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Romance In Love.. With You... (Completed)

DARK WOLFKING

Supreme
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Update 3



सुबह सुबह खिड़की से कमरे मे आती सूरज की रोशनी बेड पर सोई उस खूबसूरत लड़की की नींद मे खलल डाल रही थी.. उसने आती हुई रोशनी से परेशान होकर अपनी करवट बदली और उसका सीधा हाथ बेड की दूसरी ओर गया मानो किसी को वहा ढूंढ रहा हो लेकिन...

बेड पर उसके अलावा कोई नाही था, उसने अपनी आंखे सहलायी और बची कूची नींद को अपनी आँखों से दूर किया और बेड पर उठ कर बैठ गई, उसने एक नजर घड़ी की तरफ देखा तो घड़ी मे इस वक्त सुबह के 7 बज रहे थे।

उसने एक नजर अपने कमरे मे घुमाई फिर दोबारा बेड को देखा, एक लंबी सास छोड़ी और मुह ही मुह मे कुछ पुटपुटाकर वो अपनी दैनिक क्रिया निपटने के लिए उठ गई और बाथरूम की ओर चली गई..

बाथरूम से आकार और रेडी होकर उसने नीचे जाने से पहले आखरी बार अपने आप को आईने मे देखा, उसे अपने आप को प्रेसेंटेबल रखना था आखिर वो इस परिवार की बड़ी बहु थी..

नेहा राघव देशपांडे...

नेहा और राघव की शादी को पाँच महीने बीत चुके थे...

नेहा ने नीचे जाकर सबसे पहले किचन मे कदम रखा जहा राघव की मा और चाची पहले ही मौजूद थे

नेहा- गुड मॉर्निंग मा, चाची

नेहा ने मुस्कुराकर उन दोनों को मॉर्निंग विश की

“गुड मॉर्निंग बेटा” नेहा की सास जानकी ने भी उसे मुस्कुरा कर जवाब दिया

“गुड मॉर्निंग नेहा” मीनाक्षी ने कहा

नेहा - तो बताइए आज क्या बनाना है नाश्ते के लिए

नेहा ने अपनी सास की ओर देख कर पूछा

“कुछ बढ़िया पराठों के बारे मे क्या खयाल है?” पीछे से एक आवाज आई जो कोई और नही बल्कि इस घर के मुखिया शिवशंकर जी थे

“गुड मॉर्निंग पापाजी” कहते हुए जानकी और मीनाक्षी ने उनके पैर छूए

शिवशंकर- खुश रहो

नेहा- गुड मॉर्निंग दादू

नेहा ने भी शिवशंकर जी के पैर छूए

शिवशंकर- खुश रहो और अब बताओ कब बन रहे मेरे पराठे

तभी पीछे से गायत्री जी की आवाज आई

गायत्री- आज नेहा जानकी या मीनाक्षी कुछ नही बनाने वाली है

गायत्री जी का इशारा सब समझ रहे थे

दरअसल एक बात तो आप लोगों को बताने की ही रह गई थी, पिछले पाँच महीनों मे शेखर का प्रेमप्रकरण सब घरवालों के सामने आ गया था जिसके चलते शेखर की भी शादी हो चुकी थी

आज शेखर की पत्नी की पहली रसोई थी जिसकी ओर गायत्री जी का इशारा था लेकिन इसमे नेहा जानकी और मीनाक्षी करते भी क्या, देशपांडे परिवार की छोटी बहु अभी तक आयी ही नाही थी

गायत्री- कहा है वो ? उसे अब ये भी बताना पड़ेगा क्या की इस वक्त उसे यहा होना चाहिए था?

