• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest Maa bete ka safar..

Fatakeshto

Member
125
67
28
अब जबकि स्वाति रानी का बांध फूट चुका था और प्रमिला देवी रस के सागर में आकंठ डूबी हुई थी, वह इस खारे अमृत को हौले हौले स्वाद लेते हुए ग्रहण कर रही थी , स्वाति का नशा अब धरातल पर आ चुका था उसने प्रमिला को अपने छोड़े गए चूत रस को पूरे दिल से गटकते देखा उसे प्रमिला में एक सच्ची साथी नजर आने लगी, क्योंकि सेक्स अपनी जगह है और किसी को पूर्णतया आत्मसात कर लेना जो प्रमिला ने स्वाति को किया है स्वाति दिल से प्रमिला का सम्मान करने लगी अभी तक वो पति की बड़ी बहन के नाते आदर दिया करती थी मगर आज उसने जाना कि उसके तन मन और आत्मा को किस तरह खुद में समाहित कर सकता है वो प्रमिला ने उसके लिए किया है।
अब प्रमिला की बारी थी यौन सुख को भोगने की, उसने मुंह पास पड़े नेपकिन से पौंछ कर स्वाति के हाथ अपने कामेच्छा से लहर खाते वक्षों पर रख दिया और इंगित किया इनका भी तो उद्धार करो स्वाति महारानी।
स्वाति ने वक्ष पकड़ तो लिए मगर औपचारिक तरीके से, उसके मन में कुछ और चल रहा था, बोली दीदी आपने क्षणिक सुख तो दिया है मगर मेरी उस प्रार्थना का क्या होगा जो मैं अभी आप से कर रही थी। प्रमिला को झटका लगा ओह तो इसकी प्यास नहीं बुझी है अभी तक ये वाकई एक बहुत भयंकर चूदाई की आस लिए बैठी है वो भी एक स्पेशल मोटे लंबे और देर तक टिकने वाले लंड से।
दीदी, अच्छा तो मैं अब मेरी स्वा की दीदी बन गई जरा सा ज्वार क्या उतरा चूत की गर्मी का देवी को होश आ गया है, मेरी बन्नो अब मुझे पम्मो से दीदी बुलाएगी तेरी ये हिमाकत और ऐसा कहते हुए उसने स्वाति की घुंडियो को प्यार से मगर जोर से उमेठ दिया, स्वाति फारिग तो हुई थी मगर संतुष्ट नहीं, यौवन की कशिश उसके तन में पहले से भी ज्यादा तेज हो गई थी जब से उसने जाना था दीदी उसके लिए सब कुछ करेगी। वो aaaahhhh पम्मो कितना सताती है री तू, सुनकर प्रमिला बोली अब लाइन पर आई है, तेरे अनुरोध को जब तू पूरी चुदेल होकर गिड़गिड़ा रही थी मुझे तब ही यकीन हो चला था मेरी इस बेहद खूबसूरत काम वासना में जलती हुई सहेली का उद्धार करना ही है चाहे कुछ भी हो जाए। लेकिन एक बात बता क्या तेरा ही शरीर वासना के चरमोत्कर्ष किए तड़प सकता है क्या कोई और तुझे अभी नजर नहीं आ रहा जो तेरी सेवा करते हुए भी उसी ज्वाला में तूझसे भी अधिक जलता रहा है।
