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Romance In Love.. With You... (Completed)

Jos Jerrin

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Update 32




शुभंकर जी बड़ी दादी को लेकर अस्पताल गए हुए थे क्युकी उनका रूटीन चेकप होना था और जो जरूरी था वही घर के बाकी लोग बैठ कर चाय पीते हुए शादी और सगाई मे होने वाली रस्मों के बारे मे बाते कर रहे थे

स्वाती- सबसे बढ़िया तो जूते छुपाने वाली रस्म होती है, हमे मालामाल कर देती है वो

रिद्धि- पैसे का नेग तो और भी रस्मों मे मिलता है स्वाती..

जानकी- शेखर और श्वेता तो अपनी सगाई के टाइम पूरे फिल्मी थे क्या क्या नहीं किया था दोनों ने

रमाकांत- हा ना ये जनाब सीढ़ियों पर खड़े थे और श्वेता की उंगली मे धागा बांधा हुआ था और ऊपर से सरका के अंगूठी पहनाई थी

शेखर- अरे वो तो मैंने एक फिल्म मे देखा था बड़े पापा और मुझे वही करना था

संध्या- और वो नाम रखने वाली रस्म? शेखर तुमने क्या नाम रखा था श्वेता का हम तो बुआ जी की तबीयत की वजह से रुक नहीं पाए थे तो पता ही नहीं

विवेक- नाम वाली रस्म? ये कब हुई? और है क्या ये?

रिद्धि- जगेगा तब पता रहेगा ना दिन मे 18 घंटे तो सोते हो तुम

रिद्धि ने विवेक को टपली मारते हुए कहा

मीनाक्षी- अरे जब शादी के बाद लड़की दुल्हन बनके नए घर मे जाती है ना तो उसका नया नाम रखा जाता है जो उसके पति के नाम से मैच हो

विवेक- सही है यार, मैं भी सोच के रखता हु कुछ कभी काम आएगा

आकाश- ओये शेखर बता न तूने क्या नाम रखा था भाभी का?

शेखर- आद्या! माय फर्स्ट वन एण्ड ओन्ली लव... मैंने आद्या नाम रखा था

शेखर ने श्वेता की आँखों मे देखते हुए आकाश से कहा और श्वेता शर्मा गई

धनंजय- दट्स माय बॉय शाबाश!

धनंजय जी ने शेखर की तारीफ की जिसपर सब मुस्कुराने लगे

आरती- कितना बढ़िया नाम है लेकिन हमने तुम्हें कभी श्वेता को इस नाम से बुलाते हुए नहीं सुना ऐसा क्यू ?

आरती जी का सवाल सुन दादू बोले जो वही बैठे थे

शिवशंकर- ऐसा इस लिए क्युकी ना तो श्वेता अपना नाम बदलना चाहती थी ना ही हमारी उसका नाम बदलने की इच्छा थी, एक लड़की अपना घर अपना परिवार छोड़ कर अपने ससुराल आती है अपने पति के घर को स्वर्ग बनाने इससे ज्यादा और क्या चाहिए

गायत्री- हा... और वैसे भी ये सिर्फ एक रस्म है और किसी भी लड़की को नाम बदलने की जरूरत नहीं है हमारा नाम तो हमारी पहचान होता है हमारे माता पिता ही देन है वो

शिवशंकर- वही तो और बच्चे पर पहला अधिकार उसके मा बाप का होता है फिर उनका दिया नाम कोई लड़की कैसे बदले बताओ

रमेश- एकदम बराबर कहा आपने! मा बाप का दर्ज सबसे ऊपर है

आरती- अच्छा शेखर का तो सुन लिया अब चलो राघव तुमने नेहा को क्या नाम दिया था बताओ?

अचानक आए इस सवाल से नेहा और राघव दोनों के कान खड़े हो गए नेहा ने अपनी नजरे झुका ली और राघव को गिल्टी फ़ील होने लगा

जानकी- आपको तो पता है मामीजी राघव शादी वाले दिन ही बिजनस ट्रिप पर चला गया था और ये रस्म अगले दिन होती है तो हमने सोचा था के राघव से फोन पर वही से पुछ लेंगे लेकिन ये तो बाद मे हम सभी भूल गए थे

अब ये क्या नया रायता है यार, मैंने क्या क्या मिस किया है’ राघव मन ही मन अपने को कोसने लगा

मीनाक्षी- अरे हा ये तो हम भूल ही गए थे राघव को बाद मे किसी ने इस बारे मे पूछा ही नहीं क्युकी ये लौटा ही 2 महीने बाद था और वैसे भी नाम बदलना ही नहीं था तो किसी ने इसके बारे मे उतना सोचा भी नहीं

संध्या- अच्छा अब वैसे भी राघव उसे उस नाम से नहीं बुलाता लेकिन कुछ तो नाम इसने दिया ही होगा नेहा को वो बात दे

अब संध्या जी की बात सुन राघव के रोंगटे खड़े हो गए

राघव- चाची छोड़ो न कहा आप भी ये बात लेकर बैठ गई वैसे भी बुलाना सबने उसे नेहा ही है

राघव के बहाने बनने शुरू हो गए थे वही नेहा अपनी साड़ी के पल्लू से खेलने लगी

गायत्री- हा तुम्हारी बात सही है लेकिन बताओ तो क्या नाम रखा था तुमने ये इतनी कौनसी बड़ी बात है

जानकी – हा राघव ये तो मैं भी नहीं जानती के मेरे बेटे ने मेरी बहु को क्या नाम दिया था! ये तो गलत बात है चलो बताओ अब

राघव- मा आप भी क्या लेके बैठ गई छोड़ो ना

लेकिन राघव की एक नहीं चल रही थी क्युकी अब सारे घरवाले नाम जानने की जिद पकड़ चुके थे और कोई नाम था ही नहीं और इन सब के एक साथ प्रेशर देने से राघव कोई बढ़िया सा नाम सोच भी नहीं पा रहा था उसका दिमाग एकदम खाली हो गया था कोई आइडिया नहीं आ रहा था, उसने आजू बाजू कुछ हिंट्स के लिए देखा लेकिन उसे कुछ नहीं मिला, मदद की आस मे उसने नेहा को भी देखा लेकिन उसने भी हल्के गुस्से मे अपनी नजरे घुमा ली

इनके पास मेरे लिए कोई अच्छा नाम सोचने के 5 मिनट भी नहीं थे क्या? अब भुगतो’ नेहा ने मन ही मन सोचा

‘अरे यार इसको भी अपने मूड स्विंग्स अभी दिखने है क्या?’

रिद्धि- बताओ ना भाई सब राह मे है

रिद्धि ने राघव को उसके खयालों से बाहर निकाला

राघव- वो..

तभी राघव की नजर सामने टेबल पर पड़े अखबार पर गई और उसकी आंखे अखबार मे कोई बढ़िया सा नाम ढूँढने लगी

विवेक- बताओ यार भाई

विवेक ने थोड़ा जोर से पूछा

राघव- चिक्की

विवेक की बढ़ी हुई आवाज सुन एकदम से ये नाम राघव के मुह से निकला जिसे सुन सब लोग एकदम शांत हो गए

सब लोग आश्चर्य से राघव को देखने लगे और नेहा तो आँख और मुह फाड़े उसे देख रही थी और सबका ये रिएक्शन देख राघव ने वापिस अपने आप को मन ही मन डांटा

“चिक्की!!!!!!” गायत्री और जानकी को अब भी यकीन नहीं हो रहा था और राघव ने गर्दन झुकाए अपनी आंखे बंद कर मुंडी हिलाई

और राघव के एक्सप्रेशन देख वह मौजूद सभी जोर जोर से हसने लगे पेट पकड़ पकड़ कर

रिद्धि- भाई सच मे ये नाम रखा है आपने भाभी का ?? चिक्की??

रिद्धि अपना पेट पकड़ के हसते हुए बोली और विवेक जो सोफ़े की साइड पर बैठा हुआ था वो तो हसते हसते गिरने वाला था अगर आकाश उसे नहीं संभालता तो और आकाश विवेक को संभालते हुए हसे जा रहा था

रमाकांत- राघव ऐसा नाम कौन रखता है बेटा?? तुमने पी रखी थी क्या उस दिन?

रमाकांत जि अपनी हसी कंट्रोल करते बोले

राघव- डैड प्लीज आप तो मत ऐसा बोलिए

रमाकांत- अरे ऐसा नाम सोचो तुम हम बोले भी ना 😂

जानकी- तुमने क्या सोचा था राघव जो मेरी बेटी का ऐसा नाम रखा

जानकी जी आपने आँसू पोंछते हुए बोली जो हसते हसते उनकी आँखों से आने लगे थे

शेखर- क्या था ये 😂😂😂😂😂😂😂

राघव- इतनी बड़ी मजेदार बात भी नहीं है जो आपलोग ऐसे रिएक्ट कर रहे है मुझे क्यूट लगा ये नाम तो मैंने ये रख दिया बस

आरती- हा क्यूट तो है लेकिन तुम्हारे मुह से ऐसा नाम सुनना अलग है बस

आरती जी ने हसते हुए कहा और राघव ने मदद के लिए अपने दादू की ओर देखा जो वहा अभी उसका एकमात्र सहारा थे और दादू भी राघव का इशारा समझ कर बोले

शिवशंकर- बस बहुत हो गया ये उसकी चॉइस है उसे क्या नाम देना था ये उसका प्यार जताने का तरीका होगा

रमेश- हा सही है ये तो उनकी चॉइस है ये वो एकदूसरे को किस नाम से बुलाना चाहते है

रमेश जी भी मुसकुराते हुए बोले

गायत्री- अच्छा अब सब चलो बाते बहुत हुई और बहुत सा काम बाकी है अभी

दादी अपनी मुस्कान छुपाने का असफल प्रयास करते हुए बोली और सब हसते हुए अपने अपने काम मे लग गए

शेखर और श्वेता दोनों जानते थे के राघव ने झूठ बोला है लेकिन वो नाम ही ऐसा था के वो अपनी हसी रोक ही नहीं पाए और एक एक करके सब लोग वहा से अपने अपने कामों के लिए निकल गए और राघव ने राहत की सास ली और नेहा को देखा जो अब भी सेम शॉक वाले एक्सप्रेशन लिए वही अपनी जगह पर बैठी थी किसी मूर्ति की तरह

राघव ने नेहा के कंधे को अपनी उंगली से छुआ जिससे झटके के साथ नेहा उसकी ओर मुड़ी और नेहा के एकदम ऐसे मुड़ने से राघव थोड़ा डर के पीछे सरक गया

नेहा- ची.. चिक्की !!? आपको... आपको और कोई नाम नहीं मिल क्या?? चिक्की??

वो राघव की तरफ बढ़ी और राघव पीछे हटने लगा

राघव- मुझे और कोई नाम नहीं मिला तो...

