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Adultery MERI ATAMKATHA (Jo Likh Rhi Huun, Wo Sach hai)

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UPDATE-24

हट जाओ हटो ।।माँ ,, मैं जोर से चिल्लाई

बदले में मुझे मिला एक प्यारा सा हमला ,

समर ने अपनी गांड उठा कर मेरी नन्ही चूत पर ऐसी ठोकर मारी की

मेरा मुँह लगभग पूरा खुल गया ,
आँखें ऊपर को चढ़ गई

साला कुत्ता ,,

यही शब्द मेरे मन में गूंजा उसके लिए और मुँह से निकला ,,

आई इ इ इ इ इ ,, माँ बचाओ उफ़

समर ने निचे अपने दोनों घुटने चौडाये तो मेरी टांगे और ज्यादा खिंच कर खुल गई
और मेरी चूत ने दर्द भरी सिसकी के साथ कहा वेलकम समर जी

मैंने हटाना चाहा समर को
तो समर ने अपने बांये हाथ से मेरे दोनों हथेलियों को जकड़ लिया एक साथ और ऊपर की तरफ खिंच दिया

दोनों हाथ मेरे सिर के ऊपर खिंच कर एक साथ उसके हाथ में बंधे थे , और टाँगे पूरी तरह चौड़ी हुई पड़ी थी
मेरी छाती पर अपनी छाती का पूरा वजन डालकर समर ने चोदना शुरू किया,

उसका चिकना लण्ड मेरी चूत के छेद में फिसलता हुआ एक अजीब अहसास दे रहा था,
अब तरंग उठने लगी थी ,आँखें मस्ती में बंद होने लगी थी

मैंने अपने ही निचले होठ अपने दांतो के बीच ले उन्हें चुबलाना शुरू कर दिया था ,

समर मेरी जिस्म को बड़ी बेदर्दी के साथ उछाल रहा था अपने हर धक्के में वो मेरे जिस्म को ऊपर की तरफ उछाल देता ,

समर यह यह यस फ़क मी ...............
समर ने ये सुना तो वो रुक गया ,,
मैंने आँखें खोली मगर आँख खुल नहीं रही थी , चुदाई की मदहोशी अब चढ़ चुकी थी मेरे तनबदन और दिमाग में

फ़क मी मत बोल ।।। अनीता तू .......

मैंने धीरे से उसकी तरफ देखा , मेरी अध्खुली आँखों में प्रश्न था कि फिर क्या बोलू ?

और जवाब मिला ,, तू बोल ,,हाथ जोड़ती हूँ बॉस प्लीज छोड़ो मुझे । ye bol tu ..samjhi sali

ये कहते हुए समर ने फिर अचानक गांड उठाई और थोक दिया एक तगड़ा धक्का ।

अह्ह्ह माँ मेरे सिसकार उठी
बोल बोल तू बोल

समर चिल्लाया तो मैं न जाने क्यों ,, बह निकली अपनी मर्यादाओं के पार और मुँह से निकला

प्लीज समर जी आपके हाथ जोड़ती हूँ मैं प्लीज छोड़ो मुझे प्लीज
आपके हाथ जोड़ रही हूँ

चुप साली ,, समर ने मेरी बात पर फिर अजीब सा रियेक्ट किया ,अजीब सा ,
मुझे याद है अच्छी तरह से एक एक शब्द वो,

मैं चौंक पड़ी थी ।
उसने मेरे दोनों हाथ छोड़ दिए

हाथ जोड़ कर बोल कुतीया ,जोड़ अपने दोनों हाथ वार्ना मैं जा रहा हूँ ,,,

समर के शब्द पुरे हुए भी न थे ,मैं कुछ सोच भी न पाई थी की समर ने फिर एक धक्का मेरी चूत के अंदर अपने लण्ड को पेल कर दिया ,
और मस्ती कि तरंग में सिसकारी भरते हुए
मेरा मुँह खुल गया अह्ह्ह अहह

बोल कुतीया की बच्ची ,,ले ले ले साली लण्ड ले ।।
बोल बोल

समर वहशी सा बर्ताव कर रहा था और मैं न चाहते हुए फिर मर्यादाओ के घेरे से बहार बह निकली

मेरे हाथ मेरे बूब्स के पास आकर मिले और दोनों हथेली जुड़ गई ,

समर जी प्लीज और चोदो ...मुझे प्लीज हाथ जोड़ रही हूँ ......देखो प्लीज फ़क ,,,,,,.... समर जी,,,
अहह अहह २-३ धक्के फिर दिए समर ने

तू है कोण बोल.................।...................। पुछा उसने हlफ्ते हुए

बोल साली ................................