तुरंत स्वाति को बोध हुआ वह अपने स्वार्थ में दीदी की जलती काया को तो भूल ही गई , जो सुख आज इन्होंने दिया है क्या कभी में इसकी कल्पना भी कर सकती थी, लंड जैसा मैं सोच रही हूं वैसा मिले ना मिले मगर मेरा प्रथम कर्त्तव्य दीदी को उनके दिए से दुगना देना है।
अब उसने सोच लिया था वो किस तरह ये करेगी।
स्वाति ने कमान सम्हालते हुए प्रमिला को बिस्तर पर पीठ के बल सीधा लेटा दिया और उसी क्रीम से सिर्फ दोनों हाथों की उंगलियां बहुत गीली कर ली और प्रमिला की दाहिनी ओर बैठकर सीधी उनकी आंखो में देखते हुए उनके विशाल चूचों की सिर्फ घुंडियां उंगलियों और अंगूठे से पकड़ कर ज्यादा जोर देकर मसलने लगी, कोई भी औरत इस अहसास और सुख को जानती जब उसके पूर्ण मादक होने पर ऐसा किया जाता है। प्रमिला भी सिसक पड़ी, uunnhuun uunnnhuunnn स्वाति मैं कहां हूं ये क्या हो रहा है मुझे,
क्या हो रहा है पम्मो
तू तो जैसे जानती ही नहीं तेरे पास तो बोबें और चूत तो है ही नही जैसे, अरे मेरी मां मैं तो सच में आज मरी।
पम्मी जब से आई हूं देख रही हूं कैसी छमक झल्लो बनकर पूरे घर में भटकती रहती हैं।
प्रमिला क्या कह रही हो तुम, आंख खोलकर स्वाति को देखते हुए बोली।
स्वाति जिस तरह मैने अपने मन को दीदी आपके सामने बेझिझक खोल दिया, इतना कह कर उसने अपने हाथ उसके वक्ष से हटा लिए, और बोली क्या आप मुझे अपने बारे में सत्य नही बताओगी, और वह प्रमिला की आंखों में देखती हुई उत्तर की प्रतीक्षा करने लगी।
कुछ सेकंड्स के लिए काम खेल में विश्राम आ गया था, प्रमिला मस्ती के आलम से बाहर निकली और सोचने लगी , बात तो स्वाति सही कह रही है क्या उसे मुझे पूरी तरह जानने का हक नहीं है। हां पूरा है उसने खुद से कहा और वह पूरे मन से फिर खेल में शामिल होती हुई एकदम से बैठ गई और बोली स्वाति जैसे तुमने अपनी वास्तविकता मेरे सामने जाहिर कर दी है में भी तैयार हूं खुद को तुम्हारे सामने सब कुछ कहने को, पूछो क्या जानना और कहना चाह रही थी अभी मुझसे मेरी बन्नो, और स्वाति को आलिंगन भरा और उसके मीठे रस से भरे होंठो को अपने होठों में भींच कर एक गहरा सेक्स से भरा चुम्बन लेना प्रारंभ किया। दोनों डूब गए एक बार फिर से चूत की प्यास में। दोनों की चूतेँ चरमराई और दोनों चूतें खिसक कर आपस में मिल गई, दोनों के हाथ एक दूसरे के चूचों को मसल रहे थे और चू तें हौले हौले एक दूसरे से रगड़ खा रही थी।



