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Adultery Innocent... (wife)

Vegetaking808

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Update 3
Shalini ,Nil aur chacha ghar pahochte hai tab tak sham ka waqt ho jata hai,sab thak ke thodi der aaram karte hai Shalini apne room me jake apne kapde change karti hai aur Nil ko apna doodh pilake sula deti hai aur khud bhi sone lagti hai magar use nind nahi aa rahi thi,wo kal raat jo uske aur Nirav ke bich hui baat ko sochti hai,
Shalini : (man me) me fir se pehle ki tarah slim aur sexy dikhugi iske liye yoga ya gym jo karna padega me karugi,me Nirav ki uski purani wali Shalini ban ke dikhaugi,ab to ye america chale gaye hai,ab mere paas time bachega, na subah tiffin
Bana ne ki tension aur sham ko unke wapis aane par unke chai naste ka tension,is time me apne body fitness me use karugi,thodi der kuch soch kar wo apni ek saheli ko call karti hai jo gym jati hai, wo use call karti hai....
शालिनी : हेल्लो काव्या ! कैसी हो?
काव्या : एकदम मस्त! तुम केसी हों?बहोत दिनो बाद मेरी याद आई, ना कोई कॉल, ना कोई मैसेज
शालिनी : मैं भी मस्त हू, हाँ बहोत दिन हों गए यार, प्रेग्नेंसी के बाद तो तुझे पत्ता ही है कि अपना समय कहा पे जाता है,
काव्या : हा यार अपना पूरा समय बच्चे और पति के पीछे चला जाता है,अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता
शालिनी : फिर भी तूने तो अपने लिए वक्त निकाल लिया है,सुना है तु जिम जाति हो,
काव्या: हां तूने सही सुना ,क्या करू यार प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ गया था इस लिए जिम ज्वाइन किया है,
शालिनी : मुझे भी जिम ज्वाइन करना है,मेरे पति काम के सिलसिले में अमेरिका गए है,तो सोचा की में भी जिम जाकर अपना वजन और फिगर पहले जैसे बना लूं.प्रेग्नेंसी के बाद मेरा पेट की चर्बी थोड़ी बढ़ गई है,
काव्या : ये सही सोचा तूने,में जहा जाति हु वहा लेडिस ट्रेनर है,वो एरोबिक्स भी फ्री में करवाती है ,जो प्रेगनेंसी के बाद के मोटापे से परेशान महिला के लिए है
शालिनी : ये बहोत ही बढ़िया है,में कल से ही ज्वाइन करुगी
काव्या : लेकिन तेरा बच्चा? क्या नाम है उसका?
शालिनी : अरे उसका नाम नील है ।और उसकी चिंता नहीं है ,हमारे एक चाचा है उसके साथ रहेगा,नील भी उसे पसंद करती है,वो मेरे ससुर के दोस्त है,और अभी वो हमारे यहां रहते है,उसका पूरा परिवार अकस्मात में मर गया,अब हम ही उसके परिवार है
काव्या : ठीक है ,में ट्रेनर को बोल दुगी,तुम कल से शुरू कर दो। चल बाय मेरे पति ऑफिस से आ गए है बाय,फोन रखती हु।
शालिनी : ok बाय कल मिलते है।
शालिनी घड़ी देखती है तो देखा कि 7 बज गए, वो हाथ मुंह धो कर फ्रेश होकर खाना बनाने जाति है तो देखती है चाचा हॉल में बैठे थे

शालिनी : अरे चाचा आप कब उठे?
चाचा : बस अभी थोड़ी देर पहले।
शालिनी : ठीक है आप के लिए चाय बना देती हू,
चाचा: नहीं बहु अब सीधा खाना ही खाऊंगा
शालिनी : आप थोड़ी देर रुकिए अभी बना देती हू
आधे घंटे बाद सब खाना रेडी हो जाता है ,फिर चाचा और शालिनी खाना खाते है,फिर चाचा टीवी देखते है तब तक शालिनी सब काम निपटा के फ्री होके हॉल में आके सोफे पर बैठ जाति है,तभी नील के रोने की आवाज आती है,शालिनी नील को रूम में उठाके हॉल में लाती है,और उसे दुलारने लगती है,
चाचाजी : बेटा लगता है मुन्ना भूखा है,दोपहर से थक के सोया हुआ था ,उसे अपना दूध पिला दो,

शालिनी : आप ठीक कह रहे है चाचाजी, ऐसा सुनके वो उनको लेके अपने रूम में चली जाति है और गुड नाईट बोलके दरवाजा बंद करके सोने चली जाति है,वो अंदर जाके अपनी साड़ी निकाल के साइड में रखती है और अपना ब्लाउज भी निकाल देती है फिर ब्रा का हुक खोलके अपने दोनो सफेद कबूतरों को आजाद करती है ,फिर वो बेड पर लेट जाति है और नील को अपने बगल में सुला के उसे अपना एक स्तन का निप्पल उसके मुंह में दे देती है,वो भी भूखा होने की वजह से उसे चूसने लगता है वो इस बार थोड़ा जल्दी जल्दी पी रहा था इस कारण चप चप की आवाज आ रही थी थोड़ी देर में एक स्तन खाली हो जाता है और वो उसे अपनी दूसरी साइड लेके दूसरा स्तन पीने को देती है,भूखा होने के कारण वो दूसरा भी पीने लगता है लेकिन इस बार वो धीरे पी रहा था ,उसे अपना अमृत पिलाते पिलाते उसकी आंख कब लग गई उसे पता नही रहा और वो ऐसे ही सो गई ,नील भी थोड़ी देरबाद पेट भर जाने के बाद निप्पल को मुंह से निकल देता है और अपनी मां से चिपक कर खेलने लगता है थोड़ी देर बाद वो भी सो जाता है,लेकिन आधी रात बात तीन बजे के करीब नील उठ जाता है और रोने लगता है,जिस से शालिनी की नींद खुलती है वो देखती है की वो ऊपर से बिना कुछ कपड़ो के सो रही थी और नील रो रहा होता है,वो झट से उसे उठा के अपने गोदी में ले लेती है और उसे प्यार दुलार करती है और उसे फिर से दूध पिलाने की कोशिश करती है लेकिन वो निप्पल को मुंह में नही ले रहा था और मुंह फेर देता था,वो बहुत कोशिश करती है लेकिन वो शांत नहीं होता उसके रोने की तेज आवाज सुन के चाचाजी जाग जाते है,और वो धीमे धीमे चलके आके शालिनी के रूम को खटखटाते है,
चाचा : क्या हुआ बेटी ? मुन्ना रो क्यों रहा है?
शालिनी चाचा की आवाज सुन के हैरान हो जाति और फटाफट अपना ब्लाउज को ढूंढ के बिना ब्रा के पहन लेती है,और हड़बड़ी में साड़ी पहनती हुई बोलती है ,चाचाजी पता नही क्या हुआ है बस रो रहा है,शांत ही नहीं हो रहा इतना बोल के साड़ी का पल्लू डाल के नील को उठा कर दरवाजा खोलती है,
चाचाजी : (दरवाजा खुलते ही )लाओ मुन्ने को मेरे पास, ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथ में से लेने लगते है,
जल्दी में लेने की वजह से उसका एक हाथ शालिनी के बिना ब्रा के पहेने ब्लाउज से उसके स्तन धीरे से दब जाता है,इस से चाचा को पता चल जाता है को शालिनी ने ब्लाउज के अंदर कुछ नही पहना,लेकिन वो नील पे ध्यान देते है और उसे लेके हॉल में आते है ,शालिनी भी उसके पीछे पीछे हॉल में चली आती है,चाचाजी के दुलार ने से पत्ता नही केसे पर नील शांत हो जाता है,और खेल ने लगता है
चाचाजी : अरे मेरा राजा बेटा क्या हुआ था तुम्हे क्यों रो रहे थे,इस से तुम्हारी मां को कितनी तकलीफ हुई मालूम है?अब अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ ऐसे बोल के वो उसे दुलार ने लगते है और उसे सुला देते है,ये लो बेटी ये सो गया है , ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथो में देते है और इस बार भी चाचा के हाथ और शालिनी ke स्तन का हल्का सा ब्लाउज के ऊपर से संपर्क हो जाता है
शालिनी : शुक्रिया चाचाजी आप की वजह से नील शांत हो गया और मुझे माफ कर दीजिए मेरी वजह से आपकी नींद बिगड़ गई,

चाचाजी : तुमने मुझे शुक्रिया और माफी बोलके पराया बना दिया,मुझे लगता था में अब इस परिवार का हिस्सा हु लेकिन तुम मुझे गैर मानती हो

शालिनी : अरे नही नही चाचाजी ये आप कैसी बात कर रहे हो,आप मेरे ससुरजी की तरह है ,

चाचाजी : तो तुम अपने ससुर को शुक्रिया या माफी मांगती?
शालिनी : अगर आपको हम गैर समझते तो नीरव मुझे आपके भरोसे थोड़ी छोड़ के जाता,

चाचाजी ये सुनके चुप हो जाते है,और शालिनी के सर पर हाथ रख के सोफे पे बैठ जाते है,शालिनी भी उसके बाजू में बैठ जाति है,

शालिनी (मन में) चाचाजी कितने अच्छे है, हमारी वजह से उसकी नींद खराब हुई फिर भी वो हमारी चिंता करते है खास कर के नील की

थोड़ी देर बाद चलिए चाचाजी सो जाते है ,ऐसा बोले नील को लेके खड़ी हो जाति है और अपने रूम में चली जाती है
सुबह जल्दी उठ के वो अपनी सहेली को फोन करती है और जिम चली जाति है, उस को पता है की नील 7 बजे तक नहीं उठेगा,
शालिनी और उसके दोस्त दोनो जिम पहोचते है ,वहा पहुंच के जिम के कपड़े बदलकर उसके मैनेजर से मिलते है

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और 6 महीने तक जिम ज्वाइन करती है ,ट्रेनर उसे पहले की तरह बनाने का वादा करती है शालिनी खुश हो जाति है और उसे कुछ आसान स्टेप करने को शिखती है,थोड़ी देरबाद वो योग करती है

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और एक घंटे बाद वो वापस घर आ जाति है, वो धीमे से दरवाजा खोल के अंदर आती है देखती है तो चाचा भी प्राणायाम कर रहे थे,वो फटाफट अंदर अपने रूम में जाति है और अपने कपड़े लेके फ्रेश होने बाहर बाथरूम में आती है,वो नहाकर तैयार होकर आती है बाद में नाश्ता बनाने की तैयारी में लग जाति है तब तक चाचा भी अपने हल्के फुल्के योग करके खड़े होते है,
शालिनी : अरे चाचा आप भी योग करते हैं? मुझे मालूम ही नहीं था
चाचा : अरे हां में पहले से ही करता हु लेकिन अभी मेरी तबियत के कारण नहीं कर रहा था लेकिन अभी मुझे लगता है में हल्के हल्के चालू करू लेकिन तुम कहा गई थी सुबह सुबह?

शालिनी : में भी योग और जिम ज्वाइन किया आज से वो क्या है प्रेगनेंसी के कारण शरीर में चर्बी बढ़ गई है इस लिए

चाचाजी : कोन कहता है? तुम मोटी हो गई हो,बच्चा होने के बाद तो ये चर्बी ही उस औरत को और खूबसूरत बनाती है,
शालिनी : हा लेकिन नीरव को थोड़ा ज्यादा लगता है इस लिए मेने सोचा जिम ज्वाइन करके पहले को तरह बन जाऊ
चाचा : आज की औरत का यही दिक्कत है? थोड़ा सा शरीर बढ़ा नही के जिम चालू कर के अपने शरीर को सुखी तिली जैसा बना देती है,
गांव में तो बच्चा होने के बाद जो चर्बी औरत को चढ़ती है वो उसे और गदराया और सुंदर बना देती है,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है,लेकिन उसे अच्छा लग रहा था की चाचा उसके साथ फ्रेंडली बात कर रहे है
शालिनी: जाइए चाचाजी आप नहा लीजिए तब तक में नाश्ता बना लेती हु
चाचा नहाकर आते है और तैयार होके किचन में आके दोनो साथ में नाश्ता करते है,नाश्ता करने के बाद चाचा को दवाई देती है,चाचा दवाई पीते है तभी शालिनी भी एक दवाई पीती है
चाचाजी : तुम कोन सी दवाई पी रही हो ?क्या ये भी पतले होने की कोई दवा है?
शालिनी : हस्ते हुए अरे नही चाचा ये तो डॉक्टर ने मुझे नील का खाना बढाने के लिए दी है
चाचाजी : अच्छा.... चलो ये बात तो अच्छी हुई,वरना आज कल की औरते अपने बच्चे को अपना दूध तुरत छुड़ा ने में लग जाति है ,हमारे गांव में तो बच्चा 1 या डेढ़ साल और कोई कोई
दो -ढाई साल तक पिलाती है,और तुम्हे पता है हमारे समय में तो पांच साल तक दूध पिलाया जाता था,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है और और चौंक भी जाति है बाद में चाचा हाथ धो के हॉल में आ जाते है,शालिनी सब काम निपटा कर अपने रूम में आती है और नील को जगाती है और उसे नहला कर उसे दूध पिलाती है फिर उसे लेके हॉल में आती है वहा चाचाजी न्यूज देख रहे थे वो नील को देखकर....
चाचाजी : अरे मेरा शेर बेटा जाग गया ,आज तो देखो कैसा खुश लग रहा है ,
वो उसे अपनी गोद में लेके खेलने लगते है उसे भरपूर प्यार और दुलार देते है,
ऐसे ही देखते देखते 1 हफ्ता निकाल जाता है .इस 1 हफ्ते में नीरव का फोन भी आता रहता है जो अपने बीवी बच्चे और चाचा की खैरियत पूछने के लिए आता है और शालिनी की अपना रोज का सुबह का जिम जाना, नाश्ता बनाना,चाचा के साथ गप्पे लगाना,दोपहर का खाना बनाना और सो जाना फिर नील के साथ खेलना या चाचा के साथ बातचीत करना फिर शाम का सब्जी लेने जाना ,फिर खाना बनाना ,टीवी देखना और सो जाना, बस यही उसकी दिनचर्या रहती है पर जैसे जैसे दिन बीतते है,नील का रात का रोना बढ़ जाता है ,जिस वजह से शालिनी बहुत परेशान रहती है,क्योंकि उसकी वजह से चाचा की भी नींद खराब होती ये बात उसे बहुत दुख पहोचती है,वो चाचा के साथ डॉक्टर को दिखाने भी जाते है ,लेकिन डॉक्टर कहता है ये सब नॉर्मल है ,आप को रात को जब नील जागे तब उसे सेफ फिल कराना होगा,उसकी वजह से वो शांत हो जायेगा और धीरे धीरे उसके सोने के टाइम में बदलाव करे और उसे पूरा खाना और सोना मिलते रहे उसका ध्यान रखे,फिर शालिनी और चाचा नील को लेके वापिस आ जाते है।
रात के वक्त जब नीरव का फोन आता है तब शालिनी उसे डॉक्टर के साथ हुई सारी बात बताती है और उसकी वजह से चाचा की नींद और स्वास्थ्य पर खराब हो रहे है,उसकी वजह से चाचा का ठीक से आराम नही हो रहा,वो भी यह आराम करने आए है पर हमारी वजह से उसे ठीक से आराम नही हो रहा उस बात का बहुत दुख होता है,हालाकि चाचा उसे कुछ बता नहीं रहे है और नाही शिकायत करते है ,वो बहुत ही नेकदिल और अच्छे इंसान है,वो नील का बहुत ध्यान रखते है,जब की नील की वजह से हफ्ते में कमसे कम पांच बार वो रात में जागते होगे,कभी मुझे उसे जगाना पड़ता है,और कभी वो नील के रोने की वजह से खुद जागकर आता है,
नील ना जाने कैसे पर चाचा के पास जाते ही शांत हो जाता है और सुकून से सो जाता है, पर उसकी वजह से चाचा को तकलीफ हो रही है,
नीरव : वाकई चाचा बहुत ही अच्छे इंसान है,हमारी वजह से उस की रातों को नींद खराब हो रही है, फिर भी वो बिना कुछ कहे तकलीफ सहन कर रहे है,हमे भी उसके बारे में सोचना चाहिए वे भी यहा आराम करने आए है, हमे भी उसे कम से कम तकलीफ हो ऐसा करना चाहिए
फिर थोड़ी देर सोचके....एक काम करे तो नील को रात को चाचा के साथ सुला दे तो?इस से क्या होगा ,नील के रोने से चाचा तुरत ही उसे गोद में ले लेंगे जिस से वो फॉरन चुप हो जाएगा और जल्दी सो जाए और चाचा को भी तुम्हारे कमरे तक चलके ना आना पड़े