गायत्री जी ने ताना कसते हुए कहा, वो वैसे तो इस शादी के खिलाफ नही थी लेकिन उतना ज्यादा खुश भी नाही थी,

गायत्री जी को बगैर डिसप्लिन वाले लोग बिल्कुल पसंद नाही थे और उसमे भी उनकी ये नई बहु मिडल क्लास परिवार से थी और उससे भी ज्यादा वो उनके छोटे पोते की पसंद थी
वैसे तो नेहा भी मिडल क्लास परिवार से थी लेकिन जब गायत्री जी ने नेहा का वेल कल्चर्ड व्यव्हार देखा और जाना के वो कितने बढ़िया डिसप्लिन वाली लड़की है तो उन्होंने उसे खुशी खुशी अपना लिया, वेल सबकी पसंद से ही नेहा इस घर की बहु बनी थी सिवाय एक के..

इस घर के सारे नियम गायत्री जी ही बनाती थी और घर मे उनकी बात केवल शिवशंकर जी काट सकते थे लेकिन वो भी बस कभी कभी। उन्हे सब अपने हिसाब से चाहिए होता था।

“मैं यहाँ हु दादीजी” उन सबने एक आवाज सुनी और उस आवाज की दिशा मे घूमे

किचन के गेट पर देशपांडे परिवार ही नई बहु खड़ी थी

श्वेता शेखर देशपांडे

श्वेता ने अंदर आते ही वहा मौजूद सभी बड़ों का आशीर्वाद लिया और सबसे मुस्कुराकर उसे आशीर्वाद दिया सिवाय गायत्री जी के

गायत्री – जानकी और मीनाक्षी तुम दोनों जाओ और जाकर देखो के पूजा की तयारिया हुई या नाही और नेहा आज श्वेता की पहली रसोई है तो तुम उसे बताओगी के कहा कहा क्या क्या रखा है लेकिन सिर्फ बताना है कुछ भी बनाने मे उसकी मदद नाही करनी है समझ आया ?

गायत्री जी ने सबको अपना अपना काम बता दिया और सबने मुंडी हिला कर हा कहा जिसके बाद गायत्री जी वहा से चली गई और उसके साथ साथ जानकी और मीनाक्षी भी चली गई

शिवशंकर- गायत्री को थोड़ा समय दो बेटा वो जितनी अभी दिख रही है न उतनी बुरी नाही है,

शिवशंकर जी ने श्वेता के सर पर हाथ फेरते हुए कहा और वो भी वहा से चले गए

नेहा- दादी की बात का बुरा मत मानना श्वेता वो ऐसी ही है, मैंने भी मेरे पहले दिन ये सब सहा है,

नेहा ने मुस्कुराकर श्वेता का मूड लाइट करने के लिए कहा

श्वेता - कोई बात नाही भाभी, अच्छा अब बताओ क्या बनाऊ मैं ?

नेहा – उम्म क्या बना सकती हो तुम वो बताओ ?

श्वेता – उम्म... मैं... उम्म वो मुझे कहना बनाना नही आता

श्वेता ने एकदम धीमी आवाज मे कहा जिससे नेहा के चेहरे पर एक मुस्कम आ गई

नेहा- इट्स ओके तुम मुझसे कह सकती हो मैं यहा तुम्हारी मदद के लिए ही हु, ऐसा करते है खीर बनाते है मैं जैसा जैसा बताऊ वैसा वैसा करना

नेहा ने कहा जिसपर श्वेता मे हामी भारी

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श्वेता जब हाथ धो रही थी तब किसी ने पीछे से आकार उसे गले लगा लिया श्वेता जानती थी के वो कौन है

श्वेता - अब क्या चाहिए तुम्हें? रात काफी नाही थी क्या

श्वेता ने बगैर पीछे मुड़े कहा

शेखर- अब क्या मुझे अपनी ही बीवी से प्यार करने के लिए समय भी देखना पड़ेगा क्या

श्वेता – शेखर कोई देख लेगा न छोड़ो मुझे

श्वेता ने शेखर के हाथों से निकलते हुए कहा

शेखर - उमहू पहले मुझे मेरा मॉर्निंग किस दो

शेखर ने श्वेता को कस के पकड़ते हुए कहा

श्वेता- बाद मे ले लेना अभी नही प्लीज, मुझे काम करने दो हटो

श्वेता ने पीछे मूड कर शेखर कों देखते हुए कहा और मूड कर वो एकदम फ्रीज़ हो गई

शेखर- तो अब तुम्हारा काम मुझसे भी ज्यादा जरूरी है ?

