KABUL HE :- 16
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अर्जुन चुमकी दीदी को लेकर एक आछे रेस्टुरेंट के अंदर जाने लगा.. गाड़ी से उतरते ही अर्जुन खुसी से चुमकी दीदी के कंधे पर हाथ रख कर रेस्टुरेंट के अंदर जाने लगा..
अर्जुन आज सबसे ज्यादा खुश नजर आ रहा था.. क्यों कि चुमकी दीदी जैसी सुंदर लेडीज़ अर्जुन का सगी बड़ी बेहेन निकली..
एहि सोच कर अर्जुन उपर वाले को दिल से धन्यवाद दे रहा था..
हमारी चुमकी दीदी भले ही बन्दना दीदी की तरह हेल्थी नहीं थी.. पर थी कमाल की..
कचुमकी दीदी कि सरीर खूब अक्ट्रेटिव है. समान सही जगह पर ज़रूरत से ज्यादा थी..मतलब चूची ओर गाँड़ बन्दना दीदी की तरह थी.. रूप रंग तो आपनी माँ रूपा और बेहेन बन्दना दीदी की तरह है..
गले मे मंगल सूत्र , माथे पर लाल सिंदूर की बिंदी , हाथो में सुहागन की चूड़ी.. कोई भी देखेगी तो नई नबेली सादी सुदा सुहागन ही समझेगी..
अर्जुन कभी सपनो में नहीं सोच सकता कि उसकी बिछड़ी हुई परिवार इतनी आसानी से अर्जुन को मिल जाएगा..
चुमकी की सकल ओर अर्जुन की सकल काफी मिलती जुलती थी.. उसी हिसाब से अर्जुन के दिमाग पर कोई भी सक की गुंजाइश नहीं था...
अर्जुन चुमकी दीदी को लेकर एक टेबल के पास चला गेया..एक लेडी वेटर आ कर अर्जुन को..
लेडी वेटर - सर् , ये पब्लिक प्लेस के टेबल है..यहां आप लोगो केलिये ये टेबल नहीं है.. हमारे रेस्टूरेंट पर आप जैसे कपल के जोड़ी केलिये पर्सनल रूम है..
अर्जुन हस के - नहीं नहीं हम इधर कंफेटबले है..
लेडी वेटर - सर् , आपको दोनो कपल को देख कर पाता चलता है.. आप दोनों रीसेंट सादी किया है.. ऐसे कपल केलिये हम पर्सनल सेवा करते है.. प्लीज़ मेरे पीछे पीछे आइए..
लेडी वेटर जाने के बाद चुमकी ने हास के - देख तू मुझे दीदी से गर्ल फ्रेंड बना कर लाया था.. पर यहां के सिचुएसन ने मुझे तेरी दीदी से बीबी बना दिया..
अर्जुन गुशे में - चुप कर.. तू सिर्फ मेरी लाड़ली बेहेन है..
लेडी वेटर ने अर्जुन और चुमकी को लेकर एक बड़ा सा रूम के अंदर छोड़ दिया.. जिसमे ढेर सारे कपल भरे हुए थे..
अंदर सभी टेबल पर सादी के जोड़े एक दूसरे से रोमांस कर रहे थे...सारे कपल के रोमांस देख के अर्जुन सरम से सर नीचे कर दिया ..
चुमकी भी ज़रूरत से ज्यादा सरम से पानी पानी ही चुकी थी..
जैसे तैसे करके दोनो खाना खाकर घर वापस लौटे.. फिर अर्जुन फाटक से प्रितपाल अनामिका के चोदने केलिये अनामिका की घर की ओर आपने कार को घुमा लिया..
चुमकी आपनी बेड पर आपनी माँ रूपा की बातों को सोच रही थी.. " अगर तेरी सादी नही होती तो में करन को साथ तेरे शादी करवा देती "..." करन को देख कर में ओर तेरे पापा ने ..करन को बेटा मान चुके है "..
इधर अर्जुन फ़ोन करके अनामिका को आने का खबर दे चुका था..
जैसे ही अर्जुन अंदर घुसा वेसे ही अनामिका ने अर्जुन के हाथ से मोबाइल छीन कर लेगेयी ओर मोबाइल को swich off करदी..
