्ते से उम्मीद छोड़ दी थी और तब नेहा ने कह दिया के उसे मेरी रिस्पांसिबिलिटी बनके नहीं रहना है

वो अपनी जगह बिल्कुल सही थी उसकी जगह मैं होता तो मुझे भी यही लगता किसी पर बर्डन बनना कीसे पसंद होगा फिर भी उसमे कमाल की सहनशक्ति है मेरा सब्र का बांध अब तक टूट चुका होता

मैं हम दोनों को चांस देना चाहता हु बस मैं इनसिक्योर हु और रीज़न मैं बता नहीं सकता

आजकल पता नहीं क्या हो रहा है मुझे जब भी उसे इग्नोर करना चाहता हु मैं उसकी ओर और भी खिचा जा रहा हु, मैं उससे बात करना चाहता हु उसकी बात सुनना चाहता हु उसके बारे मे सब जानना चाहता हु

मैं चाहता हु वो मेरे करीब आए मैं उसे नहीं रोकूँगा, मैं चाहता हु वो हमेशा मेरे साथ रहे बस मैं उससे ये कह नहीं पाता हु

क्या हो अगर वो मुझे छोड़ के चली जाए?? मैं किसी को ये बात महसूस नहीं होने देता हु मैं वैसे तो बाद गुस्से वाला हु लेकिन दूसरों के लिए हा कई बार वो गुस्सा अपनों पर निकल जाता है लेकिन मैं बहुत ज्यादा डरपोक इंसान हु

मुझसे हिम्मत नहीं है इसीलिए तो मैं चाहता हु नेहा मुझसे उम्मीद ना छोड़े कोशिश करती रहे ताकि मैं उसके करीब जा पाउ धीरे धीरे अपने डर को पीछे छोड़ के अब इस बात और आप मुझे स्वार्थी कह सकते है

वो मेरे अतीत के बारे मे कुछ नहीं जानती है मैंने उससे कभी बात ही नहीं की है फिर भी मैं उससे उम्मीदें लगाये हु

अब ये कहना बिल्कुल ही झूठ होगा के मैं उसे पसंद नहीं करता हु, मैं उसे पसंद करने लगा हु

मैंने उसे जब भी देखा है मुसकुराते हुए देखा है लेकिन मैं ये भी जानता हु के वो मुस्कान झूठी है, मुझे भी चिंता है उसकी बस मुझे जताना नहीं आता, जब वो ऑफिस से रोते हुए घर गई थी मुझे कैसा फ़ील हो रहा था मैं नहीं बता सकता, मैं उसे तकलीफ नहीं देना चाहता था वो अनजाने मे हुआ था और उसके बाद शेखर मुझपर भड़क गया और फिर विशाल तो था ही, और सच कहूं तो मैं शेखर और विशाल का गुस्सा डिजर्व करता था मेरी गलती थी मुझे नेहा को रोकना चाहिए था लेकिन मैं विशाल के साथ बैठ रहा

मैं बात भले विशाल के साथ कर रहा था लेकिन मेरे ज़ेहन मे बस नेहा थी उसका रोता हुआ चेहरा था

मुझे लगा था के अब सब वापिस पहले जैसा हो जाएगा वही लाइफ मेरा उससे बात करने की हिम्मत ना होना उसे इग्नोर करना और उसका अपनी कोशिश से पीछे हटना,

विशाल की कही बाते भी मेरे दिमाग मे चल रही थी दोस्ती करने वाले आइडिया मे दम था लेकिन जब मैं घर पहुचा मैं नेहा के बिहेवियर से शॉक था वो ऐसे बता रही थी जैसे हम दोनों कोई परफेक्ट कपल हो और ऑफिस मे कुछ हुआ ही ना हो और फिर वो मोमेंट जब उसने मुझे उसकी राह देखते पकड़ा मेरा उलट फोन सीधा करके मुझे पकड़ाया

उसके बाद रूम मे हमारा एक ही बेड पर सोना उससे भी ज्यादा उसका मुझे पीछे से चिपकना मेरे पास उस फीलिंग को बताने के लिए शब्द ही नहीं है मैंने उसे रोका नहीं क्युकी कही न कही मैं भी यही चाहता था, उसका साथ...

फिर अगली सुबह उसका यू करीब आना और उसकी वो मुस्कान मेरे साथ होते हुए मैंने उसे पहली बार मुसकुराते हुए देखा था वो मुस्कान किसी का भी दिन बनाने के लिए काफी थी

उसके बाद उसका मुझे लंच बॉक्स देना, मुझे नही पता के वो किस बारे मे बात कर रही थी बट जितना मैंने समझा मैंने उसके माथे को चूम लिया उसका रिएक्शन देख मैं इतना तो समझ गया हु के मेरा उसपर असर तो होता है, उस समय वो इतनी क्यूट लग रही थी मन किया उसके गाल खिच लू लेकिन मेरे जैसे इंसान से ऐसा एक्शन उसे शायद डरा देता

अब मैं हम दोनों को एक मौका देना चाहता हु पूरे दिल से, मैं नहीं जानता के मैं इस रिश्ते को निभा पाऊँगा भी या नहीं लेकिन मैं पूरी कोशिश करूंगा के नेहा को कोई तकलीफ ना हो, वो पहले ही मेरी वजह से बहुत सह चुकी है

बस मैं इतना चाहता हु के वो मुझपर थोड़ा भरोसा करे मैं चाहता हु वो मेरी जिंदगी मे रहे मैं उसके साथ रहने की पूरी पूरी कोशिश करूंगा मुझे बस उसका सपोर्ट और थोड़ा पैशन्स चाहिए मुझे बस अपने आप को उसके लिए तयार करने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए,

मैं कोई दूध का धुला इंसान नहीं हु मैंने बहुत गलतिया की है और सबसे बड़ी गलती तो ये है के मैंने पिछले 5 महीनों मे अपनी नई नवेली पत्नी को पूरी तरह इग्नोर किया है और इसे मैं बदल नहीं सकता, मैं तो इसकी माफी भी नहीं मांग सकता क्युकी इसकी माफी ही नहीं है लेकिन मैं अब इतनी कोशिश तो कर ही सकता हु के अब आगे से ऐसा ना हो और ये मैं करूंगा... अब कोई चाहे मुझे गधा कहे डरपोक कहे चूतिया कहे लेकिन जो है वो है और अब मैं नेहा को तो मुझसे दूर नही जाने देने वाला.....


