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Incest Rajsi parampara

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Letsdoit

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Update 18



कहानी आगे


पापा - जानता हू पिताजी मगर श्रेयांश नही मानेगा पर समझाना पडेगा उसे वो मेरी बहुत इज्जत करता है
दादाजी- धीरे धीरे सब समझ जाएगा आखिर राजा है वो और उसे ही सम्हालना है सब
फिर दादी अपने नए कमरे में सोने चली गई गिरिजा नानी और चाची अपने अपने शाही दासी के कमरे में थी
चाची यार क्या हो गया मालकिन से दासी बन गई और अब वो सारी जो जायदाद मेरे और मेरे बेटो की भी थी अब उनकी ही है अगर होगा था तो पत्नी बन जाती कम से कम मालकीन तो रहती मुझे श्रेयांश सा बात करनी पडेगी या मंत्री जी से पूछना होगा
फिर सब सो गए
अगले दिन मेरा और मम्मी का राज्याभिषेक हुआ और हम आधिकारिक तौर पर राजा रानी बन गए


और मेरी दोनों पत्नी मतलब मालती काकी और दादी हमारे आजू बाजू के तख्त पर बैठ गई मालlती काकी तो खुश थी की वो अमीर हो गई और उचे पद पर ही बैठी है फिर सब समारो खत्म हुआ और वकील आया और हम।सब बैठे थे
वकील- राजा साहब ये रहे जायदाद के पेपर और सारी जायदाद आपकी और रानो अंजलि जी की हो गई है मै और मम्मी अब सबके मालिक है
मालती काकी - मुबारक हो दीदी
मम्मी- हम्म अब सब हो गया न
मंत्री- जी महारानी अब बागडोर आप दोनों के हाथ मे है और सबसे पहले हमे सभी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करनी होगी आगे के कार्य के लिए जिसमे आप दोनों राजमाता मै मुनिम जी वकील साहब और सरपंच मौजूद होगे
मम्मी- और कब है यह सभा
मंत्री - शाम पांच बजे महारानी
मुझे इन सब का कोई ज्ञान नहीं था तो मम्मी ही सब देख रही थी
मम्मी- ठीक है तब तक सब आराम कीजिये और मालती राजमाता गिरिजा निशा और मा आप लोग हमारे कमरे मे आए हमे बात करनी है
फिर मे और मम्मी अपने कमरे मे आ गए
मै- सबको क्यू बुलाया है
मम्मी- सब कुछ क्लियर करने के लिए और अब तुम महाराज हो तो कुछ कहना हो तो कब सकते हो
उतने मे सब आ गई
सब- महाराज महारानी की जय हो
मम्मी अपने कमरे के तख्त पर बैठ गई