शेखर ने श्वेता के बालों की लट को उसके कान के पीछे करते हुए पूछा लेकिन श्वेता ने कोई जवाब नही दिया

शेखर- अब बोलो भी ऐसे पुतले जैसे क्यू खड़ी हो तुम

शेखर ने जब श्वेता की नजरों का पीछा किया और मूड कर देखा तो वो भी वही जम गया

शेखर ने अपना थूक गटका और सामने खड़ी त्रिमूर्ती को देखा इतने मे श्वेता शेखर के बाजुओ से निकल कर उसके बगल मे आकार खड़ी हो गई थी और उसका सर शर्म से नीचे झुका हुआ था

शेखर- वो... भा.. भाभी वो... मैं... वो... पानी पीने आया था

शेखर बुरी तरह से झेंप गया था और नेहा अपनी स्माइल छुपाते हुए बस उसे एक टक देखे जा रही थी लेकिन शेखर को ऐसे हकलाते देखते वहा नेहा के साथ मौजूद दोनों लोग अपनी हसी नही रोक पाए और जोर जोर से हसने लगे जिससे श्वेता और भी ज्यादा शर्म से गडे जा रही थी

विवेक - सिरीयसली भाई आप पानी पीने आए थे? इससे पहले तो मैंने आपको कभी घर के इस कोने मे नही देखा और पानी वो तो आपको कोई भी ला देता

विवेक इतना कह के वापिस हसने लगा

रिद्धि- भाई वेरी बैड कम से कम बहाना तो अच्छा बनाओ

विवेक और रिद्धि की बात सुन कर नेहा ने अपनी हसी छुपाने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रही

नेहा- विवेक रिद्धि चुप करो दोनों ऐसे अपने भाई भाभी को परेशान नाही करते

रिद्धि- पर भाभी भाई इससे पहले कभी पानी लेने किचन मे भी तो नाही आया था न

और रिद्धि वापिस हसने लगी

नेहा- हा तो कल ही तो शादी हुई है मेरे देवर की अब इतना तो बनता है

नेहा ने शेखर की साइड लेते हुए कहा

शेखर- देखा इस घर मे सिर्फ मेरी भाभी को मेरी फिक्र है समझे नालायको

शेखर ने नेहा के पास आते हुए कहा, नेहा शेखर के लिए भाभी के रूप मे बड़ी बहन जैसी थी, नेहा ने प्यार से शेखर के सर पर हाथ फेर और श्वेता उन्हे देख मुस्कुराने लागि, शेखर ने श्वेता को बताया था के नेहा का उसकी लाइफ मे क्या इम्पॉर्टन्स है

रिद्धि- भाभी सारा प्यार क्या सिर्फ शेखर भईया के लिए और हम

रिद्धि ने अपने होंठों को गोल कर प्यार का मुह बनाते हुए कहा

नेहा- अरे तुम दोनों तो जान हो मेरी यहा आओ

और नेहा ने अपने हाथ फैला दिए जिससे रिद्धि और विवेक
उसके गले लग गए और शेखर ने भी इन्हे जॉइन कर लिया

नेहा- तुम वहा क्यू खड़ी हो श्वेता तुम भी आओ

और श्वेता ने भी मुस्कुरा कर उन्हे जॉइन किया

विवेक - अब लग रही है अपनी गैंग कम्प्लीट

तभी उन्हे मीनाक्षी जी का आवाज आया वो उन्हे आरती के लिए बुला रही थी

आरती होने के बाद परिवार के सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे और नेहा और श्वेता सबको नाश्ता परोस रही थी

गायत्री- उम्मीद है ये सब श्वेता ने ही बनाया होगा

गायत्री जी ने खीर को देखते हुए कहा

श्वेता- जी दादी

सब लोग खीर खाने लगे और श्वेता बस उन्हे नर्वसली देख रही थी तब नेहा ने उसे इशारे से शांत रहने कहा