जिस जिस पाठिका का बहुत बुरा हाल है और खुद पर काबू नहीं है चूत रस भरभरा कर बह रहा हैं कॉमेंट box में स्वीकार करें, इस कहानी ने उनकी चूत को एक नया एहसाह और अंतहीन खलिश दी है, मुझे प्रेरणा मिलेगी और बेहतर देने के। नमन देवियों को, उनके असीम आनंद के लिए मैं कटी बद्ध हूं।
bahut hi mazader aur
awesome update
 
  • Like
Reactions: mastmast123

Alexa

Member
389
211
58
अब जबकि स्वाति रानी का बांध फूट चुका था और प्रमिला देवी रस के सागर में आकंठ डूबी हुई थी, वह इस खारे अमृत को हौले हौले स्वाद लेते हुए ग्रहण कर रही थी , स्वाति का नशा अब धरातल पर आ चुका था उसने प्रमिला को अपने छोड़े गए चूत रस को पूरे दिल से गटकते देखा उसे प्रमिला में एक सच्ची साथी नजर आने लगी, क्योंकि सेक्स अपनी जगह है और किसी को पूर्णतया आत्मसात कर लेना जो प्रमिला ने स्वाति को किया है स्वाति दिल से प्रमिला का सम्मान करने लगी अभी तक वो पति की बड़ी बहन के नाते आदर दिया करती थी मगर आज उसने जाना कि उसके तन मन और आत्मा को किस तरह खुद में समाहित कर सकता है वो प्रमिला ने उसके लिए किया है।
अब प्रमिला की बारी थी यौन सुख को भोगने की, उसने मुंह पास पड़े नेपकिन से पौंछ कर स्वाति के हाथ अपने कामेच्छा से लहर खाते वक्षों पर रख दिया और इंगित किया इनका भी तो उद्धार करो स्वाति महारानी।
स्वाति ने वक्ष पकड़ तो लिए मगर औपचारिक तरीके से, उसके मन में कुछ और चल रहा था, बोली दीदी आपने क्षणिक सुख तो दिया है मगर मेरी उस प्रार्थना का क्या होगा जो मैं अभी आप से कर रही थी। प्रमिला को झटका लगा ओह तो इसकी प्यास नहीं बुझी है अभी तक ये वाकई एक बहुत भयंकर चूदाई की आस लिए बैठी है वो भी एक स्पेशल मोटे लंबे और देर तक टिकने वाले लंड से।
दीदी, अच्छा तो मैं अब मेरी स्वा की दीदी बन गई जरा सा ज्वार क्या उतरा चूत की गर्मी का देवी को होश आ गया है, मेरी बन्नो अब मुझे पम्मो से दीदी बुलाएगी तेरी ये हिमाकत और ऐसा कहते हुए उसने स्वाति की घुंडियो को प्यार से मगर जोर से उमेठ दिया, स्वाति फारिग तो हुई थी मगर संतुष्ट नहीं, यौवन की कशिश उसके तन में पहले से भी ज्यादा तेज हो गई थी जब से उसने जाना था दीदी उसके लिए सब कुछ करेगी। वो aaaahhhh पम्मो कितना सताती है री तू, सुनकर प्रमिला बोली अब लाइन पर आई है, तेरे अनुरोध को जब तू पूरी चुदेल होकर गिड़गिड़ा रही थी मुझे तब ही यकीन हो चला था मेरी इस बेहद खूबसूरत काम वासना में जलती हुई सहेली का उद्धार करना ही है चाहे कुछ भी हो जाए। लेकिन एक बात बता क्या तेरा ही शरीर वासना के चरमोत्कर्ष किए तड़प सकता है क्या कोई और तुझे अभी नजर नहीं आ रहा जो तेरी सेवा करते हुए भी उसी ज्वाला में तूझसे भी अधिक जलता रहा है।