मम्मी- जैसा आप सब जानते हैं कि यह सब कुछ प्रथा के कारण हुआ है और मुझे और कुश को खुद अच्छा नही लग रहा है और हम चाहते हैं कि आगे की पीढी के साथ ये न हो इसके लिए हम कोई रास्ता निकालेगे मगर जो हो गया है उसे बदल भी नही सकते हैं मतलब की अब हम सब एक परिवार है और राजमाता और मालती अब आधिकारिक रूप से श्रेय की पत्नियाँ हैं और आप लोग अपना पत्नी धर्म निभाए मगर ये श्रेयांश के ऊपर है की वो आपको पूरे हक देता है या नही आप समझ रहे होगे मतलब मगर मै ये जरूर सुनिश्चित करती हू की वो आपको पत्नी का सम्मान जरूर देगा और आप भी हम दोनों को पूर्ण सम्मान देगी और मेरी बाते मानेगी
दादी - अब आप महारानी है तो आपका हर हुक्म मानना हमारा कर्तव्य है
मालती काकी- मै तो हमेशा से आपका हर हुक्म मानती आई हू और आगे भी मानूगी
मम्मी- और गिरिजा तुम पहले नौकरानी थी मगर अब महाराज की शाही दासी हो मगर तो कोई नौकर नही हो तुम अब उच्च स्थान पर हो और अब आप भी हमारे परिवार का हिस्सा हो जैसा की आपको पता है महाराज की शाही दासी मतलब उनकी पत्नी के समान है और लोग भी आपको उसी तरह देखते हैं और महाराज की दासी दस साल बाद उनकी पत्नी बन जाती है मा और निशा आप भी बुरा नहीं मानिए मुझे पता है निशा तुम्हे बहुत बुरा लग रहा होगा तुम मेरी छोटी बहन की तरह हो तो हम सबको मिलकर यह परिवार चलाना है
मा - अंजलि माफ करना महारानी मुझे बस ये दुख है की मै तुम्हारे और अपने नाती की जिंदगी में आ गई और आपके पिता को छोडने का बहुत दुःख है मगर किस्मत को यही मंजूर है
निशा - मै जानती हू दीदी मुझे आपसे बात भी करनी है
मम्मी- मै सबहे एक एक करके बात करूगी
मै- मुझे भी कुछ कहना है वैसे मम्मी ने सब कह दिया है और वो जो कहती है वो सही होता है और उनका हर हुक्म मेरे लिए सब कुछ है मगर सब यह भी षुन ले की पहले तो यह सब जो भी हुआ है गलत हुआ है और कई लोगो की जिंदगी बदल गई है जिसमे मै और आप सब बी शामिल है और हमे इन नए रिश्ते मे एडजस्टमेंट मे टाइम लगेगा मगर मेरा एक नियम है मै नए रिश्तो के कारण पुराने रिश्ते नही खत्म करता मतलब आप लोग अभी जो मेरी है वो बाद मे है पहले जो थी वही पहले रहेगी क्योंकि एक रिश्ते के लिए कई रिश्ते खत्म नही कर सकता जैसे दादी मेरी पत्नी जरूर बन गई है मगर पहले मेरी दादी ही रहेगी और मै उन्हें उसी तरह सम्मान दूंगा और नानी नानी ही पहले रहेगी और चाची आप भी और एक बात मम्मी हमेशा सर्वश्रेष्ठ रहेगी और मै सिर्फ उनका ही रहूगा और कोई वो जगह नही ले सकता तो कोई कोशिश भी नही करे और सबको उनका ही आदेश मानना है
मम्मी- चलिए अब सब जा सकते है मालती तुम रूको
और श्रेय तुम जाकर दादाजी जी से मिलकर आओ
फिर मै चला गया
मम्मी- मालती हमारी प्रथा मे तुम भी आ गई माफ करना
मालती काकी- अरे दीदी आप माफी क्यू मांग रही हो आपके परिवार ने हमेशा मुझे सम्मान दिया और मै विधवा अब सुहागन हो गई और मेरी बेटी को भी बाप का नाम मिल गया और आपके परिवार का हिस्सा बन गई और महाराज की पत्नी होने का गौरव हा थोडा लगा की श्रेयांश बाबा को मैने गोद मे खिलाया है तो बुरा लगा मगर जब आप कर सकती है तो मै क्यू नही मै तो शुक्रगुज़ार हूँ कि आपके परिवार का हिस्सा हू बस यही सोच रही हू की मेरी बेटी को क्या कहूगा
मम्मी- अब वो मेरी बेटी भी है दिया की तरह तो वो भी समझ जाएगी अब तुम परिवार हो मेरा जाओ आराम करो
फिर वो चलि गई और शाम के पाच बज गए और दरवार मे सभा लगी और मै और मम्मी सिंहासन मै बैठ गए
मंत्री- महाराज महारानी की इजाजत हो तो सभा शुरू करे
मम्मी- इजाजत है
मंत्री- महारानी मै आपको बताना चाहता हूँ कि हमारे राज्य के हालात ठीक नही है हमारे भूतपूर्व राजा भी यह परिस्थिति को सम्हाल नही पाए है
मम्मी- क्या बात है और ऐसी कौन सी बात छुपाई गई है
मंत्री- राजमाता जानती है अच्छी तरह
