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Adultery Innocent... (wife)

Shetan

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Vegetaking808

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Update 4
( दंगे फसाद के बारे में सुनकर)
चाचाजी : अरे रे....क्या हो गया है सब को ? क्या मिलता है ये सब करने में ? उल्टा सबका नुकसान होता है,जो भी हो बेटा घबराना नहीं थोड़े दिन में सब ठीक हो जायेगा कही बाहर मत जाना
शालिनी : ठीक है इसी बहाने आपकी सेवा करुगी और आपको जरा भी तकलीफ नहीं होने दुगी,आपको जो खाना हो वो बना दुगी लेकिन....
चाचाजी : लेकिन क्या ?
शालिनी : आपका पैर का इलाज कैसे होगा ? डॉक्टर नही आए तो? और मेरा जिम भी बंध हो गया ,अभी तो चालू हुआ था
चाचाजी : एक बार डॉक्टर से बात तो कर लो और जिम वाली मैडम से भी बात कर लो घर पर हो सके उतनी कसरत करती रहना
शालिनी : वाह चाचा आपने तो मेरा सारा टेंशन दूर कर दिया में तो ये सोच रही थी क्या होगा अब,
शालिनी डॉक्टर से कॉल करती है डॉक्टर उसे आने से तो मना करते है लेकिन पैर की मालिश करने और पट्टी कैसे बांधनी है उसका वीडियो भेज देते है,बाद में वो जिम वाली ट्रेनर को कॉल करती है
शालिनी : हेलो में शालिनी बोल रही हु ,मेने अभी 1 वीक पहले आपका ज्वाइन किया है लेकिन अब तो जिम बंध होगा तो में क्या करू?
ट्रेनर : हाय शालिनी में भी तुम्हे कॉल करने वाली थी ,हम अपने सभी जिम आने वाले सदस्य के हित तो ध्यान में रखते हुए ये डिसाइड किया है की हम हररोज आपको आपके हिसाब से घर पर हो सके ऐसी कसरत का वीडियो भेजेंगे जिस से आपकी ट्रेनिग चालू रहे और मेने सुना था की आपको अपनी कमर की चर्बी कम करनी है तो आपको तैलवाला खाना कम करना होगा और आप सायद पहले मॉडल रही थी तो आपको डांस भी आता हो तो वो भी करना चाहिए जिसमे कमर का इस्तेमाल ज्यादा हो वैसा डांस बेहतर रहेगा जैसे की बैली डांस या आइटम सॉन्ग्स में होता है ऐसा
शालिनी : थैंक यू सो मच मैम,आपकी वजह से मेरी ट्रेनिंग चालू रहेगी, ये ट्रेनिग मेरे लिए बहुत जरूरी है,ok bye
फोन में बात करके वो चाचाजी के पास आती है
चाचाजी : क्या हुआ बेटी?
शालिनी : मेने डॉक्टर से बात की वो तो नही आयेंगे लेकिन मालिश और पट्टी कैसे करनी वो फोन में वीडियो भेजेंगे और जिम वाले भी हररोज वीडियो भेजेंगे और डांस करने को बोला है
थोड़ी देर बाद शालिनी के ससुर का फोन आता है वो सब खैरियत पूछते है शहर के हालात के बारे में पता चलता है इस लिए उसे बहुत चिंता हो रही थी लेकिन अपने दोस्त और बहु से बात करके वो चैन की सांस लेते है और शालिनी को चाचा का ध्यान रखना बोलते है
शालिनी घर का काम करके दोपहर का खाना बनाती है सब लोग बेड पर ही खाते है खाना खाकर सब बर्तन धोकर वो अपने रूम मे आती है तो चाचा नील के साथ खेल रहे थे,वो चाचा को दवाई देती है और खुद भी दवाई पीती है फिर वो चाचा की और पीठ करके नील को अपने गोरे गोरे और दूध से भरे स्तन से जो अब अपने ब्लाउज रूपी पिंजरे में समा नही रहे थे इसमें दूध भर जाने के वजह से ब्लाउज टाइट हो रहा था इस लिए कहीं न कही शालिनी भी थोड़ी देर इसे दूध पिलाने की आड़ में इसे खोलकर आजाद करके सुकून पाना चाहती है,वो ब्लाउज के दो हुक खोल के ब्रा को उठाके अपने प्यारे बच्चे को अपने स्तन से लगाकर उसकी भूख मिटाने लगती है नील के निप्पल चूसने की वजह से कई बार चप चप की आवाज होती है ,शालिनी को इसकी परवाह नही थी वो तो बस अपने खाली हो रहे स्तन से संतुष्ट हो रही थी चाचा शालिनी की और पीठ करके सो रहे थे और नील की चप चप की आवाज सुन रहे थे थोड़ी देर बाद वो सो जाते है शालिनी भी नील को दूध पिलाकर उसे सुला देती है, आज उसे दंगे फसाद के बारे में सोचकर नींद नहीं आती वो मोबाइल में देखती है तो उसके डॉक्टर और जिम ट्रेनर ने जो वीडियो भेजी वो देखती है
पहले वो चाचा के पैर के मालिश की वीडियो देखती है ध्यान से देखकर वो याद कर लेती है
शाम के 4 बजे चाचा जागते है शालिनी बगल में बैठी हुई थी
चाचाजी : अरे बेटी तुम सोई नहीं?