प्लान के मुताबिक बन्दना ने अनामिका की सासु माँ बनकर बिस्तर के अन्दर मुँह ओढके सो चुकी थी..
अनामिका अर्जुन को लेकर दबे पेर बन्दना के पास आकर धीरे से..
अनामिका प्लान के मुताबिक अर्जुन के कान में धीरे से - करन , बूढ़ी सो चुकी है.. हमे बिना बात चीत , बिना आवाज़ से आज काम करना होगा.. बूढ़ी की नींद खूब कमज़ोर है..
अर्जुन भी धीरे से - बात क्यों करती हो.. कहीं बूढ़ी उठ गेई तो ?
अनामिका -तू चिंता मत कर.. अगर बूढ़ी उठ भी गेई तो कुछ समझ नहीं पाएगी.. मै लाइट बन्द कर दूंगी तो बूढ़ी को अंधेरे में कुछ नज़र नहीं आएगी..
अनामिका - फिलहाल बूढ़ी अभी नहीं उठेगी.. जब में घर के सारे लाइट ऑफ कर दूंगी.. तब बूढ़ी गर्मी के वाज़ा से उठ जाएगी.. इशिलिय लाइट ऑफ करना ज़रूरी है... लाइट बन्द होने के बाद कोई आवाज़ नहीं..
अर्जुन धीरे से - अगर चुदाई के वक़्त चुत की पच पच आवाज़ हुया तो ?
अनामिका धीरे से - वो भी नहीं होगी.. क्यों कि आज तुम्हे मेरी चुत खूब टाइट लगेगी.. तुम मेरे बेड पर चलो में लाइट ऑफ करके आती हूँ..
जैसे ही अर्जुन बेड के ऊपर बैठ गेया.. वेसे ही अनामिका ने घर की बिजली गुल करदी..
फाटक से बन्दना उठ कर अनामिका के पास चली गेई.. अनामिका अंधेरे में बन्दना को उसकी बेड तक लेकर अर्जुन को..
अनामिका - चुदाई के वक्त कोई भी आवाज़ नहीं ..वरना मेरी सासु माँ को सक हो जाएगी..
अनामिका बड़े साबधानी से बन्दना को अर्जुन के पास छोड़ कर दबे पेर बाहर आ गेई..
बन्दना कई बार अनामिका ओर अर्जुन चुदाई देख देख कर अर्जुन के चुदाई के स्टाइल को समझ चुकी थी.. इशिलिय बन्दना को मालूम थी कि अर्जुन सबसे पहले क्या करने वाला है..
बन्दना को सिर्फ एक बात की डर थी ..कहीं अर्जुन के खतरनाक लन्ड से बन्दना की मुँह से चीख ना निकल जाए..
बन्दना फाटक से अर्जुन को गले में अपनी दोनों हाथ रख कर अपनी मन में..
बन्दना आपनी अंदर आत्मा से - सायद करन को मेरे जीवन मे इंट्री होना ऊपर वाले का निर्देश है.. वरना में लाख कोशिश के बाद भी करन के आगोश में कैसे आ गेई.. सायद करन मेरा बचे का बाप ओर मेरा असली पति बन ने जा रहा है..
इतना सोच कर बन्दना आपने अंदर आत्मा के साथ समझौता कर चुकी थी..
बन्दना अर्जुन के खतरनाक लन्ड से डर रही थी... भले ही बन्दना कुवारी लड़की नहीं थी.. फिर भी अर्जुन के मोटे ओर लम्बे लन्ड से डर रही थी..
इशिलिये तो बन्दना ने दर्द ना होने की दबाई खा चुकी थी ओर साथ साथ सेक्स की वायग्रा टेबलेट भी खा चुकी थी..
उतना ही नहीं..बन्दना ने आपने पास एक छोटी सी कपड़ा यानी एक रुमाल भी रखी थी.. कहीं अगर मुँह से चीख निकल गेई .अगर करन को सचाई का पता चल गेया तो.. इसी प्रॉब्लम को सुलझाने केलिये बन्दना ने पेहेले रूमाल एक रुमाल पास में रखी थी.. ताकि चुदाई के वक़्त अगर मुँह से चीख निकल ने से पहले रुमाल को अपनी मुँह के अंदर घुसा लेगी..