शालिनी : ये बात तुम्हारी सही है लेकिन चाचा ने कहा था की नींद में उसके हाथ पैर चलते है जिस से नील को चोट लग सकती है,इस लिए उन्हों ने मना किया था।

नीरव : हा एक बार उन्हों ने ये बात कही थी, तो फिर क्या करे?

शालिनी : मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा की क्या करे?

नीरव : कुछ देर सोच के.....एक बात हो सकती है लेकिन इस में तुम्हारी हा होनी चाहिए,

शालिनी : चाचा की तकलीफ कम करने के लिए जो हो सके वो करुगी,

नीरव : ठीक है सुनो ,एक काम हो सकता है जिस से चाचा को बार बार हो रही तकलीफ से कुछ राहत मिलेगी,
शालिनी : कैसे?
नीरव : वो ऐसे की चाचा रात को हमारे कमरे में सोने आए तो,इस से उसे बार बार चलके नही आना पड़ेगा या तुम्हे उनको जगाना नहीं पड़ेगा,जब नील रोएगा तब वो तुरत ही उसे गोद में लेके सुला देगे जिस से वो ज्यादा से ज्यादा आराम कर सकेगे,
शालिनी : ये तुम क्या कह रहे हो? वो सोएंगे कहा?उसको अभी भी थोड़ी कमर की तकलीफ है वो नीचे सो नहीं सकते और में भी नील को लेके नीचे नहीं सो सकती क्योंकि उस से नील को तकलीफ होगी,अगर में अकेली नीचे सो जाऊ तो चाचा का हाथ या पैर नील को लग सकता है।
नीरव : तो फिर एक ही हो सकता हैं,तुम नील और चाचा के बीच में सो जाओ, वैसे भी चाचा बुजुर्ग आदमी है और उसने हमारे लिए कितनी तकलीफ सह रहे है तो हम क्या थोड़ी तकलीफ नहीं सह सकते,?
शालिनी : बात तुम्हारी सही है कि वो बहुत अच्छे इंसान है वरना आज के समय में दूसरो के लिए कोन इतना सहन करता है,और उसका स्वभाव भी अच्छा है मुझे अपनी बेटी की तरह रखते है, चलो में एक बार के लिए मान जाऊ पर क्या वो इस बात को राजी होगे?

नीरव : उसे राजी करना होगा क्योंकि ये उसके लिए है,उसे समझना होगा,फिर भी ना माने तो मैं उनसे बात करुगा

शालिनी : ठीक है कल करुगी बात,चलो रखती हु फोन अपना ध्यान रखना ,l love you
नीरव : तुम लोग भी ध्यान रखना ,l love yoo too
शालिनी : ओके बाय रखती हू।
शालिनी अब बेड पर पड़े पड़े सोच रही थी की चाचा से वो किस तरह से बात करेगी और किस तरह से मनाएगी,चाचा बड़े शरीफ आदमी है इस लिए वो नही मानेंगे पर मुझे उसे किसी भी हालत में मनाना पड़ेगा,वो हमारी वजह से बहुत तकलीफ सहन कर रहे है। सोचते सोचते उसे नींद आ जाति है
अगले दिन सुबह को शालिनी की आंख खुलती है अंगड़ाई लेकर उठती है देखती है की उसका प्यारा बेटा सो रहा है और जिम जाने के लिए तैयार होती है, 1 घंटे बाद जब वो वापिस आती है तब वो सीधा फ्रेश होने चली जाति है, वो देखती है चाचा अभी तक सो रहे है,फिर उसे कल की बात याद आती है फिर वो चाचा से कैसे बात करेगी ये सोचने लगती है,बाद में वो तैयार होकर नाश्ता बनाने लगती है तभी चाचा अपने रूम से धीरे धीरे चलकर बाथरूम की और जा रहे होते है,तभी वो जैसे ही बाथरूम के अंदर जाते है की उसका पैर फिसला और वो गिर जाते है जिस से उसकी चीख निकल जाति है,उसकी आवाज सुनकर शालिनी तुरंत दौड़कर देखती है की चाचा फर्श पर गिर गए है वो साड़ी का पल्लू कमर पर बांधकर चाचा को खड़ा करती है वो जैसे तैसे उसे खड़ा कर के चुकी उसका रूम नजदीक था तो वो उसे वहा पर ले जाकर बेड पर बिठा देती है,चाचा से बहुत मुश्किल से चला जा रहा था,
उसे बेड पर बिठा के उसके पैर को देखती है फिर वो फटाफट जाकर अपने फैमली डॉक्टर को फोन करके बुलाती है, डॉक्टर 10 मिनट में आ जाता है और चेक करता है ,

डॉक्टर : चिंता करने की बात नहीं है सिर्फ मोच आई है ,थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी वो एक पट्टी बांध देता है और दवाई देता है और चलने फिरने को मना करता है
डॉक्टर के जाने के बाद शालिनी चाचा के पास आकर बैठ जाति है और चाचाजी से सब पूछ ने लगती है,

शालिनी : ये सब कैसे हुआ चाचाजी ? आप कैसे गिर गए?
चाचाजी : पता नही बेटी बाथरूम में जाते ही मेरा पैर फिसल गया ,एक तो में थोड़ा थोड़ा ठीक हो रहा था की ये सब हो गया और तुम पे बोझ बन गया।
शालिनी : खबरदार चाचाजी अगली बार आपने अपने आप को बोझ कहा तो ,आपने हमे पराया कर दिया,नीरव ने आपके बारे में मुझे जो बताया उस के सामने ये कुछ भी नहीं ,आपकी जगह मेरे पिताजी या आपके दोस्त और मेरे ससुर होते तो क्या वो मेरे पे बोझ होते?,,,,नही होती ।
चाचाजी :ठीक है बेटी थोड़ी देर बाद मुझे मेरे वाले कमरे में छोड़ देना
शालिनी : अरे नही चाचा अब आप ठीक नहीं होते तब तक यही इसी कमरे में रहेंगे,अगर ये चोट नहीं लगती फिर भी में आपसे इसी कमरे में रहेने को बोल ने वाली थी ।
चाचाजी : (आश्चर्य से....) क्यू?
शालिनी : हमारी वजह से आपकी नींद खराब हो रही थी ,रात को नील रोता है तब वो सिर्फ आप के पास आकर शांत होता है ,और अच्छे से सोता है,बार बार हररोज आपको या मुझे चलके आना पड़ता और फिर वो शांत होता था ,अगर आप इसी कमरे में रहेंगे तो आप तुरंत नील को सुला सकते है जिससे आप भी ज्यादा से ज्यादा आराम कर सके,
चाचाजी : अरे ये क्या बोल रही हो,मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही,
शालिनी : में आपकी कोई बात नही सुनुगी,मेरी इस बात को लेकर नीरव से बात हो चुकी है,
चाचाजी : नहीं बेटा बात को समझो,,
शालिनी : आप समझो चाचा ,अभी अगर नील रोया तो आप तो चल नही सकते तो मुझे बार बार कभी आपका ध्यान रखने कभी इधर तो कभी उधर दौड़ना पड़ता पूरा दिन , शायद किस्मत की भी यही मर्जी थी इस लिए आप गिर गए और इसी कमरे में आए,
चाचाजी : नही में तुम्हारी बात नही मानने वाला में अभी मेरे कमरे में चला जाता हु, ऐसा बोलके वो खड़े होकर जाने लगते है तभी पैर आई मोच के कारण उसकी चीख निकल जाति है और वही बेड के किनारे बैठ जाते है।
शालिनी : देखो क्या हुआ ,डॉक्टर ने भी आपको चलने से मना किया है ,ठीक है एक काम करे जबतक आपकी पैर की मोच सही नही होती तब तक आप इसी कमरे में रहे बाद में चले जाना,
चाचाजी : फिर भी में नीरव से एक बार बात करना चाहता हु।
शालिनी : शाम को कर लेना बात अभी वहा रात होगी और नीरव सो रहा होगा।
चाचाजी : ठीक है ।
शालिनी : में नाश्ता लेकर आती हु
फिर दोनो साथ में बेडरूम में नाश्ता करते है तभी नील जाग जाता है ,शालिनी उसे तुरत उठा के चाचा के गोदी में दे देती है, और वो बर्तन रखने किचन में जाति है और जब वो वापिस आती है तो देखती है नील हसखेल रहा था,
शालिनी : देखा चाचाजी नील कैसे तुरत शांत हो गया इस लिए में कह रही थी ,आप मेरे लिए न सही नील के लिए मान जाए
चाचाजी : ठीक है लेकिन पैर ठीक होने तक और सिर्फ और सिर्फ मुन्ने के लिए,
शालिनी : खुश होकर .... ये हुई ना बात अब आप आराम करे में नील को नहला कर आती हु
शालिनी नील को नहलाकर चाचाजी के पास लाती है ।ये भी आप के साथ रहकर बिगड़ गया है मेरी बात मानता नही,कितना भी चुप होने को काहू पर शांत होता ही नही बस रोता रहता है
इतना कहकर बेड के दूसरे किनारे बैठ कर चाचा की और पीठ कर उसे अपना दूध पिलाने लगती है,
शालिनी : दूध पिलाते पिलाते ....चाचाजी आपको असहज तो नही लग रहा है ना की में नील को इधर ही दूध पिला रही हु,अब क्या हम एक ही घर मे
रह रहे है तो हमे थोड़ा खुलके रहना चाहिए अभी में या आप शर्म के मारे बार बार रूम बदले ये कितनी बार करेगे,इस से अच्छा है की में और आप इसे नॉर्मल समझे,

चाचाजी : ये बात तुम्हारी सही है,मुझे कोई असहज नही लग रहा क्यों की हमारे गांव में तो सभी बहु अपने ससुर के सामने ही अपने बच्चे को पल्लू से ढक कर दूध पिलाती है चाहे कोई मेहमान भी आए तो भी वो शर्माती नही है ,क्योंकि ये मां और बच्चे का पवित्र रिश्ते को मजबूत करने की प्रकिया है,और सभी ने बचपन में अपनी मां के स्तन का दूध पिया ही होता है,एक मां अपने बच्चे को खाना खिला रही है कोई पाप थोड़ी कर रही है,तुम आराम से मुन्ने को दूध पिलाओ,
नील को दूध पिलाकर अपने ब्लाउज के हुक बंद कर के पल्लू सही करके वो नील को चाचा को सोपती है लीजिए चाचा में घर के काम करके आती हु
शालिनी घर के काम करते समय गाना सुनने के लिए टीवी चालू करती है तभी न्यूज चैनल पहले चालू होता है तो उसमे आता है की उसके शहर में कुछ आवारा लोगो ने बड़ा हंगामा किया होता है इस वजह से सबको घर में रहेने और बाहर ना निकलने की सूचना आती है और साथ ही शहर में 15 दिन कर्फ्यू लग जाता है, पूरे शहर में तनाव का माहोल है, सभी लोग अपने घर वापिस जाने को भाग रहे होते है,सिर्फ दवाई, दूध और सब्जीवाले को पुलिस की निगरानी में काम करने की छूट दी जाति है,ये खबर देख के वो घबरा जाति है और फटाफट जाके दरवाजा बंद कर देती है,और चाचा को आकर सारी बात बताती है
 
