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(UPDATE-14)
मैं अंकिता को प्यार करता हूँ ये तो मैं भी नहीं जनता था, इसलिए मैंने दी से कह दिया की नहीं मैं कोई प्यार व्यार नहीं करता अंकिता से….. लेकिन दी अपनी बात समझाए बिना कहा रहने वाली थी, सो उन्होंने स्टार्ट कर दिया फ्लॅशबॅक और मुझे एक एक बात याद दिलाने लगी, ओर समझने लगी की भाई ये सब दोस्ती नहीं इसे प्यार कहते है……
दी के इतना सब समझने पर भी जब मैं ना समझा तो उन्होंने मुझसे कहा…..
दी: देख खुशाल तू अभी उमर के जिस पड़ाव पर है ना उस जगह ये सब समझ में नहीं आता लेकिन जैसे जैसे तू बड़ा होगा तू ये सब समझ जाएगा……. ओर हां एक प्रॉमिस कर की तू ये बात किसी को नहीं बताएगा…..
मैं: ओके दी, प्रॉमिस, हां मुझे एक बात करनी थी आपसे
दी: हां बता,
मैं: मुझे पतला होना है…….
दी: क्या………… तुझे पतला होना है, लेकिन क्यों….
मैं: वो वो ना……
दी: अरे बता भी, क्या दुल्हन की तरह शर्मा रहा है…….
मैं: वो दी अंकिता मुझे हेयर बात पर मोटा, गेंडा कहती रहती है…….. मुझे ये बिलकुल अच्छा नहीं लगता……
दी: आआवववव…….. अंकिता…….. तब तो तुझे पतला होना ही पड़ेगा……ऐसा कर कल सुबह 5 बजे का अलार्म लगा ले…..
मैं: क्यों……
दी: अरे मेरे प्यारे भाई, तुझे पतला होना की नहीं….
मैं: हां होना है……. लेकिन इसका अलार्म से क्या मतलब….
दी: अरे यार…… वो देव सुबह सुबह जिम जाता है, तो मैं अभी उसे कह देती हूँ, कल से वो तुम्हें भी ले जाएगा……
मैं: उस गढ़े को आप क्यों कहोगी, उसे तो मैं ही कह दूँगा…..
दी(जुटा गुस्सा दिखाते हुए) : ओये अपने होने वाले जीजाजी को गढ़ा कहते शर्म नहीं आती…..
मैं: जीजा में फुट, चाहे वो मेरा जीजा बने या कुछ ओर…… मेरे लिए तो वो वही गढ़ा ओर नालयक रहेगा…… ओर वैसे भी अभी मैंने उसके ओर आपके रिश्ते को आक्सेप्ट भी नहीं किया….
दी: ओह मेला सोनू…….चल अभी तू सोजा कल सुबह जल्दी भी उतना है…..
मैं: बायें दी…. ग्न
दी: ग्न….
दी के जाने के बाद मैंने सुबह 5 बजे का अलार्म सेट किया और बिस्तर पर सोने के लिए लेट गया…..लेकिन आज शायद नींद भी दुश्मन हो गयी थी, ना जाने रही रही कर कभी दी और देव की बात मान में आती तो कभी आनी के शत लगाई शर्त की…..दिल बेचैन हुए जा रहा था, रात के 12 बज चुके थे ओर अभी तक आंखों में नींद का कोई निशान तक नहीं था…
सो मैं अपने रूम से निकला और जा पहुँचा दी के रूम में, ऐसा पहली बार नहीं था के मैं नींद ना आने के वजह से दी के रूम ने जा रहा था, जब भी मुझे कभी नींद ना आती थी तो मैं हमेशा दी के पास ही जाकर सोता था….पता नहीं दी के हाथों में क्या जादू था, की उनके मेरे सर पर हाथ फेरते ही मुझे नींद आ जा करती थी….
जब मैं दी के रूम में पहुँचा तो वो किसी से फोन पर बात कर रही थी, मेरे आने की आवाज़ से दी ने जब मुझे देखा तो उन्होंने बायें कह कर फोन काट दिया और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगी…..
दी: मेरी सोनू को नींद नहीं आ रही क्या आज……
मैं: हम….
दी: चल आ जा, मैं सुला देती हूँ तुझे….
मैं जा कर दी के पास लेट गया…..ओर वही हुआ……मुझे थोड़ी देर में ही नींद आ गयी……
सुबह अलार्म बजने से पहले ही दी ने मुझे उठा दिया था, ओर मैं अपनी शर्त पूरी करने के लिए आज पहली बार इतनी जल्दी उठ गया……थोड़ी देर फ्रेश होने के बाद मैं घर से बाहर आ गया…..