दादी- बात ऐसी है की हमारे पडोसी राज्य और हमारे बीच खानदानी दुश्मनी है और वो हमे बर्बाद करने मे लगे है इस सब मे अब तक हमारे 400लोग मारे जा चुके हैं
मम्मी- क्या आप लोगो ने ये बात हमे क्यू नही बताई
मंत्री- जी पुराने महाराज का हुक्म था हमारे दुश्मन बहुत ताकतवर है उनके पास राजनैतिक ताकत,भी है सतारूढ दल के मंत्री उनके साथ है और उन्होंने अब तक 8बार महाराज पर जानलेवा हमला कर चुके हैं
मम्मी- क्या तो यह बजह है ससुर जी ने इतनी जल्दी की यह सब करने मे ताकी वो जल्दी से पद मुक्त हो और नए महाराज श्रेयांश बने मतलब अब उनका टारगेट नए महाराज श्रेयांश होगा
मंत्री- जी महारानी इसलिए हमने यह सभा बुलाई है क्योंकि महाराज और आपकी जान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और जो हमारे दुश्मन महाराज है वो बहुत रंगीन मिजाज है और ऐसा नियम है की महाराज की मृत्यु के बाद जीते हुए राजा हारे हुए परिवार की सारी औरतो को अपनी रखैल बना लेता है
मै- ये क्या बकबास है और आज के जमाने में ये सब कुछ भी और हमारे पास इतनी दौलत हे हम औनको पैसो के दम पर मरवा नही सकते क्या
मंत्री- दौलत उनके पास भी है और ताकत भी और उन्होंने हमारे राज्य के कुछ हिस्सों पर कब्जा भी कर लिया और हम कुछ नहीं कर पाए
मम्मी- मतलब बहुत खराब स्थिति है अगर हम यहा से सब बेच के चले जाए तो
मंत्री - आप जा सकते है मगर महाराज महारानी आप ही रहेगे और वो आपको मारे बिना सब हासिल नही ईर सकता इसलिए वो आपको मरवाने के लिए हमले जरूर करेगा चाहे आप कही भी रहो
मम्मी- मतलब उससे सामना करना ही पडेगा
मंत्री- जी महारानी और हमे महाराज को भी बचाने है और उनकी हर चाल को हराना है उनको हराने का रास्ता बनाना है
मम्मी- आपके पास या किसी और के पास कोई रास्ता है
दादी- एक रास्ता है तो जिससे तुम जो चाहते हो वो भी हो जाएगा और आगे कोई खतरा भी नही रहेगा
मम्मी- मतलब राजमाता
दादी- तुम्हे नही पता पर ये जो प्रथा है जिसके कारण तुम्हारा विवाह हुआ है उसकी जड वही राजपरिवार से जुड़ी है
मम्मी- वो कैसे
दादी- वो राजपरिवार और हमारा परिवार पांच सौ साल पहले एक ही थे और राज्य की खुशहाली के लिए एक महान साधु से यज्ञ कराया जा रहा था तभी महाराज के छोटे भाई को लालच आ गया और उसने महाराज को मार दिया और उसके सिर को वही डाल दिया तब राजपरिवार का बटवारा हुआ और साधु ने कहा की ये यज्ञ खराब हुआ है तो अब यह राज्य तबाह हो जाएगा और तुम्हारा सारा परिवार भी
तो उस वक्त के मंत्री ने उपाय पूछा तो साधु ने कहा महाराज की पत्नी ही इस यज्ञ मे बैठैगी मगर सुहागन की तरह और नए महाराज पुराने के पुत्र होगे मतलब इन दोनों का विवाह करना हॅगा फिर ये करना होगा
तो इस तरह यह प्रथा शुरू हुई और दोनों परिवार मे होती है मगर महारानी ने इसका उपाय पूछा था तो उस महापुरुष ने कहा था जिस दान दोनों परिवार एक हो जाएगै और हमारे महाराज दूसरे महाराज को खत्म करके उनके परिवार की सारी औरतो को जीत कर या तो दासी या पत्नी की तरह स्वीकार कर लेते है तो यह प्रथा भी खत्म हो जाएगी और दोनों परिवार भी एक हो जाएगे
मम्मी- तो सब तब से यह कर रहे किसी ने रोका नही
मंत्री- एक बार एक हुआ था मगर उसके बाद राज्य मे बीमारी फैल गई सूखा आ गया और परिवार मे भी मौते होने लगी फिर समझ मे आया की यह जरूरी है और शायद इसी वजह से वो भी यह खत्म करना चाहता है और महाराज को मारकर सारी औरतो को जीतना चाहता है
मै - यह तो बहुत गंभीर है अब क्या करना चाहिए ।
मंत्री- हमे सबसे पहले हथियार गाडिया और चुनाव में जीतना होगा ताकी हम ताकतवर बन सके
मै - मंत्री जी हमारी प्रजा को हमसे नफरत नही होती हम यह गलत प्रथा कर रहे है
मंत्री- महाराज वो जानते है की सब उनके लिए ही कर रहे है और वो भी यही प्रथा करते है और उनको भी इसके खत्म होने का इन्तजार है
