- 1,038
- 2,361
- 159
Update - 3.
*******
आपने पीछे update- 2 में पढ़ा था -----
साधु महात्मा बोले - बालक मैं तुझे उस कन्या की कुछ विशेषताओं के बारे में बता देता हूँ जिससे तुझे उस कन्या को खोजने में आसानी होगी लेकिन अपनी खोज तुझे स्वयं करनी होगी । तो सुन उस कन्या की विशेषताएं ---
1- उस कन्या का शरीर उसकी उम्र से ज्यादा बड़ा प्रतीत होगा ।
2- उस कन्या के वक्ष जैसे उसकी छातियां और नितंब भी विशालकाय होंगे।
3- उस कन्या को तेरे अलावा कोई और संतुष्ट नही कर पायेगा ।
4- और उस कन्या की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि उसके शरीर से उसके मूत्र की महक हर समय बिखरेगी, लेकिन उसे वही सूंघ पायेगा जिसके सामने वो नग्न होगी या जब उसके कोई बिल्कुल करीब होगा ।।
********
![Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery](https://i.ibb.co/pys0qxQ/Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery.jpg)
अब आगे ---------
ऐसा कहकर साधु महात्मा अपनी पत्नी को लेकर चले गए ।
उस दिन से आज तक मैं उस लड़की की तलाश करता आ रहा हूं और मेरे नीचे जो भी लड़की आती है वह संभोग करते हुए ही मर जाती है । अब तक सैकड़ों लड़कियां मर चुकी हैं लेकिन वह आज तक नहीं मिली जिसकी मुझे तलाश है ।
शीतल तो यह सुनकर कांप गयी मानो उसे कानों पर विश्वास नही हो रहा था ।
शीतल- नहीं वह लड़की में नहीं हूं । मेरी जान मत लो । आखिर तुम कैसे कह सकते हो कि वो लड़की मैं ही हूं ।
गब्बर सिंह - ये तुम अपनी नजर से देख रही हो, मेरी नजर से देखो। कितना भारी पिछवाड़ा है तुम्हारा , हल्के मोटे इंसान को तो 1 मिनट भी नहीं रुकने दोगी अपने ऊपर ।
यह सुनकर बुरी तरह से शर्मा गयी शीतल ।
शीतल अपने मुंह पर उदासी लाते हुए - देखिए आप की कहानी जो भी है मैं समझ सकती हूं , लेकिन मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है । मैं मरना नहीं चाहती ।
गब्बर सिंह- मेरा भी उद्देश्य तुम्हें मारने का का नहीं है , लेकिन मुझे लग रहा है तुम्हारा पिछवाड़ा इतना निकला हुआ है और तुम्हारी छातियां भी गोल गोल है , तो हो सकता है तूम ही निकल आओ वह लड़की और तुम मुझे जानती हो कि यह मैं जबर्दस्ती भी कर सकता हूं और मैं करूंगा ही । अब तुम पर निर्भर करता है कि अपनी मर्जी से मुझे यह करने दोगी या मैं जबर्दस्ती करूं ।
शीतल सुनकर डर गई अपनी इज्जत को बहुत ज्यादा प्यार करती थी।
उधर गब्बर सिंह ने अपना कुर्ता उतार दिया और अपना पजामा भी निकाल दिया ।
शीतल की तो आंखें फटी की फटी रह गई शीतल मन में सोचने लगी यह आदमी है या दानव । आज तक मैंने किसी भी लड़के या आदमी का ऐसा शरीर नहीं देखा । कितनी चौड़ी छाती है इस गुंडे की , दोनों निपल्स के बीच दो बिलांद का फासला है और कितने मांसल जांघ है इसकी । यह तो मेरी जान ही निकाल देगा तभी शीतल की नजर गब्बर सिंह के अंडरवियर पर पड़ी तो उसके हाथ उसके मुंह पर आ गए । क्योंकि कोई गोला सा रखा हुआ था गब्बर सिंह के अंडर वियर में ।
गब्बर सिंह ने अपना अंडरवियर भी उतार किया जैसे ही गब्बर सिंह ने अंडरवियर उतारा तो उसके अंडरवियर में गोला जैसी कोई और चीज नहीं बल्कि गब्बर सिंह का सोया हुआ महालंड था जो अंडर वियरउतरते ही लंबा होकर लटक गया । सोया हुआ लंड भी कम से कम 13 इंच का होगा ।
![IMG-20200921-131648 IMG-20200921-131648](https://i.ibb.co/0JCLpHY/IMG-20200921-131648.jpg)
शीतल की तो जान ही हलक को आ गई गब्बर सिंह का सोया हुआ महालंड देखकर । पहली बार लंड देखा था अपनी जिंदगी में शीतल ने लेकिन उसने पोर्न फिल्मों में सेक्स देखा था लेकिन उनके खड़े हुए लंड भी इतने लंबे उसने नहीं देखे थे जितना गब्बर सिंह का सोया हुआ लंड था । उसके सोए हुए लंड की मोटाई ही कलाई के बराबर थी ।
![IMG-20200921-132350 IMG-20200921-132350](https://i.ibb.co/St8jfdx/IMG-20200921-132350.jpg)
गब्बर सिंह हंसते हुए बोला - मुंह पर हाथ क्यों रखती है लंड का स्वागत कर। अगर तू इस लंड के नीचे टिक गई तो तेरी जिंदगी बचेगी वरना मर जाएगी। अब फैसला करना है कि तुम मेरे लंड को कैसे झेलोगी इसलिए अपने इस रोते हुए मुंह पर वासना ला और अपने पिछवाड़े को तैयार कर मेरे लंड का सामना करने के लिए और अपनी चूत में पानी ला मेरे लंड की रगड़ झेलने के लिए । यही एक रास्ता है बस तेरे पास बचने का ।
कमरे में सन्नाटा था लेकिन तभी कुछ देर बाद बाद एक भयंकर थप्पड़ की आवाज आई । बहुत ही ताकत से मारा गया थप्पड़ था ये ।
दोस्तों आप सोच रहे होगे कि कहानी में क्या ट्विस्ट आने वाला है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है हा हा हा हा । हां दोस्तों यह नैना का थप्पड़ नहीं बल्कि गब्बर सिंह का थप्पड़ था , जो शीतल की भारी भरकम गांड पर पड़ा था ।
बेशक शीतल के कूल्हे भरे हुए थे लेकिन फिर भी गब्बर सिंह जैसे दानव और ताकतवर गुंडे का थप्पड़ गांड पर पड़ते ही मुंह के बल गद्दे पर जा गिरी ।
शीतल के दोनों कूल्हे बुरी तरह से हिल गए शीतल के मुंह से एक दर्द भरी आह निकली शीतल हैरान रह गई उसकी ताकत का ये नमूना देखकर।
शीतल को विश्वास नहीं हुआ कि किसी इंसान के अंदर इतनी ताकत भी हो सकती हैं ।
गब्बर सिंह शीतल की गांड को बड़े ध्यान से देखे जा रहा था । जींस में फंसे हुए नितंब जीन्स फाड़कर बाहर आने को उतावले थे ।
गब्बर सिंह ने शीतल की जींस को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और चर्रर की आवाज से उसकी जीन्स को फाड़ दिया।
![IMG-20200921-121741 IMG-20200921-121741](https://i.ibb.co/fNgLxxF/IMG-20200921-121741.jpg)
हां दोस्तों गब्बर सिंह में इतनी ताकत थी कि उसने डेनिम की जींस को अपने हाथों से दो भागों में चीर कर फाड़ दिया।
शीतल के कूल्हे आजाद हो गए और गब्बर सिंह दोनों कूल्हों को विपरीत दिशा में खोलकर बड़े ही ध्यान से देखने लगा ।
शीतल की गांड का छेद ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे बार-बार खुल रहा हो और बंद हो रहा हो उसके नीचे शीतल की झांटों के बाल थे जिन्होंने शीतल की चूत को बिल्कुल ढका हुआ था ।
दोस्तों आप लोग गब्बर सिंह की ताकत का अंदाजा तो लगा ही चुके होंगे ।
शीतल इस ताकत के सामने अपने आपको बेबस महसूस कर रही थी । शीतल को कोई भी विरोध गब्बर सिंह के गुस्से को बढ़ा सकता था। इसलिए शीतल ने चुप रहना ही उचित समझा।
