Mega update 17
फिर हम घर आ गए कुछ वक्त बाद उनका पेट निकल आया
मम्मी कपडे ठीक कर रही थी
मै- आप फिर काम करने लगी न पता है आपको काम नही करना है मै हू न मै कर देता हू
मम्मी- अरे कुछ तो काम करने दे मेरा पहली बार थोडी है तुम दोनों के टाइम भी मै पूरा काम करती थी पर तुम लोगों न मुझे काम ही नही करने देते
मै- हमारे होते हुए आप काम करोगी चलो आप बैठो मै करता हू
उतने मे पापा की आवाज आई
पापा- श्रेय बाहर आओ
मै- पापा क्यू बुला रहे है
मम्मी- भूल गया आज तेरा रिजल्ट आने वाला हे उसी के लिए बुला रहे होगे चलो बाहर चलते है फिर मै और मम्मी बाहर आए
पापा- तेरा रोल नंबर दे
फिर मैने उन्हें बताया और उन्होंने चेक किया तो मै स्टेट मे टाप किया था 98%
सब खुशी मे झूम गए
मैंने सबसे पहले पापा के पैर
पापा- मुझे लगा था तू शायद ठीक से न पढ पाए मगर तूने तो टाप कर लिया प्राऊड ऑफ यू बेटा
फिर मैंने मम्मी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
मम्मी- मै बहुत खुश हू तूने नाम ऊचा कर दिया
फिर दीदी ने सबको मिठाई खिलाई मगर इसी बीच मम्मी को दर्द होने लगा हम समझ गए और उन्हें लेकर हास्पिटल भागे और डाक्टर उन्हें अंदर ले गई
मै और सब बहुत टेशन मे थे
पापा का फोन बजा दादाजी का था
दादाजी- अमरेन्द्र मुबारक हो श्रेयांश पूरे राज्य में प्रथम आया है नाम रोशन कर दिया
पापा- जी पिताजी मगर अभी हम अस्पताल में है ।
दादाजी- क्या हुआ
पापा- वो अंजलि को शायद डिलीवरी होने वाली है अभी अंदर है
दादाजी- ये तो डबल खुशी की बात है मतलब खानदान का वारिस आ रहा है मै सबको कहता हू तैयार रहे खुशी मनाने के लिए
फिर उन्होंने फोन रख दिया और अचानक अंदर से बच्चे के रोने की आवाज आई मै सन्न रह गया और मेरी आखो से आसू आ गए
उतने मे डाक्टर बाहर आई - मुबारक हो लडकी हुई है
मैंने पापा के गले लग गया
मै - पापा मुबारक हो आप दादाजी बन गए
पापा- और तू भी अब पापा बन गया
पापा ने सारे स्टाफ को पैसे दिए और सबको मिठाई बंटबाई
डाक्टर- बच्चे के पिता अंदर जाकर बच्चे को देख सकते हैं
फिर मै अंदर गया तो सबसे पहले मम्मी को - थैंक्स मम्मी
मम्मी- अभी भी रो रहा है देख त हमारी बेटी
फिर मैने उसे गोद मे लिया बहुत अलग अहसास था बाप बनने का फिर दीदी भी अंदर आई और बच्ची को गोद मे लेकर- मैने कही थि न मेरी बहन आएगी देखा
फिर पापा ने लिया और उनकी आख मे भी आसू थे
मै- क्या हुआ पापा
पापा- बेटा हम कितना भी नाम बदल ले मगर अंजलि का बच्चा हाथ मे लेकर वैसा ही अहसास हो रहा है जैसे तुम दोनों के वक्त था मगर इस बार तुम पापा बने हो और मै दादा
सब बहुत खुश थे हमारे राजपरिवार मे भी सबको पता चल गया था और पूरी रियासत मे खुशी मनाई गई मै और मम्मी दोनों बहुत खुश थे
मै पास भी हुआ मगर उससे ज्यादा खुशी मुझे बाप बनने की थी
मेरे दोस्तों को भी रह बात,पता चल गई और उनका फोन आया
मै - हैलो
रवि - हा भाई दो दो खुशखबरी एक तो टाप किया और दूसरा बाप बन गया मुबारक हो
मै- थैंक्स भाई और कुश कहा है
रवि, - यार उसका कुछ पता नही है पता नही कहा है उसके घर पर भी ताला है
मै- ओह चल देखते हैं कोई परेशानी तो नही थी न उसे
रवि- पता नहीं भाई पर वो थोडा सि परेशान रहने लगा था कुछ बोलना चाहता था मगर कह नही पा रहा था बाकी पता नही
मै- ठीक है उसे ढूढते है यहा से फुर्सत हो जाऊ पिर उसने फोन रख दिया