क्रमश:
Raghav ka point of view bohot badiya laga halaki usne bi mana hai vo chutiya hai😂😂😂🤣🤣🤣
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
बढ़िया अपडेट, और राघव ने जब खुद ही अपने गिल्ट को खत्म करने का स्वयं निर्णय लिया है तभी वो इससे निकल सकता है। नेहा सिर्फ और सिर्फ इसके मददगार हो सकती है।
 

Tiger 786

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Update 23




सत्यनारायण की पूजा के बाद घर के सभी लोग अब फ्री होकर हॉल मे बैठे बाते कर रहे थे,

रमाकांत- भई आज तो बढ़िया हो गया, घर पर पूजा भी हो गई और कुछ वक्त घर पर बिताने भी मिल गया वरना इन दिनों तो पार्टी का काम ज्यादा बढ़ गया है अगले साल के इलेक्शन की तयारी शुरू हो चुकी है..

धनंजय- एकदम सही कहा आपने भईया वरना हम सब तो बस किसी रोबोट की तरह काम मे उलझ गए है।

धनंजय जी ने भी रमाकांत जी की बात का सपोर्ट क्या और उनकी बात सुन सब हसने लगे

शिवशंकर- अरे भई रोबोट से याद आया राघव कहा है पूजा के बाद दिखा ही नहीं वो?

दादू ने राघव को ढूंढते हुए पूछा और नेहा को देखा

नेहा- वो तो पूजा के बाद ही ऊपर रूम मे चले गए दादाजी

जानकी- हे भगवान क्या करू मैं इस लड़के का, बताओ सब यहा है और वो अकेला अपने कमरे मे

नेहा- मै अभी उन्हे बुला लाती हु

नेहा बस राघव को बुलाने जाने ही वाली थी के दादी ने उसे रोक दिया

गायत्री- रहने दो बेटा, उसने तो प्रसाद भी नहीं लिया होगा बस वो दे आओ उसे

दादी की बात पर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वहा से चली गई और उसके जाते ही विवेक अपनी जगह से उठा और सबको देख के बोला

विवेक- तो बड़े लोग आप लोग लगे रहे हम जा रहे ऊपर जरा आज भाई घर पर है तो उसको परेशान करने 😎

रिद्धि- हा हा चलो उस रोबोट को इंसान बनाते है

विवेक और रिद्धि वहा से निकल लिए और उनको जाता देख शेखर भी उनके पीछे हो लिया

शेखर- ओये रुको मैं भी आया

अब अब श्वेता अकेली वहा बड़े लोगों के बीच खड़ी थी, वो तो ऐसे शेखर के पीछे भी नहीं जा सकती थी छोटी बहु जो थी घर की, अब क्या करना है ना जानते हुए वो वही खड़ी रही

मीनाक्षी- श्वेता तुम भी जाओ हमारे बीच क्या करोगी

मीनाक्षी जी ने श्वेता के मन की बात समझते हुए कहा और वो भी मुस्कुरा कर वहा से निकल गई।

कुछ ही पलों मे ये सब लोग राघव के रूम मे बैठे थे,

विवेक- भाई छोड़ो ना यार उसको...!

विवेक राघव का एक हाथ खिच के उसे उठाने की कोशिश कर रहा था वही राघव सोफ़े पर अपनी नजरे अपने लपटॉप पर गड़ाए हुए था और विवेक के ताकत लगाने पर भी हिल नहीं रहा था, विवेक राघव को वहा से उठाने की कोशिश कर रहा था ताकि वो लोग थोड़ी मजा कर सके लेकिन मजाल है के राघव उनकी बात मान ले अब चुकी राघव मे विवेक से ज्यादा ताकत थी वो हिल भी नहीं रहा था और तो और वो विवेक की तरफ देख भी नहीं रहा था

रिद्धि- विवेक रहने दो तुमसे नहीं हो पाएगा ऐसा लग रहा जैसे गधा हाथी को खिच रहा है

रिद्धि की बात सुनके शेखर और श्वेता जोर जोर से हसने लगे वही विवेक प्लेन चेहरे से उन्हे घूर रहा था वही राघव भी इनकी बाते सुन मन ही मन मुस्कुरा रहा था और इतने मे ही वहा नेहा की एंट्री हुई हाथ मे प्रसाद से भरे कटोरो का ट्रे लिए और आते ही उसकी नजर हसते हुए शेखर श्वेता और रिद्धि पर पड़ी और फिर विवेक पर

नेहा- क्या हुआ विवेक?

शेखर- गधे की मजदूरी रंग नहीं लाई भाभी

शेखर ने हसते हुए कहा जीसे सुन रिद्धि और श्वेता वापिस हसने लगे वही नेहा कन्फ्यूजन मे उन्हे देख रही थी और विवेक छोटा सा मुह लिए बेड पर जाकर बैठ गया, नेहा ने ये बात अपने दिमाग से झटकी और सबको प्रसाद दिया और फिर राघव को देखा

नेहा- सब लोग है यहा, उसे बंद करिए और इधर आकर पहले प्रसाद खाइए

नेहा ने प्यार से राघव को ऑर्डर देते हुए कहा जिसपर राघव ने भी हा मे गर्दन हिला दी नतिजन शेखर शॉक मे सीधा बैठ गया उसे तो ये भी ध्यान न रहा के उसके हाथ मे प्रसाद का बाउल है लेकिन समय रहते श्वेता ने वो बाउल पकड़ लिया, विवेक जो कभी वापिस खाने को ना मिले ऐसे प्रसाद खा रहा था वो उसके गले मे अटक गया और उसे खासी आ गई और रिद्धि विवेक की पीठ सहलाते फटी आँखों से अपने भाई को देख रही थी

नेहा ने उन सब को देखा वही राघव ने अपना लैपटॉप बंद किया और बेड की ओर आने लगा और अपने भाई बहनों मे ऐसे खुले मुह उसने देखे जो उसे घूर रहे थे

राघव- क्या...?

राघव ने अपनी जेब मे हाथ डालते हुए अपनी भवों को उठा के पूछा

रिद्धि- न.... ये हमारा भाई नहीं है

राघव- क्या?!