शालिनी : नही चाचा आज वो शहर में जो हो रहा है उसीकी न्यूज देख रही थी और डॉक्टर ने आपके पैर की मालिश की वीडियो भेजी वो देख रही थी
चाचाजी : पहले तो तुम ये दंगे की खबरे देखना बंद करो ये तुम्हे तनाव में डाल देगी,इस से अच्छा ये सोचो ये तुम्हें तुम्हारी मनपसंद चीजे करने का समय मिला है ,अपने शोख पूरे करो जैसे कि किताबे पढ़ना, गाने सुनना,नाचना सीखना या नाच को और बेहतर बनाओ,नील के साथ समय बिताओ,जिस से तुम्हारा ध्यान दंगे की और से भटक जाएगा और तुम सकारात्मक बनोगी
शालिनी : वाह चाचा लगता ही नहीं के आप गांव में रहते होगे आप काफी मॉर्डन विचारो के है,में आपसे काफी कुछ सीख सकती हु।
चाचाजी : अरे ऐसा नहीं समय के साथ बदलना पड़ता है,ट्रेनर ने भी तुम्हे नाचने को कहा है तो क्यों न तुम नृत्य करके अपना शोख और अपनी कसरत दोनो पूरा करो,इस से मुझे भी अपने पुराने दिनों की याद ताजा होगी जब है गांव में रंगमंच के कार्यक्रम देखने जाते थे,वहा नाच गाना और नाटक होता जिसे देख के मुझे बहुत आनंद आता था ,और मुझे भी उसमे हिस्सा लेने की इच्छा थी पर वो इच्छा की इच्छा ही रह गई ,ये बात आज तक मेने किसी को नही बताई ना जाने क्यों पर तुम्हे बताने को मन हुआ
शालिनी : मुझे भी अपने कॉलेज के दिन फिर से जीने का मोका मिलेगा जब में भी कॉलेज के हर कार्यक्रम में भाग लेती थी जिस में में मॉडलिंग और डांस में हिस्सा लेती थी और हर बार प्राइस जीतती थी,लेकिन शादी के बाद सब बंध हो गया,ऐसा नहीं की नीरव ने मना किया पर टाइम ही नही बचता था फिर अपनी इसी दुनिया में खो गई,लेकिन अब थोड़ा बदलाव आया है तो अपने पुराने दिन जीने का मोका मिला है तो ये मोका में बिल्कुल नही गवाउगी।
शालिनी फिर चाचा के लिए चाय बनाती है बाद में सोसायटी में एक सब्जीवाला आया था तो वो 5–6 दिन की सब्जी एक साथ ले लेती है ,फिर रात को नीरव का कॉल आता है तब शालिनी सारी बाते बताती है ,की आज शहर में हालत खराब है और चाचाजी को सुबह चोट लगी है इस लिए वो हमारे रूम में ही आराम करेगे डॉक्टर ने उसे 2–3दिन का आराम करने को कहा हे। नीरव शालिनी को चाचा को फोन देने को कहता है ।
नीरव : हेलो चाचा कैसे हुआ ये सब,अब कैसी तबियत है?
चाचाजी : में बिल्कुल ठीक हु बेटा,कुछ नही जरा सा पैर फिसल गया था जल्दी ठीक हो जाएगा,और बेटी मेरा बहुत ध्यान रखती है इस लिए मुझे कोई परेशानी नहीं है,तुम कैसे हो?तुम्हारी नौकरी कैसी चल रही है?
नीरव : में भी मजे में हु ,और यहाँ सब बढ़िया है,शालिनी ने बताया ,की शहर के हालत खराब है,आप सब अपना ध्यान रखना,बेवजह बाहर मत निकलिएगा,घर पे रहना, में रोज फोन करता रहूंगा ,अपना ध्यान रखिएगा
चाचाजी : हा बेटा ये सब ठीक है लेकिन आज सुबह बेटी ने मुझे जो बताया उस से में थोड़ा दुविधा में हु की में क्या करू ?
नीरव : क्यू क्या बताया आपको?
चाचाजी : यही की में आप लोगो के कमरे में सोने आ जाऊ?
नीरव : हा ये बात हुई थी मेरी और शालिनी के बीच ,नील के वजह से आप को जो असुविधा और ठीक से आराम और नींद नहीं हो रहा इस लिए ये सुझाव दिया था,इस से आपको ज्यादा से ज्यादा आराम और नींद मिले बस इस लिए
चाचाजी : हा पर लेकिन....