जैसे ही बन्दना अर्जुन के पास गेई .वेसे ही अर्जुन ने बन्दना को आपने बाहों में भर कर बन्दना की गोरी गोरी गाल को चूमने लगा..
एक अदबुद रोमांस बन्दना की तन बदन पर लहर की तरह फैल गेई.. ऐसा मादक अनुभव बन्दना को कभी एहसास नहीं हुआ था..
बन्दना सेक्स के नशे में आपने पति और अर्जुन के रोमांस को अपनी दिमाग से मेसुरमेन्ट करती हुई.. अर्जुन के रंग में रंगीन होने लगी...
अर्जुन रात के अंधेरे में बन्दना की चेहेरे कर सारे अंग की छूकर प्यार करने लगा..
बन्दना खूब चालक थी.. इशिलिय अनामिका की कान के झुमके की तरह आपनी कान में भी वेसे ही झुमका लगवा कर अर्जुन को गुमराह कर रही थी..
उतना ही नही ..अनामिका की सर के बाल के स्टाइल से आपनी सर की बाल को भी वेसे ही कंगी से सजा चुकी थी..
अर्जुन फाटक से बन्दना की रस मलाई होंठ को चूमने लगा..
अर्जुन के होंठ लगते ही बन्दना की तन बदन रिमझिम सी होने लगी..
बन्दना आपनी jeebn साथी खुद चुन कर सादी किया था.. बन्दना आपने पति के साथ कॉलेज सेलेकर सादी सुदा जिंदगी तक लाखो बार लिप् किस कर चुकी थी..
मगर आज or अभी जो अलग मज़ा बन्दना के शरीर को मिल रही थी.. सायद ये अदभुद रोमांस रूपेश आपनी पत्नी बन्दना को आज तक कभी एहसास नहीं दिलाया था..
जैसे खून खून को पहचानती है.. वेसे बन्दना की सरीर ने आपने खून के कतरे की परख चुकी थी..
आज एक बाप के अलग अलग कोख से निकले हुए भाई बहन की संगम होने जा रहा है..
किसको काबुल हो या ना हो.. पर इस वक़्त बिधि ओर समय को अर्जुन और बन्दना की प्यार काबुल हो चुकी थी .
कुदरत के अजीब कसमे कस से बन्दना की जमीन के अंदर आज पटेल खानदान का बिज गिरने तय हो चुका था..
रात के अंधेरे में अर्जुन ने आपनी बड़ी बेहेन बन्दना दीदी को अनामिका समझ कर ..बन्दना की सरीर से कपड़ा खोलने लगा..
बन्दना भी खुसी खुसी आपनी सरीर से एक एक कपड़ा उतरने दिया..
अब बन्दना सिर्फ चड़ि or ब्रा में अर्जुन के सामने खड़ी थी..
भले ही कमरे के अंदर घनघोर अंधेरा छा चुकी थी.. पर अर्जुन बिना रोमांस से अनामिका को चोदना सम्भब नहीं था .
अर्जुन फाटक से अनामीका समझ कर बन्दना दीदी को आपने बाहों में भर लिया..
अर्जुन आपनी अनामिका मैडम को एक पत्नी की तरह दर्ज़ा दे चुका था..
उसी रिस्ते को निभाने केलिये अर्जुन आपने फ़र्ज़ ओर धर्म को सामने रख कर बिना आवाज़ से बन्दना दिदी के आधी नंगी सरीर के साथ खड़े खड़े खेलने लगा..
आज चौहान खानदान के बुजुर्ग (पति और सांस) ने बन्दना को खुले आजाद दे चुके थे..
बन्दना के गले में रूपेश के नाम पर एक मंगल सूत्र की मोहर वाला लाइसेन्स लटक रही थी..
जिस लाइसेन्स को दिखा कर आज बन्दना ने अपने सौतेला भाई के बचे की माँ बनने को जा रही थी..
आज बन्दना आपनी संस्कार मान मर्यादा , रूपेश का पबित्र बंधन को तोड़ कर.. एक नई इतिहास रचने जा रही है.. बन्दना सब कुछ भूल कर करन खुरबुला यानी राज शेखर के बेटे अर्जुन पटेल की नाज़ायज़ पत्नी बन कर पटेल खानदान की बचे को अपनी गर्भ में रखने केलिये ..आपने भाई अर्जुन के साथ चुदवाने जा रही है..
