ताई के उपर एक व्यन्ग
झुल्ती चुचियॉ को ब्लाउज मे कसा कर , ढीले कूल्हो पर साड़ियो को चढा कर (2)
वो मतवाली जवान परिंदो के पर फैला देती है ।
बाबू वो स्त्री है कुछ भी कर सकती है ।।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दोस्त
देखते है ये सफ़र कैसे और क्या रन्ग दिखाता है
ढलते शाम मे ये शहर जा रहे है तो गहरी रात के कुछ कारनामे तो होन्गे ही
बाप को भी हाल ही के हादसो मे ठरक कुछ बढ़ सा गया है और कर्मा अपनी क्रियाकलाप मे मगन है
देखते है ये गरम ढलती शाम किसका पारा ज्यादा उपर लेके आती है ।
FOR COMPLETING 400 PAGES STORY
KEEP ROCKING AND KEPP WRITING YOUR GOAL MODEL STORY .