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इतना कहकर मेरी चूत पर अपना हाथ रख दिया। अपना लंड मेरी गांड में लगाने लगे। मैंने उनके लंड को कस के पकड़ लिया। उन्होंने कहा-“मेरी जान आज मैं तुम्हे अपने लंड के दर्शन कराता हूँ। अभी तक तुम परदे के पीछे देख़ रही थी”
इतना कहकर अपनी धोती निकाल कर फेंक दिया। वो नीचे कच्छा भी नहीं पहने थे। उनका मोटा काला नाग जैसा लंड बहुत ही डरावना लग रहा था।
मैंने उनके लंड पकड़कर अपने मुयः में रख लिया। उनका सुपारा मै लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। इतना मजा तो मुझे पहले कभी नही आया। मेरे पति का लंड छोटे बच्चे की तरह छोटा सा था। लेकिन मुझे उससे भी खेलने में मजा आता था। उन्होंने मुझे बिस्तर पर उठाकर पटक दिया। उसके बाद अपना कुर्ता निकाल कर मेरी पैंटी निकालने लगे। एक ही झटके में मेरी पैंटी को मेरी चूत से अलग कर दिया। मेरी दोनों टांगों को फैला कर उसका दर्शन किया। उसके बाद अपना मुह मेरी चूत पर लगाकर पीने लगे। मेरी चूत को पीते ही मेरी चीखें निकलने लगी। मै “…अहह ह्ह् ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ…आहा …हा हा हा”, की चीख निकालकर उनका माथा अपने चूत में चिपका दिया। वो भी समझ गए दीपा में कितना जोश है। मैंने अपनी चूत उठाकर चटाने लगी। वो मेरी चूत के दाने को काट काट कर उसका आनंद ले रहे थे। लेकिन मेरी तो जान निकल रही थी
अपने लंड को मुठियाते हुए मेरी चूत पर रगड़कर मुझे तड़पा रहे थे।
मैं- ” बाबू जी देर न करो डाल दो अंदर बहुत खुजली हो रही है”
ससुर जी- ” डालता हूँ अभी खुजली और बढ़ने दो”
इतना कहकर अपना लौड़ा जोर जोर से रगड़ने लगे। मेरी चूत से जैसे आग की लपटें निकलने लगी हो। आखिर कर अपना लंड चूत के द्वार पर लगा ही दिया। उन्होने जोर का झटका मारा। आधा लंड मेरी चूत ने घुस गया। पहली बार इतना मोटा लंड मेरी चूत में घुसा था। मैं तड़प उठी। जोर जोर से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईई ईई……ओह्ह्ह्…..अई….अई…अई….अई–मम्मी…” की आवाज निकल गई। वो अपना लंड आधे चूत में ही अंदर बाहर करके चोद रहे थे।
कुछ ही देर बाद दर्द कम होते ही फिर से वही जोर का झटका दिया। मेरी चूत पूरी तरह से फट गई। मुझे लग रहा था मैं बेहोश हो जाऊंगी। दर्द से पसीने से भीग गई। लेकिन आज तो वो अपने मूड में थे। पता नहीं क्या चल रहा था उनके मन में। मेरी दर्द को समझ ही नहीं रहे थे। उसके बाद उन्होंने मुझे लगातार चोद रहे थे। मेरा दर्द कुछ ही देर बाद आराम होने लगा। मैंने भी अब चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया। मै भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी। कमर उठाते ही वो लपा लप चोदने लगे। उन्होंने मेरी वक टांग उठा कर खुद भी लेट कर चोदने लकगी। सटा सट उनका लौड़ा अंदर बाहर हो रहा था। मैं भी “…उंह उंह उंह हूँ… हूँ…. हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह.. .अई…अई….अई…” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। मुझे बहुत ही आनंद मिल रहा था। पहली बार इस तरह से मेरी चुदाई हो रही थी। मेरे पति तो 5 मिनट में ही झड़ जाते थे। ससुर जी ने मुझे खड़ी कर दिया।