नेहा- तो आपने चिक्की रख दिया हे भगवान मुझे नहीं पता था इस मामले मे आपका दिमाग इतना स्लो है

नेहा ने बाकियों के रिएक्शन याद कर रोने वाले एक्सप्रेशन अपने चेहरे पर लाए

राघव- ओये मेरा दिमाग स्लो नहीं है

नेहा- है!! इसीलिए तो आपने ऐसा नाम बताया, चिक्की कौन रखता है यार

राघव- रहने दो क्यूट नाम है

बदले मे नेहा ने बस उसे घूरा

राघव- क्या? क्यूट है तो है और अब मैं तुम्हें इसी नाम से बुलाऊँगा ठीक है न, चिक्की

राघव ने मुस्कुराते हुए नेहा के गाल खिचते हुए कहा, और कोई वक्त होता तो नेहा राघव के ऐसे उसे छेड़ने को इन्जॉय करती लेकिन अभी उसे चिक्की के सामने कुछ नहीं दिख रहा था

नेहा- आप मुझे इस नाम से बिल्कुल नहीं बुलाएंगे!

नेहा ने अपनी उंगली राघव को दिखा कर धमकाते हुए कहा

राघव- कौन बोला, मैं तो इसी नाम से बुलाऊँगा और तुम मुझे नहीं रोक सकती वैसे भी ये रस्म थी

राघव वहा से इतना बोल कर जाने लगा

नेहा- उहमहू चीटिंग है ये आप... आप ऐसा नहीं करेंगे.... रुकिए.... सुनिए तो... आप मुझे उस नाम से नहीं बुलाएंगे

नेहा राघव के पीछे पीछे जाने लगी लेकिन राघव ना तो मूड रहा था ना उसकी कोई बात सुन रहा था उसने बस चिक्की चिक्की की रट लगाई हुई थी......

क्रमश:
Chikki is a cute name to be honest. This is a superb update
 

Jos Jerrin

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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

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रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Raghav is changing for sure
 

Jos Jerrin

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Update 34




आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Awesome update bro
 

Jos Jerrin

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Update 35



कुछ ही समय मे वो सब लोग वेन्यू पर पहुच चुके थे, सारा हॉल फूलों और लाइटिंग से सजा हुआ था और मोस्टली सभी मेहमान लोग आ चुके थे लड़की वाले और लड़के वाले दोनों साइड के

अपनी टीम जब वहा पहुची तो इनका लड़की वालों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया

“भाभी लोग!!” कोई पीछे से आकार नेहा और श्वेता से चिपक गया और वो थी ममता और सुरेश जी की छोटी बेटी निकिता जो नेहा और श्वेता को देख भाग कर उनके पास आई थी

नेहा- हैलो निकिता कैसी हो तुम

निकिता- मैं हमेशा की तरग एकदम फिट और फाइन

निकिता ने श्वेता के गले लगते कहा

श्वेता- बाकी लोग कहा है?

निकिता- मॉम डैड और आँचल दी होंगी यही कही बाकी लोगों से मिल रहे होंगे

जिसके बाद नेहा और श्वेता बाकी लोगों से मिलने वहा से चली गई वही निकिता अपनी बाकी गैंग के पास आई

निकिता- यो भाईलोग क्या हाल है

निकिता ने सबसे मिलते हुए कहा

विवेक- अभी तक तो सब ठीक था अब तुम आगई हो तो आगे पता नहीं ठीक हो या ना हो

विवेक ने आते ही निकिता हो चिढ़ाना शुरू कर दिया और बदले मे निकिता पहुची राघव के पास

निकिता- राघव भाई देखो ना ये आते मुझे ही परेशान कर रहा है

राघव- विवेक!!

निकिता- वैसे आकाश भाई आपका क्या प्लान है?

आकाश- प्लान? मेरा क्या प्लान होगा?

निकिता- मतलब इतने सारे मैरीड लोगों का एग्जांपल है आपके सामने फिर भी आपको शादी करनी है? अब मेरे डैड की ही हालत देख लो ना तो आप श्योर हो ना?

आकाश- निक्की तुझे पता है न ये रिश्ता पक्का हु है तब से तू यही बात बोले जा रही है 🙄😒

आकाश ने निकिता हो घूर के देखा

निकिता- अरे नहीं बाबा मुझे ना आपसे ज्यादा राधिका भाभी की फिक्र है के वो आपको कैसे संभालेगी

आकाश- तुम ना....

लेकिन आकाश आगे कुछ बोलता उससे पहले ही रमेश जी ने उसे आवाज देके बुला लिया तो वो वहा से चल गया जिसके बाद निकिता ने अपना मोर्चा शेखर की ओर बढ़ाया

निकिता- शेखर भईया!!

शेखर- यस स्वीट्हार्ट !

निकिता- आपको नहीं लगता श्वेता भाभी आपसे बहुत बेटर है?

और निकिता की बात सुन शेखर से अपना सर पीट लिया

शेखर- शट अप निक्की तुम ऐसे मे किसी का घर तुड़वाओगी एक दिन

जिसपर निकिता बस मुस्कुरा दी

विवेक- अरे छोड़ो शेखर भाई आप कहा पागल लोगों के चक्कर मे पड रहे ये ऐसी ही है

तभी किसी ने निकिता को पीछे से गले लगा लिया, निकिता ने मूड के देखा तो वहा रिद्धि और स्वाती खड़ी थी

निकिता- रिद्धि बेबी!!!!

निकिता रिद्धि के गले लग गई अब इन लोगों की मेल मुलाकात हो ही रही थी के तभी रितु वहा आई

रितु- हाय निकिता कैसी हो बहुत दिन हो गए तुमसे मिले

रितु ने अपनी आवाज मे शहद घोल के कहा वही निकिता ने उसे एक स्माइल पास कर दी और स्वाती के कान मे धीरे से बोली

निकिता- इसको किसने बुलाया यहा

स्वाती- अपनी ग्रेट फॅमिली ने

विवेक- अबे कितनी इरिटेटिंग है यार ये

विवेक भी उनकी खुसुरपुसूर मे शामिल हो गया

रिद्धि- हा न और चिपकू भी

रितु- क्या बात कर रहे हो मुझे भी बताओ ?

रितु ने उनकी ओर देखते हुए पूछा

निकिता- नहीं बस कुछ नहीं हम आते है अभी

इतना बोल के वो चारों वहा से निकल गए रितु कुछ पल तो उन्हे देखती रही लेकिन फिर उसने अपना ध्यान वहा खड़े राघव पर लगाया जो अपने फोन मे कुछ कर रहा था

रितु- राघव चलो ना साथ मे कुछ फ़ोटोज़ क्लिक करते है

राघव- मुझे फ़ोटोज़ खिचवाना नहीं पसंद

रितु- प्लीज राघव कम से कम मेरी फ़ोटोज़ ही क्लिक कर दो

बोलते बोलते रितु ने राघव का हाथ पकड़ लिया, राघव उसे मना करने मे लगा हुआ था लेकिन वो मान ही नहीं रही थी और आखिर मे मजबूरन राघव को रितु की फ़ोटोज़ क्लिक करनी पड़ रही थी वही नेहा कुछ रिश्तेदारों से बात कर रही थी के एकाएक उसकी नजर राघव पर पड़ी जो रितु के पिक्स क्लिक कर रहा था

मुझे इनपर तो पूरा भरोसा है लेकिन इस नागिन पर बिल्कुल नहीं है’ नेहा ने रितु को देखते हुए सोचा जो फ़ोटोज़ मे कुछ अजीब सेक्सी पोज बना कर राघव को रिझाने मे लगी हुई थी उसे अपनी कमर और क्लीवेज दिखा रही थी

हॉ मेरे पति को रिझाने की कोशिश करती है, उन्होंने मुझे आजतक सही से नहीं देखा और तू बीच मे आ रही है ’ नेहा ने सोचा और उनकी ओर बढ़ी

नेहा उन दोनों के पास पहुची तो उसने रितु को अपनी ओर देख मुस्कुराता पाया लेकिन वो मुस्कान ज्यादा देर नहीं रही क्युकी नेहा ने राघव का हाथ पकड़ उसे कुछ इस तरह खिचा के उसके हाथ मे का फोन नीचे गिर गया और फोन से साथ रितु का चेहरा भी

राघव ने पहले नेहा को देखा फिर गिर कर टूट चुके उस फोन को

रितु- ये क्या किया तुमने नेहा!!?

नेहा- हे भगवान सॉरी सॉरी रितु तुम्हारा फोन था क्या? वो मैं इन्हे बुलाने आई थी मुझे क्या पता इनके पास तुम्हारा फोन होगा

नेहा ने मासूमियत से कहा

राघव- मुझे क्यू बुला रही थी तुम?

राघव ने रितु का फोन टूटा है इस बात को पूरा इग्नोर करते हुए नेहा से पूछा

रितु- राघव तुम कुछ कहते क्यू नहीं उसे, उसने मेरा फोन तोड़ा है

रितु ने अपना फोन उठाते हुए कहा

राघव- इसमे उसकी गलती नहीं है उसे नहीं पता था तुम मुझे बस अपना फोन का मोडेल बताओ मैं अपने असिस्टन्ट से कह दूंगा वो नया फोन ला देगा

राघव ने रितु को जवाब दीया जीसे सुन नेहा थोड़ा सा पीछे सरक के राघव की बाजू पकड़े उसने अपना चेहरा छुपा लिया ताकि उसकी स्माइल छुपा सके

रितु- लेकिन राघव जो उसने किया...

रितु अपनी बात पूरी करती इससे पहले ही राघव ने उसे रोक दिया

राघव- वो माफी मांग चुकी है रितु

रितु- तुम ऐसे ही उसे सपोर्ट करते रहे तो उसे और बढ़ावा मिलता रहेगा

रितु ने नेहा को घूरते हुए कहा जो इस सीन को इन्जॉय कर रही थी

राघव- अरे पत्नी है वो मेरी सपोर्ट तो करूंगा ही ना

रितु- ऐसे तो तुम उसे बिगाड़ दोगे

राघव- सब वैसे भी सुधारने मे लगे है मैं थोड़ा बिगाड़ देता हु उसमे क्या है

राघव की बात सुन नेहा के चेहरे पे एक बड़ी सी मुस्कान उभर आई लेकिन उसने उसे दबा रखा था और इतना बोल के राघव नेहा के साथ वहा से चला गया

नेहा के साथ कुछ राघव कुछ दूर आया

राघव- अब बताओ क्या बात है ?

राघव और नेहा एक कोने मे आ गए तब राघव ने अपने हाथ बांधे उससे पूछा

नेहा- ह.. क्या?