बाहर आते ही मुझे एक नयी दुनिया का अहसास हुआ……अभी दिसंबर मंथ चल रहा था और वो कड़ाके की शारडी, लेकिन फिर भी चारों तरफ लोगों की आवा जाहि लगी हुई थी, कोई अपने कानों में हेडफोन्स लगाए हुए अपनी ही मस्ती में वॉक कर रहा था तो कोई ग्रूप्स में ठहाके लगा लगा कर हंस रहा था, ये दुनिया मेरे लिए आज से पहले अंजनी सी थी…..
तभी देव भी अपनी बाइक ले कर आ गया, मुझे उसे देख कर एक अजीब सी फ़ीलिंग आ रही थी, लेकिन मरता क्या ना करता…..मुझे पतला जो होना था….निकल लिया मैं उसके साथ जिम के लिए….. आज जिम में मेरा पहला दिन था, सो मेरे मान में एक घबराहट सी थी, हालाँकि मैंने देव से जिम के बारे में थोड़ा बहुत सुन रखा था, लेकिन फिर भी आप तो जानते ही है… कोई भी नया काम करने से पहले एक घबराहट होती ही है….
तो चलो भाई, जिम आ गया……. देव ने मुझे बाइक से उतरते हुए कहा…..
मैंने इसके जवाब में कुछ नहीं कहा…बस चल पड़ा उसके पीछे पीछे….मैं जैसे जैसे जिम की तरफ तरफ रहा था, मेरी घबराहट भी वैसे ही बढ़ती जा रही थी…..
आख़िर कर हम पहुँच गये जिम में, अंदर घुसते ही मैंने देखा…..करीब 3-4 लंबे चौड़े मुआतांडे खड़े थे, उनके बॉडी के एक एक पार्ट पर कई कट्स थे, क्या खूब दिख रहे थे वो…..उनको देखने के बाद मेरी घबराहट ओर भी भदने लगी, पता नहीं कही साले मुझे पकड़ कर ढोने ना लग जाए, पतले होने के जगह मैं तो सीधा हॉस्पिटल ही पहुँच जाऊंगा…..ओर पता नहीं क्या क्या चल रहा था मेरे दिमाग में….
थोड़ी देर में देव मेरे पास आया और उसने कहा की….. मैंने बात कर ली है कोच सर से, तुम्हें रवि सर के अंदर में एक्साइज करनी है…. आओ मैं मिलवा देता हूँ तुम्हें रवि सर से…..
रवि सर ने भी अपनी बॉडी काफी मेंटेन कर रखी थी, देव ने मुझे उनसे मिलवाया…..थोड़ी देर कुछ फॉर्मल बातें करने के बाद मेरी हजामत स्टार्ट हो….
मैं अंकिता को प्यार करता हूँ ये तो मैं भी नहीं जनता था, इसलिए मैंने दी से कह दिया की नहीं मैं कोई प्यार व्यार नहीं करता अंकिता से….. लेकिन दी अपनी बात समझाए बिना कहा रहने वाली थी, सो उन्होंने स्टार्ट कर दिया फ्लॅशबॅक और मुझे एक एक बात याद दिलाने लगी, ओर समझने लगी की भाई ये सब दोस्ती नहीं इसे प्यार कहते है……
दी के इतना सब समझने पर भी जब मैं ना समझा तो उन्होंने मुझसे कहा…..
दी: देख खुशाल तू अभी उमर के जिस पड़ाव पर है ना उस जगह ये सब समझ में नहीं आता लेकिन जैसे जैसे तू बड़ा होगा तू ये सब समझ जाएगा……. ओर हां एक प्रॉमिस कर की तू ये बात किसी को नहीं बताएगा…..
मैं: ओके दी, प्रॉमिस, हां मुझे एक बात करनी थी आपसे
दी: हां बता,
मैं: मुझे पतला होना है…….
दी: क्या………… तुझे पतला होना है, लेकिन क्यों….
मैं: वो वो ना……
दी: अरे बता भी, क्या दुल्हन की तरह शर्मा रहा है…….
मैं: वो दी अंकिता मुझे हेयर बात पर मोटा, गेंडा कहती रहती है…….. मुझे ये बिलकुल अच्छा नहीं लगता……
दी: आआवववव…….. अंकिता…….. तब तो तुझे पतला होना ही पड़ेगा……ऐसा कर कल सुबह 5 बजे का अलार्म लगा ले…..
मैं: क्यों……
दी: अरे मेरे प्यारे भाई, तुझे पतला होना की नहीं….
मैं: हां होना है……. लेकिन इसका अलार्म से क्या मतलब….
दी: अरे यार…… वो देव सुबह सुबह जिम जाता है, तो मैं अभी उसे कह देती हूँ, कल से वो तुम्हें भी ले जाएगा……
मैं: उस गढ़े को आप क्यों कहोगी, उसे तो मैं ही कह दूँगा…..
दी(जुटा गुस्सा दिखाते हुए) : ओये अपने होने वाले जीजाजी को गढ़ा कहते शर्म नहीं आती…..