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Shalini ,Nil aur chacha ghar pahochte hai tab tak sham ka waqt ho jata hai,sab thak ke thodi der aaram karte hai Shalini apne room me jake apne kapde change karti hai aur Nil ko apna doodh pilake sula deti hai aur khud bhi sone lagti hai magar use nind nahi aa rahi thi,wo kal raat jo uske aur Nirav ke bich hui baat ko sochti hai,
Shalini : (man me) me fir se pehle ki tarah slim aur sexy dikhugi iske liye yoga ya gym jo karna padega me karugi,me Nirav ki uski purani wali Shalini ban ke dikhaugi,ab to ye america chale gaye hai,ab mere paas time bachega, na subah tiffin
Bana ne ki tension aur sham ko unke wapis aane par unke chai naste ka tension,is time me apne body fitness me use karugi,thodi der kuch soch kar wo apni ek saheli ko call karti hai jo gym jati hai, wo use call karti hai....
शालिनी : हेल्लो काव्या ! कैसी हो?
काव्या : एकदम मस्त! तुम केसी हों?बहोत दिनो बाद मेरी याद आई, ना कोई कॉल, ना कोई मैसेज
शालिनी : मैं भी मस्त हू, हाँ बहोत दिन हों गए यार, प्रेग्नेंसी के बाद तो तुझे पत्ता ही है कि अपना समय कहा पे जाता है,
काव्या : हा यार अपना पूरा समय बच्चे और पति के पीछे चला जाता है,अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता
शालिनी : फिर भी तूने तो अपने लिए वक्त निकाल लिया है,सुना है तु जिम जाति हो,
काव्या: हां तूने सही सुना ,क्या करू यार प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ गया था इस लिए जिम ज्वाइन किया है,
शालिनी : मुझे भी जिम ज्वाइन करना है,मेरे पति काम के सिलसिले में अमेरिका गए है,तो सोचा की में भी जिम जाकर अपना वजन और फिगर पहले जैसे बना लूं.प्रेग्नेंसी के बाद मेरा पेट की चर्बी थोड़ी बढ़ गई है,
काव्या : ये सही सोचा तूने,में जहा जाति हु वहा लेडिस ट्रेनर है,वो एरोबिक्स भी फ्री में करवाती है ,जो प्रेगनेंसी के बाद के मोटापे से परेशान महिला के लिए है
शालिनी : ये बहोत ही बढ़िया है,में कल से ही ज्वाइन करुगी
काव्या : लेकिन तेरा बच्चा? क्या नाम है उसका?
शालिनी : अरे उसका नाम नील है ।और उसकी चिंता नहीं है ,हमारे एक चाचा है उसके साथ रहेगा,नील भी उसे पसंद करती है,वो मेरे ससुर के दोस्त है,और अभी वो हमारे यहां रहते है,उसका पूरा परिवार अकस्मात में मर गया,अब हम ही उसके परिवार है
काव्या : ठीक है ,में ट्रेनर को बोल दुगी,तुम कल से शुरू कर दो। चल बाय मेरे पति ऑफिस से आ गए है बाय,फोन रखती हु।
शालिनी : ok बाय कल मिलते है।
शालिनी घड़ी देखती है तो देखा कि 7 बज गए, वो हाथ मुंह धो कर फ्रेश होकर खाना बनाने जाति है तो देखती है चाचा हॉल में बैठे थे

शालिनी : अरे चाचा आप कब उठे?
चाचा : बस अभी थोड़ी देर पहले।
शालिनी : ठीक है आप के लिए चाय बना देती हू,
चाचा: नहीं बहु अब सीधा खाना ही खाऊंगा
शालिनी : आप थोड़ी देर रुकिए अभी बना देती हू
आधे घंटे बाद सब खाना रेडी हो जाता है ,फिर चाचा और शालिनी खाना खाते है,फिर चाचा टीवी देखते है तब तक शालिनी सब काम निपटा के फ्री होके हॉल में आके सोफे पर बैठ जाति है,तभी नील के रोने की आवाज आती है,शालिनी नील को रूम में उठाके हॉल में लाती है,और उसे दुलारने लगती है,
चाचाजी : बेटा लगता है मुन्ना भूखा है,दोपहर से थक के सोया हुआ था ,उसे अपना दूध पिला दो,

शालिनी : आप ठीक कह रहे है चाचाजी, ऐसा सुनके वो उनको लेके अपने रूम में चली जाति है और गुड नाईट बोलके दरवाजा बंद करके सोने चली जाति है,वो अंदर जाके अपनी साड़ी निकाल के साइड में रखती है और अपना ब्लाउज भी निकाल देती है फिर ब्रा का हुक खोलके अपने दोनो सफेद कबूतरों को आजाद करती है ,फिर वो बेड पर लेट जाति है और नील को अपने बगल में सुला के उसे अपना एक स्तन का निप्पल उसके मुंह में दे देती है,वो भी भूखा होने की वजह से उसे चूसने लगता है वो इस बार थोड़ा जल्दी जल्दी पी रहा था इस कारण चप चप की आवाज आ रही थी थोड़ी देर में एक स्तन खाली हो जाता है और वो उसे अपनी दूसरी साइड लेके दूसरा स्तन पीने को देती है,भूखा होने के कारण वो दूसरा भी पीने लगता है लेकिन इस बार वो धीरे पी रहा था ,उसे अपना अमृत पिलाते पिलाते उसकी आंख कब लग गई उसे पता नही रहा और वो ऐसे ही सो गई ,नील भी थोड़ी देरबाद पेट भर जाने के बाद निप्पल को मुंह से निकल देता है और अपनी मां से चिपक कर खेलने लगता है थोड़ी देर बाद वो भी सो जाता है,लेकिन आधी रात बात तीन बजे के करीब नील उठ जाता है और रोने लगता है,जिस से शालिनी की नींद खुलती है वो देखती है की वो ऊपर से बिना कुछ कपड़ो के सो रही थी और नील रो रहा होता है,वो झट से उसे उठा के अपने गोदी में ले लेती है और उसे प्यार दुलार करती है और उसे फिर से दूध पिलाने की कोशिश करती है लेकिन वो निप्पल को मुंह में नही ले रहा था और मुंह फेर देता था,वो बहुत कोशिश करती है लेकिन वो शांत नहीं होता उसके रोने की तेज आवाज सुन के चाचाजी जाग जाते है,और वो धीमे धीमे चलके आके शालिनी के रूम को खटखटाते है,
चाचा : क्या हुआ बेटी ? मुन्ना रो क्यों रहा है?
शालिनी चाचा की आवाज सुन के हैरान हो जाति और फटाफट अपना ब्लाउज को ढूंढ के बिना ब्रा के पहन लेती है,और हड़बड़ी में साड़ी पहनती हुई बोलती है ,चाचाजी पता नही क्या हुआ है बस रो रहा है,शांत ही नहीं हो रहा इतना बोल के साड़ी का पल्लू डाल के नील को उठा कर दरवाजा खोलती है,
चाचाजी : (दरवाजा खुलते ही )लाओ मुन्ने को मेरे पास, ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथ में से लेने लगते है,
जल्दी में लेने की वजह से उसका एक हाथ शालिनी के बिना ब्रा के पहेने ब्लाउज से उसके स्तन धीरे से दब जाता है,इस से चाचा को पता चल जाता है को शालिनी ने ब्लाउज के अंदर कुछ नही पहना,लेकिन वो नील पे ध्यान देते है और उसे लेके हॉल में आते है ,शालिनी भी उसके पीछे पीछे हॉल में चली आती है,चाचाजी के दुलार ने से पत्ता नही केसे पर नील शांत हो जाता है,और खेल ने लगता है
चाचाजी : अरे मेरा राजा बेटा क्या हुआ था तुम्हे क्यों रो रहे थे,इस से तुम्हारी मां को कितनी तकलीफ हुई मालूम है?अब अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ ऐसे बोल के वो उसे दुलार ने लगते है और उसे सुला देते है,ये लो बेटी ये सो गया है , ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथो में देते है और इस बार भी चाचा के हाथ और शालिनी ke स्तन का हल्का सा ब्लाउज के ऊपर से संपर्क हो जाता है
शालिनी : शुक्रिया चाचाजी आप की वजह से नील शांत हो गया और मुझे माफ कर दीजिए मेरी वजह से आपकी नींद बिगड़ गई,

चाचाजी : तुमने मुझे शुक्रिया और माफी बोलके पराया बना दिया,मुझे लगता था में अब इस परिवार का हिस्सा हु लेकिन तुम मुझे गैर मानती हो

शालिनी : अरे नही नही चाचाजी ये आप कैसी बात कर रहे हो,आप मेरे ससुरजी की तरह है ,

चाचाजी : तो तुम अपने ससुर को शुक्रिया या माफी मांगती?
शालिनी : अगर आपको हम गैर समझते तो नीरव मुझे आपके भरोसे थोड़ी छोड़ के जाता,

चाचाजी ये सुनके चुप हो जाते है,और शालिनी के सर पर हाथ रख के सोफे पे बैठ जाते है,शालिनी भी उसके बाजू में बैठ जाति है,

शालिनी (मन में) चाचाजी कितने अच्छे है, हमारी वजह से उसकी नींद खराब हुई फिर भी वो हमारी चिंता करते है खास कर के नील की

थोड़ी देर बाद चलिए चाचाजी सो जाते है ,ऐसा बोले नील को लेके खड़ी हो जाति है और अपने रूम में चली जाती है
सुबह जल्दी उठ के वो अपनी सहेली को फोन करती है और जिम चली जाति है, उस को पता है की नील 7 बजे तक नहीं उठेगा,
शालिनी और उसके दोस्त दोनो जिम पहोचते है ,वहा पहुंच के जिम के कपड़े बदलकर उसके मैनेजर से मिलते है

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और 6 महीने तक जिम ज्वाइन करती है ,ट्रेनर उसे पहले की तरह बनाने का वादा करती है शालिनी खुश हो जाति है और उसे कुछ आसान स्टेप करने को शिखती है,थोड़ी देरबाद वो योग करती है

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और एक घंटे बाद वो वापस घर आ जाति है, वो धीमे से दरवाजा खोल के अंदर आती है देखती है तो चाचा भी प्राणायाम कर रहे थे,वो फटाफट अंदर अपने रूम में जाति है और अपने कपड़े लेके फ्रेश होने बाहर बाथरूम में आती है,वो नहाकर तैयार होकर आती है बाद में नाश्ता बनाने की तैयारी में लग जाति है तब तक चाचा भी अपने हल्के फुल्के योग करके खड़े होते है,
शालिनी : अरे चाचा आप भी योग करते हैं? मुझे मालूम ही नहीं था
चाचा : अरे हां में पहले से ही करता हु लेकिन अभी मेरी तबियत के कारण नहीं कर रहा था लेकिन अभी मुझे लगता है में हल्के हल्के चालू करू लेकिन तुम कहा गई थी सुबह सुबह?

शालिनी : में भी योग और जिम ज्वाइन किया आज से वो क्या है प्रेगनेंसी के कारण शरीर में चर्बी बढ़ गई है इस लिए

चाचाजी : कोन कहता है? तुम मोटी हो गई हो,बच्चा होने के बाद तो ये चर्बी ही उस औरत को और खूबसूरत बनाती है,
शालिनी : हा लेकिन नीरव को थोड़ा ज्यादा लगता है इस लिए मेने सोचा जिम ज्वाइन करके पहले को तरह बन जाऊ
चाचा : आज की औरत का यही दिक्कत है? थोड़ा सा शरीर बढ़ा नही के जिम चालू कर के अपने शरीर को सुखी तिली जैसा बना देती है,
गांव में तो बच्चा होने के बाद जो चर्बी औरत को चढ़ती है वो उसे और गदराया और सुंदर बना देती है,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है,लेकिन उसे अच्छा लग रहा था की चाचा उसके साथ फ्रेंडली बात कर रहे है
शालिनी: जाइए चाचाजी आप नहा लीजिए तब तक में नाश्ता बना लेती हु
चाचा नहाकर आते है और तैयार होके किचन में आके दोनो साथ में नाश्ता करते है,नाश्ता करने के बाद चाचा को दवाई देती है,चाचा दवाई पीते है तभी शालिनी भी एक दवाई पीती है
चाचाजी : तुम कोन सी दवाई पी रही हो ?क्या ये भी पतले होने की कोई दवा है?
शालिनी : हस्ते हुए अरे नही चाचा ये तो डॉक्टर ने मुझे नील का खाना बढाने के लिए दी है
चाचाजी : अच्छा.... चलो ये बात तो अच्छी हुई,वरना आज कल की औरते अपने बच्चे को अपना दूध तुरत छुड़ा ने में लग जाति है ,हमारे गांव में तो बच्चा 1 या डेढ़ साल और कोई कोई
दो -ढाई साल तक पिलाती है,और तुम्हे पता है हमारे समय में तो पांच साल तक दूध पिलाया जाता था,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है और और चौंक भी जाति है बाद में चाचा हाथ धो के हॉल में आ जाते है,शालिनी सब काम निपटा कर अपने रूम में आती है और नील को जगाती है और उसे नहला कर उसे दूध पिलाती है फिर उसे लेके हॉल में आती है वहा चाचाजी न्यूज देख रहे थे वो नील को देखकर....
चाचाजी : अरे मेरा शेर बेटा जाग गया ,आज तो देखो कैसा खुश लग रहा है ,
वो उसे अपनी गोद में लेके खेलने लगते है उसे भरपूर प्यार और दुलार देते है,
ऐसे ही देखते देखते 1 हफ्ता निकाल जाता है .इस 1 हफ्ते में नीरव का फोन भी आता रहता है जो अपने बीवी बच्चे और चाचा की खैरियत पूछने के लिए आता है और शालिनी की अपना रोज का सुबह का जिम जाना, नाश्ता बनाना,चाचा के साथ गप्पे लगाना,दोपहर का खाना बनाना और सो जाना फिर नील के साथ खेलना या चाचा के साथ बातचीत करना फिर शाम का सब्जी लेने जाना ,फिर खाना बनाना ,टीवी देखना और सो जाना, बस यही उसकी दिनचर्या रहती है पर जैसे जैसे दिन बीतते है,नील का रात का रोना बढ़ जाता है ,जिस वजह से शालिनी बहुत परेशान रहती है,क्योंकि उसकी वजह से चाचा की भी नींद खराब होती ये बात उसे बहुत दुख पहोचती है,वो चाचा के साथ डॉक्टर को दिखाने भी जाते है ,लेकिन डॉक्टर कहता है ये सब नॉर्मल है ,आप को रात को जब नील जागे तब उसे सेफ फिल कराना होगा,उसकी वजह से वो शांत हो जायेगा और धीरे धीरे उसके सोने के टाइम में बदलाव करे और उसे पूरा खाना और सोना मिलते रहे उसका ध्यान रखे,फिर शालिनी और चाचा नील को लेके वापिस आ जाते है।
रात के वक्त जब नीरव का फोन आता है तब शालिनी उसे डॉक्टर के साथ हुई सारी बात बताती है और उसकी वजह से चाचा की नींद और स्वास्थ्य पर खराब हो रहे है,उसकी वजह से चाचा का ठीक से आराम नही हो रहा,वो भी यह आराम करने आए है पर हमारी वजह से उसे ठीक से आराम नही हो रहा उस बात का बहुत दुख होता है,हालाकि चाचा उसे कुछ बता नहीं रहे है और नाही शिकायत करते है ,वो बहुत ही नेकदिल और अच्छे इंसान है,वो नील का बहुत ध्यान रखते है,जब की नील की वजह से हफ्ते में कमसे कम पांच बार वो रात में जागते होगे,कभी मुझे उसे जगाना पड़ता है,और कभी वो नील के रोने की वजह से खुद जागकर आता है,
नील ना जाने कैसे पर चाचा के पास जाते ही शांत हो जाता है और सुकून से सो जाता है, पर उसकी वजह से चाचा को तकलीफ हो रही है,
नीरव : वाकई चाचा बहुत ही अच्छे इंसान है,हमारी वजह से उस की रातों को नींद खराब हो रही है, फिर भी वो बिना कुछ कहे तकलीफ सहन कर रहे है,हमे भी उसके बारे में सोचना चाहिए वे भी यहा आराम करने आए है, हमे भी उसे कम से कम तकलीफ हो ऐसा करना चाहिए
फिर थोड़ी देर सोचके....एक काम करे तो नील को रात को चाचा के साथ सुला दे तो?इस से क्या होगा ,नील के रोने से चाचा तुरत ही उसे गोद में ले लेंगे जिस से वो फॉरन चुप हो जाएगा और जल्दी सो जाए और चाचा को भी तुम्हारे कमरे तक चलके ना आना पड़े

