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INCEST SEX SHORT STORY WITH GIFS

rhyme_boy

Well-Known Member
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आज मैं जब किचन में काम कर रही थी तभी मेरे देवर जी आगये और पीछे से मुझसे चिपक गए उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ उनका लण्ड काफी हार्ड था और फिर उन्होंने मेरी सेक्सी चूचियां दबाना शुरू कर दिया और फिर घंटो तक मुझे ठोकते रहे ह्म्म्मम्म्म्म आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
Ye devar aap ko thik se khana bhi nahi banane deta ..kamina jab dekho peeche se aa kar plug laga deta hai.. hamare liye bhi chhod do bhai riya bhabhi ji ko
 

riyasethzee

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Mai apne fans ko conversations pe reply nahi de pa rahi hu kyuki limit exceed araha hai to please iska koi solution bataiye….thanks
 

riyasethzee

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ससुर जी ने मुझे अपने साथ बिस्तर पर लिटा लिया। अपने दोनों हाथ मेरे गोरे गोरे गाल पर रख दिए और मेरे रसीले होठ चूसने लगी। वो मेरे उपर लेट गये थे, ससुर जी के सारे बाल गिर गये थे और नाम मात्र के बाल रह गये थे। वो हुबहू अनुपम खेर की तरह लगते थे। हम दोनों एक दूसरे के रसीले होठ चूसने लगे। मैं लाल रंग का ब्लाउस और साड़ी पहन रखी थी। ससुरजी मेरे होठो को मजे से पी रहे थे। फिर उनकी नजर मेरे आम जैसे मीठे गदराए जिस्म पर पड़ी। वो मुझे कसकर चोदना चाहते थे। मैं भी आज ससुर जी से चुदवाना चाहती थी। वो नीचे मेरे बड़े बड़े गोल और रसीले मम्मो पर आ गये और ब्लाउस के उपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा। ““उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” मैं आहे भरने लगी

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कुछ ही देर में ससुर जी ने मेरे होठ हाथ को उपर की तरह कर दिया और मेरे दोनों ३६” के सुडौल मम्मो पर कब्जा कर लिया और तेज तेज दबाने लगे। मैं भी गर्म होने लगी। धीरे धीरे ससुरजी ने मेरे लाल कसे और बेहद चुस्त मम्मे का ब्लाउस खोल डाला और निकाल दिया। मैं सफ़ेद कॉटन वाली चुस्त ब्रा पहन रखी थी। मेरे कसे दूध देखकर अनुपम खेर से दिखने वाले मेरे ससुरजी की आँखों में लालच और चुदाई की हवस मैं साफ़ साफ़ देख सकती थी। फिर ससुर ने मेरा ब्रा भी निकाल दी। २ बड़े बड़े रासिले दूध ठीक उसके सामने थे। ससुरजी अपना आपा खो बैठे और मेरे दूध पर उन्होंने अपने ५५ साल वाले हाथ रख दिए। “अअअअअ…. अउ उ उ उ…” मैं उछल पड़ी। उसके बाद तो ससुरजी बेकाबू हो गए और मेरे दोनों दूध अपने दोनों हाथो से कसकर दबाने लगी। फिर मुंह में लेकर पीने लगे।

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मैं तड़पने लगी। आप ४ महीने बाद कोई मर्द मेरी चूचियों को मुंह में लेकर चूस और पी रहा था। आज मुझे परम और चरम दोनों सुख की प्राप्ति हो गयी। मैंने कोई विरोध नही किया और मस्ती से ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी। वो मेरे बड़े बड़े चकोतरे को मुंह में लेकर चूस रहे थे। अअअअअ….आहा ….हा हा हा….कितना परम आनंद मिल रहा था उनको। उन्होंने बड़ी फुर्ती से अपना सफ़ेद कुर्ता पजामा निकाल दिया और कच्छा निकाल दिया। उनका लौड़ा बहुत बड़ा था और बहुत मोटा ८ इंच का था। मैंने देखा तो मेरे मुंह में पानी आ गया। ससुरजी ४५ मिनट तक तो मेरे चकोतरे ही पीते रहे, फिर मेरी साड़ी, पेटीकोट और पेंटी निकालकर मेरे दोनों पैर खोल दिए।

उनको स्वर्ग का द्वार साफ दिख रहा था। आज सुबह ही नहाते वक़्त मैंने अपनी झांटे साफ़ कर ली थी। मैं नही चाहती थी की ससुरजी का मन बदले। मैं चाहती थी की मेरे यौवन और रूप पर वो पूरी तरह से आसक्त हो जाए और मुझे सारी दोपहर वो चोदे
उन्होंने अपना माथा मेरी चूत पर टेक दिया और जीभ लगाकर मेरी बुर चाटने लगे। ओह्ह्ह्ह….झांट बनाने के बाद मेरा भोसड़ा कितना सफ़ेद और गोरा लग रहा था। मेरी गुलाबी चूत ने ससुरजी पर अपना जादू कर दिया था। किसी बांके लौंडे की तरह वो मेरी बुर मजे से पी रहे थे, मेरी हाथ की चूड़ियाँ और पायल खनक रही थी और आवाज कर रही थी। ससुरजी किसी १८ साल के नौजवान लौंडे की तरह मेरा भोसड़ा पी रहे थे। मैं “……सी सी सी सी…. ऊँ..ऊँ…ऊँ…” कर रही थी। उन्होंने २५ मिनट मेरी चूत मुंह लगाकर पी और चाटी
 