और एक और धक्का । उछल पड़ी मैं उफ़ समर ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधो के ऊपर सटा कर bed पर रख लिए थे ,
उसका जिस्म अब मेरे नाभि पर टिका था बाकि जिस्म मेरे ऊपर हवा में अपने हाथो के सहारे टिका था।

टाँगे और चौड़ी कर ली समर ने अपनी

बोल साली कहते हुए भrपुर धक्का दिया
,लण्ड एक दम बहार गया था फिर तेजी से मेरे गर्भाशय से टकराया ,

अह्ह्ह मैं उछल पड़ी उप की तरफ ,

मेरे दोनों हाथ अभी भी जुड़े था ,

अनीता हूँ मैं आपकी अनीता , मैंने टूटी साँसों से जवाब दिया ।

माँ ahhh..... मैं चिल्ला पड़ी समर ने झुक कर मेरे गाल पर काट लिया उफ़ न न ंन्न नं नं न न न माँ अहह आई इ इ
मैं चीख पड़ी

उसके दांत मेरे गाल के मांस के भीतर घुस से गए थे

जलन कि तीर्व लहार ने पूरा शरीर सख्त कर दिया था मेरा , मेरे दांत दर्द पर भींच गए थे

मैं संभाल पाती की अचानक सात या आठ समर के गांड ने उठते फिर नीचे मेरी चूत पर भरी वजन के साथ गिरते हुए हमले के साथ लगातार धक्के दिए ,,

एक दो तीन चार अहह अहह ुई माँ उफ़ हर धक्के से हल्के से चीख पड़ती

आपकी आपकी आपकी हूँ मैं आपकी हूँ मैं आपकी बीवी हूँ मैं यह यह यह आई ुई माँ अहह प्लीज यूज़ me ,अहह

मैं बोलती चली गई

ऐसा नहीं था की मैं पहले बुरी तरह नहीं चुदी थी मगर समर का अनोखा अंदाज मेरे ऊपर सवार हो रहा था ,
दर्द और तरंग के भीतर कहीं न कहीं मैं उसके शब्दों में फस रही थी और अपने दिमाग कि लगाम समर के शब्दों के हाथो खोती जा रही थी

नहीं साली , तू कुत्तिया है , ले साली बोलते हुए समर ने एक शॉट फिर दिया अहह

कुत्तिया ,,............................

कुत्तिया.... हाँ ये शब्द न जाने क्यों मेरे दिमाग के भीतर न जाने किस पॉइंट पर ठीक टकराया था
की मैंने अपनी जांघो को गुदगुदाहट में कंपते हुए महसूस किया ,
एक गुदगुदाहट मस्ती कि तरंग के साथ मेरी चूत कि बाहरी दिवार कि स्किन से लेकर अंदर गर्भाशय के आसपास से होती हुई
मेरी नाभि के पास से ठीक मेरे निप्पल्स के ठीक बीच तक दौड़ पड़ी

मेरे होठो से निकला यस अहह मैं आपकी कुत्तिया हूँ

इस कुतीया शब्द ने और इस अहसास ने की आज मैं एक कुत्तिया बन गई हूँ न जाने क्यों मेरी सेक्स कि आग को भड़का दिया था ,

मुझे नहीं पता की क्या हो गया था मुझे उस कुत्तिया के अहसास को अपने अंदर महसूस करते हुए
की मैं चिल्ला पड़ी

सच में चिल्लाई थी मैं , हाँ जोर से चिल्लाई थी मैं , शायद रूम के बहार सुना गया भी होगा मेरी चिल्लाहट को

हाँ मैं हूँ कुत्तिया , हाथ जोड़ रह हूँ चोद न मुझे , चोद चोद मुझे

समर ने अपने दोनों पैर सीधे किये तो उसका पूरा वजन अब बस मेरी चूत और उसके ऊपर कि उभरी हड्डी पर था