गब्बर सिंह ने अपनी नाक को शीतल के चूतड़ों के बीच रखा और ऐसे ही 1 मिनट तक सूंघ कर ऊपर उठा और बोला।
गब्बर सिंह - हां खुशबू तो तेरे मूत की ही है ।
शीतल ने शर्म की वजह से अपना मुंह गद्दे में छुपाया हुआ था।
गब्बर सिंह बोला - खड़ी हो मैं भी तो देखूं कि मेरे नीचे टिकने वाली लड़की आखिर दिखती कैसी है । चल मुझे इस कमरे में चल कर दिखा।
शीतल बिल्कुल मौन थी अपनी फटी हुई जींस को पहने हुए ही वह खड़ी हुई और कमरे में घूमने लगी। जींस फटी होने की वजह से उसके नितंब आजाद हो गए थे और चलते हुए काफी हिल रहे थे उन्ही हिलते हुए चूतड़ों को देखकर वासना और हवस का शिकार हो गया गब्बर सिंह और उसने अपने लोड़े को हिलाना शुरू कर दिया । लंड धीरे-धीरे अपनी औकात में आने लगा।
गब्बर सिंह - क्या खाकर जना है तेरी मां ने तुझे जो तू इतनी गदरायी हुई है । तुझे तो चूतों की राजकुमारी होना चाहिए । मेरे लंड लीलने के लिए तेरे जैसी भरी हुई लौंडिया ही होनी चाहिए । तू ही है जो मेरे लोड़े को अपनी चूत में उतार पाएगी । चला आजा ।
![IMG-20200921-121630 IMG-20200921-121630](https://i.ibb.co/n0DyXWb/IMG-20200921-121630.jpg)
ऐसा कहकर गब्बर सिंह गद्दे पर लेट गया ।
शीतल ने जैसे ही गब्बर सिंह को लेटा हुआ देखा तो उसके आश्चर्य की सीमा ना रही क्योंकि गब्बर सिंह का लोड़ा शीतल के हाथ की कोहनी के बराबर था।
इतना लंबा मोटा महालंड कैसे झेलेगी वह यही सोच रही थी शीतल।
धीरे-धीरे कदमों से गब्बर सिंह के पास गयी शीतल ।
गब्बर सिंह ने उसका हाथ पकड़कर उसे झटका दिया और अपनी तरफ खींच लिया ।
किसी बच्चे की तरह गब्बर सिंह के बराबर में लेट गई शीतल ।
गब्बर सिंह ने उसके कपड़ों को उतार दिया और बिल्कुल नंगी कर दिया शीतल को ।
शीतल ने तो अपने हाथों को अपने मुंह पर रख लिया अपनी आंखें मूंद ली। लेकिन गब्बर सिंह की आंखें सिर्फ एक जगह पर टिकी हुई थी और वह थी शीतल की झांटों से भरी हुई चूत ।
गब्बर सिंह ने चूत के जंगल में हाथ फेरा तो गनगना उठी शीतल ।
गब्बर सिंह- तेरी चूत पर तो झांटें ऐसे पहरा दे रही हैं जैसे इस खाजाने की रक्षा कर रही हों ।
शीतल - हम्म मुझे जाने दो प्लीज ।
गब्बर सिंह (झांटों में उंगलियां घूमाते हुए )- जाने दूंगा पहले लंड तो डाल दुं तेरी इस गीली चूत में ।
गब्बर सिंह ने शीतल की टांगों को मोड़ कर उसकी छाती से लगाया अब तो शीतल की चूत खुलकर सामने आगयी ।
मोटी मोटी जांघों के बीच में काली झांटों से भरी हुई वो चूत देखकर गब्बर सिंह को यकीन हो गया कि शीतल ही उसका लंड झेल पाएगी ।
अब गब्बर सिंह अपने मुंह से शीतल की चूत पर थूकना शुरू कर देता है ।गब्बर सिंह ने शीतल की चूत पर एक या दो बार नहीं बल्कि लगातार दो मिनट तक थूकता ही रहा । गब्बर सिंह से उनके मुंह से थूक निकलकर सीधा शीतल की चूत पड़ता और झांटों में उलझ जाता।
शीतल को कुछ अजीब सा लगा तो उसने देखा कि गब्बर सिंह उसकी टांगों को उसकी छाती से लगाकर उसकी चूत पर थूकता ही चला जा रहा है ।
शीतल को अपनी तरफ देखते हुए गब्बर सिंह बोला- हैरान मत हो मेरे लंड को झेलने के लिए तेरी चूत को पूरी तरह से तैयार कर रहा हूं । जितना ज्यादा थूक तेरी चूत पर थुकूँगा उतना ही आराम से झेल पाएगी मेरे लोड़े को।
शीतल ने फिर शर्म से अपना चेहरा छुपा लिया । लगभग दो-तीन मिनट तक शीतल की चूत पर थूकने के बाद गब्बर सिंह ने देखा कि शीतल की चूत उसके थूक से सन गई है । शीतल की चूत जो अभी झांटों की वजह से काली नजर आ रही थी वह अब सफेद नजर आने लगी थी।
गब्बर सिंह ने पास में रखी तेल की शीशी ली और उसमें से तेल निकालकर अपने लोड़े पर लगाने लगा । कम से कम आधी शीशी तेल लोड़े पर मलने के बाद अपने लंड को चिकनाहट से चमका लिया ।
तेल की कुछ बूंदे लोड़े के सुपड़े से होते हुए नीचे टपकने लगी। यह बूंदे नीचे गद्दे पर नहीं बल्कि सीधी शीतल की चूत पर गिर रही थी ।
अजीब नशा हुआ शीतल को इसका और ना चाहते हुए भी उसका हाथ अपनी चूत पर चला गया । शीतल अपनी छातियों को छत उठाकर चूत सहलाते हुए किसी मछली की तरह तड़पने लगी ।गब्बर सिंह शीतल की यह हालत देखकर मुस्कुराया और बोला ।
गब्बर सिंह- आज तेरी इस पनियाती हुई चूत में अपना लंड डालकर मैं तुझे अपनी रानी बना लूंगा, फिर कभी नहीं तड़पने दूंगा इस तरह तुझे लंड के लिए । तुझे देख कर ही लग रहा है कि तू एक गर्म लौंडिया है , ले झेल मेरा लौड़ा ।
ऐसा कहकर गब्बर सिंह ने अपने लंड का सुपाड़ा शीतल की चूत पर रखा और शीतल की चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा ।
![IMG-20200921-132304 IMG-20200921-132304](https://i.ibb.co/zZdjkTX/IMG-20200921-132304.jpg)
शीतल के लिए भी बर्दाश्त से बाहर हुआ जब चिकना लंड झांटों से भरी हुई चूत पर फिसलने लगा तो शीतल की चूत ने पानी उड़ेल दिया ।
अब गब्बर सिंह ने शीतल की दोनों टांगों को छाती से लगाया और शीतल के ऊपर आ गया ।
ऊपर छत की तरफ से देखने पर सिर्फ गब्बर सिंह ही दिखाई दे रहा था , शीतल तो उसके नीचे दिख ही नहीं रही थी , ऐसा शरीर था गब्बर सिंह का।
गब्बर सिंह अपने लंड को उसकी चूत पर रखने के बाद धीरे-धीरे सहलाते हुए चूत के छेद को टटोलने लगा ।
इतना मोटा सुपाड़ा होगा तो छेद का तो दोस्तों पता ही नहीं चलेगा और यही वजह थी की समझ नहीं आ रहा था गब्बर सिंह को की लंड कहां घुसाए और कहां नही ।
शीतल की जांघो पर मानो कोई पहाड़ रख दिया हो इतना वजन महसूस कर रही थी शीतल ।
तभी शीतल को महसूस हुआ कोई जैसे उसकी चूत में कोई गेंद घुसने की कोशिस कर रही हो , लेकिन ये कोई गेंद नहीं बल्कि गब्बर सिंह के महालंड का सुपाड़ा था ।
शीतल ने एक बार अपनी चूत को सहलाया तभी गब्बर सिंह बोला - हां मेरी गदरायी हुई भैंस अब ये चूत लौड़ा खाने के लिए तैयार है ।
जैसे ही गब्बर सिंह ने ऐसा बोला तो शीतल ने शर्म से अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया तभी शीतल को अपने चेहरे पर कुछ गीला गीला लगा , ये क्या ये तो गब्बर सिंह का थूक था जो गब्बर ने उसकी चूत पर 2,3 मिनट तक थूका था । शीतल ने तुरंत हाथ हटा लिए मुह से ।
अपनी चौड़ी चौड़ी जांघो को फैलाये गब्बर सिंह जैसे महाबली ताकतवर इंसान के नीचे लेटी हुई शीतल किसी कामदेवी से कम नही लग रही थी और अब तो मादकता की हद पार हो गयी जब उसने गलती से अपना ही चेहरा गब्बर सिंह के थूक से सान लिया ।
तभी---
तभी गब्बर सिंह ने अपनी कमर पर थोड़ा दबाव बनाया लेकिन शीतल की चूत पर ज्यादा थूक होने की वजह से लंड शीतल की चूत से फिसलकर उसकी गांड के छेद से रगड़ते हुए फिसल गया ।