तुरंत स्वाति को बोध हुआ वह अपने स्वार्थ में दीदी की जलती काया को तो भूल ही गई , जो सुख आज इन्होंने दिया है क्या कभी में इसकी कल्पना भी कर सकती थी, लंड जैसा मैं सोच रही हूं वैसा मिले ना मिले मगर मेरा प्रथम कर्त्तव्य दीदी को उनके दिए से दुगना देना है।
अब उसने सोच लिया था वो किस तरह ये करेगी।
स्वाति ने कमान सम्हालते हुए प्रमिला को बिस्तर पर पीठ के बल सीधा लेटा दिया और उसी क्रीम से सिर्फ दोनों हाथों की उंगलियां बहुत गीली कर ली और प्रमिला की दाहिनी ओर बैठकर सीधी उनकी आंखो में देखते हुए उनके विशाल चूचों की सिर्फ घुंडियां उंगलियों और अंगूठे से पकड़ कर ज्यादा जोर देकर मसलने लगी, कोई भी औरत इस अहसास और सुख को जानती जब उसके पूर्ण मादक होने पर ऐसा किया जाता है। प्रमिला भी सिसक पड़ी, uunnhuun uunnnhuunnn स्वाति मैं कहां हूं ये क्या हो रहा है मुझे,
क्या हो रहा है पम्मो
तू तो जैसे जानती ही नहीं तेरे पास तो बोबें और चूत तो है ही नही जैसे, अरे मेरी मां मैं तो सच में आज मरी।
पम्मी जब से आई हूं देख रही हूं कैसी छमक झल्लो बनकर पूरे घर में भटकती रहती हैं।
प्रमिला क्या कह रही हो तुम, आंख खोलकर स्वाति को देखते हुए बोली।
स्वाति जिस तरह मैने अपने मन को दीदी आपके सामने बेझिझक खोल दिया, इतना कह कर उसने अपने हाथ उसके वक्ष से हटा लिए, और बोली क्या आप मुझे अपने बारे में सत्य नही बताओगी, और वह प्रमिला की आंखों में देखती हुई उत्तर की प्रतीक्षा करने लगी।
कुछ सेकंड्स के लिए काम खेल में विश्राम आ गया था, प्रमिला मस्ती के आलम से बाहर निकली और सोचने लगी , बात तो स्वाति सही कह रही है क्या उसे मुझे पूरी तरह जानने का हक नहीं है। हां पूरा है उसने खुद से कहा और वह पूरे मन से फिर खेल में शामिल होती हुई एकदम से बैठ गई और बोली स्वाति जैसे तुमने अपनी वास्तविकता मेरे सामने जाहिर कर दी है में भी तैयार हूं खुद को तुम्हारे सामने सब कुछ कहने को, पूछो क्या जानना और कहना चाह रही थी अभी मुझसे मेरी बन्नो, और स्वाति को आलिंगन भरा और उसके मीठे रस से भरे होंठो को अपने होठों में भींच कर एक गहरा सेक्स से भरा चुम्बन लेना प्रारंभ किया। दोनों डूब गए एक बार फिर से चूत की प्यास में। दोनों की चूतेँ चरमराई और दोनों चूतें खिसक कर आपस में मिल गई, दोनों के हाथ एक दूसरे के चूचों को मसल रहे थे और चू तें हौले हौले एक दूसरे से रगड़ खा रही थी।