राघव- आप अच्छे से जानती है मिसेस देशपांडे के मैं क्या पुछ रहा हु।

नेहा- वो.. नहीं कुछ भी तो नहीं जैसा आप सोच रहे है वैसा कुछ नहीं है

नेहा ने अपने बालों की लट अपने कान के पीछे करते हुए कहा

राघव- सच मे? तुमने वो जान बुझ के नहीं किया?

राघव की आँखों मे शरारत साफ थी और वो जानता था के नेहा के दिमाग मे कुछ तो चल रहा है वही उसके सवाल पर नेहा ने उसे शॉक होकर देखा

नेहा- न.. नहीं!!

राघव ने कुछ पल नेहा को अच्छे से देखा और उसके चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई वो नेहा के पास आया और धीमे से उसके कान मे बोला

राघव- तुम ना जब ऐसे पज़ेसिव होती हो ना तो और हॉट लगती हो चिक्की, ये मत समझना के मैंने कुछ नोटिस नहीं किया है

राघव अपनी डीप आवाज मे नेहा के कान मे बोला वही नेहा बस अपनी जगह पर खड़ी रही, उसे समझ नहीं आ रहा था के इसपर क्या रिएक्शन दे राघव तो इतना बोल ने वहा से निकल गया और नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली उभर आई वही रितु ये सब देख रही थी और राघव और नेहा को ऐसे करीब देखना उससे सहन नहीं हो रहा था

मुझे कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा!’ रितु ने मन मे सोचा

अब क्या करेगी रितु?

और नेहा का भरोसा राघव पर सही साबित होगा या इस सगाई मे कुछ और बवाल होगा??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक लाइक मारो कमेन्ट करो मिलेंगे कल अगले अपडेट के साथ :D

क्रमश:
Looks like Ritu is not welcomed anywhere 😂
 

Jos Jerrin

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Update 36





नेहा अपने चेहरे पर एक मुस्कान लिए अपने परिवार के पास जा ही रही थे के तभी एक बच्चों को झुंड दौड़ते हुए उसके पास से गुजरा जिनके धक्के से नेहा का अचानक बैलेंस बिगड़ा

नेहा थोड़ा चीखी उसके हाथ हवा में थे और उनसे अपनी आंखे कस के बंद कर ली थी और वो बस गिरने ही वाली थी के किसी ने उसे पकड़ लिया, उसे अपने दाए हाथ पर किसी का स्पर्श महसूस हुआ नेहा ने अपनी आंखे खोल के उस इंसान को देखा जिसने उसे बचाया था और वहा एक हैंडसम लड़का नेहा का हाथ पकड़े खड़ा था

उसने नेहा को सही से खड़े होने मे मदद की

“आप ठीक है ?” उस लड़के ने नेहा से पूछा

नेहा- जी ठीक हु थैंक्स मुझे बचाने के लिए

नेहा ने मुसकुराते हुए उससे कहा

“आपको ध्यान रखना चाहिए, अगर अभी मैं नहीं आता तो आप जमीन पर लेटी होती” उस लड़के मे हसते हुए कहा जिसपर नेहा भी मुस्कुरा दी

नेहा- अगली बार से ध्यान रखूंगी।

“वैसे आप लड़कीवालों की ओर से तो नहीं हो मैंने पहले देखा नहीं है आपको” उसने कहा

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं लड़केवालों की ओर से हु

“ओह तो आप आकाश की रिश्तेदार है!” उस बंदे ने स्माइल के साथ कहा और नेहा ने भी उसकी बात मे हामी भर दी

“हाइ आइ एम अनिकेत, मैं राधिका का कजीन हु” इतना बोलते साथ ही उसने हाथ मिलने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया और नेहा ने भी उससे हाथ मिलाया

नेहा- मैं नेहा, आकाश की भाभी

अनिकेत- भाभी?? आई एम सॉरी पर आपको देख के लगता नहीं है के आप शादी शुदा है

नेहा- थैंक यू अनिकेत जी पर मेरी शादी आकाश के कजीन से हो चुकी है

नेहा ने अपना मंगलसूत्र दिखाते हुए कहा

अनिकेत- आपसे मिलके खुशी हुई मिसेस नेहा...??

नेहा- देशपांडे! नेहा देशपांडे!!

अनिकेत- ओह तो आप देशपांडे परिवार की बहु है, बहुत सुना है उनके बारे मे

नेहा- उम्मीद है अच्छा ही सुन होगा

अनिकेत- हा बिल्कुल!

अनिकेत ने स्लाइम के साथ कहा तभी विवेक वहा आ गया

विवेक- भाभी सब बुला रहे है आपको वहा

नेहा- बस अभी आई! वन्स अगेन थैंक यू अनिकेत जी, अभी मुझे जाना पड़ेगा

जिसके बाद नेहा वहा से चली गई और अनिकेत बस उसे जाते हुए देखता रहा।

--x--

आँचल- नेहा!!!!!

आँचल(ममता औ सुरेश की बड़ी बेटी, निकिता की बड़ी बहन) ने जैसे ही नेहा को देखा वो उसके पास आई

नेहा- आँचल दी कहा हो यार आप मैं कब से देख रही हु आपको

नेहा ने आँचल के गले लगते हुए कहा, आँचल राघव से बड़ी थी इसीलिए नेहा ने उसे दी कहा

आँचल- अरे यार ये रिश्तेदार और उनके शादी कब करोगी के सवाल से बचा रही हु खुद को

आँचल ने हसते हुए कहा तभी रिद्धि वहा आई

रिद्धि- भाभी ये चाबिया रखो आपके पास, मॉम ने आपको देने कहा है

रिद्धि ने नेहा को चाबिया दी और तभी आरती जी ने सबको बुलाया

आरती- चलो आजाओ सब सगाई की रस्म बस शुरू होने वाली है

आरती जी के कहते ही लड़केवाले और लड़कीवाले दोनों साइड के लोग वहा जमा हो गए

हर कोई अपने अपने पार्टनर के साथ खड़ा था और सिंगल लोग झुंड मे

आकाश सोफ़े पर राधिका के साथ बैठा हुआ था और सगाई की रस्म शुरू हुई, वो दोनों एक दूसरे के साथ जच रहे थे, खुश थे

आकाश और राधिका के एकदूसरे को अंगूठिया पहनाते ही सारा हॉल तालियों से गूंज उठा और विवेक ने पार्टी पोपर्स फोड़ के महोल बना दिया और सगाई की रस्म पूरी होते ही आकाश और राधिका ने सभी बड़ों का आशीर्वाद लेना शुरू किया

“दोनों साथ मे कितने अच्छे लग रहे है ना” नेहा को अपने पीछे एक आवाज सुनाई दी और उसने मूड के देखा तो वहा अनिकेत खड़ा था

नेहा- ओह आप है! हा सही कहा दोनों साथ मे अच्छे लगते है

अनिकेत अपने और नेहा के बीच एक प्रॉपर दूरी बना के वहा खड़ा हो गया ताकि नेहा को अनकंफर्टेबल ना लगे, दोनों बाते कर ही रहे थे के नेहा को अपनी कमर पर एक हाथ चलता हुआ फ़ील हुआ और उसने बगल मे हाथ की ओर देखा तो पाया के राघव उसके बाजू मे आके खड़ा हो गया है और वो सपाट चेहरे के साथ अनिकेत को देख रहा था

अनिकेत- ओह मिस्टर राघव देशपांडे! आप और नेहा....

अनिकेत ने राघव को देखते हुए कहा जो नेहा को उसकी कमर से पकड़े हुए था

राघव- यप, शी इस माइ वाइफ!!

राघव ने अपनी यूजुअल सपाट आवाज मे नेहा को अपने और करीब खिचते हुए कहा

अनिकेत- ये आपके पति है आपने बताया नहीं...

अनिकेत ने शॉक मे नेहा से पूछा एक ऑकवर्ड स्माइल के साथ क्युकी राघव की घूरती नजरे उसे नर्वस कर रही थी

नेहा- आपने पूछा ही नहीं!

राघव- मुझे अपने दोस्त से नहीं मिलवाओगी ??

राघव ने नेहा के बालों की लट उसके कान के पीछे करते हुए पूछा और नेहा ने चौक के उसे देखा

नेहा- ओह ये अनिकेत राणे है, हम अभी कुछ समय पहले ही मिले है

अनिकेत- यस, और अगर मैं ना होता तो ये अभी यहा ना खड़ी होती!

अनिकेत ने महोल हल्का करने की कोशिश की लेकिन राघव ने बदले मे उसे सिर्फ घूर के देखा

राघव- मतलब? आप क्या कहना चाहते है मैं समझा नहीं?

अनिकेत- वो इनका बैलेंस बिगड़ गया था और गिरने वाली थी कॉरिडोर मे तो मैंने इन्हे बचाया था

राघव- क्या?? नेहा तुमने बताया नहीं मुझे?? तुम्हें कही लगि तो नहीं?? दर्द हो रहा है क्या?? हॉस्पिटल चले??

राघव ने एक के बाद एक सवाल पे सवाल दाग दिए नेहा पे

नेहा- रिलैक्स! आप शांत होइए पहले, मैं ठीक हु अनिकेत जी ने सही टाइम पर मेरा हाथ पकड़ के मुझे गिरने से बचा लिया था

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा लेकिन अपने राघव बाबू को वो पसंद नहीं आया

राघव- तुम्हें ध्यान रखना चाहिए था

राघव ने नेहा को ऊपर से नीचे देखते हुए कहा तभी आँचल वहा आई

आँचल – अरे तुम लोग यहा क्या कर रहे हो वहा चलो ना सब डांस कर रहे है

जिसके बाद वो सब लोग जहा फंक्शन हो रहा था वहा आए, सब लोग डांस कर रहे थे, मजे कर रहे थे सिवाय अपने हीरो हीरोइन के, क्यू? क्युकी राघव बाबू को ये सब फालतू की बाते पसंद नहीं थी

रिद्धि- भाभी भाई आओ ना डांस करते है

रिद्धि ने राघव को बुलाया लेकिन राघव ने उसे साफ साफ इग्नोर कर दिया

स्वाती- भईया प्लीज आईये ना

लेकिन स्वाती के बुलाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ वही नेहा ने उदास चेहरे के साथ उन दोनों को देखा उसे डांस करना था लेकिन इसके चक्कर मे वो भी रुकी हुई थी

आँचल- राघव तुम तुम्हारे चक्कर मे नेहा का एक्साइटमेंट क्यू खतम कर रहे हो??

आखिर आँचल को नेहा की परेशानी समझ आई

राघव- मैंने रोक रखा है क्या उसे? उसे डांस करना है तो करे ना मैंने नहीं नाचने वाला

‘तो यहा ये क्या फोन चलाने आए है’ नेहा ये बात चिल्ला के कहना चाहती थी लेकिन वो बस धीमे से पुटपुटाई वही राघव ने आँखों के कोने से उसे देखा

आँचल- राघव!!