शीतल गनगना गयी । गब्बर सिंह ने फिर अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ा शीतल यह देखकर हैरान रह गयी की गब्बर सिंह इंसान के चौड़े हाथ से लंड पकड़ने के बाद भी आधे से ज्यादा लंड तो हाथ से बाहर लटक रहा था ।
गब्बर सिंह ने दोबारा से शीतल की जांघो को चौड़ाया और अपने हाथ से अपना महालंड पकड़कर शीतल की चूत के छेद पर रखा । गब्बर सिंह ने अपने हाथ से कसकर पकड़ रखा था लौड़े को ताकि फिसल ना जाये ।
तभी ----
अपनी कमर में हल्की सी जान इक्कठी करके (हां दोस्तों गब्बर सिंह जैसे ताकतवर इंसान को थोड़ी सी ही जान लगाने की जरूरत थी) एक झटका लगाया । झटका लगाया ही था कि तभी ---
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
गब्बर सिंह का आलू जैसा सुपाड़ा चूत में घुस चुका था दोस्तों जिस वजह से ये भयंकर चीख शीतल के मुँह से निकली । चीख इतनी भयंकर और तेज थी कि पूरा कमरा गूंज गया शीतल की चीख से । गेट लगा होने के बाद भी ये चीख बाहर गब्बर सिंह के गुंडों ने साफ सुनी और आपस मे बात करने लगे ।
![IMG-20200921-131947 IMG-20200921-131947](https://i.ibb.co/DkmKNKJ/IMG-20200921-131947.jpg)
भीमा उदास सा होते हुए - लगता है ये भी मर गयी साली ।
दूसरा गुंडा (जिसका नाम जगवीर था लेकिन पूरा इलाका इसे जग्गा डाकू के नाम से जानता था ) बोला - हां यार भीमा सही कह रहा है इसकी चीख सुनकर तो यही लग रहा है कि इसका भी सबकी तरह काम तमाम हो गया ।
दोस्तों इन गुंडों को अभी ये पता नही था कि ये चीख तो सिर्फ सुपाड़ा घुसने से निकली थी ।
उधर शीतल की दोनों आंखों से आंसू बहकर साइड से नीचे गिरने लगे । शीतल अपनी पूरी ताकत से गब्बर सिंह को हटाने की कोशिस करने लगी लेकिन शीतल की ताकत का मानो गब्बर सिंह पर कोई असर ही नही हो रहा था । शीतल ने अपनी पूरी ताकत से गब्बर सिंह की छाती में मुक्के मारने शुरू किये और शीतल हैरान रह गयी । क्योंकि शीतल पूरी ताकत से घूंसे मार रही थी और बदले में गब्बर सिंह मुस्कुरा रहा था ।
अब गब्बर सिंह ने शीतल की हालत को देखकर उसे नॉर्मल करने के लिए एक अंगूठे से शीतल की चूत के दाने को सहलाना शुरू किया । शीतल के चुचों को सहलाना शुरू किया । पांच मिनट तक सहलाने के बाद भी शीतल की हालत में कोई सुधार नही हुआ । शीतल का मुंह लाल पड़ गया आंखों से आंसू बहने लगे , होंठ लगातार थरथरा रहे थे । कमरे में ac होने के बावजूद भी पसीने - पसीने थी शीतल ।
अब गब्बर सिंह ने देर करना उचित नही समझा उसने फिर एक झटका लगाया -
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
झटका मारते वक्त गब्बर सिंह ने अपना पूरा वजन शीतल के ऊपर डाल दिया था । इतने भारी और बलशाली पुरुष के धक्के से पूरा लंड अंदर चला जाता लेकिन गब्बर सिंह का चार इंच लौड़ा ही शीतल की चूत में उतर पाया । इसकी वजह थी महालंड की मोटाई ।
शीतल की हालत तो बयां ही ना हो पाए ऐसी हालत हो चली थी शीतल की । चूत में कोई खूंटा गाढ़ रहा हो ऐसा लग रहा था शीतल को ।
शीतल का मुंह अब O के आकार में खुला हुआ था और माथे पर पसीना ।
![IMG-20200921-132148 IMG-20200921-132148](https://i.ibb.co/Z151TX6/IMG-20200921-132148.jpg)
जैसे ही ये दूसरी चीख बाहर गुंडों के कान में पहुंची अचानक उनमें खुशियों का माहौल सा छा गया ।
भीमा - अरे जग्गा ये तो जिन्दी है बे , मतलब ये वही लड़की है hahahaha । मतलब ये झेल गयी मालिक के महालंड को ।
जग्गा - अरे हां भीमा तूने सही बोला क्योंकि आजतक किसी लड़की की दूसरी चीख नही सुनाई दी हर लड़की मालिक के पहले झटके में ही मर जाती है ।
भीमा - आखिर मालिक को भी मिल गयी आज उनकी दुल्हन । मुझे पहले से ही पता था ये लड़की ही झेल पाएगी मालिक को ।
जग्गा - हां देखा नही है क्या कितनी गदरायी हुई माल है , ऐसी गदरायी हुई लौंडियों को ही जरूरत होती है मोटे तगड़े लौड़े की ।
भीमा - चलो तो देर किस बात की मालिक को मनाने दो अपनी सुहागरात दिन में ही और हम लोग पार्टी शुरू करते है ।
जग्गा - हां भीमा वैसे भी मालिक आज तक झड़े नही हैं कभी भी आज मालिक का वीर्य पहली बार उनके महालंड से बाहर निकलेगा । खुसी की तो बात है ही पार्टी में देरी कैसी फिर ।
ऐसा कहकर सभी गुंडे ठहाका लगाकर हंस पड़े ।
(दोस्तों अगर आपको पता नही हो तो बता दूं कि गांव में तो गब्बर सिंह का राज चलता ही था, साथ मे गब्बर सिंह के खुद के दस शराब के ठेके भी चलते थे जिनमें से एक ठेका गांव में ही खोल रखा था गब्बर सिंह ने)
तभी भीमा ने ठेके वाले को फोन किया और कहा आज मालिक बहुत खुश है उन्होंने खाने का इंतजाम करने को बोला है पांच मिनट में ।
भीमा ने आर्डर दिया - दारू की दो पेटियां मंगाई और 30 किलो मुर्गा ।
तकरीबन पांच मिनट बाद ही एक गाड़ी हवेली में घुसी जो order लेकर आया था ।
पार्टी शुरू हो चुकी थी बाहर गब्बर सिंह के सभी गुंडों की । बिना ये जाने की कमरे के अंदर क्या गब्बर सिंह और शीतल के बीच क्या चल रहा है ।
उधर कमरे में गब्बर सिंह अपना 4 इंच लौड़ा शीतल की चूत में उतरकर उसके ऊपर चढ़ा बैठा था ।
जब शीतल का दर्द असहनीय हो गया तो शीतल ने अपने हाथों से गब्बर सिंह की पीठ पर नोचा लेकिन गब्बर सिंह को कोई असर नही हुआ । गब्बर सिंह अपने भयानक चेहरे से शीतल को देखता रहा । शीतल के नाखूनों में गब्बर सिंह की पीठ की खाल भी नोचने के साथ छीलकर आगयी लेकिन गब्बर सिंह को कोई असर नही पड़ा । शीतल की चूत से खून निकालकर गद्दों पर गिरने लगा ।
तजरीबन दो मिनट तक ऐसे ही शीतल को दबोचे हुए अपना महालंड हल्का सा बाहर खींचना चाहा गब्बर सिंह ने लेकिन उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे शीतल भी उसके साथ उठती चली जायेगी , यह देखकर गब्बर सिंह रुक गया ।
गब्बर सिंह ने शीतल की मोटी मोटी जांघो को सहलाया । गब्बर सिंह ने देखा तो उसका एक चौथाई महालंड शीतल की चूत में फसा हुआ था । उसका आधा मोटा लौड़ा शीतल की चूत की झांटों ने घेरा हुआ था ।
गब्बर सिंह ने इस बार थोड़ा जोर लगाकर एक हुंकार भरते हुए लौड़ा अंदर ठेलने के लिए झटका मारा ।
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
झटका इतना जोरदार मारा गया कि शीतल की चूत साइडों से चीरती हुई चली गयी , इतना बलशाली झटका खाकर शीतल बेहोश हो गयी । गब्बर सिंह ने अपने चूतड़ों को भींचकर ये धक्का मारा था जिस वजह से गब्बर सिंह के आधा महालंड यानी 8 या 9 इंच लौड़ा चूत में उतर गया ।