विवेक- क्या क्या... हम यहा तब से आपको जो बोल रहे है के लैपटॉप बंद करो तब हमारी बात तो सुनी नही और भाभी के एक बार बोलते ही जनाब उठ खड़े हुए... वाह! तालिया! साला अपनी तो जो ना थी वो इज्जत भी डूब गई

विवेक ने रोनी शक्ल बनाते हुए कहा, राघव ने नेहा को देखा जो उसे ही देख रही थी फिर वापिस अपने भाई बहन को देखा

राघव- हो गई नौटंकी? वो मेरा काम खतम हो गया तो उठ गया इतना ड्रामा क्या है उसमे

राघव ने बेड पर बैठते हुए प्रसाद का बाउल लेते हुए कहा

शेखर- सही मे ?

शेखर मे मुस्कुरार पूछा लेकिन राघव ने उसे इग्नोर कर दिया और प्रसाद खाने लगा, वो बेचारा जब भी मजे लेने की सोचता इग्नोर ही हो जाता

विवेक- बीवी बीवी होती है भाई अपना क्या है

विवेक ने सर झटकते हुए मजाक मे कहा लेकिन उसकी बात सुन नेहा को शर्म आ गई इतने मे रिद्धि बोली

रिद्धि- अरे यार छोड़ो ये बाते और चलो ना कुछ खेलते है ना

श्वेता- लेकिन क्या?

विवेक- उम्म ट्रुथ एण्ड डेयर खेले?

शेखर- हा हा ये खेलते है मजा आएगा

राघव- हम्म तुम लोग खेलों मुझे कुछ काम है मैं वो करता हु

विवेक- अरे यार भईया काम को छोड़ो ना यार आज के दिन कितना समय हो गया ऐसे मजे किए प्लीज भाई अब तो लगता है आप हमको भूल ही गए हो हमारे साथ हो तो लेकिन होकर भी नहीं हो

विवेक ने वापिस अपनी नौटंकी शुरू की और राघव को गेम खेलने पर मजबूर कर ही दिया और राघव वापिस अपनी जगह पर बैठ गया।

अब इनकी पोजिशन ऐसी थी के ये बेड पर सर्कल मे बैठे थे (बहुत बाद पालन था bc ) राघव उसके बाजू मे रिद्धि उसके बाद विवेक, नेहा, शेखर और फिर अंत मे श्वेता

रिद्धि- अब हमारे पास बोतल तो है नहीं तो वन बाय वन शुरू करते है

विवेक- डन पहले श्वेता भाभी ट्रुथ या डेयर?

श्वेता- ट्रुथ!

और श्वेता के ट्रुथ बोलते हो विवेक के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई उसने पहले शेखर को देखा और फिर श्वेता को और फिर बोला

विवेक- ओके तो अब बताइए के आप दोनों की पहली किस कब कहा और कैसे हुई थी

(खुद की लव लाइफ का कोई ताल तम्बोरा नहीं दूसरों की लव लाइफ मे घुसना है इसको :sigh: )

विवेक की बात सुन शेखर खांसने लगा वही श्वेता बड़ी आंखो से उसे देखने लगी और राघव भी क्यूरियसली उन्हे देखने लगा

रिद्धि- बताओ बताओ भाभी

रिद्धि ने श्वेता को छेड़ते हुए कहा

शेखर- अरे यार भाई छोड़ो का कुछ और पूछ लो यार

शेखर ने नर्वसली कहा और श्वेता ने भी उसमे हामी भरी लेकिन बाकी लोगों का प्लान तो कुछ और ही था और अब नेहा भी इसमे शामिल थी

नेहा- शेखर तुम चुप करो और बात मत बदलों

शेखर- भाभी आप भी शामिल हो गई इन सब मे आपको तो पता है सब

अब शेखर की बात सुन राघव शॉक

राघव- इसको पता है?

शेखर- भाभी को हमारे बारे मे सब पता है... she knows everything

नेहा- अच्छा चलो श्वेता अब शुरू करो कहानी

रिद्धि- हा ना भाभी बताओ ना हम सब दोस्त है यहा

और फिर श्वेता ने बताना शुरू किया....

श्वेता- तो हुआ ये के हम कॉलेज टूर पे मनाली गए थे, मैं वहा पहली बार जा रही थी और शेरी मेरे सीनियर थे और उस टाइम हम रिलेशनशिप मे नहीं थे लेकिन एक दूसरे को अच्छी तरह जानते थे क्युकी कॉलेज के कल्चरल इवेंट्स मे हम साथ काम भी कर चुके थे, वेल हमारे अंदर एकदूसरे के लिए फीलिंग्स तो थी लेकिन उस टाइम वो प्यार है ये हम दोनों को ही नहीं पता था तो वहा हम सब दोस्तों का ग्रुप कैम्प फायर जला कर बाते कर रहा था वही मेरा एक दोस्त मेरे साथ फ्लर्ट कर रहा था वो काफी पहले से मुझपर लाइन मारता था लेकिन मैंने कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन शेरी का उसपर बराबर ध्यान था और उसका ऐसा मेरे आस पास घूमना शेरी को पसंद नहीं आ रहा था, और उसमे हुआ के ये मैंने भी उसके साथ थोड़ी हस के बाते कर ली तो इन्होंने भी अपनी एक दोस्त के साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया और तुम्हें बताऊं इतनी बुरी लड़की थी ना वो हमेशा मेरे शेरी से चिपकने का ट्राइ करते रहते थी और ये मुझे जलाने के लिए उसके साथ फ्लर्ट कर रहा था हा लेकिन ध्यान मुझ पर ही था लेकिन मुझसे वो देखा नहीं गया और मैं रोते हुए वहा से चली गई और फिर ये मुझे मनाने मेरे पीछे आए, मैं बहुत ज्यादा हर्ट भी थी और गुस्सा भी और जो मन मे आए वो शेरी को बोल रही थी और तब इन्होंने मेरा मुह बंद करने के लिए मुझे किस कर दिया, मैं शॉक मे थी और फिर मेरे बेबी ने वही प्रपोज किया मुझे.... तो यही था पूरा किस्सा.... अब ज्यादा डिटेल्स नहीं बता रही मैं तो अब अगला कौन??

खेल जारी रहेगा....