फिर तीन दिन बाद मम्मी घर आ गए और सब बच्ची को बहुत खुश थे पापा तो बहुत खुश थे दीदी भी उसे छोड़ती नही थी मालती काकी भी उसे बहुत प्यार करती थी बस जब भूख लगती तब ही मम्मी के पास आती मै और मम्मी अपने कमरे मे
मै- मम्मी बच्ची कहा है
मम्मी- होगी दिया या तेरे पापा के पास कहा रहती है मेरे पास कोई छोडता ही नही
मै- मुझे भी कहा मिलता है खेलना उससे मम्मी उसका नाम क्या रखे
मम्मी- उसके लिए तो पूरा फंक्शन करना पडेगा चलो बात करते है पापा जी से
फिर हम बाहर आए और पापा बैठे थे
पापा- क्या हुआ कुछ कहना है तुम दोनों को
मम्मी- वो नामकरण करना है तो कल फंक्शन रख लेते है सबको बुला लेते है महल मे भी बोल दीजिए आप
पापा- हा इसका नाम नही रखे है कल कर लेते है तुम जिसे बुलाना है बुला लो महल से कोई नही आएगा क्योंकि पिताजी ने कहा है की श्रेय और तुम्हारा राज्याभिषेक अगले हफ्ते है तो उसकी तैयारी चल रही है
दीदी- मतलब एक हफ्ते बाद ये दोनो राजा रानी बन जाएगे और सारी दौलत और पावर इनके साथ मे आ जाएगी
पापा- हा और कुछ रिवाज होते वो करने होगे और तुम्हारी मम्मी का भी आधा अधिकार होगा श्रेय के साथ और कोई भी नही इन दोनों के हाथ मे ही पावर होगी चाहे जो भी हो
दीदी- मतलब पूरी पावर मम्मी के पास होगी क्योंकि ये तो मम्मी के कहने पर ही चलते है
मै - हा तो मम्मी है मेरी और उनको मुझसे ज्यादा पता है मेरे लिए क्या सही है और क्या गलत और पावर सही मे उनके हाथ मे रहेगी
मम्मी- वो छोडो कल नामकरण की तैयारी करते है पापा जी आप पंडिज्जी और बाकी देख लो श्रेय तुम सजावट देख लो और दिया पूजा का देख लो
फिर मम्मी ने कहा अपने दोस्तों को बुला लेना
मै- मम्मी कुश का पता नही है आप सुधा आंटी को बुला रही हो तो कुश को भी बोल देना फिर मम्मी ने सुधा आंटी को भी बुला लिया
अगला दिन आ गया और काफी कम मेहमान थे पंडिज्जी ने पूजा की फिर नाम रखने की बारी आई तो पापा ने कहा श्रेयांश का हक है उसे नाम रखना चाहिए मैंने मम्मी से पूछा क्या नाम रखे
मम्मी- तू पापा है तू ही रख
मै- ये मम्मी और मेरी निशानी है तो इसका नाम होगा श्रेअंजल
दीदी- बहुत अच्छा आप दोनों के नाम का आधा आधा
मम्मी- तू भी न फिर सब खत्म हुआ और लगभग सब चले गए
पापा - चलो अच्छा नाम है श्रेअंजल चलो मै इसे थोडा छत पर घुमा लू
फिर मै और मम्मी सोफे मे बैठे थे
मम्मी- तुमने हम दोनों के नाम मिलाकर उसका नाम रखा
मै - हा मम्मी हम दोनों के प्यार की निशानी है
मम्मी- हा वो तो है पर बडा नही है नाम घर का नाम कुछ और रखते हैं
मै - आप ही रख दो
मम्मी- मिली कैसा रहेगा
मै - बहुत अच्छा
उतने मे सुधा आंटी और कुश आए वो थोडे दुखी और परेशान लग रहे थे
मै- अबे कहा था इतने दिन से गायब है तेरे घर पर भी ताला है क्या हुआ
मम्मी- क्या सुधा तुम लोग घर पर ताला है क्या हुआ तुम परेशान भी लग रही हो
तो सुधा आंटी रोने लगी
मम्मी- क्या हुआ सुधा बताओ क्या बात है
मै- हा क्या हुआ है आंटी क्यू रो रही है और तूने ये क्या हालत बना रखी है
मम्मी ने सुधा आंटी को पानी पिलाया और बैठाया तो सुधा आंटी बोली तेरे कमरे मे चलकर बात करे
मम्मी- क्यू कोई सीरियस बात है
सुधा आंटी- हा चल न
मम्मी- तू कुश के साथ रह हम कमरे मे है
सुधा आंटी- नही कुश और श्रेयांश को भी आने दो हमे तुम दोनों से बात करनी है
फिर हम कमरे में आए और
मम्मी- क्या बात है अब बताओ आखिर हुआ क्या है और तुम दोनों की हालत भी ठीक नही लग रही कपडे भी साधारण से है