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riyasethzee

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पापा जी….पहले मुझे अपना लौड़ा चूसा दीजिये….फिर चोद लेना!!” मैंने कहा

उसके बाद वो बेड पर सीधा पीठ के बल लेट गये। मैं उसके पेट पर झुक गयी और लौड़े को लेकर फेटने लगा। ८ इंच का मोटा लौड़ा मेरे सामने था। कुछ ही देर में वो लौड़ा बिलकुल खड़ा हो गया और मैं झुककर मुंह में लेकर चूसने लगी। उफ्फ्फ्फ़….कितना मोटा और रसीला था मेरे ससुर जी का लौड़ा। मैं मुंह में लेकर चूसने लगी और १५ मिनट लंड चुसाई की


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फिर उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरे पैर खोल दिए और मेरी चूत में लौड़ा डाल दिया। “आआआआ अह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई..” मैं चिल्लाई। मेरे ससुर मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। “ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ.. उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ…” मैं बार बार किसी चुदासी कुतिया की तरह चिल्ला रही थी।

धीरे धीरे ससुरजी ने अपनी रफ्तार पकड़ ली और मुझे पकापक चोदने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं बार बार अपनी गांड उठा रही थी। ससुरजी तेज रफ्तार ने मुझे चोदने लगे और मेरी चूत घिसने लगे। मेरी ३६” की बड़ी बड़ी चूचियां तेज तेज उपर नीचे किसी गेंद की तरह उछलने लगी। ससुर जी “हा हा हा..” करके गुर्राने लगे और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे। मैं बेचैन होने लगी और अपनी कमर उठाने लगी। तभी ससुर ने अपना हाथ मेरी चूत के दाने पर लगा दिया और जल्दी जल्दी घिसने लगे और चोदने लगे। मेरे पेट, चूत और गांड में कंपकंपी लगने लगी, मीठी मीठी लहरे मेरे पूरे जिस्म में दौड़ने लगी


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ससुर ने सवा घंटे मुझे चोदा और चूत में ही माल गिरा दिया। अब मैं रोज उनसे चुदवाती हूँ
 
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Rahul_Singh1

आपकी भाभी (Crossdesar)
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HI FRIENDS I AM RIYA .....AAJ MAI INCEST SEX PE CHARCHA KARNE AAI HU KON KON INCEST HAI COMENT KARKE BATAYE
Mei apni mousi or sagi bhabhi ko bahut baar chod cuka hu, ab mujhe mom or didi ko chodna h
 
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riyasethzee

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HELLO DOSTO KAISE HO AAP SAB ?????? KOI MUJHE BATAYEGA KI JAB MAIN KOI NEW UPDATE YAHA DALU TO WO MERE MAIL ME KAISE AAYEGA AUTOMATIC

 

riyasethzee

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शादी में सारे लोग मुझे ही घूर घूर कर देख रहे थे। शादी के बाद जब मै ससुराल आयी। तो ससुर जी की नजर हम पर ही रहती थी। हमेशा ही मुझे घूरते रहते थे।
मुझे शादी से पहले चुदवाने का कभी मन ही नहीं करता था। लेकिन जब से सुहागरात में चूत का ताला खोला तब से बस हमेशा चुदवाने का मन करने लगा। चुदाई क्या होती है मैंने अपनी सुहागरात में जाना। हम ढेर सारी मस्ती करते थे। लेकिन ये मस्ती ज्यादा दिन टिक नहीं सकी। मेरे पति का ट्रांसफर कही अलग हो गया। जहां से रोज आना जाना मुश्किल था। ससुर जी कहने लगे तुम भी साथ चली जाओ।

लेकिन मुझे मेरे पति ने अपने साथ ले जाने से मना कर दिया क्योंकि वो चाहते थे की मैं घर पर रहूं। उनके पिता जी का ध्यान रखूँ। कोई घर पर था भी तो नहीं। मैं रुक गई। मुझे उनसे दूर रहना बहुत बुरा लग रहा था। लेकिन क्या करती मजबूरी थी। एक दो दिन में ही मेरी चूत में हलचल मचने लगी। मै चुदने को तड़पने लगी
हफ्ते बीत गए लेकिन चूत की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। मैं रात दिन चुदाई के बारे में ही सोचती रहती थी। मैं एक दिन सुबह सुबह उठकर बहुत ही अच्छे चीज का दर्शन किया। मैंने जब ससुर जी का कमरा साफ़ करने के लिए उनके रुम में गई। तो जो देखा उसे देखकर मै दंग रह गई। ससुर जी अभी सो रहे थे। लेकिन उनका लंड जग चुका था। बाप रे इतना बड़ा भी लंड होता है। मैंने उस दिन देखा तो जाना।

