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Romance In Love.. With You... (Completed)

Jos Jerrin

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Update 43




विशाल और रितु को बाय करने के बाद राघव और नेहा अपने कमरे मे लौट आए

राघव- ये क्या हुआ अभी अभी.. ?

राघव ने कमरे मे आते हुए अचानक से पूछा

नेहा- हा??

वही राघव का सवाल समझ ना आने पर नेहा ने उसे कंफ्यूजन मे देखा

राघव- यही जो अभी अभी सीन हुआ है क्या ये सही था??

राघव अब भी इस पूरे नाटक पर कन्फ्यूज़ था हालांकि जो हुआ वो सही हुआ है लेकिन राघव समझ नहीं पा रहा था के क्या ये सब जरूरी था हालांकि इस नाटक ने उन्हे और करीब लाया था और कभी कभी आपको आगे बढ़ने के लिए एक पुश की जरूरत होती है जो उसके परिवार ने किया

नेहा- पता नहीं सही था या नहीं लेकिन इससे हम पास तो आए है हमारे रिश्ते मे इंप्रूवमेंट तो है

नेहा ने आराम से कहा जिसके बाद कुछ पल तक कोई कुछ नहीं बोला

राघव- सॉरी!!

राघव ने अचानक से कहा वही नेहा ने उसे चौक कर देखा

नेहा- अब ये किस लिए?

राघव- पिछले 5 महीने, जब से हमारी शादी हुई है मैंने कभी तुम्हारे बारे मे नहीं सोचा कभी केयर नहीं की मैं अपनी इनसिक्योरिटी से झूझ रहा था ईडियट था मैं, याद है तुमने मुझे उस दिन कहा था साथ मे टाइम स्पेन्ड करने ताकि मैं तुम्हें जान सकु तुम मुझे जान सको लेकिन अब सोचता हु सिर्फ एक्शन से किसी के बारे मे पता चलता तो मैं कभी ये नहीं जान पाता के तुम इतना अच्छा डांस करती हो इतनी जल्दी तो नहीं क्युकी वहा तो तुम कभी डांस करती नहीं

फिर राघव ने नेहा के दोनों हाथ पकड़े और उसके करीब आया

राघव- मुझे तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानना है, मुझे अपनी चिक्की को जानना है, तुम्हारी पसंद नापसंद सब कुछ और ये सिर्फ एक्शन ने नहीं पता करना है बल्कि तुम मुझे बताओगी, प्लीज मुझे सब जानना है, तुम्हारे फ्यूचर प्लांस, सपने सब कुछ मुझे कुछ पता नहीं है!

नेहा ने कुछ पल राघव को देखा और फिर मुस्कुराई

नेहा- तो आप ही बताइए कहा से शुरू करू??

राघव- उम्म.... हॉबीस्?

नेहा- मेरी हॉबीस्.... मुझे कितबे पढ़ना पसंद है, कभी कभी गाना गाना अच्छा लगता है, पेंटिंग गेम्स और डांस तो बहुत बहुत ज्यादा पसंद है...

राघव- हा पढ़ने वाली बात तो पता है और मैं देख सकता तुम्हें कैसी बुक्स पसंद है

राघव ने टेबल पर रखी डार्क रोमांस की बुक देखते कहा

नेहा- ओये मेरी पर्सनल चीज है वो आप नहीं देख सकते

राघव- ओके ओके ठीक है अब एजुकेशन, फॅमिली?? सॉरी लेकिन मुझे कुछ नहीं पता, कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया

राघव ने नीचे देखते हुए कहा वही नेहा की स्माइल गायब हो गई, इस लिए नहीं के राघव को कुछ नहीं पता था बल्कि इसके पीछे कोई और वजह थी, राघव ने ऊपर देखा तो उसका उतरा चेहरा उसे दिखा

राघव- सॉरी क्या मैंने.....

लेकिन नेहा ने उसे बीच मे रोक दिया

नेहा- इट्स ओके लेकिन....

राघव- लेकिन...?

नेहा- कुछ नहीं, मैंने डांस एण्ड आर्ट्स मे डिग्री ली है क्युकी मुझे डांस बहुत पसंद है

राघव- और आपको कौनसे टाइप का डांस पसंद है??