रमाकांत- खीर बढ़िया बनी है बेटा

रमाकांत जी की बात सुनकर श्वेता के चेहरे पर मुस्कान आ गई

जानकी- हा श्वेता खीर बहुत बढ़िया बनी है

फिर श्वेता ने अपने पति की ओर देखा जो खीर की दूसरी कटोरी खतम करने वाला था लेकिन अभी तक उसने खीर कैसी बनी है नही बताया था

"भूक्कड़” श्वेता ने धीमे से कहा

धनंजय- यहा आओ बेटा ये लो

जिसके साथ ही धनंजय ने मीनाक्षी को इशारा किया और उन दोनों ने एक जूलरी सेट श्वेता को पहली रसोई के नेग मे दिया

श्वेता ने उसे लेने से पहले शेखर को देखा और शेखर ने एक स्माइल के साथ हा का इशारा किया फिर श्वेता ने उन दोनों का आशीर्वाद लिया

जिसके बाद रमाकांत और जानकी ने उसे एक 51000 का एन्वलोप दिया

शिवशंकर- और भई हम हमारा तोहफा तो जब तुम अपने पगफेरे की रस्म से लौट आओगी तब देंगे, सप्राइज़ है तुम्हारे लिए

विवेक- वॉव दादू सप्राइज़

विवेक ने एक्सईट होकर कहा

गायत्री- तुम क्यू इतने खुश हो रहे हो ये नए जोड़े के लिए है तुम्हारे लिए नही

गायत्री की बात सुन कर सब मुस्कुराने लगे, नेहा ने पूजा को डायमंड ईयररिंग गिफ्ट किए

रमाकांत- नेहा बेटा तुम्हारा पति कहा है

रमाकांत जी को जब अपना बेटा कही नही दिखा तब उन्होंने नेहा से पूछा जिससे सब नेहा को देखने लगे उसके जवाब के लिए जिसका नेहा के पास कोई जवाब नाही था..

ये एकलौता ऐसा सवाल था जो नेहा को चुप करा देता था

लेकिन क्यू??

उससे तो बस उसके पती के बारे मे पूछा गया था इसमे चुप होने वाली क्या बात थी?

और कहा था उसका पती??

क्रमश:
lovely update ..to shekhar ki bhi shadi ho gayi .kitchen me aake morning kiss maangna shweta se majedar tha 🤣. neha aur do bhai behano ne pakad liya shekhar ko .
gayatri ji jyada khush nahi hai shekhar ki shadi se .par unke dil me koi khot bhi nahi hai shweta ke liye .
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Neha ka jaadu chal hi gaya Ragav ke upar kaise baurya bauraya ghum raha hai :lol1: Neha ke baare me kya hi kahe ab wo to hai hi chaand jaisi :love:

Ritu to ruk hi nahi rahi thi or Kitna karegi ye ladki har baar muh ki khani padti hai fir bhi nahi sudharti :banghead: nice update :good:
 

chawla sahab

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Update 34




आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Very good update brother
 
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Update 34




आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
प्रशंसनीय भाग है, ऋतू को बढ़िया जवाब दिया है नेहा ने और राघव ने भी बगैर कुछ बोले उसे नेहा पसंद है बता दिया है
 

raman chopra

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Update 6



नेहा और शेखर ऑफिस से घर लौट आए थे।

शाम को नेहा किचन मे सब्जियां काट रही थी लेकिन उसके दिमाग मे अभी भी ऑफिस वाली बाते ही घूम रही थी, कैसे राघव ने उसका नाम लिया और बाद मे राघव का ये कहना के वो सब उसने सिर्फ पापा की वजह से किया था, ये कहना साफ झूठ होगा के नेहा को उस बात का बुरा नही लगा था, अपनी पत्नी के सन्मान की रक्षा करना आखिर पति का फर्ज होता है उसके लिए उसे किसी रीज़न की जरूरत नही होती,

नेहा अपने की खयालों मे गुम काम कर रही थी और उसे उसके खयालों से बाहर निकाला श्वेता ने जो दौड़ते हुए किचन मे आई थी

नेहा- क्या हुआ श्वेता ऐसे भाग क्यू रही हो??