राघव- दी ऐसे बार बार बोल कर फोर्स करने का कोई फायदा नहीं है मैंने कहा ना मैं नहीं कर रहा डांस वांस

नेहा- जाने दो दी चलो हम चलते है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा जो अपने फोन मे देख रहा था और नेहा को जाता देख वो बोला

राघव- चिक्की तुम्हें डांस आता भी है??

राघव ने शरारती मुस्कान के साथ कहा तो नेहा उसे घूर के देखने लागि वही चिक्की नाम सुन के आँचल हस रही थी

आँचल- राघव अब तो गया तू

नेहा- आप चैलेंज कर रहे है मुझे??

राघव- चैलेंज उसे किया जाता है जो उस चीज मे मास्टर हो

नेहा- देखते है!!

जिसके बाद नेहा वहा से चली गई और राघव ने उसे इग्नोर करके वापिस अपना ध्यान अपने फोन मे लगाया लेकिन कुछ ही पलो मे लोगों की आवाज ने उसे ऊपर देखने मजबूर कर दिया

‘वो लड़की क्या मस्त डांस कर रही है यार!’

‘ब्यूटीफुल’

‘इसकी शादी हो गई है क्या?’

‘मैंने सुना है वो देशपांडे परिवार की बहु है’

इन्ही सब बातों ने राघव का ध्यान खिचा और जैसे ही उसने जैसे ही ऊपर देखा तो बस देखता ही रह गया......

क्रमश:
Now raghav will know how awesome Neha is 😎
 

Jos Jerrin

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Update 37





विवेक- यो भाभी यू रॉक!!!!!!!

विवेक नेहा के डांस पर चीयर कर रहा था वही शेखर सीटी बजा के नेहा का हौसला बढ़ा रहा था...

सिर्फ शेखर ही नहीं अपनी सारी गैंग नेहा के लिए चीयर कर रही थी सीटी मार रही थी हूटिंग कर रही थी और राघव बस आंखे फाड़े नेहा को देख रहा था उसे बिल्कुल आइडिया नहीं था के नेहा इतना बढ़िया डांस करती होगी

ये मेरी ही बीवी है ना? अच्छा हुआ यार इसको चैलेंज दिया मैंने वरना इतना बढ़िया डांस देखने ही नहीं मिलता’ राघव के मन मे नेहा को नाचता देख खयाल आया

अभी राघव नेहा के डांस मे खोया ही हुआ था के उसे एक और सीटी की आवाज सुनाई दी और जैसे ही राघव ने उस आवाज की और देखा तो उसका खून जलने लगा था क्युकी अनिकेत नेहा के लिए चीयर कर रहा था जो राघव को पसंद नहीं आया उसकी मुट्ठिया भींच गई

इसकी तो...’ राघव अनिकेत की ओर बढ़ने की वाला था के उसकी मा की आवाज ने उसे रोक दिया

जानकी- बहुत बढ़िया नेहा बहुत बढ़िया!!!!!

जिसके बाद राघव का ध्यान वापिस नेहा की ओर गया, नेहा की एक भी अदा राघव की नजरों ने नहीं छुट रही थी और जब उसकी नजर उस थिरकती हुई कमर पर पड़ी तो राघव अपने होश खो बैठा

ये कमर जान ले लेगी मेरी एक दिन’

इतने मे कुछ और लड़कियों ने नेहा को डांस मे जॉइन किया जिसके बाद नेहा ने कुछ समय उनके साथ डांस किया और फिर नीचे सबके पास आ गई और बाकी लोगों का कपल डांस शुरू हो गया।

हर कोई नेहा की तारीफ कर रहा था और अभी नेहा राधिका से बाते कर रही थी और राधिका उसके डांस की तारीफ कर रही थी तभी नेहा की नजर राघव पर पड़ी जो एकटक उसे देखे जा रहा था जिससे नेहा के चेहरे पर स्माइल आ गई

श्वेता- भाभी छा गई आप!!

आकाश- आप इतना बढ़िया डांस करती है भाभी हमे पता ही नहीं था

नेहा- बस शौक है मेरा और कुछ नहीं

ये लोग बात कर ही रहे थे के अनिकेत इनके पास पहुचा और नेहा ने उसे सबसे मिलवाया

अनिकेत- बहुत बढ़िया डांस किया है आपने नेहा जी

नेहा- थैंक्स अनिकेत

तभी श्वेता शेखर और आकाश और राधिका कपल डांस के लिए चले गए और वहा बस नेहा और अनिकेत बचे

राघव दूर खड़ा नजरों से ही अनिकेत का खून करने के मूड मे था तभी आँचल उसके पास आई

आँचल- तुम्हें नहीं लगता ये नेहा का एक ही दिन मे बहुत अच्छा दोस्त बन गया है

आँचल धीमे से राघव के कान मे बोली

राघव- वही तो

राघव ने जवाब दिया बगैर देखे के वो किससे बात कर रहा है वो तो बस नेहा और अनिकेत को देखने मे बिजी था जो हस हस के एकदूसरे से बाते कर रहे थे

आँचल- गुस्सा आ रहा है??

राघव- बहुत!!!

आँचल- वैसे बंदा है तो हैंडसम अगर उसने अभी नेहा को प्रपोज कर दिया तो...

राघव- नहीं!!

आँचल के शब्द सुनते ही राघव एकदम चीख के उसकी तरफ मूडा और देखा तो आँचल उसे देख हस रही थी

राघव- दी आप मुझे चिढ़ा रही है!

आँचल- मैं तो बस सच कह रही हु बाबा

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा समझी ना वैसे भी शादी हो चुकी है उसकी

आँचल- हा वो तो ठीक है लेकिन शादी नेहा की हुई है ना अनिकेत की थोड़ी और कलियुग है भाई कुछ भी हो सकता है

आँचल ने राघव को पीछे देखने का इशारा किया और राघव ने जैसे ही पीछे देखा उसका गुस्सा और बढ़ने लगा क्युकी अनिकेत नेहा के गाल खिच रहा था

इसको लगता है मरने की बहुत जल्दी है’

आँचल- मुझे लगता है ना वो नेहा को डांस के लिए पूछेगा

राघव- और आपको ऐसा क्यू लगता है

आँचल- अरे बाबा लड़की हु मैं मुझे पता है लड़कों के दिमाग मे कब क्या चलता है

राघव- हेह! नेहा मना कर देगी उसको देखना

आँचल- और अगर नेहा का डांस करने का मन कर रहा हो तो? अब तुम तो यहा खड़े हो तुम्हें डांस नहीं करना तो अगर उसने पूछा तो नेहा हा कर सकती है

राघव ने नेहा और अनिकेत को देखा, उसे उन दोनों का यू साथ खड़े रह के हस हस के बाते करना जरा भी पसंद नहीं आ रहा था उसके चेहरे से साफ था के उसे जलन हो रही थी और वो उनकी ओर बढ़ा

राघव के जाते ही आँचल ने अपनी पीठ थपथपाकर खुद को शाबासी दी और शेखर और श्वेता को थम्ब्स अप करके प्लान सक्सेसफुल का इशारा किया

वही राघव उन लोगों के पास पहुंचा और नेहा का हाथ पकड़ के उसका ध्यान अपनी ओर खिचा

अनिकेत- अरे राघव जी, मानना पड़ेगा आपकी वाइफ बहुत बढ़िया डांस करती है

राघव- हा मैंने भी देखा अभी अभी

राघव ने नेहा को अनिकेत से दो मीटर दूर खिचते हुए कहा और अनिकेत उसे अजीब नजरों से देखने लगा

अनिकेत- वैसे नेहा जी आप मिस कामिनी को जानती है क्या वो भी बहुत बढ़िया क्लासिकल डान्सर है

राघव- नहीं वो नहीं जानती किसी को

इससे पहले के नेहा अनिकेत के सवाल का जवाब देती राघव बोल पड़ा जिससे नेहा ने चौक के राघव को देखा और उसे इशारे से चुप रहने कहा लेकिन राघव कहा मानने वाला था

नेहा- ये मजाक कर रहे है अनिकेत मैं जानती हु उन्हे

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा और राघव उसे घूर के देखने लगा

अनिकेत- वो....

अब इसके आगे अनिकेत कुछ बोलता उसके पहले ही राघव ने उसे रोक दिया

राघव- आई वुड लाइक तो टेक माइ वाइफ फॉर अ रोमांटिक डांस

राघव ने स्माइल के साथ कहा और बगैर किसी की बात सुने नेहा को लेकर या यू कहे खिच कर डांस फ्लोर पर ले गया।

राघव के हाथ नेहा का हाथ थामने के लिए बेकरार थे, राघव ने उसे अपने पास खिचा वही नेहा बस शॉक होकर उसे ये सब करते हुए देख रही थी, राघव ने नेहा का एक हाथ पकड़ के अपने कंधे पर रखा और दूसरा हाथ अपने हाथ मे पकड़ और उसकी आँखों मे देखने लगा और डांस करने लगा

वो अब नेहा के बहुत करीब था इतना के उन दोनों की नाक एकदूसरे वो टच कर रही थी, नेहा अपनी बढ़ी हुई धड़कनों पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका दिल उसके वश मे नहीं था, उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था

राघव - तुम्हें उससे दूर रहना चाहिए

राघव धीमे से नेहा के कान मे फुसफुसाया वही नेहा भी समझ गई के वो किसकी बात कर रहा था

नेहा- वो बस मेरा दोस्त है

राघव- और मुझे तुम्हारा ये दोस्त पसंद नहीं है!

नेहा- इतने सालों बाद एक दोस्त बना है और आप चाहते है मैं उसे भी अवॉइड करू?

राघव- मैं हु ना तुम्हारा दोस्त, हसबैंड , सबकुछ बस उससे दूर रहो

राघव ने नेहा को डांस करते हुए घुमाते हुए कहा और फिर वापिस उसे अपने पास लिया

राघव का हाथ नेहा की पूरी पीठ पर घूम रहा था और फिर उसने अपनी पकड़ नेहा की कमर पर कस ली

राघव- और हा तुम सिर्फ मेरे साथ डांस करोगी और किसी के साथ नहीं

राघव ने दूर से ही अनिकेत को देखते हुए कहा

नेहा- क्यू? ऐसा क्यू?? और उसमे क्या दिक्कत है

राघव- वो मेरी चिक्की के जरूरत से ज्यादा करीब आ रहा है

नेहा ने अब अपना सर राघव के कंधे पर टीका दिया था और वो राघव की इस बात पर मुस्कुरा दी

राघव- हसो मत मैं सीरीअस हु

नेहा- आप जानते है ना मेरी शादी हो चुकी है और वो भी आप से ही

राघव- हा वो जानता हु मैं और आई ट्रस्ट यू लेकिन मुझे उसपर भरोसा नहीं है आँचल दी ने बताया है के वो सिंगल है समझी ना

नेहा- और आँचल दी को ये किसने कह दिया??