अर्जुन के मज़बूती हाथो से बन्दना आपनी कड़क चूची को मसल रही थी..
जैसे ही अर्जुन का मर्दाना हाथ बन्दना की नंगी चुकी के उपर संघर्ष हुआ..
वेसे ही बन्दना की अंदर आत्मा को एक मिठास दर्द एहसास हुई...
रात के अंधेरे में अर्जुन एक एक कपड़े खोल कर बन्दना को मदर जात नंगी कर चुका था..
अर्जुन आपने हाथ घुमा घुमा कर बन्दना की कड़क चूची के चारो बाज़ू जायज़ा करते हुए सोचने लगा..
अर्जुन आपने मन से - अनामिका मेरे लिए कहाँ कहाँ से नई नई दबाई खोज खोज कर आपनी चूची को स्ट्रांग कर रही है..
इतना सोचने के बाद अर्जुन अहिस्ता अहिस्ता बन्दना की चूची के दोनों निप्पल को हल्के हल्के सेहेलाने लगा..
आपनी दोनो निप्पल पर अर्जुन के उंगली के जादू पड़ते ही बन्दना की चुत के अंदर खलबली होने लगी.. बन्दना की छोटी छोटी निप्पल कड़क होने लगी..
अर्जुन आपने दिमाग से - बाऊ.. मेरी जान अनु ने फिर से वही वाली निपल बना दिया.. पगली क्यों नहीं समझ रही है ..अगर निप्पल बड़ी नहीं होगी तो बचा दूध कैसे पियेगा ? अब मुझे कुछ करना पड़ेगा..
इतना सोचते ही अर्जुन ने आपने मुँह को बन्दना की एक निप्पल पर रख कर चुसने लगा.. ओर साथ साथ दुशरी निप्पल को आपनी उंगली से रगड़ने लगा..
अर्जुन का ऐसे अदभुद रोमांस से बन्दना की काम वासना भड़क चुकी थी..
अर्जुन जितने प्यार से बन्दना की चूची को रगड़ राहा था.. बन्दना की चुत उतनी बेचैनी से फाड् फाड़ा रही थी..
बन्दना के पति रुपेश चौहान नाम का पति था..चुदाई के मामले मे रूपस तो बिरजू खुरबुला से भी गेया गुज़रा था..
इस अंदाज से आप सोच सकते है बन्दना की चुत कितनी कसी हुई चुत होगी ?
अर्जुन अभी बन्दना की चेहेरे को तो कभी चूची को तो कभी कान की नोकीले भाग को चूम चुम कर बन्दना की तन बदन पर सोला भड़का चका था..
ऐसे अदभुद रोमांस करते करते अर्जुन का हाथ बन्दना की चुत के ऊपर आ गेया..
अर्जुन आपने मन मे - वाऊ.., आज सुबह सूरज किस दिशा में निकले थे.. जिस अनु को में काफी समय से चुत के बाल को साफ करने केलिये बोल बोल कर थक चुका था..आज वही अनु बीना बताये चुत के सारे बाल साफ करदी.. बोल रही थी कि ..ये चुत के झाँटे ननंद बलवंत के बेहद पसंद है.. पर आज अनामिका के दिल पर मेरा राज़ कैसा ? सायद ये राज़ चोपड़ा का दिल के बात को अनामीका ने दिल से स्वागत कर लिया है ..
इतना सोच कर अर्जुन ने उशी चुत के बिना बालो वाली एरिया पर उंगली फिराने लगा..
सच तो ये है.. नंदन बलवंत को झाँटे वाली चुत बेहद पसंद है.. भले ही नंदन अनामिका को खुस नहीं कर पाता ..पर अनामिका को सज़ा कर ज़रूर रखता था..
ठीक विपरीत रूपेश ओर बन्दना थे.. बन्दना आपनी चुत को हमेसा साफ सुतरी रखती थी.. रूपेश को भी चुत के उपर बाल पसंद नहीं था..
अर्जुन काफी देर तक बन्दना की मखमली चुत के बिना बालो वाली एरिया को चूमने लगा..
