(UPDATE-13)
दोनों डांस कर रहे थे, तो मैं ओर आनी भी उन्हीं के पास डांस कर रहे थे, उन दोनों के बीच कुछ बातें चल रही थी…..
कॉन्वर्सेशन…..
दी: देव आख़िर ये सब कब तक चलेगा……हम दोनों यू कब तक इन सब के सामने एक दूसरे को इग्नोर करते रहेंगे…..आख़िर एक ना एक दिन तो सबको पता चल ही जाना है……फिर क्यों ये सब…..
देव: जानूं ऐसी बात नहीं है की मैं ये बात घर वालो को नहीं बताना चाहता लेकिन अभी ये सही टाइम नहीं है…..
दी: तो ये तुम्हारा सही टाइम आख़िर कब आएगा……तंग आ चुकी हूँ मैं इन सब बताओ से….
देव: जानूं तू समझ नहीं रही…….अभी अपनी वो उम्र नहीं हुई की ये बात घर वालो को बता सके……तुम तो फिर भी 18 की हो लेकिन मैं तो अभी ** का ही हूँ……इस उमर में हमारे रिश्ते को कोई आक्सेप्ट नहीं करेगा….
दी और देव की मैं इतनी ही बात सुन सका था…..एक तरफ मुझे ये जान कर खुशी थी, की दी को किसी से प्यार है……वही मुझे देव की इस करतूत पर गुस्सा भी आ रहा था, क्योंकि मैं देव को अपना भाई मानता था……इस हिसाब से दी और देव दोनों भाई बहन हुए……लेकिन साले की हिम्मत तो देखो…….
घर आने के बाद मेरे दिमाग में रुक रुक कर ये ही बातें आ रही थी……तभी दी मुझे आवाज़ देते हुए मेरे रूम में आ गयी……
दी बाद पर मेरे पास आ कर बैठ गयी…
दी: अरे मेरा प्यारा भाई…… क्या कर रहा है,
मैं: कुछ नहीं….
दी: यार जब से तू पार्टी से आया है, तेरा चेहरा बिलकुल केले (बनाना) लगे पेड़ (ट्री) के जैसे लटका हुआ है……पार्टी में ज्यादा खर्चा हो गया क्या, मेरे सोनू का…..
(पता नहीं क्यों आज मुझे दी बात करना कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, शायद मैं दी और देव के रीलेशन को आक्सेप्ट नहीं कर पा रहा था…)
मैं: नहीं ऐसी बात नहीं है…..और अभी आप जाओ प्लीज़ मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी….
दी: अले ले ले नलाज़ है मेला सोनू मुझसे…..
मैं: (गुस्से में) प्लीज़ दी अब ये अपना नाटक बंद करो और मुझे अकेला चोर्र दो……प्लीज़ मैं आपके पैर पड़ता हूँ……
मेरी बात सुन कर दी की आंखों में पानी आ गया, वो अंदर तक सहम उठी थी, उनकी नाम आँखें बार बार मुझे ही देखे जा रही थी, वो खुद नहीं समझ पा रही थी, इस वक्त वो क्या रिएक्शन दे…….
उधर दी तो मेरी बात सुन कर हैरान थी ही, इधर मैं खुद भी अपने बिहेव से हैरान था, दी की तरफ देखने की मेरी हिम्मत भी नहीं हो रही थी, लेकिन उनकी सिसकियों की आवाज़ से ये कन्फर्म था की वो रो रही थी…….
तभी दी ने मुझे गले से लगा लिया और रोते हुए मुझसे कहने लगी….
दी: क्या हुआ है सोनू तुझे आज, मुझसे क्या गलती हो गयी की तुम मुझसे ऐसा बिहेव कर रहे हो……
दी की बात सुन कर भी मैं चुप रहा, आख़िर कहता भी क्या की मुझे आपकी और उस लंगूर की जोड़ी अच्छी नहीं लगी…..थोड़ी देर बाद तक जब मेरा कोई जवाब ना आया तो दी वापस मुझसे कहने लगी…..
दी: बोल ना सोनू, आख़िर मैंने क्या गलत कर दिया……तुझे मेरी कसम है, अगर तूने ना बताया तो मैं कह देती हूँ की मैं अभी अपनी जान दे दूँगी…..
दी की जान देने वाली बात से मैं डर सा गया था, ओर अपने आप को दी से बोलने को रोक ना सका…..
मैं: खबरदार दी, जो आपने वापस ऐसा कुछ कहा तो…..
दी: ओर क्या काहु मैं, मेरा भाई मुझसे नाराज़ है ओर मुझसे बात करने को भी तैयार नहीं है…..
मैं: कुछ भी हो चाहे मगर आगे से ऐसी बात ना करना….
दी: अच्छा चल नहीं करूँगी…..लेकिन तू ये तो बता आख़िर बात क्या है……
हम दोनों भाई बहन अभी भी गले लगे हुए थे, मैंने दी को कंधों से पकड़ कर उन्हें थोड़ा दूर किया, और उनकी गोद में अपना सर रख के उनसे कहने लगा…..
मैं: दी, आप चाहती है की मैं आपसे सच सच बोलू……
दी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए, हां सोनू तू बोल तो सही….
मैं: पहले एक वादा करो की मैं जो भी पूछूँगा उसका आप सही सही जवाब दोगे……
दी: पक्का….
मैं: आप देव से प्यार करते है……
मेरी बात सुन कर दी थोड़ा हैरान हो गयी, लेकिन अगले ही पल उन्होंने अपने आप को संभाला ओर कहा: तुम्हें किसने कहा….
मैं: बात को घूमाओ मत दी ये बताओ हां या ना….
दी: नहीं…..
मैं: देखा मुझे पता था आप सच नहीं बोलोगे इसलिए ही मैं आपसे बात नहीं करना चाहता था, झुटे हो आप, मैंने अपने कानों से देव से ये सब कहते सुना था….
मेरी बातें दी को एक दम बआउन्सर सी लग रही थी, उनकी आँखें बाहर आने को हो रही थी….
मैं: बोलो दी, मैंने एक एक बात सुनी थी, जब आप ओर देव पार्टी में बातें कर रहे थे….
दी: हां करती हूँ मैं देव से प्यार……. यही सुन ना चाहता था ना तू…..
दी की एक बार फिर से आंखों में पानी आ चुका था…….लेकिन मैं तो ये जान ना चाहता था, की आख़िर दी को उस घधे में ऐसा क्या दिखा जो उन्हें उस लंगूर से प्यार हो गया…..
मैं: ये तो मुझे पता है दी, लेकिन मुझे ये समझ नहीं आ रहा की आख़िर देव ही क्यों….. में
दी अब थोड़ा सीरीयस हो गयी थी, उन्होंने मुझे अपनी गोद से उठाया और अपने चेहरे के सामने लेट हुए उन्होंने मुझसे कहा……
दी: चल तू मुझे एक बात बता…….तुझे अंकिता में क्या स्पेशल दिखता है……
दी की बात मेरे कुछ समझ नहीं आई,
मैं: आपके ओर देव के बीच मैं ओर अंकिता कहा से आ गये….
दी: अच्छा बेटा, एक बात बता तू अंकिता से प्यार