शालिनी : ये बात तुम्हारी सही है लेकिन चाचा ने कहा था की नींद में उसके हाथ पैर चलते है जिस से नील को चोट लग सकती है,इस लिए उन्हों ने मना किया था।

नीरव : हा एक बार उन्हों ने ये बात कही थी, तो फिर क्या करे?

शालिनी : मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा की क्या करे?

नीरव : कुछ देर सोच के.....एक बात हो सकती है लेकिन इस में तुम्हारी हा होनी चाहिए,

शालिनी : चाचा की तकलीफ कम करने के लिए जो हो सके वो करुगी,

नीरव : ठीक है सुनो ,एक काम हो सकता है जिस से चाचा को बार बार हो रही तकलीफ से कुछ राहत मिलेगी,
शालिनी : कैसे?
नीरव : वो ऐसे की चाचा रात को हमारे कमरे में सोने आए तो,इस से उसे बार बार चलके नही आना पड़ेगा या तुम्हे उनको जगाना नहीं पड़ेगा,जब नील रोएगा तब वो तुरत ही उसे गोद में लेके सुला देगे जिस से वो ज्यादा से ज्यादा आराम कर सकेगे,
शालिनी : ये तुम क्या कह रहे हो? वो सोएंगे कहा?उसको अभी भी थोड़ी कमर की तकलीफ है वो नीचे सो नहीं सकते और में भी नील को लेके नीचे नहीं सो सकती क्योंकि उस से नील को तकलीफ होगी,अगर में अकेली नीचे सो जाऊ तो चाचा का हाथ या पैर नील को लग सकता है।
नीरव : तो फिर एक ही हो सकता हैं,तुम नील और चाचा के बीच में सो जाओ, वैसे भी चाचा बुजुर्ग आदमी है और उसने हमारे लिए कितनी तकलीफ सह रहे है तो हम क्या थोड़ी तकलीफ नहीं सह सकते,?
शालिनी : बात तुम्हारी सही है कि वो बहुत अच्छे इंसान है वरना आज के समय में दूसरो के लिए कोन इतना सहन करता है,और उसका स्वभाव भी अच्छा है मुझे अपनी बेटी की तरह रखते है, चलो में एक बार के लिए मान जाऊ पर क्या वो इस बात को राजी होगे?

नीरव : उसे राजी करना होगा क्योंकि ये उसके लिए है,उसे समझना होगा,फिर भी ना माने तो मैं उनसे बात करुगा

शालिनी : ठीक है कल करुगी बात,चलो रखती हु फोन अपना ध्यान रखना ,l love you
नीरव : तुम लोग भी ध्यान रखना ,l love yoo too
शालिनी : ओके बाय रखती हू।
शालिनी अब बेड पर पड़े पड़े सोच रही थी की चाचा से वो किस तरह से बात करेगी और किस तरह से मनाएगी,चाचा बड़े शरीफ आदमी है इस लिए वो नही मानेंगे पर मुझे उसे किसी भी हालत में मनाना पड़ेगा,वो हमारी वजह से बहुत तकलीफ सहन कर रहे है। सोचते सोचते उसे नींद आ जाति है
अगले दिन सुबह को शालिनी की आंख खुलती है अंगड़ाई लेकर उठती है देखती है की उसका प्यारा बेटा सो रहा है और जिम जाने के लिए तैयार होती है, 1 घंटे बाद जब वो वापिस आती है तब वो सीधा फ्रेश होने चली जाति है, वो देखती है चाचा अभी तक सो रहे है,फिर उसे कल की बात याद आती है फिर वो चाचा से कैसे बात करेगी ये सोचने लगती है,बाद में वो तैयार होकर नाश्ता बनाने लगती है तभी चाचा अपने रूम से धीरे धीरे चलकर बाथरूम की और जा रहे होते है,तभी वो जैसे ही बाथरूम के अंदर जाते है की उसका पैर फिसला और वो गिर जाते है जिस से उसकी चीख निकल जाति है,उसकी आवाज सुनकर शालिनी तुरंत दौड़कर देखती है की चाचा फर्श पर गिर गए है वो साड़ी का पल्लू कमर पर बांधकर चाचा को खड़ा करती है वो जैसे तैसे उसे खड़ा कर के चुकी उसका रूम नजदीक था तो वो उसे वहा पर ले जाकर बेड पर बिठा देती है,चाचा से बहुत मुश्किल से चला जा रहा था,
उसे बेड पर बिठा के उसके पैर को देखती है फिर वो फटाफट जाकर अपने फैमली डॉक्टर को फोन करके बुलाती है, डॉक्टर 10 मिनट में आ जाता है और चेक करता है ,

डॉक्टर : चिंता करने की बात नहीं है सिर्फ मोच आई है ,थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी वो एक पट्टी बांध देता है और दवाई देता है और चलने फिरने को मना करता है
डॉक्टर के जाने के बाद शालिनी चाचा के पास आकर बैठ जाति है और चाचाजी से सब पूछ ने लगती है,

शालिनी : ये सब कैसे हुआ चाचाजी ? आप कैसे गिर गए?
चाचाजी : पता नही बेटी बाथरूम में जाते ही मेरा पैर फिसल गया ,एक तो में थोड़ा थोड़ा ठीक हो रहा था की ये सब हो गया और तुम पे बोझ बन गया।
शालिनी : खबरदार चाचाजी अगली बार आपने अपने आप को बोझ कहा तो ,आपने हमे पराया कर दिया,नीरव ने आपके बारे में मुझे जो बताया उस के सामने ये कुछ भी नहीं ,आपकी जगह मेरे पिताजी या आपके दोस्त और मेरे ससुर होते तो क्या वो मेरे पे बोझ होते?,,,,नही होती ।
चाचाजी :ठीक है बेटी थोड़ी देर बाद मुझे मेरे वाले कमरे में छोड़ देना
शालिनी : अरे नही चाचा अब आप ठीक नहीं होते तब तक यही इसी कमरे में रहेंगे,अगर ये चोट नहीं लगती फिर भी में आपसे इसी कमरे में रहेने को बोल ने वाली थी ।
चाचाजी : (आश्चर्य से....) क्यू?
शालिनी : हमारी वजह से आपकी नींद खराब हो रही थी ,रात को नील रोता है तब वो सिर्फ आप के पास आकर शांत होता है ,और अच्छे से सोता है,बार बार हररोज आपको या मुझे चलके आना पड़ता और फिर वो शांत होता था ,अगर आप इसी कमरे में रहेंगे तो आप तुरंत नील को सुला सकते है जिससे आप भी ज्यादा से ज्यादा आराम कर सके,
चाचाजी : अरे ये क्या बोल रही हो,मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही,
शालिनी : में आपकी कोई बात नही सुनुगी,मेरी इस बात को लेकर नीरव से बात हो चुकी है,
चाचाजी : नहीं बेटा बात को समझो,,
शालिनी : आप समझो चाचा ,अभी अगर नील रोया तो आप तो चल नही सकते तो मुझे बार बार कभी आपका ध्यान रखने कभी इधर तो कभी उधर दौड़ना पड़ता पूरा दिन , शायद किस्मत की भी यही मर्जी थी इस लिए आप गिर गए और इसी कमरे में आए,
चाचाजी : नही में तुम्हारी बात नही मानने वाला में अभी मेरे कमरे में चला जाता हु, ऐसा बोलके वो खड़े होकर जाने लगते है तभी पैर आई मोच के कारण उसकी चीख निकल जाति है और वही बेड के किनारे बैठ जाते है।
शालिनी : देखो क्या हुआ ,डॉक्टर ने भी आपको चलने से मना किया है ,ठीक है एक काम करे जबतक आपकी पैर की मोच सही नही होती तब तक आप इसी कमरे में रहे बाद में चले जाना,
चाचाजी : फिर भी में नीरव से एक बार बात करना चाहता हु।
शालिनी : शाम को कर लेना बात अभी वहा रात होगी और नीरव सो रहा होगा।
चाचाजी : ठीक है ।
शालिनी : में नाश्ता लेकर आती हु
फिर दोनो साथ में बेडरूम में नाश्ता करते है तभी नील जाग जाता है ,शालिनी उसे तुरत उठा के चाचा के गोदी में दे देती है, और वो बर्तन रखने किचन में जाति है और जब वो वापिस आती है तो देखती है नील हसखेल रहा था,
शालिनी : देखा चाचाजी नील कैसे तुरत शांत हो गया इस लिए में कह रही थी ,आप मेरे लिए न सही नील के लिए मान जाए
चाचाजी : ठीक है लेकिन पैर ठीक होने तक और सिर्फ और सिर्फ मुन्ने के लिए,
शालिनी : खुश होकर .... ये हुई ना बात अब आप आराम करे में नील को नहला कर आती हु
शालिनी नील को नहलाकर चाचाजी के पास लाती है ।ये भी आप के साथ रहकर बिगड़ गया है मेरी बात मानता नही,कितना भी चुप होने को काहू पर शांत होता ही नही बस रोता रहता है
इतना कहकर बेड के दूसरे किनारे बैठ कर चाचा की और पीठ कर उसे अपना दूध पिलाने लगती है,
शालिनी : दूध पिलाते पिलाते ....चाचाजी आपको असहज तो नही लग रहा है ना की में नील को इधर ही दूध पिला रही हु,अब क्या हम एक ही घर मेरह रहे है तो हमे थोड़ा खुलके रहना चाहिए अभी में या आप शर्म के मारे बार बार रूम बदले ये कितनी बार करेगे,इस से अच्छा है की में और आप इसे नॉर्मल समझे,

चाचाजी : ये बात तुम्हारी सही है,मुझे कोई असहज नही लग रहा क्यों की हमारे गांव में तो सभी बहु अपने ससुर के सामने ही अपने बच्चे को पल्लू से ढक कर दूध पिलाती है चाहे कोई मेहमान भी आए तो भी वो शर्माती नही है ,क्योंकि ये मां और बच्चे का पवित्र रिश्ते को मजबूत करने की प्रकिया है,और सभी ने बचपन में अपनी मां के स्तन का दूध पिया ही होता है,एक मां अपने बच्चे को खाना खिला रही है कोई पाप थोड़ी कर रही है,तुम आराम से मुन्ने को दूध पिलाओ,
नील को दूध पिलाकर अपने ब्लाउज के हुक बंद कर के पल्लू सही करके वो नील को चाचा को सोपती है लीजिए चाचा में घर के काम करके आती हु
शालिनी घर के काम करते समय गाना सुनने के लिए टीवी चालू करती है तभी न्यूज चैनल पहले चालू होता है तो उसमे आता है की उसके शहर में कुछ आवारा लोगो ने बड़ा हंगामा किया होता है इस वजह से सबको घर में रहेने और बाहर ना निकलने की सूचना आती है और साथ ही शहर में 15 दिन कर्फ्यू लग जाता है, पूरे शहर में तनाव का माहोल है, सभी लोग अपने घर वापिस जाने को भाग रहे होते है,सिर्फ दवाई, दूध और सब्जीवाले को पुलिस की निगरानी में काम करने की छूट दी जाति है,ये खबर देख के वो घबरा जाति है और फटाफट जाके दरवाजा बंद कर देती है,और चाचा को आकर सारी बात बताती है
 

