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Mera shayri ka thread

Indian Princess

The BDSM Queen
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तेरी गर्म सांसों की सरगोशियों से
मैं थोड़ा बहक जाता हूँ
तेरे जिस्म के हर उभार पर थोड़ा ठहर कर
फिर बहक जाता हूँ
तर ब तर तुम भी हो मैं भी हूँ
सिलवटों के बहाने के लिए
मैं तुमपर बिखर जाता हूँ
सब रफ़्तार में है
और वक़्त ठहरा है
शोर है कानों में
मगर ख़ामोशियों का पहरा है
तेरे शबनम की हर बूंद से
मैं रोम रोम महक जाता हूँ
खरोचों मुझे पुरज़ोर से
भींच लो मुझे उस छोर में
कि यूँ भिगो कर तुम्हें
मैं... दहक जाता हूँ।

This one is more passionate and soulful :love:
 

Indian Princess

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कर रही हो जो ये शरारत,कहीं महंगी ना पड़ जाए
तुम्हें चूमने के चक्कर में,

मेरे होठों और जुबान में कहीं जंग ना छिड़ जाए
अगर ये जंग छिड़ गई,

तो इसका खामियाजा तुम्हें ही भुगतना होगा
मेरे होठों के साथ-साथ,
तुम्हें मेरी जुबान को भी खुश करना होगा

अगर होंठों से होंठ सट गए,
तो तेरी बोलती बंद हो जाएगी

तुझे कुछ समझ में आए, इसके पहले ही,
मेरी जुबान तेरे जिस्म के हर एक हिस्से को छू जाएगी

तैरे संग-ए-मरमर से जिस्म पर,
मेरी जुबान कारीगिरी करती नजर आएगी

तेरे बदन के हर एक हिस्से पर,मेरी याद छोड़ती चली जाएगी
छूते ही तुम्हारे जिस्म को,मेरी उंगलियां धड़क उठेंगी,

दबी है जो तुम्हारे सीने में औरत नाम की चिंगारी,
वो शोला बनके धधक उठेगी

फिर चाह कर भी मुझे रोक नहीं पाओगी,
अगले ही पल मुझे,
तुम्हारे भीतर दाखिल होते हुए,महसूस कर पाओगी

ना हंस पाओगी,ना रो पाओगी,
ना सेह पाओगी,ना कह पाओगी

उस मीठे से दर्द में कहीं खो जाओगी
मगर ये सब करने से पहले
तुम मेरी GF से मेरी WIFE हो जाओगी

Now this is what I was talking about :hot:

This poem has a dominant tone, and it really got me aroused. Write more like this especially in English :love:
 

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
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करीब आने की आतुरता
अपनी बातों में झलकाती हो
आती है जब बारी एक दूजे में समाने की
बहुत सकपकाती हो..

मोहब्बत के रंग निगाहों में छुपाती हो
होती है जब मीयाद इनसे रंगने की
बड़ा शर्माती हो..

प्यास अपने लबों पे छलकाती हो
आती है जब घड़ी बुझाने की
क्यूं घबराती हो..

लालसा अपनी दांतों से होठों को काट जाती हो
आता है आलम जब बेकरारी मिटाने का
क्यूं डर जाती हो..

चाहत का नशा अपनी
जुल्फ़ें बलखा कर जताती हो
आता हूँ जब उनकी छांव मांगने
दूर हट जाती हो..

कमर लचकाती हुई गज़ब का क़हर ढाती हो
आती है रूत जब मिलन की
मुझसे कतराती हो..

यौवन की लाली गालों पे टहकाती हो
आती है बेला जब उन्हें छूने की
पीछे सरक जाती हो..

तन कर अपने जोबन को ललचाती हो
आता हूँ लेने जब तुम्हें आगोश में
पीछे छुप जाती हो..
Ju ne to sawal par sawal daag diya iss kavita ke maadhyam se ab iska jawab kon dega.

Btw

Mast likha hai bhai
 

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तेरी गर्म सांसों की सरगोशियों से
मैं थोड़ा बहक जाता हूँ
तेरे जिस्म के हर उभार पर थोड़ा ठहर कर
फिर बहक जाता हूँ
तर ब तर तुम भी हो मैं भी हूँ
सिलवटों के बहाने के लिए
मैं तुमपर बिखर जाता हूँ
सब रफ़्तार में है
और वक़्त ठहरा है
शोर है कानों में
मगर ख़ामोशियों का पहरा है
तेरे शबनम की हर बूंद से
मैं रोम रोम महक जाता हूँ
खरोचों मुझे पुरज़ोर से
भींच लो मुझे उस छोर में
कि यूँ भिगो कर तुम्हें
मैं... दहक जाता हूँ।
Nice one bhai

Par isko ju ne utne maan se naa likha hai saayad jitna upar wale ko usme jo sawal tha wo mast tha. Ye bhi kam nahi par ab rasgulle ke samne aap laddo rakhoge to sabko rasgulla hi behtar lagega

(Jisko laddo rasgulle se jyada pasand ho wo mujhe tag karna :evillaugh: )
 

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कर रही हो जो ये शरारत,कहीं महंगी ना पड़ जाए
तुम्हें चूमने के चक्कर में,

मेरे होठों और जुबान में कहीं जंग ना छिड़ जाए
अगर ये जंग छिड़ गई,

तो इसका खामियाजा तुम्हें ही भुगतना होगा
मेरे होठों के साथ-साथ,
तुम्हें मेरी जुबान को भी खुश करना होगा

अगर होंठों से होंठ सट गए,
तो तेरी बोलती बंद हो जाएगी

तुझे कुछ समझ में आए, इसके पहले ही,
मेरी जुबान तेरे जिस्म के हर एक हिस्से को छू जाएगी

तैरे संग-ए-मरमर से जिस्म पर,
मेरी जुबान कारीगिरी करती नजर आएगी

तेरे बदन के हर एक हिस्से पर,मेरी याद छोड़ती चली जाएगी
छूते ही तुम्हारे जिस्म को,मेरी उंगलियां धड़क उठेंगी,

दबी है जो तुम्हारे सीने में औरत नाम की चिंगारी,
वो शोला बनके धधक उठेगी

फिर चाह कर भी मुझे रोक नहीं पाओगी,
अगले ही पल मुझे,
तुम्हारे भीतर दाखिल होते हुए,महसूस कर पाओगी

ना हंस पाओगी,ना रो पाओगी,
ना सेह पाओगी,ना कह पाओगी

उस मीठे से दर्द में कहीं खो जाओगी
मगर ये सब करने से पहले
तुम मेरी GF से मेरी WIFE हो जाओगी
Great bhai
ju ne to yaha dhamki hi de dali ki sambhal jao warna agar main bahka to tumko chodunga nahi.

Mast likha hai
 
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