![IMG-20200921-122046 IMG-20200921-122046](https://i.ibb.co/P4mG3L4/IMG-20200921-122046.jpg)
गब्बर सिंह ने देखा कि शीतल अभी होश में नही है । गब्बर सिंह फूला नही समा रहा था खुसी से क्योंकि उसका आधा महालंड भी आजतक कोई लड़की नही झेल पाई थी , लेकिन शीतल की चूत भी फटी खून भी बह रहा था लेकिन शीतल मरी नही थी सिर्फ बेहोश हुई थी ।
अब गब्बर सिंह को यकीन हो चला था कि शीतल ही वो लड़की है जिसकी तलाश उसे थी ।
बाहर गब्बर सिंह के गुंडो ने जैसे ही तीसरी चीख सुनी अब तो वो ताली मार-मारकर हंसने लगे और दारू मुर्गा उधेड़ने लगे ।
अंदर तकरीबन 5 मिनट बाद शीतल को होश आया जब गब्बर सिंह ने शीतल के गालों को चाटा ।
(प्रिय पाठकों यहाँ आप लोग सोच रहे होंगे कि कैसी चुदाई लिख रहा है राइटर । ना कोई किस चुम्मी , ना कोई चूत लंड चाटा-चाटी डायरेक्ट लौड़ा डलवा दिया, गाल भी चाटा तो होश में लाने के लिए , तो प्रिय पाठकों मै कहानी के अनुसार ही लिख रहा हूँ क्योंकि गब्बर सिंह को सबसे पहले उस लड़की की तलाश थी फिर उसे देखना था कि वो ही ये लड़की है या नही इसलिए चुम्मा चाटी में समय नही गंवाता था गब्बर सिंह । बाकी आप समझ गए होंगे )
अब तकरीबन पांच मिनट बाद शीतल को होश आया उसकी आंखें खुली ।
आंखे खुलते ही फिर से शीतल के चेहरे पर डर छा गया जब उसकी नजर मुस्कुराते हुए गब्बर सिंह पर पड़ी । शीतल को अब गब्बर सिंह का वजन झेलने में भी परेशानी हो रही थी इतना भारी भी था गब्बर सिंह । शीतल की मोटी गांड भी गद्दों में धंस गयी थी ।
गब्बर सिंह ने शीतल की आंखों में देखते हुए अपनी पूरी जान लगाकर झटका मारा , ये पहला झटका था जिसमे गब्बरसिंह ने जान लगाई थी--
इसबार कोई चीख नही कोई प्रितिक्रिया नही हुई शीतल की तरफ से ।
इसबार हुआ ये था कि गब्बर सिंह का लौड़ा शीतल के बच्चेदानी को फाड़ता हुआ , चूत की धज्जियां उड़ाता हुआ जड़ थक उतर गया था , उतर गया था कहना गलत होगा यारों गब्बर सिंह का महालंड चूत को चीरता हुआ जड़ तक ठुक गया था ।
यही वजह थी कि शीतल इसे सहन नही कर पाई और गब्बर सिंह की तरफ देखते हुए उसने अपनी आखरी सांस ली और इस दुनिया से विदा हो गयी ।
जैसे ही गब्बर सिंह की नजर शीतल की पथराई आंखों और रुकी हुई सांसो पर पड़ी गब्बर सिंह के मुंह से निकला - ये भी गयी भोसड़ी वाली , ये भी वो लड़की नही है ।
ऐसा कहकर गब्बर सिंह ने अपना लौड़ा बाहर खींचा तो शीतल की चुत की खाल भी खींचने लगी उसकी मोटाई की वजह से लेकिन अब क्या मर चुकी थी शीतल तो । गब्बरसिंह ने एक झटके से महालंड बाहर खींच लिया । लौड़ा बाहर आते ही खून की नाली सी बहने लगी शीतल की चूत से ।
गब्बर सिंह ने खून में लथपथ लौड़े को साफ किया और कमरे में टंगे दूसरे कुर्ते पजामा पहन लिया ।
गब्बर सिंह चिल्लाते हुए गेट खोलने लगा - भीमा ओ भीमा लगा दे भोसड़ी वाली की लाश को ठिकाने ।
लेकिन भीमा , जग्गा और सभी तो पार्टी में व्यस्त और मग्न थे ।
गेट खोलते ही जैसे ही गब्बर सिंह की नजर बाहर हॉल में पड़ी तो वहां सब दारू पी रहे थे मुर्गा खा रहे थे।
गब्बर सिंह( मन ही मन में) - इनकी मा का भोसड़ा , यहाँ जिस लड़की की तलाश है वो मिल नही रही , एक लड़की मर गयी ऊपर से ये माधरचोद यहाँ दारू मुर्गा के मजे ले रहे है ।
ऐसा सोचकर गब्बर सिंह ने अपनी पिस्तौल निकाली और सीधी तान दी अपने गुंडो के ऊपर ।
------ धाआयं -----
ये गोली एक गुंडे के माथे पर लगी जिससे वो वहीं पर ढेर हो गया।
गोली चलते ही सारे गुंडों का नशा एक सेकंड में मा की चूत में चला गया । hahaha मतलब एक सेकंड में सारा नशा उतर गया ।
सभी के हाथ कांपने लगे, माथे पर पसीने के साथ साथ ख़ौफ़ भी छा गया ।
सबके मुँह से एक ही बात निकली - म-मालिक हमसे क्या गलती हो गयी ।
गब्बर सिंह - बहन-के-लौड़ों ये किस बात की खुसी मनाई जा रही है । आज तुम्हारी जिंदगी का आखिरी दिन है ।
यह सुनकर सभी डरने लगे तब भीमा आगे आया (जो गब्बर सिंह का राइट हैंड था) और बोला - गुस्ताखी माफ करना मालिक । ये खुसी हमारी नही बल्कि आपकी है । आजतक किसी भी लड़की की दूसरी चीख नही सुनी थी हमने लेकिन आज जब दो तीन चीखें सुनी तो हमारी खुसी का ठिकाना नही रहा की मालिक को मिल गयी उनकी दुल्हन । इसलिए ये खुसी मनाई जा रही थी मालिक ।
जब गब्बर सिंह ने ये सुना तो उसका गुस्सा शांत हो गया उसने सोचा कि मेरे गुर्गे भी मेरे दुख से दुखी और सुख से सूखी होते है , कितने अच्छे बंदे रखे हैं मैंने । ऐसा सोचकर गब्बर सिंह बोला - नही भीमा , ये भी मर गयी ।
जैसे ही ये सुना सबने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और एक ही बात निकली - क्या मालिक ।
तभी ----
तभी ----
गब्बर की हवेली ले बाहर किसी की चीख सुनकर सबके चेहरे गेट की तरफ मुड़ गए ।
कोई कुछ समझ पाता उससे पहले मेन गेट खुला और सबकी आंखे उस दृश्य पर जम गयीं ।
सबसे आगे नैना खड़ी थी और उसके पीछे पूरे गांव की भीड़ ।
नैना की लाल आंखे , खुले बाल बिल्कुल चंडी का रूप धारण किया हुआ था नैना ने ।
नैना के हाथ मे फसल काटने वाली दरांती थी जिसपर खून लगा हुआ था ।
![IMG-20200921-121411 IMG-20200921-121411](https://i.ibb.co/3BxrB2g/IMG-20200921-121411.jpg)
आज पहली बार गब्बर सिंह को नैना के फिगर का अंदाजा हुआ । क्योंकि आज नैना ने भी एक white टॉप और नीली लैगिंग पहनी हुई थी ।
गब्बर सिंह नैना को देखकर , नैना की तुलना शीतल से करने लगा । गब्बर सिंह को अहसास हुआ कि शीतल भी गदरायी हुई है पूरी लेकिन फिर भी नैना और शीतल के फिगर में जमीन आसमान का अंतर है । गब्बर से अपने मन में दोनों की तुलना करने लगा कि अगर दोनों को एक जैसे कपड़े पहनाकर खड़ा किया जाए तो दोनों कैसी लगेंगी ।
गब्बर सिंह ने मन मे मंथन करके दोनों के फिगर की जब कल्पना की तो वो कुछ ऐसी थी -
जैसी नीचे फ़ोटो में दी गयी है ।
![IMG-20200921-134109 IMG-20200921-134109](https://i.ibb.co/PrmjZwR/IMG-20200921-134109.jpg)
गब्बर सिंह को समझते देर ना लगी कि नैना ने बाहर गेट पर खड़े उसके गुंडे को दरांती से मार दिया है ।
नैना धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी साथ मे पूरे गांव की भीड़ भी ।
********
कहानी जारी रहेगी दोस्तों । बताना जरूर कहानी कैसी चल रही है ।
आपके comments पढ़कर ही आगे लिखने का मन करता है ।
आपका अपना - Rachit .