गांड उठाई समर ने और दे दिया पूरी जोर से मेरी प्यारी चूत पर झटका

अहह मस्ती से मेरा मुँह पूरा खुल गया ,
मेरी चूत कि उभरी हड्डी पर तगड़ा प्रहार हुआ था , दुश्मन देश का हवाई हमला हो चूका था ,
और हमारे मोर्चे पर जवानो की धज्जियां उड़ रही थी मानो,
दोनों टांगे सीधी कर उछल उछल कर मेरे जिस्म को समर ऊपर उछाल रहा था

मैं मस्ती में अब खो चुकी थी , तबlतोड़ धक्के और समर कि उखड़ती साँसे मेरी आहें चीखे ,
मेरे बूब्स का निगोड़ापन जो बार बार धक्को में उछल रहे थे ,

बस यही था अब
हफ्ते हुए समर कि आवाज़ जैसे बहुत दूर से आ रही हो मगर जो सुना मैंने वो pagalpan था ,,


तू कुत्तिया नहीं है अनीता साली ले ले और ले
अहह माँ यस अहह
तू कुत्तिया नहीं ..........सिर्फ ......एक रंडी है मादरचोद रांड

रांड ,, रंडी ये शब्द ,, हाँ ठीक यही सुना था समर कि आवाज़ में मैंने

मगर अब वापसी का कोई रास्ता न था और मेरे मुँह से चाहते या न चाहते पता नहीं अपने आप निकला

हाँ मैं रंडी हूँ
रांड हूँ
कुत्तिया रंडी हूँ
हाथ जोड़ रही हूँ

और इसके बाद मैं जोर से चिल्लाई
चोदो,,
हाँ बहुत जोर से ये अखिरीवाला शब्द बोलै था मैंने , या फिर उत्तेजना और रंडी शब्द का जादू था जो दिमाग पर चढ़ गया था , पहली बार रंडी शब्द सुना था , और कमाल था मुझे बुरा लगने कि बजाए उस शब्द ने मेरे दिमाग के अंदर के सेक्स पॉइंट को छेद दिया था

मेरा गरूर , मेरा attitude , मेरा मैं होने का अहसास , सब अब खतम हो चूका था
हाँ मैं गिरी भी नहीं थी अपनी नज़रो में , कियुँकि गिरने का अहसास अब कहीं नहीं था , शर्मा होने पर जो नाज़ था मेरे पिता को , अपनी जाती पर ,पंडित जाती का वो नाज़ , अब कहीं नहीं था
कोई अहसास नहीं था
सेक्स कि आंधी जैसे मुझे ले जा रही थी सुख के नए दरवाजो की ओर

समर ने मेरे घुटनो को अपने हाथो नीचे दबाया तो मैंने आँखें खोली ,
कुछ समझने से पेले मेरे घुटने उसके दवाब के कारण नीचे होते गए ,
समर ने अपनी टांगे घुटने मोड़कर चौड़ा ली थी ओर मेरी चूत में लुंड फसाया हुआ वो मेरी टैंगो के बीच बैठा था ,

मेरी टाँगे घुटनो के दवाब से सीधी होती गई और बिलकुल सीधी हो गई

मैं उसके नीचे फसी थी सीधी बिलकुल सीधी ,
मैं समझने कि कोशिश कि की क्या होगा अब ,
तभी समर ने भी आगे झुकते हुए अपनी टांगे सीधी कर ली ,
उसका सीना फिर मेरे बूब्स के ऊपर था और उसकी बाहों ने मेरे सिर को ऊपर से पकड़ लिया और नीचे कि तरफ जोर देने लगे ,

मैं समझ नहीं प् रही थी की क्या कर रहा है ।

समर की हांफती सांसे , जो उखड़ सी रही थी वो मेरे गर्दन पर टकरा रही थी ,
मेरा सिर उसकी ऊपरी दवाब से गर्दन में जैसे घुसने लगा ,

तकलीफ होने लगी हलकी सी कियुँकि गर्दन के थ्रोट भाग पर दवाब आ रहा था अब और गर्दन आगे कि ओर झकने लगी थी

मैं पूछना chah रही थी की क्या है ?