बन्दना आपनी मन मे - करन .. तुम्हारी इश प्यार के वाज़ा से में तुमसे दूर भाग रही थी.. कही रूपेश के बदले मुझे तुमसे प्यार ना हो जाये.. तुम्हे में कैसे बताऊं.. जब से तुम्हे में पेहेली बार कलेज के अंदर देखी है.. तब तुम्हारे चेहेरे ..मेरे दिल पर एक गेहरी छाप छोड़ कर जा चुका था.. ओर जब तुम्हारे लन्ड अनामिका को चोद राहा था.. तब भी तुम्हारे बिसाल लन्ड ने मेरी चुत को दीवानी बना दिया था... में नहीं चाहती थी कि में मेरी सुहागन धर्म पर कोई भी बाहर की हवा लगे.. पर समय के धार ने मुझे तुम्हारे लन्ड के धार को लेने लेकिये मजबूर कर रही है..
अर्जुन फाटक से बन्दना की छोटी सी चुत को आपने मुँह से लॉक कर दिया.
अर्जुन के जीव सीधा जा कर बन्दना की चुत के दाने पर टच होने लगा.. फिर क्या था ?
बन्दना फाटक से अर्जुन के सर को पीछे से ज़ोर से पकड़ लिया.. जैसे जैसे जीव चुत के दाने को छेड़ता राहा ..वेसे वेसे बन्दना की चुत के नमकीन रस बेहेने लगी..
कुछ ही देर कि बाद बन्दना की चुत पानी से लब लाबा गेई.. अब अर्जुन को नज़रो से अनामिका के मुह के अंदर लन्ड दाल कर .लन्ड को गिला करना था..
अर्जुन ने फाटक से अपना बिसाल लन्ड को अनामिका समझ कर बन्दना के मुँह के पास ले गेया..
बन्दना बहोत बार अर्जुन और अनामिका की चुदाई देख कर समझ चुकी थी थी अब लन्ड को क्या करना चाइये..
बन्दना आज तक कभी आपने पति रूपेश के लन्ड चूसी नहीं थी..बन्दना को लुंड चूसना अछि नहीं लगती थी.. पर अभी के परिस्तिति पर क्या किया जाए..
अनामिका ने तो लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूस चूस के बेहाल कर रही थी..ये नज़ारा खुद बन्दना ने देखी थी..
बन्दना अपनी मन मे अनामिका को गाली देती हुई - साली कुटिया को मर्द के लन्ड चुसने में क्या खुसी मिलती है.. साली मुझे भी इस घिन काम मे शामिल करदी..
इतना बोलकर बन्दना ने अर्जुन के बिसाल लन्ड को मुठी में कस ली.. लन्ड मुठी के कसते ही सुपडे के ऊपर चमड़ी पीछे सरक गेया..
अनामिका की स्टाइल से बन्दना भी अर्जुन के लन्ड को अपनी चेहरे के ऊपर रख कर अपनी मन मे अनामिका को गाली देने लगी..
बन्दना आपनी मन में - साली कुतिया छिनाल की हरकत की वाज़ा से मुझे भी ये सब करना पड़ता है..
सुपडे के चारो बाज़ू के बदबू सीधा बन्दना की नाक के अंदर दस्तक देने लगा..बन्दना तुरंत उल्टी करते करते रुकी..
बन्दना आपनी नाक को आपनी उंगली से दबा कर सुपडे को आपनी मुँह के अंदर भरली..
इधर अर्जुन आपने दोनो हाथो के उंगली से बन्दना की दोनो निप्पल को मसल राहा था..
बन्दना आपनी दिमाग से - अगर में लन्ड चुसने में कंजूसी की तो करन को सक हो जाएगा...मुझे भी साली कुतिया अनामिका की तरह लन्ड चूसना चाहिए..वरना करन..
इतना सोच कर बन्दना जी जान लगा कर अर्जुन के लन्ड को चुसने लगी..
लन्ड चूसते चूसते बन्दना को लन्ड चूसना अहिस्ता अहिस्ता अछि लगने लगी.. पता नहीं क्यों अर्जुन के सुपडे के बदबू अब बन्दना को अछि लग रही थी..
अचुअली अर्जुन के लन्ड के खुसबू ओर गर्मी ने बन्दना की दिमाग को हिला कर रख दिया था..