नेहा- सब तरह का

नेहा ने कहा जिससे राघव के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- सब सीखा भी इसी एक्साइटमेंट मे था क्या

नेहा- सीखना क्या है मैं पैदा ही टैलन्टिड हुई थी और डांस तो ड्रीम है मेरा

राघव- ड्रीम??

नेहा- हा मेरा सपना था अपनी डांस अकादेमी खोलने का लेकिन वो कभी हो ही नहीं पाया

नेहा ने उदासी भरे स्वर मे कहा

राघव- क्यू??

नेहा- उस टाइम इतने पैसे नहीं थे और किसी से मांगने की हिम्मत नहीं थी.... मेरी मा का सपना था ये वो एक बेस्ट क्लैसिकल डान्सर थी मैंने देखा है उन्हे डांस को इन्जॉय करते हुए

नेहा ने याद करते हुए कहा वही राघव को उसे देख थोड़ा बुरा लगा उसे नेहा के चेहरे पर ये उदासी वाले भाव अच्छे नहीं लग रहे थे वो अच्छे से जानता था के कैसा लगता है जब आप कोई सपना देखो और किसी कारण से उसे पूरा ना कर पाओ

राघव- तुम्हारी मा.....

लेकिन इस बार भी राघव को बोलते बोलते बीच मे रुकना पड़ा क्युकी किसी ने उनके रूम का दरवाजा खटखटाया था, राघव ने गेट खोला तो वहा विवेक स्माइल लिए खड़ा था

विवेक- भाई.... भाभी... अगर आप लोगों की प्यार भरी गुलू गुलू हो गई हो तो पीछे वाले गार्डन मे मिलों

विवेक की बात सुन नेहा तो नीचे देखने लगी वही राघव परेशान चेहरे से विवेक को घूरने लगा

राघव- क्यू???

विवेक- अरे आओ ना हम इंतजार कर रहे है

राघव- हम??

विवेक- इस टाइम इतने सवाल कौन करता है यार चलो जल्दी वही देख लेना

विवेक ने चिढ़ते हुए कहा और वहा से निकल गया और राघव और नेहा भी गार्डन मे पहुचे तो देखा के अक्खी गैंग वहा थी और इन्हे देख के उनके चेहरे पर शरारती मुस्कान उभर आई थी

शेखर- लबों को लबों पर सजाओ... क्या हो तुम मुझे अब बताओ....

राघव और नेहा के वहा आते ही शेखर के ये गाना गुनगुनाना शुरू किया वही ये गाना सुनते ही नेहा की तो बोलती बंद हो गई वही राघव शेखर को घूरने लगा

शेखर- क्या?? अब क्या मैं गाना भी नहीं गुनगुनाना सकता

शेखर के राघव को देखते हुए कहा तभी

रिद्धि- इश्क लबों का कारोबार....

रिद्धि ने भी शेखर का साथ देते हुए गाना गाना चालू किया और शेखर भी रिद्धि का साथ देने लगा वही नेहा ऊपर वाले से बचा ले वाली दुआ कर रही थी

राघव- शट अप रिद्धि!!

राघव ने रिद्धि को चुप कराने की कोशिश की लेकिन ये लोग कहा मानने वाले थे

रिद्धि- भाई मैं तो बस शेखर भईया के साथ अंताक्षरी खेल रही थी

रिद्धि ने शेखर को देखते हुए कहा

विवेक- भाई चरण कहा है आपके, नहीं शेखर भाई तो कॉलेज ट्रिप के श्वेता भाभी को किस किए थे आप तो फॅमिली ट्रिप पे सबके बीच... वो भी रितु के सामने मतलब बवाल एकदम!! 🫡😁

विवेक ने हसते हसते हुए कहा

राघव- ऐक्टिंग कर रही थी वो!

राघव ने कहा जिससे सब हसते हसते रुक गए और उसे कन्फ़्युशन मे देखने लगे फिर राघव ने उन्हे सब कुछ बताया और महोल शांत हो गया लेकिन कुछ ही पालो मे सब वापिस हसने लगे

आकाश- मतलब पोपट हो गया आपका

आकाश ने हसते हुए कहा

शेखर- शायद दुनिया का सबसे अच्छा पोपट

राघव- हसो मत बे ये क्या हसने वाली बात है!!