नीरव : लेकिन वेकिन कुछ नही आप को उधर ही सोना पड़ेगा ,आप हमारे लिए बहुत तकलीफ सह चुके और अब नही ,हमारा भी फर्ज है की आपका ध्यान रखा जाए
चाचाजी : लेकिन में ये बात से सहमत नही
नीरव : ठीक है लेकिन जब तक आपके पैर की चोट ठीक ना हो जाए तब तक आप उसी कमरे में रहे उसके बाद अगर आपको असहजता लगे तो फिर आपकी मर्जी हमे मंजूर होगी
चाचाजी : ठीक है ,ये लो शालिनी बहु से बात करो
शालिनी : हा बोलिए नीरव
नीरव : सुनो मेने चाचाजी से रूम में रहने की बात की है ,पैर की चोट है तब तक वहा रहेंगे बाद में अगर उसका मन हुआ तो वो अपने रूम में जाएंगे,तो जब तक वो ठीक नही होते तब तक उसकी पूरी सेवा करना उसे कोई तकलीफ न हो ,इस वजह से तुम्हे थोड़ी तकलीफ हो तो सह लेना ,प्लीज, ok darling bye,take care, love you ,miss you, Bye
शालिनी : आपने बोला ऐसा ही होगा ok आप भी अपना ध्यान रखना ,love you too miss you too ,take care ,bye
शालिनी फिर रात का खाना बनाती है,और चाचा का डिनर वो बेड पर लाती है, दोनो डिनर करके घर का सारा काम निपटा के बेडरूम में आती है ,इधर चाचा नील के साथ खेल रहे थे,
शालिनी : लाइए चाचाजी ,नील को खाना खिला देती हु,
ऐसा बोलके वो चाचा की और पीठ करके बैठ जाति है और गोदी में नील को लेकर अपने दाएं वाला स्तन का दूध उसे पिलाती है, उस की चप चप की आवाज होती है वो रूम में निर्दोषता के साथ साथ कामुक माहोल बना रहा था, पूरा दूध खाली करके उसे अपना बायां स्तन उसे परोसती है जिसे उसका बच्चा पूरे चाव के साथ चूसकर खाली कर रहा था,चाचाजी को भी पूरा दिन सो सो कर नींद नहीं आ रही थी ,शालिनी नील को दूध पिलाकर अपना ब्रा ब्लाउज और पल्लू सही करके वो सारी पहन कर ही सोने लगी,वैसे तो आम तौर पर वो पूरी साड़ी में नही सोती लेकिन आज चाचा बाजू में इस लिए शर्म के मारे सोना पड़ेगा,
शालिनी : (मन में) चाचा ने हमारी खातिर काफी बहुत तकलीफ सहन करी है तो में क्या इतना नही कर सकती क्या?
ऐसा सोच के वो लाइट ऑफ करके नाइट लेम्प चालू करके नील और चाचा के बीच में सो गई,चाचा भी थोड़ी देर बाद सो जाते है
आधी रात के करीब चाचा के हाथ पैर नींद में घुमाने का चालू हो जाता है उसका एक पैर शालिनी के पैर पर चला जाता है,शालिनी की नींद खुल जाति है पर पैर हटाके चाचा की नींद खराब करना नही चाहती ,वो वैसे ही सोई हुई रहती है ,

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फिर उसे भी नींद आ जाति है,थोड़ी देर बाद चाचा की भी नींद खुलती है ,वो देखते है की उसका एक पैर शालिनी के ऊपर है वो तुरत अपना पैर हटा लेते है,वो देखते है उसके बाजू में एक खूबसूरत गोरी और मासूम स्त्री सोई हुई है जिसके बाल नींद में बिखरे हुए है ,उसका कमर का भाग भी दिख रहा था जो एकदम चिकना था जो किसी को भी हाथ से उसे छूने के लिए के लिए मजबूर कर दे,और उसकी सारी भी थोड़ी ऊंची उठ गई थी जो उसके गोरे गोरे चिकने पैरो की नुमाइश कर रही थी,

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चाचा भी कुछ मिनिट के लिए शालिनी के ये यौवन से भरे उसके जिस्म को एकटक देख रहे थे ,अभी तो नाइट लेम्प की रोशनी में इतना गोरा दिख रहा है तो दिन के उजाले में तो बिजली गिरते होगे,कोई नही कह सकता की ये एक बेटे की मां होगी
फिर अचानक से चाचा होश में आते है,ये में क्या कर रहा हु,ये मेरे दोस्त के बेटे की पत्नी है ,मेरे बहु जैसी है,में ऐसा नहीं सोच सकता फिर वो पानी पीके सो जाते है,1 घंटे बाद नील रोने लगा जिस से दोनो जाग जाते है शालिनी उसे दुलारती है लेकिन वो शांत नही होता फिर चाचा उसे अपने गोदी में लेके दुलारते है तो थोड़ी देर में शांत हो जाता है फिर वो उसे शालिनी को सोपते है,जैसे ही वो शालिनी की गोदी में आता है तो नील शालिनी के स्तन पर हाथ मरने लगता है और अपना सिर भी दबाता है,
चाचाजी : लगता है उसे भूख लगी है उसे दूध पिला दो
शालिनी चाचा की और पीठ करके सोती है और नील को बगल में सुला के अपने ब्लाउज के हुक खोल के उसे दूध पिलाने लगती है,अंधेरा होने के कारण वो सारे हुक खोल देती है जिस से उसके दूध से भरे स्तनों को आजादी और शालिनी को सुकून मिलता है नील उसे चप चप करके पीने लगता है,शालिनी इसी हाल में चाचा से बात करती है
शालिनी : चाचाजी सो गए क्या आप ?
चाचाजी : नही बस नींद आ रही है थोड़ी देर में शायद नींद आ जायेगी
शालिनी : देखा चाचा आप यहां सो रहे है तो कितना जल्दी हुआ ,नील को भी शांति मिली और आपका भी समय बच गया वरना आधा– पोना घंटा जाता
चाचाजी : हा ये बात सही है ,पर मेरी वजह से तुम्हे परेशानी हो रही है उसका क्या?
शालिनी : कैसी तकलीफ?