श्वेता- भाभी वो... वो..

श्वेता थोड़ा हकलाई, अब क्या बहाना बनाए उसे समझ नही आ रहा था और सच वो नेहा को बता नही सकती थी की उसने शेखर को उसे किस करने का चैलेंज किया है जिससे बचने के लिए वो यहा भाग कर आई है और वो ये भी जानती थी के नेहा के सामने भी शेखर पीछे नाही हटेगा क्युकी शेखर देशपांडे कभी चैलेंज नही हारता था और अब श्वेता को उसे चैलेंज देने का अफसोस हो रहा था और अब शेखर वहा पहुचे इससे पहले उसे नेहा वो वहा से बाहर भेजना था, नेहा ने श्वेता के चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

नेहा- क्या हुआ है बताओगी?

श्वेता- भाभी.. वो.. वो.. राघव भईया आपको रूम मे बुला रहे है

श्वेता ने झट से कहा जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को सीढ़िया चढ़ कर रूम मे जाते देखा था

नेहा- क्या...!!!

नेहा ने करीब करीब चीख कर कहा जिससे श्वेता भी थोड़ा चौकी

श्वेता- भाभी क्या हुआ? मैंने तो बस इतना कहा के भईया आपको बुला रहे है

नेहा- तुम मजाक कर रही हो न!

नेहा को अब भी श्वेता पर यकीन नही हो रहा था

श्वेता- न.. नहीं भाभी मैं क्यू मजाक करूंगी

श्वेता ने एक नर्वस स्माइल के साथ कहा

नेहा- तुम शुअर हो न? तुमने कुछ और तो नही सुना?

नेहा ने श्वेता से वापिस कन्फर्म करना चाहा

श्वेता- भाभी भईया ने मुझे आपको अभी भेजने कहा है अब जल्दी जाइए वो पहले ही काफी गुस्से मे है

श्वेता अब इस सवाल जवाब से थोड़ा परेशान हो गई थी, श्वेता की बात सुन कर नेहा ने हा कहा और वहा से चली गई

‘ये अब मुझे क्यू बुला रहे है? श्वेता सच कह रही थी न? उसने कहा ये गुस्से मे है अगर वो गुस्सा मुझ पर निकला तो?’ रूम मे जाते हुए यही सब सवाल नेहा के दिमाग मे चल रहे थे

--x--x--

शेखर- तो यहा है मेरी डीयर वाइफ

शेखर ने किचन मे घुसते हुए कहा और श्वेता बस आँखों के इशारे से उसे रुकने कहने लगी

श्वेता- शेखर, बेबी प्लीज यहा नहीं बेबी मैं.. मैं अपना चैलेंज वापिस लेती हु

श्वेता पीछे सरक रही थी और शेखर उसकी ओर बढ़ रहा था

शेखर- उमहू अब तो चैलेंज पीछे लेने का कोई चांस ही नहीं है तुम तो जानती हो शेखर देशपांडे चैलेंज से पीछे नाही हटता अब तो मुझे ये चैलेंज पूरा करना ही होगा

श्वेता- शेखर प्लीज ना यहा नही प्लीज मैं वादा करती हु रूम मे जो तुम कहोगे करूंगी यहा कोई देख लेगा ना

श्वेता शेखर को रोक रही थी और शेखर उसके सामने रुक गया

शेखर- मैं जो भी कहूँगा करोगी?

शेखर ने अपनी एक भौ उठाते हुए पूछा

श्वेता- हा बाबा जो कुछ कहोगे

श्वेता के कन्फर्म करने पर शेखर के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

शेखर- सोच लो तुमने ही कहा है अब तयार रहना बाद मे मैं कोई बहाना नही सुनूँगा

श्वेता ने एक राहत की सास तो ले ली लेकिन शेखर की उस शरारती मुस्कान से उसे मामला गड़बड़ लग रहा था

गायत्री – तुम यहा क्या कर रहे हो ?