शेखर- अरे छोड़ो न भाई जो हुआ अच्छे के लिए हुआ इतना क्या सोचना उसमे

नेहा - फिर भी!! सोचो अगर हमारा बड़ा वाला झगड़ा होता तो और अगर हम को गलतफहमी क्लियर नहीं करते तो

शेखर- लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ना सो रीलैक्स जो नहीं हुआ उसके बारे मे क्यू सोचना

श्वेता- लेकिन भाभी मैंने उसे मन ही मन कितना कुछ कह दिया मैंने तो उसे पत्थर समझ था वो तो हीरा निकली

फिर कुछ पालो बाद इन लोगों ने इस मैटर को यही क्लोज़ किया तभी संध्या जी ने उन्हे आवाज दी, दादू उन्हे बुला रहे थे, दादू ने उन्हे कहा के वो यहा अब बहुत दिन रुक चुके है तो अब कल सुबह ही वो सब घर के लिए निकलने वाले थे

खाना खाने के बाद नेहा जब रूम मे आई तो राघव बेड पर बैठा अपना फोन चला रहा था और नेहा को देखते ही उसकी आँखों मे एक चमक आ गई इसलिए नहीं के नेहा रूम मे आ गई थी बल्कि इसलिए क्युकी उसके हाथ मे राघव का लैपटॉप था और जब नेहा ने लैपटॉप राघव के सामने रखा तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई

राघव- मैंने सारी पॅकिंग कर ली है

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- ठीक है मैं मेरी पॅकिंग कर लरती हु

नेहा ने उठते हुए कहा तभी राघव ने उसका हाथ पकड़ लिया

राघव- मैंने तुम्हारी बैग्स भी पैक कर ली है

वही नेहा बस उसे देखने लगी क्युकी ये वो राघव तो नहीं था जीसे वो जानती थी

नेहा- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब

नेहा ने अपना गला साफ करते हुए कहा और अपना हाथ राघव के हाथ से छुड़ाया

राघव- इतनी जल्दी? हम हमारी बातचित कन्टिन्यू करने वाले थे ना

राघव ने कहा और नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- सो कन्टिन्यू, तुमने मुझे तुम्हारी हॉबी बताई सपने बताए अब फॅमिली??

राघव के सवाल पर नेहा सीधी होकर बैठ गई और राघव उसे कन्फ्यूज़ होकर देखने लगा

नेहा- फॅमिली!! मैं अपने चाचा चाची के साथ रहती थी शादी से पहले

राघव नेहा की आवाज मे का कंपन महसूस कर सकता था

राघव- तुम्हारे मॉम डैड? वो कहा है?

रहाव के सवाल पर नेहा की आंखे नम होने लगी और उसकी आँखों से आँसू गिरा और राघव ने अपने एक हाथ से उसे कंधे से पकड़ा

नेहा- वो.... वो.. नहीं रहे

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए दूसरी तरफ देखते हुए कहा वही राघव को ये बात सुन एक बड़ा झटका लगा

राघव- तो फिर वो कौन थे जिन्होंने हमारी शादी की रस्में की थी? उन्हे देख कर कोई भी कह सकता था के वो ही तुम्हारे पेरेंट्स है कितने खुश थे वो

राघव ने नेहा का कंधा सहलाते हुए कहा

नेहा- वो मेरे चाचा चाची है और वो खुश इसीलिए थे क्युकी वो मुझे अपनी बेटी मानते है मुझसे बहुत प्यार करते है, आप जानते है मैंने इस शादी के लिए हा क्यू कही थी जबकि मैं आपको जानती भी नहीं थी?? मैंने हा कहा था क्युकी इस रिश्ते से वो बेहद खुश थे और मैं उन्हे ना नहीं कर सकती थी ये जानते हुए की उन्होंने मेरे लिए कितना किया है! आपने मुझसे पूछा था न के मैं अपना बर्थडे क्यू नहीं मानती? क्युकी वो वही दिन है जिस दिन मैंने अपने मा बाप को खो दिया था मैंने सपने मे भी नहीं सोच था के ऐसा कुछ होगा, हम खुश थे पार्टी कर रहे थे तब हमारी कार का एक ट्रक से एक्सीडेंट हुआ, मॉम मे मुझे तो बचा लिया लेकिन वो दोनों नहीं बच पाए और मैंने उन्हे अपने आँखों के सामने मरते देखा था

नेहा ने राघव को कस कर गले लगा लिया

नेहा- मुझे... मुझे आज भी उनके मुसकुराते चेहरे याद है जब मैंने उन्हे आखरी बार देखा था पापा ने कहा था के मैं उनकी स्ट्रॉंग प्रिन्सेस हु और मॉम मे कहा था के वो हमेशा मेरे साथ है...