चाचाजी : रात में मेरी नींद खुली तो देखा कि मेरा एक पैर तुम्हारे पैर के ऊपर था
शालिनी : वो तो नींद में चला गया होगा ,मुझे पत्ता भी नही ,(मन में...चाचा कितने अच्छे आदमी है उसका पैर मेरे ऊपर था वो बात मुझसे छुपा सकते थे लेकिन उसने मुझे सच बता दिया )
चाचाजी : बेटा मुझे माफ करना ,आगे से ध्यान रखूंगा ,वो नींद में ऐसा हो जाता है मुझे खुद नहीं पता होता
शालिनी : कोई बात नही चाचाजी , होता है कभी कभी,
फिर शालिनी देखती है नील सो गया है फिर वो ब्लाउज के हुक बंद करके सो जाति है,
सुबह को वो उठती है तो देखती है चाचा का एक पैर उसके ऊपर था,वो पैर को धीरे से हटा के बेड से उतरकर अपनी साड़ी सही करती है और जिम वाले कपड़े निकाल कर बाथरूम में जाति है वहा कपड़े बदल कर जिम वाले ने जो वीडियो भेजा होता है वैसे कसरत करती है और थोड़ा बहुत एरोबिक्स करती है,

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आखिर में प्राणायाम करने बैठ जाति है जब वो आंख बंध करके ध्यान करती हैं तब तक चाचाजी उठ जाते है ,वो देखते है शालिनी बगल में नही है फिर वो बाथरूम जाने के लिए खड़े होने लगते है ,कल के मुकाबले दर्द कम था लेकिन ठीक से चल नही सकते,फिर भी वो लंगड़ाते लंगड़ाते चलके बाथरूम जाकर आते है तभी बाथरूम के बाहर आते ही लड़खड़ाते है और गिर जाते है ,जिस से शालिनी का ध्यान छोड़ के देखती है चाचा गिर गए है वो तुरत उठ के उसके पास जाकर उसे खड़ा करती है चाचा का एक हाथ उसके कंधे पर रख के उसे सहारा देती हुई उसे बेड पे सुला देती है
चाचा का ध्यान शालिनी के ऊपर जाता है तो वो देखते है जिम के ड्रेस में शालिनी के सभी उभार साफ दिखाई दे रहे है सिर से शुरू करे तो पोनी बंधे हुए बाल और स्लीवलेस टीशर्ट जो काफी हद तक स्पोर्ट ब्रा जैसा था,जिस में उसके दूध से भरे स्तनों के उभार साफ छलक रहे थे जिस से उसके दोनो स्तन आपस में सटे हुए थे और आकर्षक स्तनों के बीच दरार बना रहे थे जहा कोई भी फिसल कर गिरना चाहेगा,उसके नीचे उसका थोड़ा चर्बी वाली चिकनी कमर और गहरी गोल नाभी उसे और आकर्षक बना रही थी,नाभी के नीचे पहना हुआ एकदम तंग योगा पैन्ट जो शालिनी के मांसल जांघो को प्रदशित कर रहा था
शालिनी : चाचाजी आप को क्या जरूरत थी अकेले चलने की,डॉक्टर ने मना किया है,मुझे बुलाया होता तो में आती ना आपको सहारा देने,
चाचाजी : में उठा तब तुम नही दिखाई दी ,जब बाहर आया तो देखा तुम योग कर रही थी इस लिए तुम्हे खलेल ना पहुंचे इस वजह से तुम्हे आवाज नही दी,वैसे भी आज दर्द कम हो रहा है,
शालिनी : जो भी हो आपको मुझे आवाज देनी चाहिए थी,डॉक्टर ने मना किया है न चलने को फिर भी!अब से दो दिन तक मेरे बगैर एक कदम भी नही चलेंगे बता देती हु आपको ,वरना में गुस्सा हो जाऊंगी आपसे
चाचाजी : ठीक है बाबा जैसा तुम कहो, वैसा करगा बस।
शालिनी : आप आराम करो में नहाकर आती हु
ऐसा बोलके जब वो पलटकर अलमारी से अपने कपड़े लेने जाति है तो चाचा की नजर योगा पैन्ट में उभरे हुए शालिनी के गोलाकार नितम्बो पर ठहर जाती है जो उसके चलने से ऊपर नीचे हो रहे थे
शालिनी नहाकर आती है आज उसने लाल रंग की साड़ी,लाल ब्लाउज और उसके अंदर लाल ब्रा और लाल पैंटी और लाल घाघरा पहेना हुआ था,आज बाल धोने की वजह से गीले बाल को सुखाने के लिए खुल्ले रखे हुए थे ,वो टॉवेल से बाल को जटकते हुए रूम में आती है,

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चाचा देखते है की लाल रंगो से लिपटी हुई शालिनी बहुत सुंदर दिख रही थी , लाल साड़ी जो उसने नाभी से दो इंच नीचे पहनी हुई थी और कमर तक आते हुए उसके खुल्ले बाल जिसे वो आइने के सामने आकर बाल को आगे लेकर सही कर रही होती है तभी चाचा को ब्लाउज से बाहर निकली हुई ब्रा की एक पट्टी दिखाई देती है,शालिनी अपने बाल सही करके नाश्ता बनाने जाति है,और वो नाश्ता बेडरूम में लेके आती है ,नाश्ता करने के बाद ....