मम्मी- तो मुनीम जी राजकोश से रक्षा के लिए पैसे निकाल लीजिये और हमारे साइन ले लीजिए अभी हम पहले सुरक्षा पर ध्यान देते है और बाद में आगे की रणनीति बनाते है
मुनीम - जी महारानी
फिर सभा खत्म हुई और सब चले गए और हम भी अपने कमरे मे आ गए
मै - कितना कठिन है राज चलाना मम्मी मुझे तो ये सब समझ ही नही आया पर वो दुशमन मेरी जान के पीछे क्यू पडेंगे न मै उन्हें जानता हू न वो मुझे और दादाजी ने बहुत सी बात छिपाई है और क्या पापा को पता होगा ये सब
मम्मी- नही तेरे पापा को नही पता होगा अगर पता होता तो वो सबका राज फाश कर देते और तुजे बचाते पहले तुझसे बहुत प्यार करते है ये सब तेरे दादाजी ने किया है जान बचाने के लिए किया है पहले अपने बेटे को चाहा मगर वो नही हुआ तो तू
उतने मे पापा ने दरवाजा खटखटाया
मम्मी- कौन है
पापा- मै हू
फिर उन्होंने दरवाजा खोला
मम्मी- आप इस वक्त
पापा- मुझे जो कुछ सभा मे हुआ पता चला और पूरी कहानी भी और पिताजी की हरकत भी मुझे नता होता तो मै सब बदल देता
मम्मी- पर क्या कर सकते है अब हमे ही मिलकर श्रेय की रक्षा करनी है
पापा- पर मै तो सभा मे नही हू और मुझे शक है की महल मे गुप्तचर और गद्दार है मगर बिना सभा मे शामिल हुए ये नही सो सकता क्या करे
मै- आप फिक्र न करो मै अपनी रक्षा कर लूंगा और आप लोगो की भी मैने एनसीसी ट्रेनिंग ली है
मम्मी- जानती हू मगर जोश से नही हमे दिमाग से भी सोचना होगा
पापा- हा पर कैसे
मम्मी- आप अपना बिजनेस दिया और निशा के बडे बेटे को चलाने दो और आप यही रहो और सभा में शामिल होकर सेनापति बन जाओ
पापा- पर ये कैसे हो सकता है सभा मे सिर्फ एक पद खाली है भी घर के दिमाद के लिए रिजर्व है मतलब श्रेयांश की बुआ के पति के लिए जो अब इस दुनिया में नहीं है
मम्मी - आप बुरा न मानो तो आप श्रेय के लिए उसकी बुआ से शादी कर लो और सभा मे शामिल हो जाओ
पापा- तुम पाखल हो गई हो क्या बहन है वो मेरी
मम्मी- तो मै कौन थी श्रेय की मैने की न श्रेय के लिए तो आप नही कर सकते हमे श्रेय के बारे णे सोचना है वो हम दोनों का बेटा है और आप भी कब तक अकेले रहोगे
पापा- मै जानता हूँ पर वो भी नही मानेगी
मम्मी- मै महारानी भी हू मेरि हुक्म कोई नही टाल सकता और वो भी दुखी रहती है उसे भी खुशी चाहिए और आप से ज्यादा खुशी कोई नही दे सकता और उसकी बेटी को भी बाप का प्यार मिल जाएगा
पापा - और पिताजी का क्या करना है
मम्मी,- वो बाद मे देखते है मै भी थक गई हू जाकर नहा लू फिर सोती हू फिर मम्मी बाथरूम में नहाने चली गई और पापा मुझसे बात करने लगे
पापा- तुम फिक्र मत करो मै हू तुम्हारी रक्षा के लिए और अंजलि भी है
मै- जानता हू आप दोनों के होते हुए मुझे कुछ नहीं होगा
पापा- हम्म और तुम भी बहुत बहादुर हो और अब तो तुम खुद पिता हो तुम समझ सकते हो पिता की फिक्र
मिली मेरी गोद में ही सो रही थी
मै- हा पापा वैसे मुझे आपको थैंक्स बोलना था
पापा- किस चीज के लिए
मै - की मम्मी मेरी पत्नी बनी उनसे अच्छी पत्नी कोई नही हो सकता और कोई हो भी नही सकती इतनी खूबसूरत संस्कारी पत्नी मिल ही नही सकती थैंक्स पापा
पापा- अंजलि बहुत अच्छी पत्नी मा सब है मुझे दुख है की मेरी जिंदगी में वो बस यही तक थी मगर खुशी है की तुम दोनों खुश हो और मेरे सबसे खास हो खुश रहो और उहे भी खुश रखो और कमरः मे पत्नी की तरह प्यार भी दो समझ रहे हो न वैसे मिली की वजह से कोई दिक्कत तो नही है न
मै- नही पापा ऐसी कोई बात नहीं है और मै उनसे प्यार करता हू शरीर से नही
पापा- देखो बेटा औरत कुछ कहती नही मगर उसे तन के सुख की भी जरूरत होती है जो सिर्फ पति पूरी कर सकता है तो तुम्हे हर फर्ज पूरा करना है और जो भी तुम पर निर्भर है चलो अब मै चलता हू और पति भी हो
फिर पापा चले गए और मैने दरवाजा बंद कर दिया
फिर कुछ देर बाद मम्मी बाथरूम से बाहर आई उन्होंने एक नाइटी पहनी थी