मै- हा कुश क्या हुआ है यह सुनकर कुश रोने लगा
मम्मी- हुआ क्या है आखिर
सुधा आंटी - कैसे बताऊँ मुझे तो समझ नही आ रहा कही दूसरो की तर ह तुम लोग भी हमे दुत्कारा न दो
मै - नही आटी कुश मेरे भाई जैसा है कुछ भी हो मै इसके साथ हू
मम्मी- हा सुधा और हम सब समझ सकते है हमे तो देख ही रही है और जब हमे तुम लोगो ने सपोर्ट किया था तो हम भी है बोलों
सुधा आंटी- हम दोनो दो महीनों से एक बस्ती में रह रहे है किराए से हमारे पास कुछ नही और कोई नी बचा है मै घरो काम करती हू और ये मजदूरी
मै - क्या पर कैसे क्यू और तुम लोग तो बहुत अमीर हो
मम्मी- हा सुधा ये कैसे हुआ
सुधा आंटी- कुश के पापा ने मुझे तलाक दे दिया और घर बेचकर यहा से चले गए
मम्मी- पर कैसे क्यू और हुआ भी तो पैसे तो मिलेगे और कुश को तो हिस्सा मिलेगा ही
सुधा आंटी- सब मेरी गलती है मेरी गलती की वजह से यः हुआ है
मम्मी- कैसी गलती
सुधा आंटी- मै मा बनने वाली हू
मम्मी- ये तो खुशी की बात है इसमे क्या गलती ।
सुधा आंटी- मै कुश के बच्चे की मा बनने वाली हू
मम्मी- क्या क्या बकवास कर रही हो ये कैसे और तुम कैसे कर सकती हो हमारी तो वजह थी पर तुम कैसे
मै- हा कुश कैसे कर सकता है तू तुझे मेरी परिस्थिति पता थी पर तू क्यू
सुधा आंटी- सब मेरी गलती है तुम जानती हो इसके पापा बिजनेस के सिलसिले में बाहर ही रसते है और मुझे टाइम नही देते तो मेरे अंदर गर्मी बडती जा रही थी एक दिन मै और कुश एक कमरे मे सो रहे थे और मै बहुत गर्म हो गई थी और उस हवस मे मैने इसको भी गर्म कर दिया और हमारे बीच सेक्स हो गया और फिर ये सिलसिला जारी रहा हम दोनो ने कंट्रोल करने की कोशिश करी मगर नही हुआ और हम दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया मगर एक दिन मेरी तबियत बिगडी तो डाक्टर आई और उसने इसके पापा को बताया कि मै मा बनने वाली हू फिर इसके पापा को तो बहुत गुस्सा आया उन्होंने मुझसे पूछा और मुझे मारने लगे मेरीसास न रोकना चाहा मजर नही रूके कुश ने उन्हें रोकने लगा वो पूछ रहे थे किसका पाप है ये कहा मुह काला की है आज तुजे जान से मार दूंगा मगर मै डर रही थी की अगर उन्हें कुश का पता चलि तो कही उसे कुछ कर न दे पर कुश को मुझे पिटना बर्दाश्त नही हुआ और उसने कह दिया की बच्चा उसका है
यह सुनकर उसके पापा और दादी सन्न रह गए और कहे तुम दोनों को शर्म नहीं आई ये करते हुए मैंने उनसे माफी मांगी कुश ने भी मागी मगर वो नही माने और हमे मेरे मायके भेज दिया और तलाक के पेपर पर साइन करवा लिया और जब हम मेरे मायके पहुंचे तो वहा भी उन्होंने सब बता दिया था तो उन्होंने भी हमसे सब रिश्ते तोड़ दिए हम बापस आए तो हमारे घर पर ताला था और पडोसी के पास एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा तो मै ये से जा रहा हू और तुम दोनों को अपनी जिंदगी और दौलत से बेदखल करता हू फिर हम दोनों क्या करते हम एक गंदी बस्ती में रह रहे है और जी रहे है
मम्मी- ये तुम दोनों ने सही नही किया हवस मे अपना रिश्ता भूल गए हमदोनों तो परिस्थितियां के कारण हुआ और हमारे बीच सम्मान अभी भी पहले वाला है और ये मुझे पहले मम्मी ही मानता और मेरा ये बेटा ही है और हवस तो है ही नही प्यार है इतने महिने हो गए हमने नही किया मगर हम खुश है
सुधा आंटी- रोते हुए हा गलती तो हुई है और है तो कुश भी अच्छा इतनी मुसीबत मे भी मुझे सम्मान देता है और ख्याल भी रख रहा है