अर्जुन आपनी बड़ी बेहेन बन्दना दीदी को अनामिका समझ कर मुँह के अंदर लन्ड को अंदर बाहर करने लगा..
समाज के नज़रो से सेहर के इज़्ज़तदार आदमी यशवंत चोपड़ा की बड़ी बेटी आज किसी पराये मर्द की बिस्तर गरम कर रही थी..
रूपा चोपड़ा की नाज़ायज़ बड़ी बेटी आज ऊपर वाले के खेल से आपने सौतेला भाई अर्जुन पण्डित के मर्दाना रस से पूरा समाज के आंख से धूल देकर रूपेश चैहान को एक बारिस देने आयी थी..
बन्दना शेरनी की तरह अर्जुन के लन्ड को नोचती गेई.. बन्दना की थूक से लुंड पूरी तरह से गिला हो चुका था..
आ अब समय को बर्बाद करना उचित नहीं समझा.. जैसे ही अर्जुन लन्ड को बन्दना की मुँह से खिंचा..वेसे ही बन्दना आपनी मन में उदासी भारी सकल से..
बन्दना - लन्ड चूसने में इतनी मज़ा है..ये राज़ अब मुझे पता चली..अनामिका लन्ड चूस कर कोई गलती नहीं कर रही थी ..सच में करन के लन्ड में जादू है.. मुझे करन के लन्ड को ओर चूसना था.. पर ये करन के बचे लन्ड को क्यों निकाल दिया.... लगता है करन अब मेरी चुत को चोदने वाला है.. कहाँ गेई मेरी रुमाल..
बन्दना अंधेरे में ढूंढ ढूंढ कर रुमाल को आपनी मुँह में ठूस चुकी थी.. ताकि अर्जुन को उसकी चीख से कोई सक ना हो..
इधर अर्जुन लन्ड के सुपडे को बन्दना दीदी की छोटी सी चुत के दोनों ढकन के बीच रख कर ..बन्दना दीदी के ऊपर अपना पूरा वज़न डाल कर ..आपने मुह को बन्दना दीदी की मुँह के पास ले गेया..
अर्जुन को 2/2 चुत.. अनामिका ओर उतरा बाज़ी की खुली हुई चुत को फ़ास्ट टाइम फाड़ने के वक़्त याद आने लगा..
उतरा बाज़ी जब जंगल के बिरान में आपनी खुली हुई चुत को अर्जुन के लन्ड से पूरा फाड़ राहा था.. तब उतरा बाज़ी के खतरनाक आवाज़ से जंगल के सारे पंछी इधर उधर फररर फररर करके उड़ रहे थर..
अनामिका जब कलेज के लेब्रोटरी के अंदर आ के लन्ड से चुत को फाड़ रही थी तब अनामिका भी काफी दर्द भरी आवाज़ किया था.. अब वही अनामिका फिर से चुत को टाइट करके आयी थी..
अगर इस बार भी अनामिका चिल्लाई तो अनामिका की सासु माँ उठ जाएगी.. एहि सोच कर अर्जुन ने आपने मुह को अनामिका समझ कर बन्दना की मुँह से अपना मुँह जोड़ दिया..
अर्जुन ने महसूस किया अनामिका ओर उसके मुँह के बीच कोई कपड़ा फसा हुया था..
अर्जुन फाटक से उस कपड़ा को निकाल कर फाटक से अपना मुँह को बन्दना की मुँह से जोड़ कर ...एक खतरनाक प्रहार दिया..
अर्जुन के सिक्स पैक ताकत से बन्दना की बंद दरवाज़ा खुलने लगी.. लन्ड सीधा 5 इंच तक लन्ड आपना झंडा गाड़ गाड़ ने लगा..
बन्दना की खतरनाक चीख अर्जुन में मुँह के अंदर दब गेई थी.. पर बाज़ू वाले रूम पर सोई अनामिका को बन्दना की चीख क्लीयर सुनाई देने लगी..
अनामिका आपने मन में - लगता है करन आपने झंडा गाड़ दिया है..
इधर रात के अंधेरे में बन्दना की चुत से हालकी हालकी खून बेहकर बिस्तर को लाल करने में लगी हुई थी...