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जो मैने ही लाया था मै उनको देखता ही रह गया कई महीनों बाद मम्मी ऐसी थी
मै क्या हुआ आज ये नाइटी आप बहुत अच्छी लग रही हो
मम्मी- कितने महिने हो गए हमे प्यार किए हुए सोचा आज अपने पति को थोडा प्यार कर लू वैसे ये नाइटी है बहुत अच्छी
मै - आप तो आज इतनी फिक्र मे थी अचानक रोमांटिक
मम्मी,- कितने महिनो से तडप रही हू तुम भी तो तडपे होगे मगर तुमने सब्र रखा आज कुछ नहीं सिर्फ मै और तुम और,कोई नहीं
फिर वो मेरे पास आकर मेरे पेट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरा हाल बुरा होने लगा
मम्मी- क्या हुआ कैसा लग रहा है
मै - मम्मी बहुत दिनों बाद आपके साथ प्यार करने का दिल कर रहा है आज तो सोना नही है और यह कहकर उनके होठो को चूमने लगा

उम्म उम्म ऊमम्ममम उम्म पुच्च उम्म
हमारा किस बहुत की तेज और इंटस था हम दोनों एक दूसरे की जीभ तक चूस रहे थे इतने महिने की प्यास साफ दिख रही थी 15 मिनट तकहम दोनों एक दूसरे को चूमने चूसने के बाद हम अलग हुए
मै - इतने दिनों बाद आपके मुलायम होठ का स्वाद मिला है
मम्मी- हम्म चलो अब मुझे वो दिखाओ जिसके लिए मै तडपी हू
फिर उन्होंने मेरा पेंट उतारा फिर मेरी चड्डी उतार दी जिसमे से मेरा खडा लंड बाहर आ गया वो बिलकुल खडा था मम्मी ये देखकर मभ