शालिनी : चाचाजी आज आप नहा लीजिए जिस से आपको फ्रेश महसूस होगा ,कल से आप नहाए नही है ना ,लेकिन इस बार आप अकेले नहीं चलेंगे,में आपको बाथरूम तक चलने में सहारा दुगी,दो बार आप अकेले गए आप दो बार गिर गए,अब में बिल्कुल खतरा नहीं ले सकती,
फिर वो चाचा को उसका हाथ अपने कंधे पर रखवाके,खुद एक हाथ चाचा के कंधे को पकड़कर सहारा देती हुई बाथरूम तक छोड़ आती है ,फिर चाचा का टॉवेल और कपड़े लाकर रख देती है,
शालिनी : आप तैयार हो जाए तो आवाज दे देना में आ जाऊंगी,
चाचाजी : बेटी तुम कितना कुछ कर रही हो मेरे लिए,तुम्हे मेरे वजह से कितनी तकलीफ सह रही हो,अब में अच्छे बच्चे की तरह तुम्हारी हर बात मानुगा।
खुद को अच्छा बच्चा की तरह बताने की बात सुनकर शालिनी की हसीं निकल जाति है,फिर वो किचन में काम करने चली जाति है,जब काम खतम होता है तभी चाचाजी उसे आवाज देते है ,वो उसे सहारा देकर अपने रुम में बेड पर बिठा देती है,तभी नील रोने लगता है फिर वो उसे उठाकर प्यार करती है उसे नहलाकर बेड पे लाके उसे कपड़े पहनाकर दूध पिलाने बैठ जाति है,दूध पिलाने के बाद उसे बेड पर रखकर वो अपनी और चाचा की दवाई लाती है,फिर दवाई पीके चाचाजी के पैर की मालिश करने लगती है,मालिश करके वो हॉल में आती है और गाना लगाकर डांस करके अपना शोख और कसरत को करने लगती है ,
1 घंटे बाद जब वो थक जाति है तब आराम से सोफा पर बैठ जाति है ,हाथ मुंह धोकर वो चाचा के पास आती है
चाचाजी : क्या बेटी पहले दिन ही 1 घंटे तक नाचना शुरू कर दिया,लेकिन में तुमसे नाराज हु ,तुमने मुझे अपना हुनर नही दिखाया,तूने अपना शोख पूरा कर लिया पर मेरी इच्छा के बारे में नही सोचा
शालिनी : आप क्या कह रहे है?
चाचाजी : तुमने अपना नाचने का शोख पूरा किया पर मेरा नाच गाना देखने का शोख अधूरा रह गया
शालिनी : आप ठीक हो जाए बाद में देख लेना में तो हररोज प्रेक्टिस करने वाली हु,इस बहाने मुझे भी दर्शक मिल जायेगा , जो मेरी तारीफ करके हौसला बढ़ाएगा ,या फिर आलोचना करके मेरे नृत्य में सुधार करवाएगा
चाचाजी : वो तो में देखने के बाद बताउगा
शालिनी नील को दूध पिलाने बैठ जाति है
दूध पिलाने के बाद चाचा से खाने के बारे मे पुछती है ,आज वो चाचा का मनपसंद खाना बनाती है ,बाद में खाना खाकर ,सब काम करके रूम में आती है ,पहले वो नील को सुला देती है बाद में वो चाचा के पैर को मालिश करती है,अपने कोमल हाथों का जादू चल जाता है अब चाचा काफी हद तक ठीक हो गए ,बाद में वो चाचा और नील के बीच सोने चली आती है
वो सो जाति है पर चाचा को नींद नही आती ,वो
बगल में सोई अप्सरा के काया के सौंदर्य का नयन सुख कब लेने लगे खुद तो पता नही चलता,ना ज्यादा मोटी न ज्यादा पतली,सांस लेने के कारण ऊपर नीचे हो रहे दुधारू स्तन मानो कोई दो पहाड़ी के बीच किसी नदी ने खाई बनाई हो वैसी उसके स्तन के बीच की खाई,उसके नीचे थोड़ा चर्बी वाला पेट जिसके बीच गहरी गोल नाभी जो उसके सौंदर्य को चार चांद लगाती है,और नीचे गोरी चिकने पैर जिसके तलवे एकदम लाल,

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थोड़ी देर बाद चाचा को होश होता है तब खुद को दोषी मानकर शालिनी की और पीठ करके सो जाते है,
शालिनी जब शाम को उठती है तब देखती है चाचा का एक पैर उसके ऊपर है वो उसे धीरे से हटाती है तभी चाचा जाग जाते वो फिर वो हड़बड़ी में पैर हटा लेते हैं,पर वो शालिनी से नजर नहीं मिला पा रहे,वो बस उसे माफी मागकर नीचे नजर करके बैठे रहते है,फिर पूरी रात तक वो शालिनी से आंखे नही मिला रहे थे और नाही उससे बात कर रहे थे ,बस हम्म और हा या ना में जवाब दे रहे थे,शालिनी ने ये बात नोटिस की रात को खाना खाते वक्त उसने चाचाजी से पूछा....
शालिनी : चाचाजी क्या हुआ ?मैं देख रही हु शाम से आप सही से बात नही कर रहे बाद चुपचाप बैठे हो,मेरे से कुछ गलती हुई है क्या?
