Update 4
दादी- बहु अब तुम श्रेयांश की पत्नी हो तो उसका आशीर्वाद तो लेना ही जिंदगी भर
मम्मी सोच मे पड गई क्या करू अगर आशीर्वाद लेती हू तो पत्नी धर्म पालन होगा मगर दूसरा रिश्ते को नुकसान होगा और नही लेती तो पत्नी धर्म का पालन नही होगा
उतने मै मम्मी लेने हो वाली थी तभी मैने उन्हें रोक दिया
मै देखिए मैने पहले ही कहा था की हम दोनों रिश्ते का संतुलन बनाए रखेंगे और जो जरूरी नहीं है वो नही करेंगे और मुझे नही लगता की मम्मी को मेरा आशीर्वाद लेना चाहिए
फिर दादाजी ने भी कहा ठीक है
फिर पंडित जी ने कहा नया जोडा जाकर अपने माता-पिता का आशीर्वाद ले
फिर मै और मम्मी पहले पापा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया तो पापा ने सदा सुहागन रहोका आशीर्वाद दिया फिर मैने मम्मी का आशीर्वाद लिया तो मम्मी ने कहा खुश रहो
फिर हमने नाना नानी का आशीर्वाद लिया तो
नानी- सदा सुहागन रहो दूधों नहाओ पूरी फलो
फिर दादाजी दादी के आशीर्वाद लिया तो
दादाजी- इस वंश को नया वारिस दो
दादी- सदा सुहागन रहो
फिर बुआ और चाचा चाची का आशीर्वादलिया
फिर चाची बोली अंजलि बहु और श्रेयांश दिया का आशीर्वाद लो वो तुम्हारी बडी बहन है
फिर हमने दीदी का आशीर्वाद लिया
चाची - अपने भाई और,भाभी को आशीर्वाद तो दो
फिर दीदी क्या करती बोल दी खुश रहो
फिर सब रस्म खत्म हुई और सारे मेहमान आकर हमे मुबारकबाद देने लगे
प्रिंसिपल - मुबारक हो नए राजा साहब आप स्कूल की फिक्र मत कीजिए आप जबतक चाहे न आए मै सब संभाल लूँगा
फिर वो चले गए और सारेमेहमान भी चले गये
मै- मम्मी अब क्या होगा अब हम दोनों एक नए रिश्ते मे हे
मम्मी- हमे पहले वाले रिश्ते की तरह इसे भी पूरा समर्पण और सम्मान देना है
मै - अभी और कुछ भी क्या आज रस्म
मम्मी सोचने लगी क्या बताऊँ की सबसे महत्वपूर्ण रस्म तो बाकी जिससे यह शादी पूर्ण होगी और इस रिश्ते को सहमति मगर मुझे खुद समझ नही आ रहा की मै कैसे अपने बेटे के साथ सुहागरात
फिर उतने मे दादी आई और बोली अब तुम दोनों थक गए होगे चलो बहु तुम अपनी ममा के साथ अपने कमरे मे बैठो और श्रेय तुम पापा के साथ बैठो
मै - पापा आप ठीक तो हो तो न
पापा- धीरे से हम्म
मै - मै जानता हूँ आप बहुत दुखी हो और आप दिखा नही रहे आप मम्मी से बहुत प्यार करते हो
पापा - बेटा अब इसका कोई फायदा नहीं है अब वो तुम्हारी बीबी हो गई है और रिश्ते में अब वो मेरी बहु है अब तुम्हारी जिम्मेदारी है की तुम अंजलि को हमेशा खुश रखो और अपने पति होने का हर फर्ज पूरा करो
मै - पापा मै पूरी कोशिश करूँगा
वही दूसरी तरफ नानी मम्मी से बात कर रही थी
नानी- देख अंजू बेटी अब श्रेयांश तुम्हारा पति है और तुझे अपना पत्नी धर्म निभाना होगा वो अभी असमंजस में रहेगा और तो तुझे ही पहल करनी होगी
मम्मी- मा अपना हर फर्ज जानती हू पर है तो वो मेरा बेटा ही न उसके साथ कैसे मे वो सब करू
नानी- मै जानती हू पर अब वो तेरा पति भी है और बिना सुहागरात के शादी पूरी नही होती थोडी हिम्मत कर बेटी
मम्मी- मै कोशिश करूंगी मा
फिर मम्मी को मेरे कमरे में ले जाया गया पूरा कमरा बहुत अच्छे से सजा था
फिर मम्मी को पलंग पर बैठा दिया गया और चाची और मामी ने मम्मी को आल द बेस्ट कहा और नानी ने बोला बेटी बस अपना फर्ज याद रखना
फिर वो लोग चले गए
फिर मम्मी सोचने लगी की मै आज कैसे अपने ही बेटे के साथ