मैं: जीजा में फुट, चाहे वो मेरा जीजा बने या कुछ ओर…… मेरे लिए तो वो वही गढ़ा ओर नालयक रहेगा…… ओर वैसे भी अभी मैंने उसके ओर आपके रिश्ते को आक्सेप्ट भी नहीं किया….
दी: ओह मेला सोनू…….चल अभी तू सोजा कल सुबह जल्दी भी उतना है…..
मैं: बायें दी…. ग्न
दी: ग्न….
दी के जाने के बाद मैंने सुबह 5 बजे का अलार्म सेट किया और बिस्तर पर सोने के लिए लेट गया…..लेकिन आज शायद नींद भी दुश्मन हो गयी थी, ना जाने रही रही कर कभी दी और देव की बात मान में आती तो कभी आनी के शत लगाई शर्त की…..दिल बेचैन हुए जा रहा था, रात के 12 बज चुके थे ओर अभी तक आंखों में नींद का कोई निशान तक नहीं था…
सो मैं अपने रूम से निकला और जा पहुँचा दी के रूम में, ऐसा पहली बार नहीं था के मैं नींद ना आने के वजह से दी के रूम ने जा रहा था, जब भी मुझे कभी नींद ना आती थी तो मैं हमेशा दी के पास ही जाकर सोता था….पता नहीं दी के हाथों में क्या जादू था, की उनके मेरे सर पर हाथ फेरते ही मुझे नींद आ जा करती थी….
जब मैं दी के रूम में पहुँचा तो वो किसी से फोन पर बात कर रही थी, मेरे आने की आवाज़ से दी ने जब मुझे देखा तो उन्होंने बायें कह कर फोन काट दिया और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगी…..
दी: मेरी सोनू को नींद नहीं आ रही क्या आज……
मैं: हम….
दी: चल आ जा, मैं सुला देती हूँ तुझे….
मैं जा कर दी के पास लेट गया…..ओर वही हुआ……मुझे थोड़ी देर में ही नींद आ गयी……
सुबह अलार्म बजने से पहले ही दी ने मुझे उठा दिया था, ओर मैं अपनी शर्त पूरी करने के लिए आज पहली बार इतनी जल्दी उठ गया……थोड़ी देर फ्रेश होने के बाद मैं घर से बाहर आ गया…..
बाहर आते ही मुझे एक नयी दुनिया का अहसास हुआ……अभी दिसंबर मंथ चल रहा था और वो कड़ाके की शारडी, लेकिन फिर भी चारों तरफ लोगों की आवा जाहि लगी हुई थी, कोई अपने कानों में हेडफोन्स लगाए हुए अपनी ही मस्ती में वॉक कर रहा था तो कोई ग्रूप्स में ठहाके लगा लगा कर हंस रहा था, ये दुनिया मेरे लिए आज से पहले अंजनी सी थी…..
तभी देव भी अपनी बाइक ले कर आ गया, मुझे उसे देख कर एक अजीब सी फ़ीलिंग आ रही थी, लेकिन मरता क्या ना करता…..मुझे पतला जो होना था….निकल लिया मैं उसके साथ जिम के लिए….. आज जिम में मेरा पहला दिन था, सो मेरे मान में एक घबराहट सी थी, हालाँकि मैंने देव से जिम के बारे में थोड़ा बहुत सुन रखा था, लेकिन फिर भी आप तो जानते ही है… कोई भी नया काम करने से पहले एक घबराहट होती ही है….
तो चलो भाई, जिम आ गया……. देव ने मुझे बाइक से उतरते हुए कहा…..
मैंने इसके जवाब में कुछ नहीं कहा…बस चल पड़ा उसके पीछे पीछे….मैं जैसे जैसे जिम की तरफ तरफ रहा था, मेरी घबराहट भी वैसे ही बढ़ती जा रही थी…..
आख़िर कर हम पहुँच गये जिम में, अंदर घुसते ही मैंने देखा…..करीब 3-4 लंबे चौड़े मुआतांडे खड़े थे, उनके बॉडी के एक एक पार्ट पर कई कट्स थे, क्या खूब दिख रहे थे वो…..उनको देखने के बाद मेरी घबराहट ओर भी भदने लगी, पता नहीं कही साले मुझे पकड़ कर ढोने ना लग जाए, पतले होने के जगह मैं तो सीधा हॉस्पिटल ही पहुँच जाऊंगा…..ओर पता नहीं क्या क्या चल रहा था मेरे दिमाग में….
थोड़ी देर में देव मेरे पास आया और उसने कहा की….. मैंने बात कर ली है कोच सर से, तुम्हें रवि सर के अंदर में एक्साइज करनी है…. आओ मैं मिलवा देता हूँ तुम्हें रवि सर से…..
रवि सर ने भी अपनी बॉडी काफी मेंटेन कर रखी थी, देव ने मुझे उनसे मिलवाया…..थोड़ी देर कुछ फॉर्मल बातें करने के बाद मेरी हजामत स्टार्ट हो….