बन्दना आपनी सोच में - है भगवान ..में पेनकिलर खा कर भी इतनी दर्द ही रही है..अगर पेनकिलर नहीं खाई होती तो मेरी क्या हाल होती..
बन्दना दर्द से छट पटा रही थी.. पर अर्जुन अच्छे तरीके से लन्ड को एसे ही रख कर ..बन्दना की चेहेरे ओर चूची के साथ खेलने लगे..
कुछ मिनट के बाद जब अर्जुन को एहेसास हुया की अनामिका नर्माल हो गेई है तो अर्जुन ने उशी हिसाब से अहिस्ता अहिस्ता चुदाई करना सुरु करदिया...
ऐसी अदभुद प्रेम के प्यार से बन्दना की दर्द अहिस्ता अहिस्ता मज़े में बदलने लगा..
बन्दना की उंगली अहिस्ता अहिस्ता अर्जुन के पीठ को सेहेलाने लगी.. तब अर्जुन को लगा अब आखिर झटका दे देना चाहिए..
इतना सोच कर अर्जुन बिना सोचे समझे आपने सांस रोक कर पूरे ताकत से एक खतरनाक प्रहार दिया..
इस ख़तरनाक प्रहार से बन्दना की चूत की सारी दरवाज़ा खुलने लगी...बन्दना की सारी चीख को अर्जुन आपनी मुँह के अंदर कर लिया.. लेकिन बन्दना की आसूं
बन्दना की आसूं से साफ पता चलता था कि अब बन्दना सही तरीके के असली औरत बनी है..
9 इंच का लन्ड को बन्दना की चूत में घुसा कर आज बन्दना साबित कर चुकि थी कि बन्दना भी सुर्ज्यबनशी पटेल खानदान की औलाद है..
बन्दना दीदी की की मुँह से " माँ" की सब्द निकल गेई.. बन्दना आपनी माँ रूपा चोपड़ा को अपनी जुबान पर बुला रही थी..
पर होनी को कौन टाल सकता है.. अर्जुन का बिसाल लन्ड आपने मंजिल तक पहोंच चुका था..
अर्जुन के कान में दर्द भरी " माँ" की आवाज़ पड़ते ही अर्जुन फाटक से अनामिका समझ कर बन्दना दीदी की कड़क चूची को प्यार से हमला बोल दिया..
कभी left breast तो कभी right breast ..दोनो चूची को चूस चूस कर लाल टमाटर बनाने लगा....
अर्जुन ने बन्दनादीदी की कान से झुमके खोल कर नंगी कान को जीव से छेड़ छाड़ करने लगा..
अर्जुन के जीव के कमल ..जीव जब बन्दना की कान के अंदर घूमता था तब बन्दना की सरीर में 440 volt की करेंट फेल रही थी..
कुछ देर के बाद अर्जुन का मेहनत रंग लाने लगा..अब बन्दना की सरीर में सेक्स की गोली का असर सुरु हो चुकी थी..
बन्दना फिर से चुदाई में बेचैन होने लगी ..बन्दना फाटक से अर्जुन के चेहेरे को चूमते चूमते दांतो से हल्की हल्की काटने लगी..
फिर अर्जुन और बन्दना ने रोमांस भरे लिप किश का आनंद उठाने लगे.. कभी होंठ से होंठ तो कभी जीव से जीव के संगम से दो जिस्म भड़क ने लगे..
बन्दना रात के अंधेरे में अर्जुन को गुमराह करने की भरपूर कोशिश कर रही हैं..
अब अर्जुन अहिस्ता अहिस्ता चुदाई का प्रोग्राम सुरु कर दिया..
अर्जुन का तगड़ा 9 इंच के लन्ड पूरे अंदर से बाहर..फिर बाहर से अंदर होने से बन्दना को थोड़ी तकलीफ तो हो रही थी..pr इस दर्द के अंदर जो अदभुद आनंद बन्दना को मिल रही थी.. ये अदभुद मज़ा सिर्फ बन्दना ही महसूस कर रही थी
पर 2/3 मिनट के बाद जब अर्जुन का मोटा सुपडे का नोकीली भाग बन्दना की बच्चेदानी के पॉइंट पर बार बार ठोकर करने लगा..