चाचाजी : अरे नही नही बेटी तुमसे कुछ गलती नही हुई , वैसी कुछ बात नही है बस....
शालिनी : बस क्या चाचाजी? जो भी है वो साफ साफ कह दीजिए
चाचाजी : वो बेटी शाम को जब उठे तब मेरा पांव तुम्हारे ऊपर था ,ऐसा दूसरी बार हुआ है,बस यही बात मुझे परेशान कर रही है ,मेरी वजह से तुम्हे असहज महसूस हो रहा होगा ,लेकिन ये सब नींद में हो जाता है,
शालिनी : अरे यही बात थी? मुझे पहले से पता था कि नींद में आप के हाथ पैर चलते है ,फिर भी मेने आप का यहां सोना स्वीकार किया था,में ये बात के लिए पहले से ही तैयार थी,आप उस बात से ज्यादा परेशान मत हो,काफी लोगो से नींद में हो जाता है कभी कभी,आप उस बात का शिकवा ना रखे।
चाचाजी : ठीक है बेटा ,तुम्हारी बातों से मेरे मन का पश्चाताप कम हुआ है,फिर भी थोड़ा मन में रहेगा
तभी नीरव का फोन आता है वो सब का हाल चाल पूछता है , चाचा से बात चीत कर के शालिनी उस से बात करने के लिए हॉल में आती है
शालिनी : हेलो नीरव ! मुझे तुमसे कुछ बात करनी है,
नीरव : हा बोलो,
शालिनी : तुम्हे तो पता है की नींद में चाचा के हाथ पाव चलते है,
नीरव : हा पत्ता है.
शालिनी : हुआ ये की आज शाम को जब हम सो कर उठे तो देखा कि चाचा का एक पैर मेरे पैर के ऊपर था ,कल रात को भी ऐसा हुआ था,जिस की वजह से चाचा अपने आप को कोस रहे है ,मन ही मन में घुट रहे है,आज शाम से न ही वो मेरे से ठीक से बात करते है ,ना ही मुझसे नजरे मिला रहे है,बस गुम सूम बैठे रहते है,कुछ भी पूछो तो हा या ना में जवाब देते है फिर चुप हो जाते है
नीरव : ओह.....ऐसा सब हो गया ,एक तो चाचा इधर हमारे यहां अपने गम को भूलने को आए है लेकिन हमारी वजह से उसे और चिंता बढ़ गई,कुछ भी करके उसे इस ग्लानि से बाहर निकाल ना होगा,उसने हमारे दुख के समय हमे साथ दिया था ,हमे भी उसे अपनापन महसूस करवाके उसे खुश करना होगा ,शालिनी माफ करना इस सब की वजह से तुम्हे तकलीफ हो रही होगी,पर चाचा ने जो हमारे लिए किया वो कोई नही करता ,आज में जो भी हु उन्हों की वजह से हु ,वो मेरे पिताजी की तरह ही है,तुम उसे पिताजी की तरह ही रखना ,उन्हों की वजह से थोड़ी तकलीफ हो वो मेरे खातिर सह लेना,
शालिनी : ये भी कोई कहेने की बात है मुझे कोई तकलीफ नहीं है बस चाचाजी खुश रहे ताकि जल्दी से ठीक हो जाए,
नीरव : तुम चाचा के साथ बात चीत करती रहना ,उसके साथ थोड़ा फ्रेंडली रहना जिस से उसे तुम्हारे साथ ऑकवर्ड ना लगे ,बाकी तुम्हे जो सही लगे वो करना,
शालिनी : ठीक है एक उपाय है अगर वो काम कर जाए तो बात बन सकती है,कल चाचा ने मुझे बतलाया था की उसे डांस और नाटक पसंद है,तो अभी कर्फ्यू है तो घर में बोर हो जाते है तो में डांस करके उसे खुश करने का प्रयास करुगी,इस से मेरा भी शोख पूरा हो जायेगा
नीरव : ये उपाय सही है,जिस से तुम्हारा और चाचा का काम हो जायेगा,तुम्हारा ये उपाय काम कर जाए बस । चलो अभी में चलता हु ,बाय,लव यू,ध्यान रखना और क्या हुआ वो बताती रहना
शालिनी : बाय, लव यू टू ,तुम भी अपना ख्याल रखना
रात को खाना खाकर सब काम निपटाकर शालिनी रूम में आकर नील को अपना दूध पिलाने लगती है,दूध पिलाने के बाद ब्लाउज के हुक बंद करके सो जाति है,चाचा भी सो चुके थे ,रात को नींद में पहले चाचा का एक पैर शालिनी के पैर के ऊपर चला जाता है,थोड़ी देर बाद चाचा का हाथ शालिनी के ऊपर चला जाता है ,शालिनी को भी उस वक्त नीरव और उसके बीच उस आखरी रात के सपने आ रहे थे ,इस लिए वो उसे नीरव का हाथ समझ कर सोई रहती है और दोनो के बीच हुई उस सभी पल को सपने में दोहरा रही थी,नींद में वो चाचा का हाथ के ऊपर अपना हाथ रख देती है,तभी नील रोने लगता है जिस से शालिनी और चाचा दोनो की नींद खुल जाति है,दोनो देखते है की चाचा का एक हाथ और एक पैर शालिनी के ऊपर था ,चाचा फटक से अपना हाथ और पैर हटा लेते है