क्रमश:
Yaar yeh khel phir koi panga Na kar de dono ke bech
Awesome update
 

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Update 24




शेखर और श्वेता की लव स्टोरी सब चुप होकर सुन रहे थे रिद्धि और विवेक को तो खासा इंटेरेस्ट था इसमे वही नेहा सब पहले से जानती थी

रिद्धि- कितने क्यूट हो यार आप दोनों

विवेक- ब्रो! चरण कहा है आपके प्रभु ऐसे कुछ टिप्स हमे भी दे दो यार हम भी सीख ले कुछ आपसे

विवेक ने शेखर के पैरों मे गिरते हुए कहा

शेखर- जाओ बे पढ़ाई करो पहले

विवेक- वाह! आप करो तो रास लीला और हम बोले तो कैरिक्टर ढीला हूह!

रिद्धि- अरे छोड़ो अब अगला कौन

विवेक- कौन क्या श्वेता भाभी के बाद शेखर भाई और कौन, हा शेखर भाई ट्रुथ या डेयर ?

शेखर- डेयर, मर्द लोग हमेशा डेयर लेते है 😎

राघव- ओके मर्द चल नाच के दिखा फिर

राघव की बात सुन शेखर हसने लगा

शेखर- अरे इतना आसान डेयर

लेकिन राघव एक शैतानी मुस्कान लिए उसे देख रहा था और फिर राघव ने रिद्धि और विवेक को देखा और विवेक समझ गया

विवेक - न न नाचोगे आप लेकिन गाना हम बजाएंगे समझा

और रिद्धि अपने फोन पर गाना बनाजे रेडी हो गई वही राघव अपनी जगह से उठा और अलमारी के पास गया और उसमे से उसने नेहा की चुनरी निकाली और शेखर के मुह पर दे मारी वही शेखर उसे कन्फ्यूजन मे देखने लगा

राघव- हा भाई मर्द अब इसको ओढ़ और ठुमक के दिखा और पूरी अदाओ के साथ नाचना है

और जैसे ही रिद्धि ने गाना बजाया सबकी हसी छूट गई

शेखर- सही नहीं हो रहा है ये भाई ऐसा मत करो यार ये गाना मत बजाओ

राघव- या तो नाच के दिखा या अभी मेरे अकाउंट मे 5 लाख भेज से दे चॉइस तेरी है

अब शेखर समझ गया था के बचने का कोई चांस नहीं है और राघव के साथ बहस करने का तो कोई मतलब नहीं है

शेखर- भाभी सही कहती है राक्षस को आप

शेखर ने जैसे ही ये कहा नेहा जो अब तक हस रही थी एकदम चुप हो गई और उसने झटके से राघव को देखा

नेहा- मैं... मैं कहा से आ गई बीच मे मैंने ऐसा कब कहा ( नेहा ने शेखर को देख के कहा फिर राघव से बोली) मैने कसम से ऐसा कुछ नहीं कहा

राघव- उसे मैं बाद मे देख लूँगा तू शुरू हो जा

राघव की बात सुन नेहा शकी नजरों से देखने लगि के बाद मे देख लूँगा का क्या मतलब है वही शेखर कोई रास्ता ना बचा देख बेड से उठा और चुनरी को अपने सर पर ओढा, नेहा जो राघव की उस लाइन से नर्वस थी अब शेखर को देख रही थी और हस रही थी, शेखर बहुत ही सेक्सी अदाओ से डांस कर रहा था और उसे ऐसे नाचते देख श्वेता की आंखे बाहर आने को थी, इतने सालों के रीलेशन मे उसने शेखर को कभी ऐसे नहीं देखा था शेखर को देख सब हस रहे थे और गाना बज रहा था

आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली में रे
आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली में रे
आ रे प्रीतम प्यारे
सब आग तो मेरी चोली में रे
ज़रा हुक्का उठाज़रा चिलम जला
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
हो हो हो हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो

जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो
कंवले कवारों का चेहरा खिले
हाय मैं आँख मारूँ
तो नोटों की बारिश हो
लख जो हिला दूँतो जिल्ला हिले
जिल्ला हिले
हिले हिले हिले हिले जिल्ला हिले
हिले हिले हिले हिले जिल्ला हिले
हिले हिले हिले
ज़रा तूती बजा
ज़रा ठुमका लगा
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
हो हो हो हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो

शेखर सबको अपने डांस मूव्स दिखा रहा था जो की काफी फनी थे और जैसे ही गाना खतम हुआ शेखर ने झट से चुनरी हटाई और बेड पर अपनी जगह आकर बैठ गया।

श्वेता- ऑ शेरी बेबी क्या मस्त डांस किया है

श्वेता ने शेखर के गाल खिचते हुए कहा

विवेक- ब्रो रीस्पेक्ट! तुमने तो उस ऐक्ट्रिस से भी बढ़िया डांस किया है

शेखर- हा ठीक है अब अगला कौन

रिद्धि- नेहा भाभी और कौन

रिद्धि ने कहा और नेहा नर्वसली मुस्कुराई वही बाकी सब उसे ऐसे देख रहे है मानो सोच रहे हो के अभी मजा आएगा ना भिडू

रिद्धि- भाभी ट्रुथ या डेयर?

नेहा- ट्रुथ

विवेक- हा भाई सब शांत मैं पूछूँगा सवाल, हा तो माइ डिअर भाभी उस दिन जब हम सब लोग ऐसे ही इसी कमरे मे बकैती कर रहे थे तब आपने हमे उस इंसान के बारे मे बताया था जो आपको पसंद करता था तो अब गौर से सुनिए के अब उसके बारे मे जरा बताइए जीसे आप पसंद करती थी!

विवेक ने फूल नौटंकी के साथ कहा और उसका सवाल सुन राघव अपनी जगह पर सीधा बैठ गया, नेहा ने एक बार राघव को देखा जो उसके साथ आय कॉन्टैक्ट अवॉइड कर रहा था और फिर वो बोली

नेहा- वेल ऐसा कोई मेरा क्रश तो नहीं था लेकिन हा एक सेलिब्रिटी क्रश था और मुझे ना कहानियों के किरदार अच्छे लगते है इतने के उनसे प्यार हो जाए, एक टाइम पर तो मुझे हैरी पॉटर पर क्रश था

रिद्धि – अरे यार भाभी ऐसे थोड़ी होता है वो लोग रियल थोड़ी होते रियल बताओ ना कुछ

नेहा- जो है वो ये है मुझे तो यही पसंद है

नेहा ने खयालों मे खोते हुए कहा वही राघव बस उसे देख रहा था

नेहा- कभी कभी कहानियों के किरदार ना असल लोगों से अच्छे होते है और मुझे मेरे ड्रीम कैरिक्टर जैसा कभी कोई मिला ही नहीं

विवेक- मिला नहीं मतलब तो भाभी आप ये कहना चाहती है के मेरा भाई अट्रैक्टिव नहीं है?