मम्मी- कितने वक्त बाद देख रही हू ऐसा लग रहा है पहले से और बडा हो गया है
मै- हा आपके लिए तडप कर
मम्मी- अब कोई नही तडपेगा
और मेरे लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी उम्म ओक उम्म ओक उम्म उम्म

मै तो बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड हो गया कितने वक्त बाद यह अहसास हो रहा था ओह मम्मी आपके मुँह में आकर बहुत अच्छा लग रहा है ओह्हह मम्मी
मम्मी लंड चूसने मे लगी हुई थी और लगातार चूस रही थीमै तो बस अहसास को आनंद ले रहा था
आधे घंटे तक मेरा लंड चूसने के बाद मुंह से निकली
मम्मी- कितने महिने बाद यह पल मिला कितना मिस किया
मै - मम्मी आप कितना खुल गई हो न पहले ऐसे नही बात करती थी
मम्मी- अपने पति से कोई पर्दा नहीं होना चाहिए और सेक्स करते वक्त पूरा आनंद लेना चाहिए तभी संतुष्टी मिलती है और तू भी खुलकर आनंद ले
मै- हा मम्मी चलो अब मेरी बारी है मुझे भी स्वाद लेने दो अपने जन्मस्थान का आप लेट जाओ
फिर वो पूरी तरह नंगी हो गई और लेट गई और मै उनकी चूत को चाटने लगा लगा और मम्मी के मुंह से सिसकियाँ निकलने लगी

मम्मी- ओह्हह मा आहह आऊच उम्म बेटा आह्ह कितना अच्छा लग रहा है और चूस बेटा आह्ह कितना सुखद अहसास है तू चाटता रह आह्ह
मै- मुझे भी आपकी इस प्यारी सी चूत का स्वाद मिला है कितना स्वाद है
फिर मै चूत को चाटने लगा लगा और मम्मी सिसकियाँ लेने लगी हम दोनों बहुत ही मदहोशी मे थे
मम्मी- अब देर मत कर अब और नही रूक सकती जल्दी से समा जा मुझमे
फिर मैंने बात मानते हुए अपने लंड को चूत मे डालकर धक्के लगाने लगा मम्मी को हल्का सा दर्द हुआ मगर पहले जितना न ई क्योंकि अभी अभी वो मा बनी थी

मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह कितने वक्त बाद तू मेरे अंदर आया है उम्म बहुत सुकून मिल रहा है आह्ह दईया ओह्हह ऐसा लग रहा है पहले से मोटा हो गया है मै अभी मा बनी हू फिर भी कसा जा रहा है ओह्हह म