Desi chut

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Shalini ,Nil aur chacha ghar pahochte hai tab tak sham ka waqt ho jata hai,sab thak ke thodi der aaram karte hai Shalini apne room me jake apne kapde change karti hai aur Nil ko apna doodh pilake sula deti hai aur khud bhi sone lagti hai magar use nind nahi aa rahi thi,wo kal raat jo uske aur Nirav ke bich hui baat ko sochti hai,
Shalini : (man me) me fir se pehle ki tarah slim aur sexy dikhugi iske liye yoga ya gym jo karna padega me karugi,me Nirav ki uski purani wali Shalini ban ke dikhaugi,ab to ye america chale gaye hai,ab mere paas time bachega, na subah tiffin
Bana ne ki tension aur sham ko unke wapis aane par unke chai naste ka tension,is time me apne body fitness me use karugi,thodi der kuch soch kar wo apni ek saheli ko call karti hai jo gym jati hai, wo use call karti hai....
शालिनी : हेल्लो काव्या ! कैसी हो?
काव्या : एकदम मस्त! तुम केसी हों?बहोत दिनो बाद मेरी याद आई, ना कोई कॉल, ना कोई मैसेज
शालिनी : मैं भी मस्त हू, हाँ बहोत दिन हों गए यार, प्रेग्नेंसी के बाद तो तुझे पत्ता ही है कि अपना समय कहा पे जाता है,
काव्या : हा यार अपना पूरा समय बच्चे और पति के पीछे चला जाता है,अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता
शालिनी : फिर भी तूने तो अपने लिए वक्त निकाल लिया है,सुना है तु जिम जाति हो,
काव्या: हां तूने सही सुना ,क्या करू यार प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ गया था इस लिए जिम ज्वाइन किया है,
शालिनी : मुझे भी जिम ज्वाइन करना है,मेरे पति काम के सिलसिले में अमेरिका गए है,तो सोचा की में भी जिम जाकर अपना वजन और फिगर पहले जैसे बना लूं.प्रेग्नेंसी के बाद मेरा पेट की चर्बी थोड़ी बढ़ गई है,
काव्या : ये सही सोचा तूने,में जहा जाति हु वहा लेडिस ट्रेनर है,वो एरोबिक्स भी फ्री में करवाती है ,जो प्रेगनेंसी के बाद के मोटापे से परेशान महिला के लिए है
शालिनी : ये बहोत ही बढ़िया है,में कल से ही ज्वाइन करुगी
काव्या : लेकिन तेरा बच्चा? क्या नाम है उसका?
शालिनी : अरे उसका नाम नील है ।और उसकी चिंता नहीं है ,हमारे एक चाचा है उसके साथ रहेगा,नील भी उसे पसंद करती है,वो मेरे ससुर के दोस्त है,और अभी वो हमारे यहां रहते है,उसका पूरा परिवार अकस्मात में मर गया,अब हम ही उसके परिवार है
काव्या : ठीक है ,में ट्रेनर को बोल दुगी,तुम कल से शुरू कर दो। चल बाय मेरे पति ऑफिस से आ गए है बाय,फोन रखती हु।
शालिनी : ok बाय कल मिलते है।
शालिनी घड़ी देखती है तो देखा कि 7 बज गए, वो हाथ मुंह धो कर फ्रेश होकर खाना बनाने जाति है तो देखती है चाचा हॉल में बैठे थे

शालिनी : अरे चाचा आप कब उठे?
चाचा : बस अभी थोड़ी देर पहले।
शालिनी : ठीक है आप के लिए चाय बना देती हू,
चाचा: नहीं बहु अब सीधा खाना ही खाऊंगा
शालिनी : आप थोड़ी देर रुकिए अभी बना देती हू
आधे घंटे बाद सब खाना रेडी हो जाता है ,फिर चाचा और शालिनी खाना खाते है,फिर चाचा टीवी देखते है तब तक शालिनी सब काम निपटा के फ्री होके हॉल में आके सोफे पर बैठ जाति है,तभी नील के रोने की आवाज आती है,शालिनी नील को रूम में उठाके हॉल में लाती है,और उसे दुलारने लगती है,
चाचाजी : बेटा लगता है मुन्ना भूखा है,दोपहर से थक के सोया हुआ था ,उसे अपना दूध पिला दो,

शालिनी : आप ठीक कह रहे है चाचाजी, ऐसा सुनके वो उनको लेके अपने रूम में चली जाति है और गुड नाईट बोलके दरवाजा बंद करके सोने चली जाति है,वो अंदर जाके अपनी साड़ी निकाल के साइड में रखती है और अपना ब्लाउज भी निकाल देती है फिर ब्रा का हुक खोलके अपने दोनो सफेद कबूतरों को आजाद करती है ,फिर वो बेड पर लेट जाति है और नील को अपने बगल में सुला के उसे अपना एक स्तन का निप्पल उसके मुंह में दे देती है,वो भी भूखा होने की वजह से उसे चूसने लगता है वो इस बार थोड़ा जल्दी जल्दी पी रहा था इस कारण चप चप की आवाज आ रही थी थोड़ी देर में एक स्तन खाली हो जाता है और वो उसे अपनी दूसरी साइड लेके दूसरा स्तन पीने को देती है,भूखा होने के कारण वो दूसरा भी पीने लगता है लेकिन इस बार वो धीरे पी रहा था ,उसे अपना अमृत पिलाते पिलाते उसकी आंख कब लग गई उसे पता नही रहा और वो ऐसे ही सो गई ,नील भी थोड़ी देरबाद पेट भर जाने के बाद निप्पल को मुंह से निकल देता है और अपनी मां से चिपक कर खेलने लगता है थोड़ी देर बाद वो भी सो जाता है,लेकिन आधी रात बात तीन बजे के करीब नील उठ जाता है और रोने लगता है,जिस से शालिनी की नींद खुलती है वो देखती है की वो ऊपर से बिना कुछ कपड़ो के सो रही थी और नील रो रहा होता है,वो झट से उसे उठा के अपने गोदी में ले लेती है और उसे प्यार दुलार करती है और उसे फिर से दूध पिलाने की कोशिश करती है लेकिन वो निप्पल को मुंह में नही ले रहा था और मुंह फेर देता था,वो बहुत कोशिश करती है लेकिन वो शांत नहीं होता उसके रोने की तेज आवाज सुन के चाचाजी जाग जाते है,और वो धीमे धीमे चलके आके शालिनी के रूम को खटखटाते है,
चाचा : क्या हुआ बेटी ? मुन्ना रो क्यों रहा है?
शालिनी चाचा की आवाज सुन के हैरान हो जाति और फटाफट अपना ब्लाउज को ढूंढ के बिना ब्रा के पहन लेती है,और हड़बड़ी में साड़ी पहनती हुई बोलती है ,चाचाजी पता नही क्या हुआ है बस रो रहा है,शांत ही नहीं हो रहा इतना बोल के साड़ी का पल्लू डाल के नील को उठा कर दरवाजा खोलती है,
चाचाजी : (दरवाजा खुलते ही )लाओ मुन्ने को मेरे पास, ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथ में से लेने लगते है,
जल्दी में लेने की वजह से उसका एक हाथ शालिनी के बिना ब्रा के पहेने ब्लाउज से उसके स्तन धीरे से दब जाता है,इस से चाचा को पता चल जाता है को शालिनी ने ब्लाउज के अंदर कुछ नही पहना,लेकिन वो नील पे ध्यान देते है और उसे लेके हॉल में आते है ,शालिनी भी उसके पीछे पीछे हॉल में चली आती है,चाचाजी के दुलार ने से पत्ता नही केसे पर नील शांत हो जाता है,और खेल ने लगता है
चाचाजी : अरे मेरा राजा बेटा क्या हुआ था तुम्हे क्यों रो रहे थे,इस से तुम्हारी मां को कितनी तकलीफ हुई मालूम है?अब अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ ऐसे बोल के वो उसे दुलार ने लगते है और उसे सुला देते है,ये लो बेटी ये सो गया है , ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथो में देते है और इस बार भी चाचा के हाथ और शालिनी ke स्तन का हल्का सा ब्लाउज के ऊपर से संपर्क हो जाता है
शालिनी : शुक्रिया चाचाजी आप की वजह से नील शांत हो गया और मुझे माफ कर दीजिए मेरी वजह से आपकी नींद बिगड़ गई,

चाचाजी : तुमने मुझे शुक्रिया और माफी बोलके पराया बना दिया,मुझे लगता था में अब इस परिवार का हिस्सा हु लेकिन तुम मुझे गैर मानती हो

शालिनी : अरे नही नही चाचाजी ये आप कैसी बात कर रहे हो,आप मेरे ससुरजी की तरह है ,

चाचाजी : तो तुम अपने ससुर को शुक्रिया या माफी मांगती?
शालिनी : अगर आपको हम गैर समझते तो नीरव मुझे आपके भरोसे थोड़ी छोड़ के जाता,

चाचाजी ये सुनके चुप हो जाते है,और शालिनी के सर पर हाथ रख के सोफे पे बैठ जाते है,शालिनी भी उसके बाजू में बैठ जाति है,

शालिनी (मन में) चाचाजी कितने अच्छे है, हमारी वजह से उसकी नींद खराब हुई फिर भी वो हमारी चिंता करते है खास कर के नील की

थोड़ी देर बाद चलिए चाचाजी सो जाते है ,ऐसा बोले नील को लेके खड़ी हो जाति है और अपने रूम में चली जाती है
सुबह जल्दी उठ के वो अपनी सहेली को फोन करती है और जिम चली जाति है, उस को पता है की नील 7 बजे तक नहीं उठेगा,
शालिनी और उसके दोस्त दोनो जिम पहोचते है ,वहा पहुंच के जिम के कपड़े बदलकर उसके मैनेजर से मिलते है

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और 6 महीने तक जिम ज्वाइन करती है ,ट्रेनर उसे पहले की तरह बनाने का वादा करती है शालिनी खुश हो जाति है और उसे कुछ आसान स्टेप करने को शिखती है,थोड़ी देरबाद वो योग करती है

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और एक घंटे बाद वो वापस घर आ जाति है, वो धीमे से दरवाजा खोल के अंदर आती है देखती है तो चाचा भी प्राणायाम कर रहे थे,वो फटाफट अंदर अपने रूम में जाति है और अपने कपड़े लेके फ्रेश होने बाहर बाथरूम में आती है,वो नहाकर तैयार होकर आती है बाद में नाश्ता बनाने की तैयारी में लग जाति है तब तक चाचा भी अपने हल्के फुल्के योग करके खड़े होते है,
शालिनी : अरे चाचा आप भी योग करते हैं? मुझे मालूम ही नहीं था
चाचा : अरे हां में पहले से ही करता हु लेकिन अभी मेरी तबियत के कारण नहीं कर रहा था लेकिन अभी मुझे लगता है में हल्के हल्के चालू करू लेकिन तुम कहा गई थी सुबह सुबह?

शालिनी : में भी योग और जिम ज्वाइन किया आज से वो क्या है प्रेगनेंसी के कारण शरीर में चर्बी बढ़ गई है इस लिए

चाचाजी : कोन कहता है? तुम मोटी हो गई हो,बच्चा होने के बाद तो ये चर्बी ही उस औरत को और खूबसूरत बनाती है,
शालिनी : हा लेकिन नीरव को थोड़ा ज्यादा लगता है इस लिए मेने सोचा जिम ज्वाइन करके पहले को तरह बन जाऊ
चाचा : आज की औरत का यही दिक्कत है? थोड़ा सा शरीर बढ़ा नही के जिम चालू कर के अपने शरीर को सुखी तिली जैसा बना देती है,
गांव में तो बच्चा होने के बाद जो चर्बी औरत को चढ़ती है वो उसे और गदराया और सुंदर बना देती है,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है,लेकिन उसे अच्छा लग रहा था की चाचा उसके साथ फ्रेंडली बात कर रहे है
शालिनी: जाइए चाचाजी आप नहा लीजिए तब तक में नाश्ता बना लेती हु
चाचा नहाकर आते है और तैयार होके किचन में आके दोनो साथ में नाश्ता करते है,नाश्ता करने के बाद चाचा को दवाई देती है,चाचा दवाई पीते है तभी शालिनी भी एक दवाई पीती है
चाचाजी : तुम कोन सी दवाई पी रही हो ?क्या ये भी पतले होने की कोई दवा है?
शालिनी : हस्ते हुए अरे नही चाचा ये तो डॉक्टर ने मुझे नील का खाना बढाने के लिए दी है
चाचाजी : अच्छा.... चलो ये बात तो अच्छी हुई,वरना आज कल की औरते अपने बच्चे को अपना दूध तुरत छुड़ा ने में लग जाति है ,हमारे गांव में तो बच्चा 1 या डेढ़ साल और कोई कोई
दो -ढाई साल तक पिलाती है,और तुम्हे पता है हमारे समय में तो पांच साल तक दूध पिलाया जाता था,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है और और चौंक भी जाति है बाद में चाचा हाथ धो के हॉल में आ जाते है,शालिनी सब काम निपटा कर अपने रूम में आती है और नील को जगाती है और उसे नहला कर उसे दूध पिलाती है फिर उसे लेके हॉल में आती है वहा चाचाजी न्यूज देख रहे थे वो नील को देखकर....
चाचाजी : अरे मेरा शेर बेटा जाग गया ,आज तो देखो कैसा खुश लग रहा है ,
वो उसे अपनी गोद में लेके खेलने लगते है उसे भरपूर प्यार और दुलार देते है,
ऐसे ही देखते देखते 1 हफ्ता निकाल जाता है .इस 1 हफ्ते में नीरव का फोन भी आता रहता है जो अपने बीवी बच्चे और चाचा की खैरियत पूछने के लिए आता है और शालिनी की अपना रोज का सुबह का जिम जाना, नाश्ता बनाना,चाचा के साथ गप्पे लगाना,दोपहर का खाना बनाना और सो जाना फिर नील के साथ खेलना या चाचा के साथ बातचीत करना फिर शाम का सब्जी लेने जाना ,फिर खाना बनाना ,टीवी देखना और सो जाना, बस यही उसकी दिनचर्या रहती है पर जैसे जैसे दिन बीतते है,नील का रात का रोना बढ़ जाता है ,जिस वजह से शालिनी बहुत परेशान रहती है,क्योंकि उसकी वजह से चाचा की भी नींद खराब होती ये बात उसे बहुत दुख पहोचती है,वो चाचा के साथ डॉक्टर को दिखाने भी जाते है ,लेकिन डॉक्टर कहता है ये सब नॉर्मल है ,आप को रात को जब नील जागे तब उसे सेफ फिल कराना होगा,उसकी वजह से वो शांत हो जायेगा और धीरे धीरे उसके सोने के टाइम में बदलाव करे और उसे पूरा खाना और सोना मिलते रहे उसका ध्यान रखे,फिर शालिनी और चाचा नील को लेके वापिस आ जाते है।
रात के वक्त जब नीरव का फोन आता है तब शालिनी उसे डॉक्टर के साथ हुई सारी बात बताती है और उसकी वजह से चाचा की नींद और स्वास्थ्य पर खराब हो रहे है,उसकी वजह से चाचा का ठीक से आराम नही हो रहा,वो भी यह आराम करने आए है पर हमारी वजह से उसे ठीक से आराम नही हो रहा उस बात का बहुत दुख होता है,हालाकि चाचा उसे कुछ बता नहीं रहे है और नाही शिकायत करते है ,वो बहुत ही नेकदिल और अच्छे इंसान है,वो नील का बहुत ध्यान रखते है,जब की नील की वजह से हफ्ते में कमसे कम पांच बार वो रात में जागते होगे,कभी मुझे उसे जगाना पड़ता है,और कभी वो नील के रोने की वजह से खुद जागकर आता है,
नील ना जाने कैसे पर चाचा के पास जाते ही शांत हो जाता है और सुकून से सो जाता है, पर उसकी वजह से चाचा को तकलीफ हो रही है,
नीरव : वाकई चाचा बहुत ही अच्छे इंसान है,हमारी वजह से उस की रातों को नींद खराब हो रही है, फिर भी वो बिना कुछ कहे तकलीफ सहन कर रहे है,हमे भी उसके बारे में सोचना चाहिए वे भी यहा आराम करने आए है, हमे भी उसे कम से कम तकलीफ हो ऐसा करना चाहिए
फिर थोड़ी देर सोचके....एक काम करे तो नील को रात को चाचा के साथ सुला दे तो?इस से क्या होगा ,नील के रोने से चाचा तुरत ही उसे गोद में ले लेंगे जिस से वो फॉरन चुप हो जाएगा और जल्दी सो जाए और चाचा को भी तुम्हारे कमरे तक चलके ना आना पड़े