तब बन्दना को ओर ज्यादा आनंद मिलने लगी..औरत जीवन की जो असली सुख ..वो अब बन्दना को मिल रही थी..
बन्दना इस खुसी की आलम को आपनी अंदर आत्मा से महसूश कर रही थी.. जैसे बन्दना सिर्फ आनंद की प्राप्त करने केलिये इस पापी संसार मे पैदा हुई है..
ये वो एहेसास थी जो किसी किताब या ज्ञान से नही ..बल्कि ये एहेसास सिर्फ वही जानती है.. जिशे संभोग के वक़्त ऐसी तृप्ति मिलती है..
अदभुद तृप्ति.. कई सालों से बिछड़े हुए 2 आत्मा की मिलन.. सही जगह सही मंजिल का की खोज.. ओर सही वक्त पर सही मंजिल पर पहोंच जाने से जो परम आनदं मिलती है...
आज वही आनंद बन्दना दीदी की चेहरे पर साफ झलक रही थी..
ये बो तृप्ति थी ..जिशे कभी बन्दना के पति रूपेश चौहान ने ..बन्दना को कभी नहीं दिया था..लन्ड के नोकीली हिसे ने ..बन्दना की बचेदानी के घर कि इमारत को आपने छेनी से खुद तैयार कर राहा था..
अर्जुन के 4 इंच मोटे सुपाडे ने बन्दना की 27 साल की कच्ची पक्की बच्चेदानी के घर को कुट कुट कर ज़रूरत से ज्यादा चौड़ा करने में लगा था..
ऐसी अदभुद कुटाई के बीचों बीच बन्दना ने आपनी ज्वालामुखी छोड़ दी..जिस से अर्जुन को लन्ड थोड़ा और राहत की सांस मिला..
अर्जुन का लन्ड अब तेज़ रफ़्तार पकड़ चुका था..बन्दना भी आपनी दोनो पेर को अर्जुन के कंधे के ऊपर चढ़ा कर फिर से उतेजित हो चुकी थी..
अर्जुन के ताबर तोड़ चुदाई से बन्दना बेचैन होकर चुदाई के आलम नसे में अनजाने में आपनी नाखून से अर्जुन के पीठ पर नाखून की निसान देती रही थी..
अर्जून आपने ताकत से लगातार बन्दना दीदी की चूत की रस को निचोड़ रहा था...
बन्दना बार बार आपनी बच्चेदानी के अंदर अर्जुन का मोटा सूपड़ा के हमले से स्वर्ग लोक का दर्सन कर रही थी...
पूरे 25 मिनेट के बाद अर्जुन का जोर जोर का झटके से..बन्दना समझ गेई की अब वो घड़ी आ चुकी है.. जिस को बन्दना काफी देर से इंतज़ार कर रही थी..
बन्दना आपनी कमर कस ली.. दोनो हाथो से अर्जुन के कमर को पकड़ ली.. अब अर्जुन एक चीख मारके लन्ड को पूरा जड़ तक घुसा कर
पटेल खानदान का बिज़्ज को चोपड़ा (पटेल)खानदान की बेटी के रस से मिलने लगा..
जैसे जैसे अर्जुन आपना पिचकारी मरता गेया..वेसे वेसे बन्दना की आँख ज़रूरत से ज्यादा चौड़ी होती गेई..
क्यों कि अर्जुन का बिज़्ज आग के तरह गरम था.. रूपेश चौहान के बिज़्ज से काफी गरम ..
एक के बाद एक एक पिचकारी से बन्दना कि बच्चेदानी के अंदर अर्जून का मर्दाना रस भरने लगा...
पेहेली गरम उसके बाद नरम मुलायम के एहेसास से बन्दना समझ चुकी थी कि ..करन के बिज़्ज के अंदर बहोत कुछ है..
एहो सब सोचसोच कर बन्दना हैरान हो रही थी कि ..अर्जुन के पिचकारी के साथ साथ उसकी चुत भी दुशरी बार झाड़ रहो थी...
रात के अंधेरे में अर्जुन मदरजात नंगा हो कर अनामिका समझ कर बन्दना को आपने बाहों में भर कर सोने लगा..
Sorry Bhai ,Saturday - KABUL HE (HINDI) right 9pm... update dedo bhai