मै- मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है आपके अंदर जा कर ओह्हह मम्मी आपको एक बात कहू
मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह बोल न तू ही तो सब है आह्ह बेटा उम्म आह्ह
मैं- मम्मी आपके दूध और बडे हो गए है और कितने गोल और गोरे गोरे है क्या मै इन्हें छू सकता हू
मम्मी ओह्हह आह्ह बेटा उम्म आह्ह तू भी न आह्ह कितना भोला है उम्म आह्ह मै अब तेरी बीबी भी है और मेरे जिस्म के आह्ह हाय रे हर हिस्से पर तेरा हक है तू जैसे आह्ह चाहे जो चाहे कर सकता है
फिर मै उनके दूध को हाथ मे भरकर दबाने और सहलाने लगा उनके दूध बिल्कुल मलाई की तरह थे
और बहुत बडे भी थे पूरे हाथ मे भी नही आ रहे थे
मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह आराम से दबा तेरे ही है ये ओह्हह मा
मै- मम्मी आपके दूध कितने मुलायम है एकदम मलाई की तरह और इतने बडे है की हाथो मे भी नही आ रहे हैं
मम्मी- ओह्हह आह्ह बेटा उम्म आह्ह जो भी है सब तेरा है आह्ह
फिर मैंने उनके दूध के एक निप्पल को मुंह में भरकर चूसने लगा जिसमे से दूध मेरः मुंह में जाने लगा
मम्मी- आह्ह आराम से बेटा बचपन की तरह मेरा दूधपी रहा है ओह्हह मा आहह पूरा मत पीना मिली को भूख लगती है सुबह सुबह आह्ह
मै- हा मम्मी मुझे भी बचपन याद आ गया और आपके दूध का स्वाद बहुत अच्छा है और मिली के लिए एक है न मै सिर्फ एक पी रहा हू
मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह पी ले बेटा उम्म आह्ह
फिर मै तेज धक्के लगाने लगा मम्मी को और मम्मी भी जोश भी
मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह और तेज आह्ह आज बुझा दे इतने महिने की प्यास आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह आज सिर्फ हम दोनो की रात है आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह यश बेबी कम ओन चदो मुझे आज जन्नत चा अहसास दिला दो आह्ह ओह्हह मा
मै पहली बार मम्मी को इतनी खुलकर बात करते देख रहा था फिर मुझे समझ आया की संस्कारी औरत सिर्फ अपने पति के सामने पूरी खुली होती है
मै- ओह्हह मम्मी आप बहुत अलग
मम्मी - ओह्हह आह्ह बेटा उम्म आह्ह हाय दईया मा मर गई देख मै वही हूँ मगर अब तू मेरा पति भी है आह्ह और मै तैरे से सेक्स करते हुए पूरे संतुष्टी के लिए थोडी गंदी बाते कर सकती हू और तू भी मुझसे सेक्स करते आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह वक्त जैसे चाहे गंदी बाते कर सकता है और जैसे चाहे वैसे सेक्स कर आह्ह सकता है मगर कभी गाली मत देना आह्ह बरना पिटेगा आह्ह मुझसे
मै- मै आपसे कैसे गंदी बाते कर सकता हू ।

मम्मी- आह्ह बेटा उम्म आह्ह संभोग के वक्त हम पति पत्नी होते है तो कंट्रोल तेरे हाथ मे होता है और इससे तुझे भी सेक्स का असली आह्ह ओह्हह आराम से सुख मिलेगा उम्म आह्ह अब सब छोड़ और चोद मुझे अपनी बीबी को आह्ह मेरी चूत फाड डाल मेरे महाराज आप की महारानी आपके लिए हाजिर है ओह्हह मिटा दो अपनी महारानी की प्यास आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह कस के चोदो मुझे आह्ह हाय दईया मा मर गई आह्ह

