mysteryman
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शेरसोने को पलंग नहीं,
न ही महल बनाए,
एक रुपया पास नहीं,
फिर भी राजा कहलाए।
शेरसोने को पलंग नहीं,
न ही महल बनाए,
एक रुपया पास नहीं,
फिर भी राजा कहलाए।
मेंढकटर्र-टर्र जो टर्राते हैं,
जैसे गीत सुनाते,
जब ये जल में तैरा करते,
पग पतवार बनाते..
ढोल -नगाड़ेएक साथ आए दो भाई,
बिन उनके दूर शहनाई ,
पीटो तब वह देते संगत,
फिर आए महफ़िल में रंगत ।
चारपाईकमर बाँध कोने में पड़ी ,
बड़ी सबेरे अब है खड़ी।
पपीताहरी डिब्बी , पीला मकान ,
उसमें बैठे कल्लू राम।
रातरोज शाम को आती हूँ मैं
रोज सवेरे जाती हूँ ,
नींद न मुझको कभी समझना ,
यघपि तुम्हे सुलाती हूँ।
वर्फगर्मी में तुम मुझको खाते,
मुझको पीना हरदम चाहते,
मुझसे प्यार बहुत करते हो,
पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।
तेलन काशी , न काबाधाम ,
बिन जिसके हो चक्का जाम।
पानी जैसी चीज है वह
झट बताओ उसका नाम।
वक्तबेशक न हो हाथ में हाथ ,
जीता है वह आपके साथ।
लंबाईवह कौन सी चीज़ है जो..सिर्फ बढती है,
कभी घटती नहीं?