विवेक ने नेहा को चिढ़ाते हुए कहा जिसपर नेहा से कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था

नेहा- नहीं!

रिद्धि- नहीं मतलब आपको राघव भईया अट्रैक्टिव नहीं लगते

अब रिद्धि भी नेहा को चिढाने लगी

नेहा- हा.... मतलब... नहीं वो अरे यार तुम लोग ना हर बार ऐसा करते हो मेर वो मतलब नहीं था मुझे ये कहना था के मैं काल्पनिक किरदारों की बात कर रही हु, मैंने उस टाइम ये सब नहीं किया है तो... अब अगला कौन?

नेहा से जब आगे कुछ नहीं बोला गया तो उसने बात बदल दी

अगला नंबर विवेक का था तो भाई ने ट्रुथ को चुना और उससे भी रिद्धि से वही सवाल किया जो नेहा से पूछा गया था विवेक से उसकी क्रश के बारे मे पूछा तो उसने शर्मा के कहा के उसे उसकी एक टीचर के क्रश था जीसे सुन सब उसे ऐसे देखने लगे जैसे वो कोई भूत हो, अब कॉलेज जाने वाले लौंडे से इस जवाब की थोड़ी ही किसी को उम्मीद थी

उसके बाद अगला नंबर आया रिद्धि का और रिद्धि ने शेखर की बहन होने का फर्ज निभाते हुए डेयर चुना और डेयर भी उसे शेखर ने दिया और उसे बोला गया के उसकी मा को यानि जानकी जी को वो फोन करके ये बताए के वो एक लड़के को पसंद करती है और रीलेशनशिप मे है और फोन स्पीकर पर रखने बोला गया

रिद्धि ने भी वैसा ही किया लेकिन ये सब तब चौके तक जानकी की चिल्लाई नहीं क्युकी सब को उम्मीद तो ये थी के वो नाराज होंगी या चिलाएंगी लेकिन उलटा वो हसने लगि और बोली के मजाक मत करो और वो जानती है के उनकी बेटी के आस पास विवेक किसी लड़के को फटकने भी नहीं देता होगा कॉलेज मे जीसे सुन विवेक का सीना फूल गया और उतना बोल के उन्होंने फोन काट दिया और अब वहा बस एक श्क्स बचा था

रिद्धि- अब राघव भईया की बारी

और राघव का नाम आते ही शेखर के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट खेलने लगी राघव उस स्माइल का मतलब अच्छे से समझता था इसीलिए उसे सेफ खेलने का सोचा

रिद्धि- भईया ट्रुथ या डेयर?

राघव- ट्रुथ

और इसीके साथ शेखर के दिमाग मे बनता प्लान फुस्स... लेकिन वो भी कहा हार मानने वाला था

शेखर- ट्रुथ? अरे यार भाई आप डेयर लो यार ये क्या बच्चों जैसी बात कर दी आपने तो, द ग्रेट राघव देशपांडे ट्रुथ लेगा अब

राघव- हा तो उसमे क्या है

विवेक- छे! भाई आप के जैसे डेयर डेविल को तो डेयर ही लेना चाहिए

शेखर- जाने दे बे विवेक ये डरता है भाई मे वो खतरों के खिलाड़ी वाली बात नहीं रही अब

और बस अब तो इन्होंने राघव के एगो को ललकार दिया था अब वो पीछे नहीं हटने वाला था और अब अपने आप को खतरों का खिलाड़ी प्रूव करने राघव देशपांडे कुछ भी कर सकता था

राघव- ठीक है डेयर लिया बताओ क्या करना है

राघव ने सपाट चेहरे से पूछा वही शेखर की मुस्कान हट ही नहीं रही थी और अब आने वाला था मजा....

आपको भी पता चलेगा जल्द अगके भाग मे....

क्रमश:
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शेखर- जाने दे बे विवेक ये डरता है। भाई मे वो खतरों के खिलाड़ी वाली बात नहीं रही अब

और बस अब तो इन्होंने राघव के एगो को ललकार दिया था अब वो पीछे नहीं हटने वाला था और अब अपने आप को खतरों का खिलाड़ी प्रूव करने राघव देशपांडे कुछ भी कर सकता था

राघव- ठीक है डेयर लिया बताओ क्या करना है

राघव ने सपाट चेहरे से पूछा वही शेखर की मुस्कान हट ही नहीं रही थी और अब आने वाला था मजा....

शेखर- पक्का ना? देखो सिर्फ डेयर चुनने से कुछ नहीं होता उसे पूरा भी करना होता है पता है ना ?

राघव- और तू मुझे अच्छे से जानता है के राघव देशपांडे पीछे हटने वालों मे से नहीं है

शेखर- ठीक है फिर आप यही चाहते है तो आपका डेयर ये है के.................. किस भाभी!

शेखर ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही राघव और नेहा चौक के उसे देखने लगे

विवेक- ओहोहों ब्रो यू रॉक मैन

विवेक श्वेता और रिद्धि भी अब शेखर के साइड थे और राघव और नेहा दोनों ही जानते थे के शेखर ने ये डेयर जान बुझ के दिया है

राघव- शेखर!

राघव ने शेखर को घूर के देखा

शेखर- बस निकल गई हवा, बोला था नहीं कर पाओगे, अरे यार भाई ऐसे पार्टी खराब मत करो यार एक किस ही तो है और ऐसा भी नहीं है के आप ये पहली बार कर रहे हो, कम ऑन ब्रो हज़बन्ड वाइफ हो आप तो ये तो कॉमन है या कभी आपने कुछ किया ही नहीं... यू नो....

शेखर ने मासूम बनते हुए कहा

राघव- ये सही नहीं है शेखर!

राघव अब भी उसे घूर रहा था

श्वेता- इसमे क्या गलत है ये तो नॉर्मल है...

रिद्धि- हा एकदम सही इसमे तो सब नॉर्मल है और ऐब्नॉर्मल तब होता जब आपने ये कभी किया ही ना होता

रिद्धि फ़्लो मे बोले जा रही थी क्युकी असल बात उसे पता ही नहीं थी और राघव और नेहा बड़ी आंखो से बस उन्हे देख रहे थे

शेखर- क्या हुआ? डर गए?

