इस अपडेट को लिखकर भावुक कर दिया आपने मुझे । बहुत ही ज्यादा सेंटिमेंट हो गया था मैं ।
बहुत साल पहले एक उपन्यास पढ़ा था मैंने । एक विधवा औरत की शादी एक विधुर मर्द से हो जाती है । दोनों को अपने अपने पति और पत्नी से एक एक बच्चे थे । दोनों बच्चे बहुत ही कम उम्र के थे । औरत ने अपने पति के बच्चे को एसेप्ट तो कर लिया पर पति अपनी पत्नी के मासूम बच्चे को एसेप्ट नहीं कर सका । पुरी उपन्यास इसी थीम पर थी । लास्ट में औरत के मासुम बच्चे पर उसका पति चोरी का झूठा आरोप लगा देता है और वह बच्चा पहली बार अपनी मां से मार खाता है । बच्चा सदमे में बीमार हो जाता है और अपनी प्राण त्याग देता है । उसकी मां को पता था कि उसके पति ने उसके बच्चे पर झूठा आरोप लगाया है पर वह भी क्या करती ! पत्नी धर्म जो निभाना था । अपने एकलौते पुत्र की मृत्यु के पश्चात वह काफी रोती बिलखती है ।
मैं उस उपन्यास का क्लाइमेक्स पढ़कर बहुत रोया था । आज भी उस कहानी की यादें आंखों में आंसू भर देते हैं ।
प्रिया की कहानी भी लगभग उसी मासूम बच्चे के समान है । बहुत ही दुःख झेला है उसने । अब और नहीं । मैं आपसे आग्रह करता हूं कि प्रिया को आरूष के साथ उसकी बाकी की जिंदगी हंसी खुशी बिताने वाला अपडेट दीजिए ।
इस अपडेट में कई बार प्रिया की मम्मी ने आरूष को अमन कहकर पुकारा । जरूर इसका भी कोई अलग कहानी होगा । शायद नेक्स्ट अपडेट में पता चले ।
एक बेहतरीन कहानी लिख रही हैं आप कोमल जी । मुझे दुःख होता है यह देखकर कि इतनी बेहतरीन कहानी पर रीडर्स ज्यादा नहीं है ।
Naina ji ,
Mahi Maurya ji,
KEKIUS MAXIMUS bhai , please read this story and give your feedback.
अव्वल दर्जे का अपडेट था यह ।
जगमग जगमग अपडेट मैडम ।