********
*******
आपने पीछे update- 2 में पढ़ा था -----
साधु महात्मा बोले - बालक मैं तुझे उस कन्या की कुछ विशेषताओं के बारे में बता देता हूँ जिससे तुझे उस कन्या को खोजने में आसानी होगी लेकिन अपनी खोज तुझे स्वयं करनी होगी । तो सुन उस कन्या की विशेषताएं ---
1- उस कन्या का शरीर उसकी उम्र से ज्यादा बड़ा प्रतीत होगा ।
2- उस कन्या के वक्ष जैसे उसकी छातियां और नितंब भी विशालकाय होंगे।
3- उस कन्या को तेरे अलावा कोई और संतुष्ट नही कर पायेगा ।
4- और उस कन्या की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि उसके शरीर से उसके मूत्र की महक हर समय बिखरेगी, लेकिन उसे वही सूंघ पायेगा जिसके सामने वो नग्न होगी या जब उसके कोई बिल्कुल करीब होगा ।।
********
![Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery](https://i.ibb.co/pys0qxQ/Screenshot-2020-09-05-14-42-27-794-com-miui-gallery.jpg)
अब आगे ---------
ऐसा कहकर साधु महात्मा अपनी पत्नी को लेकर चले गए ।
उस दिन से आज तक मैं उस लड़की की तलाश करता आ रहा हूं और मेरे नीचे जो भी लड़की आती है वह संभोग करते हुए ही मर जाती है । अब तक सैकड़ों लड़कियां मर चुकी हैं लेकिन वह आज तक नहीं मिली जिसकी मुझे तलाश है ।
शीतल तो यह सुनकर कांप गयी मानो उसे कानों पर विश्वास नही हो रहा था ।
शीतल- नहीं वह लड़की में नहीं हूं । मेरी जान मत लो । आखिर तुम कैसे कह सकते हो कि वो लड़की मैं ही हूं ।
गब्बर सिंह - ये तुम अपनी नजर से देख रही हो, मेरी नजर से देखो। कितना भारी पिछवाड़ा है तुम्हारा , हल्के मोटे इंसान को तो 1 मिनट भी नहीं रुकने दोगी अपने ऊपर ।
यह सुनकर बुरी तरह से शर्मा गयी शीतल ।
शीतल अपने मुंह पर उदासी लाते हुए - देखिए आप की कहानी जो भी है मैं समझ सकती हूं , लेकिन मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है । मैं मरना नहीं चाहती ।
गब्बर सिंह- मेरा भी उद्देश्य तुम्हें मारने का का नहीं है , लेकिन मुझे लग रहा है तुम्हारा पिछवाड़ा इतना निकला हुआ है और तुम्हारी छातियां भी गोल गोल है , तो हो सकता है तूम ही निकल आओ वह लड़की और तुम मुझे जानती हो कि यह मैं जबर्दस्ती भी कर सकता हूं और मैं करूंगा ही । अब तुम पर निर्भर करता है कि अपनी मर्जी से मुझे यह करने दोगी या मैं जबर्दस्ती करूं ।
शीतल सुनकर डर गई अपनी इज्जत को बहुत ज्यादा प्यार करती थी।
उधर गब्बर सिंह ने अपना कुर्ता उतार दिया और अपना पजामा भी निकाल दिया ।
शीतल की तो आंखें फटी की फटी रह गई शीतल मन में सोचने लगी यह आदमी है या दानव । आज तक मैंने किसी भी लड़के या आदमी का ऐसा शरीर नहीं देखा । कितनी चौड़ी छाती है इस गुंडे की , दोनों निपल्स के बीच दो बिलांद का फासला है और कितने मांसल जांघ है इसकी । यह तो मेरी जान ही निकाल देगा तभी शीतल की नजर गब्बर सिंह के अंडरवियर पर पड़ी तो उसके हाथ उसके मुंह पर आ गए । क्योंकि कोई गोला सा रखा हुआ था गब्बर सिंह के अंडर वियर में ।
गब्बर सिंह ने अपना अंडरवियर भी उतार किया जैसे ही गब्बर सिंह ने अंडरवियर उतारा तो उसके अंडरवियर में गोला जैसी कोई और चीज नहीं बल्कि गब्बर सिंह का सोया हुआ महालंड था जो अंडर वियरउतरते ही लंबा होकर लटक गया । सोया हुआ लंड भी कम से कम 13 इंच का होगा ।
![IMG-20200921-131648 IMG-20200921-131648](https://i.ibb.co/0JCLpHY/IMG-20200921-131648.jpg)
शीतल की तो जान ही हलक को आ गई गब्बर सिंह का सोया हुआ महालंड देखकर । पहली बार लंड देखा था अपनी जिंदगी में शीतल ने लेकिन उसने पोर्न फिल्मों में सेक्स देखा था लेकिन उनके खड़े हुए लंड भी इतने लंबे उसने नहीं देखे थे जितना गब्बर सिंह का सोया हुआ लंड था । उसके सोए हुए लंड की मोटाई ही कलाई के बराबर थी ।
![IMG-20200921-132350 IMG-20200921-132350](https://i.ibb.co/St8jfdx/IMG-20200921-132350.jpg)
गब्बर सिंह हंसते हुए बोला - मुंह पर हाथ क्यों रखती है लंड का स्वागत कर। अगर तू इस लंड के नीचे टिक गई तो तेरी जिंदगी बचेगी वरना मर जाएगी। अब फैसला करना है कि तुम मेरे लंड को कैसे झेलोगी इसलिए अपने इस रोते हुए मुंह पर वासना ला और अपने पिछवाड़े को तैयार कर मेरे लंड का सामना करने के लिए और अपनी चूत में पानी ला मेरे लंड की रगड़ झेलने के लिए । यही एक रास्ता है बस तेरे पास बचने का ।
कमरे में सन्नाटा था लेकिन तभी कुछ देर बाद बाद एक भयंकर थप्पड़ की आवाज आई । बहुत ही ताकत से मारा गया थप्पड़ था ये ।
दोस्तों आप सोच रहे होगे कि कहानी में क्या ट्विस्ट आने वाला है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है हा हा हा हा । हां दोस्तों यह नैना का थप्पड़ नहीं बल्कि गब्बर सिंह का थप्पड़ था , जो शीतल की भारी भरकम गांड पर पड़ा था ।
बेशक शीतल के कूल्हे भरे हुए थे लेकिन फिर भी गब्बर सिंह जैसे दानव और ताकतवर गुंडे का थप्पड़ गांड पर पड़ते ही मुंह के बल गद्दे पर जा गिरी ।
शीतल के दोनों कूल्हे बुरी तरह से हिल गए शीतल के मुंह से एक दर्द भरी आह निकली शीतल हैरान रह गई उसकी ताकत का ये नमूना देखकर।
शीतल को विश्वास नहीं हुआ कि किसी इंसान के अंदर इतनी ताकत भी हो सकती हैं ।
गब्बर सिंह शीतल की गांड को बड़े ध्यान से देखे जा रहा था । जींस में फंसे हुए नितंब जीन्स फाड़कर बाहर आने को उतावले थे ।
गब्बर सिंह ने शीतल की जींस को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और चर्रर की आवाज से उसकी जीन्स को फाड़ दिया।
![IMG-20200921-121741 IMG-20200921-121741](https://i.ibb.co/fNgLxxF/IMG-20200921-121741.jpg)
हां दोस्तों गब्बर सिंह में इतनी ताकत थी कि उसने डेनिम की जींस को अपने हाथों से दो भागों में चीर कर फाड़ दिया।
शीतल के कूल्हे आजाद हो गए और गब्बर सिंह दोनों कूल्हों को विपरीत दिशा में खोलकर बड़े ही ध्यान से देखने लगा ।
शीतल की गांड का छेद ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे बार-बार खुल रहा हो और बंद हो रहा हो उसके नीचे शीतल की झांटों के बाल थे जिन्होंने शीतल की चूत को बिल्कुल ढका हुआ था ।
दोस्तों आप लोग गब्बर सिंह की ताकत का अंदाजा तो लगा ही चुके होंगे ।
शीतल इस ताकत के सामने अपने आपको बेबस महसूस कर रही थी । शीतल को कोई भी विरोध गब्बर सिंह के गुस्से को बढ़ा सकता था। इसलिए शीतल ने चुप रहना ही उचित समझा।
गब्बर सिंह ने अपनी नाक को शीतल के चूतड़ों के बीच रखा और ऐसे ही 1 मिनट तक सूंघ कर ऊपर उठा और बोला।