मै- अबे अगर ऐसा कुछ था तो मुझे क्यों नहीं बताया मै था न रवि को बता देता और इतनी तकलीफ मै तो था न
मम्मी- हा कुछ भी तुम हमारे पास तो आते हम जरूर साथ देते
मै- मै सोचा तुम लोग भी हमे गलत समझोगे
सुधा आंटी- हा आखिर गलत तो किया है न
मम्मी- चलो अब आगे क्या
सुधा आंटी- कुछ समझ नही आ रहा ये बच्चा दुनिया में आएगा तो क्या होगा और कुश तो खुद अभी छोटा ही है हमारी स्थिति भी अच्छी नही है
मम्मी- बच्चे का बाप है तो ये देखो तुम दोनों कह रहे हो न की तुम दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया है तो शादी कर लो और नई जिंदगी शुरू करो
सुधा आंटी- पर सब क्या कहेंगे और म हमारी स्थिति भी ठीक नही है और ये तो अभी इतना पढा भी नही है हमारी देखभाल कैसे करेगा
मम्मी- तुम उसकी फिक्र मत करो तुम हमारे साथ रहोगी और इसके लिए भी कुछ कर देगे कुश श्रेय का सबसे अच्छा दोस्त है और तुम्हारा बेटा भी है तो मेरे बेटे जैसा भी है क्यू श्रेय
मै- जी आंटी कुश मेरे भाई जैसा है और मम्मी ने कुछ सोचा है तो सही ही होगा इनके फैसले सही होते है ।
सुधा आंटी- थैंक्स अंजलि तूने हमे समझा मै तुम दोनों का अहसान जिंदगी भर नहीं उतार सकती
मम्मी- अहसान कैसे अगर वक्त पर हम तेरे काम नही आऐगे तो कौन आएगा
तुम दोनों हमारे साथ महल चलोगी और वही रहोगी हमारे साथ तुम दोनों की शादी कल घर मे ही सादे से करवा देगे और परसो हम सब महल चलेगे जाओ अपना समान ले आओ
फिर वो दोनों चले गए सभान लेने
मम्मी- मैने ठीक किया न श्रेय
मै- आप गलत कर ही नही सकती मम्मी मखर पापा को तो बताना पडेगा न
मम्मी- मै बात करती हू अभी
फिर मम्मी छत मे गई जहा पापा मिली को खिला रहे थे
मम्मी- सुनिए
पापा- हा बोलो
फिर मम्मी ने सारी बात पापा को समझाई
पापा- देखो तुम कर सकती हो जो चाहो आखिर तुम रानी बनने बाली हो तो फैसला ली हो तो सही ही होगा
मम्मी- थैंक्स आप कल का इंतजाम कर सकते है
पापा- हा सब हो जाएगा
फिर कुश और सुधा आंटी भी अपना समान लेकर आ गए उशको एक कमरा दे दिया गया
कुश- मम्मी मैने कहा था न की श्रेयांश हमारी मदद जरूर करेगा और आंटी भी समझेगी
सुधा आंटी- हा मगर डर भी था न चल अब शायद सब ठीक हो जाए
कुश- हम्म मै अब बहुत मेहनत करूगा और आपका ख्याल,रखूगा
सुधा आंटी- मेरी गलयी के कारण तुझे इतनी कम उम्र में जिम्मेदारी उठानी पड रही है
उतने मे मम्मी उनके कमरे गई
मम्मी- कुश जाओ तुम्हे श्रेय बुला रहा है तो कुश मेरे पास आ गया
मम्मी- तुम ठीक हो सुधा
सुधा आंटी- हा मै ठीक हू मगर कुश की फिक्र हो रही है की मैने उसकी जिंदगी खराब कर दी उससे शादी मै एक बडी उम्र की और त हू और वो अभी तो जवान हुआ है और मै मोटी हू उसे कैसा लगेगा तम तो बहुत सुन्दर हो मै तो उतनी नही हू ।
मम्मी- देख अब जो होना था हो गया और शरीर तो हमारे ऊपर है जैसा चाहे कर ले शजन कम कर लेना और रही खूबसूरत की बात वो तो आखो मे होती है वो सब छोडो अब कल से नई जिंदगी शुरू करो और दोनों खुश रहो
सुधा आंटी - तुम कितनी अच्छी हो और तुम्हारी बेटी कैसी है देखो मेरे हालत ऐसी है की कुछ दे भी नहो सकती नाम क्या रखा है
मम्मी - अरे वो अच्छी है दिया के साथ खेल रही है और जिंदगी पडी है देने के लिए और श्रेय ने उसका नाम श्रेअंजल रखा है और घर का नाम मिली है
सुधा आंटी- अच्छा नाम है श्रेयांश तुसे बहुत प्यार करता है न
मम्मी- हा वो तो है वो छोड़ो ये लो कल के लिए कपडे और जेवरात