मगर दिल ने पूछने से इंकार कर दिया

अब हाँ फस चुकी थी
मैं उसके शब्दों में,
सच तो ये था वो रस्सी में लटका कर मार भी देता तो मैं कुछ न बोलती ,
सेक्स में बहने का यही तो घाटा है की हम लड़कियां अपनी जान तक दे सकती है अगर सेक्स चढ़ जाये दिमाग में,

उसकी टाँगे फिसली मेरी टैंगो के ऊपर और मेरी टैंगो को दोनों तरफ से जकड़ लिया
उसके घुटने मेरे घुटनो को बहार से जकड़े अंदर की तरफ दबा रहा थे ,

और उसके दोनों पेरो के पंजो ने हुक की तरह मेरी पंजो के ठीक ऊपर शिन बोन को जकड़ लिया था

अब मेरे हाथ मेरे पेट के ऊपर मुड़े हुए थे ,जो फसे हुए थे समर के पेट के दवाब के नीचे

कुलमिलाकर मैं सीधी थी बिलकुल छह कर हिल भी नहीं सकती थी

उसके लण्ड का सख्त अहसास मेरी चूत के अंदर से ऊपर कि ओर खींचा सा था जैसे लुंड हल्का सा मुदा हुआ हो ,

जो चूत की छेद को ऊपर की ओर खिंच रहा था ,

लण्ड का दवाब मेरी चूत के ऊपर के डेन पर पद रहा था ,

अजीब सा सब था
तभी फिर समर ने लण्ड खिंचा और झटका मारा

अहह मैं ऊपर की तरफ हिली मगर खुद को हिला न सकी सिर्फ धक्के की लये में हिल रही थी

लण्ड फसा फसा सा चूत के upr wale dane को रगड़ता अंदर बहार हो लगा

समर के धक्के से पेट पर मेरे दोनों मुड़े हाथ मेरे पेट को दबा रहे थे ,

अजीब सी परेशानी थी ये मस्ती के बीच में मेरे लिवर पर
मेरी मुड़े हाथो की दोनों हथेली एक साथ समर के शरीर के वजन के साथ लिवर को हिट कर रही थी

दर्द हल्का दर्द हर बार हिलने पर होंने लगा था ,

इससे पहले कभी भी लीवर का दर्द नहीं सहा था मैंने

अचानक समर ने लुंड खिंचा

सी सी सीह अहह ,, मैं सिसकार उठी

और समर ने गांड का जोर लगा कर हमला किया , उस हमले में उसने अपने पेट ,गांड, जांघ का वजन मिला दिया था

माँ में चीखी और मुँह खुल गया दर्द से शरीर अकड़ गया , घुटने मुड़ने लगे , गर्दन आगे की तरफ झुकने लगी ,

कियुँकि मेरी चारो मुड़ चुकी उंगलिया जो सख्त कोण के रूप में बन चुकी थी का प्रहार समर के पुरे झटके और वजन के कारन मेरे लीवर पर हुआ था ,
मेरी चारो मुड़ चुकी उंगलिया जो सख्त कोण मुड़ कर मेरी

छातियों के नीचे जहाँ से छाती दो भाग में अलग होती है , आपके कमीज का जहाँ तीसरा बटन आता है ,
(कालर वाला बटन , साइन वाला बटन और तीसरा लीवर वाला बटन ) वहां पसलियों के नीचे से लीवर में घुसते चले गए

घुटने चाह कर भी सीधे न हो पये समर के घुटनो ने कस लिया था उन्हें ,,
और शरीर मुड़ न पाया , समर के शरीर के वजन ने मेरे शरीर को इज़्ज़ज़त नहीं दी की दर्द में मुड़ सके और यही हाल गर्दन का था ,
वो थोड़ी उठी जरूर थी दर्द में मुड़ने को मगर ज्यादा हिल वो भी न पाई

समर के धक्के अब जान लेने लगे ,
मैं मुँह से बोल भी नहीं प् रही थी


लण्ड के जिसने का अहसास ,हो रहा था , हल्की तरंग थी मगर दर्द में सब मस्ती का अहसास मिट चूका था ,

