शादी में सारे लोग मुझे ही घूर घूर कर देख रहे थे। शादी के बाद जब मै ससुराल आयी। तो ससुर जी की नजर हम पर ही रहती थी। हमेशा ही मुझे घूरते रहते थे।
मुझे शादी से पहले चुदवाने का कभी मन ही नहीं करता था। लेकिन जब से सुहागरात में चूत का ताला खोला तब से बस हमेशा चुदवाने का मन करने लगा। चुदाई क्या होती है मैंने अपनी सुहागरात में जाना। हम ढेर सारी मस्ती करते थे। लेकिन ये मस्ती ज्यादा दिन टिक नहीं सकी। मेरे पति का ट्रांसफर कही अलग हो गया। जहां से रोज आना जाना मुश्किल था। ससुर जी कहने लगे तुम भी साथ चली जाओ।
लेकिन मुझे मेरे पति ने अपने साथ ले जाने से मना कर दिया क्योंकि वो चाहते थे की मैं घर पर रहूं। उनके पिता जी का ध्यान रखूँ। कोई घर पर था भी तो नहीं। मैं रुक गई। मुझे उनसे दूर रहना बहुत बुरा लग रहा था। लेकिन क्या करती मजबूरी थी। एक दो दिन में ही मेरी चूत में हलचल मचने लगी। मै चुदने को तड़पने लगी
हफ्ते बीत गए लेकिन चूत की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। मैं रात दिन चुदाई के बारे में ही सोचती रहती थी। मैं एक दिन सुबह सुबह उठकर बहुत ही अच्छे चीज का दर्शन किया। मैंने जब ससुर जी का कमरा साफ़ करने के लिए उनके रुम में गई। तो जो देखा उसे देखकर मै दंग रह गई। ससुर जी अभी सो रहे थे। लेकिन उनका लंड जग चुका था। बाप रे इतना बड़ा भी लंड होता है। मैंने उस दिन देखा तो जाना।
ससुर जी का लगभग 12 इंच लंबा लंड बिस्तर पर खड़ा था। ससुर जी सो रहे थे। उनका लौड़ा खड़ा होकर मुझे गुड मॉर्निंग बोल रहा था। दिल तो कर रहा था। अभी के कभी इसे काट कर अपनी चूत में डाल कर खुजली मिटा लूं। लेकिन कैसे कर पाती ये सब इतना आसान तो था नहीं।
ससुर जी- “तुम मेरी इतनी सेवा करती हो। अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी भी जरूरतों को पूरा कर सकता हूँ”
मै- “हाँ कर दीजिये”
उन्होंने मुझे अपने से चिपका कर कहा। आज मैं तेरी ये वाली जरूरत पूरी करता हूँ। मैं मन ही मन खुश होने लगी। मुझे आज लौड़ा खाने का मौका मिलने वाला था। मै बिस्तर पर उनके साथ लेट गई। लेटते ही वो मेरे ऊपर चढ़ गए। उनका शरीर काफी भारी भरकम था। मेरी गर्मी दुगनी होती जा रही थी। मै हीटर की तरह गर्म होने लगी। उन्होंने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से दबोचकर मेरे होंठ पर अपना होंठ सटा दिया। दोनों कोमल पंखुडियो जैसे मेरे होंठ को चूस चूस कर लाल लाल कर दिया
मेरी सांस बढ़कर फूलने लगी। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। होंठ चूमने में जब वो इतना टाइम लगा रहे थे। तो कितना टाइम चोदने में लगाएंगे। मै इसका अंदाजा लगा रही थी। उनकी मूछे मेरे गालो में चुभ रही थी। लग रहा था कोई पिन चुभो रहा है। मै भी उनका साथ दे रही थी। मुझे मजा आ रहा था। वो मुझे गालो से किस करते हुए मेरे बालों को सहला रहे थे। मै गर्मी की एक मशीन बनी जा रही थी। मैं पसीने से भीग गई। कुछ देर बाद उन्होंने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करके मेरे पूरे बदन को चूमने लगे। मेरे अंदर बिजली दौड़ने लगी। बहुत देर तक उन्होंने मेरे साथ चुम्मा चाटी की। बुढापे में जब वो इतनी मजा दे रहे थे तो मेरी सास को कितना मजा दिया होगा। मैंने सोचा।
मैंने उन्हें अपने ऊपर से उतारा। वो मेरे चूंचियो के ऊपर सीने पर किस कर रहे थे। कुछ ही पलो में मेरी चूंचियो को अपने हाथो से दबाने लगे। मैंने उस दिन नेट वाली साडी और ब्लाउज पहन रखा था। जिसमे सबकुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था।
उन्होंने मेरे ब्लाउज के हुक को एक एक करके खोल दिया। मै ब्रा में उनके सामने लेटी थी। वो मेरी चुच्चो को घूर घूर कर देख रहे थे। उन्होंने मुझे उल्टा लिटाकर ब्रा को भी खोलकर मेरे दोनो पंछियों को आजाद कर दिया। गोरे गोरे मेरे मम्मे बहुत ही जबरदस्त दिख रहे थे। ससुर जी दबा दबा कर कहने लगे। बहुत ही जबरदस्त चूँची है तुम्हारी। इतनी सॉफ्ट तो मैंने पहले कभी नहीं दबाई थी। आज लगभग 10 साल मुझे किसी की चूंची पीने का अवसर मिला है। इतना कहकर वो मेरी चूंचियो को और जोर से दबा कर पीने लगे।
मै उनको पकड़ कर दबा रहो थी। दांतो से निप्पल को काटते ही मैं “अई…अई…..इसस्स्स्स्स्स् स्स्….उहह्ह्ह्ह….ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भर रही थी। पीते पीते मेरे पेट की तरफ बढ़ने लगे।
एका एक मेरी ढोंढ़ी में अपनी जीभ डाल दी। मैं चौंक उठी। उन्होंने मेरी साडी उतारकर पेटीकोट में करके मुझे उठा दिया। पेटीकोट का नाड़ा खोलकर निकाल दिया। मुझे उनके सामने पैंटी में शर्म आ रही थी। वो कहने लगे- “मुझसे क्या शरमाना। मैं अब से तुम्हारा पति ही तो हूँ। जो ख़ुशी तुम्हारा पति देता है। आज से मै दूंगा”
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