राघव- वो मुझे नहीं पता वैसे भी वो बंदा जन्मजात सिंगल लगता है शक्ल से ही

नेहा- वैसे तो फिर उसने भी मुझसे कहा था के मैं शादी शुदा नहीं लगती तो क्या मैं सिंगल हु?

नेहा ने शरारती स्माइल से साथ पूछा

राघव- तो वो तुम्हारे साथ फ्लर्ट कर रहा था ?

नेहा- अब ये बात कहा से आई

राघव- अरे तुम नहीं समझोगी वो

नेहा- हा ये भी सही है मैं कैसे समझूँगी मेरे पतिदेव तो कभी मेरे साथ फ्लर्ट करते ही नहीं है ना

नेहा की बात सुन राघव की आंखे चमक गई और मुस्कुराया

राघव- तो तुम चाहती हो मैं फ्लर्ट करू तुम्हारे साथ?

नेहा- हा... मतलब... यू नो रिलेशनशिप इन्ही सब से थोड़ी स्ट्रॉंग होती है.. मतलब...

नेहा सही शब्दों का चयन नहीं कर पा रही थी लेकिन राघव उसकी बात समझ चुका था

राघव- मैं सब कुछ करूंगा बस तुम उस चिपकू से दूर रहो

नेहा- ऐसा तो मत कहिए अच्छा इंसान है वो

राघव- आपका हसबैंड उससे भी बेटर है

नेहा- एक्सेक्टली एण्ड आई एम मैरीड

राघव- बट ही इस नॉट

नेहा- ही इस, शादी शुदा है वो भी

राघव- क्या?? सही मे??

राघव का रिएक्शन देख नेहा अपनी स्माइल नहीं रोक पाई

नेहा- हा बाबा और वो पापा भी है एक बेबी का, वहा देखिए

नेहा ने आँखों से राघव को अनिकेत की ओर देखने कहा तो वहा अनिकेत अपने बेटे को गोद मे लिए खड़ा था और उसके बगल मे उसकी वाइफ कोमल खड़ी थी

जैसे ही नेहा और राघव ने उन्हे देखा कोमल ने उन्हे थम्ब्स अप किया

राघव- मतलब मैं बेफिजूल ही टेंशन मे था

नेहा- वही तो और आप ऐसे बिहेव क्यू कर रहे थे

राघव- ऐसे मतलब कोई भी मेरी बीवी के आसपास घूमेगा तो मैं उसे रोकूँगा ही ना

नेहा- डोन्ट वरी मिस्टर देशपांडे मैं सिर्फ आपकी हु

नेहा ने प्यार से राघव की नाक खिचते हुए कहा और तुरंत ही उसके ध्यान मे आया के उसने क्या किया है

नेहा- वो... मैं

राघव- ओफकोर्स यू आर माइन

राघव ने इधर उधर देखते हुए कहा जिसपर नेहा शर्मा गई

वही दादू दादी और घर के बाकी सब लोग दूर से उन्हे ऐसे डांस करते हुए देख रहे थे

दादू- देखा गायत्री मेरा फैसला सही था ना

बदले मे दादी बस मुस्कुरा दी

रमाकांत- तुमने देखा जानकी अपना राघव मुस्कुरा रहा है

जानकी- कितने साल हो गए थे उसे ऐसे खुश देखे, नेहा के आने से वो बदल रहा है, भगवान मेरे बच्चों को ऐसे ही खुश रखे

अब तक राघव और नेहा डांस फ्लोर से नीचे आ गए थे और वो अनिकेत और कोमल के पास पहुचे

अनिकेत- बढ़िया डांस किया आपलोगो ने

राघव- थैंक यू अनिकेत !

राघव ने स्माइल के साथ अनिकेत को रिप्लाइ किया जिसपर अब अनिकेत थोड़ा चौका

अनिकेत- इनको अचानक क्या हुआ

अनिकेत धीमे से नेहा से बोला जिसपर नेहा बस हस दी

अनिकेत- ओके हमे निकालना पड़ेगा अब वरना घर पहुचते पहुकते लेट हो जाएगा

जिसके बाद अनिकेत वहा से कोमल के साथ निकल गया और उसके जाते ही आँचल वहा आई

आँचल- वाह वाह राघव सर क्या डांस किए हो आप क्या बात क्या बात

राघव- दी आप ना बात मत करो मुझसे

शेखर- भाई आपको तो डांस नहीं करना था फिर अचानक क्या हुआ

राघव- मर्जी है मेरी

राघव ने कहा और ऐसे ही बातों बातों मे समय कब बीता पता ही नही चला और अब सब लोग घर जाने के लिए निकल रहे थे और इस बार शेखर श्वेता आकाश और स्वाती एक कार मे थे वही रिद्धि विवेक राघव और नेहा एक कार मे वही बाकी सब अपनी अपनी गाड़ियों मे

राघव कार चला रहा था और नेहा उसका हाथ पकड़े उसके कंधे पर सर टिकाए बैठी थी, बहुत थक गई थी वो, राघव ने मिरर मे देखा तो रिद्धि और विवेक सो चुके थे


राघव ने भी अपनी उँगलिया नेहा की उंगलियों मे फसा दी और रोड पर ध्यान देने लगा वही नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली

जल्द ही वो लोग घर पहुच चुके थे राघव ने विवेक और रिद्धि को जगा के घर मे भेज और फिर नेहा को आवाज लगाई लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया

‘मैं भी कीसे जगाने की कोशिश कर रहा हु’ राघव ने सोचा और फिर नेहा के चेहरे को देख के मुस्कुराया और उसने अपनी गोद मे उठा लिया, जब वो घर मे पहुचा तो सब लोग अपने अपने कमरों मे जा चुके थे तो वो सीधा अपने कमरे मे चला आया और हल्के से नेहा को बेड पर लेटा कर चेंज करने चला गया और जब राघव वापिस आया तो नेहा बेड पर उसे बैठी हुई दिखी

नेहा- मैं यहा कैसे पहुची

नेहा ने अपनी आंखे मलते हुए पूछा

राघव- उड के!

नेहा- ह!!

राघव- अरे बाबा मैं उठा के लाया हु तुम्हें, अब चलो फटाफट चेंज करके आओ जाओ

जिसके बाद नेहा चेंज करके आई तो राघव बेड पर उसकी राह देख रहा था और बाद मे वो नींद के आग़ोश मे समा गए इस सब से बेखबर के कल का दिन कुछ अलग होने वाला था...

क्रमश:
Super awesome update bro
 

chawla sahab

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Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Vadhiya update brother
 

Babybulbul

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“ये तूने बहुत अच्छा किया के भाभी को सब बता दिया”

विशाल ने राघव से कहा जो इस वक्त राघव के ऑफिस मे बैठा हुआ था

राघव- उससे बात करके अब सही लग रहा है, अब लग रहा है के मैं गलत नहीं था, मैंने कुछ नहीं किया था

विशाल- मैं ये सब हुआ था तब से यही तो समझा रहा था तुझे खैर अब भाभी बोली तो समझ आया है

राघव- भाई विसर्जन पे सब खतम करना है, मुझे लग रहा है नेहा ने भी उस दिन के लिए कुछ सोच रखा है अब क्या ये नहीं पता लेकिन तू बस उस दिन मेरे साथ रहना

विशाल- तू चिंता मत कर मैं हमेशा तेरे साथ हु



--x--


आज विसर्जन का दिन था उस दिन के बाद से ना तो नेहा ने और ना ही राघव ने राघव के अतीत के बारे मे कोई बात की थी, राघव इतना तो जानता था के नेहा के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था लेकिन क्या ये उसे नहीं पता था और उसने पूछा भी नहीं क्युकी वो उसपर यकीन करता था और जानता था के वो उसका कभी बुरा नहीं चाहेगी

सब कुछ एकदम नॉर्मल था बस शेखर थोड़ा नर्वस था क्युकी नेहा के बोले बोले उसने निखिल को बुला तो लिया था लेकिन उसको देख राघव कैसे रिएक्ट करेगा नहीं जानता था बस उसे इतना पता था के नेहा राघव का बुरा नहीं चाहेगी

राघव इस वक्त अपने ऑफिस मे था और नेहा पिछले कुछ दिनों से ऑफिस नहीं गई थी क्युकी वो घर के कामों मे बिजी थी और वैसे भी उसने कई सारी छुट्टिया ले ली थी तो राघव ने उसे साफ कह दिया था के अगले 2 महीने उसे कोई छुट्टी नहीं मिलने वाली यहा तक के संडे को भी नहीं जिसपर नेहा ने भी उसे चैलेंज कर दिया था के वो छुट्टी ले लेगी और राघव उसे रोक भी नहीं पाएगा

देशपांडे वाडे मे बप्पा के विसर्जन की तयारिया हो रही थी नेहा इस वक्त कुछ काम मे लगी हुई थी, वाडे मे ही एक साइड मे पानी का बड़ा टँक बनाया हुआ था जहा विसर्जन होना था,

नेहा इस वक्त कुछ काम कर रही थी तभी श्वेता उसके पास आई

श्वेता- भाभी!!

श्वेता ने एकदम एक्साइटमेंट मे कहा

नेहा- हा..

श्वेता- आप प्रेग्नेंट हो??

श्वेता ने अचानक से सवाल किया और ये सवाल आते ही नेहा एकदम से अपनी जगह जम गई, उसने बड़ी आँखों और खुले मुह से श्वेता को देखा

नेहा- ये सब बाते तुम्हारे कान मे कौन भर रहा है श्वेता??

श्वेता- नहीं कोई नहीं वो मैं अभी अभी विसर्जन के टँक का काम देख रही थी तो वो वर्क इन प्रोग्रेस है तो मुझे अचानक भईया की उस दिन की लाइन याद आ गई तो.....

नेहा- श्वेता!! वो बस मज़ाक था

श्वेता- तो क्या हुआ, आप उसे सच कर दो उसे

नेहा- एक्चुअल्ली तुम क्यू नहीं करती ऐसा?

नेहा ने अपने हाथ बांधे श्वेता से कहा और अब श्वेता की बोलती बंद

नेहा- मैं ऐसा करती हु शेखर से कहती हु के तुम्हें....