गब्बर सिंह - हां खुशबू तो तेरे मूत की ही है ।
शीतल ने शर्म की वजह से अपना मुंह गद्दे में छुपाया हुआ था।
गब्बर सिंह बोला - खड़ी हो मैं भी तो देखूं कि मेरे नीचे टिकने वाली लड़की आखिर दिखती कैसी है । चल मुझे इस कमरे में चल कर दिखा।
शीतल बिल्कुल मौन थी अपनी फटी हुई जींस को पहने हुए ही वह खड़ी हुई और कमरे में घूमने लगी। जींस फटी होने की वजह से उसके नितंब आजाद हो गए थे और चलते हुए काफी हिल रहे थे उन्ही हिलते हुए चूतड़ों को देखकर वासना और हवस का शिकार हो गया गब्बर सिंह और उसने अपने लोड़े को हिलाना शुरू कर दिया । लंड धीरे-धीरे अपनी औकात में आने लगा।
गब्बर सिंह - क्या खाकर जना है तेरी मां ने तुझे जो तू इतनी गदरायी हुई है । तुझे तो चूतों की राजकुमारी होना चाहिए । मेरे लंड लीलने के लिए तेरे जैसी भरी हुई लौंडिया ही होनी चाहिए । तू ही है जो मेरे लोड़े को अपनी चूत में उतार पाएगी । चला आजा ।
![IMG-20200921-121630 IMG-20200921-121630](https://i.ibb.co/n0DyXWb/IMG-20200921-121630.jpg)
ऐसा कहकर गब्बर सिंह गद्दे पर लेट गया ।
शीतल ने जैसे ही गब्बर सिंह को लेटा हुआ देखा तो उसके आश्चर्य की सीमा ना रही क्योंकि गब्बर सिंह का लोड़ा शीतल के हाथ की कोहनी के बराबर था।
इतना लंबा मोटा महालंड कैसे झेलेगी वह यही सोच रही थी शीतल।
धीरे-धीरे कदमों से गब्बर सिंह के पास गयी शीतल ।
गब्बर सिंह ने उसका हाथ पकड़कर उसे झटका दिया और अपनी तरफ खींच लिया ।
किसी बच्चे की तरह गब्बर सिंह के बराबर में लेट गई शीतल ।
गब्बर सिंह ने उसके कपड़ों को उतार दिया और बिल्कुल नंगी कर दिया शीतल को ।
शीतल ने तो अपने हाथों को अपने मुंह पर रख लिया अपनी आंखें मूंद ली। लेकिन गब्बर सिंह की आंखें सिर्फ एक जगह पर टिकी हुई थी और वह थी शीतल की झांटों से भरी हुई चूत ।
गब्बर सिंह ने चूत के जंगल में हाथ फेरा तो गनगना उठी शीतल ।
गब्बर सिंह- तेरी चूत पर तो झांटें ऐसे पहरा दे रही हैं जैसे इस खाजाने की रक्षा कर रही हों ।
शीतल - हम्म मुझे जाने दो प्लीज ।
गब्बर सिंह (झांटों में उंगलियां घूमाते हुए )- जाने दूंगा पहले लंड तो डाल दुं तेरी इस गीली चूत में ।
गब्बर सिंह ने शीतल की टांगों को मोड़ कर उसकी छाती से लगाया अब तो शीतल की चूत खुलकर सामने आगयी ।
मोटी मोटी जांघों के बीच में काली झांटों से भरी हुई वो चूत देखकर गब्बर सिंह को यकीन हो गया कि शीतल ही उसका लंड झेल पाएगी ।
अब गब्बर सिंह अपने मुंह से शीतल की चूत पर थूकना शुरू कर देता है ।गब्बर सिंह ने शीतल की चूत पर एक या दो बार नहीं बल्कि लगातार दो मिनट तक थूकता ही रहा । गब्बर सिंह से उनके मुंह से थूक निकलकर सीधा शीतल की चूत पड़ता और झांटों में उलझ जाता।
शीतल को कुछ अजीब सा लगा तो उसने देखा कि गब्बर सिंह उसकी टांगों को उसकी छाती से लगाकर उसकी चूत पर थूकता ही चला जा रहा है ।
शीतल को अपनी तरफ देखते हुए गब्बर सिंह बोला- हैरान मत हो मेरे लंड को झेलने के लिए तेरी चूत को पूरी तरह से तैयार कर रहा हूं । जितना ज्यादा थूक तेरी चूत पर थुकूँगा उतना ही आराम से झेल पाएगी मेरे लोड़े को।
शीतल ने फिर शर्म से अपना चेहरा छुपा लिया । लगभग दो-तीन मिनट तक शीतल की चूत पर थूकने के बाद गब्बर सिंह ने देखा कि शीतल की चूत उसके थूक से सन गई है । शीतल की चूत जो अभी झांटों की वजह से काली नजर आ रही थी वह अब सफेद नजर आने लगी थी।
गब्बर सिंह ने पास में रखी तेल की शीशी ली और उसमें से तेल निकालकर अपने लोड़े पर लगाने लगा । कम से कम आधी शीशी तेल लोड़े पर मलने के बाद अपने लंड को चिकनाहट से चमका लिया ।
तेल की कुछ बूंदे लोड़े के सुपड़े से होते हुए नीचे टपकने लगी। यह बूंदे नीचे गद्दे पर नहीं बल्कि सीधी शीतल की चूत पर गिर रही थी ।
अजीब नशा हुआ शीतल को इसका और ना चाहते हुए भी उसका हाथ अपनी चूत पर चला गया । शीतल अपनी छातियों को छत उठाकर चूत सहलाते हुए किसी मछली की तरह तड़पने लगी ।गब्बर सिंह शीतल की यह हालत देखकर मुस्कुराया और बोला ।
गब्बर सिंह- आज तेरी इस पनियाती हुई चूत में अपना लंड डालकर मैं तुझे अपनी रानी बना लूंगा, फिर कभी नहीं तड़पने दूंगा इस तरह तुझे लंड के लिए । तुझे देख कर ही लग रहा है कि तू एक गर्म लौंडिया है , ले झेल मेरा लौड़ा ।
ऐसा कहकर गब्बर सिंह ने अपने लंड का सुपाड़ा शीतल की चूत पर रखा और शीतल की चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा ।
![IMG-20200921-132304 IMG-20200921-132304](https://i.ibb.co/zZdjkTX/IMG-20200921-132304.jpg)
शीतल के लिए भी बर्दाश्त से बाहर हुआ जब चिकना लंड झांटों से भरी हुई चूत पर फिसलने लगा तो शीतल की चूत ने पानी उड़ेल दिया ।
अब गब्बर सिंह ने शीतल की दोनों टांगों को छाती से लगाया और शीतल के ऊपर आ गया ।
ऊपर छत की तरफ से देखने पर सिर्फ गब्बर सिंह ही दिखाई दे रहा था , शीतल तो उसके नीचे दिख ही नहीं रही थी , ऐसा शरीर था गब्बर सिंह का।
गब्बर सिंह अपने लंड को उसकी चूत पर रखने के बाद धीरे-धीरे सहलाते हुए चूत के छेद को टटोलने लगा ।
इतना मोटा सुपाड़ा होगा तो छेद का तो दोस्तों पता ही नहीं चलेगा और यही वजह थी की समझ नहीं आ रहा था गब्बर सिंह को की लंड कहां घुसाए और कहां नही ।
शीतल की जांघो पर मानो कोई पहाड़ रख दिया हो इतना वजन महसूस कर रही थी शीतल ।
तभी शीतल को महसूस हुआ कोई जैसे उसकी चूत में कोई गेंद घुसने की कोशिस कर रही हो , लेकिन ये कोई गेंद नहीं बल्कि गब्बर सिंह के महालंड का सुपाड़ा था ।
शीतल ने एक बार अपनी चूत को सहलाया तभी गब्बर सिंह बोला - हां मेरी गदरायी हुई भैंस अब ये चूत लौड़ा खाने के लिए तैयार है ।
जैसे ही गब्बर सिंह ने ऐसा बोला तो शीतल ने शर्म से अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया तभी शीतल को अपने चेहरे पर कुछ गीला गीला लगा , ये क्या ये तो गब्बर सिंह का थूक था जो गब्बर ने उसकी चूत पर 2,3 मिनट तक थूका था । शीतल ने तुरंत हाथ हटा लिए मुह से ।
अपनी चौड़ी चौड़ी जांघो को फैलाये गब्बर सिंह जैसे महाबली ताकतवर इंसान के नीचे लेटी हुई शीतल किसी कामदेवी से कम नही लग रही थी और अब तो मादकता की हद पार हो गयी जब उसने गलती से अपना ही चेहरा गब्बर सिंह के थूक से सान लिया ।
तभी---
तभी गब्बर सिंह ने अपनी कमर पर थोड़ा दबाव बनाया लेकिन शीतल की चूत पर ज्यादा थूक होने की वजह से लंड शीतल की चूत से फिसलकर उसकी गांड के छेद से रगड़ते हुए फिसल गया ।