शालिनी को भी सपने और हकीकत का अंतर पता चलता है की वो जो नीरव समझ कर हाथ पकड़े हुए थी वो हाथ चाचा का है,शालिनी फटाफट अपनी साड़ी को सही करके बैठ जाति है,नील को गोद में लेकर चुप कराने को प्रयत्न करती है पर वो हर बार की तरह रोता ही रहता है, फिर वो चाचा के हाथो में देती है,चाचा उसे गोदी में लेके सुला देते है,शालिनी को जब चाचा के हाथ का स्पर्श होता है तब उसे सब याद आ जाता है और वो सरमाकर नीचे देखने लगती है,चाचा के पास के नील को लेके अपने बगल में सुला देती है,तब चाचा उसे माफी मागते है,
चाचाजी : माफ करना बेटी,नींद में फिर से तुम्हारे ऊपर पैर चला गया और तो और इस बार हाथ भी चला गया ,मुझे माफ कर देना ,में बहुत ध्यान रखता हु फिर भी हाथ पैर चलने लगते है
शालिनी : आप माफी मत मागिए ,मेने आपसे शाम को भी बोला था की हो जाता हैं नींद में उस से अपने आप को दोषी मत मानिए ,अगर ये बार बार हुआ तो आप आपने आप को दोषी ठहराते रहेंगे जिस से आप और दुखी होगे और आप नकारात्मक होते चले जायेंगे जो आप की सहेत के लिए बहुत खराब होगा ,इस से अच्छा है की हम इस घटना को नॉर्मल समझे,आगे भी जब भी ऐसा हो तब मैं और आप उसे साहजिक और सामान्य समझे जिस से आप नकरतम्क नही होगे और आपकी तबियत भी नही बिगड़ेगी
चाचाजी : तुम कितना सहजता से बोल दिया लेकिन मेरे लिए ये उतना सहज नहीं है,
शालिनी : ठीक है अभी आप सो जाए हम सुबह बात करेगे
सुबह होती है तो शालिनी अंगड़ाई लेके जागती है तो देखती है उस के बगल में अपना फूल सा राजकुमार नील सो रहा है ,और दूसरी तरफ बुजुर्ग चाचाजी ।
शालिनी : (मन में....) चाचाजी अपने आप को मेरी वजह से दोषी समझ रहे है,मुझे उसको कुछ भी करके नॉर्मल महसूस करवाना होगा,हमे कोई भी चीज नॉर्मल कब लगती है? जब वो हमारे साथ बार बार हो,तो हम उस चीज के आदि हो जाते है ,जैसे मेने पहली बार चाचा के सामने नील को दूध पिलाया तब मुझे थोड़ा असहज लगा था ,लेकिन इस चीज को अब में और चाचा ने नॉर्मल मान लिया है,क्योंकि हर बार में नील को उसके सामने दूध पिलाने लगी हु,तो ना ही उसे अजीब लगता है और नाही मुझे,इस नींद वाले वाक्या को मुझे चाचा से नॉर्मल फील करवाना हैं,
फिर शालिनी नहाने चली जाती है ,आज वो मन में चल रही सोच की वजह से अपना टॉवल,ब्लाउज,घाघरा,अंडरवियर,सब लेके जाति है पर आज वो साड़ी ले जाना भूल जाती है ,नहाने के बाद जब वो अपने कपड़े पहनती है तब उसे याद आता है की वो साड़ी तो लाई ही नहीं,वो अपने लाल रंग के सभी कपड़े पहनती है और वो सिर्फ घाघरा और ब्लाउज पहनकर अपने रूम की और जाति है और मन में तो यही चल रहा था की काश चाचाजी जागे ना हो तो फटाफट साड़ी पहन लूंगी,ये कैसे हो गया रोज तो याद करके ले लेती हू,
रूम में आती है तो देखती है चाचा और नील सोए हुए है ,वो सुकून की सास लेती है और वो फटाफट अलमारी की और जाति है और अलमारी धीमे से खोलती है फिर भी थोड़ी आवाज हो जाति है उस आवाज से चाचा जाग जाते है और अपनी अधमुंदी आंखों से देखते है शालिनी लाल ब्लाउज और घाघरा पहने हुए अलमारी में से कपड़े निकाल रही है,लेकिन वो शालिनी को और शर्मिंदा नहीं करना चाहते थे इस लिए वो लेटे रहते है,और वो शालिनी को लाल रंग की साड़ी पहनते हुए देखते है,शालिनी भी पीछे मुड़कर देखती है कही चाचा नींद से जागे तो नही !वो साड़ी पहनकर किचन में जाकर नाश्ता बनाने में लग जाती है
चाचाजी शालिनी के जाने के थोड़ी देर बाद जागते है और शालिनी को धीमे से आवाज लगाते है ।
चाचाजी : शालिनी बेटा,जरा इधर आना ।
शालिनी : आई चाचाजी ,(रूम में आकर)बोलिए चाचाजी क्या चाहिए?