मैं बोलना चाह रही की मुझे लग गई है रुको मगर दर्द से बस मुँह खुला था ,

आ अ आक खः क अ आ ,,जैसी आवाज़ बस निकला रही थी ,
मैंने हाथ खींचना चाहl बlहार मगर न कर स्की दर्द के कारन वो शक्ति नहीं थी

समर को लगा मैं मस्ती में हूँ,
बोल तू रांड है ,, हैं न साली कुतीया की बच्ची तू मेरी रांड़ी ।बोल साली बोल

कहते हुए वो टूट पड़ा मुझपर

गांड उठा उठा कर अपने वजन के साथ धक्के पे धक्के ,
जैसे वो मुझे पर अपनी मर्दानगी की छाप छोड़ना चाहता हो ,

और मैं उसके नीचे जैसे दर्द से और मेरी चारो मुड़ चुकी उंगलिया जो सख्त कोण की चोट से बेसूद सी ,
सांस रुक गई थी मेरी , दर्द पे काबू पान और समर को बताना मेरे बस में नहीं था ।

रांड बोल साली
ले बहनचोद ,, समर ने फिर पूरी ताकत के साथ हमला किया ,
अक्क अक्क कक ,, आक ा ा अ अ ।।

मई बेहाल हो पड़ी ।रोना आ गया मगर मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकल पा रही थी ,

सांस ें झटको के बाद जो खिंच के लेने से आ रही थी वो बंद हो गई थी

आंसू निकलने लगे थे मगर वो भी बह नहीं रहे थे ,
समर जैसे मेरी न कहने पर की मई रंडी हूँ उसकी , वो बुलवाने पर आमादा हो गया , और फिर शुरू हुई मेरी चुदाई


बोल बोल बोल ले ले ले ले ल मादरचोद ले ले ले ले ले साली रंडी ,तू बोलेगी ,बोल रांड बोल तू रंडी है बोल साली ,

ले ले छूट फाड़ दू तेरी साली ले कुटिया
बो रांड
बोल
बोल

समर ने जैसे अपनी बात मनवाने की कसम खा ली थी ,

मेरा चेहरा सांस न ले पाने की वजह से लाल हो गया था ,
आँखें बहार आने गई थी ,
समर उछला ऊपर की ओर जोरदार धक्के के लिए
और थोड़ी जगह बनी और मेरे दोनों हाथ खुद बहार आ गए ,
सांस अभी भी रुकी थी ।समर का शरीर पूरी ताकत से गिरा मेरे ऊपर ,

जैसे उसने उछाल क अपनी जान लगा दी हो ,मुझसे बुलवाने को

और उस धक्के से मेरे मुँह से बीएस अन्नन न न जैसी हल्की आवाज़ निकली ,

समर को पता नहीं क्या लगा मेरी गर्दन के बगल से अपना चेहरा निकाल मेरी तरफ देखा उसने ,
वो एक दम उछल क अलग हुआ वो

अनीता अनीता अनीता.... चिल्ला उठा वो,

मुझे दूर से उसकी आवाज़ आ रही थी , सांस लेने में तकलीफ की वजह से जैसे जान जा रही हो ,

उसने एक दूँ झंझोड़ दिया मुझे ,

और एक दम जैसे साँस का तूफ़ान मेरे chest में समाता चला गया ,

दर्द के कारन में पलट गई और मेरा शरीर खुद उकडू मुद्रा में मुड़ता चला गया

आआआ नं न न न ह ,,,,
मुँह उस दर्द में भी खुला और हवा को जितना खिंच सकता था खींचता गया ,

सांस की वजह से दर्द का तूफ़ान लीवर में उमड़ पड़ा ,

और मई न कहते हुए भी और मुड़ती चली गई
आँख से आंसू अब पूरी तरह बह रहे थे ,

समर ने पुछा
अनीता अनीता क्या हुआ ,,वो बदहवास सा मुझे हिला रहा था

मैंने लीवर की तरफ किसी तरह इशारा किया ,
उसकी तरफ देखा बड़ी मुसकिल से ।।

उसकी आँखों में एक दम आंसू की कुछ बुँदे उमड़ पड़ी थी
उसने एक दम झटके से मुझे उठाया

अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अ अ अ अ अ अ अ मई चीख सी पड़ी