अपने पेरेंट्स की याद मे नेहा रोने लगी थी वही राघव की आंखे भी नम हो गई थी

नेहा- मेरे चाचा चाची बहुत प्यार करते है मुझसे लेकिन मेरे मॉम डैड की जगह कोई नहीं ले सकता

नेहा अब जोर से रोए जा रही थी वही राघव ने उसे गले लगा कर उसके माथे को चूम लिया, वो नेहा को संभाल रहा था लेकिन उनसे उसे रोने दिया ताकि उसका दर्द बाहर आए नेहा को अभी उसकी जरूरत थी और राघव अच्छे से जानता था के जब आपको कोई करीबी आपको छोड़ के जाता है तो कैसा लगता है...

नेहा दो घंटे रोटी रही और राघव उसे संभालता रहा और रोते रोते ही नेहा सो गई, राघव ने उसके आँसू पोंछे और उसे अच्छे से बेड पर सुलाया और नेहा को गले लगा लिया और नेहा भी उसके आग़ोश मे समा गई.. नेहा तो सो गई थी लेकिन राघव की आँखों से नींद कोसों दूर थी और राघव बगैर पलके झपकाए उसकी तरफ देख रहा था और उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था...... कुछ सीरीअस......

क्रमश:
awesome update
 

Jos Jerrin

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Update 44




अगले दिन देशपांडे परिवार अपने घर आने के लिए निकल चुका था सब लोग सफर को इन्जॉय कर रहे थे हसी मजाक चल रहा था और इन सब मे एक बंद ऐसा था जो चुप था अब आपको उसके बारे मे अलग से बताने की जरूरत नहीं है के वो कौन था, वो राघव ही था जो किसी सोच मे डूबा हुआ था उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था, जब से वो अपने घर आने के लिए निकले थे तब से वो किसी से ज्यादा बोला नहीं था और जब वो सब लोग घर पहुचे और कार से उतरे तब भी राघव कार मे ही बैठा रहा और नेहा ने उसे ऐसे बैठा देख पूछा

नेहा- क्या हुआ आप नहीं आरहे अंदर??

राघव- नही मुझे कुछ जरूरी काम है और शायद रात मे मुझे लेट हो जाएगा

नेहा- लेकिन अभी अभी तो हम आए है कुछ खा लीजिए थोड़ा आराम कर लीजिए

राघव- मैं खा लूँगा अब तुम जाओ अंदर और सुनो शायद मुझे लेट होगा रात मे तो इंतजार मत करना

इतना बोल के बगैर नेहा के रिप्लाइ का इंतजार करे राघव वहा से निकल गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखती रही

दादी- ये कहा जा रहा है??

दादी ने राघव की जाती कार को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्होंने कहा है उन्हे कुछ जरूरी काम है आने मे लेट होगा

नेहा ने दादी से कहा जिसपर दादी मे भी हा मे गर्दन हिला दी

दादी- आते ही काम शुरू हो गए इसके खैर चलो हम अंदर चलते है

दादी ने कहा और वो सब अंदर आए वही नेहा सोचने लगी

इन्हे इतना क्या जरूरी काम था जो घर के अंदर भी नहीं आए’

देखते देखते वो दिन बीत गया और जैसा राघव ने कहा था उसे आने मे लेट हो गया था तब तक नेहा सो चुकी थी और अगले दिन राघव नेहा के उठने के पहले ही जा चुका था और जब नेहा को इस बात का पता चला उसे थोड़ा दुख हुआ ऐसा लगा मानो यहा आते ही पुराना राघव वापिस आ गया है लेकिन ऐसा नहीं था इस बार राघव ने साइड टेबल पर नेहा के लिए एक नोट छोड़ी थी जिसमे लिखा था मे काम बहुत जरूरी है और उसने नेहा ने माफी भी मांगी थी और शाम मे मिलते है ऐसा कहा था जिसे पढ़ कर नेहा को थोड़ा अच्छा लगा


शाम मे नेहा और श्वेता किचन मे जानकी जी की मदद कर रही थी तभी जानकी जी की नजर लिविंग रूम मे बैठे राघव पर पड़ी और वो उसके पास आई

जानकी- राघव कहा थे तुम?? काम क्या सेहत से ज्यादा जरूरी है?

