एनिग्मा भाई ये क्या कर दिया??? दादा आपके अपडेट पढ़ कर रात भर नींद नही आती। इतना ज्ञान सिर्फ कल्पना मात्र नही हो सकता। में कई बार आपकी लेखनी की हृदय की गहराइयों से तारीफ कर चुका हूं पर जबसे अर्जुन को गांव में भेजा है आपकी लेखनी में एक अलग धार आ गयी है। आप इसको कितना एन्जॉय कर और एक एक पात्र और घटना को सोच कर विस्तृत रूप से सांझा करते हो कि महाभारत का संजय याद आ गया। मेरे पसंदीदा लेखक रहे है स्वर्गीय आचार्य चतुरसेन जी उनकी याद दिला दी आपने। उन्होंने अपने एक रचना वयम रक्षामं को लिखते हुए माफी मांगी थी adultry content के लिए पर कहानी के हिसाब से ज़रूरी था वो। पर उनकी लेखनी को में संजय की दृष्टि ही मानता था। आज के अपडेट में भी आपने झटके पर झटके दिए वो भी बिना मोतीलालजी के पत्र के। आज समझ मे आया कि क्यो मोतीलालजी ने जुगलाल जी से जुड़ी सभी यादे नाम फ़ोटो सब हटा दी। एक विकृत या विक्षिप्त मानसिकता के व्यक्ति के साथ ऐसा ही होता है। मोतीलाल जी का दर्द शायद हर पाठक के सीने में चल रहा होगा जैसे मै महसूस कर रहा हु जैसे कहानी का हीरो अर्जुन महसूस कर रहा है। यही आपकी लेखनी की जीत हो जाती है कि जो आप लिख रहे हो वो पाठक महसूस करता है उसे दर्द होता है वो रो लेता है वो खुश होता है।
1. आज के अपडेट का आरंभ मीनाक्षी से करके आज आपने मेरे पिछले सवाल का जवाब भी दे दिया कि मीनाक्षी क्यो ज़रूरी है अर्जुन क्यो उस और बढ़ रहा था।
2. अघोरी गुरु के साथ संवाद दिल को सुकून दे गया। में हमेशा अर्जुन और आचार्य के शास्त्रार्थ या संवाद को मिस करता था। आपकी इस रचना में आचार्य जो, फ़क़ीर बाबा, घरपर आये स्वामी जी, ये अघोरी गुरु और उनके चेले और योगी संभव इनसे चर्चा और इनसे अर्जुन का मिलन देखने के लिए में हमेशा उत्सुक रहूंगा सो आगे भी इन पत्रों को इनका सहायक कही न कही ज़रूर बनावे।
3. देवकी को अर्जुन के द्वारा जो घेरने की शुरुवात हुई है उसकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्दों की कमी हो रही है। देवकी अनामिका संवाद, विनोद देवकी संवाद, कृष्णेश्वर जी और देवकी का संवाद गज़ब का था पढ़ कर बहुत ज्यादा खुशी हुई कि बदलाव की शुरुवात हो चुकी है। कुमार अर्जुन उर्फ रुद्र उर्फ अपना बाघ उर्फ खोजी का character आपने इतना बड़ा बना दिया है कि इसकी जितनी तारीफ करे कम है।
अब और क्या तारीफ कर बड़े भैया आप भी सोचोगे की यह बामन आधी रात को क्यो पागल हो रहा है पर मैं अपने आप को कमेंट करने से रोक नही पता हु।
शुभ रात्रि