राघव- हट्ट बे!

शेखर- डर तो है

राघव- बोला न मैं नहीं डरता

विवेक- देन कम ऑन भाई गो अहेड एण्ड किस हर, ऐसा तो नहीं है के वो कोई अजनबी है शी इस योर वाइफ

विवेक ने कहा और राघव ने नेहा को देखा जो उसे ही देख रही थी

राघव कुछ देर नेहा को देखता रहा फिर वहा मौजूद लोगों को देखा और अब वो समझ चुका था के अपन ने उड़ता तीर ले लिया है और अब वापिस पलटने का कोई चांस ही नहीं है डेयर तो उसे पूरा करना ही पड़ेगा

राघव अपनी जगह से उठा और धीरे धीरे नेहा की ओर बढ़ा जो उसे देख के नर्वस हो रही थी और धीरे धीरे उसे देखते हुए थोड़ा थोड़ा पीछे सरक रही थी

राघव को नेहा की ओर बढ़ता देख कर वो चारों हूटिंग करने लगे, रिद्धि और विवेक ने बाजू मे सरक ने नेहा की ओर बढ़ते राघव के लिए थोड़ी जगह बनाई ताकि वो वहा बैठ सके

घटती घटनाओ को देखते हुए नेहा का गला सुख रहा था और उसकी आवाज तो उसका साथ कब का छोड़ चुकी थी, उसे एसी मे भी पसीना आने लगा था और सास तो उसकी बढ़ी हुई ही थी, राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी वो भी वही फ़ील कर रहा था जो नेहा को फ़ील हो रहा था, नर्वस तो वो भी था

यार इसके पास आते ही नजाने क्यू मेरी धड़कने बढ़ने लगती है’ नेहा के करीब आते ही राघव के मन मे खयाल आया

राघव नेहा के पास आया और उस नजदीकी को ना झेल पाते हुए नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली

‘हे भगवान ये क्या कर रहे है!!” नेहा मन ही मन चीखी

श्वेता और शेखर ने एकदूसरे को देख एक विजयी मुस्कान दी...

राघव नेहा के पास सरक कर बैठ गया तभी उसकी नजर उसके बाजू मे पड़ी नेहा की चुनरी पर गई और उसने कुछ सोच के नेहा को देखा, उसने वो चुनरी उठाई और अपने और नेहा के सर पर डाल ली जिससे उनके सर से लेके कंधों तक का भाग ढक गया, उसने अपना सर नेहा के सर से लगाया और अपनी गर्दन थोड़ी सी घुमाई जिससे नेहा ने अपनी आंखे खोल दी,

बाहर से देखने वालों को ऐसा ही लग रहा था के वो दोनों किस कर रहे है लेकिन अंदर वो दोनों बस एकदूसरे की आँखों मे खोए हुए थे, वही सब लोग उनके लिए चीयर कर रहे थे

अचानक राघव ने नेहा का बाया हाथ पकड़ा जिससे वो सिहर उठी और वो हाथ उसने अपनी गर्दन पर रख दिया और इसमे उसने अपनी नजरे नेहा की नजरों से बराबर मिलाई हुई थी वही नेहा ने शर्मा कर अपनी पलके झुका ली, वो अपने पूरे चेहरे पर राघव की साँसों को महसूस कर सकती थी

कुछ समय बाद राघव बोला

राघव- चलो सब निकलो अब मुझे मेरी वाइफ के साथ थोड़ी प्राइवसी चाहिए

राघव नेहा को देखते हुए अपने भाई बहनों से बोला जिससे नेहा उसे घूर के देखने लगी

शेखर- हाओ हाओ, मुझे लगता है अपने को चलना चाहिए अब, भाई आप कन्टिन्यू करो

शेखर के इतना बोलते ही वो सब लोग मुसकुराते हुए वहा से निकल गए लेकिन राघव अब भी नेहा की आँखों मे ही खोया हुआ था

राघव- जाते टाइम दरवाजा बंद करके जाना

राघव ने थोड़ा जोर से कहा ताकि वो लोग सुन सके वही इससे नेहा और ज्यादा नर्वस हो गई और शर्मा ने लगी

राघव- क्या हुआ मिसेस देशपांडे? इतनी शर्म अचानक से?

राघव ने अपनी डीप आवाज मे पूछा वही नेहा की मुस्कान छुपाये नहीं छुप री थी उसने चुनरी से अपना चेहरा छुपा लिया बदले मे राघव भी हसा और उसने ऐसे हसते देख नेहा ने चौक के उसे देखा क्युकी ये तो रेयर मोमेंट था,

राघव- क्या?

नेहा- वो... आप

राघव- अरे अब क्या मैं हस भी नहीं सकता क्या

नेहा- नहीं वो बात नहीं है वो मैंने आपको कभी ऐसे हसते नहीं देखा न तो...

नेहा वापिस नर्वस होने लगी थी और राघव के रिएक्शन से तो वो वैसे ही थोड़ा डरती थी क्या पता इसका मूड कब बदल जाए

लेकिन इस बार राघव कुछ नहीं बोला बस उसे देखता रहा ‘अभी तो तुमने राघव को जाना ही नहीं है लेकिन जान जाओगी’

नेहा- मुझे.... मुझे लगता है मुझे अब जाना चाहिए

नेहा से अब वहा राघव की नजरों के सामने नहीं बैठा जा रहा था तो वो वहा से जाने के लिए उठी ही थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया, नेहा का दिल जोरों से धडक रहा था

राघव- मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई है

राघव ने उसे वापिस अपने सामने बैठा लिया, नेहा बैठे बैठे अपनी साड़ी के पल्लू से खेलने लगी लेकिन वो राघव की तरफ नहीं देख रही थी

राघव- वो शेखर जो कह रहा था क्या वो सच है? तुम सही मे मुझे राक्षस बुलाती हो?

राघव ने पूछा और नेहा ने एकदम उसे देखा

नेहा- नहीं! नहीं तो वो तो शेखर उस टाइम मजाक कर रहा था मैं ऐसा थोड़ी कह सकती हु आपको

नेहा ने जोर ने ना मे मुंडी हिलाते हुए किसी बच्चे की तरह कहा

राघव- अच्छा! नही वो मैंने परसो सुबह नींद मे किसी को रावण बुलाते हुए सुना था, वो कौन था फिर??