शुक्र है की चीखी तो mai ,
अब सांस ठीक से तो नहीं मगर आ जा रही थी दर्द के साथ

मेरे शरीर को खींचता हुआ उसने मुझे सीधा किया ,
उफ्फ्फ दर्द ऐसा हुआ जैसे लीवर टूट रहा हो

mai खुद को छुड़ाना चाहती थी मगर
समर की ताकत ज्यादा थी

मुझे उठा क घूमते हुए मुझे अपनी पीठ पर मेरी पीठ के बल मुझे उल्टा उठा समर झुकता चला गया
और दर्द की खिंच ने लीवर को जैसे काट दिया हो ,

उफ्फ्फ वो दर्द उठा ... फिर न चिल्ला ski mai
मुँह फिर खुल गया मगर सांस तेजी के साथ एक दम seene में भर्ती चलती गई

समर ने शायद अपनी कमर एडगर उधर हिलनी शुरू क दी थी ,
मेरा शरीर इधर उधर तेजी से दांये बांये हिल रहा था उसकी पीठ पर पीठ के बल उल्टा लटका हुआ ,

अचानक समर झुकता चला गया हुए उसके परिणाम में मेरा शरीर खींचता सा उल्टा उसके पीठ से चपका उल्टा सा खिंचता गया
अहह दर्द की लहर फिर उठी ।।उफ्फ्फ

मगर जैसे ही समर सीधा हुआ

दर्द की तिस लगभग गायब थी

हल्का दर्द था मगर अब काफी आराम था
mai एक दम bed पर बैठ गई

समर की अव्वाज़ पर उसकी तरफ देखा ।
कैसी हो तुम अब?

हम्म ठीक हूँ मगर दर्द है हल्का अभी भी ।


मैंने जव्वाब दिया

ठीक तो है न अब ? समर ने पुछा

हाँ मैंने जव्वाब दिया और पानी की बोतल उठा ली
पानी की कुछ घूंट अंदर जाते ही काफी अच्छा लग रहा था मुझे


समर ने फिर पुछा ,,कैसा है अब


मैंने कहा ।।हाँ ठीक है मगर हल्का दर्द है ,
वो लीवर में लग गया था हाथ से , सांस रुक गई थी , मै लगभग रो पड़ी , आँख से आंसू निकलने लगे ,
पता है सांस नहीं आ रही थी , मर जाती आज मै , मैंने शिकायत भरे लहजे में कहा

sorry अनीता मुझे लगा तुम बस मजा ले रही हो तभी नहीं बोल रही ,
तो मै और जोर से करने लगा ,, थोड़ा रुका वो फिर बोल पड़ा
मुझे नहीं पता था यार तुझे लग गई है

मै हलके हल्के सिसक रही थी

समर ने अपना हाथ मेरे कंधो पर rkha और मुझे पीछे की तरफ धक्का दिया मै बेड पर गिरती चली गई

मैंने chonk kar समर की तरफ देखा तो उसकीआँखे मेरे नंगे बदन को घूर रही थी

प्लीज रुको समर ।।मेरी आवाज़ को शायद वो सुन नहीं रहा था

रुको तो समर ,,मै चीख पड़ी हलके से

और समर ने जवाब दिया ,, साली रंडी फिर ......खोल अपनी टांग ।खोल रांड है न तू ।।

उस हल्के लीवर के दर्द में भी पता नहीं ये सुनते ही जैसे शरीर किसी जादू के वश में होने लगा ,
दिमाग फिर मेरी दर्द और मेरी बात न मैंने को विवश था ,

मेरी टंगे खुलती चली गई

रांड ।।।। सीधी कर टाँगे और खोल

और वही हुआ जो दिमाग ने सुना

मैंने अपनी टाँगे सीधी कर ली और खोल दी

समर ने कुछ नहीं कहा अब बस फिर से उसने मेरे ऊपर आकर सांप की तरह बिछ गया मेरे ऊपर

अपना लण्ड पकड़ा उसने ,
मेरी छूट पर घिसते हुए हल्का सा दवाब दिया तो जैसे लण्ड को उसकी मंजिल मिल गई अह्ह्ह