शालिनी : ये बात तुम्हारी सही है लेकिन चाचा ने कहा था की नींद में उसके हाथ पैर चलते है जिस से नील को चोट लग सकती है,इस लिए उन्हों ने मना किया था।

नीरव : हा एक बार उन्हों ने ये बात कही थी, तो फिर क्या करे?

शालिनी : मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा की क्या करे?

नीरव : कुछ देर सोच के.....एक बात हो सकती है लेकिन इस में तुम्हारी हा होनी चाहिए,

शालिनी : चाचा की तकलीफ कम करने के लिए जो हो सके वो करुगी,

नीरव : ठीक है सुनो ,एक काम हो सकता है जिस से चाचा को बार बार हो रही तकलीफ से कुछ राहत मिलेगी,
शालिनी : कैसे?
नीरव : वो ऐसे की चाचा रात को हमारे कमरे में सोने आए तो,इस से उसे बार बार चलके नही आना पड़ेगा या तुम्हे उनको जगाना नहीं पड़ेगा,जब नील रोएगा तब वो तुरत ही उसे गोद में लेके सुला देगे जिस से वो ज्यादा से ज्यादा आराम कर सकेगे,
शालिनी : ये तुम क्या कह रहे हो? वो सोएंगे कहा?उसको अभी भी थोड़ी कमर की तकलीफ है वो नीचे सो नहीं सकते और में भी नील को लेके नीचे नहीं सो सकती क्योंकि उस से नील को तकलीफ होगी,अगर में अकेली नीचे सो जाऊ तो चाचा का हाथ या पैर नील को लग सकता है।
नीरव : तो फिर एक ही हो सकता हैं,तुम नील और चाचा के बीच में सो जाओ, वैसे भी चाचा बुजुर्ग आदमी है और उसने हमारे लिए कितनी तकलीफ सह रहे है तो हम क्या थोड़ी तकलीफ नहीं सह सकते,?
शालिनी : बात तुम्हारी सही है कि वो बहुत अच्छे इंसान है वरना आज के समय में दूसरो के लिए कोन इतना सहन करता है,और उसका स्वभाव भी अच्छा है मुझे अपनी बेटी की तरह रखते है, चलो में एक बार के लिए मान जाऊ पर क्या वो इस बात को राजी होगे?

नीरव : उसे राजी करना होगा क्योंकि ये उसके लिए है,उसे समझना होगा,फिर भी ना माने तो मैं उनसे बात करुगा

शालिनी : ठीक है कल करुगी बात,चलो रखती हु फोन अपना ध्यान रखना ,l love you
नीरव : तुम लोग भी ध्यान रखना ,l love yoo too
शालिनी : ओके बाय रखती हू।
शालिनी अब बेड पर पड़े पड़े सोच रही थी की चाचा से वो किस तरह से बात करेगी और किस तरह से मनाएगी,चाचा बड़े शरीफ आदमी है इस लिए वो नही मानेंगे पर मुझे उसे किसी भी हालत में मनाना पड़ेगा,वो हमारी वजह से बहुत तकलीफ सहन कर रहे है। सोचते सोचते उसे नींद आ जाति है
अगले दिन सुबह को शालिनी की आंख खुलती है अंगड़ाई लेकर उठती है देखती है की उसका प्यारा बेटा सो रहा है और जिम जाने के लिए तैयार होती है, 1 घंटे बाद जब वो वापिस आती है तब वो सीधा फ्रेश होने चली जाति है, वो देखती है चाचा अभी तक सो रहे है,फिर उसे कल की बात याद आती है फिर वो चाचा से कैसे बात करेगी ये सोचने लगती है,बाद में वो तैयार होकर नाश्ता बनाने लगती है तभी चाचा अपने रूम से धीरे धीरे चलकर बाथरूम की और जा रहे होते है,तभी वो जैसे ही बाथरूम के अंदर जाते है की उसका पैर फिसला और वो गिर जाते है जिस से उसकी चीख निकल जाति है,उसकी आवाज सुनकर शालिनी तुरंत दौड़कर देखती है की चाचा फर्श पर गिर गए है वो साड़ी का पल्लू कमर पर बांधकर चाचा को खड़ा करती है वो जैसे तैसे उसे खड़ा कर के चुकी उसका रूम नजदीक था तो वो उसे वहा पर ले जाकर बेड पर बिठा देती है,चाचा से बहुत मुश्किल से चला जा रहा था,
उसे बेड पर बिठा के उसके पैर को देखती है फिर वो फटाफट जाकर अपने फैमली डॉक्टर को फोन करके बुलाती है, डॉक्टर 10 मिनट में आ जाता है और चेक करता है ,

डॉक्टर : चिंता करने की बात नहीं है सिर्फ मोच आई है ,थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी वो एक पट्टी बांध देता है और दवाई देता है और चलने फिरने को मना करता है
डॉक्टर के जाने के बाद शालिनी चाचा के पास आकर बैठ जाति है और चाचाजी से सब पूछ ने लगती है,

शालिनी : ये सब कैसे हुआ चाचाजी ? आप कैसे गिर गए?
चाचाजी : पता नही बेटी बाथरूम में जाते ही मेरा पैर फिसल गया ,एक तो में थोड़ा थोड़ा ठीक हो रहा था की ये सब हो गया और तुम पे बोझ बन गया।
शालिनी : खबरदार चाचाजी अगली बार आपने अपने आप को बोझ कहा तो ,आपने हमे पराया कर दिया,नीरव ने आपके बारे में मुझे जो बताया उस के सामने ये कुछ भी नहीं ,आपकी जगह मेरे पिताजी या आपके दोस्त और मेरे ससुर होते तो क्या वो मेरे पे बोझ होते?,,,,नही होती ।
चाचाजी :ठीक है बेटी थोड़ी देर बाद मुझे मेरे वाले कमरे में छोड़ देना
शालिनी : अरे नही चाचा अब आप ठीक नहीं होते तब तक यही इसी कमरे में रहेंगे,अगर ये चोट नहीं लगती फिर भी में आपसे इसी कमरे में रहेने को बोल ने वाली थी ।
चाचाजी : (आश्चर्य से....) क्यू?
शालिनी : हमारी वजह से आपकी नींद खराब हो रही थी ,रात को नील रोता है तब वो सिर्फ आप के पास आकर शांत होता है ,और अच्छे से सोता है,बार बार हररोज आपको या मुझे चलके आना पड़ता और फिर वो शांत होता था ,अगर आप इसी कमरे में रहेंगे तो आप तुरंत नील को सुला सकते है जिससे आप भी ज्यादा से ज्यादा आराम कर सके,
चाचाजी : अरे ये क्या बोल रही हो,मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही,
शालिनी : में आपकी कोई बात नही सुनुगी,मेरी इस बात को लेकर नीरव से बात हो चुकी है,
चाचाजी : नहीं बेटा बात को समझो,,
शालिनी : आप समझो चाचा ,अभी अगर नील रोया तो आप तो चल नही सकते तो मुझे बार बार कभी आपका ध्यान रखने कभी इधर तो कभी उधर दौड़ना पड़ता पूरा दिन , शायद किस्मत की भी यही मर्जी थी इस लिए आप गिर गए और इसी कमरे में आए,
चाचाजी : नही में तुम्हारी बात नही मानने वाला में अभी मेरे कमरे में चला जाता हु, ऐसा बोलके वो खड़े होकर जाने लगते है तभी पैर आई मोच के कारण उसकी चीख निकल जाति है और वही बेड के किनारे बैठ जाते है।
शालिनी : देखो क्या हुआ ,डॉक्टर ने भी आपको चलने से मना किया है ,ठीक है एक काम करे जबतक आपकी पैर की मोच सही नही होती तब तक आप इसी कमरे में रहे बाद में चले जाना,
चाचाजी : फिर भी में नीरव से एक बार बात करना चाहता हु।
शालिनी : शाम को कर लेना बात अभी वहा रात होगी और नीरव सो रहा होगा।
चाचाजी : ठीक है ।
शालिनी : में नाश्ता लेकर आती हु
फिर दोनो साथ में बेडरूम में नाश्ता करते है तभी नील जाग जाता है ,शालिनी उसे तुरत उठा के चाचा के गोदी में दे देती है, और वो बर्तन रखने किचन में जाति है और जब वो वापिस आती है तो देखती है नील हसखेल रहा था,
शालिनी : देखा चाचाजी नील कैसे तुरत शांत हो गया इस लिए में कह रही थी ,आप मेरे लिए न सही नील के लिए मान जाए
चाचाजी : ठीक है लेकिन पैर ठीक होने तक और सिर्फ और सिर्फ मुन्ने के लिए,
शालिनी : खुश होकर .... ये हुई ना बात अब आप आराम करे में नील को नहला कर आती हु
शालिनी नील को नहलाकर चाचाजी के पास लाती है ।ये भी आप के साथ रहकर बिगड़ गया है मेरी बात मानता नही,कितना भी चुप होने को काहू पर शांत होता ही नही बस रोता रहता है
इतना कहकर बेड के दूसरे किनारे बैठ कर चाचा की और पीठ कर उसे अपना दूध पिलाने लगती है,
शालिनी : दूध पिलाते पिलाते ....चाचाजी आपको असहज तो नही लग रहा है ना की में नील को इधर ही दूध पिला रही हु,अब क्या हम एक ही घर मे
रह रहे है तो हमे थोड़ा खुलके रहना चाहिए अभी में या आप शर्म के मारे बार बार रूम बदले ये कितनी बार करेगे,इस से अच्छा है की में और आप इसे नॉर्मल समझे,

चाचाजी : ये बात तुम्हारी सही है,मुझे कोई असहज नही लग रहा क्यों की हमारे गांव में तो सभी बहु अपने ससुर के सामने ही अपने बच्चे को पल्लू से ढक कर दूध पिलाती है चाहे कोई मेहमान भी आए तो भी वो शर्माती नही है ,क्योंकि ये मां और बच्चे का पवित्र रिश्ते को मजबूत करने की प्रकिया है,और सभी ने बचपन में अपनी मां के स्तन का दूध पिया ही होता है,एक मां अपने बच्चे को खाना खिला रही है कोई पाप थोड़ी कर रही है,तुम आराम से मुन्ने को दूध पिलाओ,
नील को दूध पिलाकर अपने ब्लाउज के हुक बंद कर के पल्लू सही करके वो नील को चाचा को सोपती है लीजिए चाचा में घर के काम करके आती हु
शालिनी घर के काम करते समय गाना सुनने के लिए टीवी चालू करती है तभी न्यूज चैनल पहले चालू होता है तो उसमे आता है की उसके शहर में कुछ आवारा लोगो ने बड़ा हंगामा किया होता है इस वजह से सबको घर में रहेने और बाहर ना निकलने की सूचना आती है और साथ ही शहर में 15 दिन कर्फ्यू लग जाता है, पूरे शहर में तनाव का माहोल है, सभी लोग अपने घर वापिस जाने को भाग रहे होते है,सिर्फ दवाई, दूध और सब्जीवाले को पुलिस की निगरानी में काम करने की छूट दी जाति है,ये खबर देख के वो घबरा जाति है और फटाफट जाके दरवाजा बंद कर देती है,और चाचा को आकर सारी बात बताती है
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malikarman