राघव ने मासूमियत से पूछा वही नेहा को पता चल गया के चोरी पकड़ी गई है

नेहा- जी वो... असल मे...

नेहा अब थोड़ा डर रही थी उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था के राघव ने उस दिन वो सुन लिया होगा और अब राघव क्या बोलेगा इस बारे मे वो सोचने लगी वही राघव अपनी मुस्कान छुपाते हुए नेहा के मजे ले रहा था, नेहा से कुछ बोलते नहीं बन रहा था और जब वो कुछ बोलने ही वाली थी के तभी उन दोनों को नीचे से किसी के चिल्लाने का आवाज आया, किसी एक का नहीं बल्कि कई लोग एकसाथ चिल्लाए थे,

उस आवाज ने उनका ध्यान अपनी ओर खिच लिया था और क्या हुआ है ये देखने के लिए वो लोग जल्दी से नीचे भागे और वहा जो उन्होंने देखा वो उन्हे शॉक करने के लिए काफी था...

ऐसा क्या हुआ होगा ?

बताओ फिर कमेंट्स मे...

क्रमश:
Lazwaab update
 

iamLoverboy

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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
Behad hi umda update adrishi bhai
Neha jaisi biwi kismat walo ko hi milti hai
 
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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
Veri nyc stori dear
 

Tiger 786

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राघव और नेहा आवाज सुन कर दौड़ कर नीचे आए तो उन्हें नीचे का महोल देख कर थोड़ा शॉक लगा

राघव ने जब वहा की हालत देखि और अपनी दादी को देखा तो वो भाग के उसने पास गया और घुटनों पर उनके सामने बैठ गया, दादी सोफ़े पर अपने सर पर हाथ लगाये बैठी थी , नेहा भी राघव के पीछे पीछे दादी के पास आई

राघव- दादी क्या हुआ है?

राघव ने चिंता से पूछा लेकिन दादी ने कुछ जवाब नहीं दिया लेकिन उनकी आँखों मे पानी राघव देख सकता था और वही उसे सबसे ज्यादा परेशान कर रहे थे.. जब राघव ने अपनी दादी से कोई जवाब नही पाया तो वो जवाब की उम्मीद मे दादू की ओर मूडा

राघव- दादू क्या हुआ है? अरे बताओ कोई तो! पापा? चाचू?

राघव ने दादू से पूछा लेकिन वो भी कुछ बताने की हालत मे नहीं थे, दादू कही खोए हुए थे और अपने पापा और चाचा से भी राघव को कुछ जवाब नहीं मिला

राघव- अरे कोई मुझे बताएगा के क्या हुआ है?

किसी से भी जवाब ना पा कर राघव अब चिढ़ने लगा था और उसने चिल्ला के पूछा तभी शेखर उसके पास आया

शेखर- भाई बड़ी दादी ( दादी की बड़ी बहन)... उनकी... उनकी तबीयत बहुत सीरीअस है.... कुछ भी हो सकता है

शेखर ने धीमे से नीचे देखते हुए कहा

गायत्री- मुझे दीदी के पास जाना है, शिव मुझे वहा ले चलिए

दादी रोते हुए उठ कर दादू से बोली

शिवशंकर- हम्म, धनंजय ने सब तयारी कर दी है गायत्री, कार तयार है हम अभी वहा चल रहे है

दादू ने दादी को शांत कराते हुए कहा

गायत्री- तो जल्दी चलो फिर

दादी की हालत देख राघव ने उन्हे गले लगा लिया और उनकी पीठ सहलाने लगा

रमाकांत- मा ऐसे रोइए मत आप आपकी तबीयत खराब हो जाएगी और पापा आ रहे है आपके साथ और हमे भी मिलना है मौसी से हम भी चल रहे है

रमाकांत जी ने कहा जिसपर दादू ने हामी भर दी

शिवशंकर- ठीक है फिर मैं गायत्री, रमाकांत जानकी धनंजय और मीनाक्षी जाते है अभी, वो भी हमसे मिलना चाहती है

विवेक- हम भी आएंगे दादू

शेखर- हा दादू हम भी चलेंगे

रमाकांत- ठीक है फिर विवेक और रिद्धि हमारे साथ ही चलेंगे और किसी को सब मैनेज करने के लिए यहा रुकना पड़ेगा बेटा राघव नेहा तुम और शेखर और श्वेता तुम लोग यहा का सब मैनेज करके कल सुबह आ जाना, और शेखर तुम मेरे पार्टी ऑफिस मे जाकर खबर कर देना और कुछ काम होगा तो सेटल कर देना

शेखर- जी बड़े पापा

राघव- मैं ऑफिस के काम देख लूँगा बाकी सब शेखर देख लेगा

शिवशंकर- मुझे लगता है हमे वहा कुछ दिन रुकना पड़ेगा

ये लोग बात ही कर ही रहे थे के इतने मे ड्राइवर ने आकार गाड़ी रेडी है कहा

धनंजय- हम्म! हम लोग आ ही रहे है तुम तब तक कार शुरू करो

रमाकांत- मा पापा आप जाकर पॅकिंग कर लीजिए हम भी तयार हो जाते है

जिसके बाद दादू दादी को लेकर अपने कमरे मे चले गए वही घर के बड़े लोग सब पॅकिंग मे लग गए और राघव अपना सर पकड़ कर वही सोफ़े पर बैठ गया और शेखर उसके बाजू मे वही घर की दोनों बहु बड़ों की पॅकिंग मे मदद करने लगी, कुछ समय बाद विवेक और रिद्धि के साथ वो सब लोग निकल गए

राघव- शेखर तुम पहले डैड के पार्टी ऑफिस का काम निपटा कर ऑफिस पहुचो मैं ऑफिस के लिए निकल रहा हु आज सब मैनेज करके हम कल सुबह जल्दी ही निकलेंगे

राघव ने शेखर से कहा और सुबह जल्दी निकलने वाली लाइन उसने नेहा को देख कर बोली तो दोनों ने हामी भर दी जिसके बाद राघव और शेखर अपने अपने कामों से चले गए और अब उस बड़े से वाड़े मे बस नेहा और श्वेता बची थी।

नेहा- श्वेता शाम होने वाली है तुम भी जाकर अपने और शेखर के कपड़े पैक करने शुरू कर दो आज इन लोगों को आने में लेट होने वाला है, मैं हेलपर्स को सब समझ देती हु