श्वेता- वो भाभी.... भाभी मुझे कोई बुला रहा है, बाय

नेहा की बात पूरी होने के पहले ही श्वेता वहा से निकल गई और नेहा बस उसे जाते देख मुस्कुराने लगी और बाद मे नेहा वापिस अपने काम मे बिजी हो गई, कुछ समय बाद उसने राघव को कॉल किया ताकि उसे घर जल्दी आने को याद दिलाए और जैसे ही उसने राघव को कॉल लगाया बस 2 रिंग मे राघव ने कॉल उठाया

राघव- हैलो

नेहा- आज बप्पा का विसर्जन है

राघव- पता है

नेहा- तो क्या आप भूल गए है आज छुट्टी का दिन है और आप ऑफिस चले गए

राघव- पता है बस कुछ जरूरी काम था

नेहा- एक दिन की छुट्टी से कुछ नहीं होता

राघव- होता है भई पहले ही मैं कुछ दिन बाहर था और काम बढ़ जाता

नेहा- ठीक है ठीक है बस विसर्जन के पहले आप मुझे घर पर चाहिए

राघव- आ रहा हु बाबा बस निकल ही रहा हु

नेहा- अगर आप आधे घंटे मे घर नहीं आए तो फिर अंदर एंट्री नहीं मिलेगी

राघव को धमका कर नेहा ने फोन रख दिया और उससे बात करके राघव ने विशाल को फोन लगा

विशाल- हा भाई

राघव- कहा है?

विशाल- बस तेरे घर के लिए निकल ही रहा हु

राघव- ठीक है मैं भी पहुच रहा हु,

---

शेखर- भाभी आप श्योर हो ना

शेखर ने अपने नाखून चबाते हुए पूछा

नेहा- हा बाबा, तुमने देखा न वो आ गया है ना

श्वेता- हा वो आ गया है

नेहा- गुड विसर्जन मे अब भी थोड़ा सा वक्त बाकी है हमे उससे पहले इन दोनों को आमने सामने लाना होगा

शेखर- ठीक है आप भाई को लिविंग रूम मे ले आइए मैं निखिल को यहा लाता हु

इतना बोल के शेखर वहा से चला गया

‘हे बप्पा आज इनकी सारी प्रॉब्लेम्स का विसर्जन हो जाए’ नेहा ने मन ही मन प्रार्थना की और राघव को बुलाने गई तो उसने देखा के वो किसी से बात कर रहा था जो और कोई नहीं बड़ी दादी थी

नेहा- दादीजी आप इतना देरी से क्यू आए

नेहा ने बड़ी दादी का आशीर्वाद लेते हुए पूछा

कुमुद- अरे बेटे मैं तो नहीं आने वाली थी फिर सोचा चलो चल ही आते ही तो शुभंकर के साथ आ गई वो छोड़ो ये बताओ ये नालायक तुम्हें तंग तो नहीं करता ना

राघव- दादी ऐसे पार्टी बदलोगे अब आप मैं किसी को तंग वंग नहीं करता

कुमुद- अरे तुम बहुत तंग करते हो मैं जानती हु

राघव- बताओ दादी को

राघव ने नेहा से थोड़ा धमकाने वाली टोन मे कहा

कुमुद- राघव उसे बोलने दो

नेहा- नहीं दादीजी ज्यादा तंग नहीं करते है

कुमुद- अच्छा है अगर करे तो मुझे बताना मैं सीधा कर दूँगी उसे, अब तुम लोग अपना रोमांस शुरू रखो मैं चली बकियों से मिलने

जिसके बाद बड़ी दादी वहा से चली गई और राघव नेहा की ओर मुड़ा

राघव- तो मैं तंग करता हु तुम्हें ?

नेहा- हा

राघव- रुको अभी बताता हु के तंग करना कीसे कहते है

राघव अपने कुर्ते ही सलीव्स ऊपर चढ़ाते हुए नेहा की ओर बढ़ा और नेहा हस कर वहा से भाग गई और राघव उसके पीछे पीछे गया और इस तरह नेहा राघव को लिविंग रूम मे लाकर रुक गई

राघव- अब कहा जाओगी चिक्की? देखो यहा कोई नहीं है और अब तुम्हें पता चलेगा तंग करना कीसे कहते है

नेहा- ही ही

नेहा उधर उधर देखने लगी और राघव उसके करीब बढ़ने लगा और राघव एक और कदम आगे बढ़ता इससे पहले ही उसे एक आवाज सुनाई दी और वो रुक गया

“ओ सॉरी सॉरी! मैं जाता हु” उस बंदे ने कहा और जाने ही वाला था के रुक गया

राघव ने मूड के उस इंसान को देखा तो उसके जबड़ा कस गया

“रा.. राघव!!”

राघव- नेहा चलो यहा से

राघव ने नेहा का हाथ पकडा और वहा से जाने लगा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया, राघव को अब वहा अनीज़ी फ़ील हो रहा था

नेहा- बात कीजिए राघव, कब तक ऐसे ही गिल्ट मे रहेंगे, मैं चाहती हु आपका ये गिल्ट हमेशा के लिए खतम हो

नेहा ने धीमे से कहा जिसे बस राघव सुन पाए बदले मे राघव ने ना मे अपनी मुंडी हिलाई

राघव- मैं नहीं कर पाऊँगा, अभी तो नहीं

नेहा- आप मुझपर भरोसा करते है ना? यही सही वक्त है, या तो अभी या कभी नहीं

“राघव!!” निखिल ने एक और बार राघव को पुकारा

और तभी विशाल की वहा एंट्री हुई

विशाल- ये हरामजादा यहा क्या कर रहा है

विशाल के आते ही सबका ध्यान उसकी ओर गया और नेहा को अपना प्लान फेल होता हुआ दिखा लेकिन इससे पहले विशाल कुछ बोलता नेहा उसकी ओर बढ़ी और जाते जाते राघव से बोल गई के वो बाहर है

नेहा विशाल को अपने साथ ले आई थी

विशाल- भाभी आप मुझे यहा क्यू लाई है?? वो पहले ही मेरे भाई को बहुत तकलीफ दे चुका है इस बार उसका मुह नहीं तोड़ूँगा बल्कि सीधा सर फोड़ूँगा मैं

नेहा- विशाल भईया शांत, कुछ नहीं होगा

विशाल- भाभी आपको नहीं पता ये

नेहा- सब पता है मुझे बस मुझपर थोड़ा भरोसा तो रखिए

विशाल राघव के पास जाना चाहता था और निखिल को तो बहूत कुछ सुनाना चाहता था लेकिन नेहा की वजह से वो वही रुक गया और इधर अंदर राघव ने अपनी मुट्ठियां भींची और निखिल की ओर मुडा लेकिन वो उसकी ओर देख नहीं रहा था

निखिल- राघव!

राघव- यस मिस्टर चोपड़ा बोलिए मैं सुन रहा

राघव ने एकदम सपाट आवाज मे कहा

निखिल राघव को देख उसकी आवाज सुन थोड़ा चौका, जिस राघव को वो जानता था ये वो नही था बदली हुई आवाज बदले हुए लुक्स राघव की पर्सनैलिटी सब बदल चुका था, ये वो राघव नहीं था जो उसके साथ कॉलेज मे पढ़ता था

निखिल- काफी बदल गए हो तुम

निखिल मे मुस्कुरा कर राघव को देखते हुए कहा और इस बार उसे देख राघव जरा भी अनकंफर्टेबल नहीं हुआ

राघव- हा बदलाव अच्छा होता है

इतना बोल के राघव वहा से जा ही रहा था के निखिल ने उसे रोक दिया

निखिल- राघव रुको मुझे बात करनी है तुमसे

राघव- तो बोलिए मिस्टर चोपड़ा मेरे पास आपकी बकवास सुनने का वक्त बहुत कम है

राघव ने हार्शली कहा जिसका निखिल को बुरा भी लगा, राघव बाहर से जितना कॉन्फिडेंट बन रहा था उतना ही वो डरा हुआ था उसने अपने आप को टफ दिखाना सीख लिया था

निखिल- राघव.... मैं.. मैं जानता हु मैंने बहुत गलत किया है लेकिन....

राघव- मैं बीती बातों को डिस्कस करने मे बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं हु मिस्टर चोपड़ा तो मैं चलता हु

राघव ने निखिल की बात को बीच मे काटते हुए कहा और वहा से जाने लगा लेकिन निखिल ने उसे रोक दिया

निखिल- पहले मेरी बात सुन लो! वादा करता हु मैं यहा से चला जाऊंगा और दोबारा अपनी शक्ल भी नहीं दिखाऊँगा लेकिन बस एक बार मेरी बात सुन लो

‘यही सही वक्त है’ राघव के दिमाग मे नेहा के शब्द घूमे

राघव- ठीक है 15 मिनट बस।

राघव ने अपने हाथ बांधे कहा और निखिल की आँखों मे देखने लगा

निखिल- राघव मुझे माफ कर दो! आई एम सॉरी फॉर एव्रीथिंग! मैंने जो कुछ भी किया उसके लिए मैं बस तुमसे माफी मांगना चाहता हु, मैं जानता हु के मेरे आज ऐसे माफी मांगने से कुछ नहीं बदलेगा लेकिन मैं गलत था ये बात सच है, मुझे जब ये बात समझ आई तब तक बहुत देर हो चुकी थी और तुम वापिस भारत आ चुके थे, तुम सोचते होंगे मैं तुमसे नफरत करता था लेकिन ये सच नहीं है राघव तुम मेरे दोस्त थे। तुमसे आज मैं झूठ नहीं कहूँगा मुझे तुम्हारी और निशा की दोस्ती तुम्हारी नजदीकिया कभी पसंद नहीं थी मुझे जलन होती थी उससे मैं पसंद करता था उसे और जब तुम दोनों की लड़ाई हुई और मैंने उसे रोते हुए वहा से जाते देखा मेरा मेरे गुस्से पर काबू ही नहीं था और फिर उसकी मौत! मैं अपना आपा खो चुका था और अपने गुस्से मे मैंने तुम्हें बहुत कुछ कह दिया, मैं इतना ज्यादा गुस्से मे था के मैं सोचने समझने की शक्ति खो चुका था और मुझे बस निशा की मौत की वजह तुम्हारा उससे झगड़ा दिख रहा था, मैं जानता हु मेरे शब्दों ने तुम्हें बहुत तकलीफ पहुचाई है आई एम सॉरी! लेकिन ऐसा कभी मत सोचना के मैंने तुम्हें अपना दोस्त नहीं माना मैं तुम्हें अब भी मेरा दोस्त मानता हु और मैं तुम्हारी दोस्ती खो चुका हु ये भी जानता हु, तुम हमेशा के मेरे दोस्त रहे हो लेकिन उस वक्त उस एकतरफा मोहब्बत का जुनून इस दोस्ती पर भारी पड गया, मैं जानता हु मैंने बहुत गलतियां की है और अब चाहू भी तो उसे बदल नहीं सकता