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Shalini ,Nil aur chacha ghar pahochte hai tab tak sham ka waqt ho jata hai,sab thak ke thodi der aaram karte hai Shalini apne room me jake apne kapde change karti hai aur Nil ko apna doodh pilake sula deti hai aur khud bhi sone lagti hai magar use nind nahi aa rahi thi,wo kal raat jo uske aur Nirav ke bich hui baat ko sochti hai,
Shalini : (man me) me fir se pehle ki tarah slim aur sexy dikhugi iske liye yoga ya gym jo karna padega me karugi,me Nirav ki uski purani wali Shalini ban ke dikhaugi,ab to ye america chale gaye hai,ab mere paas time bachega, na subah tiffin
Bana ne ki tension aur sham ko unke wapis aane par unke chai naste ka tension,is time me apne body fitness me use karugi,thodi der kuch soch kar wo apni ek saheli ko call karti hai jo gym jati hai, wo use call karti hai....
शालिनी : हेल्लो काव्या ! कैसी हो?
काव्या : एकदम मस्त! तुम केसी हों?बहोत दिनो बाद मेरी याद आई, ना कोई कॉल, ना कोई मैसेज
शालिनी : मैं भी मस्त हू, हाँ बहोत दिन हों गए यार, प्रेग्नेंसी के बाद तो तुझे पत्ता ही है कि अपना समय कहा पे जाता है,
काव्या : हा यार अपना पूरा समय बच्चे और पति के पीछे चला जाता है,अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता
शालिनी : फिर भी तूने तो अपने लिए वक्त निकाल लिया है,सुना है तु जिम जाति हो,
काव्या: हां तूने सही सुना ,क्या करू यार प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ गया था इस लिए जिम ज्वाइन किया है,
शालिनी : मुझे भी जिम ज्वाइन करना है,मेरे पति काम के सिलसिले में अमेरिका गए है,तो सोचा की में भी जिम जाकर अपना वजन और फिगर पहले जैसे बना लूं.प्रेग्नेंसी के बाद मेरा पेट की चर्बी थोड़ी बढ़ गई है,
काव्या : ये सही सोचा तूने,में जहा जाति हु वहा लेडिस ट्रेनर है,वो एरोबिक्स भी फ्री में करवाती है ,जो प्रेगनेंसी के बाद के मोटापे से परेशान महिला के लिए है
शालिनी : ये बहोत ही बढ़िया है,में कल से ही ज्वाइन करुगी
काव्या : लेकिन तेरा बच्चा? क्या नाम है उसका?
शालिनी : अरे उसका नाम नील है ।और उसकी चिंता नहीं है ,हमारे एक चाचा है उसके साथ रहेगा,नील भी उसे पसंद करती है,वो मेरे ससुर के दोस्त है,और अभी वो हमारे यहां रहते है,उसका पूरा परिवार अकस्मात में मर गया,अब हम ही उसके परिवार है
काव्या : ठीक है ,में ट्रेनर को बोल दुगी,तुम कल से शुरू कर दो। चल बाय मेरे पति ऑफिस से आ गए है बाय,फोन रखती हु।
शालिनी : ok बाय कल मिलते है।
शालिनी घड़ी देखती है तो देखा कि 7 बज गए, वो हाथ मुंह धो कर फ्रेश होकर खाना बनाने जाति है तो देखती है चाचा हॉल में बैठे थे

शालिनी : अरे चाचा आप कब उठे?
चाचा : बस अभी थोड़ी देर पहले।
शालिनी : ठीक है आप के लिए चाय बना देती हू,
चाचा: नहीं बहु अब सीधा खाना ही खाऊंगा
शालिनी : आप थोड़ी देर रुकिए अभी बना देती हू
आधे घंटे बाद सब खाना रेडी हो जाता है ,फिर चाचा और शालिनी खाना खाते है,फिर चाचा टीवी देखते है तब तक शालिनी सब काम निपटा के फ्री होके हॉल में आके सोफे पर बैठ जाति है,तभी नील के रोने की आवाज आती है,शालिनी नील को रूम में उठाके हॉल में लाती है,और उसे दुलारने लगती है,
चाचाजी : बेटा लगता है मुन्ना भूखा है,दोपहर से थक के सोया हुआ था ,उसे अपना दूध पिला दो,

शालिनी : आप ठीक कह रहे है चाचाजी, ऐसा सुनके वो उनको लेके अपने रूम में चली जाति है और गुड नाईट बोलके दरवाजा बंद करके सोने चली जाति है,वो अंदर जाके अपनी साड़ी निकाल के साइड में रखती है और अपना ब्लाउज भी निकाल देती है फिर ब्रा का हुक खोलके अपने दोनो सफेद कबूतरों को आजाद करती है ,फिर वो बेड पर लेट जाति है और नील को अपने बगल में सुला के उसे अपना एक स्तन का निप्पल उसके मुंह में दे देती है,वो भी भूखा होने की वजह से उसे चूसने लगता है वो इस बार थोड़ा जल्दी जल्दी पी रहा था इस कारण चप चप की आवाज आ रही थी थोड़ी देर में एक स्तन खाली हो जाता है और वो उसे अपनी दूसरी साइड लेके दूसरा स्तन पीने को देती है,भूखा होने के कारण वो दूसरा भी पीने लगता है लेकिन इस बार वो धीरे पी रहा था ,उसे अपना अमृत पिलाते पिलाते उसकी आंख कब लग गई उसे पता नही रहा और वो ऐसे ही सो गई ,नील भी थोड़ी देरबाद पेट भर जाने के बाद निप्पल को मुंह से निकल देता है और अपनी मां से चिपक कर खेलने लगता है थोड़ी देर बाद वो भी सो जाता है,लेकिन आधी रात बात तीन बजे के करीब नील उठ जाता है और रोने लगता है,जिस से शालिनी की नींद खुलती है वो देखती है की वो ऊपर से बिना कुछ कपड़ो के सो रही थी और नील रो रहा होता है,वो झट से उसे उठा के अपने गोदी में ले लेती है और उसे प्यार दुलार करती है और उसे फिर से दूध पिलाने की कोशिश करती है लेकिन वो निप्पल को मुंह में नही ले रहा था और मुंह फेर देता था,वो बहुत कोशिश करती है लेकिन वो शांत नहीं होता उसके रोने की तेज आवाज सुन के चाचाजी जाग जाते है,और वो धीमे धीमे चलके आके शालिनी के रूम को खटखटाते है,
चाचा : क्या हुआ बेटी ? मुन्ना रो क्यों रहा है?
शालिनी चाचा की आवाज सुन के हैरान हो जाति और फटाफट अपना ब्लाउज को ढूंढ के बिना ब्रा के पहन लेती है,और हड़बड़ी में साड़ी पहनती हुई बोलती है ,चाचाजी पता नही क्या हुआ है बस रो रहा है,शांत ही नहीं हो रहा इतना बोल के साड़ी का पल्लू डाल के नील को उठा कर दरवाजा खोलती है,
चाचाजी : (दरवाजा खुलते ही )लाओ मुन्ने को मेरे पास, ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथ में से लेने लगते है,
जल्दी में लेने की वजह से उसका एक हाथ शालिनी के बिना ब्रा के पहेने ब्लाउज से उसके स्तन धीरे से दब जाता है,इस से चाचा को पता चल जाता है को शालिनी ने ब्लाउज के अंदर कुछ नही पहना,लेकिन वो नील पे ध्यान देते है और उसे लेके हॉल में आते है ,शालिनी भी उसके पीछे पीछे हॉल में चली आती है,चाचाजी के दुलार ने से पत्ता नही केसे पर नील शांत हो जाता है,और खेल ने लगता है
चाचाजी : अरे मेरा राजा बेटा क्या हुआ था तुम्हे क्यों रो रहे थे,इस से तुम्हारी मां को कितनी तकलीफ हुई मालूम है?अब अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ ऐसे बोल के वो उसे दुलार ने लगते है और उसे सुला देते है,ये लो बेटी ये सो गया है , ऐसा बोलके वो नील को शालिनी के हाथो में देते है और इस बार भी चाचा के हाथ और शालिनी ke स्तन का हल्का सा ब्लाउज के ऊपर से संपर्क हो जाता है
शालिनी : शुक्रिया चाचाजी आप की वजह से नील शांत हो गया और मुझे माफ कर दीजिए मेरी वजह से आपकी नींद बिगड़ गई,

चाचाजी : तुमने मुझे शुक्रिया और माफी बोलके पराया बना दिया,मुझे लगता था में अब इस परिवार का हिस्सा हु लेकिन तुम मुझे गैर मानती हो

शालिनी : अरे नही नही चाचाजी ये आप कैसी बात कर रहे हो,आप मेरे ससुरजी की तरह है ,

चाचाजी : तो तुम अपने ससुर को शुक्रिया या माफी मांगती?
शालिनी : अगर आपको हम गैर समझते तो नीरव मुझे आपके भरोसे थोड़ी छोड़ के जाता,

चाचाजी ये सुनके चुप हो जाते है,और शालिनी के सर पर हाथ रख के सोफे पे बैठ जाते है,शालिनी भी उसके बाजू में बैठ जाति है,

शालिनी (मन में) चाचाजी कितने अच्छे है, हमारी वजह से उसकी नींद खराब हुई फिर भी वो हमारी चिंता करते है खास कर के नील की

थोड़ी देर बाद चलिए चाचाजी सो जाते है ,ऐसा बोले नील को लेके खड़ी हो जाति है और अपने रूम में चली जाती है
सुबह जल्दी उठ के वो अपनी सहेली को फोन करती है और जिम चली जाति है, उस को पता है की नील 7 बजे तक नहीं उठेगा,
शालिनी और उसके दोस्त दोनो जिम पहोचते है ,वहा पहुंच के जिम के कपड़े बदलकर उसके मैनेजर से मिलते है

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और 6 महीने तक जिम ज्वाइन करती है ,ट्रेनर उसे पहले की तरह बनाने का वादा करती है शालिनी खुश हो जाति है और उसे कुछ आसान स्टेप करने को शिखती है,थोड़ी देरबाद वो योग करती है

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और एक घंटे बाद वो वापस घर आ जाति है, वो धीमे से दरवाजा खोल के अंदर आती है देखती है तो चाचा भी प्राणायाम कर रहे थे,वो फटाफट अंदर अपने रूम में जाति है और अपने कपड़े लेके फ्रेश होने बाहर बाथरूम में आती है,वो नहाकर तैयार होकर आती है बाद में नाश्ता बनाने की तैयारी में लग जाति है तब तक चाचा भी अपने हल्के फुल्के योग करके खड़े होते है,
शालिनी : अरे चाचा आप भी योग करते हैं? मुझे मालूम ही नहीं था
चाचा : अरे हां में पहले से ही करता हु लेकिन अभी मेरी तबियत के कारण नहीं कर रहा था लेकिन अभी मुझे लगता है में हल्के हल्के चालू करू लेकिन तुम कहा गई थी सुबह सुबह?

शालिनी : में भी योग और जिम ज्वाइन किया आज से वो क्या है प्रेगनेंसी के कारण शरीर में चर्बी बढ़ गई है इस लिए

चाचाजी : कोन कहता है? तुम मोटी हो गई हो,बच्चा होने के बाद तो ये चर्बी ही उस औरत को और खूबसूरत बनाती है,
शालिनी : हा लेकिन नीरव को थोड़ा ज्यादा लगता है इस लिए मेने सोचा जिम ज्वाइन करके पहले को तरह बन जाऊ
चाचा : आज की औरत का यही दिक्कत है? थोड़ा सा शरीर बढ़ा नही के जिम चालू कर के अपने शरीर को सुखी तिली जैसा बना देती है,
गांव में तो बच्चा होने के बाद जो चर्बी औरत को चढ़ती है वो उसे और गदराया और सुंदर बना देती है,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है,लेकिन उसे अच्छा लग रहा था की चाचा उसके साथ फ्रेंडली बात कर रहे है
शालिनी: जाइए चाचाजी आप नहा लीजिए तब तक में नाश्ता बना लेती हु
चाचा नहाकर आते है और तैयार होके किचन में आके दोनो साथ में नाश्ता करते है,नाश्ता करने के बाद चाचा को दवाई देती है,चाचा दवाई पीते है तभी शालिनी भी एक दवाई पीती है
चाचाजी : तुम कोन सी दवाई पी रही हो ?क्या ये भी पतले होने की कोई दवा है?
शालिनी : हस्ते हुए अरे नही चाचा ये तो डॉक्टर ने मुझे नील का खाना बढाने के लिए दी है
चाचाजी : अच्छा.... चलो ये बात तो अच्छी हुई,वरना आज कल की औरते अपने बच्चे को अपना दूध तुरत छुड़ा ने में लग जाति है ,हमारे गांव में तो बच्चा 1 या डेढ़ साल और कोई कोई
दो -ढाई साल तक पिलाती है,और तुम्हे पता है हमारे समय में तो पांच साल तक दूध पिलाया जाता था,
शालिनी ये सुनके शर्मा जाति है और और चौंक भी जाति है बाद में चाचा हाथ धो के हॉल में आ जाते है,शालिनी सब काम निपटा कर अपने रूम में आती है और नील को जगाती है और उसे नहला कर उसे दूध पिलाती है फिर उसे लेके हॉल में आती है वहा चाचाजी न्यूज देख रहे थे वो नील को देखकर....
चाचाजी : अरे मेरा शेर बेटा जाग गया ,आज तो देखो कैसा खुश लग रहा है ,
वो उसे अपनी गोद में लेके खेलने लगते है उसे भरपूर प्यार और दुलार देते है,
ऐसे ही देखते देखते 1 हफ्ता निकाल जाता है .इस 1 हफ्ते में नीरव का फोन भी आता रहता है जो अपने बीवी बच्चे और चाचा की खैरियत पूछने के लिए आता है और शालिनी की अपना रोज का सुबह का जिम जाना, नाश्ता बनाना,चाचा के साथ गप्पे लगाना,दोपहर का खाना बनाना और सो जाना फिर नील के साथ खेलना या चाचा के साथ बातचीत करना फिर शाम का सब्जी लेने जाना ,फिर खाना बनाना ,टीवी देखना और सो जाना, बस यही उसकी दिनचर्या रहती है पर जैसे जैसे दिन बीतते है,नील का रात का रोना बढ़ जाता है ,जिस वजह से शालिनी बहुत परेशान रहती है,क्योंकि उसकी वजह से चाचा की भी नींद खराब होती ये बात उसे बहुत दुख पहोचती है,वो चाचा के साथ डॉक्टर को दिखाने भी जाते है ,लेकिन डॉक्टर कहता है ये सब नॉर्मल है ,आप को रात को जब नील जागे तब उसे सेफ फिल कराना होगा,उसकी वजह से वो शांत हो जायेगा और धीरे धीरे उसके सोने के टाइम में बदलाव करे और उसे पूरा खाना और सोना मिलते रहे उसका ध्यान रखे,फिर शालिनी और चाचा नील को लेके वापिस आ जाते है।
रात के वक्त जब नीरव का फोन आता है तब शालिनी उसे डॉक्टर के साथ हुई सारी बात बताती है और उसकी वजह से चाचा की नींद और स्वास्थ्य पर खराब हो रहे है,उसकी वजह से चाचा का ठीक से आराम नही हो रहा,वो भी यह आराम करने आए है पर हमारी वजह से उसे ठीक से आराम नही हो रहा उस बात का बहुत दुख होता है,हालाकि चाचा उसे कुछ बता नहीं रहे है और नाही शिकायत करते है ,वो बहुत ही नेकदिल और अच्छे इंसान है,वो नील का बहुत ध्यान रखते है,जब की नील की वजह से हफ्ते में कमसे कम पांच बार वो रात में जागते होगे,कभी मुझे उसे जगाना पड़ता है,और कभी वो नील के रोने की वजह से खुद जागकर आता है,
नील ना जाने कैसे पर चाचा के पास जाते ही शांत हो जाता है और सुकून से सो जाता है, पर उसकी वजह से चाचा को तकलीफ हो रही है,
नीरव : वाकई चाचा बहुत ही अच्छे इंसान है,हमारी वजह से उस की रातों को नींद खराब हो रही है, फिर भी वो बिना कुछ कहे तकलीफ सहन कर रहे है,हमे भी उसके बारे में सोचना चाहिए वे भी यहा आराम करने आए है, हमे भी उसे कम से कम तकलीफ हो ऐसा करना चाहिए
फिर थोड़ी देर सोचके....एक काम करे तो नील को रात को चाचा के साथ सुला दे तो?इस से क्या होगा ,नील के रोने से चाचा तुरत ही उसे गोद में ले लेंगे जिस से वो फॉरन चुप हो जाएगा और जल्दी सो जाए और चाचा को भी तुम्हारे कमरे तक चलके ना आना पड़े