श्वेता- भाभी रीलैक्स सब सही होगा

श्वेता ने नेहा के कंधे पर हाथ रख कर उसे शांत करते हुए कहा

नेहा- ये लोग बड़ी दादी को लेके बहुत सेंसिटिव है श्वेता, और इनका तो पूरा बचपन ही उनके साथ गुजरा है तो ये उनसे काफी ज्यादा क्लोज़ है अब ये और स्ट्रेस ले लेंगे, मैंने कभी बड़ी दादी को देखा नहीं है लेकिन उनके बारे मे बहुत सुना है वो तबीयत की वजह से हमारी शादी मे भी नहीं थी

श्वेता- हम इसमे कुछ नहीं कर सकते भाभी, अब असल बात तो वहा जाकर ही पता चलेगी

जिसके बाद श्वेता अपने रूम मे चली गई और नेहा ने घर के नौकरों को सब समझाया और वो भी पॅकिंग करने अपने कमरे मे चली गई...

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इस वक्त घड़ी मे रात के 12.30 बज रहे थे और राघव और शेखर अभी तक ऑफिस से नहीं लौटे थे और नेहा और श्वेता उनका इंतजार कर रही थी

जल्द ही उन्हे बेल बजने का आवाज आया तो श्वेता ने दरवाजा खोला, सामने राघव और शेखर थके हुए खड़े थे श्वेता ने उन्हे अंदर आने का रास्ता दिया

श्वेता- सब हो गया

श्वेता ने शेखर से पूछा तो उसने हा मे गर्दन हिला दी और वो और राघव सोफ़े पर आकार बैठ गए तो नेहा ने उनके लिए पानी ले लाई

नेहा- आपलोग जाकर चेंज कर आओ मैं खाना लगाती हु

नेहा उन दोनों के पानी के खाली ग्लास लेते हुए कहा, बादमे खाना उन लोगों ने शांति से ही खाया, नेहा खाते वक्त ज्यादा बोलती नहीं थी वही श्वेता भी ज्यादा कुछ नहीं बोली क्युकी राघव और शेखर काफी ज्यादा थके हुए लग रहे थे, अगले हफ्ते दस दिन का काम 1 दिन मे किया था उन्होंने जिसका असर उनके चेहरे पर साफ था , खाना होने के बाद दोनों अपने अपने रूम मे चले गए।


नेहा जब अपने रूम मे पहुची तो उसने देखा के राघव बेड पर आधा लेता हुया था और अपना सर सहला रहा था और उसकी आंखे बंद थी ।

नेहा- मैंने सारी पॅकिंग कर ली है!

राघव- हम्म!

राघव ने आंखे खोल के नेहा को एक पल देखा और वापिस आंखे बंद कर ली

नेहा- सर दर्द कर रहा है?

राघव- हम्म हल्का सा

राघव ने अपना सर पीछे बेड पर टिकाते हुए कहा

नेहा- मैं मालिश कर देती हु अच्छा लगेगा आपको

राघव- नहीं रहने दो हल्का सा दर्द है बस दवा ले लूँगा ठीक हो जाएगा

नेहा- जब हल्का सा ही दर्द है तो मालिश बढ़िया ऑप्शन है, हर बात पर दवाई नहीं खाई जाती

नेहा ने राघव ने पास आते हुए कहा

राघव- पक्का?

नेहा- जी, अब आइए यहा स्टूल पर बैठिए

जिसके बाद राघव ने चुप चाप नेहा की बात मान ली और नेहा ने उसके सर की तेल मालिश शुरू की जिससे राघव को रीलैक्स महसूस होने लगा

राघव- यार क्या सही लग रहा है ये

राघव ने आंखे मुंदे ही कहा

नेहा- रिद्धि ने शाम को मुझे मैसेज किया था वो सही से पहुच गए है

राघव- बड़ी दादी की तबीयत कैसी है अब? पूछा तुमने?

नेहा- मैंने कॉल किया था लेकिन बात नहीं हो पाई, फोन पर नेटवर्क नहीं था शायद मैसेज किया है लेकिन रिद्धि ने देखा नहीं है अभी

राघव- हम्म

नेहा- इतना स्ट्रेस मत लीजिए सब सही होगा

राघव- पता नहीं अब कल क्या होने वाला है

तभी नेहा ने अपनी उँगलिया राघव ने सर पर प्रेस की ठीक सर पर

राघव- आह हा यही, सही लग रहा

अब राघव का सर दर्द कम था

नेहा- मैंने कहा था अच्छा लगेगा आपको

कुछ समय बाद राघव ने नेहा को रुकने कहा जब उसे अच्छा लगने लगा और फिर वो बेड पर लेट गया और नेहा भी अपने हाथ धो कर वहा आ गई

राघव- हम कल सुबह 6 बजे निकलेंगे

राघव ने नेहा को कल का प्लान बताया जिसपर उसने हा मे गर्दन हिला दी जिसके बाद राघव ने नेहा का बाया हाथ पकड़ लिया जिससे नेहा पहले तो थोड़ा चौकी लेकिन कुछ बोली नहीं

राघव- वो ठीक होंगी ना?

राघव ने अचानक पूछा और नेहा ने अपना दाया हाथ राघव के हाथ पर रख कर उसे आश्वस्त किया

नेहा – सब सही होगा आप ज्यादा मत सोचो इस बारे मे

राघव- मैंने अपना बहुत सा बचपन, छुट्टिया उनके साथ बिताई है इसीलिए वो मेरे सबसे ज्यादा क्लोज़ है मैं नहीं जानता अगर उन्हे कुछ हुआ तो मैं क्या कर बैठूँगा

राघव की आवाज से साफ पता चल रहा था के उसे बड़ी दादी की कितनी फिक्र थी और वो कितना ज्यादा डरा हुआ था, नेहा उसकी चिंता को साफ महसूस कर पा रही रही वो उसके थोड़ा पास सरकी

नेहा- बस कुछ मत सोचिए, कल जो होगा हम साथ मे देखेंगे सब सही होगा आप बस आराम कीजिए अभी

नेहा ने राघव के सर को थपथपाना शुरू किया और राघव ने अपनी आंखे बंद कर ली और धीरे धीरे नींद के आग़ोश मे समा गया......

क्रमश:
Awesome update
 
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