मेरे मुँह से सिसकी सी फूट पड़ी

इस बार मेरे हाथ बहार थे मगर मेरी बगल से चिपके थे

समर ने मुझे ( बूब्स के बगल से ) पकड़ा था । इस तरह लपेटा था मुझे की मेरे हाथ उसकी जकड़ में फास गए थे

उसके पेरो के पंजो ने मेरे पंजो पर फिर कब्ज़ा कर लिया था , उसके घुटने मेरे घुटनो को फिर बहार से दबा चुके थे

और समर ने थोड़ा जोर लगाया तोह उसके पेरो के जोर से मेरी दोनों टाँगे थोड़ी खुल गई मगर पंजो से फसा रखा था उसने की खुल कर भी हिल नहीं सकती था

समर की गांड फिर उठी और झटका ,,
अहह माँ ahhhhh

मै सिसक उठी

दर्द जो लीवर में था अब काम होता जा रहा था और समर की लण्ड की अकड़ और चीख़नाहट का अहसास छूट में फिसलने लगा

फिर एक बार मेरा शरीर ऊपर की तरफ उछला
और मुँह से निकला

रांड हूँ मै ,,, रंडी हूँ मै
छोड़ डालो मुझे प्लीज

समर जी हाथ जोड़ रही है आपकी रंडी ,, मसल दो मेरी जवानी को

समर हसने लगा ।। जैसे वो मेरी राँड़पन पर हस रहा हो

बोल बोल कोण है तू ? बोल

मै आपकी रंडी आह्हः अह्ह्ह हाँ रंडी उफ़ माँ रंडी रंडी अहह ुयी उफ़ माँ अ रंडी हूँ आपकी उफ़

मेरे सिसकी हलकी चीखे ,राँड़पन का अहसास ।।समर की हांफती सांस का ठीक मेरे चेहरे से टकराना और हसना ,

वो मुझे चोदता हुआ है रहा था ,, रंडी बोल ले ले और लेगी ले न लण्ड ले साली कुतीया की बच्ची , रैंड की औलाद

हाँ हाँ हाथ जोड़ती हूँ , हाँ हाँ प्लीज और जोर से और जोर से ,, पागल सी हो गई थी मै उस दिन ,, होटल में बहार गूंज रही होगी मेरी आवाज़ , हम्म मै तेज ही छिल्ला रही था ,

समर का बदन मेरे बदन पर झटको के साथ फिसल रहा था , पसीने से भीगता हुआ ,
मेरी गांड की दरार में पसीने का अहसास साफ़ महसूस हो रहा था ,

बूब्स पर पसीना और बगलो से जैसे पसीना बह रहा हो

।।।।।।।।।।।।।।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


आगे का अपडेट एक दो दिन में दे दूंगी , Lockdown की वजह से sab ghar wale ghar apr hee hain , esiliye मुश्किल हो रहा है अपडेट करना ..मगर करूंगी पूरी इस सीन को जल्दी पूरा ,
koshish toh kee hai ki aapko mai puri feelings ke saath apni atamakatha sunau ..magar likhte waqt dar sa lga rehta hai ki koi room me na aa jaye aur dekh na le mujhe ye sab likhte huye , agar koi galti ho toh I am Sorry .. dosto


अगर आप कहते है की मै अपनी चुदाई की रियल पिक्चर ड़ाल दू यहां ,,फेस हटा कर मगर लिप्स के साथ ताकि आप लोग पहचान सको की मै ही हूँ । पूरा फेस नहीं ड़ाल सकती , ट्रैप्ड हो सकती हूँ ।
अगर देखना हो तो आप लोग बता देना , एक दो पिक्चर मै ड़ाल सकती हूँ ,
 
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my
kya aap log mere Lips pehchane?
agr haan toh please bta do.
I can't upload my full face .please
samar mere picche hai es pic me, uska haath mere boobs par hai
Pic kam light me mobile se samne rakh kar video banai thhi ,
ye pic usi video ka screenshot hai, esiliye saaf nhi,
Hope u all don't mind.


(Aapki Anita)
 
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agar koi meri kahani ko pad rha hai toh please btao. toh update aage jaari rakhu....



YE MERI YHI WALI KAHANI KA EK SAATH POST HAI ,,,,
 
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