• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest Maa bete ka safar..

BlackMamba4u

Member
251
153
43
प्रमिला क्या सोच रही है मन में उसे कोई अहसास नहीं है वो रवि को पूरा सुख देना चाहती है और चाहती कि रवि जवान है उसका लं ड बेमिसाल है उसकी मोटाई और लबाई का कोई मुकाबला नहीं है वो कई chooto का उद्धार कर सकता है, मेरा बेटा कितना शक्तिशाली है और इसे लेकर मैं कितनी selfish हूं की इसे सिर्फ अपने तक ही बांधे रखना चाहती हूं, सेक्स की दुनियां में जब एक बार सीमा लांघ ली जाए तो फिर मर्यादा का कोई स्थान नहीं रह जाता है, जैसे में खुद अपने पति को धोखा देकर अपने ही बेटे का लोड़ा चूस रही हूं, तो उसे कैसे सिर्फ एक ही औरत का होकर रहने का वादा ले सकती हूं।
बहुत वैचारिक मंथन के बाद वो तय करती है कि रवि को भी घर की अन्य औरतों के साथ संभोग और काम क्रीड़ा करने का पूरा पूरा हक है, में स्वयं ये बात उसे सिखाऊंगी,
ये सोचकर वो सुबह उठाती है रवि पास ही सो रहा था उसे सेक्स के साथ साथ रवि की ईच्छा पूर्ति की भी भावना आ रही है, वो रवि का माथा चूमकर नीचे चली जाती है।
नीचे उसका भाई और स्वाति जाने की तैयारी में लगे थे।
प्रमिला भाई से - तू कह रहा था तुझे एक डेढ़ महीने बाद फिर से कुछ दिनों के लिए जाना है
भाई - हां दीदी
प्रमिला तो फिर स्वाति को यही छोड़ जा मेरा तो मन भरा ही नहीं हम तो ठीक से मिले ही नहीं, क्यों स्वाति
स्वाति हां दीदी मैं भी रुकना चाहती थी कुछ दिन यहीं
भाई ने कहा अगर ऐसा है तो रोक लो दीदी इसको , लेकिन इसको कोई कष्ट न हो , वो प्रमिला को छेड़ते हुए कहता है, तेरे से ज्यादा अगर इसको सुख मैने नही दिया तो कभी फिर इसे मत लाना , कहते हुए उसने स्वाति की तरफ मुंह करते हुए उसको आंख मारी और उसका हाथ धीरे से दबा दिया, स्वाति कुछ न समझकर भी शर्म से लाल हो गई और सोचने लगी ये कोनसा सुख देने वाली हैं मुझे और नजरें नीची कर लेती हैं।
भाई बोला दीदी मैं तो आपको छेड़ रहा था वैसे ही sorry,
प्रमिला बोली लेकिन मैं तो सच बोल रही हूं जब तू आयेगा तब खुद ही पूछ लेना कितना सुख दिया है मैने मेरी लाडली सुंदर कमाल भाभी को,
हंसी मजाक के बीच भाई अकेला चला गया।
तब स्वाति बोली मुझे आपसे बात करनी है दीदी , प्रमिला बोली हां बोलो, यहां नहीं अंदर कमरे में चलो, दोनों अंदर गए जहां स्वाति और भाई को रुकाया था, तब स्वाति ने प्रमिला का हाथ दोनों हाथों से पकड़ कर शरमाते हुए चूमा और पूछा दीदी सच बताओ आप किस सुख की बात कर रही थी, और कहते कहते स्वाति शर्म से दोहरी हो गई, स्वाति अभी कड़क जवान थी भरे हुए स्तन 38 वाले और गडराई गांड की मालकिन थी, आज प्रमिला ने उसको पूरे ध्यान से देखा था, पता नहीं क्यों उसको अहसास हुआ उसकी भाभी बहुत बहुत प्यासी है, उसने प्यार से उसके गाल पर हाथ फेरा और प्यार से चपत लगाते हुए बोली अभी सुबह के सब काम पड़े हैं वो निपटा कर, जब सब चले जायेंगे तब तुझे में अच्छे से समझाऊंगी और ऐसा बोलकर उसकी एक चूची को अच्छे से दबा दिया, स्वाति हाय दीदी बोलकर उनसे लिपट गई और देर तक दोनो के स्तन आपस में टकराते रहे और स्वाति की आंखों में खुशी के आंसू आ गए और वो कान में धीरे से बोली बहुत सारा थैंक्स , आज मुझे लगा कोई है जिसे मेरी खुशी की परवाह है और खुशी से देर तक सुबकती रही, प्रमिला ने उसके गीले गालों से आंसू को जीभ से चाट लिया और उसके हांठोंको एक गीला चुम्बन देते हुए बोली, अभी चले महारानी जी दिन में सब खोलकर समझाऊंगी, और उसके दोनो चूतड के बीच दरार में उंगली डालते हुए उसे खींच कर बाहर ले आई।
sach me bhai puri tarah hot and erotic update tha
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Sanjana.

Member
136
82
28
aapke likhne ki shaili itni kamaal ki hai ki update padh kar man harshit ho jata hai,
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Poonamroy

Member
198
168
43
प्रमिला क्या सोच रही है मन में उसे कोई अहसास नहीं है वो रवि को पूरा सुख देना चाहती है और चाहती कि रवि जवान है उसका लं ड बेमिसाल है उसकी मोटाई और लबाई का कोई मुकाबला नहीं है वो कई chooto का उद्धार कर सकता है, मेरा बेटा कितना शक्तिशाली है और इसे लेकर मैं कितनी selfish हूं की इसे सिर्फ अपने तक ही बांधे रखना चाहती हूं, सेक्स की दुनियां में जब एक बार सीमा लांघ ली जाए तो फिर मर्यादा का कोई स्थान नहीं रह जाता है, जैसे में खुद अपने पति को धोखा देकर अपने ही बेटे का लोड़ा चूस रही हूं, तो उसे कैसे सिर्फ एक ही औरत का होकर रहने का वादा ले सकती हूं।
बहुत वैचारिक मंथन के बाद वो तय करती है कि रवि को भी घर की अन्य औरतों के साथ संभोग और काम क्रीड़ा करने का पूरा पूरा हक है, में स्वयं ये बात उसे सिखाऊंगी,
ये सोचकर वो सुबह उठाती है रवि पास ही सो रहा था उसे सेक्स के साथ साथ रवि की ईच्छा पूर्ति की भी भावना आ रही है, वो रवि का माथा चूमकर नीचे चली जाती है।
नीचे उसका भाई और स्वाति जाने की तैयारी में लगे थे।
प्रमिला भाई से - तू कह रहा था तुझे एक डेढ़ महीने बाद फिर से कुछ दिनों के लिए जाना है
भाई - हां दीदी
प्रमिला तो फिर स्वाति को यही छोड़ जा मेरा तो मन भरा ही नहीं हम तो ठीक से मिले ही नहीं, क्यों स्वाति
स्वाति हां दीदी मैं भी रुकना चाहती थी कुछ दिन यहीं
भाई ने कहा अगर ऐसा है तो रोक लो दीदी इसको , लेकिन इसको कोई कष्ट न हो , वो प्रमिला को छेड़ते हुए कहता है, तेरे से ज्यादा अगर इसको सुख मैने नही दिया तो कभी फिर इसे मत लाना , कहते हुए उसने स्वाति की तरफ मुंह करते हुए उसको आंख मारी और उसका हाथ धीरे से दबा दिया, स्वाति कुछ न समझकर भी शर्म से लाल हो गई और सोचने लगी ये कोनसा सुख देने वाली हैं मुझे और नजरें नीची कर लेती हैं।
भाई बोला दीदी मैं तो आपको छेड़ रहा था वैसे ही sorry,
प्रमिला बोली लेकिन मैं तो सच बोल रही हूं जब तू आयेगा तब खुद ही पूछ लेना कितना सुख दिया है मैने मेरी लाडली सुंदर कमाल भाभी को,
हंसी मजाक के बीच भाई अकेला चला गया।
तब स्वाति बोली मुझे आपसे बात करनी है दीदी , प्रमिला बोली हां बोलो, यहां नहीं अंदर कमरे में चलो, दोनों अंदर गए जहां स्वाति और भाई को रुकाया था, तब स्वाति ने प्रमिला का हाथ दोनों हाथों से पकड़ कर शरमाते हुए चूमा और पूछा दीदी सच बताओ आप किस सुख की बात कर रही थी, और कहते कहते स्वाति शर्म से दोहरी हो गई, स्वाति अभी कड़क जवान थी भरे हुए स्तन 38 वाले और गडराई गांड की मालकिन थी, आज प्रमिला ने उसको पूरे ध्यान से देखा था, पता नहीं क्यों उसको अहसास हुआ उसकी भाभी बहुत बहुत प्यासी है, उसने प्यार से उसके गाल पर हाथ फेरा और प्यार से चपत लगाते हुए बोली अभी सुबह के सब काम पड़े हैं वो निपटा कर, जब सब चले जायेंगे तब तुझे में अच्छे से समझाऊंगी और ऐसा बोलकर उसकी एक चूची को अच्छे से दबा दिया, स्वाति हाय दीदी बोलकर उनसे लिपट गई और देर तक दोनो के स्तन आपस में टकराते रहे और स्वाति की आंखों में खुशी के आंसू आ गए और वो कान में धीरे से बोली बहुत सारा थैंक्स , आज मुझे लगा कोई है जिसे मेरी खुशी की परवाह है और खुशी से देर तक सुबकती रही, प्रमिला ने उसके गीले गालों से आंसू को जीभ से चाट लिया और उसके हांठोंको एक गीला चुम्बन देते हुए बोली, अभी चले महारानी जी दिन में सब खोलकर समझाऊंगी, और उसके दोनो चूतड के बीच दरार में उंगली डालते हुए उसे खींच कर बाहर ले आई।
wow!!! this is a wonderfully narrated update. your narrative description is fantastic.
 

Ek Do Teen Motin

New Member
52
25
8
Wow bro wow...... what a marvelous update man. this is just too good my friend... its a literature on eroticism.
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Bebo.

Member
307
236
43
behad hi hot aur erotic update
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Aupee Karim

Member
118
60
28
Fantastic,hot, and sexy erotic update. Maja hi maja
ekdom Jabardast story. Phewwwwww
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Sabitri Roy

Member
182
160
43
kia update likha hai ap ne yaar,ekdom kamaal hai kamal
 
  • Like
Reactions: mastmast123

mastmast123

Active Member
763
1,378
124
दिन में सब काम से निपट कर दोनों ने एक दूसरे को देखा तो स्वाति ने भौहें उचका कर प्रमिला से पूछा क्या, तो प्रमिला बोली चले अंदर, स्वाति शरमाते हुए आगे आगे कमरे की तरफ चल पड़ी। प्रमिला बोली तुम चलो मैं main door lock कर के आती हूं। सब लोग चले गए थे ऑफिस और स्कूल कालेज।
प्रमिला अंदर आई तो देखा स्वाति bed के एक कोने पर साड़ी का पल्लू दातों से दबाए नीचे देखती हुई बैठी है।
प्रमिला उसके पास बैठती हुई बोली स्वाति अब तुम कुंवारी कली नही हो एक खेली खाई चू दी हुई परिपक्व औरत हो अगर इसी तरह शरमाते हुए रहना है तो मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है और वो बेड से उठने लगी, स्वाति एकदम से शर्म से बाहर आती हुई प्रमिला का हाथ पकड़ कर बिठाती हुई बोली दीदी आप भी ना, पहले आप बैठो फिर सुनो , देखिए आपने मेरी शादी के इतने सालो बाद मुझसे इतना खुलकर बात की है में भी कभी से चाहती थी लेकिन आप बड़ी है मुझे थोड़ी शर्म तो आयेगी ही, प्लीज बुरा मत मानिए, अब नहीं शर्माऊंगी। और आगे बढ़कर दीदी को पलंग से उठाया और थोड़ी शर्म के साथ प्रमिला के दोनों पहाड़ों को हथेलियों से टाइट पकड़ते हुए उसके होंठो को तेजी से चूमने चाटने लगी, प्रमिला हैरान रह गई और तारीफ की नजरों से देखते हुए हाथ से वाह का इशारा किया। स्वाति जल्दी से फिर शर्माती हुई नीचे बैठ गई। अब प्रमिला नीचे जमीन पर बैठ कर स्वाति की आंखों में देखती हुई नशीली आवाज में बोली आज से तुम मेरी भाभी नहीं मेरी पक्की सहेली और मेरी जान हो, और उसके पेटीकोट में हाथ डालकर ऊपर की ओर बढ़ाने लगी, स्वाति ने शर्म से दोनों टांगेभींच ली, फिर से वही स्वाति मैं जाऊं यहां से और गई तो फिर कभी इस तरह नहीं आउंगी, स्वाति झट से टांगें खोल दी और कान पकड़ कर सॉरी बोली, प्रमिला ने हां ना यार अब क्या शर्माना हम दोनों खेली खाई हैं, स्वाति सिहर रही थी एक हाथ धीरे धीरे पंजों से होता हुआ जांघों की तरफ सरक रहा था, प्रमिला नीचे बैठी स्वाति की आंखों में देख रही थी और स्वाति दोनों हाथों से चादर सख्ती से पकड़े हुए शर्म से गड़ी जा रही थी मगर उसके होठों पर मुस्कान थी और चमकती आंखों से प्रमिला को देख रही थी। वो नहाने के बाद साड़ी तो बदल चुकी थी पर न जाने क्या सोचकर उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी मगर ये बात प्रमिला को में पता थी दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे अब हाथ तकरीबन घुटने के पास पहुंचने वाला था, स्वाति के हाथ और कस गए और उसकी भोली भाली चूत ने बड़ी तेजी से रोना शुरू कर दिया था, उसके चेहरे के भाव बदल गए थे शर्म और उत्तेजना से दहकने के साथ नीचे झुकने लगा था प्रमिला ने हाथ पैर पर टिका कर आगे बढ़ाने से रोक दिया था और स्वाति से पूछा मेरी मेरी पक्की सहेली की चूत क्या डर रही है मुझसे, स्वाति की चूत ये सुनकर और फड़क गई और स्वाति नशे में डूबी बोली नहीं दीदी नहीं डरी नहीं है वो बस संकोच में है बार बार खुल और बंद हो रही है अपनी दीदी के हाथ को करीब पाकर, प्रमिला बोली अब से तुम मुझे दीदी नहीं पम्मी बोला करोगी जब दोनों अंतरंग होंगे ठीक है स्वा, और मैं तुम्हें सिर्फ स्वा ही बुलाऊंगी, और उंगलियों को एक cm आगे बढ़ाया, स्वाति की चूत बहुत जोर से सिसकी और ढेर सा चूत रस छोड़ा, जो बहाकर जांघो से नीचे आने लगा स्वाति किनारे पर बैठी थी एकदम और उसके पांव जमीन की तरफ सीधे थे सो चूत रस नीचे आ रहा था कुछ प्रमिला की सीधी नजर उसकी आंखों में और कुछ पहला पहला मिलन किसी औरत का किसी अपनी सबसे करीब रिश्तेदार से, प्रमिला की चूत क्या कम बह रही थी वो तो स्वाति से दस गुना ज्यादा सेक्सी और चुड़ककड थी, जैसे ही प्रमिला का हाथ स्वाति की ओर थोड़ा ऊपर बड़ा उसकी उंगलियों पर चिपचिपा पानी लगा और स्वाति धीरे से चीखी oooooohhhhhh दीदी ये आप ने क्या कर दिया ओह ये कैसी खुशी है मेरी मुनिया खुशी से रो रही है और आपकी उंगलियों तक पहुंच गई उसकी खुशी, मैं धन्य हुई कहते हुए प्रमिला को हाथो से पकड़ कर चूम बैठी और तुरंत हाथ पीछे कर लिए, प्रमिला का भी पहला अनुभव था वो सिहर गई और सोचने लगी चूत से मिलने का नशा क्या इतना गहरा होता है, और उसने हाथ बाहर निकाल लिया , स्वाति ने चौंक कर प्रमिला को देखा और नशे से जाग कर पूछा क्या हुआ दीदी, और रोनी सूरत हो गई, प्रमिला झट से खड़ी हुई और स्वाति को पकड़ कर खड़ा कर दिया और कस के सीने से लगा लिया, स्वाति निहाल हो गई उसकी चूत तो रो ही रही थी आंखों ने भी रोना शुरू कर दिया वासना और मस्ती के वशीभूत होकर।
अब दोनों खड़ी थी और दोनों की चूत बुरी तरह से बह रही थी चूत रस बहकर तकरीबन पिंडलियों तक आ पहुंचा था, स्वाति बोली दीदी आपका चरणामृत मुझे पीना है प्रमिला बोली अभी कैसे , स्वाति बोली आप मुझसे बड़ी और ज्यादा चू दी हुई हो ओर आपको नहीं मालूम , दीदी चरणामृत मतलब दोनों चरणों के बीच की खाई से निकलने वाला अमृत, इतना कह कर वो जल्दी से नीचे बैठ गई और झटके से प्रमिला की साड़ी और पेटीकोट को पकड़ कर कमर तक उठा दिया जांघो पर बह रहे चूत रस को चाटने लगी, और जोर से हाय दीदी हाय दीदी बोलती हुई चाटने लगी, प्रमिला पहली बार वासना के समंदर में डब गई, इतना नशा तो कभी रवि के साथ भी नहीं आया था, वो मस्ती के अतिरेक में गिरने को हुई तुरंत उसने पलंग को थाम लिया और चहकने लगी स्वाति क्या मुझे आज मार ही डालोगी इतनी जल्दी तुम शर्माना छोड़ दोगी नहीं जानती थी, हाय स्वाति तुम पहले क्यों नहीं मिली मुझे, हाय क्या और कितना खो दिया है मैने बता नहीं सकती, स्वाति खड़ी हुई और बोली मैं तो शादी की पहली रात से ही आपके पास होना चाहती थी मगर कभी हिम्मत ही नहीं हुई आपसे कुछ कहने की। हाय पम्मी मैं आज तुम्हारी गद रिली गांड और उन्नत विशाल चुचियों के साथ हूं कहते हुए पेटीकोट में हाथ डालकर प्रमिला की दोनों चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया, प्रमिला नशे में डूबी स्वाति के कंधों को पकड़ कर चूत रस पूरी धारा प्रवाह बहाने लगी।
ठहर स्वाति कहती हुई प्रमिला ने स्वाति को खड़ा किया और उसकी साड़ी की खींच कर उतारने लगी स्वाति भी कहां कम पड़ने वाली थी आनन फानन में दोनों ने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए और पूर्ण नग्न होते हुए एक दूसरे को बांहों में भरते हुए बिस्तर पर गिर गए।
 
Top