सुधा आंटी- इतने महंगे गहने
मम्मी- अरे सब तुम्हारे है
उधर मै और कुश
मै - ठीक है न तू
कुश- थैंक्स भाई तूने मेरा साथ दिया
मै- देख नाराज तो मे हू की तूने गलत किया मगर दोस्त है तो साथ तो बनता है चल कोई नही कल से नई जिंदगी शुरू कर और ये ले
कुश- इसमे क्या है
तो कुश ने खोल के देखा तो 5 लाख रुपये थे
कुश- इतने सारे पैसे क्यू
मै - भाई तुझे जरूरत पडेगी हर बार तू बेबस थोडी रहेगा सुधा आंटी की जरूरत के लिए ये रख
कुश, - भाई तू थैंक्स भाई तेरे जैसा दोस्त किसी के पास नहीं होगा थैंक्स भाई
मै - चल अब जाकर सो जा कल शादी भी है खुश रह मै भी सोने जाता हू
फिर मै अपने कमरे मे आ गया तो मम्मी मिली को सुला रही थी
मै- सो गई ये
मम्मी- हा तूने दे दिया उसे पैसे
मै - हा मम्मी
मम्मी- चलो करे तो गलत है उन्होंने पर अब कोई रास्ता भी नही है क्या कर सकते है अगर उनकी खुशी इसी भे है तो मैने सही तो किया है न
मै- हा मम्मी आपने सही किया है चलो अब सो जाते है कल काम भी है
फिर हम दोनों सो गए
उधर कुश और आटी अपने कमरे मे
सुधा आंटी- आ गया क्या कहा श्रेयांश ने
कुश - पहले डाटा फिर समझाया और ये दिया लो आप रख लो
सुधा आंटी- ये क्या है
कुश- 5 लाख रुपये
सुधा आंटी- इतने षारे पैसे
कुश- उसने कहा तू मोहताज न पैसो के लिए और किसी के सामने हाथ न फैलाना पडै
सुधा आंटी- तेरा दोस्त सच मे बहुत अच्छा है फ
फिर वो दोनों बी सो गए और अगली सुबह पंडित जी आए और दोनों की शादी कर दी गई सबने उन्हें मुबारकबाद दी
मम्मी- अब तुम दोनों खुशी से जिंदगी जिओ
सुधा आंटी- थैंक्स अंजलि तुमने बहुत किया हमारे लिए मै और कुश हमेशा तुम्हारे कर्जदार रहेगे
मम्मी- अरे वो सब छोडो तुम हम सहेली है तो ये बनता है अब अपने होने वाले बच्चे का ख्याल रखो और अच्छे से रहो
मै- कुश अब तू भी आंटी का और अपने बच्चे का ख्याल रख और हर फर्ज पूरा कर अब तुम दोनों का नाम पति पत्नी की तरह जुड गया है
कुश- भाई अजीब लग रहाहै मम्मी अब मेरी पत्नी है
उतने रवि भी आ गया
रवि- अकेले अकेले शादी कर रहा है मुझे नही बुलाया वे
कुश- रवि तू
रवि- तू तो बुलाया नही श्रेयांश ने बुलाया तू क्या सोचा मै साथ नही दूगा दोस्त है हम और अब तू खुश रह
कुश- सारी भाई मै डर गया था
रवि,- चल कोई न अब अच्छा है आटी तो बहुत ज्यादा गुस्सा वाली थी तुझे तो पीटती भी थी और मेरी तो हमेशा क्लास लगा दती थी पर अब अब आपको आंटी कहू या भाभी
सुधा आंटी- मार खाएगा तू रवि हमारी शादी शादी हो गई है इसका मतलब नही है की मै बदल गई हू तो संभल कर
रवि - मतलब रवि की पिटाई होती रहेगी और मुझे डाट पडती रहेगी मगर कुश को मौका जरूर मिलेगा हिसाब बराबर करने का
कुश खुश था फिर अगला दिन आ गया हमे रियासत के लिए निकलना था
पापा- सबकी पेकिग हो गई जल्दी करो दिया श्रेयांश और अंजलि कहा है
दीदी- वो आ रहे है
मम्मी- मालती जल्दी करो घर की सब लाइट बंद कर दो और तुम्हारी बेटी कब आ रही है उसे बता तो दिया न हम रियासत जा रहे है
मालती काकी- जी बोल दिया हू फिर कुश और सुधा आंटी भी आ गए और हम सब रियासत के लिए निकल गए एक गाडी में मै मम्मी और कुश और सुधा आंटी और दूसरे मे पापा दीदी और मालती काकी थी
हमशाम को महल पहुंच गए वहा हमारा स्वागत बडी धूमधाम से हुआ मुझे और मम्मी को शाही तरीके से स्वागत किया गया फिर सबको उनके कमरे दे दिए गए और हमे राजा रानी का कणरा दिया गया जो बहुत ही शानदार और बडा था