निखिल- राघव रियली रियली सॉरी, मैं मानता हु के मेरी माफी मेरी गलती के लिए काफी नहीं है लेकिन अब मैं इस गिल्ट को और बर्दाश्त नहीं कर सकता तुम कोई किलर नहीं हो तुम उसके सच्चे दोस्त थे जो मैं कभी बन नहीं पाया और जब इसका एहसास हुआ वक्त बीत चुका था, तुम बहुत बहादुर हो मेरे भाई, मैं ये नहीं कह रहा के मुझे माफ कर दो मैं तो तुम्हारी माफी के भी काबिल नहीं इतनी जल्दी तो नहीं लेकिन तुम मेरे शब्दों को अपने दिमाग से निकाल दो यही मैं चाहता हु, ट्राय टु मूव ऑन यू डिजर्व तो बी हैप्पी

निखिल- आई एम रियली रियली सॉरी मैंने बहुत तकलीफ दी है तुम्हें और मैं दिल से तुमसे माफी माँगता हु

निखिल ने राघव के सामने अपने हाथ जोड़ लिए, बोलते बोलते उसकी आंखे नाम हो गई थी राघव ने निखिल के हाथ नीचे किए और एक लंबी सास छोड़ी

राघव- अच्छा है तुम्हे इस बात का एहसास हुआ है निखिल, मैंने ये सुनने के लिए बहुत इंतजार किया है के मैं कोई किलर नहीं हु, अब थोड़ा हल्का महसूस हो रहा है, तुम्हारे शब्दों ने मुझे उस वक्त बहुत आहत किया था और अब जब तुमने सब क्लियर किया है थोड़ा सही लग रहा है, शब्द अगर घायल कर सकते है तो मरहम भी लगा सकते है

राघव की बात सुन निखिल थोड़ा मुस्कुराया

राघव- लेकिन मैं वो पहले वाला राघव नहीं रहा, तुमने भले वो सब गुस्से मे कहा हो लेकिन मैंने उसकी वजह से बहुत कुछ सहा है, मैं नहीं जानता मैं तुम्हें कभी माफ कर भी पाऊँगा या नहीं लेकिन कोशिश करूंगा और मैं अब जिंदगी मे आगे बढ़ चुका हु, अब चुकी तुम माफी मांग चुके हो तुम अपने गिल्ट से फ्री हो और मैं भी लेकिन मैं वापिस पहले वाला राघव नहीं बन सकता और मिस्टर चोपड़ा हम अब दोस्त नहीं है, मैं उस इंसान से दोस्ती नहीं रख सकता जिसकी वजह से मैंने इतना कुछ सहा है लेकिन तुम्हें थैंक यू जरूर कहना चाहूँगा के भले मुझे तकलीफ हुई लेकिन ये बदलाव भी आया

राघव ने सपाट चेहरे के साथ कहा

निखिल- मैं समझ सकता हु, मैंने तुमसे मिलने की बहुत कोशिश की लंदन मे मुझे देखते ही तुम चले गए थे यहा आकार पोलिटिकल इनफ्लुएंस से तुमहारे डैड से पहचान की ताकि बस तुमसे मिल सकु उस दिन भी गणेश चतुर्थी को तुमसे मिलने आया था लेकिन तुम नहीं मिले और जब शेखर ने मुझे आज बुलाया है उसके लिए मैं हमेशा उसका एहसानमंद रहूँगा

‘तो सब मिले हुए है’ राघव ने मन मे सोचा

निखिल- मुझे खुशी है के तुमने मेरी बात सुनी, मैं तुम्हारी वाइफ से मिला हु और आई मस्ट से के यू आर लकी टू हैव नेहा जी एज योर वाइफ, अगर वो मुझसे बात नहीं करती तो शायद मैं तुमसे बात करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाता, तुम दोनों एकदूसरे के लिए एकदम परफेक्ट हो

निखिल ने मुस्कुरा कर कहा वही राघव भी मुस्कुरा दिया

राघव की नेहा के लिए फीलिंग दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी, वो ऐसा फ़ील कर रहा था जैसा उसने पहले कभी नहीं किया था और अब वो उसके बिना एक पल भी नहीं रह सकता था.....

क्रमश:
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निखिल से बात करके उसकी बात सुनके अब राघव को थोड़ा हल्का महसूस हो रहा था, जब वो निखिल से मिल के बाहर आया तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी, एक सेन्स ऑफ रीलीफ था मानो उसके कंधे से कोई बहुत बाद बोझ हट गया हो, वो अपने अतीत की यादों को भूल तो नहीं सकता था लेकिन अब वो इतना तो समझ गया था के अब उनके नीचे दब कर उन्हीं बातों मे उलझने का कोई मतलब नहीं था, उसे आगे बढ़ना था और यही एक रास्ता था उसे अपने आज और आने वाले भविष्य को गले लगाना था।

राघव का दिमाग अब एकदम शांत था क्लियर था, उसने अपने आप को जिन शब्दों के बोझ तले दबा रखा था अब वो सब छट गया था और अब वो अपने दिल मे बगैर कोई मलाल लिए अपनी आगे की जिंदगी जी सकता था और उसकी के खुशी उसे बस नेहा की वजह से मिली थी, अगर वो आज उसे सच का सामना करने मजबूर ना करती तो शायद राघव कभी निखिल से ऐसे बात ही नहीं करता, अब वो अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पे जी सकता था किसी के शब्दों तले दब कर नहीं या किसी गिल्ट मे नहीं

उसने देखा के नेहा उसकी मा के साथ यानि जानकी जी के साथ बात कर रही थी तो वो एक स्माइल लिए उनके पास चला गया

जानकी- नेहा...... तुम यहां क्या कर रहे हो?

जानकी जी नेहा से कुछ बात कर रही थी तभी उन्होंने राघव को वहा मुस्कुराते हुए आते देखा तो पूछा और ये सुन नेहा ने भी पलट कर देखा

राघव- क्यू? अब क्या मैं मेरी मा के पास भी नहीं आ सकता

जानकी- बेटा जी शादी के बाद आपको याद भी है के आपने बैठ कर अपनी मां से कुछ बात की हो, बीवी जो आ गई है

जानकी जी ने सार्केस्टिकली कहा जिसपर नेहा को लगा राघव कुछ बोलेगा बट राघव कुछ नहीं बोला क्युकी जानकी जी ने बात एकदम सच बोली थी

राघव- ऐसा नहीं है मा, आप तो जानती है मैं बिजी था

जानकी- हा हा सब पता है मुझे कहा और कितने बिजी थे

जानकी जी ने नेहा को देखते हुए कहा

राघव- अरे ऐसा नहीं है... खैर मेरा पूरा वीकेंड आपका पक्का बट प्लीज भी के लिए थोड़ी प्राइवसी मिलेगी?

राघव धीमे से अपनी मा के कान मे बोला और उनसे रीक्वेस्ट की

जानकी- हे भगवान नेहा ये तुमने क्या कर दिया है मेरे बेटे को? अपनी सगी मा से प्राइवसी मांग रहा है!!

और यहां राघव ने अपना माथा पीट लिया

राघव- मा यार!! जाने दो मैं ही जाता हु

जानकी- इतना ड्रामा करने की जरूरत नहीं है जा रही हु मैं

और जानकी जी हसते हुए वहा से चली गई

राघव- ये मा भी ना

नेहा- आपने बात की?

जिसपर राघव ने मुसकुराते हुए हा मे गर्दन हिला दी

राघव- हम्म! अब सब क्लियर है और बहुत अच्छा लग रहा है। थैंक यू

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे पास खिचते हुए कहा

नेहा- क्या कर रहे है सब है यहां

नेहा ने इधर उधर देखते हुए राघव से कहा और अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाने लगी

राघव- तुम्हें नहीं लगता तुम्हें एक गिफ्ट मिलना चाहिए?

राघव ने नेहा की आँखों मे देखते हुए कहा और नेहा उसका मतलब समझ कर शर्मा दी

राघव- मेरे पास.....

लेकिन राघव की बात पूरी होती उससे पहले ही रिद्धि और विवेक वहा टपक पड़े और राघव को नेहा से दूर हटना पड़ा

राघव- लगता है एक हनीमून पैकेज बुक करना ही पड़ेगा

राघव मुह ही मुह मे पुटपुटाया, वो जब भी नेहा के पास जाता कोई न कोई टपक ही पड़ता था

रिद्धि- मून? भाई क्या बोल रहे हो?

रिद्धि ने पूछा और राघव ने उसकी तरफ देखा तो पाया के सब उसे ही देख रहे थे

राघव- कुछ न ही वो चंद्रयान क्या बढ़िया सक्सेसफुल रहा न बस वही

विवेक- भाई आपने कुछ भांग वगैर ली है क्या??

लेकिन इससे आगे कोई कुछ बोलता नेहा बोल पड़ी

नेहा- अब बाते बंद करो और चलो विसर्जन का टाइम हो गया है

और नेहा के बोलते ही रिद्धि और विवेक टॉपिक भूल के उस ओर चले गए और राघव की जान छूटी तभी नेहा की नजर पीछे से आती हुई श्वेता पर पड़ी,

नेहा- श्वेता क्या हुआ है?? इतनी लाल क्यू हो रखी हो? और तुम्हारी लिप्स्टिक भी खराब हो रखी है?

नेहा ने उसे कन्फ़्युशन मे देखा

श्वेता- हूह... कुछ कुछ नहीं भाभी वो गर्मी कुछ ज्यादा है ना तो... शायद इसीलिए पसीने से...

श्वेता ने इधर उधर देखते हुए कहा और जब नेहा कन्फ़्युशन मे श्वेता को देख रही थी उसकी नजर शेखर पर पड़ी और शेखर को देख नेहा के चेहरे पर स्माइल आ गई

नेहा- मुझे नहीं पता था पसीना पोंछने मे शेखर तुम्हारी मदद कर रहा था

नेहा ने श्वेता के कान मे कहा और श्वेता ने चौक के उसे देखा

श्वेता- भा....

नेहा- पहले थोड़े मजे तो ले लू

इतना बोल के नेहा शेखर के पास आई जो राघव के बाजू मे खड़ा था

नेहा- शेखर...

नेहा ने गाने वाली टोन मे कहा जिसने राघव का भी ध्यान उस ओर खिचा

शेखर- हा भाभी

शेखर ने कैजुअली बोतल से पानी पिते हुए कहा

नेहा- तुम कौनसा लिप्स्टिक का शेड यूज करते हो?

नेहा अब शेखर की फिरकी लेने के मूड मे थी वही नेहा की बात सुन शेखर के गले मे पनि अटक गया और उसे ठसका लगा

नेहा- अरे आराम से !

नेहा ने शेखर की पिठ सहलायी

शेखर- भाभी!!

शेखर ने घबरा के नेहा को देखा

नेहा- नहीं तुमने लिप्स्टिक लगाई हुई है ना तो बस इसीलिए...

नेहा ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए कहा

शेखर- क्या??

नेहा- तुम श्वेता की पसीना पोंछने मे मदद कर रहे थे??

