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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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देशी बालक हैं ब्रो, यहाॅ जिगरे चलते है,
नही चलती कोई बकवास :nono:
ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास। :roll3:
 
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Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए
दीवाना समझ कर ही उन के होंटों पे मेरा नाम आ जाए

मैं ख़ुश हूँ अगर गुलशन के लिए कुछ लहू काम आ जाए
लेकिन मुझ को डर है इस गुल-चीं पे न इल्ज़ाम आ जाए

ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए
इक चाँद फलक पर निकला हो इक चाँद सर-ए-शाम आ जाए

मय-ख़ाना सलामत रह जाए इस की तो किसी को फ़िक्र नहीं
मय-ख़्वार हैं बस इस ख़्वाहिश में साक़ी पे कुछ इल्ज़ाम आ जाए

पीने का सलीका कुछ भी नहीं इस पर है ये ख़्वाहिश है रिंदों की
जिस जाम पे हक़ है साकी का हाथों में वही जाम आ जाए

इस वास्ते ख़ाक-ए-परवाना पर शमा बहाती है आँसू
मुमकिन है वफ़ा के क़िस्से में उस का भी कहीं नाम आ जाए

अफ़्साना मुकम्मल है लेकिन अफ़्साने का उनवाँ कुछ भी नहीं
ऐ मौत बस इतनी मोहलत दे उन का कोई पैग़ाम आ जाए
Aap ko erotica hi likhte dekha tha maine pr aap sher-o-shairy bhi karti hain or vo bhi itni khubsurat... Mai shock me hu... :applause: :applause: Superb mam...
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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किसी सूरत भी नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
कोई शय दिल को बहलाती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ

अकेला पा के मुझ को याद उन की आ तो जाती जै
मगर फिर लौट कर जाती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ

जो ख़्वाबों में मेरे आ कर तसल्ली मुझ को देती थी
वो-सूरत अब नज़र आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ

तुम्हीं तो हो शब-ए-ग़म में जो मेरा साथ देते हो
सितारों तुम को नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
Mind blowing superb mam... :applause: :applause:
 
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komaalrani

Well-Known Member
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Mind blowing superb mam... :applause: :applause:
Thanks sooooo much
 

komaalrani

Well-Known Member
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Aap ko erotica hi likhte dekha tha maine pr aap sher-o-shairy bhi karti hain or vo bhi itni khubsurat... Mai shock me hu... :applause: :applause: Superb mam...
Mere do threat poetry/shayri ke hain aur maine Bihari ke dohon ka bhi thread shuru kiya tha, ...thanks so much
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Mere do threat poetry/shayri ke hain aur maine Bihari ke dohon ka bhi thread shuru kiya tha, ...thanks so much
Erotica ki taraf Mai jata nhi hu isliye jyada jankari nhi vha ki or Aapko Kai thread pr comment karte padha hai usi se thoda Bahut jankari hui hai aapke visay me, ab pta Chal gya hai to aayenge aapke thread shayri me...
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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कभी मै रहके भी घर पर नहीं हूं ,
जहाँ मै हूँ, वहाँ अकसर नहीं हूँ ,
किसी को चोट मुझसे क्या लगेगी,
किसी की राह का पत्थर नहीं हूँ,
रहा फूलों की संगती में निरंतर,
बहारों का भले शायर नहीं हूँ,
तेरा दर खुला हैं मेरे लिए हमेशा,
ये क्या कम है कि बेघर नहीं हूँ ।।

राज. ❣️
 
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Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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कभी मै रहके भी घर पर नहीं हूं ,
जहाँ मै हूँ, वहाँ अकसर नहीं हूँ ,
किसी को चोट मुझसे क्या लगेगी,
किसी की राह का पत्थर नहीं हूँ,
रहा फूलों की संगती में निरंतर,
बहारों का भले शायर नहीं हूँ,
तेरा दर खुला हैं मेरे लिए हमेशा,
ये क्या कम है कि बेघर नहीं हूँ ।।
राज (के के़)
Wah! Bhai sandar :applause: :applause:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Wah! Bhai sandar :applause: :applause:
Thanks bro
 

komaalrani

Well-Known Member
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जिन्दगी कशमकशे-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम है इसी दर्द के अफसाने का।

(2)
जिस गम से दिल को राहत हो, उस गम का मुदावा क्या मानी?
जब फितरत तूफानी ठहरी, साहिल5 की तमन्ना क्या मानी?
 

Ashwathama

अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः 🕸
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नमस्कार
.
एक मित्र के.... अनुरोध तो नही कहूँगा, पर हाँ उनके मार्गदर्शन पे यहाँ आया हूँ ... Xabhi आभार आपका
.
मै क्या लिखूँ, यही सोच रहा था...
ज्ञात हुआ की हालातो से बेहतर गुरु कौन हो सकता है...
तब अपनी हालात ही लिख डाले...


तुम्हारे लिए, तुम्हारे कारण
अरमान धरे रह गए, सपने धरे रह गए ।
अपने ख्वाइश सारे , अपनो से मेरे,
अपनो के परे रह गए ।
अल्फ़ाज़ भी नही मेरे पास आजकल, की मै अपना आलम तुझे बता सकूँ ।
क्या दोष दूँ उन लम्हो को, जिसमे मेरे फरिश्ते ही...
मेरे सीने पे खंजर धरे रह गये ।।
अब जिस्म से जान....
जैसे साँसो की एहशास भी बेदम होगयी....

हालातो ने बयां की है, की इस जिंदगी से मेरी आत्मा भी तंग होगयी ।।

-BHEEMA
 
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