दादी ने किचन मे आते हुए जब शेखर को किचन मे देखा तो पूछा जिसपर वो दोनों थोड़ा हड़बड़ा गए

शेखर- वो.. दादी.. मैं.. मैं.. हा पानी... पानी लेने आया था

दादी ने शेखर को थोड़ा शकी नजरों से देखा और शेखर ने झट से एक पानी बोतल उठाई और वहा से बाहर चला आया जिसके बाद दादी की नजरे सीधे श्वेता पर पड़ी

दादी- और तुम यहा क्या कर रही हो तुम अभी खाना नहीं बना सकती आज पहला ही दिन है तुम्हारा और नेहा कहा है ?

श्वेता – वो दादी भाभी रूम मे है भईया ने उन्हे कुछ काम के लिए बुलाया था

श्वेता ने दादी को भी वही बताया जो उसने नेहा से कहा था लेकिन वो जानती थी के इसका जवाब उसे नेहा को तो देना ही पड़ेगा के उसने झूठ क्यू कहा था, दादी ने श्वेता की बात पर मुंडी हिलाई और वहा से चली गई जिसके कुछ ही पल बाद जानकी और मीनाक्षी किचन मे आई और उन्होंने वहा श्वेता को उतरे हुए चेहरे के साथ खड़ा देखा तो वो समझ गई के वहा क्या हुआ होगा

श्वेता- मा-बड़ी मा भाभी उनके रूम मे गई है कुछ काम से कुछ ही समय मे आ जाएंगी

मीनाक्षी- हा वो ठीक है बेटा लेकिन तुम यहा क्या कर रही हो नई दुल्हन पहले ही दिन काम नहीं करती

मीनाक्षी ने एक स्माइल के साथ कहा

जानकी- हा, जाओ बेटा वो विवेक और रिद्धि कुछ समय पहले तुम्हारे बारे मे पुछ रहे थे उनसे मिल लो

जिसपर श्वेता ने हा मे गर्दन हिलाई और वहा से चली गई।
--x--

नेहा अपने रूम के दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सोच रही थी के अंदर जाए या ना जाए और आखिर मे उसने रूम मे जाने का फैसला किया और बगैर नॉक किए अंदर चली गई और यही उसने गलती कर दी

अंदर उसे वो काही नाही दिखा और अचानक उसे बाथरूम का दरवाजा खुलने का आवाज आया और उसने उस तरफ देखा और..

नेहा- आह्ह!

नेहा अपनी आंखे बड़ी करके चीखी

क्यू??

क्युकी वहा उनके पतिदेव श्रीमान राघव देशपांडे बगैर कपड़ों के खड़े थे अपनी इज्जत को अपनी कमर पर लपेटे एक टॉवल से बचाते हुए

राघव भी नेहा की तरफ आंखे बड़ी करे मुह फाडे देख रहा था और नेहा एकदम से पलट गई

नेहा- वो... मैं... आ... मैं... आप.. सो.. सॉरी... वो.. मैं...

नेहा के मूह से शब्द ही नही निकल रहे थे और वो इससे ज्यादा कुछ नही बोल पा रही थी जिससे वो वहा एक पल भी नहीं रुकी और रूम से बाहर आ गई वही राघव अब भी वहा खड़ा हुआ अभी अभी हुए सीन को पचाने की कोशिश कर रहा था

नेहा अपने रूम से बाहर भाग आई और एक जगह रुक कर अपनी बढ़ी हुई सासों पर काबू करने लगी

‘हे भगवान ये... ये क्या हुआ अभी अभी’ नेहा ने सोचा

विवेक- भाभी क्या हुआ आप इतनी जोर जोर से सासे क्यू ले रही हो?

रिद्धि- हा भाभी क्या हुआ आपको?

