होने वाली इस तरह की जांचों में संदिग्ध पाए जाने पर मरीज को क्वारंटाइन में रख दिया जाता है। इतने सालों बाद अपने देश वापस लौटने पर वो इस तरह का स्वागत नहीं चाहता था। उसने कस्टम ऑफिसर से ही पूछा। ‘‘डोंट वरी, सर।’’-ऑफिसर ने उसे तसल्ली दी-‘‘ये बस फॉर्मल जांच है। कोई मेडिकल जांच नहीं है। समझ लीजिए, एक तरह का सर्वे है। आप तो जानते ही हैं, कोरोना वायरस कितना खतरनाक साबित हो रहा है। ऐसे में हर लेवल पर सावधानी बरतनी पड़ रही है।’’ मोहित ने सहमति में सिर हिला दिया। मेडिकल जांच नहीं होने की बात से उसे राहत मिली। अगर मेडिकल जांच होती तो मामला लम्बा खिंच सकता था। कई यात्रियों के बाद उसका नम्बर भी आया। अंदर रूम में दो मेडिकल ऑफिसर टाइप लगने वाले लोग और एक कस्टम ऑफिसर मौजूद था। उन्होंने मोहित से उसकी पिछली चीन यात्रा के सम्बंध में ही सवाल किए। जैसे कि-वो किस काम के सिलसिले में चीन गया था? वहां कितने दिन रूका? कहां-कहां गया? और सबसे ज्यादा उनका जोर इसी बात पर रहा था कि वहां से लौटने के बाद उसे किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी तो नहीं हुई थी। अपने चीन प्रवास के दौरान या वहां से वापसी के बाद जुकाम वगैरह जैसे कोई सिम्पटम्स तो नहीं हुए थे। मोहित ने धैर्यपूर्वक उनके सभी सवालों के जवाब दिए, जिनसे वो संतुष्ट भी नजर आए। सबसे ज्यादा संतुष्ट वो लोग इसी बात से हुए कि अपने चीन प्रवास के दौरान मोहित मुख्यत: बीजिंग में ही रूका था। उसे किसी काम के सिलसिले में वुहान तो क्या किसी और शहर नहीं जाना पड़ा था। उसका कंपनी का काम सिर्फ और सिर्फ बीजिंग तक ही सीमित था और काम की व्यस्तता के कारण घूमने-फिरने में भी उसकी ज्यादा दिलचस्पी नहीं रही थी। मोहित को वो सब कुछ सचमुच एक फॉर्मेलिटी जैसा ही लगा। वैसे भी कोरोना वायरस के कारण जो हालात पैदा हो रहे थे, उन्हें देखते हुए तो अगर वो लोग उसे क्वारंटाइन भी कर देते तो भी शायद कोई बड़ी बात नहीं होती। इंस्पेक्शन से फुर्सत मिलने के बाद वो वापस बाहर वाले कमरे में पहुंचा, जहां अब एक ही कस्टम ऑफिसर मौजूद था। उसके अलावा एक बेहद खूबसूरत युवती थी, जो अपना डबल चैकिंग होकर आया हुआ सामान कलेक्ट कर रही थी। युवती का चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ लग रहा था। शायद वो भी बाकी यात्रियों की तरह ही उस जांच में एक्स्ट्रा टाइम लगने से नाराज थी। उसके बगल में ही एक हाथ से धकेली जाने वाली ट्रॉली में मोहित का सामान भी पड़ा था। मोहित उनके पास पहुंचा। ‘‘एनीवे’’-वो युवती कस्टम ऑफिसर से बोली-‘‘यू फॉरगॉट वन प्लेस टू चैक(तुम एक जगह चैक करना भूल गए)।’’ ‘‘व्हाट?’’-कस्टम ऑफिसर आश्चर्य से युवती से बोला। ‘‘माई ऐस।’’-युवती ने अपने दाहिने हाथ के बीच की उंगली खड़ी करके कस्टम ऑफिसर के चेहरे के सामने की, जैसे हवा में खंजर भोंक रही हो-‘‘कोरोना वायरस इज स्टक इन इट (मेरी...। कोरोना वायरस उसमें घुसा हुआ है।)’’ कस्टम ऑफिसर हक्का-बक्का सा उसे देखता रह गया। गुस्से से लाल चेहरा लिए युवती घूमी और बिना मोहित की ओर नजर डाले अपने सामान वाली ट्राली लेकर रूम से बाहर निकल गई। मोहित का मन जोर से ठहाका लगा कर हंसने का कर रहा था लेकिन कुछ पिछले दिनों की टेंशन और कुछ कस्टम ऑफिसर का लिहाज करके वो हंसा नहीं। उसने एक