शीतल गनगना गयी । गब्बर सिंह ने फिर अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ा शीतल यह देखकर हैरान रह गयी की गब्बर सिंह इंसान के चौड़े हाथ से लंड पकड़ने के बाद भी आधे से ज्यादा लंड तो हाथ से बाहर लटक रहा था ।
गब्बर सिंह ने दोबारा से शीतल की जांघो को चौड़ाया और अपने हाथ से अपना महालंड पकड़कर शीतल की चूत के छेद पर रखा । गब्बर सिंह ने अपने हाथ से कसकर पकड़ रखा था लौड़े को ताकि फिसल ना जाये ।
तभी ----
अपनी कमर में हल्की सी जान इक्कठी करके (हां दोस्तों गब्बर सिंह जैसे ताकतवर इंसान को थोड़ी सी ही जान लगाने की जरूरत थी) एक झटका लगाया । झटका लगाया ही था कि तभी ---
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
गब्बर सिंह का आलू जैसा सुपाड़ा चूत में घुस चुका था दोस्तों जिस वजह से ये भयंकर चीख शीतल के मुँह से निकली । चीख इतनी भयंकर और तेज थी कि पूरा कमरा गूंज गया शीतल की चीख से । गेट लगा होने के बाद भी ये चीख बाहर गब्बर सिंह के गुंडों ने साफ सुनी और आपस मे बात करने लगे ।
![IMG-20200921-131947 IMG-20200921-131947](https://i.ibb.co/DkmKNKJ/IMG-20200921-131947.jpg)
भीमा उदास सा होते हुए - लगता है ये भी मर गयी साली ।
दूसरा गुंडा (जिसका नाम जगवीर था लेकिन पूरा इलाका इसे जग्गा डाकू के नाम से जानता था ) बोला - हां यार भीमा सही कह रहा है इसकी चीख सुनकर तो यही लग रहा है कि इसका भी सबकी तरह काम तमाम हो गया ।
दोस्तों इन गुंडों को अभी ये पता नही था कि ये चीख तो सिर्फ सुपाड़ा घुसने से निकली थी ।
उधर शीतल की दोनों आंखों से आंसू बहकर साइड से नीचे गिरने लगे । शीतल अपनी पूरी ताकत से गब्बर सिंह को हटाने की कोशिस करने लगी लेकिन शीतल की ताकत का मानो गब्बर सिंह पर कोई असर ही नही हो रहा था । शीतल ने अपनी पूरी ताकत से गब्बर सिंह की छाती में मुक्के मारने शुरू किये और शीतल हैरान रह गयी । क्योंकि शीतल पूरी ताकत से घूंसे मार रही थी और बदले में गब्बर सिंह मुस्कुरा रहा था ।
अब गब्बर सिंह ने शीतल की हालत को देखकर उसे नॉर्मल करने के लिए एक अंगूठे से शीतल की चूत के दाने को सहलाना शुरू किया । शीतल के चुचों को सहलाना शुरू किया । पांच मिनट तक सहलाने के बाद भी शीतल की हालत में कोई सुधार नही हुआ । शीतल का मुंह लाल पड़ गया आंखों से आंसू बहने लगे , होंठ लगातार थरथरा रहे थे । कमरे में ac होने के बावजूद भी पसीने - पसीने थी शीतल ।
अब गब्बर सिंह ने देर करना उचित नही समझा उसने फिर एक झटका लगाया -
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
झटका मारते वक्त गब्बर सिंह ने अपना पूरा वजन शीतल के ऊपर डाल दिया था । इतने भारी और बलशाली पुरुष के धक्के से पूरा लंड अंदर चला जाता लेकिन गब्बर सिंह का चार इंच लौड़ा ही शीतल की चूत में उतर पाया । इसकी वजह थी महालंड की मोटाई ।
शीतल की हालत तो बयां ही ना हो पाए ऐसी हालत हो चली थी शीतल की । चूत में कोई खूंटा गाढ़ रहा हो ऐसा लग रहा था शीतल को ।
शीतल का मुंह अब O के आकार में खुला हुआ था और माथे पर पसीना ।
![IMG-20200921-132148 IMG-20200921-132148](https://i.ibb.co/Z151TX6/IMG-20200921-132148.jpg)
जैसे ही ये दूसरी चीख बाहर गुंडों के कान में पहुंची अचानक उनमें खुशियों का माहौल सा छा गया ।
भीमा - अरे जग्गा ये तो जिन्दी है बे , मतलब ये वही लड़की है hahahaha । मतलब ये झेल गयी मालिक के महालंड को ।
जग्गा - अरे हां भीमा तूने सही बोला क्योंकि आजतक किसी लड़की की दूसरी चीख नही सुनाई दी हर लड़की मालिक के पहले झटके में ही मर जाती है ।
भीमा - आखिर मालिक को भी मिल गयी आज उनकी दुल्हन । मुझे पहले से ही पता था ये लड़की ही झेल पाएगी मालिक को ।
जग्गा - हां देखा नही है क्या कितनी गदरायी हुई माल है , ऐसी गदरायी हुई लौंडियों को ही जरूरत होती है मोटे तगड़े लौड़े की ।
भीमा - चलो तो देर किस बात की मालिक को मनाने दो अपनी सुहागरात दिन में ही और हम लोग पार्टी शुरू करते है ।
जग्गा - हां भीमा वैसे भी मालिक आज तक झड़े नही हैं कभी भी आज मालिक का वीर्य पहली बार उनके महालंड से बाहर निकलेगा । खुसी की तो बात है ही पार्टी में देरी कैसी फिर ।
ऐसा कहकर सभी गुंडे ठहाका लगाकर हंस पड़े ।
(दोस्तों अगर आपको पता नही हो तो बता दूं कि गांव में तो गब्बर सिंह का राज चलता ही था, साथ मे गब्बर सिंह के खुद के दस शराब के ठेके भी चलते थे जिनमें से एक ठेका गांव में ही खोल रखा था गब्बर सिंह ने)
तभी भीमा ने ठेके वाले को फोन किया और कहा आज मालिक बहुत खुश है उन्होंने खाने का इंतजाम करने को बोला है पांच मिनट में ।
भीमा ने आर्डर दिया - दारू की दो पेटियां मंगाई और 30 किलो मुर्गा ।
तकरीबन पांच मिनट बाद ही एक गाड़ी हवेली में घुसी जो order लेकर आया था ।
पार्टी शुरू हो चुकी थी बाहर गब्बर सिंह के सभी गुंडों की । बिना ये जाने की कमरे के अंदर क्या गब्बर सिंह और शीतल के बीच क्या चल रहा है ।
उधर कमरे में गब्बर सिंह अपना 4 इंच लौड़ा शीतल की चूत में उतरकर उसके ऊपर चढ़ा बैठा था ।
जब शीतल का दर्द असहनीय हो गया तो शीतल ने अपने हाथों से गब्बर सिंह की पीठ पर नोचा लेकिन गब्बर सिंह को कोई असर नही हुआ । गब्बर सिंह अपने भयानक चेहरे से शीतल को देखता रहा । शीतल के नाखूनों में गब्बर सिंह की पीठ की खाल भी नोचने के साथ छीलकर आगयी लेकिन गब्बर सिंह को कोई असर नही पड़ा । शीतल की चूत से खून निकालकर गद्दों पर गिरने लगा ।
तजरीबन दो मिनट तक ऐसे ही शीतल को दबोचे हुए अपना महालंड हल्का सा बाहर खींचना चाहा गब्बर सिंह ने लेकिन उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे शीतल भी उसके साथ उठती चली जायेगी , यह देखकर गब्बर सिंह रुक गया ।
गब्बर सिंह ने शीतल की मोटी मोटी जांघो को सहलाया । गब्बर सिंह ने देखा तो उसका एक चौथाई महालंड शीतल की चूत में फसा हुआ था । उसका आधा मोटा लौड़ा शीतल की चूत की झांटों ने घेरा हुआ था ।
गब्बर सिंह ने इस बार थोड़ा जोर लगाकर एक हुंकार भरते हुए लौड़ा अंदर ठेलने के लिए झटका मारा ।
aaaaaaaaaaiiiiiiiiiiieeeeeeeeeeeeeehhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaoooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiii mmaaaaarrrrrrrrr ggyyyyyiiiiiiiiiieeeeeeeeeee maaa
झटका इतना जोरदार मारा गया कि शीतल की चूत साइडों से चीरती हुई चली गयी , इतना बलशाली झटका खाकर शीतल बेहोश हो गयी । गब्बर सिंह ने अपने चूतड़ों को भींचकर ये धक्का मारा था जिस वजह से गब्बर सिंह के आधा महालंड यानी 8 या 9 इंच लौड़ा चूत में उतर गया ।