मै चुपचाप खड़ी थी। पीछे से मुझे झुकाकर अपना लंड मेरी चूत में घुसाकर खूब जोर जोर से पेलने लगे। मेरी तो जान ही निकाल दी। मै भी काफी दिनों की चुदाई की प्यासी थी। एक एक पल का मजा ले रही थी। वो पेलते रहे
इतना कहकर अपनी धोती निकाल कर फेंक दिया। वो नीचे कच्छा भी नहीं पहने थे। उनका मोटा काला नाग जैसा लंड बहुत ही डरावना लग रहा था।
मैंने उनके लंड पकड़कर अपने मुयः में रख लिया। उनका सुपारा मै लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। इतना मजा तो मुझे पहले कभी नही आया। मेरे पति का लंड छोटे बच्चे की तरह छोटा सा था। लेकिन मुझे उससे भी खेलने में मजा आता था। उन्होंने मुझे बिस्तर पर उठाकर पटक दिया। उसके बाद अपना कुर्ता निकाल कर मेरी पैंटी निकालने लगे। एक ही झटके में मेरी पैंटी को मेरी चूत से अलग कर दिया। मेरी दोनों टांगों को फैला कर उसका दर्शन किया। उसके बाद अपना मुह मेरी चूत पर लगाकर पीने लगे। मेरी चूत को पीते ही मेरी चीखें निकलने लगी। मै “…अहह ह्ह् ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ…आहा …हा हा हा”, की चीख निकालकर उनका माथा अपने चूत में चिपका दिया। वो भी समझ गए दीपा में कितना जोश है। मैंने अपनी चूत उठाकर चटाने लगी। वो मेरी चूत के दाने को काट काट कर उसका आनंद ले रहे थे। लेकिन मेरी तो जान निकल रही थी
अपने लंड को मुठियाते हुए मेरी चूत पर रगड़कर मुझे तड़पा रहे थे।
मैं- ” बाबू जी देर न करो डाल दो अंदर बहुत खुजली हो रही है”
ससुर जी- ” डालता हूँ अभी खुजली और बढ़ने दो”
इतना कहकर अपना लौड़ा जोर जोर से रगड़ने लगे। मेरी चूत से जैसे आग की लपटें निकलने लगी हो। आखिर कर अपना लंड चूत के द्वार पर लगा ही दिया। उन्होने जोर का झटका मारा। आधा लंड मेरी चूत ने घुस गया। पहली बार इतना मोटा लंड मेरी चूत में घुसा था। मैं तड़प उठी। जोर जोर से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईई ईई……ओह्ह्ह्…..अई….अई…अई….अई–मम्मी…” की आवाज निकल गई। वो अपना लंड आधे चूत में ही अंदर बाहर करके चोद रहे थे।
कुछ ही देर बाद दर्द कम होते ही फिर से वही जोर का झटका दिया। मेरी चूत पूरी तरह से फट गई। मुझे लग रहा था मैं बेहोश हो जाऊंगी। दर्द से पसीने से भीग गई। लेकिन आज तो वो अपने मूड में थे। पता नहीं क्या चल रहा था उनके मन में। मेरी दर्द को समझ ही नहीं रहे थे। उसके बाद उन्होंने मुझे लगातार चोद रहे थे। मेरा दर्द कुछ ही देर बाद आराम होने लगा। मैंने भी अब चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया। मै भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी। कमर उठाते ही वो लपा लप चोदने लगे। उन्होंने मेरी वक टांग उठा कर खुद भी लेट कर चोदने लकगी। सटा सट उनका लौड़ा अंदर बाहर हो रहा था। मैं भी “…उंह उंह उंह हूँ… हूँ…. हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह.. .अई…अई….अई…” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। मुझे बहुत ही आनंद मिल रहा था। पहली बार इस तरह से मेरी चुदाई हो रही थी। मेरे पति तो 5 मिनट में ही झड़ जाते थे। ससुर जी ने मुझे खड़ी कर दिया।
मै चुपचाप खड़ी थी। पीछे से मुझे झुकाकर अपना लंड मेरी चूत में घुसाकर खूब जोर जोर से पेलने लगे। मेरी तो जान ही निकाल दी। मै भी काफी दिनों की चुदाई की प्यासी थी। एक एक पल का मजा ले रही थी। वो पेलते रहे