मै- वाऊ मम्मी ये तो बहुत बडा और अच्छा कमरा है
मम्मी- हा बहुत सुन्दर कमरा है उतने मे एक नौकर आया
नौकर- राजा साहब रानी साहिबा की जय हो वो राजपिता ने आपको अफने कमरे मे बुलाया है
फिर नौकर चला गया
मै- अरे आए नही और दादाजी का शुरू हो गया जब भी वो बुलाते है तो डर लगता है क्या नया बम्ब न फोड दे
मम्मी- अब तो सबसे बडी चीज हो ही चुकी है बाकी तो सड ऐसा ही होगा देख लेगे चलो
फिर हम दोनों दादाजी के कमरे में गए तो वहा पहले से ही पापा नानी मामा चाची चाचा सब थे
दादाजी- आओ श्रेयांश और बहु देखो जैसा की सबको पता अब तुम दोनों राजा रानी बनने वाले हॅ जिसकी रस्म कल से शुरू हो जाएगी तो सभी रस्मो के बारे मे अभी से जान लो ताकि बाद मे कोई गलती न हो और पहले ही सौन लो यह सब प्रथा अनिवार्य बाकी तुम अपनी मर्जी से निभा सकते हो आखिर तुम राजा रानी होगे
मै- कैसी रस्मे और प्रथा
दादाजी- तो सुनो सबसे पहले कल कुल देवता की पूजा करोगे तुम दोनो फिर परसो एक प्रथा होगी जो बहुत जरूरी है
मै- कौन सी
दादाजी- जो भी इस तरीके से राजा बनता है उसकी महारानी के अलावा दो और गंधर्व पत्नी होनी चाहिए और तीन दासी जो पूरी तरह से राजा रानी की दासी होती है और अगर राजा चाहे तो शारीरिक तौर पर भी उनको खुश करना है मुगर ये पूरी तरह राजा पर निर्भर है और जो दो पत्नी होगी वो सिर्फ राजा की पत्नी होगी और राजा और रानी की सारी बात मानेगी मगर उनको दौलत या किसी चीज मे हक नही मिलेगा हा मगर उनके बच्चे जो राजा से होते है तो उनको हक भिलेगा और बाकी बच्चो को उनका नाम मिलेगा मतलब अगर किसी के बच्चे है तो वो राजा साहब के बच्चे कहलाऐगे मगर उनके साथ पत्नी की तरह व्यवहार करना न करना राजा साहब पर निर्भर है
मै- ये क्या है मै और शादी नही करूगा मै अब मम्मी के सिवा किसी और को अपनी जिंदगी में नही लाऊगा
दादाजी- देखो करना पडता मगर वॅ तुम्हारे ऊपर है तुम चाहो तो उनसे वॅ रिश्ता नही रखना मगर नाम के लिए तो करना ही पडेगा और पत्नी रहेगी मगर उनका कोई हक नही होगा रानी सिर्फ अंजलि बहु ही रहेगी
मम्मी- हा देखो करना तो पडेगा ही अब कुछ नही हो सकता और नाम के लिए ही तो करना है
दादाजी- तो सुनो दासी को अपने अगर शादी शुदा है तो उसे अपने पति को छोड़ना होगा और अगर बच्चे है तो राजा साहब के बच्चे होगे फिर वो तो इस प्रथा मे हमारे महल की सारी औरते होगी फिर रानी चिट उठाकर बताएगी की कौन क्या है इसमे सारी औरते भाग लेगी मतलब की हर औरत और नौकरानी भी फिर अगले दिन तुम दोनों का राज्याभिषेक होगा और तुम दोनों आधिकारिक तौर पर राजा रानी बन जाओगे अब सब जाकर आराम कर लो कल से बहुत काम है
मै और मम्मी अपने कमरे मे आ गए
मै- मम्मी मैने कहाँ था न कुछ न कुछ होगा देखा वही हुआ न
मम्मी- हा है तो मगर क्या करे करना पडेगा ही म
मै- मुझे समझ नही आ रहा क्या होगा
मम्मी- और मुझे फिक्र है की कौन होगी जो पत्नी बनेगी और कौन दासी समझ सब होगी दिया और मा माजी भी
मै- हा मम्मी मुझे भी डर लग रहा है
मम्मी- जो होगा होगा सो जाते है कल षे काम है
मै - मिली कहां है
मम्मी- वो सो गई है
फिर हम दोनों भी सो गए
अगले दिन कुल देवता की पूजा हुए और पूरी रियासत मे उत्सव शुरू हो गया
कुश- भाई तू तो सच मे राजा बन रहा है
मै- अबे मुसीबत है क्या बताऊँ
कुश- कुछ नही तू कर लेगा
मै - कल की फिक्र है क्या होगा तू आटी को लेकर अभी दो दिन के लिए हमारे फार्म हाउस में चले जा