जानकी जी ने राघव को देखते ही उसपर सवाल दागने शुरू कर दिए वही राघव थका हुआ था उसने कुछ नहीं बोला

जानकी- देखो कितना थके हुए लग रहे हो जाओ अपने कमरे मे जाकर फ्रेश हो जाओ मैं नेहा के हाथों तुम्हारी कॉफी भिजवाती हु

जानकी जी ने राघव को डाटते हुए कहा और राघव भी चुप चाप अपने रूम मे चला गया।

कुछ देर बाद नेहा उसकी कॉफी लिए रूम मे पहुची तो रूम मे कोई नहीं था तब नेहा ने वो कॉफी साइड टेबल पर रखी तभी किसी ने उसकी कमर पर चुटी काटी जिससे नेहा थोड़ी उछली और उसने पलट कर देखा तो वहा राघव था

नेहा- क्या??

राघव- क्या क्या? इधर आओ मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है

इतना कहते हुए राघव ने नेहा को बेड पर बिठाया और अलमारी से कुछ सामान निकाला और नेहा के पास आया

राघव- ये लो

राघव ने एक एन्वलोप नेहा की ओर बढ़ाया

नेहा- क्या है ये??

राघव- खुद देख लो!!

राघव ने कॉफी का घूट लेते हुए कहा और जब नेहा ने वो एन्वलोप खोला और उसमे रखे दस्तावेज पढे तो उसकी आंखे हैरत मे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी

नेहा- आप... ये... मैं... ये क्या है.... ये तो....

नेहा सही शब्द नहीं चुन पा रही थी

राघव- क्या हुआ पढ़ा नहीं जा रहा?

नेहा- पढ़ा है लेकिन आपने.. ये...

राघव- हा मैंने, तुम्हारे बेटरहाफ ने तुम्हारे लिए...

नेहा- लेकिन ये बहुत ज्यादा है मैं नहीं ले सकती

नेहा ने डॉक्युमेंट्स देखते हुए कहा

राघव- क्यू क्या प्रॉब्लेम है इसमे??

नेहा- आपने मेरे नाम पर जमीन क्यू खरीदी???

राघव- क्यू का क्या मतलब है तुम्हारे लिए खरीदी है बीवी हो तुम मेरी और सुनो जल्द ही यहा कन्स्ट्रक्शन शुरू हो जाएगा और मैं चाहता हु तुम तुम्हारी डांस अकादेमी यहा खोलो

राघव ने नेहा के कंधे पकड़ते हुए कहा

नेहा- लेकिन मैं कैसे??? ये तो आपका है??

राघव- तुम मेरी वाइफ हो नेहा और जो मेरा है वो तुम्हारा है और कुछ गलत नहीं है इसमे ना ही कोई बुरा मानने वाली बात है तुम्हें जो तुम्हें चाहिए वो मुझसे मांगने का पूरा हक है और अब तुम्हारा सपना मेरा भी सपना है और मुझे अपना सपना पूरा करना है

राघव की बाते सुन नेहा की आँखों मे आसू आ गए उसने राघव को गले लगा लिया और राघव ने भी उसे अपनी बाहों मे समा लिया

राघव- शुश रोने की कोई जरूरत नहीं है अगर तुम ऐसे रोओगी तो स्टूडेंट्स को क्या सिखाओगी

राघव ने नेहा का मूड सही करने की कोशिश की और उसके बालों मे उँगलिया घुमाने लगा

नेहा- थैंक यू थैंक यू सो मच

राघव- थैंक क्यू कहने वाली कोई बात नहीं है और अब हमे बहुत काम करने है इसके लिए पहले मुझे बढ़िया खाना चाहिए और फिर अच्छी वाली नींद उसके बाद हम बाकी की बातों को डिस्कस करेंगे

नेहा- लेकिन घर के बड़े नहीं माने तो??