![IMG-20200921-122046 IMG-20200921-122046](https://i.ibb.co/P4mG3L4/IMG-20200921-122046.jpg)
गब्बर सिंह ने देखा कि शीतल अभी होश में नही है । गब्बर सिंह फूला नही समा रहा था खुसी से क्योंकि उसका आधा महालंड भी आजतक कोई लड़की नही झेल पाई थी , लेकिन शीतल की चूत भी फटी खून भी बह रहा था लेकिन शीतल मरी नही थी सिर्फ बेहोश हुई थी ।
अब गब्बर सिंह को यकीन हो चला था कि शीतल ही वो लड़की है जिसकी तलाश उसे थी ।
बाहर गब्बर सिंह के गुंडो ने जैसे ही तीसरी चीख सुनी अब तो वो ताली मार-मारकर हंसने लगे और दारू मुर्गा उधेड़ने लगे ।
अंदर तकरीबन 5 मिनट बाद शीतल को होश आया जब गब्बर सिंह ने शीतल के गालों को चाटा ।
(प्रिय पाठकों यहाँ आप लोग सोच रहे होंगे कि कैसी चुदाई लिख रहा है राइटर । ना कोई किस चुम्मी , ना कोई चूत लंड चाटा-चाटी डायरेक्ट लौड़ा डलवा दिया, गाल भी चाटा तो होश में लाने के लिए , तो प्रिय पाठकों मै कहानी के अनुसार ही लिख रहा हूँ क्योंकि गब्बर सिंह को सबसे पहले उस लड़की की तलाश थी फिर उसे देखना था कि वो ही ये लड़की है या नही इसलिए चुम्मा चाटी में समय नही गंवाता था गब्बर सिंह । बाकी आप समझ गए होंगे )
अब तकरीबन पांच मिनट बाद शीतल को होश आया उसकी आंखें खुली ।
आंखे खुलते ही फिर से शीतल के चेहरे पर डर छा गया जब उसकी नजर मुस्कुराते हुए गब्बर सिंह पर पड़ी । शीतल को अब गब्बर सिंह का वजन झेलने में भी परेशानी हो रही थी इतना भारी भी था गब्बर सिंह । शीतल की मोटी गांड भी गद्दों में धंस गयी थी ।
गब्बर सिंह ने शीतल की आंखों में देखते हुए अपनी पूरी जान लगाकर झटका मारा , ये पहला झटका था जिसमे गब्बरसिंह ने जान लगाई थी--
इसबार कोई चीख नही कोई प्रितिक्रिया नही हुई शीतल की तरफ से ।
इसबार हुआ ये था कि गब्बर सिंह का लौड़ा शीतल के बच्चेदानी को फाड़ता हुआ , चूत की धज्जियां उड़ाता हुआ जड़ थक उतर गया था , उतर गया था कहना गलत होगा यारों गब्बर सिंह का महालंड चूत को चीरता हुआ जड़ तक ठुक गया था ।
यही वजह थी कि शीतल इसे सहन नही कर पाई और गब्बर सिंह की तरफ देखते हुए उसने अपनी आखरी सांस ली और इस दुनिया से विदा हो गयी ।
जैसे ही गब्बर सिंह की नजर शीतल की पथराई आंखों और रुकी हुई सांसो पर पड़ी गब्बर सिंह के मुंह से निकला - ये भी गयी भोसड़ी वाली , ये भी वो लड़की नही है ।
ऐसा कहकर गब्बर सिंह ने अपना लौड़ा बाहर खींचा तो शीतल की चुत की खाल भी खींचने लगी उसकी मोटाई की वजह से लेकिन अब क्या मर चुकी थी शीतल तो । गब्बरसिंह ने एक झटके से महालंड बाहर खींच लिया । लौड़ा बाहर आते ही खून की नाली सी बहने लगी शीतल की चूत से ।
गब्बर सिंह ने खून में लथपथ लौड़े को साफ किया और कमरे में टंगे दूसरे कुर्ते पजामा पहन लिया ।
गब्बर सिंह चिल्लाते हुए गेट खोलने लगा - भीमा ओ भीमा लगा दे भोसड़ी वाली की लाश को ठिकाने ।
लेकिन भीमा , जग्गा और सभी तो पार्टी में व्यस्त और मग्न थे ।
गेट खोलते ही जैसे ही गब्बर सिंह की नजर बाहर हॉल में पड़ी तो वहां सब दारू पी रहे थे मुर्गा खा रहे थे।
गब्बर सिंह( मन ही मन में) - इनकी मा का भोसड़ा , यहाँ जिस लड़की की तलाश है वो मिल नही रही , एक लड़की मर गयी ऊपर से ये माधरचोद यहाँ दारू मुर्गा के मजे ले रहे है ।
ऐसा सोचकर गब्बर सिंह ने अपनी पिस्तौल निकाली और सीधी तान दी अपने गुंडो के ऊपर ।
------ धाआयं -----
ये गोली एक गुंडे के माथे पर लगी जिससे वो वहीं पर ढेर हो गया।
गोली चलते ही सारे गुंडों का नशा एक सेकंड में मा की चूत में चला गया । hahaha मतलब एक सेकंड में सारा नशा उतर गया ।
सभी के हाथ कांपने लगे, माथे पर पसीने के साथ साथ ख़ौफ़ भी छा गया ।
सबके मुँह से एक ही बात निकली - म-मालिक हमसे क्या गलती हो गयी ।
गब्बर सिंह - बहन-के-लौड़ों ये किस बात की खुसी मनाई जा रही है । आज तुम्हारी जिंदगी का आखिरी दिन है ।
यह सुनकर सभी डरने लगे तब भीमा आगे आया (जो गब्बर सिंह का राइट हैंड था) और बोला - गुस्ताखी माफ करना मालिक । ये खुसी हमारी नही बल्कि आपकी है । आजतक किसी भी लड़की की दूसरी चीख नही सुनी थी हमने लेकिन आज जब दो तीन चीखें सुनी तो हमारी खुसी का ठिकाना नही रहा की मालिक को मिल गयी उनकी दुल्हन । इसलिए ये खुसी मनाई जा रही थी मालिक ।
जब गब्बर सिंह ने ये सुना तो उसका गुस्सा शांत हो गया उसने सोचा कि मेरे गुर्गे भी मेरे दुख से दुखी और सुख से सूखी होते है , कितने अच्छे बंदे रखे हैं मैंने । ऐसा सोचकर गब्बर सिंह बोला - नही भीमा , ये भी मर गयी ।
जैसे ही ये सुना सबने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और एक ही बात निकली - क्या मालिक ।
तभी ----
तभी ----
गब्बर की हवेली ले बाहर किसी की चीख सुनकर सबके चेहरे गेट की तरफ मुड़ गए ।
कोई कुछ समझ पाता उससे पहले मेन गेट खुला और सबकी आंखे उस दृश्य पर जम गयीं ।
सबसे आगे नैना खड़ी थी और उसके पीछे पूरे गांव की भीड़ ।
नैना की लाल आंखे , खुले बाल बिल्कुल चंडी का रूप धारण किया हुआ था नैना ने ।
नैना के हाथ मे फसल काटने वाली दरांती थी जिसपर खून लगा हुआ था ।
![IMG-20200921-121411 IMG-20200921-121411](https://i.ibb.co/3BxrB2g/IMG-20200921-121411.jpg)
आज पहली बार गब्बर सिंह को नैना के फिगर का अंदाजा हुआ । क्योंकि आज नैना ने भी एक white टॉप और नीली लैगिंग पहनी हुई थी ।
गब्बर सिंह नैना को देखकर , नैना की तुलना शीतल से करने लगा । गब्बर सिंह को अहसास हुआ कि शीतल भी गदरायी हुई है पूरी लेकिन फिर भी नैना और शीतल के फिगर में जमीन आसमान का अंतर है । गब्बर से अपने मन में दोनों की तुलना करने लगा कि अगर दोनों को एक जैसे कपड़े पहनाकर खड़ा किया जाए तो दोनों कैसी लगेंगी ।
गब्बर सिंह ने मन मे मंथन करके दोनों के फिगर की जब कल्पना की तो वो कुछ ऐसी थी -
जैसी नीचे फ़ोटो में दी गयी है ।
![IMG-20200921-134109 IMG-20200921-134109](https://i.ibb.co/PrmjZwR/IMG-20200921-134109.jpg)
गब्बर सिंह को समझते देर ना लगी कि नैना ने बाहर गेट पर खड़े उसके गुंडे को दरांती से मार दिया है ।
नैना धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी साथ मे पूरे गांव की भीड़ भी ।
********
कहानी जारी रहेगी दोस्तों । बताना जरूर कहानी कैसी चल रही है ।
आपके comments पढ़कर ही आगे लिखने का मन करता है ।
आपका अपना - Rachit .
********
Last edited: