स्वाति फिर से उठने को हुई तब प्रमिला ने उसे रोकते हुए कहा ये जो मेरे साथ हुआ है उसको एक पवित्र दो बच्चो की मां के लिए सुना पाना असंभव है मगर मुझे बड़ी शर्म आयेगी तू मेरा मुंह एक कपड़े से ढक दे और मुझे इतना गर्म कर दे मेरी शर्म टूट जाए और सब खोलकर तुझे सुना सकूं, ये सुनकर स्वाति मन ही मन मुसकाई और सोचने लगी मेरी चाल कामयाब हो गई, उसने पास ही पड़े एक सफेद पतले दुपट्टे को प्रमिला के मुंह पर रख दिया वो इतना पतला था की स्वाति उसका मुंह अच्छे से देख पा रही थी जबकि प्रमिला को तसल्ली हुई कि उसकी लाज को कुछ दीवार मिली। अब स्वाति पूरे जोश के साथ प्रमिला के ऊपर बोबे से बोबे चूत चूत मिलाकर सो गई और बोबे से बोबे को चूत को चूत से हौले हौले रगड़ने लगी और अपने हाथों को उसकी गर्दन के आसपास रखकर प्रमिला के कान में बोली हे वासना की जीती जागती मूर्ति जब तू चलती है तेरे चूतड की उठक बैठक से और साथ साथ तेरे विशाल पहाड़ों की उछल कूद से न जाने कितने लंडो का बंटाधार हो जाता होगा, चूत पर चूत की रगड़ाई से प्रमिला का संयम टूट गया था उसे इतना अधिक मजा आ रहा था जितना रवि का लंड जब उसकी चूत पर ऊपर से घिसता था तब भी नहीं आता था, वो जोरों से चीखने लगी थी आनंद के सागर में गोते लगाते हुए, स्वाति ने प्रमिला के दुपट्टे से ढके बालों पर हाथ फिरती हुई थोड़ा शांत करती हुई बोली मेरी जान वो कौन है अब तो बता, ना, मेरी रज्जो को दुपट्टे के ऊपर से ही उसके गाल पर एक गीला चूबन दिया, प्रमिला शर्म से मरती हुई बोली रवि वो रवि है न, स्वाति बोली हां मैने तुझे दिन में उसके कमरे में जाते हुए कई बार देखा है तो क्या रवि जानता है इस बारे में, प्रमिला ने हां में सिर हिलाया, तो स्वाति बोली इसका मतलब रवि तेरी मदद कर रहा उससे मिलने में, प्रमिला ने फिर हां में सिर हिला दिया, वो बुरी तरह शरमा रही थी स्वाति ने चूत रगड़ाई और बूब्स दबवाई में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी क्योंकि वो जानती थी जरा सी ढील राज को राज ही रहने देगी, वो फिर बोली हाय प्रमिला कितनी खुशनसीब है तू जो ऐसा बेटा मिला तेरा कितना ख्याल रखता है तेरी चूदाई की भी रखवाली करता है कितना बड़ा दिल है उसका।
प्रमिला ने सुनकर सोचा दिल नहीं उसका लोड़ा बहुत बड़ा है, लेकिन बोली रखवाली नहीं करता है, और चूत की एक टक्कर स्वाति ने उसी समय उसकी चूत पर मारी प्रमिला ठनक गई और बोली हो हो हो ooooo, रखवाली नहीं खुद चूसता है री मेरी चूत, क्या क्या स्वाति मुंह फाड़े प्रमिला को देखने लगी उसकी सारी गति विधि रुक गई थी प्रमिला समझ गई ऐसा तो होना ही था उसने कमान अपने हाथ में ली और स्वाति को उसकी पीठ से दोनों हाथों बहुत ताकत से जकड़ा और उसको पूरी पलट कर उसके ऊपर आ गई इस सब ने उसका दुपट्टा मुंह से उतर गया था प्रमिला ने दोनो हाथो से स्वाति के गोरे बॉब्स को जकड़ा और तेजी से उसकी चूत को स्वाति की चूत पर रगड़ने लगी , स्वाति रवि का नाम सुनकर फड़क गई एक बेटा मां की चूत से खेल रहा है और वो भी चूत रगड़ाई में प्रमिला का पूरा साथ देने लगी आह आह आह सस्सुयु sssuuu oh oh oh की आवाजों से कमरा गूंजने लगा, घर कोई और तो था नहीं सो दोनों निश्चिंत थी, स्वाति ने भी प्रमिला के बूब्स की नुक्कियां उंगलियों में पकड़ कर गोल गोल घुमाने लगी, हाय पम्मी तू कितनी खुशनसीब है घर में ही तेरा बेटा तुझे रगड़ रहा है जब तेरा मन करता होगा उससे चूत घिसवाने और बॉब्स पिलवाने दबवाने चली जाती होगी हाय री तेरी किस्मत अब तो रवि पूरा गबरू जवान हो गया है उसका लंड भी जोरदार हो गया होगा, इन बातों का ये असर हुआ प्रमिला पर की वो मर मर गई और स्वाति के लबों को बुरी तरह चूसने लगी, होठों की चुसाई ने दोनो की चूतों में आग लगा दी तेज सनसनाहट हुई और दोनों एक साथ झड़ने लगी , पानी का सैलाब सा उमड़ गया और पूरा चादर गीला होने लगा, सस्सस्स hhhoooo ooioo स्वाति प्रमिला स्वाती प्रमिला ऐसी आवाज गूंजती रही देर तक और दोनों धीरे धीरे ढेर होती रही, एक दूसरे को बांहों में समेटे हुए।