चाचाजी : वो मुझे बाथरूम तक जाना है ,इस लिए तुम्हे बुलाया ,अगर में अकेला चलके जाता तो तुम मुझे कल की तरह डांट देती ,लेकिन में अब अच्छे बच्चे की तरह तुम्हारी हर बात मानूंगा,में अब तुम्हारी मुश्किल और नही बढ़ाना चाहता
शालिनी : (हंसकर) हां ये आपने अच्छा किया जो मुझे बुला लिया,अब आप मेरी बात मानने लगे है ,ठीक है चलिए
शालिनी अपने साड़ी का पल्लू कमर से बांधकर चाचाजी को सहारा देती है चाचाजी अपना एक हाथ शालिनी के एक कंधे पर रखकर और शालिनी अपना एक हाथ चाचा के कंधे पर रखकर सहारा देती है और दोनो बाथरूम की और जाते है,
शालिनी (बाथरूम पहुंचकर )में आप के लिए टॉवल लेकर आती हू,
टॉवल चाचाजी को देकर दरवाजा बंद कर के किचन में आती है,और नाश्ता टेबल पर लगाती है,चाचाजी नहाकर सिर्फ टॉवल पहनकर बाहर आते है,शालिनी उसे देखकर उसे सहारा देकर बेड तक छोड़ आती है,
शालिनी : तैयार हो जाए फिर नाश्ता करते है साथ में
चाचाजी तैयार होकर दीवार के सहारे चलके आते है रूम के बाहर आते ही शालिनी उसे सहारा देकर खाने के टेबल तक लाके बैठा देती है,दोनो नाश्ता करते है उतने में नील उठ जाता है,शालिनी फिर उसे नहलाकर और तैयार करके उसे रूम में ही अपने दूध से भरे स्तनों से दूध पिलाती है,जिसे नील बड़े खुशी से पी रहा है,भूखा होने के कारण वो दोनो स्तन को खाली कर देता है,फिर नील को चाचाजी को सोपकर सारा काम निपटाकर आती है तो देखती है कि नील हॉल में चाचाजी के गोद में सो गया है,
शालिनी : ये कब सोया चाचाजी ?
चाचाजी : बस अभी 2 मिनट पहले ।
शालिनी : लाइए चाचाजी उसे रूम में जाके सुला देती हु,आवाज के कारण इसकी नींद बिगड़ जाएगी
चाचाजी: यहां कौन सी आवाज हो रही है,सब शांत ही है
शालिनि : हो नही रही पर होगी,मुझे अभी डांस करना है तो में गाना चलाने वाली हू।
चाचाजी : ठीक है तो तुम प्रैक्टिस करो में मुन्ने को लेकर रूम में जा रहा हु
शालिनी : नही चाचाजी आप यही रहिए ,में नील को सुलाकर आती हू,इतने दिनों से आप घर पर ही है,न आप कही बाहर गए है,घर पर रह कर आप बोर हो गए होगे तो थोड़ा नाचने गाने का आनंद लीजिए
चाचाजी : ऐसा कुछ नही है,अब इस उमर में क्या आनंद करना ,अब तो जो मिल रहा है उसमे खुश रहना
शालिनी : में कुछ नही जानती ,आपने ही कहा था आपको नाच गान का शौक था,तो अभी जीवन में आप के शौक पूरे हो रहे है तो आनंद करिए ,और आपने ही कहा था कि आप मेरी हर बात एक अच्छे बच्चे की तरह मानेंगे,तो अभी में कह रही हू में जो गाना लगाऊं वो आप देखिए और सुनिए
चाचाजी : ठीक है में तुम्हारी बात मानुगा,बहुत दिनों बाद कोई प्यार से डाटने वाला मिला है तो उसकी हर आज्ञा माननी पड़ेगी,
चाचाजी : ठीक है तुम नील को सुलाके आओ,लेकिन में तुम्हारा डांस देखूंगा क्योंकि मुझे मंच पर नाच देखने की आदत है,
शालिनी : आप को टीवी और मेरा दोनो डांस को देखना पड़ेगा जिस से में कहा गलती करू वो पता चले
चाचाजी : ठीक है ,
शालिनी टीवी में गाना लगती है और वो उसी गाने के स्टेप को उसी अभिनेत्री के जैसा करने की कोशिश करती है,चाचाजी कभी टीवी को देखते तो कभी शालिनी के नृत्य को । वो शालिनी का नृत्य देखकर हैरान और खुश हुए क्योंकि शालिनी बिलकुल अभिनेत्री के जैसा और कोई कोई स्टेप तो अभिनेत्री से भी अच्छा कर रही थी,शालिनी के शरीर के लचक को देखकर चाचा टीवी में देखना ही भूल गए वो सिर्फ शालिनी के नृत्य को देख रहे थे,वो शालिनी के कमर का मटकना

Dance-1

Damce Dance
,वो उसके पैरो को थिरकन,वो उसके हाथो की अंगड़ाई,वो उसके चहेरे और आंखों के हाव भाव। एकदम किसी प्रखर नृत्यांगना के जैसा ,चाचा बस मूक दर्शक बनकर बैठे रहे ,काफी देर थककर शालिनी चाचा के बाजू में आकर बैठ जाती है,
चाचा देखते है कि शालिनी के पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ है,उसके हाथ–चहेरा ,कमर–पीठ ,गले और स्तन के बीच का पूरा भाग पसीने से भीगा हुआ था,शालिनी सारी के पल्लू से पोंछ रही थी,पसीने से भीगी हुई शालिनी और भी खूबसूरत लग रही थी,चाचा बस उसे देखते ही रहे देखते ही रहे.......
 
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