कुश- कल की प्रथा मे महल की सारी औरते होगी कही आंटी को भी न कर दे इसलिए गलती से वो दासी या पत्नी न हो जाए मै तेरा घर बर्बाद नही कर सकता
फिर कुश आंटी के साथ फार्म हाउस चला गया और वो दिन आ गया और हमारे महल मे जितनी भी औरते थी मतलब नौकरानीया भी सभी खडी थी अधिकतर तो बडी उम्र की औरते थी
मंत्री- जैसा की सब जानते हैं कि यहा एक प्रथा हो रसी है जिसमे हमारे राजा साहब के लिए दो पत्नी और तीन दासी का चयन होगा दासी भी पत्नी की तरह ही होगी मगर उनको पत्नी का नाम नही मिलेगा और पत्नी और दासी को राजा साहब और रानी की सारे हुक्म मानने होगे जैसे सारी रियासत मानती है तो सबके नाम इस पात्र मे है रानी साहिबा अपने हाथो से पर्ची निकाल कर बताएगी की कौन क्या है सबसे पहले दासी की पर्ची निकाली जाएगी आइए रानी साहिबा
फिर मम्मी ने पहली पर्ची निकाली मेरा दिल तेज धडक रहा था
पर्ची खोली तो उसमे नाम था गिरिजा
मम्मी- गिरिजा
मंत्री- गिरिजा आगे आओ तो वो एक नौकरानी थी एक 46 साल की औरत थोडी भरे शरीर की मगर काली सी भगर सुन्दर थी
मंत्री- अब से तुम राजा और रानी की दासी हो और तुम अब महल मे एक कमरे मे रहोगी जो शाही दासी का होता है और तुम्हारे बच्चे भी अब यही रहेगे और पति अब तुम्हारा नही रहा उसे हम पैसे दे देगे
फिर उसके गले मे मैने एक हार पहना दिया जो शाही दासी की निशानी होती है
फिर मम्मी ने दूसरी पर्ची निकाली और नाम पडकर सन्न रह गई
मंत्री- रानी साहिबा कौन है
मम्मी- कमला देवी
यह मेरी नानी का नाम था मै सन्न रह गया की नानी अब मेरी दासी पर कैसे
मैंने दादाजी से कहा तो दादाजी ने कहा यह ही सच है अगर तेरी दादी का नाम भी आया तो उसे करना पडेगा
फिर मै कुछ नहीं बोला और नानी को भी दासी का हार पहना दिया
मंत्री- कमला देवी अब आप शाही दासी है और अब आपको यही शाही दासी के कमरे रहना होगा और आपके पति को छोड़ना होगा और आपके बच्चे अब राजा साहब के बच्चे होगे वो भी यही रहेंगे
मम्मी को बुरा लग रहा था मगर कुछ नहीं हो सकता था
फिर मम्मी ने तीसरी पर्ची निकाली तो उसमे निशा चाची का नाम था अब तो मेरे दिमाग खराब हो रहा था पर मै कुछ कर भी नही सकताथा चाची बहुत सुन्दर और समझदार औरत थी पर क्या कर सकते थे फिर उनको भी चाचा को छोड़ना पडा और शाही दासी वाले कमरे मे रहना होगा और अब उनके बेटे अब मेरे बचेटे थे मै कम उम्र में इतने बडे बच्चों का पिता बन रहा था मगर अब बारी थी पत्नी की तो मम्मी ने पहली पर्ची निकाली जिसमे नाम था
सुमित्रा देवी यह नाम सुनकर सब सन्न रह गए ये मेरी दादी का नाम था मै सन्न था पापा भी की क्या हो गया और दादाजी भी मगर अब कुछ नही हो सकता था
मंत्री- तो पत्नी के लिए जो नाम है वो है राजमाता सुमित्रा देवी जो की सुमित्रा देवी राजमाता है तो वो वो तो रहेगी ही मगर अब से राजा साहब की पत्नी भी होगी और अपना सारे पत्नी धर्म निभाएगी सबसे पहले आप अपना मंगलसूत्र उतार दे और राजपिता आप तलाक के पेपर पर हस्ताक्षर कर दे दादाजी और दादी बहुत दुखी थे मगर करना ही था पापा भी बहुत दुखी थे फ
मंत्री- अब पंडित जी इनका विवाह कराए तो पंडित जी ने मंत्र पडे और मुझसे कहा मंगल सूत्र पहनाओ और माग भरो मै मम्मी को देख रहा था और दादी भी दुखी थी अपने बेटे से शादी नही की तो आज अपने पोतै से कर रही थी
मम्मी- ने मुझे कहा करो अब क्या कर सकते है आगे देखते है