राघव- वो तुम्हारी किसी बात को टाल सकते है क्या?? और वो क्यू मना करने लगे उल्टा वो तो खुश होंगे। मेरी दादी अपने जमाने मे भी दादू के साथ बिजनेस संभालती थी मा और चाची भी अपना एनजीओ चलाती है फिर वो कैसे तुम्हें रोकेंगे

नेहा- पक्का??

राघव- हा बाबा अब चलो मैंने तुम्हें ये गिफ्ट दिया है तो बदले मे मुझे क्या मिलेगा?? राघव देशपांडे बगैर फायदे के कुछ नहीं करता

नेहा- मैं क्या दे सकती हु आपको?

राघव- ज्यादा नहीं चाहिए बस आज रात का खाना मेरी पसंद का हो

राघव ने अपनी कॉफी का घूट लेते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही फिर नेहा उठी और उसने डॉक्युमेंट्स ड्रॉर में रखे राघव अपनी कॉफी पीने मे बिजी था तभी राघव को अपने गालों पर नेहा के होंठ फ़ील हुए और अभी अभी क्या हुआ है ये राघव का माइन्ड प्रोसेस करता उससे पहले ही नेहा कमरे के बाहर जा चुकी थी...

रात के खाने पर घर के सब लोग साथ बैठे हुए थे तभी

रमाकांत- राघव तुमने कोई नहीं जमीन खरीदी है क्या? मुझे कुछ डॉक्युमेंट्स आए थे मेल पर मैंने पढे नहीं

नेहा उनकी बात सुन अपनी जगह पर जम गई उसे डर था के घरवाले उसके बारे मे क्या सोचेंगे

राघव- हा डैड मैंने नेहा के नाम पर जमीन ली है उसे डांस अकादेमी खोलनी थी इसीलिए

रमाकांत- अरे वाह!! नेहा बेटा ऑल द बेस्ट, मैंने तुम्हारे चाचा से भी तुम्हारे डांस की बहुत तारीफ सुनी है

धनंजय- ऐसा था तो बेटे पहले क्यू नहीं बताया तुमने मैं पहले ही ये सब अरैन्ज कर देता अब तक तो सब शुरू हो चुका होता लेकिन अब राघव ने कर दिया ये भी सही हुआ

शिवशंकर- चलो अच्छा है राघव का दिमाग सही काम कर रहा है

गायत्री- नेहा

नेहा- जी दादी

नेहा सबसे ज्यादा दादी के रिएक्शन से डर रही थी

गायत्री- अब से ज्यादा फोकस अपनी अकादेमी पर करना किचन पर नहीं यहा संभालने वाले बहूत है मैं चाहती हु मेरी बहु बेस्ट डांसर बने

जानकी- हा बेटे घर मैनेज करने के लिए हम है तुम अपने काम पर फोकस करो अब

सबके रिएक्शन सुन कर नेहा बहुत ज्यादा खुश थी उसने राघव को देखा तो मैंने तो पहले ही कहा था वाले इक्स्प्रेशन राघव के चेहरे पर थे सब लोगों ने नेहा को अड्वाइस दी के कैसे सब करे जिसके बाद वो दोनों अपने रूम एम आए और रूम मे आते ही नेहा ने वापिस राघव को गले लगा लिया और उसे थैंक यू कहने लगी

नेहा- आपको नहीं पता ये सब मेरे लिए कितना मायने रखता है

नेहा ने कहा लेकिन उसे कुछ और भी कहना था जो वो कह नहीं पा रही थी लेकिन राघव ने उसका चेहरा पढ़ लिया था

राघव- क्या हुआ कुछ और कहना है??

नेहा- वो... मैं आपको आपके पैसे लौटा दूँगी जब मैं कमाने लगूँगी

नेहा ने हिचकते हुए कहा वही राघव ने उसकी बात सुन अपना माथा पीट लिया

राघव- इतनी जिद्दी क्यू हो तुम.. मैंने कहा न ये सब तुम्हारा है और ये मैंने दिया है तुम्हें तुम्हारे हज़बन्ड ने किसी अजनबी ने नहीं

नेहा- लेकिन फिर....