ससुर जी का लगभग 12 इंच लंबा लंड बिस्तर पर खड़ा था। ससुर जी सो रहे थे। उनका लौड़ा खड़ा होकर मुझे गुड मॉर्निंग बोल रहा था। दिल तो कर रहा था। अभी के कभी इसे काट कर अपनी चूत में डाल कर खुजली मिटा लूं। लेकिन कैसे कर पाती ये सब इतना आसान तो था नहीं।
ससुर जी- “तुम मेरी इतनी सेवा करती हो। अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी भी जरूरतों को पूरा कर सकता हूँ”
मै- “हाँ कर दीजिये”
उन्होंने मुझे अपने से चिपका कर कहा। आज मैं तेरी ये वाली जरूरत पूरी करता हूँ। मैं मन ही मन खुश होने लगी। मुझे आज लौड़ा खाने का मौका मिलने वाला था। मै बिस्तर पर उनके साथ लेट गई। लेटते ही वो मेरे ऊपर चढ़ गए। उनका शरीर काफी भारी भरकम था। मेरी गर्मी दुगनी होती जा रही थी। मै हीटर की तरह गर्म होने लगी। उन्होंने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से दबोचकर मेरे होंठ पर अपना होंठ सटा दिया। दोनों कोमल पंखुडियो जैसे मेरे होंठ को चूस चूस कर लाल लाल कर दिया

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मेरी सांस बढ़कर फूलने लगी। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। होंठ चूमने में जब वो इतना टाइम लगा रहे थे। तो कितना टाइम चोदने में लगाएंगे। मै इसका अंदाजा लगा रही थी। उनकी मूछे मेरे गालो में चुभ रही थी। लग रहा था कोई पिन चुभो रहा है। मै भी उनका साथ दे रही थी। मुझे मजा आ रहा था। वो मुझे गालो से किस करते हुए मेरे बालों को सहला रहे थे। मै गर्मी की एक मशीन बनी जा रही थी। मैं पसीने से भीग गई। कुछ देर बाद उन्होंने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करके मेरे पूरे बदन को चूमने लगे। मेरे अंदर बिजली दौड़ने लगी। बहुत देर तक उन्होंने मेरे साथ चुम्मा चाटी की। बुढापे में जब वो इतनी मजा दे रहे थे तो मेरी सास को कितना मजा दिया होगा। मैंने सोचा।

मैंने उन्हें अपने ऊपर से उतारा। वो मेरे चूंचियो के ऊपर सीने पर किस कर रहे थे। कुछ ही पलो में मेरी चूंचियो को अपने हाथो से दबाने लगे। मैंने उस दिन नेट वाली साडी और ब्लाउज पहन रखा था। जिसमे सबकुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था।

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उन्होंने मेरे ब्लाउज के हुक को एक एक करके खोल दिया। मै ब्रा में उनके सामने लेटी थी। वो मेरी चुच्चो को घूर घूर कर देख रहे थे। उन्होंने मुझे उल्टा लिटाकर ब्रा को भी खोलकर मेरे दोनो पंछियों को आजाद कर दिया। गोरे गोरे मेरे मम्मे बहुत ही जबरदस्त दिख रहे थे। ससुर जी दबा दबा कर कहने लगे। बहुत ही जबरदस्त चूँची है तुम्हारी। इतनी सॉफ्ट तो मैंने पहले कभी नहीं दबाई थी। आज लगभग 10 साल मुझे किसी की चूंची पीने का अवसर मिला है। इतना कहकर वो मेरी चूंचियो को और जोर से दबा कर पीने लगे।
मै उनको पकड़ कर दबा रहो थी। दांतो से निप्पल को काटते ही मैं “अई…अई…..इसस्स्स्स्स्स् स्स्….उहह्ह्ह्ह….ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भर रही थी। पीते पीते मेरे पेट की तरफ बढ़ने लगे।

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एका एक मेरी ढोंढ़ी में अपनी जीभ डाल दी। मैं चौंक उठी। उन्होंने मेरी साडी उतारकर पेटीकोट में करके मुझे उठा दिया। पेटीकोट का नाड़ा खोलकर निकाल दिया। मुझे उनके सामने पैंटी में शर्म आ रही थी। वो कहने लगे- “मुझसे क्या शरमाना। मैं अब से तुम्हारा पति ही तो हूँ। जो ख़ुशी तुम्हारा पति देता है। आज से मै दूंगा”

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