विवेक और रिद्धि ने जब नेहा को देखा तो सेम सवाल पुछ डाला

नेहा- वो.. एक्चुअल्ली.. मैंने चूहा.. हा चूहा देख लिया तो डर गई और भाग आई यहा हे हे

नेहा ने बात संभालते हुए उन दोनों भाई बहनों को देखा जो अब भी नेहा को घूर रहे थे, उनके लिए ये बात पचा पाना मुश्किल था, वो नेहा को कुछ पल और वैसे ही देखते रहे और फिर जोर से हसने लगे

विवेक- क्या भाभी आप भी चूहे से डर गई

रिद्धि- हा ना वो चूहा आपको खा थोड़ी जाता जो आप ऐसे भाग आई

नेहा को उनकी बात पर कुछ बोलते नही बन रहा था क्युकी वो दोनों नही जानते थे के नेहा ने किस चूहे को देखा था

नेहा- अब हसना हो गया हो तो चलो खाने का वक्त हो गया है

नेहा ने बात बदल दी और वो तीनों डाइनिंग हॉल मे आ गए,

घर के सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे और नेहा और श्वेता सबको खाना परोस रही थी तब नेहा ने देखा के राघव एक ब्लैक टीशर्ट और ट्राउज़र मे सीढ़ियों से नीचे आ रहा है

‘मुझे नाही पता था के ये कैजुअल कपड़ों मे भी इतने हॉट लगते है’ नेहा ने मन ही मन राघव को देखते हुए सोचा

नेहा सबसे सामने ऐसे तो मत घूरो उन्हे’ नेहा ने अपने ही दिमाग मे अपने आप को डाट लगाई जिससे शर्म से उसके गाल लाल हो चुके थे, मोमेंट तो था

विवेक- अरे वाह देखो तो आज स्वयं महाराज राघव जी हम तुच्छ प्राणियों के साथ खाना खाने वाले है, हमारे तो भाग ही खुल गए

विवेक ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा और बदले मे उसे मिला क्या तो राघव का गुस्से वाला लुक

धनंजय- बेटा कभी हस भी लिया करो क्या हमेशा एक ही इक्स्प्रेशन लिए रहते हो

धनंजय से राघव को समझाया

राघव- मुस्कुराने का रीज़न भी तो होना चाहिए न चाचू

राघव ने अपनी सीट पर बैठते हुए कहा

रमाकांत- कहना क्या चाहते हो राघव

लेकिन राघव ने रमाकांत जी की बात का कोई जवाब नही दिया और चुप रहा और माहोल थोड़ा गरम होते देख दादू को बोलना पड़ा

शिवशंकर- खाना खा ले पहले, उसके बाद राघव मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है

जिसकर राघव ने भी अपनी गर्दन हा मे हिला दी

मीनाक्षी- अरे तुम दोनों भी बैठो ना सब लोग सर्व कर लेंगे खाना

मीनाक्षी जी ने श्वेता और नेहा से कहा जिसके बाद स्वेता जाकर शेखर के बगल वाली खुर्ची पर बैठ गई और नेहा रिद्धि के तरफ जा रही थी के जानकी बोली

जानकी- नेहा उधर कहा जा रही हो देखो तुम्हारी सीट तो वहा राघव के बाजू मे रीज़र्व्ड है

जिसपर नेहा ने कहा तो कुछ नही लेकिन राघव का नाम आते ही उसे अभी थोड़ी देर पहले हुआ सीन याद आया और उसके गाल लाल हो गए, दिल की धड़कन बढ़ गई जैसे ही उसने राघव को देखा, वो राघव के बाजू मे आकार बैठी लेकिन राघव तो बस अपनी खाली प्लेट को घूरे जा रहा था जिससे नेहा का चेहरा थोड़ा उतर गया लेकिन तभी उसके ध्यान मे आया के ग्रेट राघव देशपांडे कभी अपनी थाली नहीं परोसते उसे कोई न कोई खाना सर्व करने के लिए चाहिए होता है, ऑफिस मे ये काम उसका अससिस्टेंट करता है और जब वो रात का खाना खाने घर आता है तब भी कोई न कोई नौकर उसे खाना सर्व कर देता है क्युकी नेहा वहा नही होती