और इसपे शेखर से कुछ नहीं बोला गया वो अपना मुह छुपाते हुए वहा से भाग लिया और इधर उसे जाता देख नेहा की हसी छूट गई और तभी राघव ने उसकी कमर पर चिमटी काटी

नेहा- आउच!!

नेहा ने उस हिस्से को सहलाया और राघव को झूठे गुस्से के साथ घूरा

राघव- डॉन्ट वरी मैं भी ऐसे ही तुम्हारी मदद करूंगा

राघव ने नेहा के कान मे कहा और अब नेहा की सारी हसी गायब, वो राघव की ओर देख भी नहीं थी थी भले दोनों आजू बाजू खड़े थे विसर्जन का समय हो गया था।

दादू के हाथों बप्पा की पूजा और आरती के बाद ढोल ताशे की आवाज मे देशपांडे वाडे मे बने हुए उस टँक मे ही बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया गया, बप्पा जाते जाते अपने साथ आज राघव की सारी समस्या लेकर गए थे और अब जो बचा था वो बस प्यार था....

क्रमश:
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विसर्जन के बाद सभी आए हुए मेहमानों को विदा कर सब लोग घर मे आ चुके थे...

नेहा इस वक्त अपने कमरे मे अपनी साड़ी बदल रही थी, वो इस वक्त आईने के सामने खड़ी थी और अपने गहने बक्से मे रख रही थी और उसे खबर भी नहीं थी के कोई उसके पीछे खड़ा था, उसे किसी ने पीछे से गले लगाया लेकिन नेहा ये स्पर्श जानती थी इसीलिए वो हिली नहीं, उसने आईने मे देखा तो पाया के राघव उसे ही निहार रहा था, नेहा मुस्कुराई और अपनी चूड़िया उतार के रखना जारी रखा और राघव उसके दाए कंधे पे अपनी थुड़ी टिकाए प्यार से उसे देख रहा था

नेहा अपने बालों मे लगी पिन निकालने ही वाली थी के राघव ने उसे रोक दिया

राघव- रुको मैं कर देता हु,

और राघव पीन्स उतारने लगा

नेहा- आज इतनी केयर कैसे?

नेहा ने उसे छेड़ते हुए पूछा

राघव- अब मैं इसमे क्या करू? मेरी बीवी बनी ही प्यार और केयर के लिए है

राघव ने कैजुअली नेहा के गाल को चूमते हुए कहा और अपना काम जारी रखा वही नेहा के चेहरे पर लाली आ गयी और वो सप्राइज़ होके राघव को देखने लगी

नेहा ने अपनी चूड़िया जुलेरी बॉक्स मे रखी और रखते हुए पूछा

नेहा- मैंने आपसे आज सब सॉर्ट करने कहा इनकरेज किया ये सब इसीलिए?

राघव- ना, उसके लिए तो मेरे पास कुछ और है

राघव ने नेहा के बाल खोलते हुए कहा और उसके सर को सहलाने लगा और नेहा ने भी हल्के के अपनी आंखे बंद की और राघव की ओर झुकी और वो उसके सर की मसाज करने लगा

नेहा- और वो क्या है?

नेहा ने सेम पोजिशन मे पूछा

राघव- तुम्हें जल्द ही पता चल जाएगा

नेहा- प्लीज बताइए ना

राघव- मुझपे भरोसा करती हो? तो थोड़ा सब्र करो

नेहा- आप बहुत बुरे हो

राघव- ओके। अब चलो सो जो अब से नो हॉलिडे

राघव ने नेहा को गोद मे उठाया और बेड के पास आया

नेहा- ये मेरे रावण मे अचानक इतना बदलाव

नेहा ने राघव के गले मे अपनी बाहे डालते हुए पूछा

राघव- इस रावण को कुछ और बनने मे भी देर नहीं लगेगी इसीलिए बेहतर होगा अब सो जो

राघव नेहा के ऊपर राजाई डालने लगा

नेहा- मुझे नींद नहीं आ रही है

राघव- आंखे बंद करो आ जाएगी

राघव ने नेहा के चेहरे पर बिखरी उसके बालों की लटों को हटाते हुए कहा

राघव- सुबह जल्दी उठना है अब चुप चाप सो जाओ

अगली सुबह नेहा खुर्ची पर गुस्से मे बैठी राघव पर नजरों के बाण चला रही थी वही राघव उसके लेसन पर कान्सन्ट्रैट कर रहा था वो लोग इस वक्त ऑफिस मे थे और नेहा राघव से बहुत ज्यादा गुस्सा थी

लेकिन क्यू??

क्युकी ये उसे सुबह जबरदस्ती घर से ऑफिस लाया था जबकि नेहा को आज घर पे रुकना था बड़ी दादी वापिस जा रही थी तो उन्हे बाय करना था लेकिन राघव ने उसकी एक नहीं सुनी थी और बच्चों जैसे उसे उठाके लाया था और अब उसे मार्केटिंग सीखा रहा था लेकिन नेहा उसकी किसी बात पर ध्यान नहीं दे रही थी

राघव – चिक्की कान्सन्ट्रैट!

राघव ने कहा क्युकी नेहा की नजरे उसे डिस्टर्ब कर रही थी और उसे नेहा का ये गुस्से वाला लुक बड़ा सेक्सी लग रहा था

और तभी नेहा अपनी जगह से उठी और सोफ़े के पास गई और वहा रखे जग से पानी लेके पीने लगी, राघव उसकी हर एक ऐक्टिविटी को देख रहा था वही नेहा उससे बात भी नहीं कर रही थी और आखिर राघव ने हार मान ली वही नेहा के उसे आँखों के कोने से देखा उसे उसके चेहरे पर स्माइल आ गई

राघव- कम से कम मेरी बात तो सुन लो, इधर आओ

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने भी एक पल सोचा और उसके पास गई और उसके सामने जाकर खड़ी हो गई और राघव आणि खुर्ची पर बैठा हुआ था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ और उसे अपने करीब खिचा और आराम से उसे अपनी गोद मे बिठाया, राघव की हरकत पर नेहा थोड़ा चौकी वो वहा से उठना चाहती थी लेकिन राघव ने उसे अच्छे से पकडा हुआ था जिसपे नेहा ने अपनी नजरे दूसरी तरफ घुमा दी

राघव- ऑ मेरा बेबी गुस्सा है?

राघव ने क्यूट टोन मे पूछा जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी राघव जब भी उससे ऐसा बेबी कहके बुलाया करता उसे बड़ा अच्छा लगता था लेकिन फिर भी उसने राघव की तरफ नहीं देखा और अपना साइलन्ट मोड बनाए रखा

राघव- अच्छा ठीक है सॉरी लेकिन ये भी तो इम्पॉर्टन्ट है ना

नेहा- आप बहुत बुरे हो

नेहा ने राघव के कंधे पर मारते हुए कहा

राघव- हा जानता हु!

नेहा- आइ हेट यू

राघव- नो यू डोन्ट!

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और नेहा ने अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया

राघव- अच्छा ठीक है आज घर जल्दी चलेंगे ताकि तुम बड़ी दादी से मिल पाओ, खुश! लेकिन मैं वापिस आ जाऊंगा मुझे कुछ काम है

राघव ने आखिर हार मानते हुए कहा क्युकी नेहा की जिद्द से वो इतने मे अच्छे से वाकिफ हो चुका था और जैसे ही नेहा ने ये सुना उसकी आंखे चमक गई और उसने एक्साइटमेंट मे राघव को देखा

नेहा- सच मे! आप बेस्ट हो!!

और बोलते ही नेहा ने राघव के गाल को चूम लिया और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने क्या किया है वो पलट गई और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई

नेहा- ओके, मुझे लगता है अब हमे अपना काम कन्टिन्यू करना चाहिए ताकि घर जल्दी जा सके

नेहा ने बगैर राघव की ओर देखते हुए कहा और बस उठने ही वाली थी के राघव ने उसे रोक दिया

राघव- ऐसी ही बैठी रहो ना

राघव ने नेहा के कान मे कहा और नेहा भी वही बैठी रही राघव ने नेहा को मार्केटिंग पढ़ाना जारी रखा लेकिन नेहा के कुछ पल्ले नहीं पड़ा क्युकी राघव ने सबकुछ नेहा के कान मे बड़े ही सेन्शूअल वे मे कहा था और नेहा बस राघव के एहसास के अलावा कुछ और समझ ही नहीं पा रही थी उसमे राघव की उँगलिया हल्के हल्के से नेहा की कमर पर घूम रही थी और अब नेहा को ऐसा लग रहा था के उसे साड़ी मे ऑफिस नहीं आना चाहिए था

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कुमुद- अरे राघव, नेहा इतनी जल्दी आ गए तुम लोग?

बड़ी दादी ने जब इन्हे अपने रूम के दरवाजे पर देखा तो पूछ लिया

राघव- हा दादी ये आपकी बहु को आपसे मिलना था इसीलिए आज ऑफिस मे इनके नखरे चल रहे थे तो जल्दी वापिस लाना पड़ा

राघव ने रूम मे घुसते हुए कहा

कुमुद- हा तो वही तो है जो मुझसे प्यार करती है वरना तुम तो मुझे कब का भूल चुके हो

जैसे ही राघव दादी के पास बैठा दादी ने उसका कान खिचते हुए कहा

राघव- आउच दादी!!

कुमुद- अच्छा छोड़ो मुझे तुम दोनों से कुछ बात करनी है, नेहा तुम भी बैठो पहले

दादी ने कहा और नेहा राघव के बाजू मे जाके बैठी

राघव- क्या बात है दादी

कुमुद- नेहा ये लो बेटा

बड़ी दादी ने अपने बाजू मे रखा रक बॉक्स नेहा की ओर बढ़ाया

नेहा- ये क्या है दादीजी

कुमुद- खोल कर देखो समझ जाओगी

और जैसे ही नेहा ने उस बॉक्स को खोला उसके अंदर रखी चीज को देख कर नेहा की आंखे नम हो गई, उसकी आँख से आँसू बहने लगे, वो इस वक्त कैसा महसूस कर रही थी वो बता नहीं सकती थी राघव ने उसका हाथ पकडा हुआ था, कांपते हाथों से नेहा ने उस चीज को बाहर निकाला, उसका दिल इस वक्त जोर से धडक रहा था उस बॉक्स के अंदर रखी चीज उसके लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखती थी, नेहा अपनी भावनाओ पर काबू नहीं रख पा रही थी, उस बॉक्स मे रखी हर चीज की नेहा के लिए एक अलग ही अहमियत थी उनसे उसकी याडे जुड़ी हुई थी और तब नेहा ने बड़ी दादी को देखा वो दादी के दिए इस तोहफे से बहुत बहुत ज्यादा खुश थी, इस चीज ने उसके दिल को छुआ था....

लेकिन क्या था उसमे??

जानेंगे अगले अपडेट मे

क्रमश:
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