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Thanks for coment...isi trh utsah bdhaate rhiye....orr...rhi baat vaishali ke gusse ki to...wo bhi jald pta lg skta hai....prr uske gusse se wo bht khrtank si lg rhi h...itna gussa achha n hota...dekhkte hai uska ye gussa use kis mukam tak pahuchaata hai....orrrr....deLhi wala priwar jo ek hasi khushi jindgi jee rha hai...dekhte hai unki khushi ese hi bne rhegi ya wha bhi kuch mod aayega....स्टोरी बेहतरीन जा रही है । शुरुआत के दोनों अपडेट में बहुत कुछ देखने को मिला ।
वैशाली का इतना अधिक गुस्सा करना.... क्या कारण हो सकता है ? क्या वो अपनी बड़ी बहन को मिस कर रही है ? पुरे कमरे के दिवाल को कपड़े से क्यों ढककर रखी है ?
मुम्बई के बाद कहानी दिल्ली के एक परिवार से भी जुड़ गया है.... मालती , विजय , प्रिती , दिशा और तन्नु ।
अंकिता रानी जी... यहां पर जब तक स्टोरी के पन्द्रह , बीस अपडेट नहीं हो जाए तब तक रीडर नहीं जुड़ते हैं.... वो सोचते हैं कि पांच सात अपडेट के बाद राइटर स्टोरी अधूरा छोड़ कर भाग जायेगा ।
आप स्टोरी कंटिन्यू रखिए...लोग धीरे धीरे जुड़ते जायेंगे ।
मुझे पुरा यकिन है ये स्टोरी यहां के सबसे बेहतरीन स्टोरी में एक होगी ।
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