ऐसा नही था के नेहा उसकी राह नही देखती थी लेकिन राघव घर ही इतना देरी से आता था के तब तक नेहा दिन भर के काम से थक कर सो चुकी होती थी और दोपहर मे सोने की आदत ना होने की वजह से वो कितनी भी कोशिश कर ले ज्यादा नही जाग पाती थी, पर जब उसने कुछ महीने पहले राघव के उनके रीलेशन के बारे ख्याल सुने थे के उसे इस सब से कोई मतलब नहीं है तब से वो उसे थोड़ा इग्नोर कर रही थी उसने उसकी राह देखना छोड़ दिया था पर आज जब सारा परिवार साथ खाना खा रहा था और कोई नौकर सर्व नही कर सकता था तो ये उन दोनों के लिए थोड़ी दुविधा थी

नेहा ने अपना हाथ बढ़ा कर राघव की प्लेट मे खाना सर्व किया जिसका उसने कोई विरोध नही किया और जब नेहा उसे खाना सर्व कर रही थी तब भी वो बस अपनी प्लेट को ही देखे जा रहा था, उन दोनों के देख के जानकी के चेहरे पर मुस्कान आ गई

विवेक- ओयेहोयहोय तो अब भाभी के परोसे बगैर भाई खाना भी नाही खा सकता, सही है

लेकिन राघव ने इस बार भी विवेक को कोई जवाब नाही दिया और वही नेहा ने अपना खाना शुरू किया

रिद्धि- भाई आपको पता है भाभी को चूहों से डर लगता है, कुछ समय पहले वो आपके रूम से निकल कर कॉरिडोर मे भाग रही थी जैसे चूहा उन्हे खा जाएगा

रिद्धि ने कहा जिससे राघव का निवाला उसके गले मे ही अटक गया और उसे ठसका लगा वही नेहा डर से अपनी आंखे बड़ी करके रिद्धि को देखने लगी लेकिन जब राघव जोर से खांसा तब उसने रिद्धि ने ध्यान हटाया और राघव को पानी का ग्लास पकड़ाया

जानकी- राघव, ठीक हो?

जिसपर राघव ने बस गर्दन हिलाई

मीनाक्षी- आराम से खाओ

शेखर- आराम से कैसे खाएगा मा जब भाभी ने इतने प्यार से खाना बनाया है तो

शेखर ने राघव को छेड़ते हुए कहा और बदले मे पाया राघव का गुस्से वाला लुक

राघव- श्वेता मुझे माफ कर देना क्युकी अभी मैं तुम्हारे इस डीयर हज़्बन्ड के दात तोड़ने वाला हु

राघव ने शेखर को साफ साफ धमकी दे डाली एक तो नेहा ने उसे चूहा कहा था ऊपर से ये लोग भी उसे चिढ़ाये जा रहे थे राघव की बात सुन कर श्वेता मुस्कुराई लेकिन जब शेखर से उसे देखा तो बिचारी ने मुंडी नीचे कर ली, विवेक और रिद्धि हसने लगे लेकिन जैसे ही रमाकांत जी ने उन्हे देखा वो भी चुप हो गए

गायत्री- बस अब चुप चाप सब अपना खाना खतम करो

खाना खाने के बाद राघव स्टडी मे चला गया जहा उसके दादू पहले ही उसकी राह देख रहे थे, राघव ने दरवाजा खटखटाया और पर्मिशन मिलते ही अंदर घुसा तो देखा के दादू खुर्ची पर बैठे थे

राघव- जी दादू कहिए क्या बात करनी है आपको

शिवशंकर- बात बहुत जरूरी है राघव, मुझे तुम्हारे और नेहा के बारे मे बात करनी है.....

क्या बात करनी होगी दादू को?

राघव का कम बोलने वाला गुस्से वाला स्वभाव क्या राघव और नेहा को पास आने देगा?

देखते है अगले अपडेट मे..

क्रमश:
Super update
 
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