जिस जिस पाठिका का बहुत बुरा हाल है और खुद पर काबू नहीं है चूत रस भरभरा कर बह रहा हैं कॉमेंट box में स्वीकार करें, इस कहानी ने उनकी चूत को एक नया एहसाह और अंतहीन खलिश दी है, मुझे प्रेरणा मिलेगी और बेहतर देने के। नमन देवियों को, उनके असीम आनंद के लिए मैं कटी बद्ध हूं।
bilkool faadu update diya hai bidu maja agaya
 
  • Like
Reactions: mastmast123

mastmast123

Active Member
764
1,383
124
इससे पहले कि स्वाति और प्रमिला की running comentry continue की जाए मेरी एक बात सारे लोग सुनें जो लगातार मुझे पढ़ रहे हैं, यहां एक और मेरी कहानी " मेरा अतीत और वर्तमान, चूत की अनंत प्यास" इस फोरम पर है जिसे मैं रोज इसी तरह लिख रहा हूं दोनों कहानियों के एक साथ, मेरे सभी पाठकों से मेरा निवेदन है कि उस कहानी को एक बार जरूर पढ़े यदि अच्छी न लगे तो बेशक आगे न पढ़े किंतु एक बार तो पढ़ ही लोजिए।
चलिए अब उस कमरे में चलते हैं जहां दोनों सुंदरियां नग्न अवस्था में अपनी चूतें आपस में रगड़ रही है।
दोनों बहुत गर्म हो चुकी हैं मगर स्वाति जो अभी अभी बुरी तरह झड़ी है वो होश में है और उसे प्रमिला का सच जानना है , वह आलिंगन तोड़ कर अलग होती हुई प्रमिला को बिस्तर पर फिर से लिटा देती है और उसकी दोनों टांगों को पूरी चौड़ी करके बीच में बैठ जाती है और अपने क्रीम से सने हाथों से प्रमिला के चूचों की नोंक पकड़ कर उमेठने लगती है प्रमिला गनागना जाती है और aaaauuu aaaaiiiii ससीईईआईआई करती हुई तड़पने लगती है अब स्वाति अपने चाल चलती है दीदी मैं देख रही हूं, अरे दीदी नहीं पम्मो में जब पिछली बार आई थी तब तू कितनी सीधी और भगवान की भक्ति में डूबी हुई थी और मेरे साथ भी समय बिताती थी तेरा चेहरा और ये दोनों गोले भी ढीले ढाले और निस्तेज थे, अबकी बार आई हूं तो कैसी मटक मटक कर चूतड हिलती हुई घूम रही है और ये दोनों गोले भी बहुत उछल कूद मचाए हुए है और मेरी तरफ तो तेरा ध्यान बिलकुल भी नहीं है, और दावे से कह सकती हूं तेरे रंग ढंग देखकर जरूर तेरी चूत भी पेटीकोट में दिन भर पनियाई रहती होगी, मेरी रज्जो अब बता कौन है जिसने तेरा ये हाल किया हुआ है। प्रमिला पहले ही स्वाति की अपने चूचों पर मसलाई की वजह से और पिछले एक घंटे से स्वाति की हालत देखकर बुरी तरह चूत में उबाल खा रही थी और उसकी शर्म ओ हया रफ्फोचक्कर हो चुकी थी मगर फिर भी ये मां बेटे के संबंध की बात थी कैसे खोल देती , सिसियाते हुए ही बोली अरे मेरी भोली भाभी ऐसा तो कुछ भी नहीं है तुझे कोई गलतफहमी हो रही है स्वाति समझ गई अभी थोड़ा पर्दा बाकी है उसने हाथ हटा कर थोड़ी पीछे होकर अपना मुंह प्रमिला की नदी बहती चूत के मुंह पर रख दिया और उसे बुरी तरह चूसने लगी, उसके दाने को जीभ की नोंक से कुरेदने और सहलाने लगी, प्रमिला पूरी ताकत से छटपटाई और बोली स्वाति ये क्या है री पहली बार किसी औरत ने यहां चूमा और चूसा है और वो बुरी तरह अपने हाथों और ऊपरी धड़ को हिलाने लगी और बोली मैं मरी री मेरी मां कोई बचाओ री मुझे haaaa aaaaa aaaaiiii और अपने ही हाथों से अपने मोटे मोटे बूब्स जोरों से दबाने लगी तभी स्वाति ने अपना मुंह उसकी चूत से हटा लिया और वो पलंग से उतर गई, प्रमिला अचानक बंद हुई क्रिया कलाप से चौकी और आंखे खोली तो स्वाति को नीचे खड़ा पाया , तब उसने पूछा क्या हुआ स्वाति उठ क्यों गई, स्वाति बोली जब तुझे बताना ही नहीं है तो फिर मैं ही क्यों बेवकूफ बनू अपने दिल शरीर की तमाम बातें बताकर, और वो धीरे धीरे पीछे होने लगी , प्रमिला ने उसका हाथ पकड़ कर अपने ऊपर खींचा और उसके गालों को चूमती हुई बोली स्वाति समझ न मुझे बहुत शर्म आ रही है इस पर बात करने के लिए pls ना बन्नो नाराज मत हो न,
 