फिर मैंने मांग भर दी और दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई
पंडित अब आप पति पत्नी है
मंत्री- अब आप शाही कक्ष मे रहोगी
फिर मम्मी ने दूसरी पर्ची निकाली तो उसमे नाम लिखा था मालती देवी
मालती काकी- यह कैसे हो सकता है मै कैसे मैने श्रेय फाबा को गोद मे खिलाया है
मै और मम्मी अब चौके थे मगर इतना नही
मंत्री- देखिये अब आप राजा साहब की पत्नी होगी आपकी विधवा है तो आइए और यहा शादी की विधि पूरी कीजिये
फिर मालती काकी आई और मैंने उनको मंगल सूत्र पहनाकर और मांग भर कर शादी कर ली अब वो भी मेरी पत्नी हो गई थी फिर मंत्री
मंत्री- अब से राजा साहब की तीन दासी है गिरिजा, कमला देवी और निशा अब इन पर सिर्फ राजा साहब का ही अधिकार होगा और इनके बच्चे अब राजा साहब के बच्चे होगे
और दो और पत्नियां है एक राजमाता सुमित्रा देवी और मालती देवी और ये अब पूरी तरह से राजा साहब को समर्पित है और इनके बच्चे अब राजा साहब के बच्चे है और उनको हक भक मिलेगा तो जो भी इनके बच्चे है अब से राजा साहब को पिताजी और रानी साहिबा को बडी मा कहेगे
ये सुनकर मुझे और मम्मी को झटका लगा और पापा और दीदी को भी
फिर सब खत्म हुआ और मै और मम्मी अपने कमरे मे आ गए
मै - रोते हुए मम्मी ये क्या हो गया नानी दासी चाची दासी दादी और मालती काकी पत्नी ये क्या हो गया
मम्मी- रो मत ये तो किस्मत में था अह क्या कर सकते है बुरा तो मुझे भी लग रहा है पर क्या करे कल तू राजा बन जाएगा तो ये प्रथा खत्म करने का कोई उपाय हम खोजते है ताकी आगे ची पीढी को यह सहना न पडे
मै - हा मम्मी कुछ भी करके ये खत्म करना है मगर अभी का क्या
उतने मे दीदी अंदर आ गई
दीदी- हा मम्मी ये क्या हो गया दादी से शादी के बाद उनके बच्चे अब आपके बच्चे है मतलब अब पापा और बुआ अब मेरी भाई बहन है और मालती काकी नौकरानी नही है इनककी पत्नी है और भेरी छोटी मम्मी और दादी भी छोटी मम्मी
मै - हा मम्मी मै भी यह कह रहा हू
मम्मी- अब यही है कुछ कर नही सकते
दीदी- तो क्या पापा को अब भइया कहू और बुआ को दीदी
मम्मी- हा क्योंकि अब वो हमारे बेटे हो गए हैं
वही मालती काकी अपने नए कमरे में बिलकुल सजी हुई थी और गहने पहनी थी
मालती काकी- मै फिर से सुहागन हो गई और अब मै भी रानी ही हू नौकरानी नही और मेरी बेटी की जिंदगी भी सुधर जाएगी मगर अब श्रेयांश बाबा मेरे पति है मगर वो मुझे पत्नी की तरह स्वीकार करेंगे शायद नही क्योंकि वो सिर्फ दीदी को ही प्यार करते है मगर मै अपना पत्नी धर्म पूरी निष्ठा निभाऊगी
वही दादी और दादाजी बैठे थे बाहर ही
दादी- जिसे मे नही चाहती थी वही हुआ हम दोनों पिछले 47 साल से एक थे और उम्र के इस मुकाम मे आकर सब बदल गया और हमारा साथ छूट गया मेरा सपना था की आपके हाथो ही मेरा कल्याण हो मगर
दादाजी- सुमित्रा किस्मत को यही मंजूर था तुमने 28 साल पहले जो मना किया था आज किस्मत वही ले आई अब तुम अपने ही पोते की पत्नी बन गई हो हमारा सफर यही तक था ऊब तुम्हे श्रेयांश की पत्नी की तरह बाकी का जीवन जीना है और अब से उसका ख्याल रखना है जैसे मेरा रखती थी
दादी- मगर अब बात ये भी है मै पोते की पत्नी और मेरा बेटा अमरेन्द्र श्रेयांश मतलब अपने ही पापा का बाप बन गया है पापा भी आ गए
दादाजी- बेटा अब से नए रिश्ते से श्रेयांश तुम्हारा पिता है तो उसे अब तुम पिताजी कहोगे और अंजलि बहु अब तुम्हारी रानी मा है