मै मम्मी के मुंह से यह सब बाते सुनकर उत्तेजित तो हो रहा था मगर याद भी था की वो मेरी मम्मी है और मेरे संस्कार भी पर सोचा की मम्मी खुद चाहती है संपूर्ण आनंद जो खुलकर ही मिलेगा तो थोडी सीमित तौर पर उनसे बात करने लगा
मै- ओह्हह मम्मी आप बस आनंद लो मेरे लंड का आज आपको रात भर चोदूगा और आपको पूरा थका डालूगा आपके रसीले होठो को चूस के सारा लस पी लूगा अपनी महारानी का गुलाम हू मै ओह्हह मम्मी आपके हुश्न का दीवाना हू
मम्मी- ओह्हह आह्ह बेटा उम्म आह्ह तू भी आनंद ले हम पति पत्नी है उम्म आह्ह तू बस अपनी महारानी को आज रात पूरी संतुष्ट कर दे आह्ह बेटा उम्म आह्ह ओह्हह और तू कर भी रहा है आह्ह दईया ओह्हह तू भी आज इतनी जल्दी नही रूकने वाला आह्ह बेटा उम्म आह्ह मै दो बार झड गई हू और तू अभी तक नही दो घंटे हो चुके हैं ओह्हह श्रेय आह्ह

मै- ओह्हह मम्मी मै बस आ रहा हू कहा छोडू
मम्मी- मै आज चाहती हू की तू मेरे मुंह मे छोड़ मै भी देखू तेरे माल का स्वाद कैसा है ओह्हह अम्मा
फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और मम्मी के मुंह में पूरा माल
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और मम्मी ने पूरा माल पी लिया और मै निढाल होकर पलंग मै लेट गया और मम्मी भी मेरे बगल में लेट गई और हम एक दूसरे की बाहो मे आ गए

मै- मम्मी- बहुत टाइम बाद किया मगर बहुत अच्छा लगा
मम्मी- मुझे भी बहुत अच्छा लगा इतने महिने की प्यास बुझा दी और आज मजा भी बहुत आया
मै- मुझे भी मगर आपने मेरे स्पर्म को क्यू पी लिया गंदा नही लगा आपको
मम्मी- तेरा कुछ गंदा नही है वल्की स्वाद था जैसे तुझे मेरी हर चीज अच्छी लगती है
मै - आपने पहले भी यह पिया है
मम्मी- नही उनके साथ ये सब कभी नही किया वो कुछ फिल्मों मे देखा था
मै- आप फिल्म देखती हो मै तो समझा आप बहुत सीधी हो मगर आप तो पोर्न भी देखती हो
मम्मी- नही रे वो सुधा ने कहा था की तू नए जमाने काहै तो तुझे खुश करने के लिए कुछ नया षीख तो देख ली
मै- मम्मी आपको मेरे लिए कुछ भी अलग करने सीखने की जरूरत नही है आप जैसी हो वैसी ही मुझे पसंद हो एक संस्कारी परिवार और,रिति रिवाज को मानने वाली और मुझे खुश करना आपसे ज्यादा कौन जानता होगा ये सब तो जरूरत है मै तो आपको प्यार करता हू शरीर तो बाद मे है और मुझे तो आप अपने हाथ से बना खना अपने हाथ से खिला दो तो भी मे खुश हो जाऊगा
मम्मी- ओ मेरा बेटा मै नही जानती थी तू मुझे इतना प्यार करता है मगर पत्नी की तोर पर मेरा भी कुछ फर्ज और इच्छा है और मै वही हू जो पहले थी वैसे अब आगे क्या और करना है या सोये
मै- जैसा आप कहे वैसे अभी रात तो बाकी है और आप ऐसे मेरी बाहो मे भी हो अभी तो बस दो बजे है
मम्मी- हम्म मन तो मेरा भी है तो हो जाए
फिर हमने थोडी देर बाद फिर से चुदाई चालू कर दी और दमदार तरीके से इतने महिने की जो प्यास भी वो बुझाते रहे जब तक हम दोनों थक कर बिलकुल चूर नही हो गए और हमारा कार्यक्रम सुबह के सात बजे तक चला और फिर हम उसी हालत मे सो गए
 
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