राघव- हा हा ठीक है पहले कमाओ तो फिर उसे अपन अपने बच्चों के लिए फिक्स डिपोजिट कर देंगे खुश!!

नेहा- बच्चे!!!

राघव- हा !!! क्यू तुम्हें बच्चे नहीं चाहिए क्या?? 😉

राघव ने नेहा की आँखों मे देखते हुए कहा और इस बात का नेहा के पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. मैं.. वो..

राघव- जाने दो छोड़ो सोने दो मुझे और तुम भी सो जाओ कल सुबह हमे जल्दी चलना है

राघव ने बेड पर बैठते हुए कहा

नेहा- हमे?? कहा??

राघव- ऑफिस और कहा और तुम्हें अभी अकादेमी के बारे मे सब बताना है और मार्केटिंग कैसी करनी है वो सिखाना है तभी तो ज्यादा से ज्यादा लोग अट्रैक्ट होंगे इस तरफ

नेहा- लोगों को अट्रैक्ट करने के लिए मेरा डांस ही काफी है हूह!

राघव- अच्छा है कान्फिडन्स अच्छा है लेकिन देविजी मार्केटिंग जरूरी है और और मैंने मेरे डेवलपर को बोला है तुम्हारे अकादेमी की वेबसाईट बनाने का जब तक बिल्डिंग तयार नहीं होती तब तक ऑनलाइन सिखाना, मैंने सब डिसाइड कर लिया है और अब तुम इससे पहले के ये बोलो के तुम घर से काम करोगी तो बिल्कुल नहीं!! नेहा जी इतना तो मैं आपको जान चुका हु के अगर तुम घर पर रही तो तुम घर और काम दोनों मैनेज करने की कोशिश करोगी और मैं चाहता हु तुम अब सिर्फ काम पर फोकस करो समझी

राघव की बात सुन नेहा का मुह खुला का खुला रह गया

राघव- चिक्की मुह बंद करो अपना वरना मक्खी घुस जाएगी और चलो सो जाओ अब कल जल्दी उठना है

नेहा ने अपना मुह बंद किया और चुप चाप बेड पर आकार लेट गई तब राघव बोला

राघव- सुबह प्लीज एक बारी मे उठ जाना वरना मैंने तुम्हें वैसे ही ऑफिस लेकर चला जाऊंगा

जिसपर नेहा मुह ही मुह मे पुटपुटाई

नेहा- मुझे क्या कुंभकरण समझा है

लेकिन राघव ने ये सुन लिया

राघव- हा! अब सो जाओ चुप चाप

नेहा- रावण

लेकिन इसबार राघव को ये सुनाई नहीं दिया

राघव- कुछ कहा क्या??

नेहा- नहीं नहीं!! कुछ भी तो नहीं!!

जिसके बाद कोई कुछ नहीं बोला और वो नींद के आगोश मे समा गए.....


क्रमश:
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Adirshi

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Bachaman ki yaade or maa papa ki tasveer ko dekh Neha itna emotional ho gayi thi hona bhi chahiye
Tow Raghav Babu bachpan se Neha deewane tha lekin ab jab izhate mohabbat ka time aaya tow hichkicha rehe h
Baherhal jo bhi tha badhiya tha or aage bhi badhiya hi hoga
Behtareen shaandar lajawab update bhai
Thank you for the review bhai :thanx:
 

Adirshi

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नेहा तो राघव के बचपन का प्यार निकली, वाह, और राघव बचपन में भी नेहा से ही पहल की उम्मीद करता था।

बढ़िया, अब रोमांस तो और शिद्दत से होना चाहिए।
Bilkul :approve:
Thank you for the review :thanx:
 

Adirshi

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lovely update ..dadi ne jo tohfa diya neha ko wo pata chal gaya aur ye bhi ki dono ek hi gaon ke hai ,neha ka pariwar aur raghav ka pariwar padosi the ..

raghav aur neha ki prem kahani to bachpan se hi shuru huyi thi .
dono ek dusre ko taadte rehte the gaon me .par baate nahi kar paate ..

ab tyohar hi tyohar aa rahe hai aur shopping ke maje milne wale hai dono bahuo ko .
Thank you for the review bhai :thanx:
 
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