माई तू क्यों नहीं मानती
जीती है तू भी मेरी आखों में खुशी देखने को
जीता हु में भी तेरी आखों में खूसी देखने को
क्या नही मिलता है तुझे अपने बेटे की बाहों में सुकून
सुनी है मेने भी तेरी सिसकारियां माई जब डाली थी मेने एक उंगली
अब मान भी जा होने दे मिलन... जाने दे बेटे का लिंग अपनी पवित्र योनि में
दर्द से तड़प उठेगी तू लेकिन संभाल लेगा तेरा बेटा...
माई तू क्यों नही मानती.....