शालिनी : ये बात तुम्हारी सही है लेकिन चाचा ने कहा था की नींद में उसके हाथ पैर चलते है जिस से नील को चोट लग सकती है,इस लिए उन्हों ने मना किया था।

नीरव : हा एक बार उन्हों ने ये बात कही थी, तो फिर क्या करे?

शालिनी : मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा की क्या करे?

नीरव : कुछ देर सोच के.....एक बात हो सकती है लेकिन इस में तुम्हारी हा होनी चाहिए,

शालिनी : चाचा की तकलीफ कम करने के लिए जो हो सके वो करुगी,

नीरव : ठीक है सुनो ,एक काम हो सकता है जिस से चाचा को बार बार हो रही तकलीफ से कुछ राहत मिलेगी,
शालिनी : कैसे?
नीरव : वो ऐसे की चाचा रात को हमारे कमरे में सोने आए तो,इस से उसे बार बार चलके नही आना पड़ेगा या तुम्हे उनको जगाना नहीं पड़ेगा,जब नील रोएगा तब वो तुरत ही उसे गोद में लेके सुला देगे जिस से वो ज्यादा से ज्यादा आराम कर सकेगे,
शालिनी : ये तुम क्या कह रहे हो? वो सोएंगे कहा?उसको अभी भी थोड़ी कमर की तकलीफ है वो नीचे सो नहीं सकते और में भी नील को लेके नीचे नहीं सो सकती क्योंकि उस से नील को तकलीफ होगी,अगर में अकेली नीचे सो जाऊ तो चाचा का हाथ या पैर नील को लग सकता है।
नीरव : तो फिर एक ही हो सकता हैं,तुम नील और चाचा के बीच में सो जाओ, वैसे भी चाचा बुजुर्ग आदमी है और उसने हमारे लिए कितनी तकलीफ सह रहे है तो हम क्या थोड़ी तकलीफ नहीं सह सकते,?
शालिनी : बात तुम्हारी सही है कि वो बहुत अच्छे इंसान है वरना आज के समय में दूसरो के लिए कोन इतना सहन करता है,और उसका स्वभाव भी अच्छा है मुझे अपनी बेटी की तरह रखते है, चलो में एक बार के लिए मान जाऊ पर क्या वो इस बात को राजी होगे?

नीरव : उसे राजी करना होगा क्योंकि ये उसके लिए है,उसे समझना होगा,फिर भी ना माने तो मैं उनसे बात करुगा

शालिनी : ठीक है कल करुगी बात,चलो रखती हु फोन अपना ध्यान रखना ,l love you
नीरव : तुम लोग भी ध्यान रखना ,l love yoo too
शालिनी : ओके बाय रखती हू।
शालिनी अब बेड पर पड़े पड़े सोच रही थी की चाचा से वो किस तरह से बात करेगी और किस तरह से मनाएगी,चाचा बड़े शरीफ आदमी है इस लिए वो नही मानेंगे पर मुझे उसे किसी भी हालत में मनाना पड़ेगा,वो हमारी वजह से बहुत तकलीफ सहन कर रहे है। सोचते सोचते उसे नींद आ जाति है
अगले दिन सुबह को शालिनी की आंख खुलती है अंगड़ाई लेकर उठती है देखती है की उसका प्यारा बेटा सो रहा है और जिम जाने के लिए तैयार होती है, 1 घंटे बाद जब वो वापिस आती है तब वो सीधा फ्रेश होने चली जाति है, वो देखती है चाचा अभी तक सो रहे है,फिर उसे कल की बात याद आती है फिर वो चाचा से कैसे बात करेगी ये सोचने लगती है,बाद में वो तैयार होकर नाश्ता बनाने लगती है तभी चाचा अपने रूम से धीरे धीरे चलकर बाथरूम की और जा रहे होते है,तभी वो जैसे ही बाथरूम के अंदर जाते है की उसका पैर फिसला और वो गिर जाते है जिस से उसकी चीख निकल जाति है,उसकी आवाज सुनकर शालिनी तुरंत दौड़कर देखती है की चाचा फर्श पर गिर गए है वो साड़ी का पल्लू कमर पर बांधकर चाचा को खड़ा करती है वो जैसे तैसे उसे खड़ा कर के चुकी उसका रूम नजदीक था तो वो उसे वहा पर ले जाकर बेड पर बिठा देती है,चाचा से बहुत मुश्किल से चला जा रहा था,
उसे बेड पर बिठा के उसके पैर को देखती है फिर वो फटाफट जाकर अपने फैमली डॉक्टर को फोन करके बुलाती है, डॉक्टर 10 मिनट में आ जाता है और चेक करता है ,

डॉक्टर : चिंता करने की बात नहीं है सिर्फ मोच आई है ,थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी वो एक पट्टी बांध देता है और दवाई देता है और चलने फिरने को मना करता है
डॉक्टर के जाने के बाद शालिनी चाचा के पास आकर बैठ जाति है और चाचाजी से सब पूछ ने लगती है,

शालिनी : ये सब कैसे हुआ चाचाजी ? आप कैसे गिर गए?
चाचाजी : पता नही बेटी बाथरूम में जाते ही मेरा पैर फिसल गया ,एक तो में थोड़ा थोड़ा ठीक हो रहा था की ये सब हो गया और तुम पे बोझ बन गया।
शालिनी : खबरदार चाचाजी अगली बार आपने अपने आप को बोझ कहा तो ,आपने हमे पराया कर दिया,नीरव ने आपके बारे में मुझे जो बताया उस के सामने ये कुछ भी नहीं ,आपकी जगह मेरे पिताजी या आपके दोस्त और मेरे ससुर होते तो क्या वो मेरे पे बोझ होते?,,,,नही होती ।
चाचाजी :ठीक है बेटी थोड़ी देर बाद मुझे मेरे वाले कमरे में छोड़ देना
शालिनी : अरे नही चाचा अब आप ठीक नहीं होते तब तक यही इसी कमरे में रहेंगे,अगर ये चोट नहीं लगती फिर भी में आपसे इसी कमरे में रहेने को बोल ने वाली थी ।
चाचाजी : (आश्चर्य से....) क्यू?
शालिनी : हमारी वजह से आपकी नींद खराब हो रही थी ,रात को नील रोता है तब वो सिर्फ आप के पास आकर शांत होता है ,और अच्छे से सोता है,बार बार हररोज आपको या मुझे चलके आना पड़ता और फिर वो शांत होता था ,अगर आप इसी कमरे में रहेंगे तो आप तुरंत नील को सुला सकते है जिससे आप भी ज्यादा से ज्यादा आराम कर सके,
चाचाजी : अरे ये क्या बोल रही हो,मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही,
शालिनी : में आपकी कोई बात नही सुनुगी,मेरी इस बात को लेकर नीरव से बात हो चुकी है,
चाचाजी : नहीं बेटा बात को समझो,,
शालिनी : आप समझो चाचा ,अभी अगर नील रोया तो आप तो चल नही सकते तो मुझे बार बार कभी आपका ध्यान रखने कभी इधर तो कभी उधर दौड़ना पड़ता पूरा दिन , शायद किस्मत की भी यही मर्जी थी इस लिए आप गिर गए और इसी कमरे में आए,
चाचाजी : नही में तुम्हारी बात नही मानने वाला में अभी मेरे कमरे में चला जाता हु, ऐसा बोलके वो खड़े होकर जाने लगते है तभी पैर आई मोच के कारण उसकी चीख निकल जाति है और वही बेड के किनारे बैठ जाते है।
शालिनी : देखो क्या हुआ ,डॉक्टर ने भी आपको चलने से मना किया है ,ठीक है एक काम करे जबतक आपकी पैर की मोच सही नही होती तब तक आप इसी कमरे में रहे बाद में चले जाना,
चाचाजी : फिर भी में नीरव से एक बार बात करना चाहता हु।
शालिनी : शाम को कर लेना बात अभी वहा रात होगी और नीरव सो रहा होगा।
चाचाजी : ठीक है ।
शालिनी : में नाश्ता लेकर आती हु
फिर दोनो साथ में बेडरूम में नाश्ता करते है तभी नील जाग जाता है ,शालिनी उसे तुरत उठा के चाचा के गोदी में दे देती है, और वो बर्तन रखने किचन में जाति है और जब वो वापिस आती है तो देखती है नील हसखेल रहा था,
शालिनी : देखा चाचाजी नील कैसे तुरत शांत हो गया इस लिए में कह रही थी ,आप मेरे लिए न सही नील के लिए मान जाए
चाचाजी : ठीक है लेकिन पैर ठीक होने तक और सिर्फ और सिर्फ मुन्ने के लिए,
शालिनी : खुश होकर .... ये हुई ना बात अब आप आराम करे में नील को नहला कर आती हु
शालिनी नील को नहलाकर चाचाजी के पास लाती है ।ये भी आप के साथ रहकर बिगड़ गया है मेरी बात मानता नही,कितना भी चुप होने को काहू पर शांत होता ही नही बस रोता रहता है
इतना कहकर बेड के दूसरे किनारे बैठ कर चाचा की और पीठ कर उसे अपना दूध पिलाने लगती है,
शालिनी : दूध पिलाते पिलाते ....चाचाजी आपको असहज तो नही लग रहा है ना की में नील को इधर ही दूध पिला रही हु,अब क्या हम एक ही घर मे
रह रहे है तो हमे थोड़ा खुलके रहना चाहिए अभी में या आप शर्म के मारे बार बार रूम बदले ये कितनी बार करेगे,इस से अच्छा है की में और आप इसे नॉर्मल समझे,

चाचाजी : ये बात तुम्हारी सही है,मुझे कोई असहज नही लग रहा क्यों की हमारे गांव में तो सभी बहु अपने ससुर के सामने ही अपने बच्चे को पल्लू से ढक कर दूध पिलाती है चाहे कोई मेहमान भी आए तो भी वो शर्माती नही है ,क्योंकि ये मां और बच्चे का पवित्र रिश्ते को मजबूत करने की प्रकिया है,और सभी ने बचपन में अपनी मां के स्तन का दूध पिया ही होता है,एक मां अपने बच्चे को खाना खिला रही है कोई पाप थोड़ी कर रही है,तुम आराम से मुन्ने को दूध पिलाओ,
नील को दूध पिलाकर अपने ब्लाउज के हुक बंद कर के पल्लू सही करके वो नील को चाचा को सोपती है लीजिए चाचा में घर के काम करके आती हु
शालिनी घर के काम करते समय गाना सुनने के लिए टीवी चालू करती है तभी न्यूज चैनल पहले चालू होता है तो उसमे आता है की उसके शहर में कुछ आवारा लोगो ने बड़ा हंगामा किया होता है इस वजह से सबको घर में रहेने और बाहर ना निकलने की सूचना आती है और साथ ही शहर में 15 दिन कर्फ्यू लग जाता है, पूरे शहर में तनाव का माहोल है, सभी लोग अपने घर वापिस जाने को भाग रहे होते है,सिर्फ दवाई, दूध और सब्जीवाले को पुलिस की निगरानी में काम करने की छूट दी जाति है,ये खबर देख के वो घबरा जाति है और फटाफट जाके दरवाजा बंद कर देती है,और चाचा को आकर सारी बात बताती है
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