DK99

Active Member
520
252
78
Stunning update
 
  • Like
Reactions: mastmast123

mastmast123

Active Member
764
1,383
124
स्वाति फिर से उठने को हुई तब प्रमिला ने उसे रोकते हुए कहा ये जो मेरे साथ हुआ है उसको एक पवित्र दो बच्चो की मां के लिए सुना पाना असंभव है मगर मुझे बड़ी शर्म आयेगी तू मेरा मुंह एक कपड़े से ढक दे और मुझे इतना गर्म कर दे मेरी शर्म टूट जाए और सब खोलकर तुझे सुना सकूं, ये सुनकर स्वाति मन ही मन मुसकाई और सोचने लगी मेरी चाल कामयाब हो गई, उसने पास ही पड़े एक सफेद पतले दुपट्टे को प्रमिला के मुंह पर रख दिया वो इतना पतला था की स्वाति उसका मुंह अच्छे से देख पा रही थी जबकि प्रमिला को तसल्ली हुई कि उसकी लाज को कुछ दीवार मिली। अब स्वाति पूरे जोश के साथ प्रमिला के ऊपर बोबे से बोबे चूत चूत मिलाकर सो गई और बोबे से बोबे को चूत को चूत से हौले हौले रगड़ने लगी और अपने हाथों को उसकी गर्दन के आसपास रखकर प्रमिला के कान में बोली हे वासना की जीती जागती मूर्ति जब तू चलती है तेरे चूतड की उठक बैठक से और साथ साथ तेरे विशाल पहाड़ों की उछल कूद से न जाने कितने लंडो का बंटाधार हो जाता होगा, चूत पर चूत की रगड़ाई से प्रमिला का संयम टूट गया था उसे इतना अधिक मजा आ रहा था जितना रवि का लंड जब उसकी चूत पर ऊपर से घिसता था तब भी नहीं आता था, वो जोरों से चीखने लगी थी आनंद के सागर में गोते लगाते हुए, स्वाति ने प्रमिला के दुपट्टे से ढके बालों पर हाथ फिरती हुई थोड़ा शांत करती हुई बोली मेरी जान वो कौन है अब तो बता, ना, मेरी रज्जो को दुपट्टे के ऊपर से ही उसके गाल पर एक गीला चूबन दिया, प्रमिला शर्म से मरती हुई बोली रवि वो रवि है न, स्वाति बोली हां मैने तुझे दिन में उसके कमरे में जाते हुए कई बार देखा है तो क्या रवि जानता है इस बारे में, प्रमिला ने हां में सिर हिलाया, तो स्वाति बोली इसका मतलब रवि तेरी मदद कर रहा उससे मिलने में, प्रमिला ने फिर हां में सिर हिला दिया, वो बुरी तरह शरमा रही थी स्वाति ने चूत रगड़ाई और बूब्स दबवाई में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी क्योंकि वो जानती थी जरा सी ढील राज को राज ही रहने देगी, वो फिर बोली हाय प्रमिला कितनी खुशनसीब है तू जो ऐसा बेटा मिला तेरा कितना ख्याल रखता है तेरी चूदाई की भी रखवाली करता है कितना बड़ा दिल है उसका।
प्रमिला ने सुनकर सोचा दिल नहीं उसका लोड़ा बहुत बड़ा है, लेकिन बोली रखवाली नहीं करता है, और चूत की एक टक्कर स्वाति ने उसी समय उसकी चूत पर मारी प्रमिला ठनक गई और बोली हो हो हो ooooo, रखवाली नहीं खुद चूसता है री मेरी चूत, क्या क्या स्वाति मुंह फाड़े प्रमिला को देखने लगी उसकी सारी गति विधि रुक गई थी प्रमिला समझ गई ऐसा तो होना ही था उसने कमान अपने हाथ में ली और स्वाति को उसकी पीठ से दोनों हाथों बहुत ताकत से जकड़ा और उसको पूरी पलट कर उसके ऊपर आ गई इस सब ने उसका दुपट्टा मुंह से उतर गया था प्रमिला ने दोनो हाथो से स्वाति के गोरे बॉब्स को जकड़ा और तेजी से उसकी चूत को स्वाति की चूत पर रगड़ने लगी , स्वाति रवि का नाम सुनकर फड़क गई एक बेटा मां की चूत से खेल रहा है और वो भी चूत रगड़ाई में प्रमिला का पूरा साथ देने लगी आह आह आह सस्सुयु sssuuu oh oh oh की आवाजों से कमरा गूंजने लगा, घर कोई और तो था नहीं सो दोनों निश्चिंत थी, स्वाति ने भी प्रमिला के बूब्स की नुक्कियां उंगलियों में पकड़ कर गोल गोल घुमाने लगी, हाय पम्मी तू कितनी खुशनसीब है घर में ही तेरा बेटा तुझे रगड़ रहा है जब तेरा मन करता होगा उससे चूत घिसवाने और बॉब्स पिलवाने दबवाने चली जाती होगी हाय री तेरी किस्मत अब तो रवि पूरा गबरू जवान हो गया है उसका लंड भी जोरदार हो गया होगा, इन बातों का ये असर हुआ प्रमिला पर की वो मर मर गई और स्वाति के लबों को बुरी तरह चूसने लगी, होठों की चुसाई ने दोनो की चूतों में आग लगा दी तेज सनसनाहट हुई और दोनों एक साथ झड़ने लगी , पानी का सैलाब सा उमड़ गया और पूरा चादर गीला होने लगा, सस्सस्स hhhoooo ooioo स्वाति प्रमिला स्वाती प्रमिला ऐसी आवाज गूंजती रही देर तक और दोनों धीरे धीरे ढेर होती रही, एक दूसरे को बांहों में समेटे हुए।
 

Khushbu

New Member
99
60
28
Wonderful,fantastic update. Hats off
 
  • Like
Reactions: mastmast123
Top